Feed aggregator
मुजफ्फरपुर, भागलपुर और दरभंगा समेत 6 जिलों में बनेगा रिंग रोड, हर 20 KM पर होगी फोरलेन सड़क
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के छह शहरों में रिंग रोड का निर्माण होगा। नीतीश सरकार ने पटना के बाद मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया, दरभंगा, कटिहार एवं बेगूसराय में रिंग रोड बनाने का निर्णय लिया है। शीघ्र ही आवश्यक कार्रवाई शुरू हो जाएगी। शुक्रवार को पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 का आय-व्ययक पेश करते हुए यह घोषणा की।
इसके साथ ही पथ निर्माण विभाग का 68 अरब छह करोड़ 53 लाख 49 हजार रुपये का बजट सदन से पारित हो गया। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ ही उप मुख्यमंत्री द्वय सम्राट चौधरी एवं विजय सिन्हा सदन में उपस्थित थे। इससे पहले मंत्री का उत्तर से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन का बहिष्कार किया।
हर 20 किमी की दूरी पर होगी फोरलेन सड़कमंत्री ने कहा कि आगामी तीन-चार महीने में राज्य के किसी भी कोने से पांच घंटे में पहुंचने की योजना पूरी हो जाएगी। सरकार ने 2027 तक चार घंटे में पटना पहुंचने का लक्ष्य तय किया है। जबकि 2035 तक राज्य के किसी भी कोने से मात्र तीन घंटे में पटना पहुंचा जा सकेगा।
उन्होंने कहा, इसके लिए विकसित भारत 2047 का रोडमैप तैयार किया गया है। इसके लिए पांच हजार किमी सिंगल लेन सड़क को दो लेन या इससे अधिक चौड़ा किया जाएगा। लोगों को हर 20 किलोमीटर की दूरी पर चार लेन सड़क उपलब्ध कराया जाएगा।
बिहार स्टेट हाईवे प्रोजेक्ट फेज-वनउन्होंने कहा कि बिहार स्टेट हाईवे प्रोजेक्ट फेज एक के तहत 29 सौ करोड़ से 225 किलोमीटर की पांच योजनाओं पर काम होगा। जबकि दूसरे चरण में 6287 करोड़ से 493 कमी सड़क परियोजनाओं पर काम होगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रगति यात्रा के दौरान पथ निर्माण की 137 योजनाओं की घोषणा की। 23 हजार 375 करोड़ की इन योजनाओं पर तीन महीने के भीतर काम शुरू हो जाएगा। 23 बाईपास के निर्माण पर दो हजार करोड़ खर्च होंगे। छह हजार करोड़ से जेपी गंगा पथ का कोईलवर से मोकामा तक विस्तार होगा।
मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने दो लाख 48 हजार करोड़ की योजनाओं की स्वीकृति दी है। गोरखपुर-सिल्लीगुड़ी, पटना-पूर्णिया और मोकामा-मुंगेर को बनाने में 50 हजार करोड़ खर्च होंगे। नाबार्ड से एक हजार करोड़, सीआरआइएफ में 600 करोड़ की मंजूरी दी गई है। पुलों के रखरखाव को लेकर नीति बनाई जा रही है।
छह मानकों पर तैयार यह नीति तीन-चार महीने में बन जाएगी। इसमें सरकार और प्राईवेट पार्टी मिलकर सड़कों का निर्माण करेंगे।
मंत्री के भाषण के पूर्व पक्ष-विपक्ष की ओर बजट पर विमर्श में समीर कुमार महासेठ, सुरेंद्र राम, मिथिलेश कुमार, ऋषि कुमार, ललित नारायण मंडल, श्रेयसी सिंह, गोपाल रविदास, अनिल कुमार, सत्येन्द्र यादव, सूर्यकांत पासवान, अख्तरूल इस्लाम शाहीन, सतीश दास, लखेन्द्र कुमार रौशन एवं राजकुमार सिंह ने अपने विचार रखे।
ये भी पढ़ें- New Railway Station: बिहार में यहां बनेगा नया रेलवे स्टेशन, डीपीआर तैयार; 250 करोड़ होंगे खर्च
ये भी पढ़ें- Bihar New Fourlane: बिहार वालों के लिए खुशखबरी, इस जिले में बनेगी नई फोरलेन सड़क; 58 KM होगी लंबाई
Ola Electric stores see raids, seizures
चुनाव के समय ही क्यों आती है Voter List में गड़बड़ी की शिकायत? EC की रिपोर्ट से उठे कई सवाल
