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'साहब बैसरन में गोलियां चली हैं...', खच्चर वालों की बात सुनते ही पहुंचे CRPF के 25 जवान; यूं संभाला मोर्चा

Dainik Jagran - National - April 27, 2025 - 2:00am

पीटीआई, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल यानी सीआरपीएफ की त्वरित कार्रवाई टीम (क्यूएटी) सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंची थी। अधिकारियों के अनुसार, जब सीआरपीएफ की टीम बैसरन पहुंची तो वहां बड़ी संख्या में पर्यटक मौजूद थे और तीन लोग गोली लगने के कारण घायल अवस्था में पड़े थे।

सीआरपीएफ की 116 बटालियन की डेल्टा कंपनी का आधार शिविर घटनास्थल के निकट स्थित है जोकि बैसरन से लगभग चार से पांच किलोमीटर दूर है। 22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी।

खच्चरवालों ने दी जानकारी

सीआरपीएफ बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) राजेश कुमार उस समय शिविर के बाहर टहल रहे थे। तभी उन्होंने देखा कि कई खच्चरवाले और कुछ पर्यटक तेजी से ऊंचाई वाले स्थान से नीचे उतर रहे हैं। इसके बाद सीओ ने उन्हें रोका और पूछा कि क्या हुआ है? अधिकारियों ने बताया कि खच्चर वालों ने कहा कि बैसरन में गोलियां चली हैं।

इस पर सीओ ने तुरंत पास में तैनात अपनी क्यूएटी को जानकारी दी और लगभग 25 कमांडो की एक टीम कीचड़ और पथरीले रास्ते को पार करके 40-45 मिनट में घटनास्थल पर पहुंच गई। अधिकारियों ने बताया कि सैनिक ऊपर चढ़ते समय काफी सावधान थे, क्योंकि ऊपर से आतंकियों द्वारा गोलीबारी करने या ग्रेनेड फेंकने की काफी आशंका थी।

सीआरपीएफ ने लोगों को बचाया
  • इस बीच, सीआरपीएफ की स्थानीय इकाई ने पहलगाम शहर के चारों ओर चौकियां स्थापित कर दी हैं और घटनास्थल के निकट स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी है। अधिकारियों ने बताया कि डेल्टा यूनिट की कंपनी कमांडर सहायक कमांडेंट राशि सिकरवार भी टीम में शामिल हो गईं और सीओ ने उन्हें महिलाओं व बच्चों की देखभाल करने का काम सौंपा क्योंकि उनमें से कई घायल थे, चीख रहे थे और डरे हुए थे।
  • सीआरपीएफ की इकाई उस दुर्भाग्यपूर्ण दिन अपराह्न करीब 2:30 बजे बैसरन पहुंची तो यह देखकर हैरान रह गई कि गोली लगने से घायल तीन लोग जमीन पर पड़े थे और कुछ महिलाएं, बच्चे व पुरुष अलग-अलग स्थानों पर छिपे हुए थे। सीआरपीएफ की टीम ने घायलों को बचाया तथा हमलावरों की तलाश के लिए क्षेत्र की थोड़ी तलाशी भी ली, क्योंकि उन्हें आभास हो चुका था कि आतंकवादी हमला हुआ है।
  • तब तक जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्थानीय थाना प्रभारी घटनास्थल पर पहुंच चुके थे और दोनों बलों ने स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए। अधिकारियों ने बताया कि करीब 30 से 40 पर्यटकों को डेल्टा कंपनी के मेस में ठहराया गया और उन्हें भोजन व पानी मुहैया कराया गया।

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Pahalgam Attack: पाकिस्तान के समर्थन में पोस्ट किया तो होगी कार्रवाई, अब तक 14 आरोपित गिरफ्तार

Dainik Jagran - National - April 27, 2025 - 12:12am

 पीटीआई, गुवाहाटी। पहलगाम हमले के बाद देशद्रोही टिप्पणी करने के आरोप में असम में अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को चेतावनी दी कि यदि जरुरत पड़ी तो इन लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

भारत और पाकिस्तान के बीच कोई समानता नहीं- सीएम सरमा

हिमंत ने कहा, भारत और पाकिस्तान के बीच कोई समानता नहीं है। कृषक मुक्ति संग्राम समिति के एक नेता को शुक्रवार को उनकी 'भारत विरोधी टिप्पणी' के लिए गिरफ्तार किया गया। हिमंत ने चेताया कि जो कोई भी ऐसा रुख अपनाएगा, उसे गिरफ्तार किया जाएगा।

