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अब तारीख पर तारीख नहीं, तहव्वुर राणा को जल्द मिलेगी सजा; नए कानून का होगा असर

Dainik Jagran - National - April 11, 2025 - 8:04pm

माला दीक्षित, नई दिल्ली। मुंबई हमले का मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर राणा अमेरिका से प्रत्यार्पित करके भारत लाया गया है। अब उस पर मुकदमा चलेगा और उसे सजा सुनाई जाएगी। लेकिन सवाल है कि इसमें कितना समय लगेगा। ऐसे में अगर पिछले साल लागू हुई भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में तय टाइम लाइन को देखा जाए तो पता चलता है कि तहव्वुर राणा के केस में तारीख पर तारीख का पेंच नहीं फंसेगा।

दरअसल, नए कानून में मुकदमों के त्वरित निपटारे को सुनिश्चित करने के लिए केस दर्ज होने से लेकर ट्रायल पूरा होने और फैसला सुनाने तक की टाइम लाइन तय है और राणा के ट्रायल पर इसका सकारात्मक असर होगा।

नए कानून का होगा असर

वैसे तो करीब पांच करोड़ मुकदमों के बोझ तले दबी न्यायपालिका को अक्सर देरी में न्याय के लिए निशाना बनाया जाता है। लेकिन इसी समस्या से निबटने के उपाय भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में किए गए हैं।

इसमें केस दर्ज करने से लेकर फैसला सुनाने और दया याचिका देने तक की टाइम लाइन तय करके यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है कि अधिकतम तीन साल में हर केस का ट्रायल पूरा होकर फैसला आ जाए।

NIA की 18 दिन की हिरासत में भेजा गया राणा

एनआईए ने मुंबई हमले के मामले में तहव्वुर राणा के खिलाफ 2009 में ही एफआईआर दर्ज कर ली थी, लेकिन उसे भारत अब लाया जा सका है और अब उसका मुकदमा शुरू होगा। कोर्ट ने एनआईए को पूछताछ के लिए राणा की 18 दिन की कस्टडी दी है। केस में इसी जगह से नए कानून का रोल शुरू होगा जो कहता है कि किसी भी मुकदमे की 60 और 90 दिन के भीतर जांच पूरी करके अदालत में आरोपपत्र दाखिल करना होगा।

सीमित समय में राणा के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करना होगा

अगर जांच 90 दिन से ज्यादा जारी रखनी पड़े तो अधिकतम 180 दिन तक का समय मिल सकता है, लेकिन इसके लिए कोर्ट से इजाजत लेनी होगी। ऐसे में इतना साफ है कि 180 की समय सीमा अंतिम समय सीमा है और इसी के भीतर राणा के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करना होगा। अदालत के लिए भी टाइम लाइन है जो कहती है कि अदालत 14 दिन में केस पर संज्ञान लेगी और ज्यादा से ज्यादा 120 दिनों में केस ट्रायल पर आ जाना चाहिए।

राणा के मामले में ट्रायल जल्दी पूरा होने की उम्मीद
  • दस्तावेजों की प्रक्रिया पूरी करने की भी 30 दिन की समय सीमा तय है। जाहिर सी बात है कि तहव्वुर राणा को इतनी मुश्किल से प्रत्यार्पित करके लाया गया है तो उसका ट्रायल जल्दी चलेगा हो सकता है कि रोजाना हो। अगर ऐसा होता है तो बहुत जल्दी ट्रायल पूरा होने की उम्मीद होगी। नए कानून में ट्रायल पूरा होने के बाद अदालत के फैसला देने की भी टाइम लाइन तय है जो कहती है कि अदालत को ट्रायल पूरा होने के बाद 30 दिन में फैसला देना होगा।
  • अगर 30 दिन में फैसला नहीं दिया जाता है तो कोर्ट लिखित में उसका कारण दर्ज करेगा और अवधि को 45 दिन तक बढ़ाया जा सकता है। यानी सीमा रेखा खिंची है कि अदालत फैसला सुनाने में 45 दिन से ज्यादा की देरी नहीं कर सकती। कई बार मुकदमे में निचली अदालत से ट्रायल पूरा होकर जल्दी फैसला आ जाता है, लेकिन मामला अपील में हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में लटका रहता है।
  • तहव्वुर राणा के मामले में उम्मीद है कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी रफ्तार से निपटारा करेंगे। ऐसा मुंबई हमलों के मुख्य दोषी अजमल कसाब के केस को देख कर लगता है जिसमें हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने अपील निबटाने में ज्यादा समय नहीं लिया था। कसाब का मामला देखा जाए तो गिरफ्तारी से लेकर उसे फांसी दिये जाने तक चार वर्ष का समय लगा था।
  • अब उम्मीद की जाती है कि नए कानून में प्रक्रिया और त्वरित हो जाने से राणा के मुकदमे में इतना वक्त भी नहीं लेगेगा। नये कानून में दया याचिका का भी समय तय है। सुप्रीम कोर्ट से अपील खारिज होने के 30 दिन के भीतर दया याचिका दाखिल करनी होगी। तो अगर इन सारी चीजों को देखा जाए और कानून में तय समय सीमा का पालन किया जाता है तो तहव्वुर राणा का मुकदमा जल्दी निपटेगा और उसमें तारीख पर तारीख नहीं पड़ेगी।