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर राजनीतिक दलों की ओर से जिस तरह चुनाव के समय हो-हल्ला खड़ा किया जाता है, लेकिन अगर वे हर साल मतदाता सूची में होने वाले पुनरीक्षण के समय तत्परता दिखाएं, तो शायद इनमें गड़बड़ी रह ही न पाए।
लेकिन ऐसा होता नहीं। स्थिति यह है कि राजनीतिक दलों की मौजूदगी में कई महीने तक चलने वाली इस प्रक्रिया में उनकी ओर से गड़बड़ी के एक भी मामले सामने नहीं आते है। चुनाव आयोग ने एसएसआर (स्पेशल समरी रिवीजन) 2025 को लेकर ऐसी ही जानकारी साझा की है।
विधानसभा चुनाव में उठे थे सवालइसमें बताया गया है कि महाराष्ट्र को छोड़कर किसी भी राज्य से कोई शिकायत जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) स्तर पर भी नहीं मिली है। बंगाल से पहले दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भी मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर जिस तरह से मामले को गरमाया गया, उसके बाद चुनाव आयोग ने पूरी स्थिति साफ की है।
आयोग के मुताबिक जनवरी 2025 में अंतिम रूप दी गई मतदाता सूची के सालाना पुनरीक्षण के लिए सात अगस्त 2024 को अधिसूचना जारी की गई थी। इस दौरान प्रत्येक मतदान केंद्र पर बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) के साथ राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) की तैनाती की गई थी, लेकिन इस दौरान सिर्फ महाराष्ट्र से 90 शिकायतें मिलीं।
हर साल होता है पुनरीक्षण- इनमें 89 को जिला निर्वाचन अधिकारी के स्तर पर ही निपटा दिया गया, जबकि एक शिकायत बाद में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) तक पहुंची थी। सुनवाई के बाद उसे भी निपटा दिया गया।
- बाकी किसी राज्य से मतदाता सूची में गड़बड़ी के एक भी मामले सामने नहीं लाए गए। देशभर में इस पुनरीक्षण अभियान में 10.49 लाख बीएलओ और 13.87 लाख बीएलए शामिल हुए थे। गौरतलब है कि चुनाव आयोग देश में हर साल अक्टूबर से दिसंबर के बीच मतदाता सूची का पुनरीक्षण करता है।
- इस दौरान देशभर में इसे लेकर बूथ स्तर पर व्यापक अभियान चलाया जाता है। जिसमें मतदाता की मौत होने या फिर एक जगह से दूसरी जगह पर उनके शिफ्ट होने पर मतदाता सूची से उनके नाम हटाए जाते है। यह प्रक्रिया सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में की जाती है।
यह भी पढ़ें: क्या वोटर आईडी नंबर एक जैसा होने पर मतदाता एक-दूसरे के बदले डाल सकते हैं वोट?
Amit Shah attacks Stalin on three-language issue; asks CM to impart medical, engineering edu in Tamil - The New Indian Express
- Amit Shah attacks Stalin on three-language issue; asks CM to impart medical, engineering edu in Tamil The New Indian Express
- 'Delusional': BJP fires back at Tamil Nadu CM Stalin over ‘LKG’ remark amid NEP, Hindi row Hindustan Times
- Amit Shah’s call for engineering education in Tamil: T.N. offering it since 2010 The Hindu
- MK Stalin's "LKG Student Lecturing PhD Holder" Charge, Amit Shah's Counter NDTV
- Amid ‘Hindi imposition’ row, Amit Shah urges Stalin to introduce medical, engineering courses in Tamil The Indian Express
Why should America worry about Trump?
Bihar: परमानेंट नहीं होंगे गेस्ट असिस्टेंट प्रोफेसर, मंत्री ने पहले दी बुरी खबर; फिर सुनाई गुड न्यूज!
