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Pahalgam Attack: कश्मीर घूमने आए IB अधिकारी की आतंकी हमले में हत्या, पत्नी-बच्चों के सामने मारी गोली

Dainik Jagran - National - April 23, 2025 - 2:54am

पीटीआई, हैदराबाद। जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले में पत्नी और बच्चों के सामने इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी। बिहार के रहने वाले मनीष रंजन की उनकी पत्नी और बच्चों के सामने गोली मारी। हैदराबाद में तैनात आईबी अधिकारी अपने परिवार के साथ लीव ट्रैवल कंसेशन (एलटीसी) यात्रा पर थे।

रेवंत रेड्डी ने जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले पर दुख जताया

जब आतंकवादियों ने उन पर हमला किया, तब परिवार कई अन्य पर्यटकों के साथ पहलगाम की बैसरन घाटी में था। मनीष रंजन आईबी के हैदराबाद कार्यालय के मंत्री अनुभाग में तैनात थे। इस बीच, तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले पर दुख जताया है।

इस जघन्य कृत्य की कड़ी निंदा करते हुए सीएम रेवंत रेड्डी ने कहा कि इस तरह के कायरतापूर्ण हमले भारतीय लोगों की भावना और लचीलेपन को नहीं हिला सकते। उन्होंने केंद्र सरकार से इसमें शामिल आतंकवादी समूहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया।

आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने हमले की निंदा की

सीएम रेवंत रेड्डी ने जान गंवाने वालों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने भी जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले की निंदा की है। आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने भी आतंकी हमले की निंदा की।

पीएम मोदी ने सऊदी क्राउन प्रिंस से बातचीत की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले की निंदा की। इस दौरान उन्होंने रणनीतिक साझेदारी परिषद की सह-अध्यक्षता की, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच दोस्ती को और मजबूत करना है।

मुसलमान नहीं बोलते ही मार दी गोली

आंखों के सामने पति को गोली मारे जाने के बाद से एशान्या के आंसू नहीं थम रहे दैनिक जागरण से उसने सिसकते हुए बात की। बताया कि वह पूरे परिवार के साथ मंगलवार को ही पहलगाम पहुंचे थे। पहलगाम के ऊंचाई वाले मैदान में घुड़सवारी करके गेट तक पहुंचे थे।

वहां से करीब 50 मीटर दूरी पर वह, शुभम और बहन शांभवी एक साथ बैठे थे। मम्मी-पापा गेट के पास थे। उसी दौरान एक आतंकी ने आकर पूछा कि मुसलमान हो या हिंदू। वह उसकी बातें समझ नहीं पाईं। फिर दोबारा पूछा कि मुसलमान हो तो कलमा पढ़ो।

आंखों के सामने पति की जान चली गई

उसकी बातों को मजाक समझा और हम लोगों ने कहा कि नहीं भइया हम मुसलमान नहीं हैं। इतना कहते ही उसने पति को गोली मार दी। आंखों के सामने पति की जान चली गई और वह कुछ नहीं कर सकी। आतंकी उसको भी मार देते, लेकिन बहन और मम्मी-पापा मुझे खींचते हुए नीचे ले गए।

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Pahalgam Terror Attack: सऊदी अरब का दौरा बीच में छोड़ भारत लौट रहे PM मोदी, दिल्ली पहुंचते ही होगी CCS की बैठक

Dainik Jagran - National - April 23, 2025 - 12:00am

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले को भारत ने किस गंभीरता से लिया है इसका पता इस बात से चलता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपना सऊदी अरब का दौरा बीच में ही रद करके भारत लौटने का फैसला किया है। वह तुरंत भारत लौट रहे हैं। स्वदेश लौटते ही वह सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक बुलाएंगे और उसमें आतंकी हमले से उपजी स्थिति पर मंत्रणा की जाएगी।

