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सुप्रीम कोर्ट ने IAS अधिकारियों पर IPS और IFS पर दबदबा दिखाने को लेकर की कड़ी टिप्पणी, केंद्र ने क्या कहा?

Dainik Jagran - National - March 5, 2025 - 10:44pm

एएनआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा कि IAS अधिकारी अक्सर IPS और IFS अधिकारियों पर अपना दबदबा दिखाने की कोशिश करते हैं।

जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने यह टिप्पणी उत्तराखंड सरकार की ओर से प्रतिपूरक वनरोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैंपा) निधि के कथित दुरुपयोग पर सुनवाई के दौरान की। पीठ कैंपा निधि का उद्देश्य वनरोपण एवं वन संसाधनों के संरक्षण को बढ़ावा देना है।

कैग रिपोर्ट में अनियमितताएं आईं सामने

कैग रिपोर्ट में पता चला है कि उत्तराखंड सरकार में 2019-2022 के दौरान कैंपा निधि में कई अनियमितताएं दिखीं, जिसमें आइफोन, लैपटाप, फ्रिज, कूलर की खरीद और कार्यालय की मरम्मत के अलावा कथित रूप से अदालती मामलों से लड़ने और निजी खर्चों के लिए भी कैंपा निधि का इस्तेमाल किया गया।

पीठ ने कहा कि सरकारी वकीलों और न्यायाधीशों के रूप में अपने अनुभव से पता है कि आईएएस अफसर, आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों पर अपनी श्रेष्ठता दिखाते हैं। और यह प्रवृत्ति सभी राज्यों में हमेशा से एक मुद्दा बना रहा है, जिससे आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों में नाराजगी है।

IAS अपने दबदबा IPS, IFS पर दिखाते हैं: जस्टिस बीआर गवई

जस्टिस गवई ने कहा, ''तीन साल तक सरकारी वकील और 22 वर्षों तक न्यायाधीश के रूप में मैं अपने तजुर्बे के आधार पर आपको बता सकता हूं कि आईएएस अफसर, आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों पर अपना दबदबा दिखाना चाहते हैं। सभी राज्यों में हमेशा संघर्ष होता है। आइपीएस और आईएफएस में हमेशा यह नाराजगी बनी रहती है कि एक ही कैडर का हिस्सा होने के बावजूद, आइएएस क्यों खुद को वरिष्ठ मानते हैं।''

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने क्या कहा?

इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को आश्वासन दिया कि वह प्रयास करेंगे कि अधिकारियों के बीच इस तरह के आंतरिक संघर्ष सुलझ जाएं। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आईफोन और लैपटाप खरीदने जैसी अस्वीकार्य गतिविधियों के लिए कैंपा फंड का इस्तेमाल करने पर चिंता जताते हुए संबंधित राज्य के मुख्य सचिव को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।

पीठ ने कहा कि कैंपा निधि का इस्तेमाल हरित क्षेत्र को बढ़ाने के लिए किया जाना है। अस्वीकार्य गतिविधियों में इसका उपयोग और ब्याज ना जमा किया जाना गंभीर चिंता का विषय है। पीठ पर्यावरण संरक्षण और वनों के संरक्षण पर 1995 की जनहित याचिका, टीएन गोदावर्मन थिरुमुलपाद बनाम भारत संघ पर सुनवाई कर रही थी।

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Bihar Jobs 2025: युवाओं के लिए गुड न्यूज, सरकार 2473 पदों पर करेगी भर्ती; जल्द निकलेगा नोटिफिकेशन

Dainik Jagran - March 5, 2025 - 10:01pm

जागरण संवाददाता, पटना। सरकारी नौकरी के लिए हाई कोर्ट से लेकर विभाग तक दौड़ लगाने वाले डिप्लोमा फार्मासिस्ट छात्रसंघ के प्रतिनिधिमंडल बुधवार को प्रकाशित 10 हजार रिक्तियों में खुद को न पाकर, इतने मायूस हुए कि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के पास पहुंच गए।

उन्होंने स्वास्थ्य विभाग द्वारा सबसे पहले डिप्लोमा फार्मासिस्ट रिक्तियों की अधियाचना प्रकाशित करने का आग्रह भेजने पर भी देरी से उन्हें अवगत कराया। इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वस्त किया कि अभी कुछ पदों पर नियुक्तियों का विज्ञापन निकाला गया है और अन्य का जल्द प्रकाशित होगा।

