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अदालतों के पास ब्याज दर तय करने का अधिकार, सुप्रीम कोर्ट ने कराया 52 साल लंबी कानूनी लड़ाई का खात्मा

Dainik Jagran - National - April 2, 2025 - 5:58am

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि अदालतों को ब्याज दर तय करने और यह कब से देय होगा तय करने का अधिकार है। यह अधिकार हर मामले के तथ्यों पर निर्भर करता है कि ब्याज मुकदमा दायर करने की तारीख, या इससे पहले या डिक्री की तिथि से देय होगा।

52 साल लंबी कानूनी लड़ाई का हुआ खात्मा

जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने यह टिप्पणी 52 साल लंबी कानूनी लड़ाई का खात्मा करने के दौरान आदेश में की, जिसमें राजस्थान सरकार बनाम आइके मर्चेंट्स प्राइवेट लिमिटेड समेत निजी पक्षों के बीच राज्य सरकार को दिए गए शेयर के मूल्यांकन पर विवाद था।

लागू ब्याज दरों को भी संशोधित किया

पीठ ने शेयरों के मूल्य को लेकर भुगतान में की गई देरी पर लागू ब्याज दरों को भी संशोधित किया। 32 पन्नों के फैसले में जस्टिस महादेवन ने कहा कि यह पूरी तरह साफ है कि अदालतों के पास कानून के अनुसार सभी तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करते हुए उचित ब्याज दर निर्धारित करने का अधिकार है।

निजी फर्म ने कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी, जिसमें मेसर्स रे एंड रे द्वारा शेयरों के 640 रुपये प्रति शेयर की कीमत को बरकरार रखते हुए पांच प्रतिशत प्रति वर्ष का साधारण ब्याज दर प्रदान किया था। निजी फर्म ने ब्याज में बढ़ोतरी की मांग की, तो राज्य सरकार ने कीमत को चुनौती दी।

1973 में दायर किया गया था मुकदमा

1973 के इस विवाद में राजस्थान राज्य खान और खनिज लिमिटेड के शेयर अपीलकर्ताओं द्वारा राज्य को हस्तांतरित किए गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने भुगतान में देरी पर विचार किया और आदेश दिया कि अपीलकर्ता ब्याज के रूप में उचित मुआवजे के हकदार हैं।

छह प्रतिशत साधारण ब्याज देने का आदेश दिया था

कोर्ट ने 8 जुलाई 1975 से डिक्री की तारीख तक छह प्रतिशत साधारण ब्याज देने का आदेश दिया। इसने आगे कहा कि भुगतान प्राप्ति तक डिक्री तिथि से नौ प्रतिशत प्रतिवर्ष साधारण ब्याज का भुगतान किया जाएगा। राजस्थान सरकार दो महीने के भीतर बढ़ी हुई मूल्यांकन राशि का भुगतान करे।

घरों को मनमाने ढंग से गिराना अमानवीय और गैरकानूनी : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने प्रयागराज में बिना उचित प्रक्रिया का पालन किए घरों को गिराने की कार्रवाई पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए इसे अमानवीय और गैरकानूनी करार दिया है।

शीर्ष कोर्ट ने कहा कि इस प्रकार की बुलडोजर कार्रवाई ने हमारे आत्मा को झकझोर दिया है। विकास प्राधिकरणों को याद रखना चाहिए कि आश्रय का अधिकार और कानून की उचित प्रक्रिया भी कोई चीज होती है।

पीड़ितों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश

कोर्ट ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण को निर्देश दिया है कि वह छह सप्ताह के भीतर उन छह पीड़ितों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा प्रदान करे, जिनके घर मार्च 2021 में अवैध निर्माण के नाम पर ढहा दिए गए थे।

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Waqf Bill: लोकसभा में आज पेश होगा वक्फ बिल, क्या है संसद का नंबर गेम?

Dainik Jagran - National - April 2, 2025 - 4:25am

जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली: वक्फ संशोधन विधेयक प्रत्यक्ष तौर पर वक्फ संपत्ति से जुड़ा मुद्दा है, लेकिन राजनीतिक दल बारीकी से इस पर भी नजर जमाए हैं कि वोटों के गुणा-भाग पर यह कितना असर डाल सकता है। पाला खींचकर निस्संकोच खड़ी भाजपा का तार्किक पक्ष है कि वह वक्फ कानून की विसंगतियों को दूर कर गरीब और पिछड़े मुस्लिमों का भला चाहती है।

इस तर्क से सहमति जताते हुए राजग सरकार के प्रमुख सहयोगी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) सरकार का समर्थन तो कर रहे हैं, लेकिन सधे शब्दों में दलों की पुरानी ''सेक्युलर छवि'' को बचाए-बनाए रखने की चिंता झलकती है।

 मुस्लिम वर्ग को विपक्ष क्या देना चाहता संदेश?

