Feed aggregator
Meet the 8-year-old girl who ran with books during demolition in UP, caught Supreme Court’s attention - The Indian Express
- Meet the 8-year-old girl who ran with books during demolition in UP, caught Supreme Court’s attention The Indian Express
- Right to shelter fundamental, pay 10L for each bulldozed home: SC Times of India
- Who is 8-year-old girl, who caught SC's attention for running with books during UP demolition drive? Firstpost
- 'Very disturbed': Viral picture of 8-year-old girl from Prayagraj demolition catches Supreme Court's... Moneycontrol
- 'Everyone Disturbed': Why Top Court Mentioned Video Of Girl Running With Books NDTV
Chaiti Chhath Puja 2025: नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ चैती छठ, आज खरना के दिन बन रहा अद्भुत संयोग
जागरण संवाददाता, पटना। मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरछाय। ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय..लोक आस्था का महापर्व चैती छठ (Chaiti Chhath 2025) मंगलवार को नहाय-खाय के साथ आरंभ हो गया। मंगलवार की सुबह शहर के प्रमुख गंगा घाटों पर व्रतियों ने आस्था की डुबकी लगाने के बाद सूर्य देव को जल से अर्घ्य देकर पवित्रता के साथ अरवा चावल, चना दाल, कद्दू की सब्जी प्रसाद के रूप में ग्रहण किया।
घाटों पर व्रतियों के साथ अन्य महिलाएं व युवाओं की भागीदारी रही। आज खरना (लोहंडा) की पूजा कर व्रती शाम में खीर, रोटी, मौसमी फल का प्रसाद ग्रहण करने के बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास का संकल्प लेंगे। सूर्य देव को आरोग्य देवता के रूप में पूजा की जाती है तथा समस्त जगत के जीवन शक्ति का प्रदाता सूर्य को माना गया है।
खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद छठ व्रती गुरुवार को अस्ताचलगामी को सूर्य को अर्घ्य देने के बाद शुक्रवार को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पारण कर चार दिवसीय अनुष्ठान का समापन करेंगे।
ज्योतिष आचार्य पंडित राकेश झा ने पंचांगों के हवाले से बताया कि चैत्र शुक्ल पंचमी बुधवार को कृतिका व रोहिणी नक्षत्र के युग्म संयोग, प्रीति योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन बना रहेगा। व्रती आज पूरे दिन निराहार रह कर संध्या में खरना का पूजा कर प्रसाद ग्रहण करेंगे। चैत्र शुक्ल षष्ठी गुरुवार को रोहिणी नक्षत्र व आयुष्मान योग के संयोग में डूबते सूर्य को अर्घ्य व चार अप्रैल शुक्रवार को उगते सूर्य को रवि योग में अनुष्ठान का समापन होगा।
महापर्व में बरसती है षष्ठी मैया की कृपा:छठ महापर्व शरीर, मन तथा आत्मा की शुद्धि का पर्व है। वैदिक मान्यताओं के अनुसार नहाय-खाय से छठ के पारण सप्तमी तिथि तक छठ व्रती पर षष्ठी माता की कृपा बरसती है। प्रत्यक्ष देवता सूर्य को पीतल या तांबे के पात्र से अर्घ्य देने से आरोग्यता का वरदान मिलता है।
सूर्य को आरोग्य को देवता माना गया है। सूर्य की किरणों में कई रोगों को नष्ट करने की क्षमता है। खरना के प्रसाद में ईख, गुड़ के सेवन से त्वचा रोग, आंख की पीड़ा से आराम मिलता है। प्रसाद से तेजस्विता, निरोगिता व बौद्धिक क्षमता में वृद्धि होती है। सूर्य षष्ठी का व्रत आरोग्यता, सौभाग्य व संतान के लिए किया जाता है।
छठ महापर्व के सामग्री का विशेष महत्व :- सूप, डाला: अर्घ्य में नए बांस से बनी सूप व डाला का इस्तेमाल किया जाता है। सूप से वंश वृद्धि तथा उनकी रक्षा होती है।
- ईख: ईख आरोग्यता का घोतक है।
- ठेकुआ: ठेकुआ समृद्धि का घोतक है।