मुख्यमंत्री हिमंत ने दी एनएसए लगाने की चेतावनी

मुख्यमंत्री ने कहा, यदि आवश्यक हुआ तो हम उन पर एनएसए के प्रविधान लागू करेंगे। हम सभी इंटरनेट मीडिया की पोस्ट की जांच कर रहे हैं। जो भी हमें राष्ट्र-विरोधी लगेगा, उस पर कार्रवाई होगी। इस बीच मुख्यमंत्री ने शनिवार शाम सात बजे तक देशद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई पर अपडेट साझा करते हुए कहा, अब तक कुल 14 गिरफ्तारियां की गई हैं।

सरमा ने एक्स पर एक अन्य पोस्ट में कहा कि शुक्रवार रात श्रीभूमि जिले में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया। आरोपित मोहम्मद मुस्ताक अहमद ने फेसबुक पर 'पाकिस्तान जिंदाबाद' लिखा था।

शुक्रवार को राज्य भर में छह और गिरफ्तारियां की गईं

एक अन्य पोस्ट में उन्होंने कहा कि कछार जिले में इसी तरह के आरोप में दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। विपक्षी एआइयूडीएफ विधायक अमीनुल इस्लाम सहित दो लोगों को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया था, जबकि शुक्रवार को राज्य भर में छह और गिरफ्तारियां की गईं। शनिवार को छह लोगों को गिरफ्तार किया गया।

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I4C empowered under PMLA

Business News - April 27, 2025 - 12:08am
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Pahalgam Attack: पहलगाम आतंकवादी हमले की जांच करेगी NIA, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सौंपी जिम्मेदारी

Dainik Jagran - National - April 26, 2025 - 11:08pm

आईएएनएस, नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जांच अब केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी है। हालांकि एनआईए आतंकी हमले के बाद से इस मामले में सक्रिय है।

अब तेजी से होगी जांच

एनआईए अब केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू करेगी। एनआईए स्थानीय पुलिस से पहलगाम हमले से संबंधित केस डायरी और एफआईआर भी हासिल करेगी।

एनआईए की एक फोरेंसिक टीम भी पहलगाम में मौजूद

इससे पहले एनआईए की एक टीम पहले से ही पहलगाम में मौजूद थी। उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया। एनआईए की एक फोरेंसिक टीम भी पहलगाम में मौजूद है।

पहलगाम में हमला मंगलवार को बैसरन मैदान में हुआ, जहां आतंकवादियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया, जिसमें 25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली नागरिक मारे गए और कई अन्य घायल हो गए।

यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद से इस क्षेत्र में सबसे घातक हमलों में से एक था, जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे।

केंद्र ने पाकिस्तान के खिलाफ लिए कई बड़े निर्णय

पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों और इसके पीछे के साजिशकर्ताओं को कड़ी सजा मिलेगी। विपक्षी दलों ने आतंकी हमले के दोषियों के खिलाफ किसी भी कार्रवाई में सरकार के प्रति अपना पूरा समर्थन जताया है।

केंद्र सरकार ने 1960 की सिंधु जल संधि को तब तक स्थगित रखने का फैसला किया है, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन देने से पूरी तरह से मना नहीं कर देता।

केंद्र सरकार ने रद किए सभी पाकिस्तानी वीजा

केंद्र सरकार ने 27 अप्रैल से तत्काल प्रभाव से पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए सभी श्रेणियों के वीजा रद कर दिए हैं, जिनमें दीर्घकालिक वीजा, राजनयिक और आधिकारिक वीजा शामिल नहीं हैं।

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Shape-shifting sculptures steal the art spotlight

