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Bihar Politics: तीसरे दांव में भी प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी चित, फिर भी पराजय धमकदार

Dainik Jagran - April 2, 2025 - 8:53pm

विकाश चन्द्र पाण्डेय, पटना। प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) तो बिहार में काफी पहले से सक्रिय थे, जबकि पिछले वर्ष दो अक्टूबर से उनकी जन सुराज पार्टी (Jan Suraaj Party) भी अस्तित्व में आ गई। उससे पहले पीके का आंदोलन पदयात्रा और संवाद तक सीमित था, फिर भी उसका राजनीतिक रंग उभर ही आता था।

अलबत्ता जसुपा के साथ पीके की चुनावी यात्रा की शुरुआत हुई, जो अभी तक कांटों से  ही रही है। आगे विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) है, जिसके लिए जीत का हौसला बनाए रखने की चुनौती तीन अलग-अलग चुनावों में मिली हार के बाद बढ़ गई है।

पहली हार विधानसभा के उपचुनाव में हुई थी और दूसरी विधान परिषद के लिए तिरहुत (स्नातक) क्षेत्र के उपचुनाव में। तीसरी हार पटना विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में हुई है, जो ताजातरीन है। नि:संदेह इन तीनों चुनावों में जसुपा की पराजय हुई, लेकिन मिलने वाले वोट बता रहे कि मैदान में उसकी उपस्थिति कमजोर भी नहीं कही जा सकती।

तीनों चुनाव क्यों हारी जसुपा?

इन तीनों चुनावों से जसुपा को एक सीख समान रूप से मिल रही। वह प्रत्याशियों के चयन में सूझबूझ है। हड़बड़ी के कारण या पूर्व तैयारी नहीं होने से वह तीनों चुनावों में इस मोर्चे पर गच्चा खा चुकी है। दिसंबर, 2024 मेंं हुए विधानसभा उपचुनाव में उसे कुल चार में से अपने दो प्रत्याशी बदलने पड़े थे। फिर भी उसे 10 प्रतिशत से कुछ अधिक मत मिले थे।

इतना वोट कम नहीं होता, जबकि 2020 के विधानसभा चुनाव मेंं राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से मात्र 0.3 प्रतिशत कम मत पाकर महागठबंधन सत्ता से वंचित रह गया था। तब दोनों गठबंधनों के बीच 15 सीटों का अंतर रहा था। लगभग तीन दर्जन सीटों पर जदयू की संभावना मात्र 5.66 प्रतिशत मत पाने वाली लोजपा के कारण प्रभावित हुई थी।

विधान परिषद उपचुनाव में क्या हुआ?

विधान परिषद के उपचुनाव में निर्दलीय वंशीधर बृजवासी विजयी हुए थे। वे जसुपा के अघोषित प्रत्याशी थे, लेकिन खर्च आदि के मुद्दे पर बात नहीं बनी। अंतत: जसुपा विनायक गौतम को ले आई। बृजवासी को मिले 23003 मतों की तुलना में 10195 मत लेकर विनायक दूसरे स्थान पर रहे। राजद और जदयू को क्रमश: तीसरे और चौथे स्थान से संतोष करना पड़ा था।

छात्र संघ चुनाव

छात्र संघ के चुनाव में तो जदयू मैदान में ही नहीं था, जबकि राजद समर्थित सभी प्रत्याशियों की करारी हार हुई। जसुपा ने लगभग सभी सीटों पर विरोधियों को करारी टक्कर दी। हालांकि, उसका एक भी प्रत्याशी विजयी नहीं रहा, लेकिन युवाओं का उसे अच्छा समर्थन मिला है। कोषाध्यक्ष पद पर उसके प्रत्याशी ब्रजेश 1528 मत लेकर तीसरे स्थान पर रहे, जबकि एनएसयूआइ 901 मतों के अंतर से विजयी रहा था।

महासचिव के पद पर उसकी प्रत्याशी ऋतंभरा राय 753 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहीं। इस चुनाव में जसुपा की सर्वोत्तम उपलब्धि अनु कुमारी के नाम संयुक्त सचिव के पद पर रही। यहां जीत-हार का निर्णय मात्र 182 वोटों से हुआ, जबकि अनु 2091 मत पाकर दूसरे स्थान पर रहीं।

हालांकि, प्रत्याशियों के चयन की सीख यहां भी मिली। दिवेश दीनू अध्यक्ष पद के प्रत्याशी थे। विद्यार्थी परिषद से मिलीभगत के कारण उनसे हाथ पीछे खींच जसुपा को एनएसयूआइ को समर्थन देना पड़ा था।

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'पिछड़े मुस्लिम-महिलाओं की वक्फ में भागीदारी से परेशानी क्यों', बीजेपी सांसद ने Waqf Amendment Bill के समझाए कानूनी प्रविधान

Dainik Jagran - National - April 2, 2025 - 8:14pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान लोकसभा में दोनों ओर से जमकर तर्क-बाण चले। विपक्ष की ओर से इसका विरोध किया गया तो सत्ता पक्ष की ओर से संविधान का हवाला और मुस्लिम पिछड़ों और महिलाओं की भलाई का हवाला दिया।

रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस सदस्य गौरव गोगोई द्वारा उठाए गए बिंदुओं का जिक्र करते हुए स्पष्ट करना चाहा कि संविधान के मौलिक अधिकार में धारा 15 है, जिसमें लिखा है कि महिलाओं के साथ कोई भी भेद नहीं होगा और सरकार महिलाओं के विकास के लिए कोई भी कानून बना सकती है। यदि यह वक्फ बिल खवातीनों के लिए, वक्फ में उनकी भूमिका के लिए लाया जा रहा है तो असंवैधानिक कैसे हो गया? वहीं, संविधान की धारा 15 में यह भी लिखा हुआ है कि सामाजिक रूप से पिछड़े वर्ग के विकास के लिए सरकार कार्यवाही कर सकती है। पिछड़े मुसलमानों को अभी वक्फ के मैनेजमेंट में अवसर नहीं मिलता। संशोधन बिल में इसका प्रविधान किया जा रहा है कि पिछड़े मुसलमानों को भी वक्फ में जगह दी जाएगी तो इसमें विपक्ष को परेशानी क्यों है?

Wafq is not a religious body and just a statutory body: Ravi Shankar Prasad#WaqfAmendmentBill #WaqfBill #WaqfBoard pic.twitter.com/DxL1AsNJp9

— DD News (@DDNewslive) April 2, 2025

वक्फ धार्मिक नहीं, वैधानिक संस्था: बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद

सांसद रविशंकर ने तर्क दिया कि वक्फ धार्मिक नहीं, वैधानिक संस्था है। मुतवल्ली को सिर्फ मैनेजर बोलते हैं। यह वक्फ बोर्ड की आठ लाख की संपत्ति के मैनेजर हैं। यह संपत्ति लूटी जा रही है तो क्या सरकार खामोश रहेगी? उन्होंने सवाल किया कि आठ लाख संपत्ति में कितने अस्पताल, स्कूल, स्किल सेंटर या अनाथालय बने? विधवा-बेटियों को सिलाई-कढ़ाई सिखाने के लिए क्या व्यवस्था की गई?

#WaqfAmendmentBill

BJP MP Ravi Shankar Prasad says, "Today, I want to raise this question before Parliament—how many schools have been built on Waqf property? How many hospitals, skill centres, and orphanages have been established on Waqf land?..."#WaqfBill | #Waqf | #LokSabhapic.twitter.com/7ruhz9iCpw

— All India Radio News (@airnewsalerts) April 2, 2025

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि देश जितना हिंदुओं का है, उतना ही मुस्लिमों का है, लेकिन मुस्लिमों के आदर्श क्या वोटों की दलाली करने वाले होंगे? हमें लगा था कि वोटों की सौदागरी बंद होगी, लेकिन बंद नहीं हुई। देश बदल रहा है। कांग्रेस कहां थी, कहां आ गई। राजीव गांधी को 400 सीटें मिली थीं, लेकिन शाहबानो केस के बाद आज तक बहुमत नहीं मिला।

वक्फ बन गया था अत्याचार और भ्रष्टाचार का अड्डा: अनुराग ठाकुर

इसी तरह अनुराग ठाकुर ने कहा कि वक्फ को बदलने का वक्त आ गया है, क्योंकि यह अत्याचार और भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। भारत को वक्फ के खौफ से आजादी चाहिए। यह हिंदुस्तान है, पाकिस्तान या तालिबान नहीं है। यहां बाबा साहेब का संविधान चलेगा, मुगलिया फरमान नहीं चलने वाला।

उन्होंने आरोप लगाया कि वक्फ बोर्ड का उद्देश्य मुस्लिम समुदाय के लिए संपत्तियों का प्रबंधन करना था, लेकिन कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने इस भूमि को वोटबैंक का एटीएम बनाकर रख दिया। अपने तेवर और तीखे करते हुए आरोप लगाया कि 1947 का विभाजन देश ने देखा, जो कि एक परिवार और पार्टी के कारण हुआ। आज लैंड जिहाद के नाम पर दूसरा विभाजन नहीं होने देंगे। राहुल गांधी और अखिलेश यादव से पूछा कि क्या मुस्लिम समुदाय में भी भेदभाव या छुआछूत है? फिर कहा कि यह विधेयक कांग्रेस की मुस्लिम तुष्टिकरण का अंतिम संस्कार करने वाला है।

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Waqf Amendment Bill: 'आप हाथ छोड़कर चले गए...', अखिलेश ने मोदी सरकार के इस मंत्री को दिया साथ आने का खुला ऑफर

Dainik Jagran - National - April 2, 2025 - 8:14pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा में बुधवार को पेश हुए Waqf Amendment Bill की चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अलग भाजपा और उसके सहयोगी दलों पर जमकर निशाना साधा।

