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Shri Ahimsa Naturals shares list at 18% premium on NSE SME platform

Business News - April 2, 2025 - 7:41am
The shares of Shri Ahimsa Naturals listed at a premium of 17.65% on NSE SME platform on Wednesday. The stock debuted at Rs 140 as against an issue price of Rs 119The company offered 62 lakh shares to investors, which included a fresh equity sale of 42.03 lakh shares and an offer for sale (OFS) of 19.99 lakh shares. The issue was booked nearly 63 times as non-institutional investors piled on bids 182 times more than that are reserved for them.Shri Ahimsa started operations in 1990 and is involved in extracting and manufacturing Caffeine Anhydrous Natural, Green Coffee Bean Extracts (GCE), and Crude Caffeine. It also trades in other herbal extracts.These products are used in the food and beverage, nutraceutical, cosmetics, and pharmaceutical industries due to their health benefits.The company primarily sources crude caffeine from decaffeination plants in Vietnam, Mexico, and other countries. Crude caffeine, a by-product of these plants, is further processed to produce Green Coffee Bean Extracts (GCE) and Caffeine Anhydrous Natural. Initially, the company focused only on Caffeine Anhydrous Natural.Sebi grants extension to NSDL to launch its Rs 3,000-crore IPO by July However, after research and development, it discovered GCE in crude caffeine from certain suppliers. To take advantage of this, a process was developed to extract GCE, and the product was added to the portfolio in 2018.In 2021, the company expanded further by adding other herbal extracts to meet growing customer demand. Since 2022, it has also started producing Crude Caffeine from tea and coffee waste, selling it in the open market and using it for internal production.As an export-oriented unit, the company primarily supplies products to over 14 countries, including the USA, Germany, South Korea, the UK, and Thailand. Exports made up 86.72% of revenue for the period ending September 30, 2024, and over 95% in previous years.The company sells directly to large consumers and works with resellers to reach smaller buyers in export markets. Its products are well-accepted in international markets, as shown by repeat orders from many customers.As of September 30, 2024, about 32% of customers had been doing business with the company for three or more years, contributing nearly 57% of total revenue.
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Bihar Weather: बिहार में अगले 3 महीने 'लू' चलेगी, बारिश को लेकर IMD का अनुमान बढ़ा रहा टेंशन

Dainik Jagran - April 2, 2025 - 7:28am

जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather News: बिहार समेत देश भर में इस बार भीषण गर्मी से लोग बेहाल हो सकते हैं। भारतीय मौसम विभाग (आइएमडी) का अनुमान है कि अप्रैल से जून के तीन महीने में इस बार लू (हीट वेव) के कारण भीषण गर्मी पड़ने की संभावना है। वहीं बारिश को लेकर भी अच्छी खबर नहीं है।

बिहार के दक्षिण भागों में भीषण गर्मी पड़ने की संभावना

उत्तर बिहार की तुलना में दक्षिण भागों के जिलों में अधिक गर्मी पड़ने की संभावना है। दक्षिण बिहार का न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने के कारण गर्म रात भी होने के आसार है। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार अप्रैल में अधिकतम तापमान सामान्य से 50 फीसद अधिक रहने का पूर्वानुमान है।

आमतौर पर प्रदेश का सामान्य अधिकतम तापमान 36-38 डिग्री सेल्सियस के बीच है। अधिकतम तापमान की तरह ही प्रदेश का न्यूनतम तापमान भी सामान्य से 60 फीसद अधिक रहने का पूर्वानुमान है।

अप्रैल में बारिश सामान्य से 40 फीसदी कम होगी

अप्रैल में प्रदेश का सामान्य न्यूनतम तापमान 20-22 डिग्री सेल्सियस है। अप्रैल में वर्षा भी सामान्य से 40 फीसद कम वर्षा होने के आसार है। सामान्य वर्षापात 18.0 मिमी है। प्रदेश का मौसम पछुआ के कारण शुष्क बना रहेगा। 48 घंटों के दौरान अधिसंख्य भागों के अधिकतम तापमान व 72 घंटों के दौरान न्यूनतम तापमान में एक से तीन डिग्री की वृद्धि का पूर्वानुमान है।