पीएम मोदी लगातार अधिकारियों से ले रहे जानकारी 

प्रधानमंत्री दो दिवसीय यात्रा पर मंगलवार दोपहर सऊदी अरब के शहर जेद्दा पहुंचे थे। उनके वहां पहुंचने के कुछ ही घंटे बाद पहलगाम आतंकी हमला की सूचना आई। प्रधानमंत्री मोदी लगातार हमले से जुड़े एक-एक घटनाक्रम पर नजर रख रहे थे। प्रधानमंत्री के साथ विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी हैं। इनके बीच भी लगातार विमर्श होता रहा।

इसके बाद सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान तक भी सूचना भेजी गई और स्थिति को देखते हुए दौरे को मंगलवार रात में ही समाप्त करने के बारे में बात की गई।

विदेश मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने रात्रि के 11 बजे बताया, 'सऊदी अरब और भारत के बीच अभी उच्चस्तरीय द्विपक्षीय वार्ता का दौर चल रहा है। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी भारत के लिए रवाना हो जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी और उनके दल के सदस्यों का विमान बुधवार सुबह भारत पहुंचेगा।'-

यह भी पढ़ें: Pahalgam Terror Attack Live Updates: पहलगाम आतंकी हमले में 28 पर्यटकों की मौत, श्रीनगर में अमित शाह की हाई लेवल बैठक

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'हम भारत के साथ', पहलगाम आतंकी हमले पर ट्रंप ने क्या-क्या कहा? इजरायल समेत कई देशों ने जताया दुख

Dainik Jagran - National - April 22, 2025 - 11:38pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पहलगाम में मंगलवार को पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले की कई देशों ने न सिर्फ निंदा की है बल्कि हमले के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म द ट्रूथ पर लिखा, "कश्मीर से बहुत परेशान करने वाली खबर आई है। आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ अमेरिका मजबूती से खड़ा है। हम मारे गए लोगों की आत्मा की शांति और घायलों के स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी और भारत के लोगों को हमारा पूरा समर्थन और गहरी सहानुभूति है। हमारी संवेदनाएं आप सभी के साथ हैं!"

इजरायल ने भी आतंकी हमले पर जताई चिंता 

विदेश से सबसे पहली प्रतिक्रिया इजरायल से आई है। पहले इजरायली दूतावास और फिर इजरायल के विदेश मंत्री गिडोन सार ने इस घटना को विभत्स बताते हुए अपना क्षोभ व्यक्त किया।

सार ने हमले में मारे गए लोगों के प्रति दुख व्यक्त करते हुए कहा कि इजरायल आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ है। यूक्रेन के दूतावास ने कहा कि वे पहलगाम आतंकी हमले से बेहद दुखी हैं। हम रोजाना आतंकी हमले का शिकार होते हैं और किसी भी तरह के आतंकवाद की निंदा करते हैं।

जब निर्दोष लोगों की मौत होती है तो इससे असहनीय पीड़ा होती है। हमला करने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए। जबकि भारत में अर्जेंटीना के राजदूत मारियानो कैसियानो ने कहा कि उनका देश इस समय भारत के साथ है। हर तरह के आतंकवाद, अतिवाद और कट्टरता की निंदा करते हैं। सिंगापुर के दूतावास ने भी हमले की निंदा की है।

पीएम मोलेनी ने भी जताई चिंता 

इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने कहा कि आज भारत में हुए आतंकवादी हमले से बहुत दुःख हुआ, जिसमें अनेक लोग हताहत हुए। इटली प्रभावित परिवारों, घायलों, सरकार और सभी भारतीय लोगों के प्रति अपनी निकटता व्यक्त करता है।

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पूर्व डीजीपी मर्डर: पत्नी-बेटी ने एक हफ्ते पहले रची थी हत्या की साजिश, फिर पेट-छाती को चाकू से कर दिया छलनी

Dainik Jagran - National - April 22, 2025 - 11:30pm

 आईएएनएस, बेंगलुरु। कर्नाटक के पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश गुप्ता की हत्या के मामले में प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि उनकी पत्नी पल्लवी और बेटी कृति ने एक सप्ताह पहले हत्या की साजिश रची थी। घर में ओमप्रकाश पर दोपहर के भोजन के दौरान हमला किया गया।