- मौसमी फल: ऋतुफल के फल से विशिष्ट फल की प्राप्ति होती है।
- खरना पूजा: संध्या 06:10 बजे 07:15 बजे तक
- अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य : शाम 06:10 बजे तक
- प्रातः कालीन सूर्य को अर्घ्य: सुबह 05:49 बजे के बाद
ये भी पढ़ें- Mesh Sankranti 2025: इस दिन खत्म होगा खरमास, शादी-ब्याह समेत शुभ कामों का होगा फिर आगाज
ये भी पढ़ें- Budh Gochar 2025: 03 अप्रैल से इन राशियों के जीवन में होगा नया सवेरा, खुशियों से भर जाएगा जीवन
Waqf Bill: वक्फ बिल पर उद्धव ठाकरे की पार्टी का क्या है स्टैंड? विपक्षी नेताओं की संयुक्त बैठक में बना सीक्रेट प्लान
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विपक्षी आइएनडीआइए गठबंधन वक्फ संशोधन विधेयक पर लोकसभा में बुधवार को सियासी संग्राम के लिए तैयार है। वक्फ संशोधन बिल पेश करने की सरकार की घोषणा के बाद संसद में विपक्षी दलों के नेताओं की मंगलवार शाम हुई बैठक में तय हो गया कि संसदीय समिति में अपने खारिज हुए प्रस्तावों को विपक्ष सदन के पटल पर बिल में संशोधन के लिए देगा।
आइएनडीआइए गठबंधन वक्फ बिल का विरोध करेगाभाजपा-एनडीए सरकार सदन में विपक्षी सांसदों के संशोधनों को स्वीकार नहीं करेगी तो स्वाभाविक रूप से आइएनडीआइए गठबंधन वक्फ बिल का विरोध करेगा। कांग्रेस समेत विपक्ष के कई दलों ने अपने सांसदों को अगले तीन दिनों तक सदन में उपस्थित रहने का व्हिप जारी कर साफ संकेत दे दिया है कि इस मसले पर आइएनडीआइए गठबंधन सरकार को आसान राह नहीं देगा।
आइएनडीआइए के दलों ने संयुक्त बैठक के बाद ताल ठोकते हुए कहा है कि वक्फ बिल पर मोदी सरकार के विभाजनकारी एजेंड़े को परास्त करने के लिए पूरा विपक्ष एकजुट है।
सरकार द्वारा ला जा रहे वक्फ बिल पर अपने विपक्षी दलों ने अपना एतराज जाहिर करते हुए साफ कहा है कि अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के धार्मिक मामलों में सरकारी हस्तक्षेप बढ़ाते हुए वक्फ पर नियंत्रण के मकसद से सरकार संशोधन बिल को पारित करना चाहती है।
विपक्षी नेताओं ने बैठक में बनाई रणनीतिसंसदीय कार्यमंत्री की ओर से वक्फ बिल लोकसभा में पेश करने की आधिकारिक घोषणा के बाद कांग्रेस अध्यक्ष तथा राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में संसद परिसर में विपक्षी नेताओं की शाम को संयुक्त रणनीति बनाने के लिए बैठक हुई।
बजट सत्र के दूसरे चरण में विपक्षी दलों की संसद में संयुक्त रणनीति के लिए यह पहली बैठक थी जिसमें वक्फ बिल पर आइएनडीआइए के दलों ने दोनों सदनों में पूरे समन्वय के साथ एकजुट होकर बिल के मौजूदा पारूप का विरोध करने का फैसला किया।
मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पर पोस्ट कर साधा निशानाविपक्षी नेताओं की बैठक के बाद मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पोस्ट में इसका एलान करते हुए कहा 'सभी विपक्षी दल एकजुट हैं और वक्फ संशोधन विधेयक पर मोदी सरकार के असंवैधानिक और विभाजनकारी एजेंडे को हराने के लिए संसद में मिलकर काम करेंगे।'
विपक्षी नेताओं के संग वक्फ बिल पर विस्तृत चर्चा हुईराहुल गांधी ने बैठक के बाद एक पोस्ट में केवल इतना कहा कि विपक्षी नेताओं के संग वक्फ बिल पर विस्तृत चर्चा हुई। विपक्षी पार्टियों की इस बैठक में लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, तृणमूल कांग्रेस के नदीम उल हक, द्रमुक के टीआर बालू, राजद के मनोज झा, शिवसेना यूबीटी की प्रियंका चुतर्वेदी समेत आइएनडीआइए के लगभग सभी घटक दलों के नेता शामिल हुए।
यह भी पढ़ें- लोकसभा में आज पेश होगा वक्फ बिल, क्या है संसद का नंबर गेम?