तीन अप्रैल को बक्सर, कैमूर व राेहतास जिले के कुछ स्थानों पर गरज-तड़क के साथ हल्की वर्षा का पूर्वानुमान है। पटना व आसपास इलाकों में दोपहर के बाद कुछ स्थानों पर आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना है। बीते 24 घंटों के दौरान पटना सहित पटना सहित 21 शहरों के न्यूनतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई।

पटना का न्यूनतम तापमान 21.3 डिग्री सेल्सियस

पटना का न्यूनतम तापमान 21.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि 13.0 डिग्री सेल्सियस के साथ पूसा समस्तीपुर में सबसे कम न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। राजधानी का अधिकतम तापमान 37.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

38.9 डिग्री सेल्सियस के साथ प्रदेश का सबसे अधिकतम तापमान खगड़िया में दर्ज किया गया। पटना व आसपास इलाकों में सुबह-शाम मौसम सामान्य बने होने के साथ कुछ स्थानों पर आंशिक रूप से बादल छाए रहे। बीते 24 घंटों के दौरान पटना सहित सभी जिलों के अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई।

प्रमुख शहरों के तापमान में वृद्धि 

पटना के अधिकतम तापमान में 1.1 डिग्री, पूर्णिया में 1.2 डिग्री, फारबिसगंज में 1.8 डिग्री, सुपौल में दो डिग्री, मोतिहारी में 1.3 डिग्री, डेहरी में एक डिग्री, वैशाली में 1.1 डिग्री, वाल्मीकि नगर में 1.1 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज की गई। 

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Chaiti Chhath Puja 2025: नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ चैती छठ, आज खरना के दिन बन रहा अद्भुत संयोग

Dainik Jagran - April 2, 2025 - 7:00am

जागरण संवाददाता, पटना। मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरछाय। ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय..लोक आस्था का महापर्व चैती छठ (Chaiti Chhath 2025) मंगलवार को नहाय-खाय के साथ आरंभ हो गया। मंगलवार की सुबह शहर के प्रमुख गंगा घाटों पर व्रतियों ने आस्था की डुबकी लगाने के बाद सूर्य देव को जल से अर्घ्य देकर पवित्रता के साथ अरवा चावल, चना दाल, कद्दू की सब्जी प्रसाद के रूप में ग्रहण किया।

घाटों पर व्रतियों के साथ अन्य महिलाएं व युवाओं की भागीदारी रही। आज खरना (लोहंडा) की पूजा कर व्रती शाम में खीर, रोटी, मौसमी फल का प्रसाद ग्रहण करने के बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास का संकल्प लेंगे। सूर्य देव को आरोग्य देवता के रूप में पूजा की जाती है तथा समस्त जगत के जीवन शक्ति का प्रदाता सूर्य को माना गया है।

खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद छठ व्रती गुरुवार को अस्ताचलगामी को सूर्य को अर्घ्य देने के बाद शुक्रवार को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पारण कर चार दिवसीय अनुष्ठान का समापन करेंगे।

ज्योतिष आचार्य पंडित राकेश झा ने पंचांगों के हवाले से बताया कि चैत्र शुक्ल पंचमी बुधवार को कृतिका व रोहिणी नक्षत्र के युग्म संयोग, प्रीति योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन बना रहेगा। व्रती आज पूरे दिन निराहार रह कर संध्या में खरना का पूजा कर प्रसाद ग्रहण करेंगे। चैत्र शुक्ल षष्ठी गुरुवार को रोहिणी नक्षत्र व आयुष्मान योग के संयोग में डूबते सूर्य को अर्घ्य व चार अप्रैल शुक्रवार को उगते सूर्य को रवि योग में अनुष्ठान का समापन होगा।

महापर्व में बरसती है षष्ठी मैया की कृपा:

छठ महापर्व शरीर, मन तथा आत्मा की शुद्धि का पर्व है। वैदिक मान्यताओं के अनुसार नहाय-खाय से छठ के पारण सप्तमी तिथि तक छठ व्रती पर षष्ठी माता की कृपा बरसती है। प्रत्यक्ष देवता सूर्य को पीतल या तांबे के पात्र से अर्घ्य देने से आरोग्यता का वरदान मिलता है।

