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BPSC 70th Exam: किसने BPSC छात्रों को आंदोलन के लिए उकसाया? JDU के नए खुलासे ने मचाई खलबली
राज्य ब्यूरो,पटना। जदयू ने कुछ कोचिंग संचालकों और विरोधी दलों के नेताओं पर बीपीएससी की पीटी परीक्षा की आड़ में छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है।
शनिवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार, प्रदेश प्रवक्ता अंजुम आरा और मनीष यादव ने कहा कि छात्रों को उकसाकर कुछ राजनेताओं और निहित स्वार्थी तत्वों ने उन्हें जबरन आंदोलन में धकेल दिया था।
लगाए गए झूठे आरोपबीपीएससी परीक्षा में अनियमितताओं और सीट बेचने के झूठे और अनर्गल आरोप लगाए गए। आंदोलन के क्रमवार घटनाक्रमों का उल्लेख करते हुए पार्टी प्रवक्ताओं ने इसे छात्रों के खिलाफ गंभीर साजिश करार दिया।
प्रवक्ताओं ने इस संबंध में पटना हाई कोर्ट के न्यायिक आदेश का भी उल्लेख किया। कोर्ट ने परीक्षा रद करने लिए दायर सभी याचिकाओं को अस्वीकार कर दिया है।
इंटरनेट का किया गया इस्तेमालजदयू प्रवक्ताओं ने कहा कि इंटरनेट मीडिया के माध्यम से कोचिंग संचालकों ने परीक्षार्थियों को भड़काया गया। उन्हें आन्दोलन के लिए प्रेरित किया। हाई कोर्ट ने इस प्रवृति को गैर-जिम्मेदाराना बताया।
हाई कोर्ट ने इस पर चिंता जताई कि शिक्षा प्रणाली में बदलाव के कारण कोचिंग संस्थानों की जरुरत बढ़ी है। जदयू प्रवक्ताओं ने कहा कि कोचिंग संचालकों ने लाभ कमाने के उद्देश्य से आन्दोलन का समर्थन किया।
हाईकोर्ट ने याचिकाओं को किया खारिजपटना हाईकोर्ट में 70वीं बीपीएससी प्रारंभिक पीटी परीक्षा को रद करने से जुड़ी याचिकाओं पर शुक्रवार को फैसला आया। कोर्ट ने इससे जुड़ी याचिकाओं को खारिज कर दिया।
कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश आशुतोष कुमार और न्यायाधीश पार्थ सारथी की खंडपीठ ने 19 मार्च 2025 को इस मामले पर फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे कोर्ट ने शुक्रवार को सुनाया।
भविष्य में न उत्पन्न हो ऐसी स्थितिकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि बीपीएससी एक हाई लेवल कमेटी बना कर यह सुनिश्चित करे कि भविष्य में ऐसी कोई स्थिति उत्पन्न न हो, जिससे परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना करना पड़े।
मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता पी.के. शाही ने कोर्ट को बताया था कि याचिकाकर्ताओं द्वारा लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं और परीक्षा पूरी तरह शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई थी।
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चुनाव से पहले पप्पू यादव ने CM नीतीश से कर दी बड़ी मांग, आंदोलन करने वाले BPSC छात्रों को भी दे दिया नया संदेश
राज्य ब्यूरो, पटना। सांसद राजेश रंजन ऊर्फ पप्पू यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह किया है कि वे बिहार में वक्फ संशोधन बिल लागू न करें।
इस बिल को लेकर उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के फैसले का हवाला दिया, जिन्होंने इस बिल को लागू नहीं करने की घोषणा की है।
पप्पू शनिवार को यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बीपीएससी 70 वीं पीटी परीक्षा रद नहीं करने के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ वे सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
उन्होंने तीन हजार करोड़ रुपये की कोसी-मेची लिंक प्रोजेक्ट को मंजूरी देने के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया। कहा कि उन्होंने संसद में लगातार इस मुद्दे को उठाया था।