लोकसभा चुनाव 2025 के पहले तक जेडीयू विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' का हिस्सा थी, लेकिन बाद में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए के खेमे में चले गए। अब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हल्के-फुल्के अंदाज में लेकिन बड़े राजनीतिक संकेतों के साथ केंद्रीय मंत्री और जेडीयू नेता ललन सिंह को साथ आने का खुला ऑफर दे दिया।

अखिलेश का जेडीयू पर तंज

यह वाकया तब हुआ जब जेडीयू सांसद राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) ने संसद में अपना बयान दिया। उनके बोलने के बाद अखिलेश यादव ने मुस्कुराते हुए तंज कसा, "आप हमें छोड़कर चले गए। सभापति महोदया, देखिए राजनीति कैसी होती है! हमने इनका हाथ पकड़ा और यहां तक आए, लेकिन इन्होंने हमारा हाथ छुड़ा लिया और वहां चले गए। हो सकता है, कल फिर हमारा और इनका हाथ मिल जाए!"

वक्फ बिल को लेकर क्या बोले अखिलेश यादव?

सपा अध्यक्ष ने कहा, "यह वक्फ बिल जो लाया जा रहा है ये अपने वोट बैंक को संभालने के लिए और समाज को बाटने के लिए है। जो इससे पहले फैसले लिए सरकार ने क्या उससे देश और प्रदेश में बड़ा बदलाव आ गया?"

"यह वक्फ बिल जो लाया जा रहा है ये अपने वोट बैंक को संभालने के लिए और समाज को बाटने के लिए है। जो इससे पहले फैसले लिए सरकार ने क्या उससे देश और प्रदेश में बड़ा बदलाव आ गया?"

- माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी pic.twitter.com/l2vJCyySqd

— Samajwadi Party (@samajwadiparty) April 2, 2025

अमित शाह का पलटवार

वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ बोलते हुए अखिलेश ने भाजपा अध्यक्ष के चुनाव में हो रही देरी को लेकर सवाल उठाते हुए तंज किया।

अखिलेश ने कहा, जो पार्टी ये कहती हो कि वो दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है, वो अब तक अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं चुन पाई हैं।

#WATCH | Samajwadi Party chief and MP Akhilesh Yadav takes jibe at BJP; he said, "The party that calls itself the world's largest party has not yet been able to choose its national president."

Replying to him, Union HM Amit Shah said, "All the parties in front of me, their… pic.twitter.com/9zX6mAejzz

— ANI (@ANI) April 2, 2025

हालांकि इस तंज पर केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष में जो भी पार्टी बैठी है, वहां परिवार में से ही किसी को अध्यक्ष चुनना होता है। जबकि हमारे यहां 12-13 करोड़ सदस्य हैं, चुनाव की प्रक्रिया होती है, इसीलिए देर लगती है।

अमित शाह बोले, "आपके यहां चुनाव नहीं होता इसीलिए देर नहीं लगती। मैं कह देता हूं कि आप अगले 25 साल तक अपनी पार्टी के अध्यक्ष हो, और कोई नहीं बन सकता। अमित शाह के इस जवाब पर अखिलेश यादव हाथ जोड़ते नजर आए।

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Bihar Bhumi: लैंड म्यूटेशन को लेकर सरकार सख्त, इन अफसरों पर गिरेगी गाज; अंचलों की बन गई लिस्ट

Dainik Jagran - April 2, 2025 - 8:01pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की समीक्षा बैठक में विभागीय मंत्री संजय सरावगी ने सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई का आदेश दिया। बुधवार को हुई समीक्षा बैठक में विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह तथा सचिव जय सिंह भी मौजूद थे।

दाखिल-खारिज मामलों में विगत छह महीनों में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले पदाधिकारियों पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए मंत्री ने कार्रवाई का आदेश दिया।

मंत्री ने कहा कि कई छोटे-मोटे कारणों की वजह से अंचलाधिकारियों द्वारा दाखिल-खारिज के मामलों को अस्वीकृत कर दिया जाता है।

खराब प्रदर्शन में लखीसराय का पिपरिया अंचल सबसे ऊपर

बैठक में बताया गया कि प्राप्त आवेदनों को अस्वीकृत करने के आधार पर खराब प्रदर्शन करने वाले अंचलों में लखीसराय का पिपरिया अंचल पहले स्थान पर है।

इस अंचल में अंचलाधिकारी द्वारा विगत वर्ष में दाखिल खारिज के कुल प्राप्त आवेदनों में से 65.12% आवेदनों को अस्वीकृत कर दिया गया है। दूसरे स्थान पर दरभंगा का जाले है, जहां दाखिल खारिज आवेदनों को अस्वीकृत करने का प्रतिशत 62.96 है।

तीसरे स्थान पर भोजपुर का अगियांव (55.21%), चौथे स्थान पर किशनगंज का ठाकुरगंज (55.15%), पांचवें स्थान पर जहानाबाद का मोदनगंज (53.91%), छठे स्थान पर भोजपुर का बरहरा (53.52%), सातवें पर अररिया का जोकीहाट (52.38%), आठवें पर मधुबनी का जयनगर (50.30%), नौवें पर खगड़िया का बेलदौर (50.09%) तथा दसवें स्थान पर दरभंगा का कुशेश्वर स्थान पूर्वी (49.62%) है।

