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Bihar News: बिहार के कॉलेज में नए सत्र की पढ़ाई कब से शुरू होगी? फाइनल डेट आ गई सामने; यहां पढ़ें पूरी जानकारी
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar News: विश्वविद्यालयों व कालेजों में नया शैक्षणिक सत्र 2024-25 की पढ़ाई हर हाल में अगस्त के पहले सप्ताह में आरंभ हो जाएगी। इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने आवश्यक प्रक्रिया आरंभ कर दी है। यूजीसी के अध्यक्ष प्रो. एम जगदीश कुमार के अनुसार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) जून के मध्य तक सीयूईटी यूजी 2024 का परिणाम जारी करेगा।इसके बाद विश्वविद्यालयों में नामांकन प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी।
अगस्त के पहले सप्ताह तक कक्षाएं आरंभ करने की कवायदइसी के आधार पर अगस्त के पहले सप्ताह तक कक्षाएं आरंभ करने की कवायद है। सभी विश्वविद्यालयों में स्नातक और पीजी का शैक्षणिक सत्र 2024-25 अगस्त के पहले हफ्ते से शुरू करने को कहा है। करीब 261 विश्वविद्यालय सीयूईटी यूजी 2024 की मेधा सूची से स्नातक स्तर के विभिन्न कोर्स में नामांकन देंगे।
इसके साथ ही सभी विश्वविद्यालयों को जून के अंत तक स्नातक व पीजी के परिणाम जारी करने को कहा गया है। इससे विद्यार्थियों को प्रवेश प्रक्रिया और सेमेस्टर की तैयारी पूरी करने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।
इसके साथ ही व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रोजेक्ट वर्क और इंटर्नशिप के लिए दो हफ्ते का और समय देने का भी आग्रह किया गया है। 261 से अधिक विश्वविद्यालयों में स्नातक और पीजी पाठ्यक्रमों में पहले वर्ष में नामांकन सीयूईटी की मेधा सूची से होगा।
आनलाइन विवि में संस्थान, उद्योग,एडूटेक एक साथ मिलकर करेंगे कामBihar News: यूजीसी चेयरमैन प्रो. जगदीश एम कुमार ने कहा उच्च शिक्षण संस्थानों में चार करोड़ से अधिक सीट हैं। चार करोड़ छात्र विभिन्न डिग्री प्रोग्राम में निबंधित हैं, जबकि करीब 3.41 करोड़ छात्र अपनी पहली डिग्री प्राप्त कर रहे हैं। विश्वविद्यालयों को सीट बढ़ाने की स्वायत्ता भी दी गई है। एनईपी 2020 के तहत छात्रों को तीन वर्षीय, चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम चुनने की आजादी है।
एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट में छात्र कोई भी कोर्स करते हैं, उसके क्रेडिट एबीसी में जुड़ेंगे। प्रो. कुमार ने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2024 से देश का पहले ई-विश्वविद्यालय के रूप में राष्ट्रीय डिजिटल विश्वविद्यालय शुरू करने की तैयारी चल रही है। यह दुनिया का सबसे बड़ा आनलाइन विश्वविद्यालय होगा।
इस विवि में उच्च शिक्षण संस्थान, उद्योग और एडूटेक प्लेटफार्म को एक साथ लाना है। इसका मकसद छात्रों को ग्रामीण, दूर-दराज और कामकाजी पेशेवरों को घर बैठे गुणवत्ता युक्त सस्ती शिक्षा मुहैया करवाना है।
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Bihar Election Result 2024: पाटलिपुत्र और पटना साहिब में किसका रिजल्ट पहले आएगा? इस बार अलग तरह से होगी काउंटिंग
जितेंद्र कुमार, पटना। पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र का परिणाम पहले आएगा। पटना साहिब क्षेत्र के मतदाताओं को नतीजे के लिए थोड़ा अधिक इंतजार करना पड़ेगा। वैसे तो 27 चक्रों की गिनती के बाद दोनों लोकसभा का रूझान स्पष्ट हो जाएगा, लेकिन पटना साहिब क्षेत्र का अंतिम नतीजा दीघा विधानसभा की गिनती पूरी होने के बाद घोषित होगा।
इस बार अलग है काउंटिंग की व्यवस्थानिर्वाचन आयोग के निर्देश पर दोनों संसदीय क्षेत्र के मतों की गिनती के लिए अलग-अलग हाल में 14 टेबल बनाए गए हैं। एक बार में 14 बूथों का ईवीएम की गिनती की जाएगी। पटना साहिब क्षेत्र में वैसे तो बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र 388 बूथों की गिनती 27 चक्रों में समाप्त हो जाएगा।
निर्वाचन आयोग त्रुटि रहित मतगणना के लिए विशेष प्रशिक्षण के बाद वित्त एवं लेखा सेवा के पदाधिकारी और कर्मचारियों को प्रत्येक टेबल पर तैनात किया है। सभी टेबल पर सीसी कैमरे के साथ माइक्रो आब्जर्बर तैनात रहेंगे। दोनों लोकसभा के प्रेक्षक मतगणना केंद्र पर रहेंगे। जिला निर्वाचन पदाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने मतगणना केंद्र पर वरीय प्रभार में एडीएम और अनुमंडल पदाधिकारी को प्रतिनियुक्त किया है।
दीघा विधानसभा में गिनती 31 चक्रों की गिनती के बाद पूरी होगीदीघा विधानसभा क्षेत्र में 439 बूथों की गिनती 31 चक्रों की गिनती के बाद पूरी होगी। चार चक्र के नीतीजे का इंतजार के बाद अंतिम परिणाम आएगा। इसी तरह पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र में सबसे अधिक 396 बूथों की गिनती 28 चक्रों में पूरी होगी। पाटलिपुत्र क्षेत्र में सबसे पहले पालीगंज की गिनती 22 चक्रों में पूरी होगी। बिक्रम विधानसभा में 24, दानापुर और मनेर का एक साथ 25 चक्र में गिनती पूरी होगी।
मसौढ़ी और फुलवारीशरीफ विधानसभा में ऐसे होगी गिनतीमसौढ़ी में 27 और फुलवारीशरीफ विधानसभा का 28 वें चक्र की गिनती के बाद अंतिम रूप से परिणाम आएगा। पटना साहिब संसदीय क्षेत्र का सबसे पहले बख्तियारपुर और फतुहा विधानसभा की गिनती 20 चक्र के बाद पूरी होगी। पटना साहिब और कुम्हरार विधानसभा की गिनती 24 चक्र के बाद पूरी होगी।
बांकीपुर विधानसभा की गिनती तो 27 चक्र में पूरी होगी, लेकिन अंतिम परिणाम के लिए दीघा विधानसभा की गिनती पूरी करने के लिए मतदाताओं को इंतजार करना पड़ेगा। दीघा में सर्वाधिक 439 बूथों की गिनती 31 चक्र के बाद पूरी होने पर अंतिम नतीजा आएगा।
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Snake Bite : बिहार में सिखाया जा रहा सांप के डंसने का इलाज, भीषण गर्मी के बीच आखिर क्यों पड़ी इसकी जरूरत?
