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Abhishek Banerjee skips key TMC meeting
Bihar Bhumi: लैंड म्यूटेशन में बरती लापरवाही, नीतीश सरकार ने लिया एक्शन; 2 अफसरों पर गिरी गाज
जागरण टीम, पटना/मुजफ्फरपुर। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने काम में लापरवाही बरतने वाले दो अंचल अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है। बहादुरगंज एवं नवादा सदर के अंचलाधिकारियों पर लापरवाही का आरोप है।
सरावगी ने आमलोगों की परेशानियों को दूर करने के लिए सभी राजस्व कर्मचारियों को अपने पदस्थापन वाले पंचायत में रहने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि जिन राजस्व कर्मचारियों के जिम्मे एक से अधिक पंचायत है, उन्हें रोस्टर जारी कर उनका पंचायत में रहने का दिन तय किया जाय।
'अंचल कार्यालय स्तर पर बरती लापरवाही'मंत्री ने बताया कि नवादा के डीएम से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार नवादा सदर अंचल अंतर्गत दाखिल खारिज वाद संख्या 9425/23-24 में निहित खाता संख्या 122, खेसरा संख्या 791 में सन्निहित रकबा का दाखिल-खारिज जल संसाधन विभाग के नाम से करने के मामले में अंचल कार्यालय स्तर पर लापरवाही बरती गई।
किशनगंज में भी ऐसा ही मामलाइसी तरह किशनगंज के डीएम की रिपोर्ट में बताया गया कि बहादुरगंज के अंचल अधिकारी ने माह अगस्त 2024 से जनवरी 2025 तक दायर दाखिल खारिज आवेदनों में से 143 आवेदनों का निष्पादन 75 दिनों के बाद किया है।
उल्लेखनीय है कि दाखिल खारिज नियमावली के प्रावधानों के अनुसार, दाखिल खारिज आवेदनों का निष्पादन 35 दिनों के भीतर करना है। आपत्ति प्राप्त आवेदनों का निष्पादन भी 75 कार्यदिवस के भीतर करना है।
डीसीएलआर पूर्वी के कोर्ट में दाखिल-खारिज और भूमि विवाद के 5700 मामले लंबितडीसीएलआर पूर्वी के कोर्ट में दाखिल-खारिज और भूमि विवाद के 5756 वाद लंबित हैं। कुल 6507 दायर वादों में से मात्र 751 का ही निष्पादन किया गया। इसमें सितंबर से लेकर अब तक यानी पांच माह में सिर्फ 138 वादों का निपटारा ही डीसीएलआर पूर्वी कर सके। इसपर डीएम सुब्रत कुमार सेन ने संज्ञान लिया है। उन्होंने नाराजगी व्यक्त की है। इसे कर्तव्य और दायित्व के प्रति लापरवाही तथा उदासीनता का परिचायक बताया है।
इसी आधार पर उन्होंने डीसीएलआर पूर्वी से स्पष्टीकरण पूछा है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर प्रपत्र क गठित करने की चेतावनी दी है। बताया गया कि डीएम ने फरवरी में समीक्षा की थी। इस दौरान लंबित वादों की संख्या अधिक पाए जाने पर चिंता जताई और इसमें सुधार करने का निर्देश दिया था। इससे पूर्व मुख्य सचिव ने भी समीक्षा कर कोर्ट में लंबित मामलों का तेजी से निष्पादन करने को कहा था, लेकिन डीसीएलआर पूर्वी ने इसपर संज्ञान नहीं लिया।
उन्होंने निर्देशों का अनुपालन नहीं किया। इस दौरान डीएम ने दोबारा समीक्षा की तो पाया कि निष्पादन का कार्य जस का तस है। इसमें सुधार की जगह दिन प्रतिदिन गिरावट देखी गई। समीक्षा में निर्देशित करने के बाद भी फरवरी में दाखिल-खारिज के 30 और भूमि विवाद के मात्र दो मामलों का निष्पादन किया गया।
जाहिर है कि मुख्य सचिव और डीएम के निर्देश के बाद भी डीसीएलआर पूर्वी ने कार्यों का निष्पादन करने में रुचि नहीं ली। इसे लापरवाही और वरीय अधिकारियों के आदेश की अवहेलना का मामला बताते हुए डीएम ने उक्त कार्रवाई की है।
