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मंत्रिमंडल विस्तार के बाद चुनाव को लेकर NDA की बड़ी तैयारी, कार्यकर्ताओं के लिए जल्द जारी होगा नया नोटिफिकेशन

Dainik Jagran - March 2, 2025 - 8:16pm

रमण शुक्ला, पटना। नीतीश सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के बीच आयोग, बोर्ड एवं निगम में अध्यक्ष एवं सदस्य पद का दायित्व बांटने की तैयारी है।

लंबे समय से प्रतीक्षारत कार्यकर्ताओं को उम्मीद है कि विधानसभा चुनाव तैयारियों को देखते हुए पार्टी नेतृत्व शीघ्र ही पहल को अंतिम रूप देगा।

राजग में विशेषकर भाजपा नेतृत्व की ओर शीघ्र ही सूची सरकार को सौंपने पहल की जा रही है, इसके सूची बनाने का काम प्रक्रियाधीन है।

गत वर्ष जिला स्तरीय 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति का गठन के उपरांत से ही राजग कार्यकर्ताओं को बेसब्री से पार्टी के शीर्ष नेताओं पर नजर टिकी हुई है।

एनडीए सरकार बनते ही कई आयोग हुए थे भंग

जनवरी 2024 में राजग सरकार के गठन के ठीक बाद ही आयोग एवं बोर्ड को भंग कर दिया गया था। बिहार महिला आयोग, अनुसूचित जाति आयोग, अनुसूचित जन जाति, अति पिछड़ा वर्ग आयोग, संस्कृत शिक्षा बोर्ड, अल्पसंख्यक आयोग, महादलित आयोग, मदरसा बोर्ड, नागरिक पर्षद, सवर्ण आयोग समेत कई अन्य आयोग में पद रिक्त है।

खाद्य आयोग, पिछड़ा आयोग में भी सदस्य का पद खाली है। सरकार इन पदों पर हमेशा राजनीतिक दल के नेताओं को ही नियुक्त करते आई है।

कभी भी जारी हो सकती है अधिसूचना
  • भाजपा ने अपने हिस्से में आने वाले बोर्ड-निगम में अध्यक्ष और सदस्यों के नाम तय लगभग तय कर ली है। केंद्रीय नेतृत्व से सहमति मिलने के बाद नाम को उचित फोरम पर भेज दिया गया है।
  • अब सिर्फ औपचारिकता रह गई है। कभी भी अधिसूचना जारी हो सकती है। इस तरह से विभिन्न विभागों में रिक्त आयोग-निगम में बड़ी संख्या में भाजपा, जदयू, लोजपा एवं हम के कार्यकर्ता-नेता को समायोजित करने की तैयारी है।
  • वर्तमान सूचना के अनुसार भाजपा कोटे में 10 आयोग का अध्यक्ष मिलने की संभवना है, शेष जदयू एवं अन्य दलों के खाते में है। वहीं, विभिन्न आयोगों में सदस्यों की हिस्सेदारी आधी-आधी होगी।
भाजपा के कारण है विलंब

बिहार में राजग सरकार जनवरी-2024 में बनी थी। सरकार बनते ही पार्टी के कुछ विधायक-विधान पार्षद सरकार में मंत्री बनाए गए थे। जनवरी 2024 से मार्च 2025 आ गया, लेकिन रिक्त पड़े बोर्ड-निगम को भरा नहीं जा सका।

इसके पीछे की वजह यह बताई जा रही है कि भाजपा की ओर से नाम की सूची सरकार को नहीं भेजी जा रही। वैसे गत वर्ष सितंबर में पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं में तब आस जगी थी, जब बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन हुआ था।

इस आयोग में सत्ताधारी दल भाजपा-जदयू के छह नेताओं को जगह दी गई थी। इसके उपरांत कहा गया था कि एक-दो दिनों में रिक्त शेष सभी बोर्ड-निगम आयोगों को भर लिया जाएगा, लेकिन अब तक प्रतीक्षा की वह घड़ी समाप्त नहीं हुई।

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Dainik Jagran - March 2, 2025 - 7:29pm

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में बजट सत्र चल रहा है। बिहार विधानसभा में कल बजट पेश किया जाएगा। बजट पर तेजस्वी यादव के बयान पर जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने पलटवार किया है।

