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फर्जी पासपोर्ट या वीजा पर 7 साल की सजा...Immigration & Foreigners Bill 2025 राज्यसभा में पारित, विपक्ष ने किया वॉकआउट

Dainik Jagran - National - April 2, 2025 - 10:05pm

पीटीआई, नई दिल्ली। विदेशियों के आव्रजन, भारत में प्रवेश और ठहरने को विनियमित करने वाला 'आव्रजन और विदेशी विधेयक, 2025' बुधवार को राज्यसभा में भी पारित हो गया। यह विधेयक 27 मार्च, 2025 को लोकसभा में पारित किया गया था। विधेयक में विपक्षी सदस्यों द्वारा सुझाए गए कई संशोधनों को अस्वीकार किए जाने के बाद राज्यसभा ने इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया।

विधेयक में एक प्रमुख प्रविधान यह है कि भारत में प्रवेश करने या देश में रहने या देश से बाहर जाने के लिए फर्जी पासपोर्ट या वीजा का उपयोग करते हुए पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को सात साल तक की जेल की सजा और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।

कड़ी निगरानी का भा प्रविधान?

विधेयक में भारत आने वाले प्रत्येक व्यक्ति पर कड़ी निगरानी रखने का भी प्रविधान है। प्रस्तावित कानून में होटल, विश्वविद्यालय, अन्य शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों और नर्सिंग होम द्वारा विदेशियों के बारे में अनिवार्य रूप से सूचना देने का प्रविधान है, ताकि निर्धारित अवधि से अधिक समय तक रहने वाले विदेशियों पर नजर रखी जा सके।

बहरहाल, इस विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने पिछली कांग्रेस सरकार और पश्चिम बंगाल की तृणमूल सरकार पर अवैध प्रवासियों को देश में प्रवेश करने में ''मदद'' करने और मतदाता सूची तथा राशन कार्ड में उनके नाम शामिल करके उनके ठहरने को ''सुविधाजनक'' बनाने का आरोप लगाया।

हालांकि, इस पर कांग्रेस और तृणमूल के सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताई और अन्य विपक्षी दलों के सांसदों के साथ सदन से वाकआउट कर गए।चर्चा के दौरान राय ने कहा, ''26 सदस्यों ने विधेयक पर अपने विचार व्यक्त किए। हमारे विश्वविद्यालयों, शिक्षा प्रणाली और अर्थव्यवस्था को विश्वस्तरीय बनाने के लिए यह विधेयक लाना आवश्यक था।'' उन्होंने कहा कि देश में उन सभी लोगों का स्वागत है जो शिक्षा, शोध और विकास कार्यों के लिए यहां आते हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि उन सभी विदेशी नागरिकों से निपटने की जरूरत है जो राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं।

विधेयक को स्थायी समिति को भेजा जाना चाहिए: सिंघवी

कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इस विधेयक से यह संदेश जाता है कि सभी विदेशी ''संभावित अपराधी'' हैं, जिन्हें भारत द्वारा गंभीर संदेह की दृष्टि से देखना चाहिए। विधेयक का विरोध करते हुए उन्होंने मांग की कि इसे स्थायी समिति को भेजा जाना चाहिए क्योंकि यह निम्न अधिकारियों को अत्यधिक शक्ति प्रदान करता है और इसमें अपील, निगरानी और जवाबदेही के प्रविधानों का अभाव है।

उन्होंने कहा कि सरकार का दृष्टिकोण केवल उस मानसिकता को दर्शाता है जिसमें विदेशियों को सम्मान और गरिमा वाले व्यक्ति के रूप में नहीं, बल्कि ''अवमानना और घृणा की वस्तु'' के रूप में देखा जाता है। समानता, जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार जैसे संवैधानिक प्रविधानों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि संविधान नागरिकों के समान ही गैर-नागरिकों को भी कई अधिकारों की गारंटी देता है।

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नेवी की 'तीसरी आंख' ने कर दिया कमाल, समुद्र के बीच 2500 किलो ड्रग्स हुआ बरामद