राज्य ब्यूरो, पटना। भीषण गर्मी के बाद आने वाली बरसात के पूर्व स्वास्थ्य विभाग की पहल पर ग्रामीण क्षेत्र के चिकित्सक सांप काटने के बाद पीड़ित व्यक्ति की चिकित्सा के दौरान मानकों के पालन से अवगत हुए। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें बताया गया कि सर्पदंश की घटना के बाद पीड़ित जब अस्पताल आए तो कैसे उपचार करना है और क्या-क्या सावधानियां रखनी हैं।
पहले चरण में सभी जिला अस्पताल से एक-एक डॉक्टर और इपिडेमोलाजिस्ट को प्रशिक्षित किया जा रहा है।स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बरसात के दौरान सांप और कुत्तों के काटने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। प्रशिक्षण के क्रम में डॉक्टरों को बताया गया कि पहले रोगी को शांत कराएं।
काटने के बाद शरीर में जहर के कारण असह्य पीड़ा होती हैइसके बाद यह सुनिश्चित करें कि सांप जहरीला था या नहीं। अमूमन देखा जाता है कि गेहुंअन सांप दिन में काटता है। उसके काटने के बाद शरीर में जहर के कारण असह्य पीड़ा होती है। करैत सांप अक्सर रात के समय काटता है। करैत सांप के काटने पर चुभन महसूस होती है।
बताया गया कि ज्यादा मामलों में मरीज का नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है। उसकी मांसपेशियां शिथिल होने लगती हैं। मरीज की आंख पर उसका असर दिखने लगता है।
सांस संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज(सीएमसी), वेल्लोर के डॉ. अमिथ बालाचंद्रन, डॉ. अजीत शेवाले व चेन्नई की डॉ. ज्ञानेश्वर ने चिकित्सकों को प्रशिक्षण दिया।
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राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics News Hindi जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने रविवार को कहा कि एक्जिट पोल के आंकड़े देख विपक्ष सदमे में है। विपक्ष का सामूहिक रूदन चार जून को होगा। उन्होंने कहा कि तमाम एक्जिट पोल में एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिलता देख आईएनडीआईए के नेता सदमे में चले गए हैं।
उन्होंने कहा कि इन्हें समझ में ही नहीं आ रहा कि जनता इनके दुष्प्रचार के झांसे में कैसे नहीं फंसी। आईएनडीआईए की ऐसी दुर्गति हो गई है कि उनके शासित राज्यों में भी उन्हें सीटें नहीं मिल रही है। यहां तक कि रायबरेली में भी इनकी हालत सही नहीं दिख रही।
यही वजह है कि इनके नेता अनाप-शनाप बोलकर अपनी इज्जत बचाने की कोशिश में जुट गए हैं। जदयू प्रवक्ता ने कहा कि लोकतंत्र बनाम वंशवाद के बीच हुए इस चुनाव में जनता ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि देश में वंशवादी राजनीति के दिन अब लद चुके।
जदयू चुनाव कार्यालय में प्रत्याशी व कार्यकर्ताओं के जीत-हार का होता रहा मंथनसातवें और आखिर चरण का चुनाव समाप्त होते ही अगले दिन यानी रविवार को भैसासुर स्थित जद यू चुनाव कार्यालय में एनडीए समर्थित जद यू प्रत्याशी कौशलेन्द्र कुमार व जिले के विभिन्न प्रखंडों से आए सक्रिय कार्यकर्ताओं के बीच हार-जीत का मंथन होता रहा। र
विवार सुबह से ही जदयू चुनाव कार्यालय में कार्यकर्ताओं के आने का सिलसिला लगा रहा। इस बीच कौशलेन्द्र कुमार लोगों से चुनाव के दौरान विभिन्न विस में पड़े मतदान की चर्चा करते रहे।
चुनाव में बड़े पैमाने पर स्वीप आनकान व जिला प्रशासन की ओर से चलाए गए जागरूकता अभियान के बावजूद सबसे कम मतदान प्रतिशत बिहारशरीफ में रहा। इस पर गहन चर्चा हो रही थी।
जीत-हार का फैसला बहुत ज्यादा अंतर से होने वाला नहींदबी जुबान से प्रत्याशी भी इस मामले में खुलकर बोलने से परहेज कर रहे थे। लेकिन मतदान प्रतिशत को देखते हुए इतना तय माना जा रहा है कि जीत-हार का फैसला बहुत ज्यादा अंतर से होने वाला नहीं हैं। शहर व गांव के हर चौक-चौराहों पर भी जीत हार में अधिक मार्जिन नहीं होने की संभावना लोग जता रहे हैं।
कम वोटिंग की वजह हीटबेव व प्रत्याशियों से नाराजगी की बात भी सामने आ रही है। बहरहाल 04 जून को मतगणना का कार्य सम्पन्न होने पर सारी अटकलों पर विराम लग जाएगा।
जीत का सेहरा किसके सिर जाएगा यह तो वक्त ही बताएगा। फिल हाल 48 घंटे से भी अब कम समय इस चुनाव समर का परिणाम आने का समय रह गया है।
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Nitish Kumar: आज दिल्ली में क्या करेंगे नीतीश कुमार? हो गया सबकुछ क्लियर; बिहार में सियासी हलचल हुई तेज
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News Today: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को दो दिवसीय यात्रा पर दिल्ली पहुंचे। इसके बाद से ही बिहार में सियासी हलचल तेज हो गई। नीतीश कुमार के दिल्ली पहुंचने के बाद लोगों ने तरह-तरह की अटकलें लगानी शुरू कर दी। लेकिन, अब इस राज से पर्दा उठता दिख रहा है।
एनडीए के वरिष्ठ नेताओं से करेंगे मुलाकातचर्चा है कि सोमवार को नीतीश कुमार (Nitish Kumar) एनडीए के कुछ वरिष्ठ नेताओं से वहां मुलाकात करेंगे। नीतीश कुमार इस दौरान 4 जून को आने वाले परिणाम पर चर्चा कर सकते हैं। इसके अलावा बिहार की कई विकास परियोजनाओं पर भी चर्चा कर सकते हैं।
सोशल मीडिया पर पलटने की चर्चा चल रही थी जोरों परBihar News: वहीं नीतीश कुमार के दिल्ली पहुंचते ही सोशल मीडिया पर पलटी मारने की बात ट्रेंड करने लगी। लोगों ने तरह-तरह की अटकलें लगानी शुरू कर दी। वहीं तेजस्वी का नीतीश को लेकर दिया बयान भी चर्चा में आ गया। दरअसल, तेजस्वी यादव ने कहा था कि नीतीश कुमार का मन एनडीए के साथ नहीं लग रहा है। उनका मन महागठबंधन में ही है।
नीतीश के दिल्ली दौरे पर जदयू नेता का आया बयानएग्जिट पोल आने के अगले ही दिन मुख्यमंत्री की दिल्ली यात्रा के संबंध में जदयू नेताओं ने कहा कि यह पूर्व से तय कार्यक्रम के तहत है। वहीं, दिल्ली एयरपोर्ट के बाहर पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि एग्जिट पोल में एनडीए की सरकार बन रही। इस पर उनकी क्या प्रतिक्रिया है? मुख्यमंत्री ने इस पर सिर्फ इतना कहा कि - बनेगी, जरूर बनेगी।
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Bihar Weather Today: बिहार के इन 11 जिलों में तेज आंधी-बारिश की चेतावनी, सावधान रहने की सलाह; पढ़ें मौसम का हाल
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather News: राजधानी पटना समेत दक्षिणी भागों का मौसम गर्म होने के साथ शुष्क बना रहेगा, जबकि उत्तर के अधिसंख्य भागों में आंधी-पानी के साथ गरज-तड़क को लेकर चेतावनी जारी की गई है। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार, राजधानी समेत 14 जिलों में गर्म दिन व उत्तरी भागों के 11 जिलों में मेघ गजर्न व तेज हवा के साथ बारिश के आसार हैं।
इन 11 जिलों में तेज आंधी के साथ होगी बारिशपूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनगंज में गरज-तड़क के साथ तेज आंधी-पानी को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में हवा की गति 30-40 किमी प्रतिघंटा रहने की संभावना है।
