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Bihar News: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का बड़ा एलान, अगले हफ्ते तक टीआरई-3 शिक्षकों के पोस्टिंग ऑर्डर होंगे जारी
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में शिक्षा व्यवस्था को सशक्त और समावेशी बनाने के उद्देश्य से "शिक्षा की बात हर शनिवार" कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम के 12वें एपिसोड में एक बार फिर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने भाग लिया और शिक्षा व्यवस्था से जुड़े हर सवाल का विस्तृत और स्पष्ट जवाब दिया।
अगले हफ्ते तक टीआरई-3 शिक्षकों के पोस्टिंग ऑर्डर होंगे जारीपूर्वी चंपारण के कृष्ण कुमार ने पूछा कि टीआरई-3 की नियुक्ति प्रक्रिया कब पूरी होगी? इस पर डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि नियुक्ति की प्रक्रिया लगभग अंतिम चरण में है। अगले सप्ताह शुक्रवार या शनिवार तक सभी टीआरई-3 शिक्षकों के पोस्टिंग ऑर्डर जारी कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पोस्टिंग में प्राथमिकता उन विद्यालयों को दी गई है, जहां शिक्षकों की कमी अधिक है और छात्र संख्या ज्यादा है ताकि राज्य में छात्र-शिक्षक अनुपात संतुलित हो सके। सभी शिक्षक सोमवार से अपने-अपने विद्यालयों में योगदान देंगे।
बैगलेस सैटर-डे का नया पाठ्यक्रम होगा जारीमुजफ्फरपुर के बखरी मुरौल बुनियादी विद्यालय के शिक्षक केशव कुमार ने बैगलेस सैटर-डे से जुड़ा सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के लिए निर्धारित मार्गदर्शिका आज तक विद्यालयों तक नहीं पहुंची है, जिससे क्रियान्वयन प्रभावित हो रहा है। इस सवाल के जवाब में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने कहा कि इसका फिर से हमलोग अपडेशन कर रहे हैं क्योंकि सैटर-डे में बैगलेस सैटर-डे के अतिरिक्त कई गतिविधियां जोड़ी गई हैं, जैसे स्किल ट्रेनिंग और स्पोर्ट्स है। हमलोग उसे घंटावार भी निर्धारित कर रहे हैं और बैगलेस सैटर-डे का जो नया पाठ्यक्रम है, हमलोग कोशिश करेंगे कि अगले 10-15 दिनों में एक रिवाइस पाठ्यक्रम जारी करें। वेबसाइट पर इसके गाइडलाइंस को देखा जा सकेगा और पीडीएफ में भी सर्कुलेट होगा।
‘स्टूडेंट ऑफ द वीक’ की होगी शुरुआतवहीं, भभुआ के शिक्षक धीरज कुमार ने त्रैमासिक परीक्षा की शुरुआत के लिए विभाग का आभार जताते हुए सुझाव दिया कि 'टीचर ऑफ द मंथ' की तर्ज पर स्कूलों में बच्चों को भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। डॉ. एस. सिद्धार्थ ने इस सुझाव का स्वागत किया और कहा कि छात्रों के अनुशासन, परीक्षा परिणाम और गतिविधियों के आधार पर 'स्टूडेंट ऑफ द वीक' का चयन कर नोटिस बोर्ड पर नाम प्रदर्शित किया जाएगा। साथ ही छात्रों को विशेष बैज भी प्रदान किए जाएंगे।
स्कूल इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार का लक्ष्यकिशनगंज की शिक्षिका कुमारी निधि ने अपने विद्यालय में चहारदीवारी नहीं होने की समस्या बताई। इस पर डॉ. सिद्धार्थ ने कहा कि हाल ही में सभी स्कूलों से आवश्यकताओं की सूची मांगी गई है, जिसमें चहारदीवारी भी शामिल है। मई माह में सभी स्वीकृत कार्यों जैसे बाउंड्री वॉल, अतिरिक्त कक्षाएं, शौचालय, प्रयोगशाला, लाइब्रेरी निर्माण आदि की स्वीकृति दी जाएगी। लक्ष्य है कि जुलाई 2025 से पहले सभी आवश्यकताओं की पूर्ति कर दी जाए।