पहले ओम प्रकाश की आंखों में मिर्च पाउडर फेंका

आरोपितों ने पहले खाने की मेज पर बैठे ओम प्रकाश की आंखों में मिर्च पाउडर फेंका और फिर उन पर चाकू और बीयर की बोतल से हमला किया। पूर्व डीजीपी का शव खाने की मेज पर ही खून से लथपथ मिला था।

इस बीच डीसीपी सारा फातिमा ने बताया कि आरोपित पल्लवी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है जबकि कृति को मानसिक जांच के लिए राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान (एनआइएमएचएएनएस) में भर्ती कराया गया है।

पत्नी और बेटी के खिलाफ एफआइआर दर्ज

पुलिस ने पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश की हत्या के मामले में उनकी पत्नी और बेटी के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है। उनके बेटे कार्तिकेश ने शिकायत दर्ज कराई थी। पल्लवी और कृति के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

कार्तिकेश ने लगाया यह आरोप

कार्तिकेश ने आरोप लगाया है कि उनके पिता को उनकी मां से जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि वारदात से पहले मां-बेटी ने उनके साथ झगड़ा किया। उसके बाद जब ओम प्रकाश खाने की टेबल पर बैठे मछली खा रहे थे तब आरोपितों ने उन पर जानलेवा हमला किया। आरोपितों ने पहले ओम प्रकाश की आंखों में मिर्च पाउडर फेंका इस लिए फेंका ताकि वह अपनी बंदूक का इस्तेमाल न कर सकें।

पूर्व डीजीपी ने दोनों से करीब 10 मिनट तक संघर्ष भी किया

पुलिस के सूत्रों के अनुसार, आरोपितों ने मिर्च पाउडर फेंकने के बाद उन पर तेल डाल दिया। इसके बाद उनकी गर्दन, पेट, छाती और सिर में 12 से अधिक बार चाकू मारा गया। सुबूत बताते हैं कि पूर्व डीजीपी ने दोनों से करीब 10 मिनट तक संघर्ष भी किया। पुलिस ने यह भी कहा कि पल्लवी ने प्रारंभिक पूछताछ के दौरान अपराध स्वीकार कर लिया है।

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Supreme Court: 'सजा पूरी होने के बाद दोषी को जेल में रखना अवैध', सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

Dainik Jagran - National - April 22, 2025 - 11:30pm

 पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताई कि 2002 के नितीश कटारा हत्याकांड में बिना किसी छूट के 20 साल जेल की सजा काट चुके दोषी सुखदेव यादव उर्फ पहलवान को सजा पूरी करने के बाद बी रिहा नहीं किया जाना चाहिए।

व्यक्ति की स्वतंत्रता पर कही ये बात

जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने दिल्ली सरकार की तरफ से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अर्चना पाठक दवे की दलील पर हैरानी जताई कि पहलवान को स्वत: ही रिहा नहीं किया जा सकता। पीठ ने कहा, हम एक व्यक्ति की स्वतंत्रता पर सुनवाई कर रहे हैं।

एक-एक दिन का कारावास अवैध होगा

उसकी सजा को हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा। उसे निर्धारित वक्त की सजा सुना दी गई। अगर हमें पता चलता है कि उसे दी गई सजा से ज्यादा वक्त तक जेल में रखा गया, तो वह कारावास अवैध होगा। एक-एक दिन का कारावास अवैध होगा।

यादव की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ मृदुल ने दलील दी कि उनके मुव्वकिल की सजा नौ मार्च 2025 को पूरी हो गई है। इस तारीख के बाद यादव को जेल में रखने की कोई भी वैधानिक दलील मायने नहीं रखती और दिल्ली सरकार इस सजा का अर्थ निकालने में गलत है।

आजीवन कारावास को लेकर कही ये बात

इस पर दव ने कहा कि आजीवन कारावास का मतलब पूरी जिंदगी जेल में बिताना होता है और 20 साल बाद स्वत: जेल से रिहाई नहीं हो सकती। याचिकाकर्ता ने भी अपनी रिहाई के लिए अपील नहीं की थी, बल्कि फर्लो मांगने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था।

