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Bihar Bhumi: दाखिल-खारिज को लेकर नीतीश सरकार सख्त, 5 CO से जवाब तलब; DM ने सैलरी भी रोकी

Dainik Jagran - March 3, 2025 - 5:32pm

जागरण संवाददाता, पटना। दाखिल-खारिज एवं परिमार्जन में शिथिलता पर पांच अंचल अधिकारियों से स्पष्टीकरण और एक के वेतन पर रोक लगा दी गई है। जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने सोमवार को राजस्व मामलों की समीक्षा के दौरान यह कार्रवाई की।

बिहटा, संपतचक, धनरुआ, बेलछी, पालीगंज एवं घोसवरी के अंचल अधिकारी इस कार्रवाई की जद में आए हैं। जिलाधिकारी ने हिदायत दी है कि कार्य में सुस्ती और लापरवाही किसी हाल में स्वीकार नहीं की जाएगी।

मिशन जीरो एक्सपायर्ड के तहत दाखिल-खारिज के 75 दिनों से अधिक तथा परिमार्जन प्लस के 36 दिनों से अधिक समय से लंबित मामलों को 22 मार्च तक शून्य करने का निर्देश दिया गया। समाहरणालय में हुई समीक्षा बैठक में बताया गया कि जिला में दाखिल-खारिज के 97 प्रतिशत से अधिक मामलों को निष्पादित किया गया है।

31 मार्च तक सुधार लाएं बिहटा के सीओ:

समीक्षा में बिहटा के अंचल अधिकारी का प्रदर्शन काफी असंतोषजनक पाया गया। उनके यहां दाखिल-खारिज के 75 दिन से अधिक 3,448 मामले लंबित हैं। सबसे पुराना मामला 24 अप्रैल 2023 से लंबित है। परिमार्जन प्लस में बीते 15 दिनों में 373 आवेदन प्राप्त हुए, जबकि निष्पादन केवल 170 का किया गया।

वहीं, ऑनलाइन अनुपलब्ध जमाबंदी के डिजिटाइजेशन में इसी अवधि में 106 आवेदन आए, निष्पादन महज 27 किया गया।

जिलाधिकारी ने कहा कि यह काफी खेदजनक है। बिहटा के अंचल अधिकारी दाखिल-खारिज, परिमार्जन प्लस सहित अनेक मापदंडों पर लगातार खराब प्रदर्शन कर रहे हैं।

उन्होंने उनका वेतन रोकते हुए स्पष्टीकरण मांगा। उन्हें 31 मार्च तक सुधार लाने का निर्देश दिया। ऐसा नहीं करने पर प्रपत्र क गठित कर विभाग को प्रतिवेदित किया जाएगा। अनुशासनात्मक एवं विभागीय कार्रवाई शुरू की जाएगी।

अमीनों से भी प्राप्त करें स्पष्टीकरण:

संंपतचक, धनरुआ, बेलछी, पालीगंज एवं घोसवरी के अंचल अधिकारियों ने बीते 15 दिनों में ई-मापी के केवल शून्य से दो मामलों को ही निष्पादित किया गया है जबकि प्राप्त आवेदनों की संख्या काफी अधिक है।

जिलाधिकारी ने इन सभी अंचल अधिकारियों से स्पष्टीकरण का निर्देश दिया है। साथ ही उन्हें सुधार लाने की हिदायत दी गई। साथ ही संबंधित अमीनों से भी इस आशय का स्पष्टीकरण प्राप्त कर मंतव्य सहित उपस्थापित करने का निदेश दिया गया कि किस परिस्थिति में ऐसा हुआ।

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Categories: Bihar News

कंज्‍यूमर फोरम का नया टूल, AI की मदद से बढ़ाएगा कस्‍टमर की ताकत; पूरी प्रोसेस यहां समझें

Dainik Jagran - National - March 3, 2025 - 3:47pm

डिजिटल डेस्‍क, नई दिल्‍ली। AI Chatbot for Consumer Complaints & Legal Aid in India: यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का दौर है। जहां एक तरफ यह लोगों की जिंदगी आसान कर रहा है तो वहीं विशेषज्ञ भविष्य में इसके खतरों को लेकर आगाह भी कर रहे हैं। भारत में भी बड़ी संख्या में एआई यूजर हैं। यहां अब एआई का इस्तेमाल लोगों की समस्याओं को सुलझाने के लिए किया जा रहा है।

कस्टमर सर्विस से लेकर पब्लिक पॉलिसी तक एआई चैटबॉट कई पारंपरिक क्षेत्रों को स्मार्ट बना रहे हैं।  सवाल कैसे? आइए उपभोक्ताओं की समस्याओं के आंकड़े से आपको बताते हैं। एआई के जरिये संचालित प्‍लेटफॉर्म ने शिकायतों की संख्या में दस गुना से अधिक बढ़ोतरी हुई है।

