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सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की तुषार गांधी की याचिका, साबरमती आश्रम के अधिग्रहण के खिलाफ की थी अपील

Dainik Jagran - National - April 1, 2025 - 3:58pm

आईएएनएस, नई दिल्ली। गुजरात हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली महात्मा गांधी के पड़पोते तुषार गांधी की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। गुजरात हाई कोर्ट ने सितंबर 2022 में साबरमती आश्रम के पुनर्विकास को हरी झंडी दी थी। इस परियोजना पर 1200 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। तुषार गांधी ने अपनी याचिका में इस परियोजना को ही चुनौती दी थी।

याचिका में कहा गया कि विकास के नाम पर साबरमती आश्रम का सरकारी अधिग्रहण गांधीवाद की भावना और लोकाचार के विपरीत है। यह कदम संविधान के अनुच्छेद 39 के विरुद्ध है, जो धन संचय की रोकथाम पर जोर देता है। संविधान के अनुच्छेद 49 के भी विरुद्ध है। इसके तहत राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों और स्थानों के संरक्षण पर दिया जाता है।

आश्रम सादगी का प्रतीक

याचिका में कहा गया कि महात्मा गांधी ने आश्रम का डिजाइन स्वयं तैयार किया था। यह सादगी, आत्मनिर्भरता और सामुदायिक जीवन का प्रतीक है। आश्रम प्रकृति के साथ स्थिरता और सद्भाव के गांधीवादी सिद्धांतों का उदाहरण है। साबरमती आश्रम महात्मा गांधी की विरासत और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी अहम भूमिका का प्रमाण है।

हाई कोर्ट से लग चुका झटका

याचिका में आगे कहा गया कि पुनर्विकास कार्य को चुनौती देते हुए गुजरात उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दाखिल की गई थी। सरकारी प्रस्ताव को रद करने की मांग की गई थी। मगर गुजरात उच्च न्यायालय ने याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष एक अपील दाखिल की गई थी।

परियोजना से आश्रम को सीधे खतरा

याचिका में यह भी कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की विरासत का आश्रम की गरिमा और पवित्रता को पुनर्विकास परियोजना से सीधा खतरा है। विकास के नाम पर किसी अन्य मानवीय उद्देश्य के बजाय सार्वजनिक धन का दुरुपयोग गांधी के सिद्धांतों के खिलाफ भी है।

1917 में की गई थी स्थापना

महात्मा गांधी ने 1917 में साबरमती आश्रम की स्थापना की थी। 2 फरवरी 1926 को महात्मा गांधी और मगनलाल खुशालचंद ने एक ट्रस्ट डीड के माध्यम से सत्याग्रह आश्रम ट्रस्ट का गठन किया। याचिका में कहा गया है कि 30 सितंबर 1933 को गांधी ने घनश्यामदास बिड़ला को संबोधित एक पत्र के जरिए सत्याग्रह आश्रम को हरिजन सेवक संघ को सौंप दिया।

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'ये अमानवीय और अवैध...', प्रयागराज में बुलडोजर कार्रवाई पर SC सख्त; 10-10 लाख का मुआवजा देने का निर्देश

Dainik Jagran - National - April 1, 2025 - 2:57pm

पीटीआई, नई दिल्ली। प्रयागराज में घरों पर बुलडोजर कार्रवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है। सुप्रीम न्यायालय ने यूपी सरकार और प्रयागराज विकास प्राधिकरण को फटकार लगाते हुए इस कार्रवाई को 'अमानवीय और अवैध' बताया।

देश में कानून का राज, ऐसा नहीं चलेगा

तोड़फोड़ की कार्रवाई "अमानवीय" करार देते हुए जस्टिस अभय एस ओका और उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि देश में कानून का शासन है और नागरिकों के आवासीय ढांचों को इस तरह से नहीं ढहाया जा सकता।

पीठ ने कहा, 

इस कार्रवाई ने हमारी अंतरात्मा को झकझोर दिया है। आश्रय का अधिकार, कानून की उचित प्रक्रिया जैसी कोई चीज होती है।"

10 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश 

शीर्ष अदालत ने प्राधिकरण को छह सप्ताह के भीतर प्रत्येक घर के मालिकों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया। अदालत ने पहले प्रयागराज में उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना तोड़फोड़ की कार्रवाई को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई थी और कहा था कि इससे गलत संकेत गया है।

वकील का दावा- अतीक अहमद की जमीन समझ किया ध्वस्त

उधर, याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि राज्य सरकार ने गलत तरीके से मकानों को ध्वस्त किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने यह सोचकर इसे ध्वस्त किया कि यह जमीन गैंगस्टर-राजनेता अतीक अहमद की है, जो 2023 में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था।