वहीं, विपक्षी खेमे से विधेयक के विरोध का सुर साझा है। निस्संदेह उनका दमखम विधेयक के बहुमत से पारित की राह में कोई रोड़ा नहीं बन सकता, लेकिन मुस्लिम वर्ग को यह संदेश देने का प्रयास संभावित है कि कौन कितना लड़ा, क्योंकि वोटों की तराजू में तेवरों की तौल से ही आस है।

मुस्लिम वोट बैंक पर हर पार्टी की निगाह

लोकसभा और राज्यसभा का अंक गणित स्पष्ट है कि वक्फ संशोधन विधेयक की राह दोनों सदनों में निर्बाध है। अब सभी की नजरें राजनीतिक दलों के रुख पर है, क्योंकि देश के अधिकतर दलों के लिए मुस्लिम वोट बैंक एक बड़ा सहारा है। केंद्र सरकार या कहें कि भाजपा चाहती है कि इस विधेयक पर अधिक से अधिक चर्चा हो। अल्पसंख्यक व संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजीजू ने स्पष्ट कहा है कि देश जानना चाहता है कि वक्फ संशोधन विधेयक पर किस दल का क्या स्टैंड है। हजारों वर्षों तक यह रिकार्ड में भी रहेगा।

नीतीश-नायडू पर दबाव बनाना चाहते थे विपक्ष

 इसके पीछे भाजपा की मंशा विपक्षी दलों को मुस्लिम तुष्टिकरण के कठघरे में खड़ा करने की दिखती है। मगर, विधेयक तो राजग सरकार ला रही है, जिसके प्रमुख घटक दल जदयू और तेदेपा भी हैं। इनमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हों या आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडु, दोनों की छवि सेक्युलर नेताओं की रही है। विपक्षी इन्हीं दोनों पर दबाव बनाना चाह रहा था।

 चूंकि, गठबंधन धर्म भी निभाना है, इसलिए दोनों दलों ने यह रुख तो स्पष्ट कर दिया कि वह पूरी तरह सरकार के साथ हैं और बिल का समर्थन करेंगे, लेकिन अपने शब्दों से मुस्लिम वर्ग को संदेश भी देने का प्रयास किया। जैसे कि लोकसभा में जदयू संसदीय दल के नेता ललन ¨सह ने कहा कि जदयू या नीतीश को कांग्रेस के प्रमाण-पत्र की आवश्यकता नहीं है। मुस्लिमों के लिए जितना काम नीतीश सरकार ने किया है, उतना किसी ने नहीं किया, जबकि विपक्ष के लिए सेक्युलर सिर्फ नारा है।

इसी तरह तेदेपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम कुमार जैन ने बयान जारी किया कि तेदेपा विधेयक का समर्थन करेगी। साथ ही जोड़ दिया कि सीएम नायडु हमेशा कहते हैं कि मुस्लिमों के हितों की रक्षा करेंगे। हिंदू और मुस्लिम उनकी दो आंखें हैं। आशा है कि सरकार ने बिल में उनकी पार्टी के सुझावों को शामिल किया होगा। अब बचा विपक्षी खेमा तो इसमें होड़ दिख रही है कि कौन मुस्लिमों के पक्ष में कितनी मजबूती से खड़ा दिख सकता है।

गौरव गोगोई ने बिजनेस एडवाइजरी कमेटी का किया बहिष्कार

 कांग्रेस खुले विरोध का ऐलान कर चुकी। सांसद गौरव गोगोई ने बिजनेस एडवाइजरी कमेटी का बहिष्कार कर इसका संकेत दे दिया है। सपा मुखिया अखिलेश यादव हों या प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव, वह कह चुके कि विधेयक का विरोध करेंगे, क्योंकि भाजपा सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ना चाहती है।

मुस्लिम राजनीति के प्रमुख चेहरे एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि नीतीश हों, नायडु हों, चिराग पासवान या जयंत चौधरी, जो भी बिल का समर्थन करेगा, उसे खामियाजा भुगतना पड़ेगा। डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा है कि संसद में बिल का पुरजोर विरोध करेंगे।

वहीं, उत्तर प्रदेश में दलित-मुस्लिम गठजोड़ को अपनी राजनीति का आधार बनाना चाह रहे भीम आर्मी प्रमुख के सांसद चंद्रशेखर ने संसद से सड़क तक संघर्ष का ऐलान किया है। ऐसे में तय है कि लोकसभा में यह मौका हंगामेदार होगा, लेकिन किसके तेवर कितने तीखे होंगे, यह देखने वाला होगा।