महानंदा बेसिन प्रोजेक्ट को तत्काल रोकने की मांग- उन्होंने महानंदा बेसिन प्रोजेक्ट को तत्काल रोकने की मांग की। इस प्रोजेक्ट से 10 लाख लोग तबाह हो जाएंगे। बिहार के कुछ विभागों के टेंडर घोटाले पर उन्होंने कहा कि वे मुख्य सचिव से मुलाकात कर पूछेंगे कि आखिर टेंडर अधिकतम मूल्य पर क्यों दिए जा रहे हैं।
- उन्होंने सभी टेंडर रद करने की मांग करते हुए कहा कि इस मामले को हाईकोर्ट में ले जाया जाएगा। साथ ही, ईडी की हालिया छापेमारी में पकड़े गए चीफ इंजीनियर तारिणी दास को "छोटी मछली" करार देते हुए उनके नियोजन और टेंडर आवंटन की जांच की मांग की।
बता दें कि वक्फ संशोधन बिल को लेकर देश भर में बवाल चल रहा है। बिहार में भी इस बिल का काफी विरोध हो रहा है। पटना के दानापुर में रमजान के अलविदा जुम्मे की नवाज के बाद मुस्लिम वर्ग के लोगों ने वक्फ संशोधन बिल को लेकर शांतिपूर्ण विरोध प्रकट किया।
बताया जाता है कि शहर में कई मुस्लिमों ने काली पट्टी बांध रखा था। बीबीगंज सराय की मस्जिद से नवाज के बाद शांतिपूर्ण विरोध जुलूस निकाला, जो सराय की मस्जिद से निकल कर बीबीगंज चिक टोली गली होते हुए डालवर से दानापुर गांधी मैदान मुख्य मार्ग पर निकले।
मुस्लिम समाज के लोग हाथ में काला बिल्ला लगाए बिल के खिलाफ जुलूस में शामिल हुए। लोगों ने बिल के विरोध में नारेबाजी की।
वहीं, सराय की मस्जिद के इमाम मौलाना रिज़वान ने कहा कि मोदी सरकार ये काला बिल को वापस लेना पड़ेगा। मोदी सरकार जब से आयी है, तब से मुसलमान के खिलाफ हीं काम हो रहा है।
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Patna News: राजधानी जलाशय में बढ़ाई जाएंगी सुविधाएं, इको टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा
जागरण संवाददाता, पटना। Patna News: राजधानी जलाशय को इको टूरिज्म और संरक्षण स्थल के रूप में विकसित करने की योजना को हरी झंडी मिल गई है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की सचिव वंदना प्रेयषी ने बताया कि इंतजार की घड़ियां समाप्त हुई।
लंबे वक्त से इसे संवारने की लगातार कोशिश हो रही थी और अब इसके लिए करीब 7.5 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत की गई है। इस परियोजना के तहत जलाशय के सौंदर्यीकरण, जैव विविधता संरक्षण और पर्यावरण-संवेदनशील जोन के रूप में विकसित करने पर जोर दिया जाएगा।
इंटरप्रिटेशन सेंटर का भी होगा निर्माणइस परियोजना का मुख्य उद्देश्य प्रवासी और स्थानीय पक्षियों के लिए एक सुरक्षित वातावरण तैयार करना है। इससे उनकी संख्या में बढ़ोतरी हो सके। इसके अलावा पर्यटकों के लिए इंटरप्रिटेशन सेंटर भी बनाया जाएगा, जहां वे स्थानीय और प्रवासी पक्षियों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
ग्रीन जोन विकसित करने पर विशेष ध्यानबिहार सरकार पूरे राज्य में ग्रीन जोन विकसित करने पर विशेष ध्यान दे रही है। नवादा और सीतामढ़ी समेत अन्य जिलों में भी नए पार्कों और ग्रीन जोन का विकास किया जा रहा है। साथ ही आर्द्रभूमियों (वेटलैंड्स) के संरक्षण के लिए भी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन प्रयासों से न केवल पर्यावरण संतुलित रहेगा बल्कि इको टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम के रूप में पार्कों और ग्रीन जोन का निर्माण कृत्रिम फेफड़ों (आर्टिफिशियल लंग्स) की तर्ज पर किया जा रहा है। ये हवा की गुणवत्ता को सुधारने और प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद करेंगे। इससे क्षेत्र में स्वच्छ और शुद्ध हवा बनी रहेगी, जो पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों के लिए लाभकारी होगी।