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कौशल विकास केंद्र का नाम हेडगेवार पर रखे जाने पर बवाल, युवा कांग्रेस ने किया प्रदर्शन; पुलिस ने जबरन हटाया

Dainik Jagran - National - April 11, 2025 - 7:52pm

पीटीआई, पलक्कड़। केरल के पलक्कड़ में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए एक कौशल विकास केंद्र के शिलान्यास समारोह में डीवाईएफआई और युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया। दिव्यांग केंद्र का नाम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक केशव राव बलिराम हेडगेवार के नाम पर रखे जाने के विरोध में प्रदर्शन किया गया।

माकपा की युवा शाखा डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) और युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने दो तरफ से कार्यक्रम को बाधित करने की कोशिश की, वहीं पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। यह कार्यक्रम भाजपा शासित पलक्कड़ नगरपालिका द्वारा आयोजित किया गया था।

नगर पालिका अध्यक्ष ने किया बचाव

नगर पालिका अध्यक्ष प्रमिला शशिधरन ने सवाल किया कि नाम में क्या रखा है? उन्होंने कहा कि परियोजना के पीछे की मंशा दिव्यांगों की मदद करना है। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के नाम पर स्टेडियम हैं।

हेडगेवार ने दिव्यांगों के लिए काम किया है तो केंद्र का नाम उनके नाम पर रखने में क्या गलत है? टीवी चैनलों पर दिखाए गए दृश्यों के अनुसार, डीवाईएफआई कार्यकर्ता मंच पर चढ़ गए, उन्होंने कार्यक्रम के बैनर को फाड़ दिया, नारे लगाए और माइक पोडियम को भी धक्का दे दिया।

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Delhi-NCR hit by intense thunderstorm

Business News - April 11, 2025 - 7:42pm
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Bihar News: छोटे शहरों में होटल खोलने पर ग्रांट देगी नीतीश सरकार, बिहार में पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

Dainik Jagran - April 11, 2025 - 7:38pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के छोटे शहरों में भी होटल खोलने के लिए अब राज्य सरकार अनुदान देगी। इसके लिए पर्यटन नीति 2023 में संशोधन किया गया है। पुरानी पर्यटन नीति में न्यूनतम दस करोड़ की लागत से चार सितारा (फोर स्टार) या उससे ऊपर की श्रेणी के होटल बनाने के लिए ही 25 प्रतिशत तक पूंजीगत अनुदान की व्यवस्था थी।

पर्यटन विभाग ने सुझावों के बाद संशोधित नीति में अब न्यूनतम पांच करोड़ की लागत से दो सितारा होटल बनाने पर भी पूंजीगत अनुदान की व्यवस्था की है। सूचना भवन के संवाद कक्ष में शुक्रवार को आयोजित प्रेस वार्ता में पर्यटन मंत्री राजू कुमार सिंह और पर्यटन सचिव लोकेश कुमार सिंह ने यह जानकारी दी।

सचिव ने बताया कि प्रमुख पर्यटन केंद्रों जैसे पटना, गया-बोधगया, राजगीर-नालंदा, मुजफ्फरपुर, भागलपुर को छोड़कर जिला मुख्यालयों में चार स्टार होटल की सीमा तथा निवेश की राशि को कम कर दिया गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग निवेश कर सकें। जिला मुख्यालयों में थ्री स्टार और 7.5 करोड़ रुपये के निवेश तो अनुमंडल में टू स्टार और पांच करोड़ की निवेश सीमा तय की गयी है।