उन्होंने रविवार को कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को बजट पर नसीहत देने के बजाए अपने माता-पिता के 15 वर्षों के कार्यकाल का हिसाब जनता को देना चाहिए।

राजद ने सत्ता में रहते हुए केवल सरकारी खजाने पर डाका डालने का काम किया। बिहार को आर्थिक रूप से पीछे धकेलने और कमजोर करने में राजद की सबसे बड़ी भूमिका रही है।

जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार में बेटियों के जन्म से लेकर स्नातक तक की पढ़ाई के लिए 94 हजार रुपए से अधिक की प्रोत्साहन राशि मिलती है।

नीतीश सरकार में उद्योग स्थापित करने के लिए महिलाओं को 10 लाख रुपए का ऋण मिलता है। इसमें पांच लाख रुपए सब्सिडी के रूप में है। शेष पांच लाख रुपए की राशि पर किसी तरह का ब्याज नहीं है। वहीं, तेजस्वी यादव 2500 रुपए का झूठा झांसा देकर महिलाओं को बरगलाने में लगे हैं।

जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि 2005 तक बिहार में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या मात्र 17 लाख थी जो आज बढ़कर 2.7 करोड़ से अधिक हो गयी है। प्रति व्यक्ति बिजली की खपत 70 यूनिट से बढ़कर 360 यूनिट हो चुकी है।

उन्होंने कहा कि अपने 15 वर्षों के शासनकाल में राजद ने कभी गरीबों के घर तक बिजली पहुंचाने का कोई ठोस प्रयास नहीं किया।

तेजस्वी की मांग, उनके वादों को बजट में सम्मिलित करे सरकार

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की मांग है कि राज्य सरकार उनके उन वादों को भी बजट में सम्मिलित करे, जो वे महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त जनता के हित में किए हैं।

रविवार को राजद के प्रदेश कार्यालय में प्रेस-वार्ता कर उन्होंने कहा कि सरकार को इसमें कोई झिझक भी नहीं होनी चाहिए, जैसे कि नौकरी देने की उनकी पहल पर वह आगे बढ़ रही है। जाति आधारित गणना का लाभ तभी है, जब उस आधार पर विकास की योजना बने।

नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह आखिरी बजट होगा। इसी के साथ उन्होंने राज्यपाल के अभिभाषण को भी अर्थहीन बताया। तेजस्वी ने कहा कि पिछले पांच राज्यपालों का अभिभाषण एक जैसे रटा-रटाया लग रहा है।

तेजस्वी ने बताया कि कार्यकर्ता दर्शन सह संवाद कार्यक्रम के अंतर्गत उन्होंने छह हजार किलोमीटर से अधिक की यात्रा की। पंचायत स्तर के आठ हजार से अधिक कार्यकर्ताओं से संवाद हुआ। पता चला कि बिहार की जनता गरीबी, पलायन, बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार और अपराध से त्रस्त है।

पढ़ाई, कमाई, दवाई लोगों की मूलभूत आवश्यकता है। सरकार से वे उसी के लिए आग्रह कर रहे हैं। 10 लाख नौकरी देने का वादा हमने किया तो बाद में उसे दोहराते हुए मुख्यमंत्री 20 लाख का वादा करने लगे।

तेजस्वी ने कहा कि आरक्षण की बढ़ाई गई सीमा पर अगर न्यायालय को आपत्ति है तो राज्य सरकार 65 के बजाय 75 प्रतिशत आरक्षण नया प्रस्ताव लाए, राजद पूर्ण समर्थन करेगा।

प्रेस-वार्ता में उदय नारायण चौधरी, रणविजय साहू, चितरंजन गगन, एजाज अहमद, प्रमोद सिन्हा, रितु जायसवाल आदि की उपस्थिति रही।

प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए तेजस्वी ने कहा कि नरेन्द्र मोदी चाहें तो 365 दिन मखाना खाएं, चाहें तो लालू प्रसाद सत्तू भी खाना-पीना सीखा देंगे। इसी के साथ उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में राजद की ओर से समाज और वर्ग के स्तर पर अलग-अलग संवाद-चौपाल के कार्यक्रम आयोजित होंगे।