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व को भी मिलेगी नई दिशापर्यावरण संरक्षण की इस पहल में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के विकास के लिए भी योजना स्वीकृत की गई है। इससे वहां के वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। आने वाले वक्त में यह क्षेत्र पक्षी प्रेमियों, प्रकृति प्रेमियों और पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनेगा। इससे न केवल जैव विविधता का संरक्षण होगा बल्कि स्थानीय पर्यटन और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
Chennai: NEET परीक्षा की तैयारी कर रही छात्रा ने की आत्महत्या, विपक्ष ने डीएमके सरकार पर साधा निशाना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के पास केलम्बक्कम से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। यहां पर NEET परीक्षा की तैयारी कर रही एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि 21 वर्षीय देवदर्शिनी नाम की छात्रा एक कोचिंग संस्थान में पढ़ाई कर रही थी और NEET परीक्षा की तैयारी कर रही थी। मई में परीक्षा का आयोजन होने वाली है। बताया गया कि छात्रा पिछले चार बार से परीक्षा को पास करने में असफल रही। इस कारण वह तनाव में थी।
पिता चलाते हैं बेकरी की दुकानमृतका छात्रा के पिता सेल्वराज चेन्नई से करीब 40 किलोमीटर दूर केलम्बक्कम में एक बेकरी चलाते हैं। बताया जा रहा है कि परिवार चेन्नई से वहां इसलिए आया था क्योंकि शहर में उनकी दुकान अच्छी नहीं चल रही थी।
माता-पिता से छात्रा ने कही थी ये बातमामले की जांच कर रहे एक अधिकारी ने बताया कि देवदर्शिनी ने अपने माता-पिता से कहा था कि वह परीक्षा को लेकर तनाव में है। हालांकि, उसके पिता ने आश्वस्त किया था कि उसको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। शुक्रवार को देवदर्शिनी ने अपने पिता के साथ बेकरी की दुकान पर दोपहर तक समय बिताया। इसके बाद उसने कहा कि वह घर जा रही है और कुछ समय बाद वापस आएगी। कुछ समय बाद छात्रा की मां ने उसे कमरे में फंदे से लटके पाया।
विपक्ष ने उठाए सवालइस घटना के बाद तमिलनाडु में डीएमके सरकार पर विपक्ष ने हमला बोला है। राज्य में पिछले आठ सालों में कम से कम 20 NEET उम्मीदवारों ने आत्महत्या की है। राज्य की एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली सरकार और AIADMK ने पहले भी केंद्रीय परीक्षा का विरोध किया है। उनका कहना है कि इस परीक्षा में प्रवेश कक्षा 12वीं के नंबरों के आधार पर किया जाए। इन दोनों दलों ने तर्क दिया है कि NEET संपन्न परिवारों के छात्रों को तरजीह देता है।
बता दें कि साल 2021 में तमिलनाडु विधानसभा ने NEET से छूट की एक मांग वाला विधेयक भी पारित किया था। उधर, देवदर्शिनी की आत्महत्या के बाद AIDMK के महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने स्टालिन सरकार और उनकी पार्टी पर निशाना साधा है। AIDMK ने स्टालिन सरकार पर छात्रों को धोखा देने का आरोप लगाया है।
सरकार पर विपक्ष ने साधा निशानाAIDMK के महासचिव पलानीस्वामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि डीएमके ने झूठ बोला और छात्रों को धोखा दिया कि अगर वह सत्ता में आई तो तमिलनाडु में एनईईटी नहीं होगा। क्या एनईईटी के कारण लगातार हो रही मौतें डीएमके के लिए चिंता का विषय नहीं हैं? चुनावी लाभ के लिए बोले गए आपके बड़े झूठ से आपके हाथों पर जो खून के धब्बे जमा होते जा रहे हैं, उन्हें आप कैसे धोएंगे?