विवाद गहराता और न्याय मिलने में होती देरी:विदित हो कि सभी राजस्व न्यायालयों को ऑनलाइन कर दिया गया है। सप्ताह में चार दिन कोर्ट का कामकाज करने का विभागीय निर्देश है, लेकिन जो स्थिति सामने आई है, उससे स्पष्ट है कि जिम्मेदार इसमें लापरवाही बरत रहे हैं। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, वाद लंबित रहने के कारण विवाद गहराता है और पीड़ितों को न्याय मिलने में देरी हो रही है।
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सरकार ने की सख्ती तो 30 हजार लोगों ने खुद ही कर दिया विदेश में संपत्ति का खुलासा
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अगर विदेश में संपत्ति है तो भलाई इसी में है कि इसकी जानकारी सरकार को दे दें और उसके हिसाब से अपना इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) भरें। क्योंकि दुनिया के 125 देश भारत के साथ भारतीयों की वित्तीय संपत्ति व बैंक खाते की जानकारी साझा करने के लिए राजी हो गए हैं। पिछले साल सितंबर में 108 देशों ने वित्त मंत्रालय के साथ इस प्रकार की जानकारी साझा की।
इस आधार पर इनकम टैक्स विभाग ने उन टैक्सपेयर्स के लिए सख्ती से पहले जागरूकता अभियान चलाया ताकि वे अपनी मर्जी से अपनी विदेशी संपत्ति का खुलासा करते हुए रिवाइज्ड इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर दे। विदेश में संपत्ति रखने वाले 19,501 टैक्सपेयर्स को ई-मेल और एसएमई के माध्यम से उन्हें संपत्ति के खुलासे को लेकर संदेश भेजा गया।
टैक्सपेयर्स की विदेश में अच्छी खासी संपत्तिइन टैक्सपेयर्स की विदेश में अच्छी-खासी संपत्ति है या वहां के बैंकों में जमा रकम से उन्हें अच्छी आय हो रही है। इस प्रकार के अभियान का नतीजा यह हुआ 30,161 टैक्सपेयर्स ने यह स्वीकार लिया कि विदेश में उनकी संपत्ति है। सभी 30,161 टैक्सपेयर्स ने 29,208 करोड़ मूल्य की संपत्ति का खुलासा किया है।
1089 करोड़ की अतिरिक्त विदेशी आयइसके अलावा 1089 करोड़ की अतिरिक्त विदेशी आय की भी बात स्वीकारी है। 6,734 टैक्सपेयर्स ने तो अपना आवासीय पता बदलते हुए खुद का अनिवासी करार दे दिया है। वित्त मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक इन 30 हजार टैक्सपेयर्स में से 24,678 अपने आईटीआर की समीक्षा कर रहे हैं तो 5483 टैक्सपेयर्स मूल्यांकन वर्ष 2024-25 के लिए देरी के साथ अपना रिटर्न भर रहे हैं।
विदेशी संपत्ति बताने वालों की लगातार बढ़ रही संख्या- इनकम टैक्स विभाग के प्रयास से स्वैच्छिक रूप से अपनी विदेशी संपत्ति का खुलासा करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मूल्यांकन वर्ष 2021-22 में 60,000 टैक्सपेयर्स ने स्वैच्छिक आधार पर अपनी विदेशी संपत्ति का खुलासा किया था। मूल्यांकन वर्ष 2024-25 में 2,31,452 टैक्सपेयर्स ने विदेश में संपत्ति का स्वैच्छिक खुलासा किया है।
- विभागीय सूत्रों के मुताबिक किसी की अघोषित संपत्ति या आय का पता लगने पर विभाग पहले उन्हें खुद संपत्ति की घोषणा करने और उसके हिसाब से इनकम टैक्स चुकाने का मौका देता है। सरकार पहले टैक्सपेयर्स पर भरोसा और फिर उनकी पड़ताल की नीति अपना रही है।
टैक्स विशेषज्ञों के मुताबिक इनकम टैक्स विभाग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से आपकी हर आर्थिक गतिविधियों पर नजर रख रहा है। इस क्रम में अपनी आय व संपत्ति को छिपाने वालों को विभाग पहले अपनी गलती सुधारने का मौका देता है और उन्हें एसएमएस या ई-मेल से अलर्ट किया जाता है। जिन्हें विभाग का यह संदेश समझ में आ जाता है, वे समय रहते टैक्स के मामले को निपटा लेते हैं।
वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में हुआ सहस्त्रनाम स्त्रोत पारायण; स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी बोले, 'हमारा देश सनातन भूमि'