इस महीने निकलेगा नोटिफिकेशन

इस माह डिप्लोमा फार्मासिस्ट की रिक्तियों का विज्ञापन भी प्रकाशित हो जाएगा। बताते चलें 19 वर्ष पूर्व डिप्लोमा फार्मासिस्ट पदों पर नियुक्ति निकली थी।

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मंगल पांडेय को वि‍ज्ञापन प्रकाशन में देरी संबंधी आवेदन देते डिप्लोमा फार्मासिस्ट छात्रसंघ के पदाध‍िकारी। जागरण

डिप्लोमा फार्मासिस्ट ऑर्गेनाइजेशन छात्र संघ, के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग से 2473 पदों पर नियुक्ति की अधियाचना भेजी गई है।

'आयोग के स्तर से हो रही देरी'

स्वास्थ्य मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि चार माह पूर्व ही विभाग ने विज्ञापन प्रकाशन के लिए बिहार तकनीकी सेवा आयोग को अधियाचना भेज दी थी। आयोग के स्तर से विज्ञापन प्रकाशन में देरी हो रही है।

अरविंद ने बताया कि हाईकोर्ट ने लोकसभा चुनाव खत्म होने के तीन माह के अंदर सिर्फ डिप्लोमा फार्मासिस्टों की नियमित नियुक्ति हेतु विज्ञापन प्रकाशित कर नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण करने का आदेश दिया था। आठ माह में भी विज्ञापन नहीं निकलने पर हाई कोर्ट में अवमानना वाद याचिका विचाराधीन है।

रेलवे की सभी विभागीय पदोन्नति परीक्षाएं आरआरबी सीबीटी के माध्यम से कराएगा

दूसरी ओर, रेलवे बोर्ड की उच्च स्तरीय बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी विभागीय पदोन्नति परीक्षाएं आरआरबी द्वारा केंद्रीयकृत परीक्षा सीबीटी के माध्यम से की जाएंगी। सभी क्षेत्रीय रेलवे परीक्षा के लिए एक कैलेंडर बनाया जाएगा। सभी परीक्षाएं कैलेंडर के आधार पर आयोजित की जाएंगी। कंप्यूटर आधारित टेस्ट (सीबीटी) में उम्मीदवारों को उनके प्रश्न पत्र, उत्तर पुस्तिकाएं और सही उत्तर कुंजियां दिखाई जाती हैं। उन्हें प्रश्नों और उत्तर कुंजियों की शुद्धता के बारे में आपत्ति (यदि कोई हो तो) उठाने का अवसर भी दिया जाता है।

पात्रता के सभी महत्वपूर्ण डेटा जैसे जाति, प्रमाण पत्र संख्या, मोबाइल नंबर, पहचान के निशान, फोटो और हस्ताक्षर, जन्म तिथि और योग्यता स्पष्ट रूप से परिभाषित और कैप्चर की गई। बिना किसी शिकायत के पूरी पारदर्शिता के साथ आरआरबी द्वारा परीक्षाएं आयोजित की जाती रहीं हैं। 2015 से लेकर आज तक सात करोड़ से अधिक उम्मीदवारों की परीक्षा बिना किसी पेपर लीक, प्रतिरूपण, रिमोट लॉग-इन और जासूसी उपकरणों के उपयोग द्वारा कंप्यूटर आधारित परीक्षणों के माध्यम से ली गई है।

आरआरबी द्वारा परीक्षा आयोजित करने के लिए खुली निविदा के माध्यम से विभिन्न मापदंडों को पूरा करने वाली एजेंसी का चयन किया गया था। रेलवे टीम द्वारा परीक्षा केंद्र का आडिट यथा बाहर बाथरूम की अनुमति नहीं, 100प्रतिशत सीसीटीवी कवरेज और रिकार्डिंग परीक्षा से दो घंटे पहले और परीक्षा के एक घंटे बाद तक की जाती है। सीसीटीवी से निगरानी की व्यवस्था की गई है।

