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Bihar: शहर में सस्ते दाम पर घर खरीदने का सपना होगा पूरा, नीतीश सरकार ने बनाया खास प्लान

Dainik Jagran - April 3, 2025 - 10:25pm

राज्य ब्यूरो, पटना। नगर विकास एवं आवास विभाग ने किफायती आवास एवं मलिन बस्ती (स्लम) पुनर्वास एवं पुनर्विकास आवास नीति 2017 में संशोधन किया है। इसके अंतर्गत अब जन-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत 50 प्रतिशत हिस्सेदारी बिल्डर को देकर किफायती आवास विकसित किए जाएंगे।

यानी 50 प्रतिशत हिस्सा बिल्डर के पास रहेगा और शेष 50 प्रतिशत हिस्से पर कमजोर आय वर्ग के लोगों के लिए किफायती आवास (एलआईजी) विकसित किया जाएगा। अभी तक 2017 में बनी नीति लागू थी जिसमें शहरों की आबादी के हिसाब से हिस्सा तय था।

तीन लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में 75 प्रतिशत, एक से तीन लाख आबादी वाले शहरों में 60 प्रतिशत और एक लाख से कम आबादी वाले शहरों में 50 प्रतिशत हिस्से पर किफायती आवास बनाकर देना था।

पुरानी नीति में पीपीपी मोड के तहत किफायती आवास बनाने के लिए कोई बिल्डर आगे नहीं आ रहा था। बिल्डरों की मांग ज्यादा हिस्से की थी। संशोधन के बाद अब विभाग को उम्मीद है कि बिल्डर आगे आएंगे। इससे स्लम के विकास सहित एलआइजी कालोनियों को विकसित करने में मदद मिलेगी।

शहरी निकायों में वेंडिंग जोन के लिए हो रहा जीआइएस सर्वे

दूसरी ओर, राज्य के सभी नगर निकायों में वेंडिंग जोन निर्माण की शुरुआत हो गई है। नगर विकास एवं आवासन विभाग शहरी निकायों में सर्वेक्षण और डाटा संग्रह की मदद से वेंडिंग जोन चिह्नित कर रहा है। इस जीआइएस सर्वेक्षण से स्ट्रीट वेंडरों की संख्या, स्थान और गतिविधियों का डाटा एकत्र किया जा, रहा है।

सड़क चौड़ाई, यातायात प्रवाह और जनसंख्या घनत्व के आधार पर वेंडिंग और नो-वेंडिंग जोन निर्धारित किए जा रहे हैं। इसके अलावा समिति में फुटपाथ विक्रेता, व्यापारी संगठन, यातायात विभाग और आम जनता के सुझाव भी शामिल किए जा रहे हैं।

विभागीय जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) के तहत राज्य के विभिन्न नगर निकायों में वेंडिंग जोन बनाए जा रहे हैं। नगर विकास एवं आवास विभाग के अनुसार, अब तक 25 वेंडिंग जोन बन चुके हैं। इनमें सर्वाधिक 17 वेंडिंग जोन राजधानी पटना में बनाए गए हैं।

इसके अलावा, सीतामढ़ी में तीन जबकि बिहिया, भागलपुर, मोतिहारी, दरभंगा और बक्सर में एक-एक वेंडिंग जोन बनाया गया है। इन वेंडिंग जोन में कुल 1685 फुटपाथी दुकानदारों को बसाया गया है, जिसमें पटना में 1023, बिहिया में 65, सीतामढ़ी में 170, भागलपुर में 152, मोतिहारी में 104, दरभंगा में 67 और बक्सर में 104 फुटपाथी दुकानदार शामिल हैं। वेंडिंग जोन को लाल, हरे और सफेद रंगों से चिह्नित किया जाता है।

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40 करोड़ की सोने की तस्करी में शामिल थीं अभिनेत्री रान्या राव और साहिल जैन, कुछ यूं रचा पूरा खेल

Dainik Jagran - National - April 3, 2025 - 10:11pm

पीटीआई, बेंगलुरु। राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने कहा कि गोल्ड बिजनेसमैन साहिल सकारिया जैन ने अभिनेत्री रान्या राव को 40.14 करोड़ रुपये मूल्य के 49.6 किलोग्राम तस्करी के सोने को ठिकाने लगाने में अहम भूमिका निभाई थी।

डीआरआई के रिमांड नोट के अनुसार, जैन ने न केवल अवैध लेनदेन में मदद की, बल्कि तस्करी ऑपरेशन से जुड़े हवाला मनी ट्रांसफर में भी रान्या का सहयोग किया। साहिल जैन को सोना तस्करी मामले में रान्या की मदद करने के आरोप में 26 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। उसे सात अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

साहिल जैन ने किया कबूल

डीआरआई ने कहा कि साहिल जैन ने स्वीकार किया है कि उसने रान्या राव को हवाला के पैसे की लगभग 38.39 करोड़ रुपये दुबई और 1.7 करोड़ रुपये बेंगलुरु में हस्तांतरित करने में मदद की। एजेंसी ने आगे कहा कि चार मार्च को रान्या के घर से जब्त की गई 2.67 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी संभवत: हवाला का पैसा था जो उसे दुबई में सोना खरीदने और बेंगलुरु में बेचने से लाभ के रूप में मिला था।

हर लेनदेन पर कमीशन लेता था साहिल

डीआरआइ ने कहा कि जैन ने प्रत्येक लेनदेन के लिए 55 हजार रुपये का कमीशन प्राप्त करने की बात स्वीकार की। डीआरआइ ने कहा कि साहिल जैन के दो मोबाइल फोन और एक लैपटाप से प्राप्त सुबुत सोना तस्करी में उसकी भूमिका को और पुष्ट करते हैं।

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Waqf Bill: मुस्लिम बस्तियों में 'फैक्ट फाइल', संसद से मंजूरी के बाद वक्फ पर क्या है BJP का नया प्लान?