अगली सुनवाई सात मई को होगी

पीठ ने कहा पिछली दो तारीखों और अब तक हुई सुनवाई व दोनों पक्षों की दलीलों को लेकर कहा कि रिहाई के मुद्दे पर विचार होगा। यादव अपनी याचिका में तीन दिन के भीतर संशोधन कर दाखिल करे। अगली सुनवाई सात मई को होगी।

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किसी जाति को शिक्षा और नौकरियों में कोटे के लिए अलग-अलग वर्ग में नहीं रख सकते, हाईकोर्ट ने समुदायों को लेकर कही ये बात

Dainik Jagran - National - April 22, 2025 - 11:30pm

 पीटीआई, बेंगलुरु। कर्नाटक हाई कोर्ट ने फैसला दिया है कि एक ही समुदाय को शिक्षा और रोजगार के लिए दो अलग-अलग आरक्षण श्रेणियों के अंतर्गत नहीं रखा जा सकता। एक महिला वी. सुमित्रा की याचिका पर हाई कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। महिला ने राज्य में बालाजिगा/बनाजिगा समुदाय के वर्गीकरण को चुनौती दी थी, वर्गीकरण को विरोधाभासी बताया है।

जस्टिस सूरज गोविंदराज ने सुनाया था पहले फैसला

जस्टिस सूरज गोविंदराज ने हाल ही में सुनाए गए फैसले में कर्नाटक सरकार को निर्देश दिया कि वह बालाजिगा/बनाजिगा समुदाय को शिक्षा और रोजगार उद्देश्यों के लिए समान रूप से समूह 'बी' के अंतर्गत वर्गीकृत करे।

अदालत ने कहा कि समुदाय को शिक्षा के लिए समूह 'बी' (अनुच्छेद 15(4) के तहत) और रोजगार के लिए समूह 'डी' (अनुच्छेद 16(4) के तहत) के अंतर्गत रखने वाला राज्य का मौजूदा वर्गीकरण भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक है।

सुमित्रा को 1993 में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षण के तहत प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका नियुक्त किया गया था, क्योंकि उनका दावा था कि उनकी जाति समूह 'बी' से संबंधित है। हालांकि, उन्हें 1996 में नोटिस मिला जिसमें कहा गया था कि उनके समुदाय को रोजगार के लिए समूह 'डी' के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है, जिससे नौकरी से संबंधित आरक्षण के लिए उनका जाति प्रमाण पत्र अमान्य हो गया। इस बीच सुमित्रा को 1986 की सरकारी अधिसूचना मिली, जिसमें यह दोहरा वर्गीकरण किया गया था।

वर्गीकरण को विरोधाभासी बताया

उन्होंने तर्क दिया कि अनुच्छेद 15(4) और 16(4) का उद्देश्य वंचित समूहों के लिए सामाजिक न्याय सुनिश्चित करना है। उन्होंने राज्य के वर्गीकरण को चुनौती दी और इसे विरोधाभासी बताया।

विभाजन स्वाभाविक रूप से भेदभावपूर्ण- कोर्ट

जस्टिस गोविंदराज ने उनकी दलील सही बताते हुए कहा, अनुच्छेद 14 के तहत समानता का सिद्धांत आरक्षण के मामले में भी लागू होगा। एक ही समुदाय को अलग-अलग समूहों में नहीं रखा जा सकता। ऐसा विभाजन स्वाभाविक रूप से भेदभावपूर्ण है। कोर्ट ने आरक्षण समूह 'बी' के तहत उसकी पात्रता को स्वीकार करते हुए प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका के रूप में उनकी नौकरी जारी रखने का भी निर्देश दिया।

हाई कोर्ट ने आदेश को किया रद

जस्टिस गोविंदराज ने कहा, यदि किसी समुदाय को शिक्षा के मामले में पिछड़ा माना जाता है, तो रोजगार के मामले में उसके साथ अलग व्यवहार नहीं किया जा सकता। दोहरे वर्गीकरण को अमान्य घोषित करते हुए हाई कोर्ट ने उन आदेशों को रद कर दिया, जिनमें रोजगार में समूह 'बी' के तहत आरक्षण के लिए सुमित्रा के दावे को खारिज कर दिया गया था।

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