सबसे अच्छा प्रदर्शन

कैमूर के नुआंव अंचल का प्रदर्शन सबसे अच्छा है। यहां कुल प्राप्त आवेदनों में से मात्र 6.74% आवेदनों को ही अस्वीकृत किया गया है। दूसरे स्थान पर नालंदा का एकंगरसराय (7.44%), तीसरे स्थान पर लखीसराय का हलसी (8.93%), चौथे स्थान पर कैमूर का मोहनियां (9.24%), पांचवें स्थान पर मुजफ्फरपुर का मुरौल अंचल (9.54%)।

छठे स्थान पर वैशाली का पातेपुर (9.60%), सातवें स्थान पर पूर्णिया का श्रीनगर अंचल (9.71%), आठवें पर सीतामढ़ी का बाजपट्टी (10.26%), नौवें पर लखीसराय का बरहिया (10.53%) तथा दसवें स्थान पर कैमूर का रामपुर अंचल (11.06%) है।

अपना नम्बर डालें

मंत्री ने समीक्षा बैठक के दौरान यह भी कहा कि आमजनों को दाखिल खारिज हेतु आवेदन करते समय अपना ही मोबाइल नंबर डालना चाहिये। सीएससी सेंटर या साइबर कैफे से आवेदन करते वक्त भी यह ध्यान रखें कि मोबाइल नंबर कैफे वाले का न डालें, बल्कि आवेदक सजग होकर अपना फोन नंबर दें।

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Bihar News: बिहार में पुल गिरने का मामला, सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका को पटना हाई कोर्ट में किया ट्रांसफर

Dainik Jagran - April 2, 2025 - 7:39pm

जागरण टीम, पटना/नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में पिछले वर्ष पुल गिरने की विभिन्न घटनाओं को उठाने वाली और पुलों की सुरक्षा और स्ट्रक्चरल आडिट की मांग वाली जनहित याचिका को पटना हाई कोर्ट स्थानांतरित कर दिया है।

कोर्ट ने संक्षिप्त सुनवाई में ऐसी घटनाओं पर होने वाली कार्रवाई पर भी सवाल उठाए। पीठ के एक न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि तीन पुल निर्माण के दौरान गिर गए और कुछ अधिकारियों को सस्पेंड कर काम चला लिया गया।

वकील बृजेश सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में पिछले वर्ष याचिका दाखिल की थी जिसमें बिहार में एक एक बाद एक लगातार पुल गिरने की घटनाओं को उठाते हुए पुलों की मजबूती और सुरक्षा के लिए स्ट्रक्टचरल आडिट कराने की मांग की थी।

साथ ही मांग थी कि एक स्थाई समिति बनाई जाए जो पुलों का निरंतर रखरखाव देखे। इस याचिका पर कोर्ट ने पिछले वर्ष 29 जुलाई को बिहार सरकार, एनएचएआइ व अन्य को नोटिस जारी किया था।

बुधवार को संक्षिप्त सुनवाई में भारत के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और संजय कुमार की पीठ ने जनहित याचिका को पटना हाई कोर्ट भेजते हुए कहा कि हाई कोर्ट पुलों की सुरक्षा आडिट और मजबूती के बारे में निगरानी कर सकता है। हर महीने निगरानी कर सकता है।

शीर्ष अदालत ने हाई कोर्ट में सुनवाई की 14 मई की तारीख तय करते हुए याचिकाकर्ता बृजेश ¨सह, राज्य प्राधिकरणों और एनएचएआइ को 14 मई को हाई कोर्ट में पेश होने को कहा है जहां आगे की तारीख हाई कोर्ट तय करेगा।

सुनवाई के दौरान बिहार सरकार ने क्या कहा?

सुनवाई के दौरान बिहार सरकार ने कहा कि उसने राज्य में करीब 10,000 पुलों का निरीक्षण किया है। हालांकि याचिकाकर्ता बृजेश सिंह का कहना था कि पुल ढहने की घटनाएं हुईं लेकिन तीसरे पक्ष द्वारा निरीक्षण नहीं हुआ।

पीठ के न्यायाधीश संजय कुमार ने कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए टिप्पणी की कि तीन पुल निर्माण के दौरान ही गिर गए और कुछ अधिकारियों को सस्पेंड कर काम चला लिया गया।

कुछ दिनों में वह फिर नौकरी पर लौट आएंगे। बिहार सरकार के वकील ने कहा कि विभागीय जांच जारी है। इस पर पीठ ने हाई कोर्ट से विभागीय जांच की भी निगरानी करने को कहा।