जेएनएन, हैदराबाद। हैदराबाद के श्रीनिवास नगर स्थित श्रीगिरी प्रसन्ना वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर के प्रांगण में देश की प्रगति, विश्व शांति और गरीब कल्याण के ध्येय से देश के वरिष्ठ संत स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी की अध्यक्षता में श्री ललिता सहस्त्रनाम स्त्रोत पारायण हजारों सुहासिनी महिलाओं के द्वारा किया गया।
स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने उपस्थित सभी सुहासिनी महिलाओं का पूजन किया और सभी के बीच साड़ी का वितरण किया। स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने उपस्थित लोगों से कहा की हमारा देश सनातन भूमि है, यहाँ हमेशा धर्म की रक्षा होगी। दक्षिण और काशी का पुराना रिश्ता है हमे इसको हर क्षण जीवंत रखना है।
स्वामी अभिषेक बोले- भारत ऋषियों की भूमिस्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने कहा की भारत ऋषियों की भूमि है, यहाँ हमेशा समृद्धि रहेगी। स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने कहा की माता ललिता से भारत के प्रत्येक नागरिक के संरक्षण और प्रगति हेतु प्रार्थना करता हूँ।
स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने कहा की भारत विश्व शक्ति के रूप में उभरे यही प्रत्येक नागरिक की आकांक्षा है। स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने कहा की सनातन का ध्वज हिमालय से ऊँचा रहे और भारत माता के वैभव का डंका दुनिया भर में बजता रहे, इसके लिए सभी लोगों को खूब मेहनत करना होगा।
स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने कहा की आज भारत की प्रतिष्ठा पूरी दुनिया में बढ़ी है। इस अवसर पर युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह, डॉ. अनंत लक्ष्मी, सुधाकर शर्मा, कराटे कल्याणी, श्रीदेवी सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
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Apple Discontinues M2 and M3 MacBook Air Models as M4 Takes Over - The Hans India
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किन वजहों से टल रहा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव? देरी के लिए क्या दिए जा रहे तर्क, यहां पढ़िए डिटेल
नीलू रंजन, जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जनवरी में होने वाले भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव में देरी और 21 से 23 मार्च तक बेंगलुरू में होने जा रहे आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक को देखते हुए नए अध्यक्ष का चुनाव अप्रैल तक टलने की आशंका है।
प्रतिनिधि सभा की बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महासचिव बीएल संतोष भी मौजूद रहेंगे। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए आधे से अधिक राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव होना जरूरी है। लेकिन अभी तक 12 राज्यों में ही प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव हो पाया है।
प्रदेश अध्यक्ष चुनावों के लिए नहीं तय की गई समय सीमाप्रदेश अध्यक्षों के चुनाव पूरा करने के लिए कोई समय-सीमा भी तय नहीं की गई है। यदि जल्दी भी प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव कराये जाते हैं, तो उनकी तारीख तय करने और केंद्रीय पर्यवेक्षक भेजकर चुनाव संपन्न कराने में कम से कम 10-12 दिन का समय लग सकता है।
प्रदेश अध्यक्षों के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का होगा चुनावपार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि आधे से अधिक राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसे पूरा होने में लगभग 12-15 दिन लग जाएंगे। ऐसे में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव अप्रैल में ही संभव हो सकेगा।