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भ्रष्टाचार के अड्डे बने हरियाणा की बार काउंसिलों के वकीलों के चैंबर्स, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार

Dainik Jagran - National - April 2, 2025 - 3:24am

 पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पंजाब और हरियाणा की बार काउंसिलों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ये शर्मनाक कृत्यों और दुराचारों में लिप्त हैं। साथ ही भ्रष्टाचार के मामलों में भी शामिल हैं।

जांच के लिए किया जा सकता है एसआइटी का गठन

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिस्वर सिंह की पीठ ने संकेत दिया कि यदि आवश्यक हुआ तो एक विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन किया जाएगा जो इन काउंसिलों के मामलों की जांच करेगा, विशेषकर हरियाणा में बार काउंसिलों के बैंक खातों की।

पीठ ने कहा- ''इन राज्य बार काउंसिल के वकीलों के कार्यालय और चैंबर प्रॉपर्टी डीलरों और भ्रष्टाचार का केंद्र बन गए हैं। यह हमारे संज्ञान में आया है और हम इसे हल्के में नहीं लेंगे।'' यह सुनवाई एक वकील की याचिका पर हो रही थी, जिसने करनाल बार एसोसिएशन के चुनावों में अपनी अयोग्यता को चुनौती दी थी।

पीठ ने बार संघों को नोटिस जारी किया

पीठ ने बार संघों को नोटिस जारी किया और करनाल बार एसोसिएशन के वरिष्ठ वकील आरएस चीमा से कुछ अन्य प्रतिष्ठित वकीलों के नाम सुझाने को कहा, जो अस्थायी रूप से पद संभाल सकें। वरिष्ठ वकील नरेंद्र हुड्डा ने कहा कि चुनाव अधिकारी ने बिना वोटिंग के उम्मीदवारों को निर्विरोध चुना हुआ घोषित कर दिया।

मामले की अगली सुनवाई 15 अप्रैल को होगी

अधिवक्ता संदीप चौधरी ने कहा कि यह उनके अधिकारों का उल्लंघन है। हुड्डा ने कहा कि उनके मुवक्किल को चुनाव में भाग लेने से रोका गया है। चौधरी ने बार काउंसिल आफ इंडिया में अपील की, जिसने उनकी अयोग्यता के आदेश को स्थगित कर दिया। पीठ ने कहा कि हरियाणा राज्य बार काउंसिल ''शर्मनाक संघ'' बन गई है। मामले की अगली सुनवाई 15 अप्रैल को होगी।

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देश के पहले सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए विधेयक को संसद की मंजूरी, अमित शाह ने जताई खुशी

Dainik Jagran - National - April 2, 2025 - 3:20am

 पीटीआई, नई दिल्ली। संसद ने देश के पहले सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए विधेयक को मंजूरी दे दी है। गुजरात के आणंद में त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय स्थापित करने संबंधी विधेयक को राज्यसभा ने मंगलवार को ध्वनिमत से पारित किया। यह विधेयक लोकसभा से 26 मार्च को पारित हो चुका है।

विश्वविद्यालय का इनके नाम पर रखा

विश्वविद्यालय का नाम त्रिभुवनदास किशिभाई पटेल के नाम पर रखा गया है, जो भारत में सहकारी आंदोलन के अग्रदूतों में से एक थे और अमूल की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने कहा कि यह सहकारी क्षेत्र के लिए पहला विश्वविद्यालय होगा और इस क्षेत्र में कार्यरत श्रमबल के क्षमता निर्माण तथा कुशल पेशेवरों की आवश्यकता को पूरा करेगा।

प्रतिवर्ष लगभग आठ लाख प्रशिक्षित प्रोफेशनल तैयार होंगे

'त्रिभुवन' सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक का उद्देश्य सहकारी क्षेत्र में शिक्षा और प्रशिक्षण देना, क्षमता निर्माण करना, डिग्री कार्यक्रम, दूरस्थ शिक्षा और ई-लर्निंग पाठ्यक्रम वाले उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करना और प्रतिवर्ष लगभग आठ लाख प्रशिक्षित प्रोफेशनल तैयार करना है।

अमित शाह ने जताई खुशी

अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट किया कि आज का दिन देश के सहकारी क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक है। मोदी जी के विजनरी नेतृत्व में ‘त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक, 2025’ लोकसभा के बाद आज राज्यसभा में भी पारित हो गया। सहकार, नवाचार और रोजगार की त्रिवेणी लाने वाले इस महत्त्वपूर्ण कार्य के लिए मैं सभी सांसदों को बधाई देता हूँ।