राज्य ब्यूरो, पटना। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने शुक्रवार को विधान परिषद में स्पष्ट किया कि राज्य में अतिथि सहायक प्राध्यापकों को स्थायी करने का मामला विचाराधीन नहीं है। इसकी जगह राज्य सरकार नियमित बहाली करेगी। मंत्री ने बताया कि इसी नौ मार्च को राज्य सरकार 51 हजार से अधिक प्रधानाध्यापकों और प्रधान शिक्षकों आदि को नियुक्ति पत्र देगी।
भाजपा सदस्य डा. नवल किशोर यादव ने झारखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ में अतिथि सहायक प्राध्यापकों की सेवा स्थायी करने की नीति का हवाला देते हुए यह प्रश्न किया था।
सर्वेश कुमार के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में मंत्री सुनील कुमार ने बताया कि राज्य में दस से अधिक केंद्रीय विद्यालय खुलने के प्रस्ताव आए हैं। राज्य सरकार जमीन के लिए राजस्व विभाग से एनओसी लेने की प्रक्रिया पूरी कर रही है। दरभंगा के हनुमान नगर प्रखंड स्थित पटोरी में केंद्रीय विद्यालय के लिए जमीन उपलब्ध कराने के लिए पत्र भी लिख दिया गया है।
स्कूलों में जल्द होगी अनुकंपा पर नियुक्तिविधानपरिषद में डॉ. प्रमोद कुमार और वंशीधर ब्रजवासी के प्रश्न पर सरकार ने जवाब दिया कि राज्य के स्कूलों में जल्द अनुकंपा अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जाएगी। वर्तमान में 6,421 विद्यालय सहायक के पद का सृजन किया गया है।
वहीं, निवेदिता सिंह, रेखा कुमारी और डॉ. कुमुद वर्मा के प्रश्न के जवाब में शिक्षा मंत्री ने बताया कि सभी जर्जर स्कूलों को चार माह में ठीक किया जाएगा। स्कूलों में शौचालय, पेयजल, चहारदीवारी आदि का काम भी किया जा रहा है। इसको लेकर 160 विधायकों-विधानपार्षदों ने प्राथमिकता सूची दी थी जिसमें 50 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है।
होली के पहले वेतन-पेंशन का हो जाए भुगतान:विधानपरिषद की कार्यवाही के दौरान सभापति अवधेश नारायण सिंह ने शिक्षा मंत्री सुनील कुमार को जानकारी दी कि कई विश्वविद्यालयों में वेतन, पेंशन, अनुदान आदि का भुगतान लंबित है, इसे होली से पहले पूरा करा लिया जाए।
इस पर शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया कि वह अविलंब समीक्षा कर इस मामले को दिखवाएंगे और ससमय वेतन-अनुदान का भुगतान किया जाएगा।
शिक्षकों के ईपीएफ भुगतान में गड़बड़ी, शिक्षा मंत्री करेंगे समीक्षादूसरी ओर, नियोजित शिक्षकों के मद में ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि) की कटौती के बावजूद खाते में भुगतान नहीं किए जाने की शिक्षा मंत्री सुनील कुमार स्वयं समीक्षा करेंगे। विधान परिषद सदस्य निवेदिता सिंह के प्रश्न पर शुक्रवार को शिक्षा मंत्री ने सदन को यह भरोसा दिया।
इससे पहले निवेदिता सिंह ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला सदस्यों को सदन बोलने के लिए विशेष मौका देने पर सभापति अवधेश नारायण सिंह के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने पूरक प्रश्न के माध्यम से सभापति का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि दरभंगा एवं मधुबनी के साथ ही कई जिलों में हजारों शिक्षकों के खाते में करोड़ों रुपये ईपीएफ की कटौती के बावजूद जमा नहीं किए जाने पर चिंता जताई।
निवेदिता ने कहा कि शिक्षकों को नियमित इपीएफ खातों में प्रतिमाह भुगतान नहीं किया जा रहा है, जबकि सरकार राशि का भुगतान कर रही है। उन्होंने सभापति को बताया दरभंगा में हजारों शिक्षकों के खाते में माह जुलाई और सितंबर पैसा जमा नहीं हआ है। यह मामला चालू वित्तीय वर्ष यानी 2024 का है। दरभंगा के डीपीओ (स्थाापना) पैसा नहीं जमा करवा रहे हैं।