परीक्षा के शहर के बारे में जानकारी परीक्षा की वास्तविक तिथि से लगभग दस दिन पहले बताई जाती है। परीक्षा का स्थान, केंद्र परीक्षा से केवल चार दिन पहले उपलब्ध कराया जाता है। परीक्षा केंद्र को मैन्युअल हस्तक्षेप से बचते हुए कम्प्यूटरीकृत माध्यम से आवंटित किया जाता है। केंद्र के अंदर प्रयोगशाला का आवंटन और बफर नोड्स सहित नोड्स, सभी स्वचालित होते हैं।

नकली आवेदनों का पता लगाने के लिए आवेदन पर क्यूआर कोड तथा उम्मीदवार की वास्तविकता स्थापित करने के लिए एडमिट कार्ड पर बारकोड। परीक्षा केंद्रों में उम्मीदवारों की जांच मेटल डिटेक्टरों से की जाती है। प्रवेश से पहले और परीक्षा के बीच में तथा प्रत्येक बायो ब्रेक के बाद बायोमेट्रिक उपस्थिति (एलटीआई और डिजिटल दोनों) ली जाती है।

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सीएम MK स्टालिन ने केंद्र से सरकारी दफ्तरों से हिंदी हटाने की मांग की, तमिल को आधिकारिक भाषा बनाने की अपील

Dainik Jagran - National - March 5, 2025 - 9:54pm

एएनआई, चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्र सरकार के कार्यालयों से राजभाषा हिंदी को हटाने की बेतुकी मांग रख दी है। उनका कहना है कि भाजपा के फैसलों के चलते ऐसा हुआ है। उन्होंने कहा कि हिंदी को थोपने के बजाय तमिल को 'आधिकारिक' भाषा बनाया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि सेंगोल की तरह सांकेतिक तरीके अपनाने के बजाय तमिलनाडु के विकास को वरीयता दी जाए।

सीएम स्टालिन ने बुधवार को एक्स पर पोस्ट में केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वह तमिल संस्कृति का समर्थन करने का केवल दावा करते हैं। अगर भाजपा यह दावा करती है कि माननीय पीएम को तमिल से सच में प्रेम है। अगर ऐसा है तो वह उनके कामकाज में क्यों नहीं झलकता है।

"पीएम मोदी को तमिल के समर्थन में कदम उठाने चाहिए। वह ठोस कदम उठाते हुए केंद्र सरकार के कार्यालयों से हिंदी को बेदखल करें और उसकी जगह तमिल को 'आधिकारिक' भाषा बनाएं। हिंदी के साथ वह तमिल को आधिकारिक भाषा बनाएं और संस्कृत जैसी मृत भाषा के बजाय तमिल पर अतिरिक्त धन व्यय करें। तमिलनाडु में संस्कृत और हिंदी को बढ़ावा देने के बजाय तमिल पर खर्च करें।" सीएम एम के स्टालिन

52.83 करोड़ लोग बोलते हैं हिंदी

उल्लेखनीय है कि 2011 की जनगणना रिपोर्ट के अनुसार भारत में 121 भाषाएं और 270 मातृ भाषाएं हैं। भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची के अनुसार इन 121 भाषाओं में से हिंदी, बांग्ला, मराठी, तमिल सहित केवल 22 भारतीय भाषाओं को ही देश की आधिकारिक भाषा का दर्जा हासिल है। हिंदी देश की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भारतीय भाषा है जिसे 52.83 करोड़ लोग बोलते हैं। दूसरे शब्दों में कुल आबादी के 43.63 प्रतिशत लोग हिंदी बोलते हैं। दूसरी व तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में क्रमश: बांग्ला और मराठी हैं।

हिंदी पर स्टालिन कर रहे पाखंड: अन्नामलाई

तमिलनाडु में भाजपा अध्यक्ष के.अन्नामलाई ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर पलटवार करते हुए कहा कि वह हिंदी के बहाने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बार-बार प्रहार करके पाखंड कर रहे हैं। हमारी तमिल भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए आपने अब तक क्या किया है यह बताने के बजाय आप बहानेबाजी करके दूसरे विषयों की ओर भाग रही हैं।

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Bihar: नीतीश सरकार ने दी खुशखबरी! बिहार में बनेंगी 18000 KM लंबी सड़कें, नेशनल हाईवे भी बनेंगे

