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Waqf Bill: वक्फ बिल संशोधन पर सियासी बवाल, मुकेश सहनी ने दी नसीहत; मांझी ने लालू तो चिराग ने विपक्ष को घेरा
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News Today: विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) के संस्थापक और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) को ले केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने नसीहत देते हुए कहा भाजपा तोडऩे नहीं बल्कि जोड़ने की राजनीति करे।
सहनी ने कहा केंद्र की मोदी सरकार विधेयक के नाम पर धु्रवीकरण के प्रयास कर रही है। जबकि इस मुद्दे से जनता को सीधा लाभ नहीं, लेकिन विधेयक का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए किया जा रहा है। महंगाई और बेरोजगारी से ध्यान हटाने के लिए इस विधेयक पर विवाद पैदा किया जा रहा है।
समाज में भाई को भाई से लड़ाने की कोशिश की जा रही है। लेकिन इस चुनाव बिहार में जनता ऐसी साम्प्रदायिक शक्तियों का अंत कर देगी। उन्होंने पीएम को सलाह देते हुए कहा कि वे तीसरी बार जनता द्वारा चुने गए हैं, इसलिए उन्हें देशहित में काम करने पर अधिक ध्यान देना चाहिए।
चिराग पासवान बोले- विपक्ष भ्रम फैला रहाकेंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि वक्फ कानून में 2013 तक संशोधन होते रहे हैं, लेकिन तब तो किसी ने उसमें भ्रम फैलाने का काम नहीं किया। आज विपक्ष द्वारा भ्रम फैलाया जा रहा है कि वक्फ बिल मुसलमान विरोधी है या अंसवैधानिक है। जो संशोधन हुआ है, वह इस सोच के साथ किया गया है कि कैसे इसे और शक्तियां प्रदान की जाएं या जो लोग जिनके साथ अन्याय हो रहा है, कैसे उन्हें न्याय दिलाया जाए।
जदयू, हम, लोजपा ने मुसलमानों को धोखा दिया: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्षबिहार कांग्रेस ने जदयू के साथ ही लोजपा (रामविलास) और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा पर मुसलमानों के साथ धोखा करने के आरोप लगाए हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार ने बुधवार को कहा कि नीतीश कुमार इस राज्य के मुखिया होने के साथ ही जदयू के भी अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने भाजपा के दबाव में वक्फ संशोधन विधेयक को अपना समर्थन दे दिया है। उनका यह कदम बेहद निराशाजनक है।
राजेश ने कहा कि लोकसभा में आज जो वक्फ बिल पेश किया गया है वह केंद्र सरकार का बेहद दुर्भाग्यपूर्ण कदम है। लेकिन इससे दुखद बात यह है कि जिन नीतीश कुमार के सहयोग से केंद्र की भाजपा सरकार चल रही है उसने भी दबाव में आकर बिल का समर्थन कर दिया है।
नीतीश कुमार के इस कदम से मुसलमानों को साथ लेकर चलने के उनके दावे की पोल खुल गई है। जदयू के साथ ही भाजपा की सहयोगी लोजपा रामविलास और जीतन राम मांझी की हम जिस प्रकार से बिल पर मौन है उससे यह बात साबित हो गई है कि सत्ता के मोह में इन्हें मुसलमानों को धोखा देने से भी परहेज नहीं।
लालू ने की थी वक्फ के कड़े कानून की मांग: मांझीहम के संरक्षक एवं केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा है कि वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध सिर्फ इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि यह कानून मोदी सरकार ला रही है। 2010 में लालू प्रसाद ने वक्फ के कड़े कानून बनाए जाने की बात कही थी।
एक्स पर इससे जुड़ा वीडियो जारी करते हुए लिखा है कि मेरा आइएनडीआइए वालों से आग्रह है कि लालू की बातों को ध्यान से सुनें और संशोधन बिल के पक्ष में मतदान करें।
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Bihar News: बिहार के युवाओं को बड़ी सौगात, खोले जाएंगे 18 मेडिकल कॉलेज; स्वास्थ्य मंत्री ने किया एलान