कोर्ट ने एनएचआइ के जवाब पर जताया असंतोष
  • पीठ ने कहा कि राज्य प्राधिकरणों द्वारा दाखिल किये गए जवाब देखे हैं, उसमें बताया गया है कि वे क्या कर रहे हैं। कोर्ट ने एनएचआइ के जवाब पर असंतोष जताते हुए कहा कि इतना बड़ा जवाब है, लेकिन उसमें कोई तथ्य नहीं हैं।
  • कोर्ट ने मामला हाई कोर्ट ट्रांसफर करते हुए रजिस्ट्री को आदेश दिया है कि तीन सप्ताह में याचिका की सभी फाइलें पटना हाई कोर्ट भेज दे।
राज्य के साढ़े तीन हजार से अधिक पुलों का बनेगा हेल्थ कार्ड: नितिन नवीन

उधर, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा है कि पुलों के रख रखाव की नीति अंतिम चरण में है। इसका मुख्य उद्देश्य समय पर पुलों का रखरखाव और मजबूतीकरण पर ध्यान देना है।

इसमें हर महीने पुलों की रियल टाइम मानिटरिंग की योजना प्रस्तावित है। इस मुद्दे पर विचार करने के लिए बुधवार को मंत्री की अध्यक्षता में बैठक हुई।

इसमें विभाग के एसीएस मिहिर कुमार सिंह, राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के अध्यक्ष शीर्षित कपिल समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।

बताया गया कि कैबिनेट की मंजूरी के लिए जल्द ही प्रस्ताव भेजा जाएगा। मंत्री ने कहा कि राज्य में करीब 3500 से अधिक छोटे-बड़े पुल है।

हमलोग जल्द इन पुलों का हेल्थ कार्ड बनाएंगे, जिसकी मदद से पुल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी मिलती रहेगी।

इस कार्ड के जरिये पुलों पर होने वाले गड्ढे, जलजमाव, क्रैक समेत सभी त्रुटियों का समय पर पता लग पायेगा। संबंधित इंजीनियरों को इनकी मरम्मत के लिए जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

इस नीति को मंजूरी मिलने के बाद डिपार्टमेंट के इंजीनियरों की ट्रेनिंग होगी, ताकि नीति का कुशलतापूर्वक क्रियान्वयन हो सके।

इस नीति को बनाने में आईआईटी दिल्ली, आईआईटी रूरकी, आईआईटी मद्रास और आईआईटी पटना से मदद ली जा रही है।

उन्होंने कहा कि नई नीति से पुलों की उम्र बढ़ेगी। जनता की यात्रा भी सुगम होगी। हमलोग पुलों पर भारी वाहनों के ठहराव पर प्रतिबंध लगाने को लेकर बेहद सख्त हैं। इसे सभी संबंधित अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्देश दे दिया गया है।

बिहार में बन रहे सड़कों-पुलों के निर्माण से राज्य को देशभर में एक नई पहचान बन रही है। एनडीए की सरकार प्रदेश के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

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'शादी का भरोसा देकर बनाए शारीरिक संबंध', महिला ने SC में लगाई गुहार तो जज साहब ने की अहम टिप्पणी

Dainik Jagran - National - April 2, 2025 - 7:19pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को यौन उत्पीड़न मामले पर सुनवाई करते हुए एक अहम टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि असफल रोमांटिक रिश्ते का मतलब हमेशा यह नहीं होता कि दोनों पक्षों पर यौन संबंध जबरन बनाए गए थे।

दरअसल, एक महिला ने याचिका दायर किया था कि उसके पूर्व मंगेतर ने उसके साथ शादी का वादा कर यौन संबंध बनाए। लड़की ने कोर्ट में दलील दी कि उसे उम्मीद थी कि लड़का उसके साथ शादी करेगा, इसलिए उसने यौन संबंध बनाए।

युवाओं के बीच नैतिकता की भावना अलग हो चुकी है: कोर्ट

कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि महिला बालिग है। ऐसा  नहीं हो सकता कि आपको यह विश्वास दिलाकर धोखा दिया गया हो कि आपकी शादी हो जाएगी, ।  आज के समय युवाओं के बीच नैतिकता, सद्गुणों की अवधारणा अलग हो चुकी है। अगर हम आपकी बात से सहमत हैं, तो कॉलेज में लड़के और लड़की के बीच कोई भी रिश्ता, वगैरह दंडनीय होगा।"

अदालत ने यह भी कहा कि इस तरह की शिकायतें कभी-कभी रूढ़िवादी नैतिकता और मूल्यों से प्रेरित होती हैं, जिसमें व्यवस्था में "खामियों" के कारण पुरुष को ही दोष दे दिया जाता है।

महिला की वकील ने क्या दलील दी?