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1 अप्रैल से UPI का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे ये लोग, NPCI ने बताई वजह; क्रेडिट कार्ड होल्डर्स को भी झटका
आईएएनएस, नई दिल्ली। एक अप्रैल 2025 से निष्क्रिय मोबाइल नंबर वाले उपभोक्ता यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के जरिये भुगतान नहीं कर सकेगे। इसका कारण यह है कि ऐसे उपभोक्ताओं का मोबाइल नंबर यूपीआई आईडी से भी अनलिंक हो जाएगा।
इसको लेकर नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने न्यूमैरिक यूपीआई आईडी को लेकर नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। नए निर्देशों के अनुसार, अगर किसी यूपीआई यूजर का बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर लंबे समय तक निष्क्रिय रहता है, तो यूजर की यूपीआई आईडी भी अनलिंक हो जाएगी और वह व्यक्ति यूपीआई सेवा का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा।
मोबाइल नंबर एक्टिव रखना जरूरीऐसे में यूपीआई सेवा का इस्तेमाल करने वाले हर व्यक्ति को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसके बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर सक्रिय हो। यूपीआई सेवा का इस्तेमाल बिना किसी परेशानी के तभी किया जा सकता है, जब बैंक रिकॉर्ड को सही मोबाइल नंबर के साथ अपडेट रखा जाए।
निष्क्रिय या फिर से असाइन किए गए मोबाइल नंबर से जुड़ी यूपीआई सेवा में दिक्कतें आ सकती हैं। दूरसंचार विभाग के नियमों के अनुसार, कोई भी मोबाइल नंबर एक बार बंद होने के 90 दिनों बाद किसी नए ग्राहक को सौंपा जा सकता है।
यदि किसी ग्राहक का मोबाइल नंबर कॉल, मैसेज या डाटा के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है, तो ऐसे नंबरों को कंपनियां निष्क्रिय कर देती हैं। नए निर्देशों के अनुसार, यूजर का बैंक-सत्यापित मोबाइल नंबर यूपीआई पहचानकर्ता के रूप में कार्य करेगा। इन दिशा-निर्देशों का सभी बैंकों, यूपीआई एप और थर्ड पार्टी सेवाप्रदाताओं को पालन करना होगा।
1 अप्रैल से ये भी होंगे बदलाव- अप्रैल की पहली तारीख से एसबीआई और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक भी अपनी क्रेडिट पॉलिसी में बदलाव कर रहे हैं। एसबीआई के सिम्पलीक्लिक कार्ड से स्विगी ट्रांजैक्शन पर 10X की जगह 5X रिवॉर्ड प्वाइंट मिलेंगे। एयरइंडिया एसबीआई कार्ड से टिकट बुकिंग पर हर 100 रुपये पर 15 की जगह 5 रिवॉर्ड पॉइंट मिलेंगे।
- आईडीएफसी क्रेडिट कार्ड होल्डर्स के लिए क्लब विस्तारा मेंबरशिप अब उपलब्ध नहीं होगी 31 मार्च से कार्ड रिन्यू कराने वाले लोगों को एक साल के लिए एनुअल फीस की छूट मिलेगी। लेकिन ट्रैवल बेनेफिट्स मिलने बंद हो जाएंगे।
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Eid 2025: UK experts challenge Saudi’s ‘impossible’ Shawwal crescent sighting; Eid-ul-Fitr in KSA on Sunday, March 30 - Hindustan Times