जागरण संवाददाता, पटना सिटी। अगमकुआं स्थित नालंदा मेडिकल कॉलेज में बुधवार को आयोजित कॉलेज के 56वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बड़ा एलान किया है। उन्होंने कहा कि आने वाले 4-5 साल में प्रदेश में 18 मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे।
बिहार में बढ़ेगी मेडिकल कॉलेजों की संख्यास्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि आजादी के 58 वर्षों बाद 2005 तक बिहार में केवल 9 मेडिकल कॉलेज थे। इसके बाद महज बीस सालों में 24 मेडिकल कॉलेज खोले गए।
अगले चार-पांच सालों में पांच प्राइवेट और 13 सरकारी समेत कुल 18 मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। तब बिहार में कॉलेजों की संख्या बढ़कर 42 हो जाएगी। इन सभी कॉलेजों के संचालन के लिए बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है।
4.5 करोड़ की लागत से विकसित होगा नालंदा मेडिकल कॉलेज का सभागारस्वास्थ्य मंत्री ने 4.5 करोड़ रुपये से नालंदा मेडिकल कॉलेज के सभागार को अत्याधुनिक रूप से विकसित करने की बात कही।
उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार स्वस्थ बिहार समृद्ध बिहार बनाने को वचनबद्ध है। नियमित टीकाकरण, सरकारी अस्पतालों में दवाइयों की उपलब्धता में बिहार देशभर में नंबर एक पर है।
आयुष्मान योजना के तहत एक हजार करोड़ लोगों को मिला लाभप्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आयुष्मान योजना के तहत गत वर्ष एक हजार करोड़ रुपए का लाभ मरीजों को दिया गया। एक हजार करोड़ रुपए से अधिक की दवाइयां मरीजों में बांटी गई। बिहार के स्वास्थ्य विभाग का बजट बीस हजार करोड़ रुपये से अधिक का है।
स्वास्थ्य मंत्री ने नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों के लिए उपलब्ध चिकित्सकीय व्यवस्था का विस्तार से उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि 30 बेड की नशामुक्ति इकाई बनी।
सेंटर आफ एक्सीलेंस, सभागार, मदर एंड चाइल्ड हॉस्पिटल, बीएससी नर्सिंग कॉलेज, छात्रावास, यूजी व पीजी का चार सौ बेड का छात्रावास, स्किल लैब, दीदी की रसोई समेत अन्य उपलब्धियां गिनाईं।
उन्होंने एनएमसीएच को पूर्ववर्ती छात्र सम्मेलन करने के लिए कहा। स्वास्थ्य मंत्री ने कॉलेज की स्मारिका का विमोचन किया। उन्होंने एनएमसीएच के मौजूदा और पूर्व प्राचार्य व अधीक्षक को प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया।
प्राचार्य ने अस्पताल के लिए नये भवन की मांग कीएनएमसीएच की प्राचार्य डॉ. प्रो. उषा कुमारी ने कहा कि मरीजों की लगातार बढ़ रही संख्या के आगे अस्पताल की व्यवस्था छोटी पड़ती जा रही है। 30 बेड की ही इमरजेंसी है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से कहा कि एनएमसीएच के लिए नये भवन का निर्माण किया जाना बेहद जरूरी है।
लेक्चर हाल, कॉलेज के भवन में लिफ्ट, कैथ लैब, कैंसर मरीजों के लिए मशीन आदि की आवश्यकता है। अधीक्षक डॉ. प्रो. रश्मि प्रसाद, डॉ. बी पी जायसवाल, डॉ. राजीव रंजन दास, डॉ. मोती लाल दास, डॉ. संजय कुमार समेत अन्य ने अपने विचार रखे।
कुलपति ने शोध पर दिया जोरबिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. प्रो. एस एन सिन्हा ने स्थापना दिवस समारोह में शिक्षकों एवं विद्यार्थियों से शोध पर ध्यान देने को कहा ताकि नई नई बीमारियों का बेहतर इलाज हो सके। यह भी कहा कि एक डाक्टर अपने सेवा के साथ सहयोगपूर्ण अच्छे व्यवहार, वेशभूषा, बोली से पहचाने जाते हैं। मेडिकल विद्यार्थियों को अभी से ही इन बातों पर ध्यान देने की जरूरत है।
32 छात्र-छात्राओं को मिला स्वर्ण पदकएनएमसीएच के 16 एमबीबीएस और 16 पीजी के मेधावी छात्र-छात्राओं को बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति, एनएमसीएच की प्राचार्य, अधीक्षक एवं अन्य शिक्षकों ने स्वर्ण पदक देकर सम्मानित किया।
छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक देकर किया गया सम्मानित।