सूर्य को आरोग्य को देवता माना गया है। सूर्य की किरणों में कई रोगों को नष्ट करने की क्षमता है। खरना के प्रसाद में ईख, गुड़ के सेवन से त्वचा रोग, आंख की पीड़ा से आराम मिलता है। प्रसाद से तेजस्विता, निरोगिता व बौद्धिक क्षमता में वृद्धि होती है। सूर्य षष्ठी का व्रत आरोग्यता, सौभाग्य व संतान के लिए किया जाता है।

छठ महापर्व के सामग्री का विशेष महत्व :

  • सूप, डाला: अर्घ्य में नए बांस से बनी सूप व डाला का इस्तेमाल किया जाता है। सूप से वंश वृद्धि तथा उनकी रक्षा होती है।
  • ईख: ईख आरोग्यता का घोतक है।
  • ठेकुआ: ठेकुआ समृद्धि का घोतक है।
  • मौसमी फल: ऋतुफल के फल से विशिष्ट फल की प्राप्ति होती है।

खरना का पूजन:

  • खरना पूजा: संध्या 06:10 बजे 07:15 बजे तक
  • अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य : शाम 06:10 बजे तक
  • प्रातः कालीन सूर्य को अर्घ्य: सुबह 05:49 बजे के बाद

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Waqf Bill: वक्फ बिल पर उद्धव ठाकरे की पार्टी का क्या है स्टैंड? विपक्षी नेताओं की संयुक्त बैठक में बना सीक्रेट प्लान

Dainik Jagran - National - April 2, 2025 - 6:56am

 जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विपक्षी आइएनडीआइए गठबंधन वक्फ संशोधन विधेयक पर लोकसभा में बुधवार को सियासी संग्राम के लिए तैयार है। वक्फ संशोधन बिल पेश करने की सरकार की घोषणा के बाद संसद में विपक्षी दलों के नेताओं की मंगलवार शाम हुई बैठक में तय हो गया कि संसदीय समिति में अपने खारिज हुए प्रस्तावों को विपक्ष सदन के पटल पर बिल में संशोधन के लिए देगा।

आइएनडीआइए गठबंधन वक्फ बिल का विरोध करेगा

भाजपा-एनडीए सरकार सदन में विपक्षी सांसदों के संशोधनों को स्वीकार नहीं करेगी तो स्वाभाविक रूप से आइएनडीआइए गठबंधन वक्फ बिल का विरोध करेगा। कांग्रेस समेत विपक्ष के कई दलों ने अपने सांसदों को अगले तीन दिनों तक सदन में उपस्थित रहने का व्हिप जारी कर साफ संकेत दे दिया है कि इस मसले पर आइएनडीआइए गठबंधन सरकार को आसान राह नहीं देगा।

आइएनडीआइए के दलों ने संयुक्त बैठक के बाद ताल ठोकते हुए कहा है कि वक्फ बिल पर मोदी सरकार के विभाजनकारी एजेंड़े को परास्त करने के लिए पूरा विपक्ष एकजुट है।

सरकार द्वारा ला जा रहे वक्फ बिल पर अपने विपक्षी दलों ने अपना एतराज जाहिर करते हुए साफ कहा है कि अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के धार्मिक मामलों में सरकारी हस्तक्षेप बढ़ाते हुए वक्फ पर नियंत्रण के मकसद से सरकार संशोधन बिल को पारित करना चाहती है।

विपक्षी नेताओं ने बैठक में बनाई रणनीति

संसदीय कार्यमंत्री की ओर से वक्फ बिल लोकसभा में पेश करने की आधिकारिक घोषणा के बाद कांग्रेस अध्यक्ष तथा राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में संसद परिसर में विपक्षी नेताओं की शाम को संयुक्त रणनीति बनाने के लिए बैठक हुई।

बजट सत्र के दूसरे चरण में विपक्षी दलों की संसद में संयुक्त रणनीति के लिए यह पहली बैठक थी जिसमें वक्फ बिल पर आइएनडीआइए के दलों ने दोनों सदनों में पूरे समन्वय के साथ एकजुट होकर बिल के मौजूदा पारूप का विरोध करने का फैसला किया।

मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पर पोस्ट कर साधा निशाना

विपक्षी नेताओं की बैठक के बाद मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पोस्ट में इसका एलान करते हुए कहा 'सभी विपक्षी दल एकजुट हैं और वक्फ संशोधन विधेयक पर मोदी सरकार के असंवैधानिक और विभाजनकारी एजेंडे को हराने के लिए संसद में मिलकर काम करेंगे।'