Business News - April 26, 2025 - 11:00pm
What’s an estimate in the art world? Turns out it’s just a polite suggestion.As per the Indian Art Investor 2024-25 Art Market Report, the sale of Indian Modern and Contemporary art at auctions globally clocked in at Rs 1,016 crore.But, while paintings are breaking records, there’s one segment that’s quietly on carving out a space of its own — sculptures. “Sculpture has been a somewhat neglected medium that is now beginning to get its due from collectors,” says Ashish Anand of art gallery DAG.Since 2022, experts say that there has been a noticeable increase in both interest and sales volume. Auction house results reflect a clear upward shift as well. “There has been a 20–30% rise in the number of sculptures offered in auctions since 2017,” shares Manoj Mansukhani, CMO, AstaGuru Auction House. “Sculptures are now more frequently crossing their high estimates, indicating that buyers are not only showing more interest, but are also willing to invest significantly.” Rahul Khanna of Palette Art Gallery adds that over the past few years, they have seen “a 30– 40% rise in the average selling price of sculptures”.An entrepreneur and art collector who recently picked up two Himmat Shah creations says, “Shah was an artist of tremendous depth and one of India’s pioneering sculptors with stunning creations. Buying his works was an easy decision, including from an investment perspective, as there is great relative value at his current prices and financial upside in the near future.”Rock and a Hard Place 120649898Some sculptures tip the scales at tonnes, making them awe-inspiring but not exactly easy to live with. “Shipping and handling are definitely more complex with sculptures. But once someone connects with the piece, those challenges become secondary,” explains fashion designer and artist Jenjum Gadi.“For collectors concerned about weight or space, there are several alternatives. Tabletop sculptures are ideal for shelves and consoles, while wall-mounted relief sculptures combine the spatial depth of sculpture with the convenience of wall art. Many contemporary artists now create modular or sectional works that can be assembled on site,” says AstaGuru’s Mansukhani. Sculptors are working with fibreglass, resin, paper pulp and mixed media materials that capture the visual gravitas of stone or metal, but without the accompanying logistical challenges. This allows for more fluid forms and contemporary finishes.Chiselled and in Vogue 120649821The exponential increase in wealth in India helps. Damian Vesey, director, international specialist, South Asian Modern + Contemporary Art at Christie’s, says that the market is clearly being led by Indian collectors — including the diaspora. “We’re also seeing that more people are comfortable living with large sculptures, even in urban homes,” he says. International exposure through art fairs, biennales and museum retrospectives — like Mrinalini Mukherjee’s exhibition at the Met Breuer — has raised awareness and appreciation for Indian sculptors. Social media has also amplified this trend. Artist Narayan Biswas believes that the pandemic has had a role. “The stillness of lockdown allowed many artists to return to traditional, tactile mediums — embracing the slow, grounding nature of sculpture.”Life of the Living RoomWith modern architecture leaning into open plans, vast glass panels and minimal partitions, traditional wall art isn’t the only option, there are more adaptable forms of expression — sculptures included. > Palette Art Gallery’s Rahul Khanna and Rohit Gandhi share, “We’ve seen a growing desire among collectors, architects and designers to incorporate sculptural works as focal points, be it a bold piece in a double-height living room, a quiet installation in an atrium, or an outdoor form nestled in a landscaped garden.” > “They offer 360-degree visibility, interact with light and space dynamically,” says AstaGuru’s Mansukhani.> Vesey of Christie’s shares that interior designers now play a big role in the crossover between art and design — they’re also becoming significant buyers in the art market. Who’s buying?The young, the old, the new, the bold. While established collectors make up a fair share of the sculpture market, young collectors — people in their 30s, 40s, and some even in their 20s — are also poring catalogues. Artist Paresh Maity says, “Now, the younger generation is at the forefront, as they have understood the value of collecting art, especially sculptures.” 120650119 120650129120650184120650193
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KK Pathak: अब CM नीतीश का ऑर्डर नहीं लेंगे केके पाठक! बदल जाएगा काम, जारी हुआ एक और नया नोटिफिकेशन

Dainik Jagran - April 26, 2025 - 10:25pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राजस्व पर्षद के अध्यक्ष सह सदस्य केके पाठक व खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रधान सचिव एन सरवन कुमार को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने को लेकर विरमित कर दिया गया है।

सामान्य प्रशासन विभाग ने शनिवार को इस आशय की अधिसूचना जारी की। उन्हें केंद्र में अपर सचिव मंत्रिमंडल सचिवालय के पद पर नियुक्त किया गया है।

एन सरवन कुमार को अपर सचिव स्तर व वेतनमान में उपाध्यक्ष दिल्ली विकास प्राधिकार बनाया गया है।

