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विश्व पृथ्वी दिवस: गायब हो रहे जंगल, दरक रहे गलेशियर.. प्रजातियों पर भी मंडरा रहा खतरा; इन 5 तरीकों से बचाएं धरती

Dainik Jagran - National - April 22, 2025 - 5:01pm

डिजिटल डेस्‍क, नई दिल्‍ली। आज यानी 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस है। पृथ्वी दिवस यानी धरती को बचाने के प्रति लोगों को जागरूक करने का दिन। दरअसल औद्योगिक काल से पहले धरती पर सभी प्राकृतिक संसाधन (जल, जंगल, जमीन, हवा, ग्लेशियर आदि..आदि) उपयुक्त और संतुलित रूप में विद्यमान थे। बढ़ती आबादी के साथ लोगों की जरूरतें बढ़ीं तो इन संसाधनों का दोहन शुरू हुआ।

जीवाश्म ईंधनों के अति इस्तेमाल ने ग्लोबल वार्मिंग का संकट खड़ा किया। इसके बाद ऐसे उपायों पर जोर दिया जाने लगा, जिससे दुनिया विकास भी कर सके और धरती भी सुरक्षित रहे। स्वच्छ ऊर्जा इन्हीं में से एक है।

इस बार के पृथ्वी दिवस की थीम ऊर्जा के इसी रूप को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। ऐसे में इस बात की पड़ताल अहम मुद्दा है कि स्वच्छ ऊर्जा से धरती के सामने सबसे बड़े संकट को कैसे टाला जा सकता है।

आप भी कर सकते हैं ये पांच काम

हम धरती को माता कहते हैं। कारण है कि इंसान को जन्म भले ही एक महिला देती है, लेकिन उसका पालन-पोषण इस पृथ्वी पर होता है। पृथ्वी प्रदत्त प्राकृतिक चीजों से वह जीवित रहता है। इंसान जन्म के बाद अपनी माता के बिना रह सकता है, लेकिन पृथ्वी और प्राकृतिक चीजों के बिना वह क्षण भर भी जीवित नहीं रह सकता।

हम अपनी जरूरतों के लिए प्राकृतिक संसाधनों का बहुत तेजी से दोहन कर रहे हैं। अगर इनका संरक्षण नहीं किया गया तो आने वाली पीढ़ी को पृथ्वी जीवित रहने के लिए कुछ न दे पाएगी। धरती बचाने के लिए जारी प्रयासों में आप अहम योगदान दे सकते हैं। आपको बस ये पांच काम करने होंगे।

1. जल संरक्षण

‘जल ही जीवन है’, ये मात्र कहने भर की बात नहीं। पृथ्वी पर जल का होना वरदान है। ऐसे में पृथ्वी को बचाने के लिए जल संरक्षण करना बहुत जरूरी है। पानी की बर्बादी के कारण ही भूमण्डल के हालात बिगड़ते जा रहे हैं। इसलिए सभी को ज्यादा से ज्यादा पानी बचाना चाहिए। इसके लिए पानी के अन्य स्रोतों पर ध्यान दें। नल को ठीक से बंद करें। पानी बेवजह खर्च न करें। बारिश के पानी को स्टोर करके उसका इस्तेमाल करें।

2. कचरा प्रबंधन

धरती पर कचरा भी बढ़ता जा रहा है। उसका उचित प्रबंधन और रीसाइक्लिंग न होने के कारण जगह जगह कचरे के ढेर लगे रहते हैं, जो वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण का कारण बनते हैं।

ऐसे में हमारा काम है कि यह प्रयास करें कि घरों से निकलने वाला कचरा गलने वाला हो। गीले और सूखे कचरे को अलग अलग फेकें। सबसे जरूरी है कि पॉलीथिन बैग के इस्तेमाल में कमी लाएं।

3. वायु प्रदूषण कम करें

वर्तमान में वायु प्रदूषण बहुत ज्यादा बढ़ गया है। लोगों के लिए खुली हवा में सांस लेना जहर को अपने अंदर लेने जैसा है। वाहनों की बढ़ती संख्या और हवाई जहाजों से निकलने वाले धुएं से प्रदूषण फैलता है।

ऐसे में गाड़ियों के इस्तेमाल को कम करके दूर न जाना हो तो साइकिल का इस्तेमाल कर सकते हैं। चाहें तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें।

4. केमिकल के इस्तेमाल में कमी

आधुनिक भारत में लगभग हर काम के लिए वैज्ञानिक पद्धति का इस्तेमाल होता है। ऐसे में केमिकल युक्त चीजों का इस्तेमाल भी बढ़ गया है। जैसे खेती के लिए केमिकल पदार्थों का इस्तेमाल, नहाने से लेकर कपड़े और बर्तन धोने के लिए भी केमिकल युक्त चीजों का इस्तेमाल हो रहा है।