11वीं में होगी त्वरित प्रवेश व्यवस्थापटना के माधोपुर, मनेर उच्च माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक आशीष कुमार ने कहा कि बिहार बोर्ड के 10वीं के परिणाम आने के बाद 11वीं में दाखिला देर से शुरू होता है, जिससे छात्रों का समय खराब होता है। इस पर डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि अब सभी दसवीं पास छात्रों को प्रोविजनल आधार पर 11वीं कक्षा में तुरंत प्रवेश दिया जाएगा और कक्षाएं भी अगले सप्ताह से शुरू कराई जाएंगी। इस संबंध में सोमवार से मॉनिटरिंग होगी कि कितने बच्चों ने ज्वाइन किया है। अगले हफ्ते से सभी 11वीं के छात्र का क्लास शुरू करना है। अगर किसी छात्र को अन्य स्कूल में जाना है तो उसके दाखिले की प्रक्रिया अलग है।
अंग्रेजी शिक्षा को मिलेगा बढ़ावासीवान के पचरुखी की शिक्षिका रश्मि बाला बर्णवाल ने सुझाव दिया कि अंग्रेजी विषय को 9वीं और 10वीं कक्षा में अनिवार्य किया जाए। इस पर डॉ. एस, सिद्धार्थ ने कहा कि इस बार 9वीं, 10वीं और 11वीं कक्षा के छात्रों के लिए हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में बाइलिंगुअल पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी ताकि छात्र दोनों भाषाओं में पढ़ाई कर सकें और अंग्रेजी में सुधार हो सके।
एक परिसर में एक स्कूल की नीतिसमस्तीपुर के रोसड़ा प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक रंजीत कुमार ने कहा कि उनके स्कूल कैंपस में 4 विद्यालय संचालित हो रहे हैं। सभी का विलय कर देते तो पठन-पाठन में सहूलियत होती। चेतना सत्र और अन्य विद्यालय गतिविधियां साथ-साथ संचालित होने से छात्रों को परेशानी होती है। इसका जवाब देते हुए अपर मुख्य सचिव ने कहा कि हमलोगों ने बहुत स्पष्ट निर्देश डीईओ को दिया है कि जो स्कूल एक ही परिसर में हैं, उसे मर्ज करें और सभी पठन-पाठन इंटीग्रेटेड चलाइए। मुझे इस संबंध में जानकारी है, जहां कई स्कूल एक ही कैंपस में चल रहे हैं। हमलोग नहीं चाहते हैं कि एक ही कैंपस में तीन अलग-अलग स्कूल चलें।
ई-लाइब्रेरी फिर होगी उपलब्धगोपालगंज के हथुआ के शिक्षक नीलमणि प्रताप शाही ने ई-लाइब्रेरी एप के फिर से उपलब्ध कराने की मांग की। इस पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने कहा कि ई-लाइब्रेरी एप को अपडेट कर पुनः चालू किया जा रहा है और अगले सप्ताह से यह शिक्षकों और छात्रों के लिए उपलब्ध होगा।
प्लास्टिक कोटेड पुस्तकों पर रोकऔरंगाबाद के कुटुंबा के शिक्षक शम्स आलम ने सुझाव दिया कि प्राथमिक विद्यालय के छोटे बच्चों के लिए प्लास्टिक कोटेड पुस्तकें दी जाएं ताकि बच्चे उसे न फाड़ सकें। इस पर डॉ. एस. सिद्धार्थ ने स्पष्ट किया कि प्लास्टिक पर्यावरण के लिए हानिकारक है इसलिए प्लास्टिक कोटेड पुस्तकों का वितरण नहीं किया जाएगा। बच्चों को पुस्तकों की देखभाल करना सिखाया जाएगा ताकि वे स्वयं संरक्षण का महत्व समझें।
बीपीएससी शिक्षकों के लिए मेडिकल और मैटरनिटी लीवअंत में नवादा के गोविंदपुर के शिक्षक अभिषेक कुमार पाण्डेय ने सवाल किया कि क्या बीपीएससी से नियुक्त शिक्षकों को मेडिकल और मातृत्व अवकाश मिलेगा? इस पर डॉ. एस. सिद्धार्थ ने स्पष्ट किया कि सभी बीपीएससी शिक्षकों को मेडिकल लीव और मैटरनिटी लीव देय हैं। इस संबंध में शीघ्र ही स्पष्ट गाइडलाइंस जारी की जाएगी और विद्यालय के प्रधानाचार्य को अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जाएंगे।
बिहार में बॉयोफ्यूल्स को लेकर नई नीति से निवेश को मिलेगा बढ़ावा, पहले आओ पहले पाओ के आधार पर मिलेगा प्रोत्साहन