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PM Modi: BIMSTEC शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थाइलैंड रवाना
एएनआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए बैंकॉक रवाना हो गए हैं। वह थाई प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थाईलैंड के प्रधानमंत्री पैटोंगटार्न शिनावात्रा के निमंत्रण पर थाईलैंड की दो दिवसीय यात्रा पर हैं।
प्रधानमंत्री की थाईलैंड की तीसरी यात्रा होगीप्रधानमंत्री मोदी 4 अप्रैल 2025 को आयोजित होने वाले 6वें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। यह प्रधानमंत्री की थाईलैंड की तीसरी यात्रा होगी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थाईलैंड और श्रीलंका की यात्रा पर रवाना हुए। प्रधानमंत्री थाईलैंड की आधिकारिक यात्रा करेंगे और 6वें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इसके बाद, वे श्रीलंका की राजकीय यात्रा पर जाएंगे।
पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर दी जानकारीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि अगले तीन दिनों में मैं थाईलैंड और श्रीलंका का दौरा करूंगा, जहां मैं इन देशों और बिम्सटेक देशों के साथ भारत के सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लूंगा। आज बाद में बैंकॉक में मैं प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा से मिलूंगा और भारत-थाईलैंड मैत्री के सभी पहलुओं पर चर्चा करूंगा। कल मैं बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लूंगा और थाईलैंड के राजा महा वजीरालोंगकोर्न से भी मुलाकात करूंगा।"
पीएम मोदी ने श्रीलंका यात्रा के बारे में भी जानकारी दीइसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि मेरी श्रीलंका यात्रा 4 से 6 तारीख तक होगी। यह यात्रा राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके की भारत की सफल यात्रा के बाद हो रही है। हम बहुआयामी भारत-श्रीलंका मैत्री की समीक्षा करेंगे और सहयोग के नए अवसरों पर चर्चा करेंगे। मैं वहां होने वाली विभिन्न बैठकों का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं।
Bihar Weather Today: बिहार में फिर बदलेगा मौसम, गोपालगंज सहित 4 जिलों में बारिश का यलो अलर्ट
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather Today: पछुआ के कारण प्रदेश का मौसम शुष्क व सामान्य बना रहेगा। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार प्रदेश के चार जिलों के गोपालगंज, बक्सर, कैमूर, रोहतास जिले के कुछ स्थानों पर गरज-तड़क के साथ हल्की वर्षा की संभावना है। इन जगहों पर 30-40 किमी प्रतिघंटा की गति से हवा चलने को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।
पटना में छाए रहेंगे बादलपटना सहित आसपास इलाकों में आंशिक रूप से बादल छाए रहने के साथ कुछ जगहों पर बूंदाबांदी की संभावना है। 72 घंटों के दौरान अधिकतम तापमान में विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है। अगले 48 घंटों के दौरान प्रदेश के न्यूनतम तापमान में एक से तीन डिग्री की वृद्धि की संभावना है।
खगड़िया और गोपालगंज रहा सबसे ज्यादा गर्मबुधवार को राजधानी व आसपास इलाकों में आंशिक रूप से बादल छाए रहने के साथ मौसम सामान्य बना रहा। राजधानी के अधिकतम तापमान में बुधवार को सामान्य से 1.4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई।
पटना का अधिकतम तापमान 34.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि 37.5 डिग्री सेल्सियस के साथ खगड़िया व गोपालगंज में प्रदेश का सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।