इसी तरह मधुबनी जिलें में वर्ष 2021 के सितंबर से दिसंबर चार महीने की राशि कटने के बाद खाते में जमा नहीं की गई है। करोड़ों रुपये गबन का प्रकरण है। ऐसी ही विसंगतियां अन्य जिलों में भी है। इसमें हजारों शिक्षक अब सक्षमता परीक्षा पास करने के बाद विशिष्ठ शिक्षक बन चुके हैं।
इस राशि का इपीएफ खाते में जमाकर इस राशि का भुगतान जल्द करवाया जाए। इसके बादमंत्री ने सभापति को भरोसा दिया कि मामले हैं की अविलंब समीक्षा करके शिक्षकों की समस्या एवं सदस्य की चिंता को दूर करेंगे। मंत्री ने कहा हम निश्चित रूप से जो कर्मियां है उसमें सुधार करते हुए भुगतान सुनिश्चित कराएंगे।
ये भी पढ़ें- Bihar Teacher News: बिहार के इस जिले के 1208 शिक्षकों की बल्ले-बल्ले, 9 मार्च को बांटा जाएगा नियुक्ति पत्र
ये भी पढ़ें- Bihar Teacher Transfer: शिक्षकों के ट्रांसफर पर आ गया ताजा अपडेट, सरकार 2 महीने में देगी खुशखबरी
Samsung India workers call off strike
NH से जुड़े मध्यस्थता मामलों की हर 15 दिन में समीक्षा करेगा सड़क परिवहन मंत्रालय, राज्यों को भेजा निर्देश
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राज्यों में राष्ट्रीय राजमार्गों (National Highway) से संबंधित मध्यस्थता के मामलों में विपरीत फैसला आने पर अदालतों में अपील में देरी के कारण हो रहे नुकसान से चिंतित सड़क परिवहन मंत्रालय ने अब इस तरह के सभी प्रकरणों की पाक्षिक आधार पर समीक्षा करने का फैसला किया है।
मंत्रालय ने सभी राज्यों और हाईवे निर्माण में किसी न किसी रूप में शामिल लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंताओं को भेजी चिट्ठी में कहा है कि ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिसमें आर्बिट्रेशन अवार्ड यानी मध्यस्थता के मामलों के निपटारे के बाद अदालतों में अपील दाखिल करने में समय-सीमा का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। इसके चलते अपील को बिना सुनवाई के खारिज कर दिया जा रहा है।
हर 15 दिन में की जाएगी समीक्षा
इसे रोकने के लिए राज्यों और उनके लोक निर्माण विभागों से कहा गया है कि मध्यस्थता वाले निर्णयों की सात दिन के भीतर मंत्रालय को अनिवार्य रूप से सूचना दी जाए। इसके साथ ही सभी मामलों की मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा हर 15 दिन में समीक्षा की जाएगी।
मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि वे अपील दाखिल करने के लिए 120 दिन की समय-सीमा का जरूर पालन करें ताकि मध्यस्थता के मामलों में विपरीत फैसला आने पर निर्धारित अविध में अपील दाखिल की जा सके। मंत्रालय ने ऐसी ही व्यवस्था एनएचएआइ जैसी अपनी एजेंसियों से भी करने के लिए कहा है।
यह भी पढ़ें: MUDA Case: कर्नाटक हाई कोर्ट से ED को बड़ा झटका, CM सिद्दरमैया की पत्नी और मंत्री को जारी समन किया खारिज
Patna News: पटना में इस जगह 8 घंटे तक चलता रहा बुलडोजर, अधिकारी को देखते ही भागने लगे लोग; जमकर मची तोड़फोड़
संवाद सूत्र, खगौल (पटना)। Patna News: पटना के खगौल नगर परिषद द्वारा शुक्रवार को अतिक्रमण से मुक्त कराने को लेकर क्षेत्र में विशेष अभियान चलाया गया। नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अभिनव कुमार के नेतृत्व में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया।
शुक्रवार की सुबह खगौल रोड स्थित बटाला में अतिक्रमण हटाओं अभियान की टीम पहुंची। यह देख अतिक्रमण करने वालो में हड़कंप मच गया। लोग अपना सामान समेट कर भागने लगे, जिसे जो मिला उसे समेट कर हटाने में लगे रहे।