पटना का गिरा तापमानBihar News: राजधानी पटना के अधिकतम तापमान में 2.3 डिग्री गिरावट के साथ 36.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि, 40.7 डिग्री सेल्सियस के साथ नवादा प्रदेश का सबसे गर्म रहा। बीते 24 घंटों के दौरान पूर्वी चंपारण के ललबेगियाघाट में 35.0 मिमी वर्षा दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में चक्रवताीय परिसंचरण का क्षेत्र बना हुआ है। इनके प्रभाव से तराई वाले इलाकों में दक्षिणी भागों की तुलना में मौसम सामान्य बना रहेगा। छिटपुट वर्षा की अनुकूलता बने होने से इन जिलों में रहने वाले लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिलेगी।
मानसून समय के साथ आगे बढ़ रहारविवार को नवादा को छोड़ पटना सहित सभी जिलों के अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के नीचे दर्ज किया गया। मौसम वेधशाला से प्राप्त जानकारी के अनुसार दक्षिण पश्चिम मानसून की सक्रियता बनी हुई है। मानसून समय के साथ आगे की ओर बढ़ रहा है। प्रदेश में अपने निर्धारित समय से आने का पूर्वानुमान है।
इन जिलों में रहेगा गर्म दिनपटना, गया, औरंगाबाद, अरवल, रोहतास, भभुआ, बक्सर, भोजपुर, जहानाबाद, नालंदा, नवादा, लखीसराय, शेखपुरा, बेगूसराय में गर्म दिन रहने के साथ उमस भरी गर्मी रहने की संभावना है।
इन जिलों में दर्ज की गई बारिशइन जिलों में दर्ज की गई वर्षा अररिया के रानीगंज में 33.2 मिमी, किशनगंज के दिघालबैंक में 32.4 मिमी, सुपौल के छातापुर में 28.2 मिमी, बौसा में 27.4 मिमी, दरभंगा में 24.2 मिमी, मधेपुरा के सिंहेश्वर में 22.6 मिमी, शिवहर के पीपराही में 22.6 मिमी, पूर्वी चंपारण के पताही में 22.6 मिमी, शिवहर में 22.4 मिमी, पूर्णिया में 21.6 मिमी, किशनगंज में टेढ़ागाछ में 17.2 मिमी, अररिया में 17.0 मिमी, सुपौल के मरौना में 16.4 मिमी, सुपौल में 15.2 मिमी, पश्विम चंपारण के गौनाहा में 15.2 मिमी एवं वाल्मीकि नगर में 15.0 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
प्रमुख शहरों का तापमानशहर अधिकतम न्यूनतम
पटना 36.3 27.8
गया 38.6 28.0
भागलपुर 38.5 23.8
मुजफ्फरपुर 33.7 26.6
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Rail News : अब स्टेशन पर टिकट के लिए नहीं लगनी पड़ेगी लंबी लाइन, रेलवे विभाग करने जा रहा ये काम; पढ़ें डिटेल
जागरण संवाददाता, पटना। यात्रियों की सुविधा के लिए पूर्व मध्य रेल के 43 स्टेशनों पर 127 ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन (एटीवीएम) लगाई गई हैं। भारतीय रेलवे की ओर से दानापुर मंडल के 13 स्टेशनों पर 38 एटीवीएम लगी हैं। वहीं, समस्तीपुर मंडल के नौ स्टेशनों पर 29 एटीवीएम लगाई जाएंगी।
सोनपुर मंडल के आठ स्टेशनों पर 24 एटीवीएम, डीडीयू मंडल के छह स्टेशनों पर 18 एटीवीएम तथा धनबाद मंडल के 7 स्टेशनों पर 18 एटीवीएम लगाई जाएंगी। इसके अलावा पूर्व मध्य रेल के अन्य 40 स्टेशनों पर एटीवीएम स्थापित की गई हैं।
टिकट के लिए अब नहीं लगेगी यात्रियों की कतारटिकट के लिए अब स्टेशनों के काउंटर पर यात्रियों की लंबी कतार नहीं लगेगी। कतार खत्म करने के लिए 43 स्टेशनों पर 127 एटीवीएम लगाई जाएंगी। इससे यात्रियों को टिकट लेने में सुविधा होगी।
यात्री 24 घंटे इस सुविधा का उपयोग कर सकते हैं। नई एटीवीएम में हिंदी एवं अंग्रेजी भाषा चुनने की सुविधा है। इस मशीनों पर यात्री स्वयं टिकट ले सकते हैं।
दानापुर मंडल के 13 स्टेशनों लगी मशीनदानापुर मंडल के 13 स्टेशनों पर कुल 38 एटीवीएम लगाई गई हैं। दानापुर मंडल के पटना जंक्शन, राजेन्द्रनगर, दानापुर, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर, मोकामा, जहानाबाद, दिलदारनगर, पटना साहिब, झाझा, बिहारशरीफ एवं लखीसराय स्टेशन पर एटीवीएम लगाई गई हैं।
वहीं, सोनपुर मंडल के हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, बरौनी, खगड़िया, सोनपुर, मानसी, नवगछिया, बेगूसराय स्टेशन पर एटीवीएम लगाई गई हैं। समस्तीपुर मंडल के समस्तीपुर, दरभंगा, सहरसा, रक्सौल, बेतिया, बापूधाम, मधुबनी, नरकटियागंज एवं सीतामढ़ी में एटीवीएम लगाई गई हैं।
डीडीयू मंडल के डेहरी आन सोन, गया, सासाराम एवं भभुआ स्टेशन पर आटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन लगाई गई है।
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Bihar Lok Sabha Election Counting: एसीईओ करेंगे काउंटिंग की मॉनीटरिंग, शिकायतों का भी करेंगे निपटारा
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एचआर श्रीनिवास ने राज्य के 40 लोकसभा क्षेत्र के लिए होने वाली मतगणना की मॉनीटरिंग के लिए टीम का गठन किया है।
मतगणना के दौरान मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय सभागार में संचालित होने वाले नियंत्रण कक्ष का दायित्व अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी आलोक रंजन घोष को दिया गया।
साथ ही संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी मिथिलेश साहु और संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी माधव कुमार सिंह घोष को सहयोग करेंगे। सुबह सात बजे से मतगणना समाप्त होने तक नियंत्रण कक्ष कार्यरत रहेगा।
मतगणना के दौरान नंबर 0612-2217601, 0612-2217602, 0612-2217597 पर किसी तरह शिकायत करने की सुविधा होगी।
इसके अलावा, मतगणना से संबंधित आंकड़ों को अपडेट करने एवं अन्य मॉनीटरिंग के लिए भी मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में तैनात अधिकारियों को अलग-अलग दायित्व दिया गया है।
वहीं, सभी 40 लोकसभा क्षेत्र से डाटा मंगाने एवं अपडेट करने का दायित्व ओएसडी दिनेश राम, उप सचिव किशोर कुमार, उप निर्वाचन अधिकारी धीरज कुमार, अवर निर्वाचन अधिकारी सुबोध सिन्हा, अवर सचिव उदय कुमार, अमिताभ कुमार रेड्डी, प्रमोद कुमार एवं अवर निर्वाचन अधिकारी कपिल शर्मा को दिया गया है।
डर फैलाने के बजाय अपनी गिरेबान में झांके विपक्ष : विजय सिन्हाउप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि चुनाव से जुड़े तमाम पूर्वानुमानों ने जनादेश की दिशा स्पष्ट कर दी है। यह साफ हो चुका है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व को एक बार फिर जनता का अपार समर्थन और आशीर्वाद मिलने जा रहा है।
सिन्हा ने मतदान को लेकर जारी अनुमानों ने यह भी बता दिया है कि 'अबकी बार 400 पार' महज नारा भर नहीं था, बल्कि जमीन से उठी जनभावनाओं की आवाज थी।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के 10 वर्षों के काम ने देश के हर नागरिक को छूने का प्रयास किया। इस क्रम में सरकार की नीतियों के प्रभाव और प्रसार पर सहमति या असहमति हो सकती है, लेकिन उन नीतियों के पीछे किए जा रहे ईमानदार प्रयास पर सवाल नहीं उठाया जा सकता।
सिन्हा ने कहा कि विपक्ष अपनी गिरेबान में झांकने के बजाय मोदी पर व्यक्तिगत आक्षेप करने में जुटा है। वे न तो कोई वैकल्पिक नेतृत्व सामने रख पाए हैं, न ही देश चलाने का कोई नीतिगत एजेंडा लेकर आ सके। उनका सारा प्रयास इसी दिशा में लगा था कि भ्रम, भय और भेद का माहौल बनाकर मोदी सरकार की लोकप्रियता को किस प्रकार कुंद की जाए।