Dainik Jagran - National - April 2, 2025 - 9:48pm

पीटीआई, नई दिल्ली। भारतीय नौसेना के अग्रणी युद्धपोत आइएनएस तरकश ने पश्चिमी हिंद महासागर में 2,500 किलोग्राम से अधिक ड्रग्स जब्त की है। 31 मार्च को नौसेना को कुछ जहाजों की संदिग्ध गतिविधियों के बारे में सूचना मिली थी। इसके बाद अभियान चलाकर ये ड्रग्स जब्त किया गया। इस ड्रग्स में 2,386 किलोग्राम हशीश और 121 किलोग्राम हेरोइन शामिल है। यह सीलबंद पैकेटों में भरी हुई थी।

नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि आसपास के सभी संदिग्ध जहाजों से पूछताछ करने के बाद आइएनएस तरकश ने भारतीय नेवी की तीसरी आंख कहे जाने वाले पी8आइ समुद्री निगरानी विमान और मुंबई में समुद्री परिचालन केंद्र के साथ मिलकर एक संदिग्ध जहाज को रोका। इस दौरान संदिग्ध जहाज की गतिविधियों पर नजर रखने और क्षेत्र में संभावित रूप से संचालित अन्य जहाजों की पहचान करने के लिए अपने हेलीकॉप्टर को भी भेजा।

तलाशी और पूछताछ में सामने आई जानकारी

अधिकारी ने बताया कि मरीन कमांडो के साथ एक विशेषज्ञ टीम ने जब संदिग्ध जहाज पर सवार होकर उसकी गहन तलाशी ली तो उसमें कई सीलबंद पैकेट बरामद हुए। उन्होंने बताया कि तलाशी और पूछताछ में पता चला कि जहाज पर विभिन्न कार्गो होल्ड और कंपार्टमेंट में 2,500 किलोग्राम से अधिक मादक पदार्थ रखा हुआ था।

आइएनएस तरकश भारतीय नौसेना का एक प्रमुख फ्रिगेट

प्रवक्ता ने बताया कि संदिग्ध जहाज को बाद में आइएनएस तरकश के नियंत्रण में लाया गया और चालक दल के सदस्यों से उनकी कार्यप्रणाली और क्षेत्र में अन्य समान जहाजों की मौजूदगी के बारे में विस्तृत पूछताछ की गई। बता दें कि आइएनएस तरकश भारतीय नौसेना का एक प्रमुख फ्रिगेट है, जो पश्चिमी नौसैनिक कमान के तहत आपरेट किया जा रहा है।

यह जब्ती समुद्र में मादक पदार्थों की तस्करी सहित अवैध गतिविधियों को रोकने और नियंत्रित करने में भारतीय नौसेना की प्रभावशीलता एवं कार्यकुशलता को दर्शाती है। भारतीय नौसेना का लक्ष्य ¨हद महासागर क्षेत्र (आइओआर) में सुरक्षा, स्थिरता एवं समृद्धि को बढ़ावा देना है।

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'मस्जिदों और दरगाहों पर...', वक्फ संशोधन बिल पर क्या बोले सम्राट चौधरी; लालू यादव पर साधा निशाना

Dainik Jagran - April 2, 2025 - 9:44pm

राज्य ब्यूरो, पटना। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि लोकसभा में पेश वक्फ संशोधन बिल गरीब एवं पिछड़े मुसलमानों के पक्ष में है, लेकिन लालू यादव सहित विपक्ष के कई नेता वोट बैंक की राजनीति के तहत बिल पर देश को गुमराह कर रहे हैं।

सम्राट ने कहा कि लालू यादव ने यूपीए सरकार के समय 2010 में स्वीकार किया था कि वक्फ के नाम पर लोगों की कीमती जमीन हड़पी जा रही है, इसलिए इस तरह की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए वक्फ कानून में संशोधन कर कड़े प्रावधान करने चाहिए।

'15 साल बाद जब पीएम मोदी...'