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार सरकार के स्तर से नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए बिहार बॉयोफ्यूल्स उत्पादन प्रोत्साहन नीति, 2023 को लागू किया गया था। इस नीति के माध्यम से बॉयोफ्यूल्स क्षेत्र में निवेशकों को पर्याप्त प्रोत्साहन मिला, जिससे इस क्षेत्र में निवेश की गति तेज हुई है। अब इस नीति में कुछ अहम बदलाव करते हुए इसके संशोधित प्रारूप को लागू किया गया है।
बॉयो फ्यूल्स क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं एवं निवेशकों की बढ़ती रुचि को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने बिहार बॉयो फ्यूल्स उत्पादन प्रोत्साहन (संशोधन) नीति, 2025 को अधिसूचित किया है। इसके अंतर्गत निजी कंपनियों एवं तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) द्वारा स्थापित की जाने वाली कम्प्रेस्ड बॉयोगैस (सीबीजी) इकाइयों के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस पोर्टल पर स्टेज-1 क्लीयरेंस की अंतिम तिथि 31 मार्च 2027 तथा वित्तीय स्वीकृति की अंतिम तिथि 31 मार्च 2028 तक बढ़ा दी गई है।
राज्य सरकार ने यह भी प्रावधान किया है कि सीबीजी इकाईयों की स्थापना के लिए निजी कंपनियों एवं ओएमसी को बियाडा के निर्धारित औद्योगिक क्षेत्रों में अधिकतम 25 प्रतिशत भूमि 75,000 रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष की दर से 30 वर्षों के लिए लीज पर उपलब्ध कराई जाएगी।
औद्योगिक प्रोत्साहन नीति-2011 के तहत, ऐसी इकाइयां जिन्हें राज्य निवेश प्रोत्साहन परिषद या जिला स्तरीय सिंगल विंडो क्लीयरेंस समिति से अनुमोदन प्राप्त है और जो कार्यरत हैं, परंतु सक्षम प्राधिकार से अनुमोदन प्राप्त नहीं कर पाई हैं, उनके 31 अगस्त 2023 तक विभागीय पोर्टल पर जमा किए गए 74 आवेदनों के अनुदान दावों का प्रस्तावित प्रोत्साहन राशि लगभग 453 करोड़ रुपये का भुगतान, संबंधित वैधानिक स्वीकृतियां प्राप्त करने के उपरांत किया जाएगा। साथ ही, इन इकाइयों को शेष अनुमेयता अवधि के लिए एसजीएसटी /वैट एवं विद्युत शुल्क की प्रतिपूर्ति भी नियमानुसार की जाएगी।
पहले आओ पहले पाओ के आधार पर प्रोत्साहनइस योजना के अंतर्गत पहले आओ पहले पाओ के आधार पर प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। लेकिन 31 मार्च 2027 तक स्टेज-1 क्लीयरेंस के लिए आवेदन करने वाली सभी कम्प्रेस्ड बॉयोगैस इकाइयां प्रोत्साहन प्राप्त करने की पात्र होंगी, अगर वे दिनांक-31 मार्च 2028 तक या इसके पहले वित्तीय प्रोत्साहन मंजूरी के लिए भी आवेदन कर देती हैं।
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भारत के एक्शन के बाद निकली बिलावल भुट्टो की हेकड़ी, अब कहा- 'बातचीत से निकलेगा समाधान'
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। पर्यटकों पर हुए आतंकी आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े एक्शन लिए हैं। भारत के कड़े एक्शन के बाद पाकिस्तान बिलाबिला उठा है।
इस बीच पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी के बयान के बाद भारत में एक बड़ा उबाल आ गया है। भुट्टो के बयान पर भारत ने कड़ा ऐतराज जताया है और इसकी कड़ी निंदा की है। अब भुट्टो अपने बयान को लेकर बैकफुट पर आ गए हैं। उन्होंने दोनों देशों से विवादों के समाधान के लिए बातचीत का सहारा लेने का आग्रह किया है।