अतिक्रमण हटाने को लेकर नगर परिषद का जेसीबी बटाला से लेकर डीआरएम कार्यालय एवं दल्लूचक में पहुंची। अतिक्रमण हटाओ दस्ता ने सड़कों के किनारे किये गये अतिक्रमण को हटाया। स्थायी एवं अस्थायी अतिक्रमण पर प्रशासन का बुलडोजर चलाया गया व सामान आदि जब्त भी किया।
कार्यपालक पदाधिकारी के साथ दंडाधिकारी मधेश कुमार, सफाई निरीक्षक मुकेश कुमार समेत कर्मी अभियान को सफल बनाने में लगे रहे। कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा कि आगे भी अभियान जारी रहेगा। इलाके से अतिक्रमण हटाया जायेगा।
पटना के बेउर मोड़ समेत अन्य इलाकों से हटाया गया अतिक्रमणप्रमंडलीय आयुक्त मयंक वरवड़े के निर्देश पर गुरुवार को बेउर मोड़ से केंद्रीय कारा तक अतिक्रमण हटाया गया। शहर के अन्य हिस्सों में भी अतिक्रमण पर कार्रवाई हुई। इस क्रम में अलग-अलग जगहों से 66,100 रुपये जुर्माना वसूला गया।
जिला नियंत्रण कक्ष से प्राप्त सूचना के अनुसार पटना नगर निगम के नूतन राजधानी अंचल में बेउर मोड़ से बेउर जेल तक दोनों तरफ से अस्थायी अतिक्रमण हटाया गया।
पाटलिपुत्र अंचल में बोरिंग रोड चौराहा से लेकर राजापुर सब्जी मंडी के रास्ते दोनों तरफ होते हुए बोरिंग रोड चौराहे तक अस्थायी अतिक्रमण हटाया गया।
बांकीपुर अंचल में खेतान मार्केट एवं सब्जी बाग में टीम ने अतिक्रमण हटाया। वहीं नगर परिषद दानापुर निजामत में डीएवी मोड़ से रामजयपाल मोड़ तक अतिक्रमण हटाया गया।
सीओ व बीडीओ ने सड़क अतिक्रमण मुक्त अभियान चलायावीरपुर सीओ भाई वीरेंद्र एवं बीडीओ पंकज कुमार शक्तिधर ने सड़क से अतिक्रमण मुक्ति अभियान चलाया। मुजफ्फरा बस स्टैंड से लेकर भवानंदपुर इंदिरा चौक एवं पर्रा गांव की मुख्य सड़क के किनारे अतिक्रमण मुक्ति अभियान चलाया गया। सीओ ने स्थल निरीक्षण करते हुए बताया कि गलत तरीके से सड़क के किनारे दुकान लगाए हुए हैं। इससे लोगों को आवागमन में परेशानी होती है
गाड़ी पार्किंग की भी समस्या उत्पन्न हो रही है। सड़क जाम रहने से लोगों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इसी उद्देश्य सड़क अतिक्रमण मुक्त अभियान चलाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि सड़क को अतिक्रमण कर दुकान लगाने वाले दुकानदारों को 14 दिनों के अंदर अतिक्रमण को खाली करने की चेतावनी दी गई है।
अन्यथा प्रशासन द्वारा आगे की कार्रवाई की जाएगी। मौके पर अंचल गार्ड भी मौजूद थे। इससे चेतावनी से सड़क के किनारे अतिक्रमण कर दुकान लगाने वाले दुकानदारों में हड़कंप मचा हुआ है।
ये भी पढ़ें
Bihar News: अब बिहार से यूपी की दूरी हो जाएगी कम, यहां बनने जा रही 6 लेन जीटी रोड; समय की होगी बचत
Ara News: आरा वालों की बल्ले-बल्ले, मिली 4 स्पेशल ट्रेनों की सौगात; टाइमिंग और रूट जारी
Amid ‘Hindi imposition’ row, Amit Shah urges Stalin to introduce medical, engineering courses in Tamil - The Indian Express
- Amid ‘Hindi imposition’ row, Amit Shah urges Stalin to introduce medical, engineering courses in Tamil The Indian Express
- 'Delusional': BJP fires back at Tamil Nadu CM Stalin over ‘LKG’ remark amid NEP, Hindi row Hindustan Times
- MK Stalin's "LKG Student Lecturing PhD Holder" Charge, Amit Shah's Counter NDTV
- T.N. Minister warns of action if students are forced to take part in BJP’s signature campaign for three-language policy The Hindu
- Language row: TN CM Stalin targets Centre with ‘LKG student’ jibe; Amit Shah’s rebuttal The Times of India