इसके अलावा, स्वीकृत परियोजना लागत के 100 प्रतिशत की अधिकतम सीमा के अंतर्गत एसजीएसटी के 80 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति अब पांच की जगह सात वर्षों तक की जाएगी। इसके अलावा नई पर्यटन परियोजनाओं को पांच वर्षों की अवधि के लिए ईएसआई और ईपीएफ योजना में नियोक्ता अंशदान के लिए व्यय का 100% अथवा 3,000 रुपये प्रति कर्मी, जो भी कम हो, की प्रतिपूर्ति होगी।

यह प्रतिपूर्ति बिहार के निवासियों के संबंध में ही अनुमान्य होगा। वहीं दिव्यांगों को रोजगार प्रदान करने वाली पात्र पर्यटन परियोजनाओं को प्रति कर्मी 1,500 रुपये प्रति माह के पारिश्रमिक की प्रतिपूर्ति की जाएगी।

पटना में तीन नए पांच सितारा होटल के निविदा प्रकाशित:

मंत्री ने बताया कि राज्य में वर्ष 2024-25 में 1328.00 करोड़ रुपये की नई पर्यटन परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। पटना में होटल पाटलिपुत्र अशोक, बांकीपुर बस स्टैंड तथा सुल्तान पैलेस परिसर की भूमि पर बनने वाले तीन नए पांच सितारा होटलों के लिए निविदा प्रकाशित की जा चुकी है, इससे राज्य में लगभग 1000 करोड़ रुपये का निवेश आने की संभावना है। इसका निर्माण पीपीपी मोड पर होगा।

पर्यटकों की सुविधा के लिए सीतामढ़ी, रोहतास एवं बक्सर जिलों में बजट होटलों के निर्माण के लिए 84.27 करोड़ रुपये तो मुंगेर जिले के असरगंज में तीर्थयात्री शेड तथा कैफेटेरिया के निर्माण के लिए 14.88 करोड़ रुपये दिए गए हैं।

पुनौराधाम में होगा मां जानकाी जन्मभूमि मंदिर का निर्माण

मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार रामायण सर्किट, बौद्ध सर्किट, सूफी सर्किट, इको सर्किट में विकास के काफी कार्य कर रही है। राम मंदिर की तर्ज पर पुनौराधाम में मां जानकी जन्मभूमि मंदिर का निर्माण किया जाना है। इसके लिए 120 करोड़ रुपये की लागत से 50 एकड़ जमीन अधिगृहित करने का कार्य चल रहा है।

वाल्मिकी नगर में लवकुश आश्रम, बक्सर में रामरेखा घाट, अहिल्या स्थान और फुलहर स्थान में भी विकास योजनाओं को स्वीकृति दी गयी है। राजगीर के ब्रह्मकुंड का विकास भी सरकार कर रही है। प्रेस वार्ता में प्रबंध निदेशक नंदकिशोर, उप सचिव इंदु कुमारी एवं महाप्रबंधक चंदन चौहान सहित अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे।

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Rajgir Station: अब नए लुक में दिखेगा राजगीर स्टेशन, मिलेगी वर्ल्ड क्लास फैसिलिटी; 50 करोड़ होंगे खर्च

Dainik Jagran - April 11, 2025 - 7:26pm

जागरण संवाददाता, पटना। पूर्व मध्य रेल के 93 से अधिक स्टेशनों को अमृत भारत योजना से विश्व स्तरीय रूप दिया जाएगा। अकेले दानापुर मंडल के 25 से अधिक स्टेशनों को इस योजना के तहत विकसित किया जा रहा है। इसी क्रम में राजगीर स्टेशन को भी इस योजना के तहत विकसित किया जा रहा है। राजगीर स्टेशन को भी विकसित करने का कार्य तेजी से जारी है।

राजगीर स्टेशन (Rajgir Railway Station) को विकसित करने के लिए 40 से 50 करोड़ की राशि खर्च की जा रही है। सबकुछ ठीक रहा तो इस साल के दिसंबर माह तक इस स्टेशन के विकास का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। राजगीर स्टेशन के बाहरी व भीतरी दीवारों पर राजगीर व बौद्ध से जुड़े जरासंध समेत अन्य महापुरुषों की तस्वीरें उकेरी जाएंगी।