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ये केमिकल नाली के रास्ते बड़े नालों से होते हुए नदियों में जाते हैं और उसे प्रदूषित करते हैं। नदियों के इसी पानी का इस्तेमाल कई कार्यों में किया जाता है, जो पृथ्वी और इंसान दोनों के लिए घातक है।

5. बिजली के इस्तेमाल में कमी

बिजली की जरूरत बढ़ रही है लेकिन बिजली बर्बाद करने से भी प्राकृतिक संसाधनों का दोहन हो रहा है। दरअसल, बिजली बनाने के लिए कोयले का इस्तेमाल होता है। इसके अलावा कई प्राकृतिक गैसों से भी बिजली बनती है। ऐसे में पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता है।

प्रदूषण पृथ्वी को धीरे धीरे नष्ट कर रहा है। ऐसे में जरूरत होने पर ही बिजली का इस्तेमाल करें। बेवजह लाइट, फैन चलाकर न छोड़ें।

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How Trump is targeting political foes

Business News - April 22, 2025 - 4:43pm
Categories: Business News

'इस संस्था पर तो हर दिन हमला हो रहा, लेकिन...', SC को लेकर टिप्पणी पर क्या बोले जस्टिस सूर्यकांत?

Dainik Jagran - National - April 22, 2025 - 4:01pm

 डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही को लेकर हाल ही में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने टिप्पणी की थी। इसी बीच आज (मंगलवार) उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि  संसद ही सुप्रीम है। उसके ऊपर कोई अथॉरिटी नहीं है।

इसी बीच सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि संस्थान (सुप्रीम कोर्ट) पर हर दिन हमले होते रहते हैं। हमें इसकी चिंता नहीं है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने राष्ट्रपति और राज्यपालों के लिए विधेयकों को मंजूरी देने की समयसीमा तय करने के सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले के बाद शुरू हुए कटाक्षों के मामले पर कहा है। कर्नाटक में न्यायालय की अवमानना के एक मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने ऐसा कहा।

उपराष्ट्रपति ने SC को लेकर क्या कहा था?

हाल ही में धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट को संविधान के अनुच्छेद 142 से मिली शक्ति को 'न्यूक्लियर मिसाइल' करार दिया था। धनखड़ ने कोर्ट को लेकर कहा था, हम ऐसी स्थिति नहीं ला सकते, जहां राष्ट्रपति को निर्देश दिया जाए। संविधान के तहत सुप्रीम कोर्ट का अधिकार केवल अनुच्छेद 145(3) के तहत संविधान की व्याख्या करना है।

भाजपा सांसद ने की थी CJI पर टिप्पणी

वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून के ख़िलाफ़ चल रही सुनवाई के दौरान, कानून के कई अहम प्रावधानों पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी थी, जिस पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने चिंता जाहिर करते हुए टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि देश में धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदार है।

सुप्रीम कोर्ट अपनी सीमा से बाहर जा रहा है। अगर हर बात के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना है, तो संसद और विधानसभा का कोई मतलब नहीं है- इन्हें बंद कर देना चाहिए।"

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असम: 'बम से उड़ा देंगे', गुवाहाटी हाईकोर्ट को आया धमकी भरा ईमेल; मची अफरा-तफरी

Dainik Jagran - National - April 22, 2025 - 3:56pm

एएनआई, गुवाहाटी। असम के गुवाहाटी हाई कोर्ट को ईमेल के जरिए बम से उड़ाने की धमकी मिली। अधिकारियों ने बताया कि कोर्ट को ई-मेल के जरिए बम की धमकी मिली थी, लेकिन बाद में पता चला कि यह एक अफवाह थी। गुवाहाटी शहर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह धमकी एक गुमनाम अकाउंट से ई-मेल के जरिए मिली थी।

धमकी के बाद सुरक्षाकर्मी हाई कोर्ट पहुंचे और तलाशी अभियान चलाया। पुलिस अधिकारियों ने घटना की जानकारी देते हुए आगे कहा, यह बम की अफवाह है। धमकी ई-मेल के जरिए मिली थी।

इस शहर के एयरपोर्ट को उड़ाने की धमकी

अधिक जानकारी का इंतजार किया जा रहा है। इससे पहले 18 अप्रैल को कानपुर के चकेरी एयरपोर्ट पर दोपहर में बम की धमकी वाली कॉल आई थी, जो फर्जी निकली और कॉल करने वाले को कुछ ही घंटों में पकड़ लिया गया, पुलिस अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की।

कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के एसीपी सुमित सुधाकर रामटेके ने बताया, दोपहर करीब 12:30 बजे सीआईएसएफ से एक अज्ञात कॉलर ने संपर्क किया और बताया कि 72 सीटों वाले विमान (चकेरी एयरपोर्ट पर) में बम रखा गया है। सीआईएसएफ ने चकेरी पुलिस स्टेशन को इसकी सूचना दी।

पुलिस के हत्थे चढ़ा आरोपी

अलर्ट के बाद चकेरी पुलिस स्टेशन और निगरानी टीम ने तुरंत जांच शुरू कर दी। एसीपी ने बताया, चकेरी पुलिस स्टेशन और निगरानी टीम ने तुरंत इस मामले पर काम करना शुरू कर दिया और कॉल करने वाले को दोपहर करीब 3 बजे पकड़ लिया।

जांच में पता चला है कि कॉल एक शरारत के तौर पर की गई झूठी चेतावनी थी।

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'मां अक्सर धमकी देती थी... बहन को है अवसाद', कर्नाटक के पूर्व डीजीपी हत्याकांड में बेटे ने किए कई खुलासे

Dainik Jagran - National - April 22, 2025 - 3:49pm

एजेंसी, बेंगलुरु। कर्नाटक के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओम प्रकाश की हत्या मामले में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। इस मर्डर केस में पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश गुप्ता की पत्नी पल्लवी ने चाकू मारने से पहले उनके चेहरे पर लाल मिर्ची पाउडर फेंका था।

जलन से बेचैन होने पर पल्लवी ने उन पर धारदार चाकू से कई वार किए। 

पूर्व डीजीपी की मौके पर ही मौत हो गई थी

इससे लहूलुहान पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश की मौके पर ही मौत हो गई। हत्या के आरोप में उनकी 64 वर्षीय पत्नी पल्लवी ओम प्रकाश को गिरफ्तार कर लिया है। उसे मजिस्ट्रेटी अदालत में पेश किया जाएगा। इस मामले में आगे की जांच अब बेंगलुरु के सेंट्रल क्राइम ब्रांच (सीसीबी) को सौंप दी गई है। 

बेटे कार्तिकेश ने की शिकायत

पुलिस ने बताया कि यह कार्रवाई उनके बेटे कार्तिकेश द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद की गई है।

ओम प्रकाश के बेटे कार्तिकेश ने बताया कि रविवार की घटना के बाद उन्होंने पुलिस में अपनी मां और बहन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। 

उन्होंने कहा कि मेरी मां पल्लवी और मेरी बहन कृति अक्सर मेरे पिता के साथ झगड़ती थीं।

मां के बारे में खोले राज
  • बेटे कार्तिकेश ने आगे कहा कि मां पल्लवी पिता को कुछ समय से जान से मारने की धमकी दे रही थी। इसकी वजह से उनके पिता अपनी बहन सरिता कुमारी यानी मेरी बुआ के घर रहने चले गए थे।
  • बहन कृति दो दिन पहले ही पिता पर दबाव बनाकर उन्हें वापस घर ले आई थी।
  • बेटे ने ये भी बताया कि मां सीजोफ्रेनिया की मरीज हैं और दवाएं लेती है जबकि बहन कृति अवसाद की शिकार है।
  • कार्तिकेश ने बताया कि उन्हें उनके पिता की हत्या के बारे में 20 अप्रैल को शाम पांच बजे पड़ोसी श्रीधरन के फोन काल से पता चला जब वह डोमलुर क्षेत्र में स्थित कर्नाटक गोल्फ एसोसिएशन में थे। 
  • जब वह शाम पौने छह बजे घर पहुंचे तो उनके पिता का शव जमीन पर खून में सना पड़ा था। उनके पास एक चाकू और टूटी हुई बोतल भी पड़े हुए थे। तब तक पुलिस और दूसरे लोग भी वहां आ गए थे। 
राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

कर्नाटक के गृह मंत्री परमेश्वरा ने कहा कि उनके कार्यकाल में ही ओमप्रकाश डीजीपी रहे और वह बहुत अच्छे व्यक्ति व अफसर थे। 

ओम प्रकाश के शव का पोस्टमार्टम सोमवार को होने के बाद पूरे राजकीय सम्मान के साथ बेंगलुरु के विल्सन गार्डन क्रिमिनेशन ग्राउंड में अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनके बेटे कार्तिकेश ने उन्हें मुखाग्नि दी। 

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