Neetu Chandra: नीतू चंद्रा की याचिका पर HC ने केंद्र से मांगा जवाब, हनी सिंह के Maniac Song पर विवाद
विधि संवाददाता, पटना। हिंदी और भोजपुरी संगीत में बढ़ती अश्लीलता के विरुद्ध पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने सख्त रुख अपनाते हुए केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है। चर्चित फिल्म अभिनेत्री नीतू चंद्रा (Neetu Chandra) द्वारा दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि यह मामला जनहित से जुड़ा हुआ प्रतीत होता है।
याचिका में विशेष रूप से योयो हनी सिंह (Honey Singh) के हालिया गाने “मैनिएक” (Maniac Song) को निशाने पर लिया गया है। आरोप है कि इस गीत में महिलाओं को उपभोग की वस्तु के रूप में चित्रित किया गया है और द्विअर्थी शब्दावली के जरिए अश्लीलता को बढ़ावा दिया गया है।
'बच्चों, महिलाओं पर पड़ता है बुरा असर'याचिकाकर्ता द्वारा दलील दी कि भोजपुरी और हिंदी गानों में बढ़ती फूहड़ता और अपशब्दों का प्रयोग समाज, विशेष रूप से बच्चों और महिलाओं, पर बुरा प्रभाव डालता है।
इन गानों में संस्कृति का गलत चित्रण किया जाता है। याचिका में यह भी सवाल उठाया गया कि क्या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अर्थ सामाजिक मूल्यों की अनदेखी करना है? संविधान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है, लेकिन इसकी सीमाएं भी तय की गई हैं।
याचिकाकर्ता ने मांग की कि गानों में अश्लीलता पर रोक लगाने और दिशा-निर्देश दिए जाएं। इस मामले में वरीय अधिवक्ता निवेदिता निर्विकार ने याचिकाकर्ता की ओर से दलीलें पेश कीं। कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह अगली सुनवाई में स्थिति स्पष्ट करे। मामले की अगली सुनवाई 28 मार्च को होगी।
हाई कोर्ट से जुड़ा एक अन्य मामलाआम उत्पादकों को उचित मूल्य नहीं मिलने पर हाई कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाबराज्य के आम उत्पादकों को उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिलने और निर्यात के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना के अभाव मामले में पटना हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने इस संबंध में दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
याचिकाकर्ता आत्मबोध के अधिवक्ता डॉ. मौर्य विजय चंद्र ने न्यायालय को बताया कि राज्य में उत्तम गुणवत्ता के आमों का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है, लेकिन किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। सरकार की उदासीनता के कारण उत्पादकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
उन्होंने दलील दी कि विदेशी बाजारों में बिहार के आम की बड़ी मांग है, लेकिन निर्यात के लिए आधारभूत संरचना की कमी के कारण किसानों को इसका लाभ नहीं मिल रहा। अगर सरकार जरूरी सुविधाएं विकसित करे, तो राज्य के आम उत्पादकों को बेहतर कीमत मिलेगी और देश को विदेशी मुद्रा भी प्राप्त होगी।
याचिकाकर्ता ने कोर्ट से अनुरोध किया कि राज्य और केंद्र सरकार मिलकर एक ठोस नीति बनाए, जिससे आम के निर्यात की व्यवस्था सुनिश्चित हो। इस मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।
ये भी पढ़ें- Honey Singh: मुश्किल में फंस सकते हैं हनी सिंह, Maniac Song के खिलाफ पटना HC में याचिका दायर
ये भी पढ़ें- 'मैं यहां तबसे हूं जबसे यूट्यूब...' Honey Singh ने निगेटिव कमेंट्स करने वालों पर कसा तंज, लोगों ने किया चीयर
Pappu Yadav: जिसने धमकी दी उसी को साथ लेकर बैठ गए पप्पू यादव, मीडिया के सामने खोल दिया पूरा राज