उपभोक्ता की समस्याएं सुलझाने वाले एआई चैटबॉट पर अब आईआईटी बॉम्‍बे (Indian Institute of Technology Bombay) और एनएलएसआईयू बेंगलुरु (National Law School of India University University, Bengaluru) भी काम कर रहे हैं।  

आईआईटी बॉम्‍बे और एनएलएसआईयू ने मेटा (फेसबुक) के लार्ज लैंग्‍वेज मॉडल लामा 3.1 की मदद से एक नया चैटबॉट 'ग्राहक न्याय' बनाया है। 

जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (जेन एआई) पर आधारित  यह चैटबॉट शिकायत दर्ज कराने में मदद तो करता ही है। साथ ही यह  शिकायतकर्ता के लिए कानूनी दस्तावेज, नोटिस और आवेदन तैयार कराने में भी मदद करता है।

कितने समय में तैयार हुआ?

उपभोक्ता मंत्रालय अभी उपभोक्ताओं की शिकायतें सुनने और उनको समाधान देने के लिए एआई का इस्‍तेमाल कर रहा है। इसका असर यह हुआ है कि डिजिटल शिकायतों की संख्या बढ़ गई। यह प्रोजेक्‍ट साल 2023 में पहली बार शुरू किया गया था।

किसने तैयार किया यह चैटबॉट?

आईआईटी बॉम्बे के कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में प्रोफेसर डॉ. पुष्पक भट्टाचार्य और उनकी की टीम ने यह चैटबॉट तैयार किया। वहीं  एनएलएसआईयू बेंगलुरु के असिस्टेंट प्रोफेसर

डॉ. राहुल हेमराजानी और उनकी टीम ने कानूनी पहलुओं को जोड़ते हुए इस चैटबॉट को प्रशिक्षित किया।  डॉ. पुष्पक भट्टाचार्य  और डॉ. राहुल हेमराजानी के इस प्रोजेक्ट में उपभोक्ता मंत्रालय नॉलेज पार्टनर था।

एआई से उपभोक्‍ता समस्याओं में क्‍या बदला?

अब सवाल आता है कि आखिर उपभोक्ताओं की समस्याओं में एआई से क्या बदला? आइए आपको बताते हैं..

  • दिसंबर, 2015 देश में जहां 12,553 उपभोक्ताओं की शिकायत दर्ज होती थीं, वहीं अब यह संख्‍या बढ़कर 1,55, 138 हो गई।
  • साल 2023 में इन शिकायतों के समाधान देने में औसतन 66.26 दिन लते थे, जबकि 2024 में यह अवधि घटकर 48 दिन रह गई।
  • जिन कंपनियों के खिलाफ शिकायतें अधिक होती हैं, उनको  'कन्वर्जेंस पार्टनर' बनाया जाता है। 2017 में ऐसी कंपनियों की संख्‍या 263 थी, जो कि अब  1,038 हो गई हैं। एआई बेस प्रोजेक्‍ट शुरू होने के बाद ये कंपनियां उपभोक्ताओं की समस्याओं को प्राथमिकता दे पा रही हैं।

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देश में कितने लोग सरकारी पोर्टल यूज नहीं कर पाते?

कुछ सर्वे पर नजर डाले तो समझ आता है कि देश में 53 प्रतिशत से अधिक लोग ऐसे हैं, जो सरकारी पोर्टल का उपयोग नहीं कर पाते हैं। ऐसे में एआई चैटबॉट उनकी मदद करेगा। हाल ही में गपशप प्‍लेटफॉर्म ने उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के साथ मिलकर जागृति एआई चैटबॉट लॉन्च किया है।

बता दें कि कानून के क्षेत्र में एआई 'न्‍याय गुरु' देश का पहला एआई आधारित लीगल चैटबॉट है। यह लोगों को न सिर्फ ऑनलाइन कानूनी सलाह देता है, बल्कि कानूनी तौर पर उनके अधिकारों को समझने में मदद भी करता है।

ग्राहक न्याय' कैसे यूज करें?
  • उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
  • होमपेज पर चैटबॉट का आइकन दिखाई देगा। इस पर क्लिक करें।
  • एआई चैटबॉट के निर्देशों का पालन कर अपनी शिकायत दर्ज करें। आवश्यक विवरण भरें।
  • चैटबॉट आपकी शिकायत के आधार पर कानूनी दस्तावेज, नोटिस या आवेदन तैयार करने में सहायता करेगा।
  • अपनी शिकायत की स्थिति जानने और समाधान प्राप्त करने के लिए पोर्टल पर लॉगिन कर चेक करें।
  • 'ग्राहक न्याय' का उद्देश्य उपभोक्ताओं को सशक्त बनाना और उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान प्रदान करना है।

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Source: 

उपभोक्‍ता मामले विभाग:

  • https://consumeraffairs.nic.in/hi/
  • https://consumerhelpline.gov.in/public/contact
  • https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=2086980

Categories: Hindi News, National News

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