देशभर के युवाओं को प्रशिक्षित करेंगे

आगे कहा कि अब सहकारी शिक्षा भारतीय शिक्षा व पाठ्यक्रम का अभिन्न अंग बनेगी और इस विश्वविद्यालय के माध्यम से देशभर के प्रशिक्षित युवा सहकारी क्षेत्र को अधिक व्यापक, सुव्यवस्थित और आधुनिक युग के अनुकूल बनाएँगे। सहकारी क्षेत्र से जुड़े सभी बहनों-भाइयों की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बहुत-बहुत आभार।

आज का दिन देश के सहकारी क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक है।

मोदी जी के विजनरी नेतृत्व में ‘त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक, 2025’ लोकसभा के बाद आज राज्यसभा में भी पारित हो गया। सहकार, नवाचार और रोजगार की त्रिवेणी लाने वाले इस महत्त्वपूर्ण कार्य के लिए मैं सभी सांसदों को बधाई देता…

— Amit Shah (@AmitShah) April 1, 2025

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मणिपुर में पीएम-किसान योजना में अनियमितताएं सामने आईं, केंद्र सरकार ने संसद में दी जानकारी

Dainik Jagran - National - April 2, 2025 - 3:18am

 पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने मंगलवार को लोकसभा में अपने लिखित उत्तर में कहा कि एक ऑडिट रिपोर्ट में मणिपुर में पीएम-किसान योजना के कार्यान्वयन में कुछ ''अनियमितताएं'' सामने आई हैं और राज्य सरकार ने इस मामले में एफआइआर दर्ज कराई है।

उन्होंने यह भी कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अयोग्य किसानों को हस्तांतरित की गई किसी भी राशि की वसूली करने का आदेश दिया गया है।

उन्होंने कहा, ''मणिपुर सरकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार, महालेखाकार (एजी) ऑडिट रिपोर्ट में कुछ अनियमितताओं की सूचना दी गई थी। तदनुसार, राज्य ने मामले में एफआइआर दर्ज कराई है।'' फरवरी, 2019 में शुरू की गई पीएम-किसान योजना एक केंद्रीय योजना है जिसका उद्देश्य खेती योग्य भूमि वाले किसानों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करना है।

इस योजना के तहत किसानों को प्रत्यक्ष लाभ

अंतरण (डीबीटी) मोड के माध्यम से आधार से जुड़े बैंक खातों में तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये का वित्तीय लाभ हस्तांतरित किया जाता है। मंत्री ने कहा कि केंद्र ने शुरुआत से अब तक 19 किस्तों के माध्यम से 3.68 लाख करोड़ रुपये से अधिक का वितरण किया है।

प्रतिबंधित चीनी लहसुन की बिक्री पर जांच के निर्देश

रामनाथ ठाकुर ने यह भी कहा कि खाद्य सुरक्षा नियामक (एफएसएसएआइ) को चेन्नई के बाजारों में प्रतिबंधित चीनी लहसुन की बिक्री के बारे में शिकायतें मिली हैं और उसने तमिलनाडु सरकार को इस मामले की जांच करने का निर्देश दिया है।

चीनी लहसुन के आयात पर सितंबर, 2005 से प्रतिबंध लगा हुआ है, जब इस उत्पाद में फंगस एम्बेलिसिया एली और यूरोसाइटिस सेपुले पाया गया था। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) और राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ) ने 2023-24 के दौरान 546 टन और 2024-25 के दौरान 507 टन चीनी लहसुन जब्त किया है।

संसद को बताया, वायनाड भूस्खलन में 298 की मौत

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद को बताया कि पिछले साल केरल के वायनाड जिले में हुए भूस्खलन में कुल 298 लोगों की मौत हुई थी। हालांकि केंद्र सरकार भूस्खलन सहित अन्य आपदाओं के कारण होने वाली मौतों/लापता व्यक्तियों का डाटा नहीं रखती है, लेकिन केरल सरकार ने उन्हें बताया कि वायनाड में भूस्खलन के कारण कुल 298 लोगों की मौत हुई है। इनमें से 32 लापता व्यक्तियों को मृत घोषित कर दिया गया है।

सेप्टिक टैंक की सफाई के कारण दिव्यांगता की कोई घटना नहीं

केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि 2014 से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में असुरक्षित सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के कारण दिव्यांगता की कोई घटना सामने नहीं आई है। लोकसभा में एक सवाल के जवाब में उन्होंने डाटा प्रस्तुत किया जिसमें बताया गया कि 2019 से सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के कारण 430 लोगों की मौत हुई है।