अधिकतम तापमान में इजाफाप्रदेश का अधिकतम तापमान 33.6 डिग्री सेल्सियस से 38.9 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहा। अनेक स्थानों के अधिकतम तापमान में सामान्य से एक से दो डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज की गई। भोजपुर में तेज हवा का प्रभाव बना रहा। पटना व आसपास इलाकों में आंशिक रूप से बादल छाए रहने के कारण मौसम सामान्य बना रहा।
प्रमुख शहरों का तापमान शहरअधिकतम (तापमान डिग्री सेल्सियस में)
न्यूनतम (तापमान डिग्री सेल्सियस में) पटना 34.7 21.2 गया 37.0 21.0 भागलपुर 36.6 19.2 मुजफ्फरपुर 34.7 19.0 सिवान : आसमान में बादल देख किसानों में छाई मायूसी
अप्रैल महीने की शुरुआत होते की मौसम में बदलाव दिखने लगा है, दिन का अधिकतम तापमान 37 डिग्री के पार पहुंच चुका है। साथ ही आसमान में बादल घिरे देख किसानों के चेहरे पर घबराहट स्पष्ट दिखाई देने लगी है, क्योंकि गेंहू कटनी शुरू हो चुकी है।
किसानों की मानें तो अक्सर इस मौसम में देखा जाता है कि वर्षा के साथ ओलावृष्टि भी होती है। ऐसे में ओलावृष्टि होती है तो गेहूं की फसलों का काफी नुकसान हो जाएगा।
इसके साथ परवल, करेला, भिंडी, लौकी, तरबूज, खीरा, ककड़ी जैसे नकदी फसल भी काफी प्रभावित होंगे। ऐसे में हरी साग-सब्जियों का दाम आसमान छूने लगेगा। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार तीन अप्रैल तक तापमान में गिरावट के साथ आसमान में बादल छाए रहने की अनुमान है।
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गृहमंत्री ने विपक्ष के तर्कों को किया धराशायी, बोले- 'वक्फ में अब नहीं चलेगी चोरी, सभी को मानना पड़ेगा कानून'
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह ने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ विपक्ष के आरोपों की धज्जियां उड़ा दी। वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में भारी गड़बड़ी का ब्योरा देते हुए शाह ने साफ कर दिया कि अब यह चोरी नहीं चलेगी। संशोधित वक्फ कानूनों को नहीं मानने का एलान करने वालों को कड़ी चेतावनी देते हुए शाह ने कहा कि यह देश की संसद द्वारा बनाया गया भारत का कानून है। इसे सभी को मानना ही पड़ेगा।
अमित शाह बोले- पहले करते तो आज नहीं होती जरूरतशाह ने बताया कि 2013 के वक्फ कानूनों को अति कठोर बनाने का किस तरह से दुरुपयोग किया गया। यदि तुष्टीकरण के लिए कांग्रेस ने 2013 में वक्फ कानूनों को अति कठोर नहीं बनाया होता, तो आज संशोधन लाने की जरूरत ही नहीं पड़ती।
लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए अमित शाह ने 2013 में लाए गए संशोधन विधेयक पर राजद प्रमुख लालू यादव समेत अन्य सदस्यों द्वारा उठाए गए मुद्दे का हवाला दिया। लालू यादव के भाषण का अंश पढ़ते हुए उन्होंने बताया कि किस तरह से संशोधन विधेयक का समर्थन करने के बावजूद उन्होंने वक्फ संपत्तियों में भारी लूट का मुद्दा उठाया था। ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कड़े कानून की जररूत बताई थी।
लालू यादव की इच्छा अब मोदी सरकार पूरी कर रही है- शाहशाह ने कहा कि लालू यादव की इच्छा अब मोदी सरकार पूरी कर रही है। वक्फ की एक संपत्ति पर पांच सितारा होटल बना दिया गया और उसका किराया महज 12 हजार रुपये महीना लिया जा रहा है।
शाह ने कहा कि नए संशोधनों के बाद वक्फ कानून इन संपत्तियों को बेचने वालों, उनका किराया खाने वालों को पकड़ने का काम करेगा। उन्होंने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि आपने वोट बैंक के लिए संशोधन किया था और अब हम इसे खारिज कर रहे हैं।
वक्फ बोर्ड 1995 में पहली बार अस्तित्व में आएगृह मंत्री ने कहा कि वक्फ परिषद और वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने का उद्देश्य केवल संपत्तियों का प्रशासन सुनिश्चित करना है। वक्फ बोर्ड या इसके परिसरों में जिन गैर मुस्लिम सदस्यों को रखा जाएगा, उनका काम धार्मिक क्रियाकलापों से संबंधित नहीं होगा।