भारत के एक्शन से बैकफुट पर भुट्टोदरअसल, जियो न्यूज के अनुसार, एक निजी समाचार चैनल को दिए गए साक्षात्कार में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि पाकिस्तान और भारत को आपस में बातचीत कर के समाधान निकालना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने भारत के साथ बातचीत करने की पेशकश की थी, लेकिन भारत ने इसको अस्वीकार कर दिया।
भारत ने दिया सीधा जवाबजानकारी दें कि इससे पहले पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने एक बयान देते हुए भारत को आंख दिखाने की कोशिश की थी। हालांकि, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी(पीपीपी) के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी की टिप्पणी पर जोरदार पलटवार किया। उन्होंने कहा - 'मैंने उनका बयान सुना। उन्हें बताएं कि वे कहीं पानी में कूद जाएं। लेकिन, जब पानी ही नहीं होगा तो वे कैसे कूदेंगे? ऐसे बयानों को महत्व न दें।'
गौरतलब है कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पीपीपी नेता ने सिंध प्रांत में एक रैली के दौरान कहा था कि सिंधु हमारा है और हमेशा हमारा रहेगा या तो हमारा पानी इसमें बहेगा या उनका (भारतीयों का) खून बहेगा।
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अदनान सामी ने पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद चौधरी को लगाई लताड़, नागरिकता पर सवाल उठाने पर कर दी बोलती बंद
पीटीआई, नई दिल्ली। पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। इस बीच अदनान सामी ने पाकिस्तान के पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री चौधरी फवाद हुसैन पर निशाना साधा है, जिन्होंने गायक-संगीतकार की नागरिकता पर सवाल उठाए थे।
इस सप्ताह की शुरूआत में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने हमला किया था, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे। विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा है कि भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों को अपने वीजा की अवधि समाप्त होने से पहले देश छोड़ना होगा और 27 अप्रैल अंतिम तिथि है।
फवाद चौधरी का कमेंट
चौधरी फवाद हुसैन ने शनिवार को एक भारतीय पत्रकार द्वारा एक्स पर लिखी गई एक पोस्ट को साझा किया, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने के लिए कहने के बारे में बताया गया था और इसके साथ कैप्शन में लिखा था, "अदनान सामी के बारे में क्या?"
लंदन में जन्मे सामी, जिन्हें दिसंबर 2015 में भारतीय नागरिकता प्रदान की गई थी, उन्होंने हुसैन की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "इस अनपढ़ बेवकूफ को कौन बताएगा!!" हुसैन ने गायक की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, "हमारे अपने लाहौरी अदनान सामी ऐसे लग रहे हैं जैसे बालों से हवा निकल चुकी है, जल्दी ठीक हो जाओ @AdnanSamiLive (sic)"
अदनान सामी ने दिया जवाब
हुसैन की इस बात का जवाब देते हुए सिंगर ने लिखा कि उनकी जड़ें लाहौर में नहीं बल्कि पेशावर में हैं। उनके पिता पाकिस्तानी वायुसेना के अनुभवी राजनयिक थे और उनकी मां मूल रूप से जम्मू-कश्मीर की थीं।
बता दें, 'कभी तो नज़र मिलाओ', 'तेरा चेहरा', 'लिफ्ट करा दे' और 'भर दो झोली' जैसे गानों के लिए मशहूर गायक-संगीतकार, पहली बार 13 मार्च 2001 को इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग द्वारा जारी एक वर्ष की वैधता वाले आगंतुक वीजा पर भारत आए थे।
कैसे भारतीय नागरिक बने सामी?