विपक्षी नेताओं के संग वक्फ बिल पर विस्तृत चर्चा हुई

राहुल गांधी ने बैठक के बाद एक पोस्ट में केवल इतना कहा कि विपक्षी नेताओं के संग वक्फ बिल पर विस्तृत चर्चा हुई। विपक्षी पार्टियों की इस बैठक में लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, तृणमूल कांग्रेस के नदीम उल हक, द्रमुक के टीआर बालू, राजद के मनोज झा, शिवसेना यूबीटी की प्रियंका चुतर्वेदी समेत आइएनडीआइए के लगभग सभी घटक दलों के नेता शामिल हुए।

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अदालतों के पास ब्याज दर तय करने का अधिकार, सुप्रीम कोर्ट ने कराया 52 साल लंबी कानूनी लड़ाई का खात्मा

Dainik Jagran - National - April 2, 2025 - 5:58am

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि अदालतों को ब्याज दर तय करने और यह कब से देय होगा तय करने का अधिकार है। यह अधिकार हर मामले के तथ्यों पर निर्भर करता है कि ब्याज मुकदमा दायर करने की तारीख, या इससे पहले या डिक्री की तिथि से देय होगा।

52 साल लंबी कानूनी लड़ाई का हुआ खात्मा

जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने यह टिप्पणी 52 साल लंबी कानूनी लड़ाई का खात्मा करने के दौरान आदेश में की, जिसमें राजस्थान सरकार बनाम आइके मर्चेंट्स प्राइवेट लिमिटेड समेत निजी पक्षों के बीच राज्य सरकार को दिए गए शेयर के मूल्यांकन पर विवाद था।

लागू ब्याज दरों को भी संशोधित किया

पीठ ने शेयरों के मूल्य को लेकर भुगतान में की गई देरी पर लागू ब्याज दरों को भी संशोधित किया। 32 पन्नों के फैसले में जस्टिस महादेवन ने कहा कि यह पूरी तरह साफ है कि अदालतों के पास कानून के अनुसार सभी तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करते हुए उचित ब्याज दर निर्धारित करने का अधिकार है।

निजी फर्म ने कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी, जिसमें मेसर्स रे एंड रे द्वारा शेयरों के 640 रुपये प्रति शेयर की कीमत को बरकरार रखते हुए पांच प्रतिशत प्रति वर्ष का साधारण ब्याज दर प्रदान किया था। निजी फर्म ने ब्याज में बढ़ोतरी की मांग की, तो राज्य सरकार ने कीमत को चुनौती दी।

1973 में दायर किया गया था मुकदमा

1973 के इस विवाद में राजस्थान राज्य खान और खनिज लिमिटेड के शेयर अपीलकर्ताओं द्वारा राज्य को हस्तांतरित किए गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने भुगतान में देरी पर विचार किया और आदेश दिया कि अपीलकर्ता ब्याज के रूप में उचित मुआवजे के हकदार हैं।

छह प्रतिशत साधारण ब्याज देने का आदेश दिया था

कोर्ट ने 8 जुलाई 1975 से डिक्री की तारीख तक छह प्रतिशत साधारण ब्याज देने का आदेश दिया। इसने आगे कहा कि भुगतान प्राप्ति तक डिक्री तिथि से नौ प्रतिशत प्रतिवर्ष साधारण ब्याज का भुगतान किया जाएगा। राजस्थान सरकार दो महीने के भीतर बढ़ी हुई मूल्यांकन राशि का भुगतान करे।

घरों को मनमाने ढंग से गिराना अमानवीय और गैरकानूनी : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने प्रयागराज में बिना उचित प्रक्रिया का पालन किए घरों को गिराने की कार्रवाई पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए इसे अमानवीय और गैरकानूनी करार दिया है।

शीर्ष कोर्ट ने कहा कि इस प्रकार की बुलडोजर कार्रवाई ने हमारे आत्मा को झकझोर दिया है। विकास प्राधिकरणों को याद रखना चाहिए कि आश्रय का अधिकार और कानून की उचित प्रक्रिया भी कोई चीज होती है।

पीड़ितों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश

कोर्ट ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण को निर्देश दिया है कि वह छह सप्ताह के भीतर उन छह पीड़ितों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा प्रदान करे, जिनके घर मार्च 2021 में अवैध निर्माण के नाम पर ढहा दिए गए थे।

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Waqf Bill: लोकसभा में आज पेश होगा वक्फ बिल, क्या है संसद का नंबर गेम?