शीर्ष अदालत अधिवक्ता जुल्फिकार हैदर, प्रोफेसर अली अहमद और अन्य लोगों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिनके मकान ध्वस्त कर दिए गए थे।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस विध्वंसक कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया था। याचिकाकर्ताओं को कथित तौर पर प्रयागराज जिले के लूकरगंज में कुछ निर्माणों के संबंध में 6 मार्च 2021 को नोटिस दिया गया था।

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लोकसभा में कल पेश होगा वक्फ संशोधन बिल, सरकार के सामने विपक्षी दलों ने रख दी ये मांग

Dainik Jagran - National - April 1, 2025 - 2:14pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वक्फ संशोधन विधेयक बुधवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक दोपहर 12 बजे विधेयक पेश किए जाने की उम्मीद है। बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में विधेयक को पेश करने की जानकारी दी गई।

विपक्ष ने बिल पर 12 घंटे चर्चा की मांग की। जबकि सरकार ने आठ घंटे का समय दिया है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपने सभी सांसदों को तीन लाइन का व्हिप भी जारी करेगी। पार्टी के सभी सांसदों को सदन में मौजूद रहना होगा।

वक्फ बोर्ड में सुधार समय की जरूरत

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर अच्छे काम का विरोध होता है। ठीक ऐसे ही वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध किया जा रहा है। उन्होंने विरोध करने वालों से पूछा कि क्या वक्फ बोर्ड ने मुसलमानों का कल्याण किया है? योगी ने आगे कहा कि इसमें सुधार समय की जरूरत है। वक्फ बोर्ड निजी स्वार्थ और सरकारी जमीन पर जबरन कब्जे का साधन बन गया है।

अभी तक नहीं मिलीं विधेयक की प्रतियां: बीजद सांसद

बीजू जनता दल (बीजद) के सांसद सस्मित पात्रा ने कहा, "जहां तक ​​विधेयक की बारीकियों का सवाल है तो इसकी प्रतियां अभी तक वितरित नहीं की गई हैं। इस विधेयक पर बीजद की गंभीर चिंताएं हैं। उन्होंने कहा कि चिंता यह नहीं है कि जेपीसी की बैठक हुई, बल्कि यह है कि विपक्ष की आवाज पर विचार किया गया है या नहीं।

हम भी लोहा लेने को तैयार हैं: चंद्रशेखर

आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के सांसद चंद्रशेखर ने कहा कि अगर केंद्र सरकार तैयार है तो हम भी लोहा लेने को तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की कथनी और करनी में फर्क है। सरकार जैसा कह रही है... वैसा नहीं है। इससे नुकसान के अलावा कुछ नहीं होगा। यह धार्मिक विषय है। संविधान का अनुच्छेद 25 इसकी आजादी देता है। सरकार धार्मिक आजादी पर अतिक्रमण करना चाहती है। हम लोग इसका पुरजोर विरोध करेंगे।

मिलिंद देवड़ा ने विपक्ष को घेरा

शिवसेना सांसद मिलिंद देवड़ा ने कहा कि हम सभी समुदाय को साथ में लेकर चलना चाहते हैं। मेरा मानना है कि वक्फ संशोधन बिल अल्पसंख्यक खासकर मुसलमानों के हित में है। उन्होंने आगे कहा कि जब 2019 में सीएए लाया गया था तब विपक्ष के कुछ लोगों ने फर्जी नैरेटिव चलाया कि ये मुसलमानों के हित में नहीं और उनकी नागरिकता छीन ली जाएगी। आज मैं उनको चुनौती देता हूं कि पिछले पांच साल में एक भी मुसलमान दिखाइये जिसकी नागरिकता छीनी गई हो।

अनुच्छेद 370 के हटाते वक्त भी कहा गया कि यह कश्मीरी मुसलमानों के हित में नहीं है। आज सबसे ज्यादा फायदा कश्मीरी मुसलमानों को हुआ है। उन्होंने कहा कि आज वक्फ विधेयक पर भी फर्जी नैरेटिव चलाया जा रहा है। भारतीय मुसलमानों को तुष्टिकरण नहीं बल्कि सशक्तिकरण की जरूरत है। मैं मुसलमानों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि यह विधेयक उन्हें सशक्त करेगा।

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Waqf (Amendment) Bill likely to be tabled tomorrow at 12 noon in Parliament: Sources

— ANI (@ANI) April 1, 2025

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