Over 200 passengers, crew fall sick after Norovirus outbreak on luxury cruise - Hindustan Times
- Over 200 passengers, crew fall sick after Norovirus outbreak on luxury cruise Hindustan Times
- Luxury cruise Norovirus outbreak: Over 230 passengers, crew fall sick Business Standard
- Norovirus outbreak in US affects over 200 on cruise ship GujaratSamachar English
- Norovirus outbreak: Over 200 passengers, crew infected aboard Cunard Line ship India Today
- Norovirus outbreak on luxury cruise: All about its symptoms, cure, treatment and prevention CNBC TV18
अदालतों के पास ब्याज दर तय करने का अधिकार, सुप्रीम कोर्ट ने कराया 52 साल लंबी कानूनी लड़ाई का खात्मा
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि अदालतों को ब्याज दर तय करने और यह कब से देय होगा तय करने का अधिकार है। यह अधिकार हर मामले के तथ्यों पर निर्भर करता है कि ब्याज मुकदमा दायर करने की तारीख, या इससे पहले या डिक्री की तिथि से देय होगा।
52 साल लंबी कानूनी लड़ाई का हुआ खात्माजस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने यह टिप्पणी 52 साल लंबी कानूनी लड़ाई का खात्मा करने के दौरान आदेश में की, जिसमें राजस्थान सरकार बनाम आइके मर्चेंट्स प्राइवेट लिमिटेड समेत निजी पक्षों के बीच राज्य सरकार को दिए गए शेयर के मूल्यांकन पर विवाद था।
लागू ब्याज दरों को भी संशोधित कियापीठ ने शेयरों के मूल्य को लेकर भुगतान में की गई देरी पर लागू ब्याज दरों को भी संशोधित किया। 32 पन्नों के फैसले में जस्टिस महादेवन ने कहा कि यह पूरी तरह साफ है कि अदालतों के पास कानून के अनुसार सभी तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करते हुए उचित ब्याज दर निर्धारित करने का अधिकार है।
निजी फर्म ने कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी, जिसमें मेसर्स रे एंड रे द्वारा शेयरों के 640 रुपये प्रति शेयर की कीमत को बरकरार रखते हुए पांच प्रतिशत प्रति वर्ष का साधारण ब्याज दर प्रदान किया था। निजी फर्म ने ब्याज में बढ़ोतरी की मांग की, तो राज्य सरकार ने कीमत को चुनौती दी।
1973 में दायर किया गया था मुकदमा1973 के इस विवाद में राजस्थान राज्य खान और खनिज लिमिटेड के शेयर अपीलकर्ताओं द्वारा राज्य को हस्तांतरित किए गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने भुगतान में देरी पर विचार किया और आदेश दिया कि अपीलकर्ता ब्याज के रूप में उचित मुआवजे के हकदार हैं।
छह प्रतिशत साधारण ब्याज देने का आदेश दिया थाकोर्ट ने 8 जुलाई 1975 से डिक्री की तारीख तक छह प्रतिशत साधारण ब्याज देने का आदेश दिया। इसने आगे कहा कि भुगतान प्राप्ति तक डिक्री तिथि से नौ प्रतिशत प्रतिवर्ष साधारण ब्याज का भुगतान किया जाएगा। राजस्थान सरकार दो महीने के भीतर बढ़ी हुई मूल्यांकन राशि का भुगतान करे।
घरों को मनमाने ढंग से गिराना अमानवीय और गैरकानूनी : सुप्रीम कोर्टसुप्रीम कोर्ट ने प्रयागराज में बिना उचित प्रक्रिया का पालन किए घरों को गिराने की कार्रवाई पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए इसे अमानवीय और गैरकानूनी करार दिया है।
शीर्ष कोर्ट ने कहा कि इस प्रकार की बुलडोजर कार्रवाई ने हमारे आत्मा को झकझोर दिया है। विकास प्राधिकरणों को याद रखना चाहिए कि आश्रय का अधिकार और कानून की उचित प्रक्रिया भी कोई चीज होती है।
पीड़ितों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेशकोर्ट ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण को निर्देश दिया है कि वह छह सप्ताह के भीतर उन छह पीड़ितों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा प्रदान करे, जिनके घर मार्च 2021 में अवैध निर्माण के नाम पर ढहा दिए गए थे।
यह भी पढ़ें- भ्रष्टाचार के अड्डे बने हरियाणा की बार काउंसिलों के वकीलों के चैंबर्स, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार
Adani stocks are down up to 50% in FY25. Buy the dip or stay away? - financialexpress.com
- Adani stocks are down up to 50% in FY25. Buy the dip or stay away? financialexpress.com
- Adani’s Controversial Footprint in India’s Neighborhood (and Elsewhere) The Diplomat – Asia-Pacific Current Affairs Magazine
- BIG setback for Gautam Adani as India's second richest man loses Rs 340000 crore in just..., due to... India.Com
- 3.4 lakh crores wiped out in one year, this company sank most! indiaherald.com
- Bribery, solar and the Adani dilemma The Star
Waqf Bill: लोकसभा में आज पेश होगा वक्फ बिल, क्या है संसद का नंबर गेम?
जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली: वक्फ संशोधन विधेयक प्रत्यक्ष तौर पर वक्फ संपत्ति से जुड़ा मुद्दा है, लेकिन राजनीतिक दल बारीकी से इस पर भी नजर जमाए हैं कि वोटों के गुणा-भाग पर यह कितना असर डाल सकता है। पाला खींचकर निस्संकोच खड़ी भाजपा का तार्किक पक्ष है कि वह वक्फ कानून की विसंगतियों को दूर कर गरीब और पिछड़े मुस्लिमों का भला चाहती है।
इस तर्क से सहमति जताते हुए राजग सरकार के प्रमुख सहयोगी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) सरकार का समर्थन तो कर रहे हैं, लेकिन सधे शब्दों में दलों की पुरानी ''सेक्युलर छवि'' को बचाए-बनाए रखने की चिंता झलकती है।
मुस्लिम वर्ग को विपक्ष क्या देना चाहता संदेश?वहीं, विपक्षी खेमे से विधेयक के विरोध का सुर साझा है। निस्संदेह उनका दमखम विधेयक के बहुमत से पारित की राह में कोई रोड़ा नहीं बन सकता, लेकिन मुस्लिम वर्ग को यह संदेश देने का प्रयास संभावित है कि कौन कितना लड़ा, क्योंकि वोटों की तराजू में तेवरों की तौल से ही आस है।
मुस्लिम वोट बैंक पर हर पार्टी की निगाहलोकसभा और राज्यसभा का अंक गणित स्पष्ट है कि वक्फ संशोधन विधेयक की राह दोनों सदनों में निर्बाध है। अब सभी की नजरें राजनीतिक दलों के रुख पर है, क्योंकि देश के अधिकतर दलों के लिए मुस्लिम वोट बैंक एक बड़ा सहारा है। केंद्र सरकार या कहें कि भाजपा चाहती है कि इस विधेयक पर अधिक से अधिक चर्चा हो। अल्पसंख्यक व संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजीजू ने स्पष्ट कहा है कि देश जानना चाहता है कि वक्फ संशोधन विधेयक पर किस दल का क्या स्टैंड है। हजारों वर्षों तक यह रिकार्ड में भी रहेगा।
नीतीश-नायडू पर दबाव बनाना चाहते थे विपक्षइसके पीछे भाजपा की मंशा विपक्षी दलों को मुस्लिम तुष्टिकरण के कठघरे में खड़ा करने की दिखती है। मगर, विधेयक तो राजग सरकार ला रही है, जिसके प्रमुख घटक दल जदयू और तेदेपा भी हैं। इनमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हों या आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडु, दोनों की छवि सेक्युलर नेताओं की रही है। विपक्षी इन्हीं दोनों पर दबाव बनाना चाह रहा था।
चूंकि, गठबंधन धर्म भी निभाना है, इसलिए दोनों दलों ने यह रुख तो स्पष्ट कर दिया कि वह पूरी तरह सरकार के साथ हैं और बिल का समर्थन करेंगे, लेकिन अपने शब्दों से मुस्लिम वर्ग को संदेश भी देने का प्रयास किया। जैसे कि लोकसभा में जदयू संसदीय दल के नेता ललन ¨सह ने कहा कि जदयू या नीतीश को कांग्रेस के प्रमाण-पत्र की आवश्यकता नहीं है। मुस्लिमों के लिए जितना काम नीतीश सरकार ने किया है, उतना किसी ने नहीं किया, जबकि विपक्ष के लिए सेक्युलर सिर्फ नारा है।
इसी तरह तेदेपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम कुमार जैन ने बयान जारी किया कि तेदेपा विधेयक का समर्थन करेगी। साथ ही जोड़ दिया कि सीएम नायडु हमेशा कहते हैं कि मुस्लिमों के हितों की रक्षा करेंगे। हिंदू और मुस्लिम उनकी दो आंखें हैं। आशा है कि सरकार ने बिल में उनकी पार्टी के सुझावों को शामिल किया होगा। अब बचा विपक्षी खेमा तो इसमें होड़ दिख रही है कि कौन मुस्लिमों के पक्ष में कितनी मजबूती से खड़ा दिख सकता है।
गौरव गोगोई ने बिजनेस एडवाइजरी कमेटी का किया बहिष्कारकांग्रेस खुले विरोध का ऐलान कर चुकी। सांसद गौरव गोगोई ने बिजनेस एडवाइजरी कमेटी का बहिष्कार कर इसका संकेत दे दिया है। सपा मुखिया अखिलेश यादव हों या प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव, वह कह चुके कि विधेयक का विरोध करेंगे, क्योंकि भाजपा सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ना चाहती है।