Dainik Jagran - National - April 2, 2025 - 4:25am

जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली: वक्फ संशोधन विधेयक प्रत्यक्ष तौर पर वक्फ संपत्ति से जुड़ा मुद्दा है, लेकिन राजनीतिक दल बारीकी से इस पर भी नजर जमाए हैं कि वोटों के गुणा-भाग पर यह कितना असर डाल सकता है। पाला खींचकर निस्संकोच खड़ी भाजपा का तार्किक पक्ष है कि वह वक्फ कानून की विसंगतियों को दूर कर गरीब और पिछड़े मुस्लिमों का भला चाहती है।

इस तर्क से सहमति जताते हुए राजग सरकार के प्रमुख सहयोगी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) सरकार का समर्थन तो कर रहे हैं, लेकिन सधे शब्दों में दलों की पुरानी ''सेक्युलर छवि'' को बचाए-बनाए रखने की चिंता झलकती है।

 मुस्लिम वर्ग को विपक्ष क्या देना चाहता संदेश?

वहीं, विपक्षी खेमे से विधेयक के विरोध का सुर साझा है। निस्संदेह उनका दमखम विधेयक के बहुमत से पारित की राह में कोई रोड़ा नहीं बन सकता, लेकिन मुस्लिम वर्ग को यह संदेश देने का प्रयास संभावित है कि कौन कितना लड़ा, क्योंकि वोटों की तराजू में तेवरों की तौल से ही आस है।

मुस्लिम वोट बैंक पर हर पार्टी की निगाह

लोकसभा और राज्यसभा का अंक गणित स्पष्ट है कि वक्फ संशोधन विधेयक की राह दोनों सदनों में निर्बाध है। अब सभी की नजरें राजनीतिक दलों के रुख पर है, क्योंकि देश के अधिकतर दलों के लिए मुस्लिम वोट बैंक एक बड़ा सहारा है। केंद्र सरकार या कहें कि भाजपा चाहती है कि इस विधेयक पर अधिक से अधिक चर्चा हो। अल्पसंख्यक व संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजीजू ने स्पष्ट कहा है कि देश जानना चाहता है कि वक्फ संशोधन विधेयक पर किस दल का क्या स्टैंड है। हजारों वर्षों तक यह रिकार्ड में भी रहेगा।

नीतीश-नायडू पर दबाव बनाना चाहते थे विपक्ष

 इसके पीछे भाजपा की मंशा विपक्षी दलों को मुस्लिम तुष्टिकरण के कठघरे में खड़ा करने की दिखती है। मगर, विधेयक तो राजग सरकार ला रही है, जिसके प्रमुख घटक दल जदयू और तेदेपा भी हैं। इनमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हों या आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडु, दोनों की छवि सेक्युलर नेताओं की रही है। विपक्षी इन्हीं दोनों पर दबाव बनाना चाह रहा था।

 चूंकि, गठबंधन धर्म भी निभाना है, इसलिए दोनों दलों ने यह रुख तो स्पष्ट कर दिया कि वह पूरी तरह सरकार के साथ हैं और बिल का समर्थन करेंगे, लेकिन अपने शब्दों से मुस्लिम वर्ग को संदेश भी देने का प्रयास किया। जैसे कि लोकसभा में जदयू संसदीय दल के नेता ललन ¨सह ने कहा कि जदयू या नीतीश को कांग्रेस के प्रमाण-पत्र की आवश्यकता नहीं है। मुस्लिमों के लिए जितना काम नीतीश सरकार ने किया है, उतना किसी ने नहीं किया, जबकि विपक्ष के लिए सेक्युलर सिर्फ नारा है।