सामी का वीजा समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा। 27 मई, 2010 को जारी उनका पाकिस्तानी पासपोर्ट 26 मई, 2015 को समाप्त हो गया और पाकिस्तान सरकार ने उनके पासपोर्ट का नवीनीकरण नहीं किया, जिसके कारण उन्होंने मानवीय आधार पर भारत में अपने प्रवास को वैध बनाने के अनुरोध के साथ भारत सरकार से संपर्क किया।
पहलगाम हमले पर सामी का पोस्ट
सामी ने पहलगाम हमले के बाद एक्स पर एक पोस्ट साझा की और लिखा, "आशा और वादे से भरी निर्दोष जिंदगियां निर्दयता से खत्म कर दी गईं और पीछे छोड़ गईं आंसू, टूटे सपने और असहनीय दुख। मानवता कैसे इतनी नीचता तक गिर सकती है? प्रकृति की सुंदरता को मानवता के खिलाफ ऐसे भयानक अपराध करने के लिए कैसे विकृत किया जा सकता है?"
पाकिस्तानियों के भारत छोड़ने का आज अंतिम दिन, वतन वापसी के लिए अटारी बॉर्डर पर लगी कतारें
Pahalgam Attack Updates: “Blood Of Every Indian On The Boil,” Says PM Modi - NDTV
- Pahalgam Attack Updates: “Blood Of Every Indian On The Boil,” Says PM Modi NDTV
- "Will Have Reason To Live": Pahalgam Attack Victim's Wife Seeks 'Martyr' Status For Him NDTV
- Pahalgam: PM Modi's full speech on terror attack, Pakistan, justice for victims | J&K| Mann Ki Baat Hindustan Times
- This Word Means: National Investigation Agency or NIA The Indian Express
- Women's ODI Tri-series Live News Updates: India beat Sri Lanka by nine wickets in rain-curtailed Women's ... The Economic Times
Bihar Politics: बिहार चुनाव को लेकर एक्टिव हुए उपेंद्र कुशवाहा, पार्टी के कार्यकर्ताओं को दिया गुरुमंत्र
राज्य ब्यूरो, पटना। पिछले वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में पराजय का सामना कर चुके राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य उपेंद्र कुशवाहा ने एक बार फिर दांव-पेंच की राजनीति पर सवाल उठाए हैं।
कुशवाहा ने कहा कि दांव पेंच गांव गंदी और संकीर्ण राजनीति से हमें सचेत रहने की जरूरत है। क्योंकि इसका सीधा लाभ विपक्ष के दलों को मिलेगा। कुशवाहा चंपारण में आयोजित पार्टी के तीन दिवसीय राजनीतिक मंथन शिविर में बोल रहे थे।
शिविर के दौरान पार्टी की ओर से एक राजनीतिक प्रस्ताव भी पारित किया गया। जिस पर पार्टी के सभी 41 संगठन जिलों के जिलाध्यक्षों ने इस पर अपने अपने विचार रखे।
कार्यकर्ताओं को किया संबोधितपार्टी नेताओं ने इस विचार पर सर्वसम्मति दिखाई। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि कुछ ही महीनों के बाद बिहार में होने वाले चुनाव में संगठन की दृष्टि से हमारी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है।
लेकिन, दांव पेंच की राजनीति को लेकर हमें अत्यधिक सचेत और सजग रहने की जरूरत है, क्योंकि विगत लोकसभा चुनाव में हम इसके शिकार हो चुके हैं। शाहाबाद और इससे सटा हुआ मगध का हिस्सा पूरे तौर पर ब्लैक आउट हो गया।
लोकसभा का चुनाव पूरे देश के लिए होता है। देश भर से चुन कर आए सांसदों के बहुमत के आधार पर सरकार बनती है, अतएव शाहाबाद और मगध में विपरीत परिणाम के बाद भी केंद्र में हमारी सरकार बन गई।
विपक्ष के खिलाफ मोर्चाबंदी में दिखाएं रुचिकुशवाहा ने कहा कि परंतु बिहार विधानसभा चुनाव में किसी भी पॉइंट पर हमारी कमजोरी का लाभ विपक्ष को मिल सकता है। इस शिविर के माध्यम से एनडीए गठबंधन के सभी दलों से यह अनुरोध किया कि विपक्ष के खिलाफ मोर्चाबंदी में रुचि दिखाएं।