मुस्लिम राजनीति के प्रमुख चेहरे एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि नीतीश हों, नायडु हों, चिराग पासवान या जयंत चौधरी, जो भी बिल का समर्थन करेगा, उसे खामियाजा भुगतना पड़ेगा। डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा है कि संसद में बिल का पुरजोर विरोध करेंगे।
वहीं, उत्तर प्रदेश में दलित-मुस्लिम गठजोड़ को अपनी राजनीति का आधार बनाना चाह रहे भीम आर्मी प्रमुख के सांसद चंद्रशेखर ने संसद से सड़क तक संघर्ष का ऐलान किया है। ऐसे में तय है कि लोकसभा में यह मौका हंगामेदार होगा, लेकिन किसके तेवर कितने तीखे होंगे, यह देखने वाला होगा।
यह भी पढ़ें: लोकसभा में कल पेश होगा वक्फ संशोधन बिल, सरकार के सामने विपक्षी दलों ने रख दी ये मांग
Real Madrid reach Copa del Rey final after ET thriller against Sociedad - Al Jazeera
- Real Madrid reach Copa del Rey final after ET thriller against Sociedad Al Jazeera
- Carlo: Madrid made final despite 'a lot of mistakes' ESPN India
- Copa del Rey: Real Madrid edge Real Sociedad in extra time, progress to final Times of India
- Real Madrid vs Real Sociedad Highlights, Copa del Rey semifinal second-leg: RMA 4-4 RSO (5-4); Rudiger scores winner Sportstar
- Real Madrid player ratings vs Real Sociedad: Antonio Rudiger the hero again! Blancos into Copa del Rey final after Bernabeu epic as treble hopes stay alive Goal.com
भ्रष्टाचार के अड्डे बने हरियाणा की बार काउंसिलों के वकीलों के चैंबर्स, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पंजाब और हरियाणा की बार काउंसिलों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ये शर्मनाक कृत्यों और दुराचारों में लिप्त हैं। साथ ही भ्रष्टाचार के मामलों में भी शामिल हैं।
जांच के लिए किया जा सकता है एसआइटी का गठनजस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिस्वर सिंह की पीठ ने संकेत दिया कि यदि आवश्यक हुआ तो एक विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन किया जाएगा जो इन काउंसिलों के मामलों की जांच करेगा, विशेषकर हरियाणा में बार काउंसिलों के बैंक खातों की।
पीठ ने कहा- ''इन राज्य बार काउंसिल के वकीलों के कार्यालय और चैंबर प्रॉपर्टी डीलरों और भ्रष्टाचार का केंद्र बन गए हैं। यह हमारे संज्ञान में आया है और हम इसे हल्के में नहीं लेंगे।'' यह सुनवाई एक वकील की याचिका पर हो रही थी, जिसने करनाल बार एसोसिएशन के चुनावों में अपनी अयोग्यता को चुनौती दी थी।
पीठ ने बार संघों को नोटिस जारी कियापीठ ने बार संघों को नोटिस जारी किया और करनाल बार एसोसिएशन के वरिष्ठ वकील आरएस चीमा से कुछ अन्य प्रतिष्ठित वकीलों के नाम सुझाने को कहा, जो अस्थायी रूप से पद संभाल सकें। वरिष्ठ वकील नरेंद्र हुड्डा ने कहा कि चुनाव अधिकारी ने बिना वोटिंग के उम्मीदवारों को निर्विरोध चुना हुआ घोषित कर दिया।
मामले की अगली सुनवाई 15 अप्रैल को होगीअधिवक्ता संदीप चौधरी ने कहा कि यह उनके अधिकारों का उल्लंघन है। हुड्डा ने कहा कि उनके मुवक्किल को चुनाव में भाग लेने से रोका गया है। चौधरी ने बार काउंसिल आफ इंडिया में अपील की, जिसने उनकी अयोग्यता के आदेश को स्थगित कर दिया। पीठ ने कहा कि हरियाणा राज्य बार काउंसिल ''शर्मनाक संघ'' बन गई है। मामले की अगली सुनवाई 15 अप्रैल को होगी।
देश के पहले सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए विधेयक को संसद की मंजूरी, अमित शाह ने जताई खुशी
पीटीआई, नई दिल्ली। संसद ने देश के पहले सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए विधेयक को मंजूरी दे दी है। गुजरात के आणंद में त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय स्थापित करने संबंधी विधेयक को राज्यसभा ने मंगलवार को ध्वनिमत से पारित किया। यह विधेयक लोकसभा से 26 मार्च को पारित हो चुका है।