Dainik Jagran - National - April 3, 2025 - 9:21pm

जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली। वक्फ संशोधन विधेयक संसद से पास होने के बाद राजनीति के मैदान में इस मुद्दे को गर्माए जाने के साफ संकेत दिखाई दे रहे हैं। मुस्लिम मतों की राजनीति करने वाले विपक्षी दल जहां इसे भाजपा के विरुद्ध भुनाने की तैयारी में हैं तो भाजपा ने भी कमर कस ली है। ऐतिहासिक ट्रिपल तलाक कानून के सहारे मुस्लिम महिलाओं का कुछ विश्वास जीतने वाला भगवा खेमा अब संशोधित वक्फ कानून का इस वर्ग की महिलाओं के साथ ही गरीब और पिछड़े (पसमांदा) मुस्लिमों पर 'मोहिनी अस्त्र' के रूप में प्रयोग करेगा।

नए-पुराने कानून का जिक्र कर मुस्लिम अल्पसंख्यकों के बीच जाएगी भाजपा

पुराने और नए कानून की फैक्ट फाइल लेकर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा अल्पसंख्यक बस्तियों में जाएगा। संसद के दोनों सदनों में दिखा कि वक्फ संशोधन विधेयक पर घंटों चर्चा हुई। विपक्ष ने गंभीरता से इसमें हिस्सा तो लिया, लेकिन अधिकतर नेता विधेयक के तकनीकी बिंदुओं पर तर्क-वितर्क करने की बजाए न सिर्फ भाजपा को मुस्लिम विरोधी घोषित करने के प्रयास में रहे, बल्कि खुलकर भाजपा को मुस्लिम विरोध बताया भी। इस प्रतिक्रिया के लिए भाजपा पहले से तैयार थी। यही कारण है कि सरकार ने जहां कानून के प्रविधानों पर काम किया, वहीं संगठन ने इसके प्रभाव की राजनीतिक बिसात बिछाने पर दिमाग दौड़ाया।

I.N.D.I.A के रूप में एक छतरी के नीचे संघर्ष कर रहे कांग्रेस, सपा, डीएमके, राजद, एनसीपी और टीएमसी जैसे दलों की आंखें एकजुट मुस्लिम मतों के अपने पक्ष में मजबूत होने की संभावना को लेकर चमक रही हैं तो भाजपा का दावा है कि इनके चेहरों से नकाब हटाना अब अधिक आसान होगा।

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने बताया कि वक्फ के मुद्दे को जनता के बीच ले जाने की भाजपा की पूरी तैयारी है। निर्णय किया गया है कि यह विधेयक संसद से पारित होने वाली तिथि तीन अप्रैल को वक्फ आजादी दिवस के रूप में घोषित किया जाएगा। इस संदेश के साथ ही भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के 65 हजार पदाधिकारी और 38 लाख सदस्यों को मैदान में उतारने का प्रयास होगा।

मुस्लिम समाज को भरोसे में लेने की भाजपा की कोशिश?

मोर्चा के कार्यकर्ता मुस्लिम बस्तियों में बेदारी मुहिम यानी जगाने वाला अभियान चलाएंगे। वह बताएंगे कि किस तरह लाखों-करोड़ों रुपये की वक्फ संपत्ति का दुरुपयोग अब तक कुछ माफिया कर रहे थे। सारे तथ्य सामने रखेंगे कि इस संपत्ति से कितनी आय हो सकती थी और उससे कैसे मुस्लिम समाज का भला होता। चूंकि, कानून में संशोधन के बाद वक्फ बोर्ड में महिलाओं के साथ ही पिछड़े मुसलमानों की भागीदारी का रास्ता भी खुल रहा है तो यह भी बताया जाएगा कि भाजपा ने गरीब-पिछड़े मुसलमानों के लिए कितना बड़ा काम किया है।

मोर्चा अध्यक्ष का दावा है कि तीन तलाक कानून ने मुस्लिम महिलाओं की जिंदगी बदली, सरकार की योजनाओं में गरीब मुस्लिमों को लाभ मिला, जिसकी वजह से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति उनका विश्वास बढ़ा है। इसी तरह से वक्फ संशोधन विधेयक भी मुस्लिम वोटबैंक की राजनीति करने वाले विपक्षी दलों को बेनकाब कर संदेश देगा कि भाजपा बिना भेदभाव उनके हित के लिए भी काम कर रही है।

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