आरएसएस की बैठक भी देरी की वजहराष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक की वजह से देरी की आशंका जताई जा रही है। इस बैठक में भाजपा और आरएसएस के शीर्ष नेताओं के साथ-साथ 1500 से अधिक प्रतिनिधि मौजूद होंगे।
बेंगलुरु में होगी आरएसएस की बैठकइस बैठक की तैयारियों के सिलसिले में आरएसएस के वरिष्ठ अधिकारी 17 मार्च से ही बेंगलुरू में होंगे और 24 मार्च के बाद ही वापस लौट सकेंगे। वैसे तो राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर भाजपा और आरएसएस के शीर्ष नेतृत्व के बीच कई दौर का संपर्क हो चुका है। लेकिन नए अध्यक्ष के चुनाव के पहले सलाह-मश्विरा की जरूरत पड़ेगी, जो 24 मार्च के बाद ही संभव हो सकेगा।
हिंदू नववर्ष का चुनाव से क्या कनेक्शन?वैसे नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में देरी के लिए एक तर्क हिंदू नववर्ष का दिया जा रहा है। हिंदू नववर्ष की शुरूआत चैत्र शुक्लपक्ष प्रतिपदा से होती है, जो इस साल 30 मार्च को है। महाकुंभ में 64 करोड़ लोगों से स्नान को हिंदू अस्मिता के जागरण से जोड़कर भाजपा अपने नए अध्यक्ष के चुनाव को जनवरी के बजाय हिंदू नव वर्ष के पहले महीने के साथ जोड़ना चाहती है।
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'भारत के अल्पसंख्यक सबसे भाग्यशाली', किरेन रिजिजू बोले- कुछ लोग असुरक्षित बताकर गलतबयानी कर रहे
पीटीआई, तिरुअनंतपुरम। केंद्रीय संसदीय मामलों और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि भारत के अल्पसंख्यक सबसे भाग्यशाली लोग हैं। चूंकि भारत में ऐसे लोगों के लिए विशिष्ट और कल्याणकारी योजनाएं चलाई जाती हैं। ऐसी योजनाएं विश्व में कहीं और नहीं चलती हैं।
किरेन रिजिजू ने गुरुवार को प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके) के लिए दक्षिणी क्षेत्र के राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला और क्षेत्रीय समीक्षा बैठक को संबोधित कर आरोप लगाया कि कुछ लोग भारत में अल्पसंख्यकों को असुरक्षित बताकर गलतबयानी कर रहे हैं।
भेदभाव के आरोपों पर की टिप्पणीकेंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ लोग यह कहानी गढ़ रहे हैं कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों से भेदभाव हो रहा है, जोकि सरासर झूठ है। इसके विपरीत भारत में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग बहुत ही भाग्यशाली हैं। यहां अल्पसंख्यकों के लिए विशेष योजनाएं चलाई जाती हैं, जो विश्व में कहीं और नहीं होतीं।
उन्होंने केरल का उदाहरण देते हुए कहा कि इस राज्य की 44 प्रतिशत आबादी ईसाइयों और मुसलमानों की है, इसलिए यह देश का सबसे अधिक अल्पसंख्यकों वाला क्षेत्र है। इसलिए स्वाभाविक रूप से राज्य में और योजनाएं स्वाभाविक रूप से आएंगी।
जॉर्ज कुरियन की तारीफ की- रिजिजू ने कहा कि अगर किसी भी परियोजना या कार्यक्रम में केरल सरकार को लगता है कि केंद्र को भी इसे देखना चाहिए तो हम निश्चित रूप से समय-समय पर उस योजना के लिए समर्थन देंगे।
- उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन केरल के वरिष्ठ नेता हैं और प्रदेश के लिए बहुत ही लाभकारी हैं। उन्होंने बताया कि पीएमजेवीके योजना के तहत कर्ज अदायगी का प्रतिशत केरल में सबसे अधिक है। इसलिए हम इसकी सफलता से बेहद प्रसन्न हैं।
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India witnesses urge in fake medicines
What does Department of Education do?