विश्वविद्यालय का इनके नाम पर रखाविश्वविद्यालय का नाम त्रिभुवनदास किशिभाई पटेल के नाम पर रखा गया है, जो भारत में सहकारी आंदोलन के अग्रदूतों में से एक थे और अमूल की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने कहा कि यह सहकारी क्षेत्र के लिए पहला विश्वविद्यालय होगा और इस क्षेत्र में कार्यरत श्रमबल के क्षमता निर्माण तथा कुशल पेशेवरों की आवश्यकता को पूरा करेगा।
प्रतिवर्ष लगभग आठ लाख प्रशिक्षित प्रोफेशनल तैयार होंगे'त्रिभुवन' सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक का उद्देश्य सहकारी क्षेत्र में शिक्षा और प्रशिक्षण देना, क्षमता निर्माण करना, डिग्री कार्यक्रम, दूरस्थ शिक्षा और ई-लर्निंग पाठ्यक्रम वाले उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करना और प्रतिवर्ष लगभग आठ लाख प्रशिक्षित प्रोफेशनल तैयार करना है।
अमित शाह ने जताई खुशीअमित शाह ने एक्स पर पोस्ट किया कि आज का दिन देश के सहकारी क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक है। मोदी जी के विजनरी नेतृत्व में ‘त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक, 2025’ लोकसभा के बाद आज राज्यसभा में भी पारित हो गया। सहकार, नवाचार और रोजगार की त्रिवेणी लाने वाले इस महत्त्वपूर्ण कार्य के लिए मैं सभी सांसदों को बधाई देता हूँ।
देशभर के युवाओं को प्रशिक्षित करेंगेआगे कहा कि अब सहकारी शिक्षा भारतीय शिक्षा व पाठ्यक्रम का अभिन्न अंग बनेगी और इस विश्वविद्यालय के माध्यम से देशभर के प्रशिक्षित युवा सहकारी क्षेत्र को अधिक व्यापक, सुव्यवस्थित और आधुनिक युग के अनुकूल बनाएँगे। सहकारी क्षेत्र से जुड़े सभी बहनों-भाइयों की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बहुत-बहुत आभार।
आज का दिन देश के सहकारी क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक है।
मोदी जी के विजनरी नेतृत्व में ‘त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक, 2025’ लोकसभा के बाद आज राज्यसभा में भी पारित हो गया। सहकार, नवाचार और रोजगार की त्रिवेणी लाने वाले इस महत्त्वपूर्ण कार्य के लिए मैं सभी सांसदों को बधाई देता…
मणिपुर में पीएम-किसान योजना में अनियमितताएं सामने आईं, केंद्र सरकार ने संसद में दी जानकारी
पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने मंगलवार को लोकसभा में अपने लिखित उत्तर में कहा कि एक ऑडिट रिपोर्ट में मणिपुर में पीएम-किसान योजना के कार्यान्वयन में कुछ ''अनियमितताएं'' सामने आई हैं और राज्य सरकार ने इस मामले में एफआइआर दर्ज कराई है।
उन्होंने यह भी कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अयोग्य किसानों को हस्तांतरित की गई किसी भी राशि की वसूली करने का आदेश दिया गया है।
उन्होंने कहा, ''मणिपुर सरकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार, महालेखाकार (एजी) ऑडिट रिपोर्ट में कुछ अनियमितताओं की सूचना दी गई थी। तदनुसार, राज्य ने मामले में एफआइआर दर्ज कराई है।'' फरवरी, 2019 में शुरू की गई पीएम-किसान योजना एक केंद्रीय योजना है जिसका उद्देश्य खेती योग्य भूमि वाले किसानों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करना है।
इस योजना के तहत किसानों को प्रत्यक्ष लाभअंतरण (डीबीटी) मोड के माध्यम से आधार से जुड़े बैंक खातों में तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये का वित्तीय लाभ हस्तांतरित किया जाता है। मंत्री ने कहा कि केंद्र ने शुरुआत से अब तक 19 किस्तों के माध्यम से 3.68 लाख करोड़ रुपये से अधिक का वितरण किया है।