राज्य ब्यूरो, पटना। पूर्णिया सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव (Pappu Yadav) ने आरोप लगाया है कि पिछले साल जदयू और पूर्णिया प्रशासन ने उनकी जान के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की थी।
शुक्रवार को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पप्पू यादव ने आरोप लगाए कि उन्हें कथित रूप से लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर जो धमकी मिली थी वह जदयू और पूर्णिया प्रशासन की साजिश थी, जिससे उनकी छवि प्रभावित हुई है।उन्होंने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
'दो लाख रुपये का लालच दिया...'प्रेस कॉन्फ्रेंस में सांसद के साथ उपस्थित रामबाबू यादव (बिश्नोई के नाम पर धमकी देने वाला) ने कहा कि राजद नेता हरिकांत सिंह उर्फ चीकू ने जदयू कार्यालय में प्रवक्ता नीरज कुमार से उसे मिलवाया।
नीरज कुमार ने रामबाबू यादव को वीडियो के माध्यम से सांसद पप्पू यादव को धमकी देने के बदले दो लाख रुपये देने और चुनाव लड़वा कर जिंदगी बदलने का प्रलोभन दिया था।
'गार्ड रूम में बनाया धमकी वाला वीडियो'रामबाबू ने कहा कि मैंने नीरज कुमार के कहने पर जदयू कार्यालय में पप्पू यादव को धमकी देने वाला वीडियो जदयू कार्यालय गार्ड रूम में बनाया। नीरज कुमार ने मुझे राघोपुर से चुनाव लड़वाने का आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा, उसे जब लगा कि उसे फंसाया जा रहा है तो मैंने आज पप्पू यादव से माफी मांग ली। उसे जो दो लाख मिलने थे वह भी नहीं मिले। इस मामले में पूर्णिया पुलिस भी साजिश में बराबर की हिस्सेदार है।
'विजय सिन्हा को इस्तीफा देना चाहिए'इसके पूर्व पप्पू यादव ने उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा की हालत पर चिंता जताते हुए मांग की कि उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। जो मंत्री रहते जनता के अधिकारों की रक्षा नहीं कर पाता उसे मंत्री पद पर रहने का अधिकार नहीं। प्रेस वार्ता में प्रेम चंद सिंह,राजेश पप्पू मौजूद थे।
आरोप साबित करें या कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें: नीरज कुमारजदयू के मुख्य प्रवक्ता एवं विधान परिषद के सदस्य नीरज कुमार ने सांसद पप्पू यादव को यह साबित करने की चुनौती दी है कि लॉरेंस बिश्नोई के नाम से दी गई धमकी प्रकरण में हमारी कोई भूमिका रही है। अगर ऐसा नहीं कर पाते हैं तो कानूनी लड़ाई के लिए तैयार रहें।
उन्होंने कहा- पप्पू यादव दाएं-बाएं न करें। हम कानूनी इलाज कर देंगे। अपराधी, गुंडा और लंपट से न हम डरते हैं और न उनकी परवाह करते हैं।
नीरज ने शुक्रवार को यहां कहा कि पप्पू यादव जहां से चक्कर लगार कर आए हैं, वर्षों रहे हैं, मैंने उस घर का दरवाजा भी नहीं देखा है। आज तक मैंने किसी के विरूद्ध कोई साजिश नहीं की है। हमारे घर पर सीसीटीवी है। हर आने जाने वालों का रिकार्ड दर्ज रहता है। मोबाइल से हर बातचीत का पता लगाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि पप्पू यादव के मामले में ही उन्होंने लारेंस विश्नोई का नाम सुना। पप्पू यादव ही रो- रोकर लारेंस का नाम ले रहे थे। हम पर आजतक कोई मुकदमा नहीं हुआ है। पप्पू यादव को समझना चाहिए कि बिहार में कानून का राज है। हम भी गलती करेंगे तो सजा मिलेगी। उनके पास मेरे विरूद्ध कोई साक्ष्य है तो कानून के रास्ते से आएं।
ये भी पढ़ें- Bihar Politics: 'कांग्रेस ऊंट.. हम गिलहरी..', Pappu Yadav ने क्यों कह दिया ऐसा? लालू यादव पर भी बोले
ये भी पढ़ें- Pappu Yadav: पप्पू यादव के बिगड़े बोल, बागेश्वर बाबा पर दिया विवादित बयान; कहा- 'ऐसे बाबाओं की हम...'