Dainik Jagran - March 5, 2025 - 9:47pm

राज्य ब्यूरो, पटना। ग्रामीण क्षेत्रों में दो वित्तीय वर्ष के भीतर 18000 किलोमीटर लंबाई में सड़कें बनाई जाएंगी। विधानसभा में बुधवार को यह जानकारी ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने दी। इनमें से 9000 किलोमीटर में इसी वित्तीय वर्ष निर्माण कार्य हो जाएगा। शेष 9000 किलोमीटर अगले वर्ष में। सरकार का प्रयास विधानसभा चुनाव से पहले निर्माण करा लेने का है।

सीतामढ़ी जिला में एक खस्ताहाल सड़क के संदर्भ में मुकेश कुमार यादव ने प्रश्न किया था। दूसरा प्रश्न मनोहर प्रसाद सिंह का था। वे कटिहार जिला के अमदाबाद प्रखंड में डेढ़ किलोमीटर लंबाई में सड़क नहीं होने 10 हजार की जनसंख्या की परेशानी का उल्लेख किए। ग्रामीण सड़कों के संदर्भ में ऐसे ही लगभग आधा दर्जन प्रश्न थे।

रामबली सिंह यादव के प्रश्न पर मंत्री ने कहा कि विपक्ष ग्रामीण सड़कों के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बधाई दे। इस विभाग का मंत्री रहते उनके नेता (तेजस्वी प्रसाद यादव) ने तो कुछ भी नहीं किया। उनके नेता जब आए थे तब राज्य में मात्र आठ हजार किलोमीटर ग्रामीण सड़कें थीं।

आज उसकी लंबाई बढ़कर एक लाख 17 हजार किलोमीटर हो गई है। ग्रामीण सड़कों के निर्माण में कोई भेदभाव नहीं किया गया है कि यह एनडीए विधायक का क्षेत्र है या राजद का। उल्लेखनीय है कि चौधरी के उत्तर के समय ही मुख्यमंत्री सदन में आए थे।

एनएच बनाने के लिए चिह्नित की जा रहीं कुछ और सड़कें

विधानसभा में बुधवार को एक प्रश्न के उत्तर में सरकार ने बताया कि अभी बिहार में जनसंख्या घनत्व के आधार पर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) की लंबाई भले ही कम हो, लेकिन क्षेत्रफल के दृष्टिकोण से यह राष्ट्रीय औसत से डेढ़ गुना अधिक है। राज्य में कुछ और सड़कें भी एनएच घोषित की जाएंगी। इसके लिए योग्य सड़कों को चिह्नित किया जा रहा है। प्रश्न अरुण शंकर प्रसाद का था।

अखबार की एक खबर के हवाले से उनका कहना था कि बिहार में मात्र 36 एनएच हैं, जिनकी कुल लंबाई 6131.80 किलोमीटर है। देश में एनएच 146145 किलोमीटर है। बिहार की तुलना में महाराष्ट्र, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक आदि में एनएच अधिक है। इसी के साथ उन्होंने पूछा था कि क्या यह सही नहीं है कि 2005 में राष्ट्रीय स्तर पर एनएच में बिहार की भागीदारी 5.4 प्रतिशत थी। वह घटकर अभी 4.04 प्रतिशत रह गई है, जबकि राष्ट्रीय औसत छह प्रतिशत का है।

उत्तर में पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि 2005 में राज्य में दो-लेन और फोर-लेन सड़कों की लंबाई क्रमश: 1200 और 800 किलोमीटर थी। वह बढ़कर अब क्रमश: 2000 और 2600 किलोमीटर हो गई है। तब एनएच की लंबाई बिहार में मात्र 3600 किलोमीटर थी, जो बढ़कर अब 6000 किलोमीटर हो गई है। क्षेत्रफल (प्रति हजार किलोमीटर) के हिसाब से राष्ट्रीय औसत 39 किलोमीटर का है, जो बिहार में 60 किलोमीटर है।

अब राज्य में छह लेन की सड़कों का भी निर्माण हो रहा है। इसमें आमस-दरभंगा, पटना-बेतिया, आरा-सासाराम, वाराणसी-कोलकाता के अलावा राम जानकी मार्ग और बक्सर-चौसा मार्ग हैं। हम ग्रीन-फील्ड एलायनमेंट की ओर बढ़ चले हैं और बिहार को कई एक्सप्रेस-वे भी मिले हैं। इसी के साथ मंत्री ने काम में देरी, अड़चन या निर्माण एजेंसी के फिसड्डी होने जैसी शिकायतों को सही नहीं माना।