हालांकि,  महिला के वकील ने बताया कि जिस रिश्ते पर सवाल उठाया जा रहा है, वह 'अरेंज्ड' था और 'रोमांटिक' नहीं था, इसलिए 'सहमति' का सवाल उठता है।  वकील माधवी दीवान ने कहा, "यह कोई रोमांटिक रिश्ता नहीं है जो खराब हो गया। यह अरेंज्ड था। इस मामले में सहमति को 'स्वतंत्र सहमति' नहीं कहा जा सकता है।" उन्होंने स्पष्ट किया कि सगाई तोड़ना "सामाजिक वर्जना" के बराबर होगा।

दीवान ने तर्क दिया कि महिला को लगता था कि अगर वह उसे खुश नहीं करेगी तो वह उससे शादी नहीं करेगा। उन्होंने अदालत से कहा, "यह उसके लिए आकस्मिक सेक्स हो सकता है, लेकिन महिला के लिए नहीं।"

अदालत ने इस पर कहा कि स्थिति की जांच दोनों पक्षों के दृष्टिकोण से की जानी चाहिए और इसका "किसी एक लिंग से कोई संबंध नहीं है।

न्यायमूर्ति सुंदरेश ने पूछा, "मेरी भी एक बेटी है (लेकिन फिर भी) यदि वह इस स्थिति में है तो मुझे व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखने की जरूरत है। अदालत ने अंततः निर्णय लिया कि वह उस व्यक्ति की याचिका पर आगे सुनवाई करेगी।

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Patna Mahavir Mandir: रात 2 बजे खुलेगा महावीर मंदिर का पट, रामनवमी पर भक्तों के लिए की गई स्पेशल व्यवस्था

Dainik Jagran - April 2, 2025 - 7:15pm

जागरण संवाददाता, पटना। रामनवमी के दिन महावीर मन्दिर में रविवार को रात्रि दो बजे मुख्य गर्भ गृह का पट खुल जाएगा।

गर्भ गृह में विराजमान हनुमान जी दोनों विग्रहों और रामदरबार की जागरण आरती होगी। उसके बाद तड़के 2.15 बजे से पंक्तिबद्ध होकर भक्त अपने आराध्य को प्रसाद व माला अर्पित कर सकेंगे।

मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के अनन्य भक्त महावीर हनुमान के दो विग्रहों वाले महावीर मन्दिर में राम जन्मोत्सव पर पुष्पवर्षा का नयनाभिराम नजारा देखने को मिलेगा।

रामनवमी के दिन मध्याह्न वेला में महावीर मन्दिर के आंगन में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जन्म के अवसर पर फूलों की बारिश त्रेतायुग में विष्णु अवतार श्रीराम के जन्म के अवसर पर देवलोक से देवी-देवताओं द्वारा पुष्पवर्षा का एहसास कराया जाएगा।

पुष्प-वर्षा से लेकर मंदिर में पूजन-अर्चन, ध्वज परिवर्तन, जन्मोत्सव आरती, प्रसाद वितरण तक श्रीराम जन्मोत्सव की रिकार्डिंग होगी।

उत्तरी प्रवेश द्वार से मिलेगा प्रवेश

महावीर मन्दिर में रामनवमी के भव्य आयोजन की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। महावीर मन्दिर में रविवार को रामनवमी के दिन लगभग दो से चार लाख भक्तों के पहुंचने की संभावना है।

मन्दिर का पट रामनवमी की मध्य रात्रि दो बजे खुल जाएगा जबकि तड़के 2.15 बजे से भक्त प्रसाद चढ़ा सकेंगे। मध्य रात्रि दो से 2.15 बजे के बीच महावीर मंदिर में जागरण आरती होगी।

ऐसे भक्त जिनके हाथ में प्रसाद होगा, वे पंक्तिबद्ध होकर मन्दिर के उत्तरी प्रवेश द्वार से मन्दिर परिसर में आएंगे। महिलाओं और पुरुषों की अलग-अलग पंक्तियां होगी। इसके जरिए भक्त अपने आराध्य के दर्शन करेंगे।

लगाए जाएंगे 14 एलइडी स्क्रीन

भक्तों के सहूलियत को लेकर मंदिर की ओर से जगह-जगह पर 14 बड़े एलइडी स्क्रीन लगाए जाएंगे। वीर कुवंर सिंह पार्क से महावीर मन्दिर तक पंडाल का निर्माण कराया गया है। जिसमें पंखा की व्यवस्था है।

साथ ही पानी, शर्बत और मोबाइल टायलट की व्यवस्था रखी गई है। महावीर मन्दिर के गर्भगृह में विराजमान हनुमानजी के दोनों विग्रहों और राम दरबार के लाइव दर्शन एलइडी स्क्रीन में दिखाया जाएगा।

भक्तों को वीर कुंवर सिंह पार्क तक ले जाने के लिए महावीर मन्दिर के सामने रेल इंजन के समीप और डाकबंगला चौक से मुफ्त बस फेरी सेवा का प्रबंध महावीर मन्दिर की ओर से किया गया है।