स्टेशन पर बनेंगे एक्स्ट्रा प्लेटफॉर्म और एस्केलेटर

इस स्टेशन पर अतिरिक्त प्लेटफॉर्म के साथ-साथ एस्केलेटर व लिफ्ट लगाए जाएंगे। पर्यटन दृष्टिकोण से महत्चपूर्ण इस स्टेशन पर विश्व स्तरीय स्टेशनों पर मिलने वाली तमाम यात्री सुविधाओं को मुहैया कराया जाएगा। यहां वीवीआईपी लाउंज के साथ-साथ खान-पान के उत्कृष्ट स्टाल व रेस्टोरेंट की व्यवस्था की जाएगी।

सांसद कौशलेंद्र कुमार की पहल से आगे बढ़ी बात

इस संबंध में दानापुर मंडल के अपर मंडल रेल प्रबंधक आधार राज ने बताया कि नालंदा के सांसद कौशलेंद्र कुमार की पहल पर रेल मंत्रालय की ओर से राजगीर व बिहार शरीफ स्टेशन को अमृत भारत योजना में शामिल किया गया। दोनों स्टेशनों को इस ससाल के अंत तक विकसित कर लिया जाएगा।

राजगीर में बनेगी एक और वॉशिंग पिट

राजगीर स्टेशन पर एक और वॉशिंग पिट बनाने की घोषणा की गई है। चार करोड़ की लागत से बनने वाली इस वॉशिंग पिट के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके बन जाने से दो-तीन नए ट्रेनों के परिचालन का रास्ता साफ हो जाएगा।

नई ट्रेनों सेवा

सांसद की पहल पर आज से राजगीर से ऋषिकेश (Rajgir Rishikesh Train) वाया पटना जंक्शन के लिए नई ट्रेन सेवा शुरू की गई है। सांसद कौशलेंद्र ने राजगीर स्टेशन पर इस ट्रेन को हरी झंडी दिखा रवाना किया। सोमवार से राजगीर से माता वैष्णोदेवी (Rajgir Katra Train) वाया पटना जंक्शन के लिए नई ट्रेन सेवा शुरू की जाएगी।

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US wholesale inflation falls in March

Business News - April 11, 2025 - 6:49pm
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Bihar Bhumi: भूमि सर्वे के बीच लैंड म्यूटेशन को लेकर आई नई जानकारी, मंत्री ने दिए ये निर्देश

Dainik Jagran - April 11, 2025 - 6:45pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री संजय सरावगी ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनता की सेवा ही पदाधिकारियों का मूल कर्तव्य है। वे शुक्रवार को भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय में जिलों के अपर समाहर्त्ताओं के दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के उद्धाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।

शिविर में विभाग के सचिव जय सिंह, विशेष सचिव अरुण सिंह एवं भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय के निदेशक कमलेश कुमार सिंह भी उपस्थित थे।

सरावगी ने सभी अपर समाहर्त्ताओं से कहा कि जनता की सुविधा के लिए ही विभाग की सभी सेवाओं को ऑनलाइन किया गया है, लेकिन अभी उन्हें इसका पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है।

दाखिल-खारिज को लेकर मंत्री सख्त

उन्होंने कहा कि आप से अपेक्षा है कि जिलों की कार्यप्रणाली में सुधार लाएं। अभी सर्वाधिक शिकायत दाखिल-खारिज एवं परिमार्जन प्लस के मामलों में है। अकारण दाखिल-खारिज (Bihar Land Mutation) के मामले लंबित रखे जा रहे हैं।

बिना उचित कारण के मामले रिजेक्ट किए जा रहे हैं। कई जिलों में पेंडिंग केस बहुत अधिक हैं। परिमार्जन प्लस के मामलों में 30 दिन तक कोई कार्रवाई नहीं होती और उसके पश्चात एकाएक रिजेक्ट कर दिया जाता है।

'फुलप्रूफ होनी चाहिए निगरानी की व्यवस्था'

मंत्री ने कहा कि भूमिहीनों को जमीन देने की योजना में भी तेजी लाने की जरूरत है। सभी गरीबों को उनका हक देना सरकार की पहली जिम्मेदारी है। यह विभाग आम जनता के सरोकार का सबसे बड़ा विभाग है। निरीक्षण की फुलप्रूफ व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि फील्ड के अधिकारियों में भय का माहौल बने और परेशान जनता की भीड़ में कमी आए।

सचिव जय सिंह ने कहा कि राजस्व कार्यों का पर्यवेक्षण और न्यायालय का काम आपकी महती जिम्मेवारी है। आपकी कार्यप्रणाली में गुणोत्तर सुधार के लिए इस दो दिवसीय प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। उन्होंने जिले में उनकी व्यस्तता की बात करते हुए राजस्व मामलों में अधिक समय देने का आग्रह किया।

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