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Kunal Kamra: कुणाल कामरा को राहत, तमिलनाडु की अदालत से मिली ट्रांजिट अग्रिम जमानत

Dainik Jagran - National - April 2, 2025 - 3:06am

आईएएनएस, चेन्नई। कॉमेडियन कुणाल कामरा को तमिलनाडु की एक कोर्ट से राहत मिल गई है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर किए गए एक मजाक के कारण कानूनी मामले झेल रहे कामरा को तमिलनाडु के वनूर में जिला मुंसिफ-सह-न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत ने ट्रांजिट अग्रिम जमानत दे दी है।

गिरफ्तारी से अस्थायी सुरक्षा प्रदान करती है ट्रांजिट अग्रिम जमानत

कुणाल कामरा ने मंगलवार को मद्रास उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें ट्रांजिट अग्रिम जमानत मांगी गई थी, जो उस क्षेत्राधिकार से अलग क्षेत्राधिकार में गिरफ्तारी से अस्थायी सुरक्षा प्रदान करती है, जहां प्राथमिकी दर्ज की गई है।

उनके मामले में, प्राथमिकी महाराष्ट्र के मुंबई में खार पुलिस द्वारा दर्ज की गई थी। मद्रास उच्च न्यायालय ने पिछली सुनवाई में कुणाल कामरा को 7 अप्रैल तक गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की थी।

वनूर अदालत ने अनुरोधित राहत प्रदान की

न्यायमूर्ति सुंदर मोहन ने कामरा को औपचारिक रूप से अपनी जमानत सुरक्षित करने के लिए वनूर अदालत में पेश होने का निर्देश दिया। इस निर्देश के बाद, वनूर अदालत ने अनुरोधित राहत प्रदान की।

मुंबई पुलिस ने कामेडियन कामरा को जारी किया तीसरा समन

महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में मुंबई पुलिस ने मंगलवार को स्टैंड-अप कामेडियन कुणाल कामरा को तीसरा समन जारी किया। इस मामले में खार पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है।

पुलिस ने उन्हें समन जारी कर पांच अप्रैल तक अपने समक्ष पेश होने को कहा है। इससे पहले पुलिस उन्हें दो बार समन जारी कर चुकी है। लेकिन, वह एक बार भी हाजिर नहीं हुए।

यह मामला कामरा द्वारा महानगर के एक स्टूडियो में आयोजित एक शो में शिवसेना प्रमुख शिंदे के खिलाफ की गई तीखी टिप्पणियों से उपजा है। इसके विरोध में शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने स्टूडियो में तोड़फोड़ भी की थी।

कुणाल कामरा ने अपनी नई पोस्ट में बोला सरकार पर हमला

स्टैंडअप कामेडियन कुणाल कामरा ने एक नई पोस्ट में सरकार पर अपने विरोध में उठी आवाज को दबाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि सरकार अपने विरोध में उठी आवाज को दबाने के लिए ये तरीके अपनाती है।

पहला, इतना ज्यादा आक्रोश फैलाओ कि कोई ब्रांड उसके साथ काम करना ही बंद कर दे।

दूसरा, इतना ज्यादा विवाद पैदा कर दो कि निजी एवं कार्पोरेट शो भी रद कर दिए जाएं।

तीसरा, इतनी हिंसा फैला दो कि बड़े मंच भी उनको मौका देने से डरें।

चौथा, ये आक्रोश इतना फैलाओ की छोटे लोग भी उसके साथ काम करने से डरें।

पांचवां, कला को अपराध बना दो और उसके दर्शकों को भी पूछताछ के लिए बुलाओ। फिर तो दो ही विकल्प बचते हैं कि अपनी आत्मा बेचकर कठपुतली बन जाओ, या शांत बैठ जाओ।

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ISRO ने हासिल की एक और उपलब्धि, बिजली गिरने के बारे में पहले ही मिल सकेगा अलर्ट

Dainik Jagran - National - April 1, 2025 - 11:44pm

पीटीआई, बेंगलुरु। आपके शहर या गांव में बिजली गिरने वाली है इसका पता आपको पहले ही चल जाएगा। इसरो ने बिजली गिरने की घटनाओं की भविष्यवाणी करने की क्षमता हासिल कर ली है।

इसरो ने मंगलवार को कहा कि भारतीय भूस्थिर उपग्रहों के डाटा का उपयोग करके भारत में बिजली गिरने की घटनाओं की तुरंत जानकारी देने (मौसम पूर्वानुमान) में सफलता मिली है। यह उपलब्धि इसरो के राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (एनआरएससी) ने हासिल की है। उपग्रहों के डाटा की मदद से बिजली गिरने के लगभग ढाई घंटे पहले ही इस बारे में पता चल जाएगा।

क्यों होती है बिजली गिरने की घटना?