इसी तरह तेदेपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम कुमार जैन ने बयान जारी किया कि तेदेपा विधेयक का समर्थन करेगी। साथ ही जोड़ दिया कि सीएम नायडु हमेशा कहते हैं कि मुस्लिमों के हितों की रक्षा करेंगे। हिंदू और मुस्लिम उनकी दो आंखें हैं। आशा है कि सरकार ने बिल में उनकी पार्टी के सुझावों को शामिल किया होगा। अब बचा विपक्षी खेमा तो इसमें होड़ दिख रही है कि कौन मुस्लिमों के पक्ष में कितनी मजबूती से खड़ा दिख सकता है।

गौरव गोगोई ने बिजनेस एडवाइजरी कमेटी का किया बहिष्कार

 कांग्रेस खुले विरोध का ऐलान कर चुकी। सांसद गौरव गोगोई ने बिजनेस एडवाइजरी कमेटी का बहिष्कार कर इसका संकेत दे दिया है। सपा मुखिया अखिलेश यादव हों या प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव, वह कह चुके कि विधेयक का विरोध करेंगे, क्योंकि भाजपा सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ना चाहती है।

मुस्लिम राजनीति के प्रमुख चेहरे एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि नीतीश हों, नायडु हों, चिराग पासवान या जयंत चौधरी, जो भी बिल का समर्थन करेगा, उसे खामियाजा भुगतना पड़ेगा। डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा है कि संसद में बिल का पुरजोर विरोध करेंगे।

वहीं, उत्तर प्रदेश में दलित-मुस्लिम गठजोड़ को अपनी राजनीति का आधार बनाना चाह रहे भीम आर्मी प्रमुख के सांसद चंद्रशेखर ने संसद से सड़क तक संघर्ष का ऐलान किया है। ऐसे में तय है कि लोकसभा में यह मौका हंगामेदार होगा, लेकिन किसके तेवर कितने तीखे होंगे, यह देखने वाला होगा।

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भ्रष्टाचार के अड्डे बने हरियाणा की बार काउंसिलों के वकीलों के चैंबर्स, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार

Dainik Jagran - National - April 2, 2025 - 3:24am

 पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पंजाब और हरियाणा की बार काउंसिलों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ये शर्मनाक कृत्यों और दुराचारों में लिप्त हैं। साथ ही भ्रष्टाचार के मामलों में भी शामिल हैं।

जांच के लिए किया जा सकता है एसआइटी का गठन

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिस्वर सिंह की पीठ ने संकेत दिया कि यदि आवश्यक हुआ तो एक विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन किया जाएगा जो इन काउंसिलों के मामलों की जांच करेगा, विशेषकर हरियाणा में बार काउंसिलों के बैंक खातों की।

पीठ ने कहा- ''इन राज्य बार काउंसिल के वकीलों के कार्यालय और चैंबर प्रॉपर्टी डीलरों और भ्रष्टाचार का केंद्र बन गए हैं। यह हमारे संज्ञान में आया है और हम इसे हल्के में नहीं लेंगे।'' यह सुनवाई एक वकील की याचिका पर हो रही थी, जिसने करनाल बार एसोसिएशन के चुनावों में अपनी अयोग्यता को चुनौती दी थी।

पीठ ने बार संघों को नोटिस जारी किया

पीठ ने बार संघों को नोटिस जारी किया और करनाल बार एसोसिएशन के वरिष्ठ वकील आरएस चीमा से कुछ अन्य प्रतिष्ठित वकीलों के नाम सुझाने को कहा, जो अस्थायी रूप से पद संभाल सकें। वरिष्ठ वकील नरेंद्र हुड्डा ने कहा कि चुनाव अधिकारी ने बिना वोटिंग के उम्मीदवारों को निर्विरोध चुना हुआ घोषित कर दिया।

मामले की अगली सुनवाई 15 अप्रैल को होगी

अधिवक्ता संदीप चौधरी ने कहा कि यह उनके अधिकारों का उल्लंघन है। हुड्डा ने कहा कि उनके मुवक्किल को चुनाव में भाग लेने से रोका गया है। चौधरी ने बार काउंसिल आफ इंडिया में अपील की, जिसने उनकी अयोग्यता के आदेश को स्थगित कर दिया। पीठ ने कहा कि हरियाणा राज्य बार काउंसिल ''शर्मनाक संघ'' बन गई है। मामले की अगली सुनवाई 15 अप्रैल को होगी।

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