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Harsh Raj Murder Case: हर्ष राज हत्याकांड पर सियासत तेज, इस दिग्गज नेता राज्यपाल से कर दी CBI जांच की मांग
राज्य ब्यूरो, पटना। Patna Law College Murder Case भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा ने रविवार को पटना विवि के छात्र हर्ष राज हत्या मामले में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को ज्ञापन सौंपकर सीबीआई से जांच कराने की मांग की है।
शर्मा ने अपने ज्ञापन में कहा है कि इस घटना की जितनी निंदा की जाए कम है। बिहार के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में किसी छात्र की लाठी एवं डंडों से पीट कर हत्या कर देना शर्मनाक एवं चिंताजनक है।
उन्होंने कहा है कि हर्ष राज हत्याकांड में गहरी साजिश की बू आ रही है। हर्ष राज छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय थे और पढ़ाई के साथ-साथ समाजसेवा लगे रहते थे।
चुनावी रंजिश में हत्या की जताई आशंकासुरेश शर्मा ने कहा कि हर्ष राज आगामी छात्रसंघ के चुनाव की तैयारी भी कर रहे थे और उनके चुनाव जीतने की संभावना प्रबल थी। ऐसे में जघन्य हत्याकांड के पीछे आगामी छात्र संघ का चुनावी रंजिश भी हो सकता है।
स्पीडी ट्रायल की मांगसुरेश शर्मा ने राज्यपाल से मांग की कि स्पीडी ट्रायल के माध्यम से हत्यारों को जल्द से जल्द फांसी की सजा मिले। ताकि आने वाले समय में ऐसी घटना ना हो। राज्यपाल को ज्ञापन देने वाले समय शर्मा के साथ पूर्व मंत्री महाचंद्र सिंह एवं पीएन सिंह आजाद के अलावा अन्य कई लोग सम्मिलित थे।
लॉ कॉलेज में हर्षराज की पीट-पीटकर कर दी गई थी हत्याबता दें कि पटना लॉ कॉलेज परिसर में स्नातक अंतिम वर्ष के 22 वर्षीय छात्र हर्ष राज की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में 19 वर्षीय चंदन यादव उर्फ आदित्य राज पर एक दर्जन साथियों के साथ पीट-पीटकर हत्या करने का आरोप है। पुलिस ने चंदन यादव को गिरफ्तार करके पूरे मामले की जांच में जुटी है।
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Bihar Election Counting 2024: सुबह 8 बजे शुरू हो जाएगी वोटों की गिनती, काउंटिंग हाल से बाहर नहीं जा सकेंगे एजेंट
राज्य ब्यूरो, पटना।Lok Sabha Election Counting 2024 राजनीतिक दलों के काउंटिंग एजेंट चुनाव परिणाम की घोषणा होने तक मतगणना हाल से बाहर नहीं जा सकेंगे। उनके भोजन आदि की व्यवस्था निर्वाची पदाधिकारी से समन्वय बनाकर की जाएगी।
मतगणना केंद्र पर सुरक्षा की त्रि-स्तरीय व्यवस्था रहेगी और मतगणना के बाद विजय जुलूस के लिए अनुमति नहीं होगी। निर्वाचन आयोग ने विजय जुलूस पर प्रतिबंध लगा रखा है। सभी राजनीतिक दलों के साथ अभ्यर्थियों के लिए उसके निर्देश का अनुपालन अनिवार्य है।
राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एचआर श्रीनिवास ने इसके साथ ही मतगणना की व्यवस्था से संबंधित कई जानकारी दी।
आठ बजे से शुरू होगी मतगणनामंगलवार को सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू हो जाएगी। प्रति मतगणना स्थल दो के हिसाब से बिहार में कुल 80 मतगणना प्रेक्षक बनाए गए हैं। कुल 40 केंद्रों पर मतगणना होनी है।
काउंटिंग एजेंट के लिए कोई विशेष अर्हता नहीं है, लेकिन उनकी उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए और वे मानसिक रूप से स्वस्थ हों।
मतगणना हाल में प्रवेश के बाद काउंटिंग एजेंट को बाहर जाने की अनुमति नहीं होगी। वे अपने लिए निर्धारित टेबल पर ही रहेंगे और इधर-उधर नहीं फटकेंगे। परिणाम की घोषणा के बाद ही वे मतगणना हाल से बाहर निकल सकेंगे।
सुरक्षा-व्यवस्था के कड़े इंतजाममतगणना केंद्र पर प्रथम स्तरीय सुरक्षा घेरा जिला पुलिस बल का होगा। यह केंद्र की सौ मीटर की परिधि में होगा। अधिकृत पास वालों को ही इस घेरा में प्रवेश की अनुमति होगी। दूसरा घेरा बिहार सशस्त्र पुलिस का होगा। वे मतगणना केंद्र में प्रवेश करने वाले सभी व्यक्तियों की जांच करेंगे।
मोबाइल, कैलकुलेटर, इलेक्ट्रानिक उपकरण, कैमरा आदि अंदर ले जाने की अनुमति नहीं होगी। तीसरा सुरक्षा घेरा केंद्रीय सुरक्षा बलों का होगा। यहां भी प्रवेश करने वाले सभी व्यक्तियों की जांच होगी और उपरोक्त कोई उपकरण अंदर नहीं जाएगा।
मतगणना के बाद काउंटिंग एजेंट अपने साथ फार्म 17-सी की छायाप्रति ले जा सकेंगे। फार्म 17-सी में प्रत्येक अभ्यर्थी को मिले वोट की संख्या आदि दर्ज होनी है। मतगणना के दौरान 17-सी पार्ट-दो की दो प्रतियां तैयार होंगी। प्रत्येक राउंड की गणना के बाद इसकी एक प्रति काउंटिंग एजेंट को उपलब्ध कराई जाएगी।
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Nitish Kumar: एग्जिट पोल के नतीजे आते ही दिल्ली पहुंचे नीतीश, भाजपा के साथ फाइनल कर सकते हैं बड़ी डील
राज्य ब्यूरो, पटना। सातवें चरण का मतदान खत्म होने के साथ लोकसभा चुनाव (Lok Sabha election 2024) खत्म हो चुका है। देश शाम शनिवार को एग्जिट पोल के नतीजों में (Lok Sabha Election 2024 Exit Polls Results) एनडीए की एक बार फिर बड़ी जीत का अनुमान है। अंतिम चरण का चुनाव खत्म होने और एग्जिट पोल के सकारात्मक नतीजे आने के बाद नीतीश कुमार रविवार को दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
नीतीश कुमार (Nitish Kumar) दिल्ली पहुंच चुके हैं। चर्चा है कि वह सोमवार को भाजपा और एनडीए के शीर्ष नेताओं मुलाकात करेंगे।
एग्जिट पोल आने के अगले ही दिन मुख्यमंत्री की दिल्ली यात्रा के संबंध में जदयू नेताओं ने कहा कि यह पूर्व से तय कार्यक्रम के तहत है। संभावना है कि इस दिल्ली दौरे पर नीतीश कुमार जदयू कोटे के मंत्री पद पर भी भाजपा के साथ वार्ता कर सकते हैं।
एनडीए की सरकार बनने पर क्या बोले नीतीशदिल्ली एयरपोर्ट के बाहर पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से यह सवाल किया कि एग्जिट पोल में एनडीए की सरकार बन रही। इस पर उनकी क्या प्रतिक्रिया है? मुख्यमंत्री ने सिर्फ इतना कहा कि- बनेगी जरूर बनेगी।
क्या है एग्जिट पोल का अनुमान?बता दें कि एग्जिट पोल में बिहार में एनडीए को 30-35 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। सर्वे में जदयू को कुछ सीटों के नुकसान का अनुमान है, लेकिन उसके बावजूद उसका प्रदर्शन शानदार रहने का अनुमान है। वहीं, महागठबंधन को एक बार फिर बड़ी हार झेलनी पड़ सकती है। महागठबंधन को इस बार 10-5 सीटें जीतने का अनुमान लगाया गया है।
एक्सिस माय इंडिया-इंडिया टुडे के एग्जिट पोल की मानें तो, बिहार में एनडीए 29-30 सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है। वहीं, महागठबंधन के सिर्फ 9-10 सीटों पर जीत दर्ज करने का अनुमान लगाया है। एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक, एनडीए को नीतीश कुमार के कुशवाहा वोटबैंक का फायदा मिला है, लेकिन खुद नीतीश कुमार को कुछ सीटों पर नुकसान झेलना पड़ सकता है।
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Ramkripal Yadav Attack: रामकृपाल यादव फायरिंग मामले पर सियासी पारा हाई! RJD बोली- महिला MLA के साथ मारपीट और...