भक्तों को धूप और गर्मी से राहत के प्रबंध
  • गर्मी और धूप को देखते हुए भक्तों के लिए कई इंतजाम किए गए हैं। भक्त मार्ग को बैरिकेटिंग के साथ-साथ ऊपर में टेंट से आच्छादित किया गया है। उसमें पंखों और लाइट की पूरी व्यवस्था रहेगी।
  • रास्ते में जगह-जगह शरबत-पानी आदि के प्रबंध किए गये हैं। भक्तों की सहायता के लिए स्वयंसेवक तैनात रहेंगे। महावीर मंदिर परिसर में भी प्रवेश के बाद भक्तों को धूप से बचाने के लिए पंडाल बनाया गया है।
  • पंखे और रोशनी के प्रबंध किए गये हैं। रामनवमी के दिन महावीर मन्दिर की ओर से पुलिसकर्मी के अलावा लगभग 200 निजी सुरक्षा कर्मी और 600 स्वयंसेवक श्रद्धालुओं की सहायता में लगाए गए हैं।
  • भक्तों के लिए निकास द्वार के पास महावीर मन्दिर द्वारा संचालित अस्पतालों की ओर से मेडिकल कैंप लगाए जाएंगे।
दोपहर 12 बजे से पूजन होगा आरंभ

रामनवमी के दिन रविवार को महावीर मंदिर परिसर में स्थित मुख्य ध्वज स्थल पर दोपहर 12 बजे से पूजन प्रारंभ होगा। पूजा के बाद हनुमानजी की आरती और उसके बाद होगी पुष्प वर्षा।

पूजन के बाद महावीर मंदिर में स्थित सभी हनुमान ध्वज बदले जाएंगे। मध्याह्न 11.50 से 12 तक भगवान राम का जन्मोत्सव होगा। इस दौरान भक्त कतारों में अपनी जगह बने रहेंगे।

जन्मोत्सव आरती के बाद भक्तों के प्रसाद चढ़ाने और दर्शन का क्रम रात्रि 12 बजे तक जारी रहेगा। सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक रामलला के विग्रह पर पुष्पवर्षा होगी।

इसका लाइव प्रसारण मन्दिर के यू -ट्यूब चैनल @mahavirmandirpatna और फेसबुक पेज PatnaMahavirMandir पर दिखाया जाएगा। महावीर मन्दिर द्वारा प्रकाशित हनुमान चालिसा की दो लाख प्रतियां भक्तों के बीच वितरित की जाएंगी।

प्रसाद के लिए बनेगा अतिरिक्त काउंटर

रामनवमी के दिन भक्तों की सुविधा के लिए महावीर मन्दिर से जीपीओ तक 10 नैवेद्यम के काउंटर लगाए जाएंगे। इसके अलावा वीर कुंवर सिंह पार्क के पास एक और पार्क के अंदर दो काउंटर की व्यवस्था होगी।

कुल नैवेद्यम के 13 काउंटर होंगे। महावीर मन्दिर के सामने, ऑटो स्टैंड, डाकबंगला चौराहा, जीपीओ गोलंबर, वीर कुंवर सिंह पार्क समेत प्रमुख स्थानों आदि पर महावीर मंदिर के नैवेद्यम उपलब्ध रहेंगे।

इस बार 20 हजार किलो नैवेद्यम तैयार करने के लिए तिरुपति के कारीगर रात-दिन जुटे हैं। शुद्धता और पवित्रता के साथ नैवेद्यम तैयार किया जाता है।

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Lalu Yadav Health Update : लालू यादव दिल्ली रवाना, RJD सुप्रीमो की हेल्थ का पटना के डॉक्टर ने दिया अपडेट

Dainik Jagran - April 2, 2025 - 7:14pm

राज्य ब्यूरो, पटना। Lalu Prasad Yadav health: पिछले 10 वर्षों में तीन आपरेशन करा चुके राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का ब्लड शुगर बढ़ गया है। सोमवार से ही वे कुछ असहज महसूस कर रहे थे। बुधवार पूर्वाह्न जांच के लिए वे दिल्ली प्रस्थान करने वाले थे कि उसी बीच अधिक असहज हो गए। उन्हें पटना में ही पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया।

पूरे दिन चिकित्सकों की सघन निगरानी में रहने के बाद देर शाम वे दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। वहां एम्स में उनकी जांच संभावित है।

दिल्ली में वे अपनी सांसद पुत्री मीसा भारती के सरकारी आवास पर ठहरेंगे। उनके साथ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी जा रहे हैं।

लंबे समय से बीमारियों से जूझ रहे लालू

76 वर्षीय लालू लंबे समय से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे। 2024 में मुंबई में उनकी एंजियोप्लास्टी हुई थी। हृदय में तीन मिलीमीटर के छेद को भरा गया था और एक स्टेंट लगाया गया था। 2022 में सिंगापुर में किडनी प्रत्यारोपण हुआ था। बेटी रोहिणी आचार्य ने उन्हें किडनी दान की थी।

उसके बाद लालू की सक्रियता कुछ बढ़ी भी थीं, लेकिन बढ़ती उम्र उन्हें बीमारियों से उबरने नहीं दे रही। 2014 में उनकी ओपन हार्ट सर्जरी भी हुई थी। उसके साथ ही खान-पान और रहन-सहन में कई तरह की परहेज बरतनी पड़ रही।