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Yogi Adityanath govt bans sale of meat within 500 meters of religious places ahead of Navratri - Hindustan Times
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Bihar News: स्टेट हाइवे पर तेज गाड़ी चलाने वालों की अब खैर नहीं, नीतीश सरकार ने ले लिया बड़ा फैसला
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए स्टेट हाइवे पर पुलिस गश्ती बढ़ाई जाएगी। इसके साथ ही तेज गति से वाहन चलाने वालों का ई-चालान भी काटा जाएगा।
इसके लिए 58 नए इंटरसेप्टर वाहन खरीदे जाएंगे। इन इंटरसेप्टर वाहनों में कैमरे और स्पीड गन भी लगे होंगे जिससे नियमों के उल्लंघन पर चालान भी काटा जा सकेगा।
पुलिस मुख्यालय ने स्टेट हाइवे पेट्रोल पुलिस स्कीम के तहत परिवहन विभाग के द्वारा अनुशंसित 114 इंटरसेप्टर वाहनों की खरीद का प्रस्ताव दिया था।
इसमें पूर्व में 56 वाहनों की खरीद की स्वीकृति मिली है, जबकि 58 नए वाहनों की खरीद की स्वीकृति दी गई है। गृह विभाग ने प्रति वाहन 35 लाख रुपये की दर से इंटरसेप्टर वाहन खरीद की स्वीकृति दी है।
राज्य सरकार हाईवे पेट्रोलिंग के लिए 114 इंटरसेप्टर (गति मापक) वाहन की खरीद करेगी। यह वाहन अत्याधुनिक ट्रैफिक उपकरणों से लैस होंगे, जिनके माध्यम से सड़क सुरक्षा के नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जा सकेगी।
39.90 करोड़ रुपये खर्च की मिली स्वीकृति- परिवहन विभाग की अनुशंसा पर गृह विभाग ने करीब 35 लाख रुपये प्रति वाहन की लागत से 114 इंटरसेप्टर वाहनों की खरीद के लिए 39.90 करोड़ रुपये खर्च की स्वीकृति दे दी है।
- वाहनों की खरीद पुलिस मुख्यालय के स्तर पर की जायेगी। इंटरसेप्टर वाहन अत्याधुनिक तकनीक से लैस होते हैं।
- इसमें वाई-फाई, इंटरनेट और जीपीएस जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाता है, जिससे वाहन की गति मापने, नंबर प्लेट पहचानने और चालान जारी करने की प्रक्रिया को तेज और सटीक बनाया जा सके।
- इसमें वॉयस रिकॉर्डिंग की भी सुविधा होगी, जिसे किसी भी यातायात उल्लंघन के मामले में सबूत के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
उधर, गोपालगंज से वाहन मालिकों के लिए एक और जरूरी खबर सामने आई है। जिला परिवहन विभाग की तरफ से वैसे वाहन मालिक जिनके वाहनों का टैक्स बकाया है, वह 31 मार्च तक बकाया टैक्स छूट के साथ जमा करा सकेंगे।
इसको लेकर परिवहन विभाग की तरफ से नोटिस जारी किया गया है। ताकि वाहन मालिक रुचि दिखाते हुए बकाया टैक्स को छूट के साथ जमा कराने का कार्य कर सकें।
अपर जिला परिवहन पदाधिकारी एसएन राजू ने बताया कि परिवहन विभाग ने टैक्स डिफाल्टर वाहन मालिकों के लिए सर्वक्षमा योजना शुरू की है।
इस योजना के तहत बकाया पथकर, हरितकर, अस्थाई निबंध की फीस और ट्रेड सर्टिफिकेट पर प्रति वाहन पर लगने वाले कामर्शियल कर का एकमुश्त भुगतान करने पर अर्थदंड व ब्याज से मुक्ति दी जाएगी।
उन्होंने बताया विभिन्न कारणों से बड़ी संख्या में परिवहन, गैर परिवहन वाहन, ट्रैक्टर, ट्रेलर एवं बैटरी चलित वाहन समय पर टैक्स जमा नहीं करने के कारण टैक्स डिफाल्टर हो गये हैं।