प्रतिबंधित चीनी लहसुन की बिक्री पर जांच के निर्देशरामनाथ ठाकुर ने यह भी कहा कि खाद्य सुरक्षा नियामक (एफएसएसएआइ) को चेन्नई के बाजारों में प्रतिबंधित चीनी लहसुन की बिक्री के बारे में शिकायतें मिली हैं और उसने तमिलनाडु सरकार को इस मामले की जांच करने का निर्देश दिया है।
चीनी लहसुन के आयात पर सितंबर, 2005 से प्रतिबंध लगा हुआ है, जब इस उत्पाद में फंगस एम्बेलिसिया एली और यूरोसाइटिस सेपुले पाया गया था। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) और राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ) ने 2023-24 के दौरान 546 टन और 2024-25 के दौरान 507 टन चीनी लहसुन जब्त किया है।
संसद को बताया, वायनाड भूस्खलन में 298 की मौतगृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद को बताया कि पिछले साल केरल के वायनाड जिले में हुए भूस्खलन में कुल 298 लोगों की मौत हुई थी। हालांकि केंद्र सरकार भूस्खलन सहित अन्य आपदाओं के कारण होने वाली मौतों/लापता व्यक्तियों का डाटा नहीं रखती है, लेकिन केरल सरकार ने उन्हें बताया कि वायनाड में भूस्खलन के कारण कुल 298 लोगों की मौत हुई है। इनमें से 32 लापता व्यक्तियों को मृत घोषित कर दिया गया है।
सेप्टिक टैंक की सफाई के कारण दिव्यांगता की कोई घटना नहीं
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि 2014 से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में असुरक्षित सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के कारण दिव्यांगता की कोई घटना सामने नहीं आई है। लोकसभा में एक सवाल के जवाब में उन्होंने डाटा प्रस्तुत किया जिसमें बताया गया कि 2019 से सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के कारण 430 लोगों की मौत हुई है।
Kunal Kamra: कुणाल कामरा को राहत, तमिलनाडु की अदालत से मिली ट्रांजिट अग्रिम जमानत
आईएएनएस, चेन्नई। कॉमेडियन कुणाल कामरा को तमिलनाडु की एक कोर्ट से राहत मिल गई है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर किए गए एक मजाक के कारण कानूनी मामले झेल रहे कामरा को तमिलनाडु के वनूर में जिला मुंसिफ-सह-न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत ने ट्रांजिट अग्रिम जमानत दे दी है।
गिरफ्तारी से अस्थायी सुरक्षा प्रदान करती है ट्रांजिट अग्रिम जमानतकुणाल कामरा ने मंगलवार को मद्रास उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें ट्रांजिट अग्रिम जमानत मांगी गई थी, जो उस क्षेत्राधिकार से अलग क्षेत्राधिकार में गिरफ्तारी से अस्थायी सुरक्षा प्रदान करती है, जहां प्राथमिकी दर्ज की गई है।
उनके मामले में, प्राथमिकी महाराष्ट्र के मुंबई में खार पुलिस द्वारा दर्ज की गई थी। मद्रास उच्च न्यायालय ने पिछली सुनवाई में कुणाल कामरा को 7 अप्रैल तक गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की थी।
वनूर अदालत ने अनुरोधित राहत प्रदान कीन्यायमूर्ति सुंदर मोहन ने कामरा को औपचारिक रूप से अपनी जमानत सुरक्षित करने के लिए वनूर अदालत में पेश होने का निर्देश दिया। इस निर्देश के बाद, वनूर अदालत ने अनुरोधित राहत प्रदान की।
मुंबई पुलिस ने कामेडियन कामरा को जारी किया तीसरा समनमहाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में मुंबई पुलिस ने मंगलवार को स्टैंड-अप कामेडियन कुणाल कामरा को तीसरा समन जारी किया। इस मामले में खार पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है।
पुलिस ने उन्हें समन जारी कर पांच अप्रैल तक अपने समक्ष पेश होने को कहा है। इससे पहले पुलिस उन्हें दो बार समन जारी कर चुकी है। लेकिन, वह एक बार भी हाजिर नहीं हुए।
यह मामला कामरा द्वारा महानगर के एक स्टूडियो में आयोजित एक शो में शिवसेना प्रमुख शिंदे के खिलाफ की गई तीखी टिप्पणियों से उपजा है। इसके विरोध में शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने स्टूडियो में तोड़फोड़ भी की थी।