वक्फ परिषद और वक्फ बोर्ड 1995 में पहली बार अस्तित्व में आए और नए संशोधनों में भी उन्हें बनाए रखा गया है। सरकार ने सिर्फ उन्हें पारदर्शी और जवाबदेह बनाने का काम किया है। चैरिटी कमिश्नर के गैर मुस्लिम होने के आरोप को हास्यास्पद बताते हुए उन्होंने कहा कि यह प्रशासनिक पद है, जो सभी धर्मों के ट्रस्टों की देखरेख करता है।
अधिकार का दुरुपयोग किया गयाउन्होंने कहा कि सभी धर्मों के लिए अलग-अलग चैरिटी कमिश्नर नहीं हो सकता है। यह एक विभाजनकारी सोच है। अमित शाह ने बताया कि किस तरह से 2013 के संशोधन में वक्फ बोर्डों और वक्फ परिषद को दिए गए अत्यधिक अधिकार का दुरुपयोग किया गया है।
मंदिरों, गांवों और सरकारी संपत्तियों को वक्फ की घोषित करने के मामलेउन्होंने कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में मंदिरों, गांवों और सरकारी संपत्तियों को वक्फ घोषित किए जाने का हवाला दिया और ऐसे आदेशों के खिलाफ अदालत में अपील रोकने के प्रविधान को संविधान के खिलाफ बताया।
देश में 18 लाख एकड़ जमीन वक्फ के पासउन्होंने कहा कि 1913-2013 के बीच देश में 18 लाख एकड़ जमीन वक्फ के पास थी, जो पिछले 12 वर्षों में बढ़कर 39 लाख एकड़ हो गई। विदेश पढ़ाई करने जाने वाले या दूसरे शहर में काम करने वालों की संपत्ति पीछे से वक्फ के नाम पर करने के मामले भी सामने आए हैं।
वक्फ बोर्ड के मनमाने तरीके पर रोक- अमित शाहशाह ने कहा कि वक्फ बोर्ड और वक्फ परिषद द्वारा मनमाने तरीके से किसी भी जमीन को वक्फ घोषित करने पर रोक लगा दी गई है और अब इसके लिए कलक्टर का सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य होगा। उन्होंने साफ किया कि वक्फ एक दान है, जो सिर्फ अपनी संपत्ति का किया जा सकता है। दूसरे की संपत्ति को कोई कैसे दान कर सकता है। मध्यकालीन शासकों द्वारा किए गए वक्फ के दावे की पुष्टि के लिए पुख्ता प्रमाण उपलब्ध कराने होंगे।
यह भी पढ़ें- लोकसभा ने वक्फ विधेयक को दी मंजूरी, खूब हुई सरकार-विपक्ष के बीच गरमागरम बहस
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अरविंद शर्मा, जागरण, नई दिल्ली। सरकार और विपक्ष के बीच गरमागरम बहस के बाद वक्फ संशोधन विधेयक बुधवार को लोकसभा से पारित हो गया। विधेयक के समर्थन में 288 और विरोध में 232 वोट पड़े। विधेयक पारित करने के लिए सदन आधी रात के बाद भी बैठा रहा। एआइएमआइएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इस कानून को मुसलमानों पर हमला बताते हुए विधेयक की प्रति फाड़ दी।
सरकार ने मुस्लिमों को आश्वस्त कियाविपक्ष द्वारा विधेयक को संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ बताए जाने सहित सरकार ने एक-एक आपत्तियों का जवाब दिया और आशंकाएं दूर की। सरकार ने मुस्लिमों को आश्वस्त किया कि यह बिल उनकी मस्जिद एवं दरगाह छीनने और धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप के लिए नहीं है, बल्कि संपत्तियों के नियमन और प्रबंधन के लिए लाया गया है।
नया कानून अधिसूचना निकलने के दिन से ही प्रभावी होगानया कानून अधिसूचना निकलने के दिन से ही प्रभावी होगा। वक्फ संशोधन विधेयक को असंवैधानिक कहने के लिए विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि वक्फ संपत्ति से संबंधित कानून दशकों से अस्तित्व में है। अदालतों द्वारा इसे रद नहीं किया गया है और ऐसे शब्दों का इस्तेमाल हल्के में नहीं किया जाना चाहिए। कहा कि दुनिया में अल्पसंख्यकों के लिए भारत से ज्यादा सुरक्षित कोई देश नहीं है।
केसी वेणुगोपाल, असदुद्दीन ओवैसी ने संशोधन पेश कियाविधेयक पर विपक्ष की ओर से गौरव गोगोई, केसी वेणुगोपाल, असदुद्दीन ओवैसी और अरविंद सावंत ने संशोधन पेश किया, जिसे सदन ने खारिज कर दिया। वहीं, रिजीजू के संशोधन को स्वीकार कर लिया। अब इस विधेयक को राज्यसभा में पेश किया जाएगा।