वैसे वाहन मालिक जिसके पास कमर्शियल कर से संबंधित पुराना टैक्स बकाया है, अगर वे टैक्स जमा करने के लिए तैयार हैं तो वैसे वाहन मालिकों के लिए परिवहन विभाग की ओर से एकमुस्त टैक्स जमा करने के लिए विशेष छूट का प्रविधान किया गया है।
यह योजना आगामी 31 मार्च तक लागू रहेगी। 31 मार्च तक बकाया टैक्स को जमा करने पर छूट दी जाएगी।
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Patna News: अंडर-23 क्रिकेट टूर्नामेंट में औरंगाबाद की बुरी हार, कैमूर ने 137 रनों से जीता मैच
जागरण संवाददाता, पटना। Patna News: बीसीए की ओर से आयोजित अंडर-23 वनडे ट्राफी टूर्नामेंट में शनिवार को कई रोमांचक मुकाबले देखने को मिले। कैमूर बनाम औरंगाबाद मैच में कैमूर ने 137 रनों से जीत दर्ज की।
कैमूर ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 49.2 ओवर में 10 विकेट पर 259 रन बनाया। बल्लेबाजी में अजयवीर धर्म वीर सिंह 62 गेंद में 7 चौका लगाकर 54 रन बनाया, ओम प्रकश बिन्द 59 गेंद में 5 चौका लगाकर 47 रन और कप्तान शशांक संजय उपाध्याय 40 गेंद में 6 चौका 1 छक्का लगाकर 46 रन बनाया।
औरंगाबाद की गेन्दबाजी में अंकुश उमेश अग्रवाल 10 ओवर 63 रन 4 विकेट, प्रभात संजय सिंह 10 ओवर 1 मेडन 42 रन 3 विकेट तथा रंजीत शिव कुमार को 2 विकेट एवं नंदन सूरजपात कुमार को 1 विकेट मिला। औरंगाबाद ने 30.5 ओवर में 10 विकेट पर 122 रन बनाया।
बल्लेबाजी में आयुष संजय राज ने 68 गेंद में 3 चौका 1 छक्का लगाकर 52 रन बनाया और अंकुश उमेश अग्रवाल ने 23 गेंद में 2 चौका लगाकर 17 रन बनाया। कैमूर की गेन्दबाजी में निशांत कुमार सिंह 7 ओवर 33 रन 4 विकेट तथा धनेश अरविन्द चौहान और अजयवीर धर्म वीर सिंह को 2-2 विकेट और चिंटू राधेश्याम गुप्ता को 1 विकेट मिला। सिवान बनाम वेस्ट चंपारण मैच में सिवान 73 रनों से जीत दर्ज की।
सिवान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 8 विकेट पर 357 रन बनाया। बल्लेबाजी में फहीम मिराजुद्दीन अनवर ने नाबाद 169 गेंद में 10 चौका तीन छक्का लगाकर 164 रन बनाया, हैदर ने 47 गेंद में 2 चौका एक छक्का लगाकर 50 रन बनाया और नवनीत कुमार सिंह ने 27 गेंद में 2 चौका 2 छक्का लगाकर 41 रन बनाया।
पश्चिमी चम्पारण की गेन्दबाजी में दीपक कुमार यादव को 2 विकेट एवं कप्तान आयुष कुमार हिमांशु, संजय तिवारी, दिनेश कुमार शाह और विश्वजीत शैलेश शुक्ला को एक-एक विकेट मिला। पश्चिमी चंपारण ने 35.2 ओवर में 9 विकेट पर 284 रन बनाया।
बल्लेबाजी में विश्वजीत शैलेश शुक्ला 76 गेंद में 10 चौका 7 छक्का लगाकर 124 रन बनाया, कप्तान आयुष कुमार ने 32 गेंद में 9 चौका एक छक्का लगाकर 52 रन तथा कमरान शहाबुद्दीन शाह ने 45 गेंद में तीन चौका एक छक्का लगाकर 45 रन बनाया।
सिवान के गेंदबाजी में हनी कुमार सिंह 8 ओवर 50 रन 3 विकेट तथा एमडी कौसर आफताब 5.2 ओवर 44 रन 3 विकेट तथा हैदर और नवनीत कुमार सिंह को 1-1 विकेट मिला।
Circle Rate को लेकर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, बोला- वैज्ञानिक तरीके से तय होने चाहिए रेट