इसरो के अनुसार वायुमंडलीय बिजली गिरने की घटना क्षोभमंडल में मौसम संबंधी मापदंडों की जटिल अंत:क्रियाओं के कारण होती है। एनआरएससी/इसरो के शोधकर्ताओं ने इनसेट-3डी उपग्रह से प्राप्त आउटगोइंग लांगवेव रेडिएशन (ओएलआर) डाटा में बिजली गिरने के संकेत देखे।

पूर्वानुमान कैसे लगाया जाएगा?

ओएलआर में कमी बिजली गिरने की संभावित घटनाओं का संकेत है। इनसेट श्रृंखला के उपग्रहों से प्राप्त डाटा का उपयोग बिजली गिरने की घटनाओं के संकेतों का पता लगाने के लिए किया गया। बिजली गिरने की गतिविधि का पता लगाने में और पूर्वानुमान की सटीकता में सुधार करने के लिए भूमि सतह तापमान (एलएसटी) और हवा जैसे अतिरिक्त मापदंडों को भी शामिल किया गया।

इन मापदंडों से इस बात का विश्वसनीय संकेत मिलता है कि बिजली की गतिविधि कब चरम पर होगी या कब कम होगी, जिससे बिजली की घटना और तीव्रता का बेहतर पूर्वानुमान लगाया जा सकता है।

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Karnataka: बैंक ने लोन देने से किया इनकार तो युवक ने बनाया चोरी का 'फिल्मी' प्लान, 17 किलो गोल्ड लूटकर फरार

Dainik Jagran - National - April 1, 2025 - 11:30pm

 पीटीआई, दावणगेरे। कर्नाटक के न्यामती में स्टेट बैंक चोरी की जांच से पता चला है कि मास्टरमाइंड विजय कुमार को बैंक अगस्त 2023 में 15 लाख रुपये लोन देने से मना कर दिया था। इससे वह बैंक से नाराज था। उसने अपनी आर्थिक समस्याओं को दूर करने के लिए इस चोरी को अंजाम दिया।

खिड़की की लोहे की ग्रिल काटकर खुसे बैंक में

विजय कुमार ने अपने भाई अजय कुमार और चार अन्य के साथ 28 अक्टूबर 2024 को एसबीआइ की न्यामती शाखा में खिड़की की लोहे की ग्रिल हटाकर बैंक के अंदर अंदर घुसे थे और 17.7 किलोग्राम सोना चोरी कर लिए।

यूट्यूब वीडियो देखकर प्लान बनाया

पुलिस ने बताया कि विजय कुमार तमिलनाडु का रहने वाला है और उसने कई सालों से न्यामती में अपनी मिठाई की दुकान खोली हुई थी। घटना को अंजाम देने के लिए उन्होंने टीवी सीरियल और फिल्मों के अलावा, यूट्यूब वीडियो देखकर प्लान बनाया।

ऐसे बनाई चोरी की योजना

उन्होंने गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ छह से नौ महीने तक सावधानीपूर्वक चोरी की योजना बनाई और अपनी हरकतों को छिपाने के लिए सभी आवश्यक सावधानियां बरतीं। इस दौरान विजयकुमार ने साइलेंट हाइड्रोलिक आयरन कटर और गैस कटिंग उपकरण सहित कई उपकरण खरीदे।

विजयकुमार ने गैस कटिंग के लिए जो ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदा था, उसके सीरियल नंबर भी मिटा दिया था। गिरोह बैंक के स्ट्रांग रूम के एक लाकर को गैस कटर से तोड़कर खाली करने के बाद बैंक परिसर में लगे सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज वाली डीवीआर भी अपने साथ ले गए थे।

पुलिस ने कहा कि गिरोह फिंगरप्रिंट, सीसीटीवी फुटेज, टोल डेटा और सेल फोन डेटा जैसे कोई सुबूत छोड़े बिना इस चोरी की घटना को अंजाम दिया था, लेकिन तकनीकी जांच के बाद आखिरकार आरोपितों की गिरफ्तारी हुई। इसके साथ ही चोरी हुए सोने को तमिलनाडु के एक कुंए से बरामद कर लिया गया।

उप्र से जुड़े बैंक डकैती गिरोह का भी भंडाफोड़

जांच के दौरान पुलिस ने उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के ककराला से जुड़े एक अन्य बैंक डकैती गिरोह का भी भंडाफोड़ किया, जो दक्षिण भारत में कई बैंक डकैतियों को अंजाम दे चुका है।