अंदरुनी सूत्र बता रहे कि परहेज में हुई कमी से समस्या बढ़ी है। बहरहाल, पारस अस्पताल में भर्ती लालू की एक तस्वीर प्रसारित हो रही है, जिसमें आक्सीजन का मास्क लगाए बेड पर लेटे हुए हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी उनकी सेवा-सुश्रुषा के लिए अस्पताल में ही थीं। अस्पताल के बाहर जुटे राजद कार्यकर्ताओं के साथ पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दिकी और शक्ति सिंह यादव राजद सुप्रीमो के अविलंब स्वस्थ होने की कामना कर रहे थे।

बीमारी के बावजूद राजनीतिक सक्रियता

बीमारी के बावजूद लालू स्वयं को राजनीतिक रूप से सक्रिय रखे हुए हैं। 26 मार्च को लालू गर्दनीबाग में वक्फ संशोधन विधेयक के विरुद्ध मुस्लिम संगठनों ने प्रदर्शन में सम्मिलित हुए थे। वहां उन्होंने कहा था कि गलत हो रहा है। जनता सब समझ रही है।

हम इस विधेयक के विरोध में हैं। उससे पहले 22 मार्च को पटना से पूर्वी चंपारण में कल्याणपुर जाते समय लालू को वैशाली जिले के भगवानपुर में समर्थकों ने रोक लिया था। इस दौरान एक समर्थक उनके लिए घर से बनी मक्के की रोटी, बथुए की साग, लिट्टी और चोखा लेकर पहुंचा था।

मन रखने के लिए उन्होंने थोड़ा चखा और चुनावी तैयारी में जुट जाने का निर्देश दे आगे बढ़ गए। कल्याणपुर में उन्होंने कहा था कि इस बार तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनने से कोई माई का लाल नहीं रोक सकता।

पारस अस्पताल ने दिया लालू यादव का हेल्थ बुलेटिन
  • पारस अस्पताल के पल्मोनरी मेडिसिन के एचओडी डॉ. प्रकाश सिन्हा ने मीडिया से बात करते हुए राजद सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का हेल्थ बुलेटिन भी जारी किया।
  • उन्होंने कहा कि लालू यादव की तबीयत बिगड़ने पर आज उन्हें पारस अस्पताल लाया गया था। उन्हें बुखार भी था और उन्हें दवा दी गई है।
  • सिन्हा ने कहा कि जब वे आए थे, तो उनका स्वास्थ्य थोड़ा कमजोर था, लेकिन जल्द ही उन पर उपचार का असर होने लगा... उन्होंने सभी से बात की। उन्हें आज दिल्ली जाना था... अभी उनका रक्तचाप ठीक हो गया है।
शाम को दिल्ली गए लालू यादव

बता दें कि बुधवार सुबह जानकारी सामने आई थी कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की तबीयत बिगड़ गई है और उन्हें अचनाक दिल्ली रवाना होना पड़ रहा है। हालांकि, वह दिन में नहीं जा सके थे और उन्हें पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

इसके साथ ही यह जानकारी भी सामने आई कि लालू यादव एम्स में अपना रूटीन चेकअप कराने दिल्ली जा रहे हैं। यह भी कहा गया कि वह दिल्ली में अपनी बेटी और सांसद मीसा भारती के घर पर रहेंगे।

यह वह राजद के नेताओं-कार्यकर्ताओं से मिलकर उन्हें वक्फ संशोधन बिल और दूसरे मुद्दों पर रणनीतिक टिप्स भी देंगे।

#WATCH पटना, बिहार: RJD सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव दिल्ली के लिए रवाना हुए।

तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें आज पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। pic.twitter.com/g5mFv1mBrM

— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 2, 2025 वक्फ संशोधन विधयेक लोकसभा में पेश

बता दें कि लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 (Waqf Amendment Bill ) लोकसभा में पेश कर दिया गया है। कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दलों ने इस दौरान जमकर हंगामा किया।

सरकार जहां इस विधेयक को मुस्लिमों के हित में एक सुधारात्मक कदम बता रही तो वहीं विपक्ष पुरजोर तरीके से विरोध में उतरा है। विपक्षी दलों का कहना है कि विधेयक संविधान का उल्लघंन है और धार्मिक आजादी के खिलाफ है।

वक्फ बोर्ड का क्या काम है?

वक्फ बोर्ड संपत्तियों का पंजीकरण, प्रबंधन और संरक्षण करता है

मस्जिद, कब्रिस्तान- रैन-बसेरों का निर्माण व रखरखाव करता है

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देश में वक्फ बोर्ड के आठ लाख एकड़ से ज्यादा जमीन है।

वक्फ बोर्ड का विवाद क्या है?

एक बार जब कोई जमीन वक्फ के पास चली जाती है तो उसमें हस्तक्षेप करना मुश्किल

आरोप है कि पावरफुल लोगों ने वक्फ बोर्ड पर कब्जा कर लिया है

वक्फ संपत्ति का उपयोग सिर्फ मुसलमान ही कर सकते हैं

वक्फ बोर्ड में न केंद्र सरकार, राज्य सरकार और न ही कोर्ट का दखल हो सकता है

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