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि जमीन के सर्किल रेट वैज्ञानिक तरीके से तय होने चाहिए। उचित होगा कि जमीन की सर्किल दरें विशेषज्ञ समितियों द्वारा तय की जाएं जिनमें न केवल सरकार के अधिकारी हों बल्कि अन्य विशेषज्ञ भी हों जो बाजार की स्थितियों को समझते हों।
शीर्ष अदालत ने कहा कि व्यवस्थित और वैज्ञानिक तरीके से तय की गईं सर्किल दरें अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और कर संग्रह को बढ़ाने में योगदान दे सकती हैं। भारत के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन की अपील खारिज करते हुए 27 मार्च को यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने सर्किल रेट के आधार पर अधिग्रहित जमीन का मुआवजा देने के कमिश्नर के आदेश को सही ठहराया है।
सिर्फ औसत ब्रिक्री की कीमत पर भरोसा नहीं करना चाहिए: SCपीठ ने फैसले में जमीन के सर्किल रेट तय करने और भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के प्रविधानों बारे में विस्तार से चर्चा की है। कोर्ट ने कहा है कि कलेक्टर को सिर्फ औसत ब्रिक्री की कीमत पर ही भरोसा नहीं करना चाहिए बल्कि व्यापक बाजार आधारित कारकों पर भी विचार करना चाहिए। मसलन जमीन की प्रकृति, अहमियत और विकास की कीमत आदि।
फैसले में कहा गया है कि सर्किल रेट का निर्धारण जब जमीन के बाजार मूल्य में भिन्नता के कारकों को ध्यान में रख कर किया जाता है तो उससे लेन-देन में पूर्वानुमान लगाना आसान होता है और मुकदमेबाजी कम हो जाती है। कोर्ट ने कहा कि मानकीकृत (स्टैंडर्डाइज्ड) सर्किल दरों को न्यूनतम या आधार मूल्य पर तय किया जाना चाहिए, क्योंकि जनता से अधिक मूल्य वाली सर्किल दरों पर स्टाम्प शुल्क का भुगतान करने के लिए कहना बहुत अनुचित होगा।
'सर्किल दरों से नागरिकों पर पड़ता है सीधा असर'सर्वोच्च अदालत ने कहा कि सही सर्किल दरें ईमानदार करदाताओं के हितों का ध्यान रखने के साथ साथ अनुपालन न करने वाले करदाताओं को भी रोकेंगी। तर्कसंगत और निष्पक्ष सर्किल दरें सुशासन को दर्शाती हैं।
कोर्ट ने आदेश में कहा है कि उचित और सटीक सर्किल दरें तय करने का प्रत्येक नागरिक पर सीधा प्रभाव पड़ता है। बढ़ी हुई दरें खरीदारों पर अनुचित वित्तीय बोझ डालती हैं। इसके विपरीत कम मूल्यांकित दरें अपर्याप्त स्टाम्प शुल्क की ओर ले जाती हैं, जिससे राज्य के राजस्व पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
कोर्ट ने कहा कि सर्किल दरें जो बाजार मूल्य को दर्शाती हैं, संपत्तियों के कम मूल्यांकन को रोककर राज्य के लिए उचित राजस्व संग्रह सुनिश्चित करती हैं। विभिन्न अधिकार क्षेत्रों के मुकदमों में संपत्ति के सर्किल रेट की चर्चा होने के आधार पर कोर्ट ने कहा कि सर्किल दरें अक्सर राजनीतिक और आर्थिक रूप से विवाद का मुद्दा बन जाती हैं। यह विभिन्न अधिकार क्षेत्रों में लगातार होने वाली मुकदमेबाजी में परिलक्षित होता है, जो संपत्तियों पर लागू सर्किल दरों पर चर्चा करते हैं।
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