राज्य ब्यूरो, पटना। राजद ने कहा है कि पाटलिपुत्र के भाजपा उम्मीदवार रामकृपाल यादव अपनी हार देखकर भाजपा के इशारों पर मनगढंत बातें बना रहे हैं और एक दलित महिला के साथ हुए अत्याचार को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव, मुख्य सचेतक अख्तरुल इमान, विधायक रेखा पासवान और एजाज अहमद ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह आरोप लगाए।
विधायक रेखा देवी के साथ मारपीट का लगाया आरोपशक्ति सिंह, अख्तरुल इमान ने मसौढ़ी विधायक रेखा देवी के साथ मारपीट की घटना पर कहा कि रेखा देवी पासवान को जब पता चला कि तनेरी बूथ से भाजपा समर्थकों ने राजद के पोलिंग एजेंट को भगा दिया है तो व वहां पहुंची। जहां उन्हें अपमानित किया गया और भद्दी गालियां दी गई और जाति सूचक शब्दों का प्रयोग किया गया। उनके साथ वहां पर मुखिया और उनके समर्थकों ने मारपीट भी की।
घटना को बढ़ा-चढ़ाकर बताने का लगाया आरोपरामकृपाल यादव इस घटना को इसलिए बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें पता चल गया है कि वे चुनाव हार रहे हैं। रेखा देवी ने भी घटना की पुष्टि की और कहा भाजपा के एजेंट महिलाओं को वोट देने से रोक रहे हैं। जिसका विरोध करने पर उन्हें अपमानित किया गया।
दोषियों पर कार्रवाई न करने का लगाया आरोपइन नेताओं ने कहा कि मसौढ़ी थाना में इस बारे में प्राथमिकी भी कराई गई है। परंतु आरोपियों पर कार्रवाई की बजाय पीड़ित और उनके समर्थकों को परेशान करने के लिए छापेमारी कराई जा रही है।
नेताओं ने इस घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की और कहा कि जिनके खिलाफ प्राथमिकी की गई है उनके उसमें नामजद किए लोगों पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके।
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Nitish Kumar ने आखिरकार दे ही दी KK Pathak को छुट्टी, इस तेजतर्रार IAS अधिकारी को दिया ACS का प्रभार
राज्य ब्यूरो, पटना। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के 28 दिनों के उपार्जित अवकाश के आवेदन को सरकार ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है।
उनकी जगह मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव और मंत्रिमंडल सचिवालय के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
केके पाठक तीन जून 30 जून तक अवकाश पर रहेंगे। सामान्य प्रशासन विभाग ने रविवार को इस आशय की अधिसूचना जारी की।
भीषण गर्मी में भी स्कूल खुला रखने के आदेश पर हुआ था विवादकेके पाठक की चर्चा विगत एक हफ्ते से इस कारण अधिक हो रही थी कि उन्हाेंने झुलसा देने वाली गर्मी में बच्चों के लिए भी स्कूल खोल दिए थे।
जब पारा बढ़ने पर अचानक दो-तीन दिन पहले बड़ी संख्या में विद्यार्थी स्कूल में बेहोश हो गए तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका संज्ञान खुद लिया। इस तरह की व्यवस्था उन्हें अच्छी नहीं लगी। मुख्यमंत्री ने तुरंत मुख्य सचि्व ब्रजेश मेहरोत्रा को निर्देश दिया कि वह स्कूलों को लेकर निर्णय करें।
आपदा प्रबंधन समूह की बैठक के बाद तुरंत आठ जून तक स्कूलों को बंद किए जाने का निर्देश मुख्य सचिव के स्तर से जारी किया गया। चर्चा है कि केके पाठक के काम करने की शैली से मुख्यमंत्री नाराज हैं।
पूर्व में भी लंबी छुट्टी पर जा चुके हैं केके पाठकमहागठबंधन की सरकार में जब चंद्रशेखर शिक्षा मंत्री थे तो केके पाठक से उनका भी पंगा हो गया था। केके पाठक उस समय भी लंबी छुट्टी पर चले गए थे। बाद में कुछ दिनों बाद मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद वह पुन: वापस लौटे थे।
केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए कई माह पहले हो चुके हैं विरमितशिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने राज्य सरकार को यह आवेदन दिया था कि वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाना चाहते हैं। उनके इस आवेदन पर राज्य सरकार ने काफी पहले उन्हें विरमित किए जाने का निर्देश दिया था। कई माह बीत जाने के बाद भी वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर नहीं गए। चर्चा है कि जुलाई में वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए निकल सकते हैं।
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Ramkripal Yadav Attack: 'हिंसा के बलपर चुनाव जीतना चाहते हैं Lalu Yadav', रामकृपाल पर हुई फायरिंग पर भड़के सम्राट
राज्य ब्यूरो, पटना। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र के प्रत्याशी रामकृपाल यादव पर फायरिंग एवं भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
उन्होंने रविवार को कहा कि राजद व लालू नहीं बदले। लालू का मतलब गुंडागर्दी, गुंडों को प्रश्रय देने का काम है। पार्टी कार्यकर्ताओं व लोगों को भरोसा देते हुए उन्होंने कहा कि कुछ ही दिनों में इन मामलों में कार्रवाई दिखेगी।
उन्होंने कहा कि पूरे मामले में चुनाव आयोग से भी कार्रवाई का आग्रह किया गया है। भाजपा प्रदेश मुख्यालय में सांसद रामकृपाल यादव के साथ एक प्रेसवार्ता में सम्राट ने उक्त बातें कहीं।
सम्राट ने कहा कि इस चुनाव में लालू और उनके परिवार ने अराजकता दिखाने का काम किया है। चाहे सारण की घटना हो या पाटलिपुत्र का चुनाव, यह हिंसा के रूप में जिस तरह बदलते गए, उससे साफ है कि यह परिवार पूरी तरह गुंडागर्दी पर उतर गया है।
डिप्टी सीएम ने कहा कि पूरे बिहार में शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न हो गया, सिर्फ सारण और पाटलिपुत्र में हंगामा हुआ, जहां लालू यादव की बेटियां चुनाव लड़ रही थीं।
हिंसा के बलपर चुनाव जीतना चाहता है लालू परिवारचौधरी ने कहा कि बिहार के लोकतंत्र को शर्मसार करने वाले लालू और उनका परिवार हिंसा के बल पर चुनाव जीतना चाहता है। हम लड़ेंगे। इनकी गुंडागर्दी का भाजपा के कार्यकर्ताओं ने प्रतिकार किया जो आज अस्पताल में भर्ती हैं। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं की प्रशंसा की।
घटना को बताया काला अध्यायउन्होंने कहा कि जिस तरह भाजपा प्रत्याशी पर गोलियां चलाई गईं, वह काला अध्याय है। उप मुख्यमंत्री ने कल की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि जब रामकृपाल यादव पर गोली चली तो उन्होंने फोन कर सिर्फ इतना कहा कि क्षेत्र में शांति स्थापित होनी चाहिए।
रामकृपाल यादव ने घटना के बारे में क्या बतायाप्रेसवार्ता में रामकृपाल यादव ने कहा कि आज तक कभी भी सुरक्षा घेरे में नहीं रहे। उनकी सुरक्षा जनता और कार्यकर्ताओं ने ही की है। उन्हें जानकारी मिली थी कि नियम के विरुद्ध तिनेरी गांव के पास चुनाव के दौरान एक मतदान केंद्र पर मसौढ़ी विधायक रेखा देवी अपने लोगों के साथ पहुंची थी।
