Feed aggregator

हाई कोर्ट ने 2 महीने बाद की दी तारीख, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 'अदालतों से जमानत मामले में ऐसी अपेक्षा नहीं की जाती'

Dainik Jagran - National - March 6, 2025 - 9:28pm

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि अदालतों से यह अपेक्षा नहीं की जाती कि वे जमानतों से संबंधित मामलों में लंबी तारीखें दें। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस आगस्टीन जार्ज मसीह की पीठ ने यह टिप्पणी तब की, जब उसे बताया गया कि पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने चिकित्सा आधार पर अस्थायी जमानत की याचिका पर सुनवाई की तारीख दो महीने बाद निर्धारित की है।

बेटी की सर्जरी के लिए मांगी जमानत

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उन्होंने इस आधार पर अस्थायी जमानत के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था कि उनके मुवक्किल की दो साल की बेटी को तत्काल सर्जरी की जरूरत है। वकील ने दलील दी कि हाई कोर्ट ने 21 फरवरी को पारित अपने आदेश में मामले की सुनवाई 22 अप्रैल के लिए स्थगित कर दी थी।

हाई कोर्ट जाने की अनुमति दी

पीठ ने कहा, स्वतंत्रता के मामलों में अदालतों से यह अपेक्षा नहीं की जाती कि वे मामले को इतनी लंबी तारीख तक रोके रखें। साथ ही पीठ ने याचिकाकर्ता को शीघ्र सुनवाई के लिए हाई कोर्ट जाने की अनुमति दे दी। पीठ ने हाई कोर्ट से कहा कि वह सुनवाई की तारीख जल्दी तय कर दे और चिकित्सा आधार पर अस्थायी जमानत देने के संबंध में मामले की सुनवाई करे।

हाई कोर्ट ने खारिज किया था जल्दी सुनवाई का आवेदन

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उन्होंने हाई कोर्ट में जल्दी सुनवाई के लिए आवेदन दायर किया था, लेकिन इसे खारिज कर दिया गया। जस्टिस गवई ने पूछा कि अब इस टिप्पणी के साथ क्या आपको लगता है कि हाई कोर्ट इसे खारिज कर देगा? पीठ ने कहा कि यदि वह याचिका पर नोटिस जारी करेगी तो प्रतिवादी जवाब देने के लिए समय मांगेगा और मामले में देरी हो सकती है।

यह भी पढ़ें: बैतूल की कोयला खदान में छत ढहने से 3 की मौत, 3.5 किमी अंदर हुआ हादसा; 20-25 लोग काम में जुटे थे

यह भी पढ़ें: किन वजहों से टल रहा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव? देरी के लिए क्या दिए जा रहे तर्क, यहां पढ़िए डिटेल

Categories: Hindi News, National News

'मेरी सहनशक्ति खत्म, अब करूंगा निलंबन की कार्रवाई', गडकरी ने किन्हें बताया सड़क हादसों के लिए जिम्मेदार?

Dainik Jagran - National - March 6, 2025 - 9:28pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अपनी बेबाक टिप्पणी के लिए चर्चित केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक बार फिर सरकारी सिस्टम को कठघरे में खड़ा किया। तमाम प्रयासों के बावजूद देश में बढ़ रहे सड़क हादसों के लिए बतौर मंत्री स्वयं को जिम्मेदार मानते हुए उन्होंने दो टूक कहा कि इतने हादसों और मौतों के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार सिविल इंजीनियर और सरकारी सिस्टम है।

उन्होंने कहा कि डीपीआर बहुत खराब बनती है। एक्सेस कंट्रोल रोड के कम्पाउंड वाल का कोई डिजाइन हमारे पास नहीं है। कम्पाउंड वाल ऐसी बनती है कि लात मारते ही गिर जाए। विभाग के अधिकारियों के प्रति अविश्वास जताते हुए गडकरी ने इंटरनेशनल रोड फेडरेशन से कहा कि रोड सेफ्टी, साइनेज और रोड मार्केटिंग का अंतरराष्ट्रीय स्तर का मॉडल तैयार कर दें, सरकार उसे अनिवार्य रूप से लागू कराएगी।

गडकरी ने बताया सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें भारत में

इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (इंडियन चैप्टर) द्वारा गुरुवार को आयोजित ग्लोबल रोड इन्फ्राटेक समिट में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सबसे पहले भारत में हर साल होने वाले सड़क हादसों और उनमें होने वाली मौतों का आंकड़ा साझा किया। इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया कि सड़क हादसों की वजह से सर्वाधिक मृत्यु भारत में होती हैं।

जनता को जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं: गडकरी

उन्होंने कहा कि इसके लिए जनता को जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं है। उनकी जिम्मेदारी सच बोलने की है। मंत्रालय के अपने अनुभव का तर्क देते हुए बोले कि इन हादसों के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार सिविल इंजीनियर और खराब डीपीआर बनाने वाले हैं। सिविल इंजीनियरिंग की छोटी-छोटी गलतियों की वजह से सैकड़ों मौतें होती हैं। मन में आता है कि इन जिम्मेदारों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करवाकर हिरासत में लिया जाना चाहिए।

नौकरशाही पर लगाया लेटलतीफी का आरोप
  • सरकारी तंत्र की संवेदनशीलता पर प्रश्न खड़े करते हुए सड़क परिवहन मंत्री ने कहा कि नौकरशाही ऐसी है कि ब्लैक स्पॉट आदि जैसे मामलों पर तुंरत काम करना चाहिए, लेकिन वह सालों-साल इंतजार करते रहते हैं और दुर्घटनाएं होती रहती हैं।
  • सड़क बनाने वाली ठेकेदार कंपनियों पर भी आरोप लगाए कि वह सिर्फ पैसा बचाने के लिए काम करती हैं, लोगों के मरने से उन्हें फर्क नहीं पड़ता।
  • इन ठेकेदारों और अधिकारियों के बीच सौहा‌र्द्र का तंज कसते हुए बोले कि नीचे क्या चल रहा है, हमें पता ही नहीं चलता।
सरकारी विभाग की कार्यप्रणाली पर गडकरी ने जताई नाराजगी

मंत्री ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का नाम लिए बिना संकेत दिया कि विभाग की कार्यप्रणाली से वह बेहद नाराज हैं। कहा कि मुख्य अभियंता, परियोजना निदेशक और क्षेत्रीय अधिकारी बैठे रहते हैं और लोग सड़क हादसों में मरते रहते हैं। जब भी पूछा जाए तो कह देते हैं कि केंद्रीय कार्यालय को फाइल भेज दी है।

जिम्मेदारों पर होगी सख्त कार्रवाई: गडकरी

मंत्री ने आरोप लगाया कि हमारे यहां सीजीएम नाम के एक ऐसे व्यक्ति बैठे हैं, जो सिर्फ चेयरमैन के कहने पर ही फाइल आगे बढ़ाते हैं। कहा कि अब मेरी सहनशक्ति खत्म हो चुकी है, इसलिए जिम्मेदारों के विरुद्ध निलंबन और बर्खास्तगी जैसी कार्रवाई करनी पड़ेगी।

Categories: Hindi News, National News

Pages

Subscribe to Bihar Chamber of Commerce & Industries aggregator

  Udhyog Mitra, Bihar   Trade Mark Registration   Bihar : Facts & Views   Trade Fair  


  Invest Bihar