BCCI appoints Shukla and Shelar to ACCB
MUDA Case: कर्नाटक हाई कोर्ट से ED को बड़ा झटका, CM सिद्दरमैया की पत्नी और मंत्री को जारी समन किया खारिज
पीटीआई, बेंगलुरु। मुडा जमीन आवंटन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) को कर्नाटक उच्च न्यायालय से शुक्रवार को बड़ा झटका लगा है। उच्च न्यायालय ने सीएम सिद्दरमैया की पत्नी पार्वती बीएम और शहरी विकास मंत्री बीएस सुरेश को जारी ईडी के समन को खारिज कर दिया है। ईडी ने आरोपित के तौर पर नामित न होने के बावजूद मंत्री को पूछताछ को बुलाया था।
समानांतर जांच कर रही ईडी27 जनवरी को हाई कोर्ट ने समन पर रोक लगा दिया था। अब शुक्रवार को न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने पार्वती और मंत्री सुरेश की याचिकाओं पर यह फैसला सुनाया। पार्वती बीएम के वकील संदेश चौटा ने तर्क दिया कि ईडी समानांतर जांच कर रही है, जबकि मामले की जांच लोकायुक्त पुलिस और विशेष जांच दल (SIT) पहले ही जांच कर रही है।
मंत्री के वकील ने दिया ये तर्कदेश के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अरविंद कामत ने अदालत में ईडी का पक्ष रखा। उन्होंने तर्क दिया कि पार्वती इस मामले में दूसरी आरोपी थी। उन्होंने अपराध की आय प्राप्त की थी। मंत्री सुरेश के वकील सीवी नागेश ने कहा कि उनके मुवक्किल इस मामले में आरोपी नहीं है। इस वजह से उन्हें तलब नहीं किया जाना चाहिए था।
अरविंद कामत ने अदालत में कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) ईडी को दस्तावेज और रिकॉर्ड प्राप्त करने के लिए व्यक्तियों को बुलाने का अधिकार देता है। भले ही उनका नाम आरोपी के रूप में न दर्ज हो।
क्या है मुडा केस?मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) ने कर्नाटक के सीएम सिद्दरमैया की पत्नी पार्वती को 14 साइटों का आवंटन किया। आरोप है कि जमीन आवंटन में अनियमितता बरती गई। आरोप है कि मैसूरु (विजयनगर लेआउट तीसरे और चौथे चरण) के एक अपमार्केट क्षेत्र में सिद्दरमैया की पत्नी को 14 प्रतिपूरक साइटों का आवंटन किया गया। इन संपत्ति का मूल्य उनकी भूमि की तुलना में अधिक था। इसे मुडा ने अधिग्रहित किया गया था।
मुडा ने पार्वती को 3.16 एकड़ जमीन के बदले 50:50 अनुपात योजना के तहत भूखंड आवंटित किए थे। यहां आवासीय लेआउट विकसित किया। मुडा ने आवासीय लेआउट बनाने के लिए उनसे अधिग्रहित अविकसित भूमि के बदले भूमि खोने वालों को 50 प्रतिशत विकसित भूमि आवंटित की। आरोप है कि मैसूरु तालुक के कसाबा होबली के कसारे गांव के सर्वेक्षण संख्या 464 में इस 3.16 एकड़ भूमि पर पार्वती का कोई कानूनी अधिकार नहीं था।
लोकायुक्त से मिल चुकी क्लीनचिटएमपी/एमएलए कोर्ट के आदेश के बाद 27 सितंबर 2024 को मैसूर स्थित लोकायुक्त ने मुडा मामले में केस दर्ज किया था। बाद में 30 सितंबर को ईडी ने लोकायुक्त एफआईआर का संज्ञान लिया और सीएम व अन्य पर मामला दर्ज करने के लिए प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दायर की। हालांकि पिछले महीने लोकायुक्त ने सीएम सिद्दरमैया, उनकी पत्नी पार्वती समेत दो अन्य आरोपितों को क्लीन चिट दे दी है।
यह भी पढ़ें: 'खालिस्तानियों के प्रति ब्रिटेन की उदासीनता दिखती है', एस जयशंकर सुरक्षा चूक मामले में बोला विदेश मंत्रालय
यह भी पढ़ें: हवाई सफर पर हैकिंग का साया : हाईजैक, क्रैश और विमान की दिशा भी बदल सकते हैं हमलावर
China Expresses Readiness To Work With India: 'Dance Of Dragon, Elephant The Only Right Choice' - News18
- China Expresses Readiness To Work With India: 'Dance Of Dragon, Elephant The Only Right Choice' News18
- "Let Us Make Elephant, Dragon Dance": China Minister Amid US 'Tariff War' NDTV
- 'Boundary issues shouldn't define bilateral relations': China's offer to India amid tariff stand-off with The Times of India
- Dragon and elephant dance: China minister's India outreach amid Trump's tariffs India Today
- World News Today Live Updates on March 7, 2025 : Big chunk of North American trade remains exposed to tariffs Mint
Can Trump buy Greenland?
Pages