India's Got Latent: महिला आयोग के सामने पेश हुए रणवीर इलाहाबादिया और अपूर्वा मुखीजा, जानिए कैसे शुरू हुआ विवाद
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। स्टैंड अप कॉमेडियन समय रैना के शो इंडियाज गॉट लेटेंट को लेकर शुरु हुए विवाद के बाद से ही इसमें पैनल के तौर पर शामिल यूट्यूबर्स को जांच का सामना करना पड़ रहा है। पहले मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने इन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था।
अब राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया और अपूर्वा मुखीजा से पूछताछ की है। बता दें कि रणवीर इलाहाबादिया ने शो के दौरान कंटेस्टेंट से आपत्तिजनक सवाल किया था, जिसका क्लिप वायरल होने के बाद काफी बवाल मचा था।
पिछले महीने जारी किया गया था समनमहिला आयोग ने पिछले महीने रणवीर इलाहाबादिया, अपूर्वा मुखीजा, जसप्रीत सिंह, आशीष चंचलानी, तुषार पुजारी, सौरभ बोथरा और बलराज घई को समन जारी किया था। हालांकि इन सभी ने अलग-अलग वजह का हवाला देकर पेश होने के लिए समय मांगा था।
रणवीर ने महिला आयोग से तीन हफ्ते का एक्सटेंशन देने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि मारने की धमकी मिलने के कारण वह शामिल नहीं हो पाएंगे। इसे स्वीकार करते हुए आयोग ने 6 मार्च की तारीख मुकर्रर की थी।
अपूर्वा ने भी की थी अपील- अपूर्वा मुखीजा ने सुरक्षा का हवाला देते हुए वर्चुअली पेश होने की अपील की थी, जिसे महिला आयोग ने अस्वीकार कर दिया था। बता दें कि इंडयाज गॉट लेटेंट में हुए विवाद के बाद मुंबई और असम पुलिस की टीम रणवीर इलाहाबादिया के आवास पर पूछताछ के लिए पहुंची थी।
- हालांकि तब उनका घर लॉक था। बाद में रणवीर और आशीष चंचलानी पुलिस के सामने पेश हुए थे। वहीं समय रैना विवाद शुरु होने के बाद से ही विदेश में हैं। उन्होंने भी पुलिस से वर्चुअली पेश होने की अपील की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था।
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'तुरंत एक्शन; निंदा और मंजूर नहीं', जयशंकर की सुरक्षा में चूक पर UK ने दी सफाई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर की लंदन यात्रा के दौरान सुरक्षा में चूक का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अब ब्रिटेन (UK) के विदेश मंत्रालय ने भी इसकी निंदा की है। ब्रिटेन ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की है।
दरअसल बुधवार को रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स के मुख्यालय चैथम हाउस में एक संवाद सेशन के बाद जब जयशंकर बाहर आ रहे थे, तब खालिस्तानी समर्थकों ने पुलिस की बैरिकेडिंग को तोड़ने का प्रयास किया और भारत विरोधी नारे लगाए।
भारत ने जताई थी आपत्तिबता दें कि भारत ने विदेश मंत्री की सुरक्षा में चूक पर कड़ी आपत्ति जाहिर की थी। भारत ने कहा था कि वह उम्मीद करता है कि मेजबान सरकार ऐसे मामलों में अपने राजनयिक दायित्वों का पूरी तरह से पालन करेगी।
भारत ने खालिस्तानियों को जिक्र करते हुए कहा था कि वह लोकतांत्रिक स्वतंत्रता के दुरुपयोग की निंदा करता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, 'हमने विदेश मंत्री की ब्रिटेन यात्रा के दौरान सुरक्षा में सेंध की फुटेज देखी है। हम अलगाववादियों और चरमपंथियों के इस छोटे समूह की भड़काऊ गतिविधियों की निंदा करते हैं।'
यूके ने की कड़ी निंदा- रणधीर जायसवाल ने कहा कि हम ऐसे तत्वों द्वारा लोकतांत्रिक स्वतंत्रता के दुरुपयोग की निंदा करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि ऐसे मामलों में मेजबान सरकार अपने कूटनीतिक दायित्वों का पूरी तरह से पालन करेगी।'
- यूके विदेश मंत्रालय ने कहा कि मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने घटना पेर तुरंत एक्शन लिया और वह घटना की कड़ी निंदा करता है। सोशल मीडिया पर नारेबाजी करते हुए खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों का वीडियो काफी वायरल है।
खालिस्तानी तत्वों द्वारा सुरक्षा भंग करने की यह पहली घटना नहीं थी। इसके पहले मार्च 2023 में खालिस्तानी तत्वों ने लंदन में भारतीय उच्चायोग पर राष्ट्रीय ध्वज उतार दिया था, जिस पर भारत की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया जताई गई थी।
घटना के बाद, भारत ने दिल्ली में सबसे वरिष्ठ ब्रिटिश राजनयिक को तलब किया था। भारत ब्रिटेन से ब्रिटिश धरती से सक्रिय खालिस्तानी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए लंबे वक्त से कह रहा है।
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