इस बात पर भी सहमति जताई गई कि लोकसभा चुनाव में विपरीत परिणाम के पीछे का एक बड़ा कारण यह भी था कि गठबंधन करते वक्त आपस में बनी समझ के आधार पर सीटों का वितरण नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि इस विषय को हमारे समर्थक मतदाताओं की भावना को भड़काने में विपक्ष इसे एक औजार के रूप में इस्तेमाल करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेगा। उन्होंने कहा कि मछली पकड़ने के लिए मछली का ही चारा डालने की थ्योरी को विधानसभा चुनाव में भी आजमाने हेतु विपक्ष पूरी तैयारी किए बैठा है।
इस शिविर के माध्यम से रालोमो ने सर्वसम्मति से यह संकल्प लिया कि न सिर्फ हम पूरी मजबूती और एकजुटता से चुनाव लड़ेंगे, बल्कि इस मजबूती और एकजुटता के साथ चुनाव जीतकर अगली सरकार भी बनाएंगे, एक ऐसी सरकार, जिसमें हमारी पार्टी की दमदार व प्रभावकारी उपस्थित होगी |
जो सरकार पूरे तौर पर सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता के साथ गरीबों, किसानों, युवाओं और महिलाओं के प्रति समर्पित रहते हुए देश को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री जी के सपना को पूरा करने में बिहार की पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करेगी।
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नाबालिग लड़के का किया था यौन उत्पीड़न, कोर्ट ने सुनाई 47 साल की सजा; जानिए पूरा मामला
पीटीआई, कोट्टायम। केरल की एक अदालत ने एक नाबालिग लड़के के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में एक व्यक्ति को 47 साल कैद की सजा सुनाई है और 30,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। कोट्टायम विशेष फास्ट-ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश सतीश कुमार वी ने 2024 में दर्ज मामले में सिजोमोन (41) को सजा सुनाई।
पुलिस के अनुसार, पिछले साल अगस्त में यहां अयारकुन्नम पुलिस स्टेशन में एक मामला दर्ज किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि वैकोम के चेनक्कला के मूल निवासी सिजिमोन ने लड़के का यौन उत्पीड़न किया था।
30 हजार का लगाया जुर्मानापुलिस द्वारा रविवार को जारी एक बयान में कहा गया कि अदालत ने आरोपी को दोषी पाया और उसे 47 साल की कैद और 30,000 रुपये का जुर्माना लगाया। स्टेशन हाउस ऑफिसर अनूप जोस जांच अधिकारी थे, और पॉल के अब्राहम पॉक्सो मामले में सरकारी अभियोजक थे।
बता दें कि इसके पहले बेंगलुरु में सड़क पर जा रही युवती के सात यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था। पुलिस ने करीब 700 सीसीटीवी खंगालने के बाद आरोपी को केरल से गिरफ्तार किया था। आरोपी संतोष की उम्र 26 साल है और वह बेंगलुरु के एक जैगुआर शोरूम में ड्राइवर के तौर पर काम करता है।
पुलिस के मुताबिक, जब उसके खिलाफ तलाशी शुरू हुई तो वह तमिलनाडु के होसुर भाग गया, फिर सलेम और वहां से केरल के कोझीकोड पहुंचा। लगभग एक हफ्ते तक तीन राज्यों में चली तलाश के बाद पुलिस ने उसे केरल के एक सुदूर गांव से दबोच लिया।
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'आतंकियों ने नहीं पूछा था धर्म', पहलगाम हमले को लेकर कर्नाटक के मंत्री का विवादित बयान; भाजपा ने किया पलटवार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक सरकार में मंत्री आरबी तिम्मापुर ने पहलगाम हमले को लेकर एक विवादित बयान दे दिया है। उन्होंने कहा कि आतंकियों ने पर्यटकों को गोली मारने से पहले उनका धर्म नहीं पूछा। मंत्री ने इस पूरे मामले को धार्मिक रूप में चित्रित करने का आरोप लगाया।
बता दें कि आरबी तिम्मापुर कर्नाटर सरकार में आबकारी मंत्री हैं। इसके पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के एक बयान को लेकर भी विवाद हो चुका है। सिद्धरमैया ने कहा था कि वह पहलगाम आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान के साथ युद्ध करने के पक्ष में नहीं हैं।
कर्नाटक के मंत्री ने क्या कहा?दरअसल तिम्मापुर पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि जब पहलगाम में हमला हुआ, तो आतंकियों ने वहां मौजूद पर्यटकों से उनके धर्म के बारे में पूछा होगा। तिम्मापुर ने कहा कि प्रैक्टिकल तौर पर सोच कर देखो।