कुणाल कामरा ने अपनी नई पोस्ट में बोला सरकार पर हमलास्टैंडअप कामेडियन कुणाल कामरा ने एक नई पोस्ट में सरकार पर अपने विरोध में उठी आवाज को दबाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि सरकार अपने विरोध में उठी आवाज को दबाने के लिए ये तरीके अपनाती है।
पहला, इतना ज्यादा आक्रोश फैलाओ कि कोई ब्रांड उसके साथ काम करना ही बंद कर दे।
दूसरा, इतना ज्यादा विवाद पैदा कर दो कि निजी एवं कार्पोरेट शो भी रद कर दिए जाएं।
तीसरा, इतनी हिंसा फैला दो कि बड़े मंच भी उनको मौका देने से डरें।
चौथा, ये आक्रोश इतना फैलाओ की छोटे लोग भी उसके साथ काम करने से डरें।
पांचवां, कला को अपराध बना दो और उसके दर्शकों को भी पूछताछ के लिए बुलाओ। फिर तो दो ही विकल्प बचते हैं कि अपनी आत्मा बेचकर कठपुतली बन जाओ, या शांत बैठ जाओ।
यह भी पढ़ें- 'फिर दो ही विकल्प बचते हैं...', कुणाल कामरा ने शेयर किया नया पोस्ट; सरकार पर साधा निशाना
Debris at site, grief outside post-mortem room: The aftermath of Banaskantha blast - The Indian Express
- Debris at site, grief outside post-mortem room: The aftermath of Banaskantha blast The Indian Express
- Gujarat firecracker factory blast: Police arrest owner of firecracker godown where blast killed 21 persons in Banaskantha district The Hindu
- Gujarat godown tragedy: 18 of 21 victims were labourers from Madhya Pradesh Times of India
- At least 20 feared dead after massive blast at firework factory in Gujarat Deccan Herald
- Gujarat: Seven Children Among 21 Workers Killed in Firecracker Godown Blast; Six Others Injured thewire.in
ISRO ने हासिल की एक और उपलब्धि, बिजली गिरने के बारे में पहले ही मिल सकेगा अलर्ट
पीटीआई, बेंगलुरु। आपके शहर या गांव में बिजली गिरने वाली है इसका पता आपको पहले ही चल जाएगा। इसरो ने बिजली गिरने की घटनाओं की भविष्यवाणी करने की क्षमता हासिल कर ली है।
इसरो ने मंगलवार को कहा कि भारतीय भूस्थिर उपग्रहों के डाटा का उपयोग करके भारत में बिजली गिरने की घटनाओं की तुरंत जानकारी देने (मौसम पूर्वानुमान) में सफलता मिली है। यह उपलब्धि इसरो के राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (एनआरएससी) ने हासिल की है। उपग्रहों के डाटा की मदद से बिजली गिरने के लगभग ढाई घंटे पहले ही इस बारे में पता चल जाएगा।
क्यों होती है बिजली गिरने की घटना?इसरो के अनुसार वायुमंडलीय बिजली गिरने की घटना क्षोभमंडल में मौसम संबंधी मापदंडों की जटिल अंत:क्रियाओं के कारण होती है। एनआरएससी/इसरो के शोधकर्ताओं ने इनसेट-3डी उपग्रह से प्राप्त आउटगोइंग लांगवेव रेडिएशन (ओएलआर) डाटा में बिजली गिरने के संकेत देखे।
पूर्वानुमान कैसे लगाया जाएगा?ओएलआर में कमी बिजली गिरने की संभावित घटनाओं का संकेत है। इनसेट श्रृंखला के उपग्रहों से प्राप्त डाटा का उपयोग बिजली गिरने की घटनाओं के संकेतों का पता लगाने के लिए किया गया। बिजली गिरने की गतिविधि का पता लगाने में और पूर्वानुमान की सटीकता में सुधार करने के लिए भूमि सतह तापमान (एलएसटी) और हवा जैसे अतिरिक्त मापदंडों को भी शामिल किया गया।
इन मापदंडों से इस बात का विश्वसनीय संकेत मिलता है कि बिजली की गतिविधि कब चरम पर होगी या कब कम होगी, जिससे बिजली की घटना और तीव्रता का बेहतर पूर्वानुमान लगाया जा सकता है।
यह भी पढ़ें: महाकुंभ में चाय की दुकान वाले हुए मालामाल, कमाई जानकर रह जाएंगे हैरान
यह भी पढ़ें: युवाओं को कुशल बनाने में ठंडा रुख, 28 राज्यों ने नहीं बनाई अप्रेंटिसशिप काउंसिल
Pages