पुलिस ने कहा कि ककराला और पड़ोसी शहरों में बैंक डकैतों के लगभग पांच से छह गिरोह हैं जो देश भर में बैंक चोरी और डकैती करते हैं। इसने कहा कि नवंबर 2024 से फरवरी 2025 के बीच पुलिस टीमों ने गुजरात, राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में कई तलाशी अभियान चलाए।

पुलिस ने जारी किया बयान

इस दौरान ककराला गिरोह के गुड्डू कालिया, असलम, हजरत अली, कमरुद्दीन और बाबू सहान को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि पूछताछ के दौरान इन अपराधियों के तमिलनाडु और कर्नाटक में अन्य अपराधों में भी संलिप्त होने की जानकारी मिली है।

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राज्यसभा में विमान उपकरणों में हितों की सुरक्षा विधेयक पारित, अंतरराष्ट्रीय हितों पर समझौते को कानूनी प्रभाव देने का प्रयास

Dainik Jagran - National - April 1, 2025 - 11:30pm

पीटीआई, नई दिल्ली। राज्यसभा ने विमान उपकरणों में हितों की सुरक्षा विधेयक 2025 को पारित कर दिया है। यह विधेयक मोबाइल उपकरणों पर अंतरराष्ट्रीय हितों पर समझौते को कानूनी प्रभाव देने का प्रयास है। यह विधेयक केंद्र सरकार को सम्मेलन और प्रोटोकॉल के प्रविधानों को लागू करने के लिए नियम बनाने का अधिकार भी प्रदान करता है। इस कानून के अंतर्गत नागरिक उड्डयन महानिदेशालय को सम्मेलन के उद्देश्य से पंजीकरण प्राधिकरण के रूप में नियुक्त किया गया है।

पंजीकरण प्राधिकरण विमान के पंजीकरण और पंजीकरण निरस्त्रीकरण के लिए भी जिम्मेदार होगा। विधेयक पर चर्चा का उत्तर देते हुए नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू नागरिक उड्डयन बाजार है। उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में विमानन क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति देखी गई है।

उन्होंने कहा कि 2014 में कुल घरेलू यात्री बाजार 6.7 करोड़ था, जो अब बढ़कर 16.13 करोड़ हो गया है। अंतरराष्ट्रीय यात्री भी 2014 में 4.3 करोड़ से बढ़कर 2024 में 6.6 करोड़ से अधिक हो गए हैं।नायडू ने कहा कि देश में विमानों और हवाई अड्डों की संख्या भी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि 2014 में देश में विमानों की संख्या लगभग 359 थी, जो अब बढ़कर 840 हो गई है।

उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया में कोई भी अन्य देश भारत की तरह विमानन क्षेत्र में पिछले दस वर्षों में इतनी ते•ाी से वृद्धि नहीं देख पाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आम आदमी के हवाई यात्रा के सपने को पूरा करने के लिए हवाई चप्पल से हवाई जहाज का सफर का मंत्र दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले दस वर्षों में राजग सरकार ने नागरिक उड्डयन क्षेत्र में क्रांति ला दी है।

प्रमुख जिलों में कैंसर के 200 विशेष केंद्र स्थापित किए जाएंगे

स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने बताया कि केंद्र ने डे केयर कैंसर सेंटर (डीसीसीसी) की स्थापना के लिए जिला अस्पतालों में कैंसर देखभाल के बुनियादी ढांचे, चिकित्सा कर्मियों और उपकरणों का जायजा लिया है। उन्होंने एक लिखित जवाब में कहा कि केंद्रीय बजट 2025-26 के अनुसार, सरकार अगले तीन वर्षों में जिला अस्पतालों में डीसीसीसी स्थापित करने की योजना बना रही है, जिनमें से 200 केंद्र चालू वित्त वर्ष में स्थापित किए जाने का प्रस्ताव है।

पिछले वित्त वर्ष में 198.65 लाख टन चावल का निर्यात

खाद्य और उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री निमूबेन जयंतीभाई बंभानिया ने कहा कि भारत ने पिछले वित्त वर्ष के 25 मार्च तक 198.65 लाख टन चावल का निर्यात किया है, जो वित्त वर्ष 2023-24 में 163.58 लाख टन के निर्यात को पार कर गया है। राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में उन्होंने कहा कि कृषि-वस्तुओं का घरेलू उत्पादन, उनकी उपलब्धता और आयात/निर्यात पर सरकार द्वारा कड़ी निगरानी रखी जाती है।