उन्होंने कहा कि जिस आदमी को गोली चलानी होगी, क्या वह किसी की जाति या धर्म पूछेगा? वह तो केवल गोली चलाकर वहां से चला जाएगा। अब तिम्मापुर के इस बयान को भाजपा ने लपक किया है। भाजपा ने उनके बयान को बर्बर और दुष्टतापूर्ण बताया है।
भाजपा ने बोला हमला- भाजपा ने इसे शोकाकुल पीड़ितों का अपमान बताते हुए कहा कि कांग्रेस धार्मिक तुष्टिकरण के लिए वोट बैंक की राजनीति कर रही है। बता दें कि पहलगाम में हुए हमले के बाद पीड़ितों के परिवारों ने ये कहा था कि उनका धर्म पूछकर आतंकियों ने गोली मारी है।
- पहलगाम के बाद पाकिस्तान के साथ रुख को लेकर कांग्रेस में ही दो फाड़ हैं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी का कहना है कि पीओके को अब वापस मिलाने का वक्त आ गया है, जबकि सिद्धरमैया युद्ध के पक्ष में नहीं होने की बात कर रहे हैं। हालांकि राहुल गांधी ने स्पष्ट कर दिया है कि विपक्ष सरकार के साथ मजबूती से खड़ा है।
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क्या है सचेत ऐप? पीएम मोदी ने मन की बात में क्यों किया इसका जिक्र? गिनाए इस्तेमाल के फायदे
नई दिल्ली, एएनआई। पहलगाम आतंकी हमले के बाद आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम को संबोधित किया। पीएम मोदी ने इसकी शुरुआत भी पहलगाम हमले से की, जिसके बाद उन्होंने ISRO के महान वैज्ञानिक डॉ. कस्तूरीरंगन के निधन पर शोक व्यक्त किया। इसी कड़ी में पीएम मोदी ने देशवासियों से अपील की कि सभी अपने फोन में 'सचेत ऐप' जरूर रखें।
पिछले महीने म्यांमार में आए भूकंप का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय बचाव टीम ने ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत म्यांमार और थाईलैंड में कई लोगों को मलबे से बाहर निकाला। भारत में ऐसी प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए 'सचेत ऐप' लॉन्च किया गया है।
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मन की बात के 121वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा -
प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में आपकी सतर्कता, आपका सचेत रहना आवश्यक है। इसके लिए आपको अपने फोन में एक स्पेशल ऐप की मदद मिल सकती है। इसका नाम 'सचेत ऐप' है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने इस ऐप को तैयार किया है।
आपदाओं से करेगा सावधानमन की बात कार्यक्रम के दौरान 'सचेत ऐप' के फायदे गिनाते हुए पीएम मोदी ने बताया कि "बाढ़, चक्रवात, सुनामी, जंगलों में आग, हिमस्खलन, आंधी, तूफान और बिजली गिरने जैसी आपदाओं से पहले 'सचेत' ऐप आपको सूचित कर देगा। यह ऐप क्षेत्रीय भाषाओं में भी जानकारी देता है।"
मौसम से जुड़ी जानकारीपीएम मोदी ने कहा कि "'सचेत ऐप' के माध्यम से मौसम से जुड़ी जानकारी भी ली जा सकती है। मौसम विभाग के सभी बड़े अपडेट इस ऐप में देखने को मिल जाएंगे। पीएम मोदी ने सभी देशवासियों से अपील की है कि इस ऐप का इस्तेमाल करें और जो भी अनुभव हो उसे हमारे साथ जरूर साझा करें।"
SACHET App for disaster preparedness. #MannKiBaat pic.twitter.com/ntWYM8N44R
— PMO India (@PMOIndia) April 27, 2025 क्या है 'सचेत ऐप'?बता दें कि सचेत ऐप को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने लॉन्च किया था। इस ऐप पर यूजर की करंट लोकेशन के हिसाब से अलर्ट मिलता है। यह ऐप आपके राज्य और जिले में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं के बारे में यूजर्स को सूचित करता है। साथ ही इस पर भारतीय मौसम विभाग (IMD) की ताजा मौसम अपडेट भी मौजूद रहती है।
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