शिक्षा विभाग से चर्चा में आए में केके पाठक

आईएएस केके पाठक एक वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी हैं। वह अपनी ईमानदारी और निष्पक्षता के लिए जाने जाते हैं।

केके पाठक ने बिहार में विभिन्न पदों पर कार्य किया है, जिनमें शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के रूप में उनकी भूमिका विशेष रूप से उल्लेखनीय है।

उनकी कार्यशैली और निर्णयों के कारण वे अक्सर चर्चा में रहते हैं। केके पाठक के कार्यों और निर्णयों का उद्देश्य आम जनता के हित में होता है, और वह अपने काम में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने का प्रयास करते हैं।

केके पाठक अब तक बिहार के राजस्व विभाग का काम देख रहे थे। उन्हें बिहार सरकार ने राजस्व विभाग में एसीएस पद पर नियुक्त किया था।

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यात्री बसों की छतों से हटेंगे कैरियर? ओवरलोडिंग को लेकर SC में याचिका दायर, जानिए क्या है दलील

Dainik Jagran - National - April 26, 2025 - 10:09pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रोजाना हाई वे पर ओवरलोडेड यात्री बसें देखी जा सकती हैं जिनमें सिटिंग और स्लीपर व्यवस्था के साथ बस की छत पर भारी मात्रा में सामान लदा होता है जो किसी भी दुर्घटना को आमंत्रण देता दिखता है। लेकिन अब ओवरलोडेड बसों का यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है।

सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल हुई है जिसमें पूरे देश में ओवरलोडेड यात्री बसों का मुद्दा उठाया गया है। कहा गया है कि ओवरलोडेड यात्री बसें न सिर्फ लोगों के जीवन के लिए गंभीर खतरा हैं बल्कि ये पर्यावरण को भी प्रदूषित करती हैं। बस पर लदे सामान का जीएसटी छुपाने से राजस्व का भी नुकसान होता है।

SC में दाखिल याचिका में की गई ये मांग

याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट बसों की ओवरलोडिंग पर लगाम लगाने के लिए मजूबत तंत्र लागू करने का निर्देश दे। यात्री बसों की अनिवार्य रूप से चेकिंग हो और बस की छतों पर लगे कैरियर हटाने के आदेश दिये जाएं। यह याचिका वकील संगम लाल पांडेय ने दाखिल की है। जिसमें केंद्र और सभी राज्यों को पक्षकार बनाया गया है।

ओवरलोडिंग के मामले कोर्ट के हस्तक्षेप की मांग

बसों की ओवरलोडिंग के मामले में न्यायिक हस्तक्षेप का अनुरोध किया गया है। याचिका में राज्य परिवहन और निजी बस ऑपरेटरों की बसों में क्षमता से अधिक यात्रियों और क्षमता से अधिक सामान बस के केबिन और बस के ऊपर लाद कर ले जाने का मुद्दा उठाया गया है और ओवरलोडिंग बसों की दुर्घटनाओं के भी आंकड़े दिये गए हैं।

ओवरलोडिंग से एक्सीडेंट का खतरा

ओवरलोडिंग के कारण ब्रेक फेल, टायर फटने और बस पर नियंत्रण नहीं रहने की बातें उत्तराखंड में 2024 में हुई बस दुर्घटना में दर्ज की गई थी। आईआईटी दिल्ली ने 2022 में पाया था कि ओवरलोडेड वाहन की हाई वे पर दुर्घटना की 30 प्रतिशत ज्यादा संभावना होती है। ओवरलोडेड बसें 15 से 20 फीसद ज्यादा ईंधन खाती हैं जिससे प्रदूषण भी बढ़ता है और ऑपरेशनल कास्ट भी बढ़ती है।

बसों नें रेगुलर रुटिन चेकिंग की मांग 

सीएजी ने 2024 में कहा था कि बिना दस्तावेज के बस की छत पर ले जाए जा रहे सामान से करीब 500 करोड़ के जीएसटी का सालाना नुकसान होता है जिसका संबंध ओवरलोडिंग से है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि सिर्फ पांच प्रतिशत अंतरराज्यीय बस टर्मिनल पर वेइंगब्रिज यानी वजन लेने की व्यवस्था है। यात्री बसों की रुटीन चेकिग नहीं होती जो कि ओवरलोडिंग की समस्या को बढ़ाती है।

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