भाजपा के समर्थकों ने जब इसका प्रतिकार किया तब उन लोगों के साथ मारपीट की गई। वे पूरी घटना जानने और कार्यकर्ताओं से मिलने पहुंचे थे। जब वे लौट रहे थे, तब तीन गोलियां चलाई गईं। एक कार्यकर्ता की जमकर पिटाई की गई। प्रेसवार्ता में प्रदेश मीडिया संयोजक दानिश इकबाल भी उपस्थित रहे।
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Bihar Politics : सच हुआ एग्जिट पोल तो बिहार में आएगा सियासी भूचाल, टूट सकता है तेजस्वी का CM बनने का सपना
विकाश चन्द्र पाण्डेय, पटना। तात्कालिक नफा-नुकसान से आगे बिहार की राजनीति पर लोकसभा चुनाव के परिणाम का दीर्घकालिक प्रभाव तय है। इस परिणाम के साथ ही लगभग डेढ़ वर्ष बाद होने वाले विधानसभा चुनाव की पटकथा का लेखन भी शुरू हो जाएगा।
दोनों गठबंधनों के स्वरूप में बहुत अधिक परिवर्तन नहीं होने पर भी उपलब्धि व प्रदर्शन के आधार पर बड़े भाई की भूमिका का पुनर्निर्धारण भी संभावित है। स्थापित चेहरों की क्षमता का पुनर्आकलन होगा तो साख-धाक के लिए जूझने वालों की कूवत की परख भी हो जाएगी।
एक्जिट पोल अगर सही निकले तो महागठबंधन को अथाह दुख देने वाला यह लगातार तीसरा चुनाव होगा। ऐसे में उसके अस्तित्व-नेतृत्व पर संकट होगा। अगर अनुमान गलत हुए तो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के लिए बिहार की सत्ता को निर्बाध रखने की चुनौती होगी।
परिणाम महागठबंधन के लिए महत्वपूर्णकोई दो राय नहीं कि इस बार का परिणाम महागठबंधन के लिए तुलनात्मक रूप से अधिक महत्वपूर्ण है। कसौटी पर तेजस्वी यादव की नेतृत्व-कला और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की इच्छा वाला नया सामाजिक समीकरण है।
माय (मुस्लिम-यादव) के साथ कुशवाहा समाज को जोड़कर उन्होंने राजद के जनाधार में विस्तार की एक महीन चाल चली थी। उसकी पैमाइश के साथ कांग्रेस के जनाधार और मतों के हस्तांतरण की क्षमता की परख होनी है तो वाम दलों की बुनियाद का आकलन भी। मुकेश सहनी के सानिध्य का फलाफल भी मिलना है। इनके आधार मतों में सेंधमारी से ही बिहार में राजग को विस्तार मिला है।
महागठबंधन में सीटों के साथ टिकट वितरण से लेकर प्रचार की कमान तय करने तक सारे निर्णयों के सूत्रधार लालू रहे हैं और तेजस्वी नायक की भूमिका में। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब स्ट्राइक रेट पर राजद अतिशय मुखर रहा है। तब सफलता का श्रेय उसी ने लिया था।
इस बार विफल होने पर हार का ठीकरा भी उसी के सिर फूटना है। ऐसे में असीम धैर्य की अपेक्षा होगी, जिसकी राजद नेतृत्व से मात्र कल्पना की जा सकती है। सारण और पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र में मतदान के दौरान लगे आरोप इसके प्रमाण हैं। उन दोनों क्षेत्रों में लालू की पुत्रियां क्रमश: रोहिणी आचार्य और मीसा भारती राजद की प्रत्याशी थीं। सारण में लालू कैंप किए रहे, जबकि पाटलिपुत्र में उन्होंने रोड-शो किया था।
हाशिये के वोट मायने केएक्जिट पोल ने राजद को तात्कालिक तौर पर बहुत बेचैन किया है और आगे अपने खेमे को सहेज रखने की कठिन चुनौती है। इस चुनौती को नजरअंदाज करने पर उसकी चौहद्दी माय (मुस्लिम-यादव) समीकरण तक ही सिमटकर रह जानी है। दूसरी तरफ राजग से अति पिछड़ा वर्ग का अभी पूर्णतया मोह-भंग नहीं हुआ।
सवर्णों का सानिध्य उसे पूर्ववत बताया जा रहा, जबकि वंचित और महावंचित के बीच खींची गई मोटी रेखा भी मलिन हो चुकी है। अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित आठ सीटों के परिणाम इसकी तस्दीक करेंगे।
श्रेय की होड़ में कुलबुलाएंगे साझीदारपरिणाम अनुकूल रहने पर भाजपा अपने भविष्य के हिसाब से सहयोगियों को साधने-बांधने का प्रयास कर सकती है, क्योंकि राजग का चुनाव अभियान ही पूर्णतया नरेन्द्र मोदी पर केंद्रित रहा है। ऐसे में भाजपा का एक धड़ा फ्रंट फुट पर खेलने के लिए मचल सकता है। सुशील मोदी के देहांत के बाद कोई अवरोधक भी नहीं रहा।
श्रेय की होड़ मचेगी तो उसमें दबने-पिछड़ने वाले साझीदार कुछ तो कुलबुलाएंगे ही। तब गया और काराकाट का दर्द भी उखड़ आएगा। कोई संशय नहीं कि इसी बहाने विशेष राज्य के दर्जा जैसे मुर्दा हो चुके मुद्दे भी जिंदा हो जाएं।
विपरीत परिणाम पर मचेगा हड़कंपसर्वाधिक चुनौतीपूर्ण स्थिति एक्जिट पोल के विपरीत परिणाम पर होगी। तब राजग में उलट-पुलट की आशंका बढ़ेगी। वैसे में भाजपा के लिए बिहार में अपने बूते सत्ता की कामना को अभी दबाए रखना होगा। दूसरी तरफ महागठबंधन, विशेषकर राजद को उस अति-उत्साहित समाज को नियंत्रित रखना होगा, जो दूसरे के घेरे में घुसपैठ तक अपनी स्वतंत्रता मानता है।
इस समाज ने अतीत में राजद का परचम लहराया है, लेकिन संभावना की राह में रोड़े भी यही समाज अटका रहा। कोई अतिरिक्त उपाय निकाले बिना इस नव-संप्रभु वर्ग के साथ सामाजिक न्याय की आस वाली दूसरी जातियों को जोड़ पाना संभव नहीं।
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बिहार में लोकसभा चुनाव के रणबाकुरों की संख्या में आई बड़ी कमी, 2019 में लड़े थे 626 कैंडिडेट; 2024 में घटकर हुए सिर्फ इतने
रमण शुक्ला, पटना। लोकसभा चुनाव 2019 की तुलना में 2024 में चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की संख्या में कमी आई है। खास बात यह है कि पुरुष एवं महिला दोनों श्रेणी के प्रत्याशियों की संख्या घटी है।
2019 में 40 संसदीय क्षेत्र में कुल 626 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे थे। वहीं, 2024 के चुनाव में कुल प्रत्याशियों की संख्या घटकर 497 रह गई।
इसी तरह 2019 में आधी आबादी से भाग्य आजमाने वाले प्रत्यशियों की संख्या 56 थी। 2024 में महिला प्रत्याशियों की संख्या घटकर 39 पर आ गई।
ऐसे में प्रतिशत के गणित से देखा जाए तो 2019 में 8.95 प्रतिशत की तुलना में 2024 में 7.85 प्रतिशत महिलाएं ही मैदान में इस बार उतरीं थीं। यह अंतर एक प्रतिशत से अधिक है।
इस बार एक दिलचस्प आंकड़ा यह है कि पहले, दूसरे एवं तीसरे चरण में मात्र तीन-तीन महिलाएं ही मैदान में उतरने का हिम्मत दिखा पाईं। इसके बाद चरण दर चरण महिला प्रत्याशियों की संख्या बढ़ती गई।
अंतिम चरण में लड़े सर्वाधिक धुरंधरबिहार में सात चरणों में संपन्न हुए चुनाव में सर्वाधिक 134 लड़ाके अंतिम चरण यानी सातवें चरण में मैदान में उतरे। इसमें 122 पुरुष प्रत्याशी एवं 12 महिलाएं भाग्य आजमा रहीं थीं। इसमें सर्वाधिक लड़ने वाले 29 प्रत्याशियों की संख्या में नालंदा लोकसभा क्षेत्र रहीं।
वहीं, सबसे कम 10 प्रत्याशी सासाराम लोकसभा क्षेत्र से भाग्य आजमा रहे थे। दिलचस्प यह रहा कि अंतिम चरण में ही सर्वाधिक 12 महिलाएं मैदान में उतरीं।