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Dainik Jagran - March 2, 2025 - 7:13pm

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार कांग्रेस की ओर से रविवार को पार्टी मुख्यालय सदाकत आश्रम में ओबीसी कांग्रेस की ओर से संविधान बचाओ-बिहार बचाओ सम्मेलन आयोजित किया गया।

इसमें प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह, पूर्व अध्यक्ष मदन मोहन झा समेत सभी वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे। सम्मेलन में बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावारू ने तीन बातों पर जोर दिया।

पिछड़ों एवं अति पिछड़ों की भागीदारी बढ़ाना, बढ़ेगी, टिकट बंटवारे में जनाधार वाले व्यक्तियों को तरजीह और फील्ड में काम करना।

70 पर चुनाव लड़ेंगे और 19 सीटें जीतेंगे- अल्लावारू

अल्लावारू ने अपने संबोधन के क्रम में विधानसभा चुनाव के पूर्व टिकटों की खींचतान की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा जिन उम्मीदवारों की क्षेत्र में पकड़ है, जनाधार है टिकट उन्हें ही मिले ताकि वे पार्टी के लिए जीतकर आ सकें। वरना 2020 चुनाव वाला हाल होगा। 70 पर चुनाव लड़ेंगे और 19 सीटें जीतेंगे।

उन्होंने संगठन की मजबूती पर भी जोर दिया और कहा कि जब तक संगठन मजबूत नहीं होगा, आप चुनाव नहीं जीत सकते हैं।

अल्लावारू ने सदाकत आश्रम में होने वाले आयोजनों पर भी एतराज जताया और कहा कि जिला और प्रखंड में ऐसे कार्यक्रम आयोजित होने चाहिए। उनकी दो टूक थी, अगली बार सदाकत आश्रम में कोई कार्यक्रम करेंगे और मुझे बुलाएंगे तो मै नहीं आऊंगा।

अखिलेश ने किया समर्थन
  • बिहार कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अखिलेश ने भी उनकी बात का समर्थन किया और कहा कि इस तरह के आयोजन खुले मैदान में होने चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोगों को पार्टी की विचारधारा से अवगत कराया जा सके।
  • उन्होंने कहा पार्टी सदैव पिछड़ों, दलितों के पक्ष में काम करती रही है। 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपनी 70 में से 33 सीट इन वर्गो को दी थीं।
  • ओबीसी विभाग के अध्यक्ष कैप्टन अजय निषाद ने पिछड़ी जातियों से आने वाले सभी नायकों को सम्मान देने की बात कही। कार्यक्रम को प्रभारी सचिव शाहनवाज आलम एवं सुशील पासी ने भी संबोधित किया।
  • इस दौरान प्रतिमा दास, राजेश कुमार, प्रेमचंद मिश्रा, बंटी चौधरी, कैलाश पाल, सरवत जहां फातिमा, मंजीत आनंद, गुंजन पटेल, शशि रंजन समेत पार्टी के अनेक नेता-कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
अब गांव-पंचायत में बैठक कर संगठन विस्तार पर बढ़ी जसुपा

जन सुराज पार्टी (जसुपा) ने रविवार से अपने विस्तार कार्यक्रम की शुरुआत कर दी। इसका उद्देश्य सामाजिक-राजनीतिक परिवर्तन को गति देने के साथ संगठन विस्तार है।

पहले दिन पूरे बिहार में अलग-अलग गांवों में 1500 से अधिक संवाद कार्यक्रम आयोजित हुए। इस अभियान के अंतर्गत अगले सौ दिनों में गांव-पंचायत स्तर पर प्रतिदिन 1500 जन सुराज संवाद का लक्ष्य है।

प्रत्येक बैठक से कम-से-कम 50 सदस्य बनाए जाएंगे। हर प्रखंड में प्रतिदिन कम से कम तीन संवाद कार्यक्रम होंगे। इसके लिए पार्टी के नेताओं-पदाधिकारियों को दायित्व दिया गया है।

इन बैठकों में समाज के सभी वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए महिलाओं, युवाओं, अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जातियों समेत अन्य वर्गों को विशेष तौर पर चिह्नित कर बैठकें आयोजित की जाएंगी।

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