विपक्षी दलों के स्वर थोड़े बदले-बदले से थेविधेयक पर चर्चा के दौरान लोकसभा में जदयू, तेदेपा एवं लोजपा (आर) समेत राजग के समस्त सहयोगी दल पूरी तरह एकजुट दिखे, जबकि पहले से कड़े प्रतिरोध का दावा करते आ रहे विपक्षी दलों के स्वर थोड़े बदले-बदले से थे। कांग्रेस एवं समाजवादी पार्टी समेत कई दलों को विधेयक से नहीं, बल्कि संशोधन के कुछ बिंदुओं पर आपत्ति थी। हालांकि दोनों खेमों ने अपने-अपने सदस्यों को सदन में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी किया था।
बहस पर चर्चा का समय पहले आठ घंटा निर्धारित था। इसे पहले दो घंटे और फिर डेढ़ घंटे के लिए बढ़ाया गया। लोकसभा में लगभग 12 घंटे तक चली मैराथन बहस का जवाब देते हुए रिजीजू ने कहा कि विधेयक पारित होने के बाद गरीब मुसलमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देंगे।
विपक्षी सदस्यों ने विधेयक को मुस्लिम विरोधी बतायारिजीजू ने विपक्षी सदस्यों द्वारा विधेयक को मुस्लिम विरोधी बताए जाने को खारिज कर दिया और कहा कि गृह मंत्री अमित शाह द्वारा सभी मुद्दों पर अच्छी तरह से स्पष्टीकरण दिए जाने के बावजूद कुछ सदस्य सच को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। कुछ नेता कह रहे हैं कि विधेयक असंवैधानिक है। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि वे कैसे कह सकते हैं कि विधेयक असंवैधानिक है। अगर यह असंवैधानिक था, तो अदालत ने इसे रद क्यों नहीं किया?
असदुद्दीन ओवैसी ने विभिन्न मुद्दे उठाएरिजीजू ने कहा कि एआइएमआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने विभिन्न मुद्दे उठाए और आरोप लगाया कि वक्फ में मुसलमानों के बच्चों के लिए प्रविधान किया जा रहा है। हिंदुओं के लिए कोई प्रविधान क्यों नहीं किया जा रहा है? मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि हिंदुओं के लिए पहले से ही प्रविधान है। इस पर दूसरा कानून बनाने की कोई जरूरत नहीं है। इससे पहले रिजीजू ने लोकसभा में विधेयक पेश करते हुए इसे उम्मीद (यूनीफाइड वक्फ मैनेजमेंट इंपावरमेंट, इफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट) नाम दिया।
वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए बिल लाने को जरूरी बताते हुए रिजीजू ने कहा कि अगर ऐसा नहीं करते तो जिस इमारत (संसद भवन) में हम बैठे हैं, उस पर भी वक्फ दावा कर सकता था, क्योंकि 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले तत्कालीन सरकार ने दिल्ली की 123 संपत्तियां वक्फ को दे दी थीं। अगर केंद्र में नरेन्द्र मोदी की सरकार नहीं बनती तो कई अन्य संपत्तियों पर वक्फ का कब्जा हो सकता था।
वोट के लिए 70 वर्षों से मुस्लिमों को गुमराह किया जा रहा है- सरकाररिजीजू ने उस भ्रम को भी स्पष्ट किया, जिसमें कहा जाता है कि रेल और सेना के बाद वक्फ के पास सबसे ज्यादा जमीन है। कहा कि रेल और सेना की जमीन देश की है, किंतु वक्फ की संपत्ति निजी है। वोट के लिए 70 वर्षों से मुस्लिमों को गुमराह किया जा रहा है।
सच्चर कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए रिजीजू ने कहा कि 2006 में देश में 4.9 लाख वक्फ संपत्तियां थीं, जिनकी कुल आय 163 करोड़ थी। अभी 8.72 लाख संपत्तियां हैं, लेकिन आमदनी सिर्फ तीन करोड़ ही बढ़ी है। उचित इस्तेमाल से वक्फ की आमदनी बढ़ेगी, जिससे मुस्लिमों को फायदा होगा। अभी तक वक्फ बोर्ड किसी भी जमीन को अपना बता देता था। अब ऐसा नहीं होगा।
सरकार ने कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई की उस आपत्ति को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि गैर सरकारी संस्थाओं से सुझाव नहीं लिए गए और विपक्ष के एक भी संशोधन प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया गया।