उन्होंने कहा कि 15 साल बाद जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने व्यापक विचार-विमर्श के साथ वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया है, तब लालू इसका विरोध कर रहे हैं। कानून का पालन करते हुए बनी मस्जिदों-दरगाहों पर वक्फ संशोधन बिल का कोई असर नहीं पड़ेगा, इसलिए मुस्लिम समाज के जागरूक लोग बिल के समर्थन में आगे आने लगे हैं। इस बदलाव से विपक्ष के पेट में दर्द हो रहा है।

उन्होंने कहा कि वक्फ कानून की विसंगति दूर कर यह बिल वक्फ बोर्ड को अधिक संवैधानिक बनाने वाला हैं। अब किसी जमीन पर वक्फ के दावे को एकतरफा लागू नहीं किया जा सकेगा, बल्कि उसे अदालत में चुनौती दी जा सकेगी।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग कहते हैं कि देश संविधान से चलेगा, वही लोग वक्फ बोर्ड को असंवैधानिक तरीके से चलाते रहना चाहते हैं।

विपक्ष व मुस्लिम संगठनों का विरोध राजनीति से प्रेरित: मंगल पांडेय

स्वास्थ्य व विधि मंत्री मंगल पांडेय ने वक्फ संशोधन बिल-2024 को बुधवार को संसद में पेश किए जाने का स्वागत करते हुए इसे ऐतिहासिक पहल बताया है।

उन्होंने कहा कि इस बिल को पारित करने के पीछे सरकार का उद्देश्य पुराने वक्फ कानून को पारदर्शी व न्यायसंगत बनाना है। विपक्ष व मुस्लिम संगठनों का विरोध तुष्टिकरण की राजनीति से प्रेरित है। 2022 से अब तक देश के अलग-अलग हाईकोर्ट में वक्फ एक्ट से जुड़ी करीब 120 याचिकाएं दायर कर मौजूदा कानून में कई खामियां बताई गईं।

पांडेय ने कहा कि पुराने वक्फ कानून की खामियों की वजह से आम लोगों के लिए वक्फ जैसी ताकतवर संस्था के फैसले को कोर्ट में चौलेंज करना आसान नहीं है। इन याचिकाकर्ताओं की सबसे महत्वपूर्ण मांग है कि धार्मिक आधार पर कोई ट्रिब्यूनल नहीं होना चाहिए। वक्फ संपत्तियों पर फैसला सिविल कानून से हो, न कि वक्फ ट्रिब्यूनल से।

संशोधित वक्फ कानून के पारित होने व अस्तित्व में आने के बाद न केवल कई पेचीदगियों का समाधान होगा बल्कि पारदर्शी तरीके से आम व गरीब मुसलमानों के कल्याणार्थ वक्फ परिसम्पतियों का प्रबंधन भी संभव होगा। विभिन्न तबकों की मुस्लिम महिलाओं व गरीबों को उनका वाजिब हक मिल सकेगा।

वक्फ संशोधन विधेयक अन्याय के जड़ पर प्रहार: दानिश इकबाल

भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल ने वक्फ संशोधन विधेयक की प्रशंसा करते हुए कहा है कि वक्फ संशोधन विधेयक अन्याय के जड़ पर प्रहार है। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड आज सिर्फ कुछ लोगों के हाथ में है, जबकि इस विधेयक के पास हो जाने के बाद यह बोर्ड पारदर्शी और जवाबदेह बन जाएगा।

इकबाल ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कुछ लोग इसे असंवैधानिक व मुस्लिम विरोधी बता रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है कि यह विधेयक किसी धर्म के खिलाफ नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध है। वक्फ बोर्ड आज कुछ सीमित लोगों के हाथ में है। यह संशोधन पहले ही पास हो जाना चाहिए था।

उन्होंने कहा, सही अर्थों में वक्फ की संपत्ति गरीब मुस्लिमों के लिए थी, लेकिन आज कुछ भू-माफिया इन संपत्तियों के ठेकेदार बने हुए हैं। इस विधेयक का विरोध करने वालों को यह बताना चाहिए कि किसी गरीब मुस्लिम को वक्फ से फायदा हुआ। कितने अस्पताल खुले, कितने स्कूल खुले।

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