छठे चरण में उतरीं आठ महिलाएंमहासमर के छठे चरण में कुल 86 प्रत्याशी 18वीं लोकसभा में पहुंचने के लिए मैदान में भाग्य आजमा रहे थे। 86 लड़ाके में 78 पुरुष एवं आठ महिलाएं सम्मिलित हैं। छठे चरण वाले आठ संसदीय क्षेत्र में सर्वाधिक 15 प्रत्याशी वैशाली संसदीय क्षेत्र से तो सबसे कम पांच लड़ाके महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में थे।
पांचवें चरण में 80 आजमा रहे दांवसांसद बनने के लिए पांचवें चरण की लड़ाई में कुल 80 प्रत्याशी रहे। उनमें 74 पुरुष एवं छह महिलाएं थीं। पांचवें चरण वाले पांच संसदीय क्षेत्र में सर्वाधिक 26 प्रत्याशी मुजफ्फरपुर तो सबसे कम 12 प्रत्याशी मधुबनी लोकसभा क्षेत्र से लड़ रहे थे।
चौथे चरण में 55 के बीच मुकाबलाइस चरण के पांच संसदीय क्षेत्र से कुल 55 प्रत्याशी मैदान में थे। इसमें 51 पुरुष एवं चार महिलाओं का भाग्य ईवीएम में बंद है। चार महिलाओं में दो नई नवेली नेत्रियां मुंगेर से अनिता देवी एवं समस्तीपुर से शांभवी चौधरी सर्वाधिक चर्चित रहीं।
चौथे चरण में सर्वाधिक 13 प्रत्याशी उजियारपुर से और सबसे कम आठ धुरंधर दरभंगा संसदीय क्षेत्र से संसद पहुंचने का सपना संजोए हुए हैं।
तीसरे चरण में 54 का बंद है किस्मतलोकसभा के रण में तीसरे चरण में कुल 54 प्रत्याशी जूझे हैं। उनमें 51 पुरुष एवं तीन महिलाएं सम्मिलित हैं। इस चरण में सर्वाधिक 15 उम्मीदवार सुपौल संसदीय क्षेत्र से मैदान में उतरे थे, जबकि सबसे कम आठ प्रत्याशी की मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र से संसद पहुंचने की हसरत है।
दूसरे दौर में 50 के बीच लड़ाईसांसद बनने के लिए दूसरे चरण में कुल 50 उम्मीदवार मैदान में थे। इसमें 47 पुरुष एवं तीन महिलाओं ने भाग्य आजमाया। इस चरण में सबसे ज्यादा 12-12 प्रत्याशी किशनगंज एवं भागलपुर लोकसभा क्षेत्र से उतरे थे। वहीं, सबसे कम सात ने पूर्णिया से संसद पहुंचने की उम्मीद पाल रखी है।
पहले चरण में 38 में तीन महिलाएंचार संसदीय क्षेत्रों में पहले चरण के लिए संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में कुल 38 प्रत्याशी मैदान में थे। इसमें 35 पुरुष एवं तीन महिलाएं लड़ीं। सर्वाधिक 14 प्रत्याशी गया संसदीय क्षेत्र से मैदान में उतरे थे। जबकि, सबसे कम सात ने जमुई से भाग्य आजमाया था। अब चार जून को चुनाव परिणाम बताएगा कि किस पर जनता ने ज्यादा भरोसा किया।
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अरुण अशेष, पटना। लोकसभा चुनाव के परिणाम से परख होगी कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की रणनीति आज भी कारगर है या समय के साथ इसके प्रभाव में कमी आई है। राजद ने उम्मीदवारों के चयन में 1991 के सामाजिक आधार को फिर से हासिल करने का प्रयास किया है। इसे जातियों की संख्या के आधार पर हिस्सेदारी के रूप में देख सकते हैं।
गठबंधन के सभी पांच दलों को उनके सामाजिक आधार के अनुसार टिकट देने की सलाह दी गई। कांग्रेस को नौ सीटें मिलीं। इनमें सात सामान्य हैं। इन पर तीन सवर्ण, दो मुस्लिम, दो अनुसूचित जाति, एक अति पिछड़ा और एक कुशवाहा उम्मीदवार बनाए गए। राजद ने अपने कोटे से सिर्फ दो सवर्णों को टिकट दिया। इनमें एक भूमिहार और एक राजपूत हैं।
महागठबंधन के 40 में से 5 उम्मीदवार सवर्णमहागठबंधन के 40 में से पांच उम्मीदवार सवर्ण हैं। इनमें तीन भूमिहार, एक ब्राह्मण और एक राजपूत हैं। 2019 में इनकी संख्या नौ थी। लक्ष्य यह कि 1991 के लोकसभा चुनाव की तरह अगड़े-पिछड़े के बीच गोलबंदी हो जाएगी।
देखना होगा कि यह लक्ष्य किस हद तक हासिल हो पाया। हां, 2019 की तुलना में माय समीकरण से इतर की कुछ जातियों की उम्मीदवारी में भागीदारी बढ़ा कर अवधारणा बनाने का जो प्रयास किया गया, उसका प्रभाव चुनाव प्रचार के दौरान जन चर्चाओं में देखा गया।
कुशवाहा, वैश्य और निषाद करेंगे खेला?एक, कुशवाहा इस बार महागठबंधन के साथ हैं। दो, वैश्य वोटर भाजपा से अलग होकर महागठबंधन से जुड़ गए। तीन, विकासशील इंसान पार्टी के मुकेश सहनी के महागठबंधन में आ जाने से निषादों का पूरा वोट स्थानांतरित हो गया।
इसके लिए 2019 की तुलना में महागठबंधन के उम्मीदवारों की सूची में व्यापक बदलाव किया गया। 2019 में दो कुशवाहा और एक दांगी उम्मीदवार थे।
इस बार कुशवाहा उम्मीदवारों की संख्या सात हो गई। पिछली बार के एक के बदले तीन वैश्य उम्मीदवार बनाए गए। निषाद दो थे। एक रह गए। प्रचार ऐसा किया गया कि इन तीनों महत्वपूर्ण सामाजिक समूहों का पूरा वोट राजग से महागठबंधन में चला गया।
नीतीश या लालू किसकी तरफ जाएंगे मुस्लिम?मुसलमानों के बारे में यह धारणा बनाई गई कि ये महागठबंधन के पक्ष में एक पैर पर खड़े हो गए। राजग ने 40 में से सिर्फ एक मुसलमान को उम्मीदवार बनाया। जदयू और खासकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुस्लिम वोटों को लेकर आश्वस्त दिखाई दे रहे हैं।
जदयू को उम्मीद है कि भाजपा को भले ही मुसलमानों का वोट नहीं मिला हो। जदयू उम्मीदवारों को कम संख्या में ही सही, इस समुदाय का वोट मिला है। मुख्यमंत्री ने हरेक चुनावी सभा में मुसलमानों का विशेष आह्वान किया। बताया कि उनकी सरकार ने मुसलमानों के लिए कितना काम किया है।
महागठबंधन में पिछले चुनाव की तुलना में इस बार मुसलमानों की उम्मीदवारी कम (छह की जगह चार) हो गई। सिवान और दरभंगा जैसी मुस्लिम बहुल कही जाने वाली सीटों पर यादव उम्मीदवार दिए गए। मुसलमानों को कम उम्मीदवार बनाने का तर्क यह दिया गया कि इससे भाजपा को हिंदू-मुस्लिम के नाम पर ध्रुवीकरण करने में सफलता नहीं मिलेगी।
गैर माय को साधने में कामयाब होगी राजद?गैर माय समीकरण के उम्मीदवारों की जीत के बारे में यह आकलन किया गया कि माय समीकरण का वोट एकमुश्त मिलेगा। बस, संबंधित उम्मीदवार की जाति का वोट उनसे जुड़ जाए तो जीत पक्की हो जाएगी।
बक्सर, वैशाली, शिवहर, महाराजगंज, उजियारपुर, नवादा, औरंगाबाद, भागलपुर, सुपौल आदि सीटों पर जीत की कामना इसी समीकरण के आधार पर की गई है।
राजद ने एक प्रयोग सुपौल में किया। यह सामान्य सीट है, लेकिन वहां से अनुसूचित जाति के चंद्रहांस चौपाल को उम्मीदवार बनाया।
अयोध्या में श्रीराम मंदिर आंदोलन से जुड़े कामेश्वर चौपाल इसी क्षेत्र के हैं। उनके प्रभाव के कारण यह समूह भाजपा या राजग से जुड़ा हुआ माना जाता है।
चौपाल पहले अति पिछड़ी जाति में थे। उन्हें नीतीश सरकार में ही अनुसूचित जाति की सूची में शामिल किया गया। सबसे बड़ी आबादी अति पिछड़ों की मानी जाती है। राजद की तुलना में जदयू ने इस समूह को वरीयता दी।
महागठबंधन की ओर से सबसे अधिक 11 यादव उम्मीदवार उतारे गए। धारणा यह कि यादव बिरादरी के वोटर महागठबंधन के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।
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भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। संपन्न हुए आम चुनाव में जदयू के स्टार प्रचारकों ने पुराने मसलों को ही वोटरों के बीच आगे किए रखा। जदयू नेताओं के चुनावी मंंच से लालू-राबड़ी के शासन काल के दौरान विधि-व्यवस्था, जंगल राज और फिर नीतीश कुमार के 18 वर्षों के शासन काल में आधारभूत संरचना और सोशल सेक्टर में हुए काम की चर्चा होती रही।