देरी तो हुई, फिर भी रैयतों को मिलेगा मुआवजा:

मुंगेर जिला में गोगरी से हरिणमार-झौवा बहियार तक सड़क से जुड़े पुल निर्माण के लिए 2012 में ही किसानों की भूमि ली गई थी। उन्हें अभी तक मुआवजा नहीं मिला। प्रवण कुमार का प्रश्न था कि मुआवजा कब तक मिलेगा।

नितिन ने बताया कि रैयतों में से एक मो. सबुल 2023 में उच्च न्यायालय चले गए थे। पिछले वर्ष 13 अगस्त को न्यायालय ने मुआवजा भुगतान का आदेश दिया है। मुआवजे के लिए जिला प्रशासन द्वारा दर का निर्धारण किया जा रहा है। उसके बाद भुगतान कर दिया जाएगा।

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Zelensky says lasting peace 'achievable'

Business News - March 5, 2025 - 9:07pm
Ukrainian President Volodymyr Zelensky said Wednesday that a lasting peace was "entirely achievable" as the Kremlin called it "positive" that Kyiv was professing its readiness for talks on ending the three-year war.Zelensky has been scrambling to contain the fallout from the explosive meeting with Donald Trump last week that saw him kicked out of the White House after being scolded by the US leader and his vice president in front of news cameras.The United States said Wednesday it had "paused" intelligence sharing with Ukraine, a blow to Kyiv's military capacity that came after Washington suspended military aid to the country.The moves have cemented fears in Kyiv and Europe that Ukraine could have to accept a settlement on terms favourable to Moscow or risk losing US support entirely."We all want a safe future for our people. Not a temporary ceasefire, but an end to the war once and for all. With our coordinated efforts and U.S. leadership, this is entirely achievable," Zelensky wrote Wednesday on social media following a call with German Chancellor Olaf Scholz.A day earlier he said he was "ready to come to the negotiating table as soon as possible to bring lasting peace closer" and that he wanted to "make things right" with Trump. In an address to US Congress on Tuesday , Trump read aloud from a letter he said he had received from Zelensky in which he said he was ready for peace talks.The Republican has made ending the war one of his top foreign policy priorities, though has yet to outline his plan for a deal both sides could endorse.Zelensky wants security guarantees from the United States to deter Russia from invading once again in the future.Moscow, meanwhile, has refused to rule out giving up any of the land it has captured in its three-year military campaign, and has been buoyed by the suspension of military aid.- 'Generally positive' -The Kremlin welcomed news of the Ukrainian leader's letter to Trump."This approach is generally positive," Kremlin spokesman Dmitry Peskov told reporters in answer to a question from AFP.However, the Kremlin has repeatedly thrown doubt on whether it would hold talks with Zelensky.On Wednesday, Peskov cited a decree passed by Zelensky that rules out direct negotiations with Putin.The Ukrainian leader has since said on multiple occasions he would be willing to meet Putin -- but only after Kyiv and its Western allies agree a common negotiating position.Moscow has also accused Zelensky of not being a legitimate leader, citing the expiration of his five-year mandate following his 2019 election as president.Under Ukrainian martial law, elections are banned during wartime.Zelensky's key European backers have supported the suspension of any vote amid Russia's full-scale offensive, though Trump has falsely claimed the Ukrainian leader is widely unpopular at home and called on him to hold elections.- Intelligence pause -Outgoing German Chancellor Scholz on Wednesday gave his backing to Zelensky's calls for a truce in the sky and at sea as a first step towards ending the fighting."The Chancellor welcomed the Ukrainian president's willingness to start negotiations as soon as possible. Both agreed on the importance of the American president's leadership," Scholz's office said in a statement.French President Emmanuel Macron is mulling a joint visit to Washington alongside Zelensky and British Prime Minister Keir Starmer to present a united European front to Trump, the French government said Wednesday.Trump is pushing for Europe to do more for Ukraine's defence.CIA director John Ratcliffe said Wednesday the United States had "paused" intelligence sharing with Ukraine after the dramatic breakdown in relations between Kyiv and the White House.The Ukrainian presidency declined to comment.On the battlefield, Russia's forces said they had captured another small village in Ukraine's eastern Donetsk region.The gains come as AFP analysis of US-based Institute for the Study of War (ISW) data showed Moscow's advance had slowed in February after a series of accelerating territorial gains throughout the winter.
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