खाद्य वितरण एप्स के खिलाफ मिलीं 21,042 शिकायतें

खाद्य और उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने कहा कि पिछले पांच वित्तीय वर्षों में खाद्य नियामक (एफएसएसएआइ) के पास आनलाइन खाद्य वितरण एप्स के खिलाफ 21,000 से अधिक उपभोक्ता शिकायतें दर्ज की गई हैं। उन्होंने कहा कि एफएसएसएआइ वर्ष भर ई-कामर्स प्लेटफार्म के माध्यम से निर्माताओं/विक्रेताओं, होटलों और रेस्तरां आदि द्वारा आनलाइन बेचे जाने वाले खाद्य उत्पादों की नियमित निगरानी और निरीक्षण करता है।

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Bihar Jobs 2025: चुनाव से पहले बिहार में फिर निकली बहाली, 682 पदों पर भर्ती के लिए जारी हुआ नोटिफिकेशन

Dainik Jagran - April 1, 2025 - 11:25pm

जागरण संवाददाता, पटना। बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) अवर सांख्यिकी पदाधिकारी और प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी के 682 पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन स्वीकार कर रहा है।

वेबसाइट https://bssc.bihar.gov.in/ पर आवेदन के लिए 21 अप्रैल तक लिंक उपलब्ध होगा। फीस ऑनलाइन 19 अप्रैल तक स्वीकार किए जाएंगे।

सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए 313 पद चिह्नित हैं। 98 एससी, सात एसटी, 112 बीसी, 62 पिछड़ा वर्ग, 22 पिछड़ा वर्ग की महिला और 68 ईडब्ल्यूएस श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित है।

दीघा आईटीआई में विशेष भर्ती अभियान
  • बता दें कि जॉब को लेकर बिहार सरकार के अलावा एक प्राइवेट संस्था ने भी नोटिफिकेशन जारी किया है। दरअसल, एमआरएफ के दो प्लांट चेन्नई और हैदराबाद में दो हजार से ज्यादा भर्तियां होनी है।
  • इसको लेकर दो अप्रैल को दीघा स्थित आइटीआइ परिसर में विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसमें पांचवीं, 10वीं व 12वीं पास के अलावा आइटीआइ अभ्यर्थी शामिल हो सकते हैं।
  • एप्रेंटिसशिप योजना के तहत भर्ती किए गए युवकों को 17,500 स्टाइपेंड दिया जाएगा। 
संयुक्त श्रम भवन में रोजगार शिविर तीन अप्रैल को

इसके अलावा, श्रम संसाधन विभाग पटना के निर्देशानुसार जिला नियोजनालय सह माडल कैरियर सेंटर संयुक्त श्रम भवन नवादा (सरकारी आइटीआइ) के प्रांगण में तीन अप्रैल को रोजगार शिविर का आयोजन किया जाएगा।

शिविर में एचआरबीएस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) द्वारा हेल्पर एवं आपरेटर के 50 पदों के लिए भर्ती की जाएगी।

इसके लिए योग्यता दसवी, बारहवीं, आइटीआइ, डिप्लोमा पास एवं उम्र सीमा 18 से 40 वर्ष निर्धारित है।

इच्छुक आवेदक अपने शैक्षणिक प्रमाण पत्र, पहचान पत्र (आइडीकार्ड) की छायाप्रति, रंगीन फोटो एवं बायोडाटा के साथ संयुक्त श्रम भवन (सरकारी आइटीआइ), नवादा के प्रांगण में शिविर में भाग लेकर लाभ उठा सकते हैं।

यहां भी लगेगा जॉब कैंप, तैयारी पूरी

दो अप्रैल यानी बुधवार को संयुक्त श्रम भवन परिसर में जॉब कैम्प का आयोजन किया जाएगा। इसमें कुल दो सौ पदों पर नियुक्ति के लिए साक्षात्कार का आयोजन किया जाएगा।

12 वीं उत्तीर्ण अभ्यर्थी की बहाली की जाएगी। इसके लिए अभ्यर्थी की उम्र सीमा 18 से 29 वर्ष निर्धारित है। कम्पनी द्वारा अभ्यर्थी को रुपये वेतन सहित अन्य मुफ्त आवास इनसेन्टिव, फ्युल खर्च प्रतिमाह दिया जाएगा।

नियोजक द्वारा चयनित अभ्यर्थी को उत्तर बिहार के सभी जिलों में रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। नियोजक द्वारा चयनित अभ्यर्थी को दो पहिया वाहन एवं चालक लाइसेंस होना अनिवार्य है।

जॉब कैम्प में भाग लेने के लिए अपना बायो डाटा,सभी शैक्षणिक प्रमाण पत्र, पांच रंगीन फोटो, आधार कार्ड, पेन कार्ड एवं अन्य प्रमाण पत्र की छाया प्रति साथ लाना होगा। कैंप निशुल्क है।

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