कई जगहों पर दिखा कि डबल इंजन की सरकार पर भी बात हुई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब नवादा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी सभा को साझा किया तो उस दिन ही उन्होंने पूरे मनोयोग से जदयू के स्टार प्रचारकों के लिए चुनावी लाइन को तय कर दिया था।
लालू-राबड़ी के 15 वर्षों के शासन काल की खूब हुई चर्चामुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित जदयू के सभी स्टार प्रचारकों ने अपनी चुनावी सभा में आए लोगों से लालू-राबड़ी के 15 वर्षों का जिक्र किया।
मुख्यमंत्री ने तो इस मसले पर चुनावी सभा में आए लोगों से संवाद के अंदाज में अपनी बात कही। उन्होंने बार-बार यह सवाल किया कि 2005 के पहले क्या स्थिति थी? शाम होते ही लोग घर में बंद हो जाते थे। अपराधियों का खौफ इतना अधिक था कि पूछिए मत।
उन्होंने कई बार अपनी चुनावी सभाओं में यह कहा कि जिन लोगों ने इसे भोगा है वह इस बारे में नयी पीढ़ी को बताएं। मुख्यमंत्री की इस लाइन को ही जदयू के स्टार प्रचारकों ने आगे बढ़ाया। अपहरण उद्योग की चर्चा की।
यह सवाल भी उठाया कि तेजस्वी यादव अपनी चुनानी सभाओं में इस पर क्यों कुछ नहीं बोलते? जदयू के कुछ नेताओं ने मतदान के ठीक पहले राजद के पंद्रह वर्षों के शासनकाल के दौरान हुए नरसंहार के विषय को भी उठाया।
अल्पसंख्यकों के विषय को भी जदयू के स्टार प्रचारकों ने उठायाअल्पसंख्यकों के विषय को भी चुनाव के दौरान जदयू के स्टार प्रचारकों ने खूब उठाया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब नवादा के वारिसलीगंज स्थित माफी में अपनी पहली चुनावी सभा कर रहे थे तो इस दौरान उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने शासनकाल में सांप्रदायिक सद्भाव को बरकरार रखा। अल्पसंख्यकों ले लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलायीं। उद्यमिता के लिए नीतिगत रूप से आर्थिक सहायता की।
मुख्यमंत्री यह भी पूछा कि हमने जब इतना किया है तो हमको नहीं दीजिएगा क्या? जदयू के कई स्टार प्रचारकों ने बार-बार यह कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर भागलपुर दंगा के दोषियों को सजा मिली। पीड़ितों को आर्थिक मदद की गयी। यह भी जोड़ा कि पूर्व की सरकार ने इस दंगे से जुड़ी फाइल को बंद कर दिया था।
आधारभूत संरचना को लेकर भी खूब बातें हुईंजदयू के चुनावी मंच से आधारभूत संरचना को लेकर भी खूब बातें हुईं। सड़क और पुल के अतिरिक्त इस बार इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक संस्थानों के भवन व अस्पतालों के निर्माण पर चर्चा हुई।
संवाद के नए तत्व में जाति आधारित जनगणनाजदयू के चुनावी मंच पर संवाद के नए तत्व में जाति आधारित जनगणना को नोटिस में लिया गया। वोटरों को जदयू के स्टार प्रचारकों ने यह बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर जाति आधारित गणना हुई। इसके आधार पर आरक्षण के दायरे को बढ़ाया गया।
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Bihar Politics: 'अब तो एनडीए सरकार की...' , लालू की पुत्री मीसा भारती का अलग ही दावा; दिया चौंकाने वाला बयान
संवाद सूत्र, मनेर (पटना)। Bihar Politics in Hindi: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की सुपुत्री एवं बिहार के सबसे हॉट सीट माने जाने वाले पाटलिपुत्र लोकसभा की उम्मीदवार मीसा भारती ने कहा इस बार पाटलिपुत्र की जनता इस बार जवाब दे दिया है।
मीसा भारती (Misa Bharti) ने कहा कि सत्ता में बैठे एनडीए सरकार की विदाई हो गई। जीत प्रति आश्वस्त दिख रहीं डॉ मीसा भारती ने कहा कि पाटलिपुत्र की जनता इस बार बदलाव चाहती थी और इस बार बदलाव हो गया।
जहां मीसा भारती ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस बार जनता की जीत होगी और जनता के बीच हम लोग जनता के मुद्दों के साथ चुनाव लड़े हैं, जहां एक तरफ देश में मोदी की 10 साल की सरकार थी और इन 10 सालों में जो जनता से वादे किए, वह पूरे नहीं किया।
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा न देकर बिहारियों को बेवकूफ बनायामीसा भारती (Misa Bharti) ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य के दर्जा देने की बात कही गई थी लेकिन वह भी पूरा नहीं हो पाया। देश की जनता हो या पाटलिपुत्र की जनता को हर बार बेवकूफ बनाते आए हैं। लेकिन इस बार जनता जवाब देने का काम कर रही है साथ ही कहा की बिहार में इंडिया गठबंधन की जीत होगी और जनता यही चाहती है।
वहीं पीएम मोदी ध्यान मग्न और पूजा कर रहे हैं जिस पर मीसा भारती ने हमला करते हुए कहा कि हम लोग भी ध्यान व पूजा करते हैं लेकिन कैमरा और मीडिया के साथ नहीं करते वही मोदी जी ध्यान भी कर रहे हैं तो मीडिया और कैमरा के साथ कर रहे हैं।
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Exit Poll आने के बाद अचानक दिल्ली पहुंचे नीतीश कुमार, बिहार में मची खलबली; एक दिन पहले हुई थी I.N.D.I.A की बैठक
डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar Politics News Hindi बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) रविवार को अचानक दिल्ली पहुंच गए हैं। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वह दिल्ली क्यों पहुंचे हैं। इसको लेकर बिहार की राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। बता दें कि एक दिन पहले एग्जिट पोल सामने आया है। इसमें एनडीए की बढ़त को दर्शाया गया है।
वहीं, एक दिन पहले इंडी गठबंधन की बैठक भी हुई है। माना जा रहा है कि नीतीश दिल्ली में एनडीए के नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं।
#WATCH | Bihar CM and JD(U) leader Nitish Kumar arrives in Delhi. More details awaited. pic.twitter.com/tcM8s8VISw
— ANI (@ANI) June 2, 2024 तेजस्वी ने क्या कहा था ?बता दें कि कुछ दिनों पहले बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने दावा किया था कि चार जून के बाद कुछ बड़ा होने वाला है। इसके साथ उन्होंने नीतीश को महागठबंधन में भी शामिल होने का ऑफर दे दिया था। नीतीश के इस यात्रा से कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
एग्जिट पोल में एनडीए को बढ़तगौरतलब है कि एग्जिट पोल पर एक नजर डालें तो 4 जून को पीएम मोदी तीसरी बार अपनी सरकार बनाने जा रहे हैं। बिहार में भी एनडीए को जबरदस्त बढ़त मिल रही है। सीएम नीतीश की यह दिल्ली यात्रा निजी बताई जा रही है। वह सोमवार को वापस बिहार लौट आएंगे।
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