गोगोई ने सरकार पर लगाए आरोपगोगोई ने आरोप लगाया कि यह विधेयक संविधान के मूल ढांचे पर हमला करने, अल्पसंख्यकों को बदनाम करने, उन्हें मताधिकार से वंचित करने और समाज को विभाजित करने का प्रयास है। इस पर अमित शाह ने कहा कि संप्रग सरकार ने 2013 में सिर्फ चार घंटे की चर्चा के बाद वक्फ विधेयक को पास कर दिया था, लेकिन इस बार संयुक्त संसदीय समिति में 113 घंटे की चर्चा एवं 92 लाख से ज्यादा सुझावों पर विचार के बाद कानून बनाया जा रहा है।
वक्फ में एक भी गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं होगा- सरकारवक्फ कानून में संशोधन के नाम पर धार्मिक हस्तक्षेप के आरोपों को खारिज करते हुए सरकार ने स्पष्ट किया कि वक्फ में एक भी गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं होगा। सिर्फ वक्फ परिषद एवं वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम होंगे, जिनका काम धार्मिक हस्तक्षेप का नहीं होगा, बल्कि उन संपत्तियों के प्रबंधन का होगा जो दान में मिली है। वह देखेगा कि संपत्तियों का सदुपयोग हो रहा है या नहीं। वक्फ में महिलाएं और शिया-सुन्नी की भागीदारी बढ़ेगी और पिछड़ों का प्रतिनिधित्व होगा।
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Waqf Bill: वक्फ बिल को कोर्ट में चुनौती देगा मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड, बोला- सड़कों पर करेंगे विरोध
पीटीआई, नई दिल्ली। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड (एआइएमपीएलबी) ने कहा है कि वह वक्फ (संशोधन) विधेयक को अदालत में चुनौती देगा और समुदाय के अधिकारों को खतरे में डालने वाले इस काले कानून के विरुद्ध लड़ाई को सड़कों पर लेकर जाएगा।
प्रस्तावित कानून की आलोचना कीप्रेस कान्फ्रेंस में प्रस्तावित कानून की आलोचना करते हुए बोर्ड के सदस्य मोहम्मद अदीब ने दावा किया कि यह मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों को जब्त करने का प्रयास है। उन्होंने कहा, उन्होंने इसे इस सोच से शुरू किया है कि वे हमारी संपत्ति छीन सकते हैं। क्या इसे स्वीकार किया जा सकता है? यह मत सोचिए कि हम पराजित हो गए हैं।
कानून भारत के ताने-बाने को खतरे में डालता हैउन्होंने कहा कि यह तो शुरुआत है। संयुक्त संसदीय समिति में विचार-विमर्श के दौरान बिल का विरोध किया गया। यह देश को बचाने की लड़ाई है क्योंकि प्रस्तावित कानून भारत के ताने-बाने को खतरे में डालता है।
बिल को वापस लेने तक बोर्ड चैन से नहीं बैठेगाअदीब ने सभी जागरूक नागरिकों से अनुरोध किया कि वे बिल का विरोध करें और इसका कानूनी एवं सार्वजनिक प्रदर्शन के जरिये विरोध करने की बोर्ड की प्रतिबद्धता को दोहराया। साथ ही कहा कि बिल को वापस लेने तक बोर्ड चैन से नहीं बैठेगा।
विपक्ष ने वक्फ संशोधन बिल को बताया संविधान पर हमलावक्फ संशोधन बिल के कई प्रविधानों का विरोध करते हुए विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए ने लोकसभा में सरकार के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाई। इस विधेयक को नया नाम ''उम्मीद'' (यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट इंपावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट एक्ट) देने पर विपक्षी दलों ने इसे अल्पसंख्यक मुस्लिम समाज के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करार दिया और कहा कि यह सीधे-सीधे संविधान पर आक्रमण है।
आइएनडीआइए गठबंधन की ओर से सबसे पहले हमले का मोर्चा खोलते हुए मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह संविधान को कमजोर करने, अल्पसंख्यकों को बदनाम करने और उनके अधिकारों से वंचित करने के उद्देश्य से यह बिल लेकर आई है।
भारत की धर्मनिरपेक्ष छवि को नुकसान पहुंचाएगा- अखिलेशउन्होंने कहा कि यह विधेयक समाज को विभाजित कर भाईचारा खत्म करने का प्रयास है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा का यह वक्फ विधेयक विभाजनकारी एजेंडे का हिस्सा है, जो भारत की धर्मनिरपेक्ष छवि को नुकसान पहुंचाएगा।
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