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बालू की ढुलाई को लेकर पटना DM ने बनाया गजब का प्लान, सड़कों पर अब नहीं लगेगा जाम! इस विभाग तक पहुंचा नया प्रस्ताव

Dainik Jagran - March 2, 2025 - 8:57pm

जागरण संवाददाता, पटना। बालू लदे वाहनों की वजह से उत्पन्न हो रही आवागमन की गंभीर समस्या को देखते हुए अब जलमार्ग का विकल्प तलाशा जा रहा है। 

इससे एक तो सड़क से वाहनों का बोझ घटेगा तो दूसरी ओर जल परिवहन से लागत में भी कमी आएगी। जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने यह जानकारी दी है।

उन्होंने बताया कि इसका प्रस्ताव जिला से खनन विभाग को भेजा गया था। वहां से उसे दूसरे विभाग को दिया गया है। दरअसल बालू के जितने भी घाट हैं, वे नदी किनारे हैं।

ऐसे में गंगा के अलावा घाघरा, गंडक जैसी नदियों से इनका परिवहन सुगम होगा। इसको देखते हुए जल परिवहन की अनुमति का प्रस्ताव दिया गया है। स्वीकृति मिलने पर आने वाले समय में यह संभव हो सकेगा।

बता दें कि बालू लदे वाहनों के चलते आम लोगों सड़कों पर भीषण जाम का सामना करना पड़ता है। गाड़ियों की लंबी कतार के कारण कई तरह की परेशानियां होती हैं।  

बालू लदा ट्रैक्टर जब्त
  • इमामगंज (गया) में कोठी थाना की पुलिस ने बालू लदा एक ट्रैक्टर ट्राली को जब्त किया है। इस संबंध में प्रभारी थानाध्यक्ष गुप्तेश्वर सिंह ने बताया कि गुप्त सूचना मिली कि थाना क्षेत्र के गंगटी मोरहर नदी में ट्रैक्टर पर बालू लोड किया जा रहा है।
  • इसी सूचना के आधार पर पुलिस अधिकारी व जवान बालू लदा ट्रैक्टर को जब्त कर लिया है। उन्होंने बताया कि इस दौरान चालक व मजदूर पुलिस को देख कर फरार हो गये। ट्रैक्टर का इंजन और चेचिस नंबर के आधार से आगे की कारवाई की जा रही है।
सड़क पर बालू गिराने के कारण दो बाइक में टक्कर

उधर, जहानाबाद में परसबिगहा थाना क्षेत्र के उच्च विद्यालय अमैन के समीप सड़क किनारे बालू के ढेर के कारण बाइक दुर्घटना में चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल एक व्यक्ति को पीएमसीएच रेफर किया गया।

गनाई बिगहा गांव से बारात में शामिल होने के लिए एक अपाची मोटरसाइकिल पर सवार लोग धनगावां जा रहे थे। इसी दौरान सड़क पर गिरे बालू के कारण बाइक असंतुलित होकर विपरीत दिशा से आ रही दूसरी बाइक से टकरा गई। दोनों बाइक पर सवार चार लोग जख्मी हो गए।

घायलों में ककड़िया मठिया गांव निवासी मिथिलेश कुमार, कुरहारी गांव निवासी सत्यम कुमार, रुपेश कुमार एवं भेलावर थाना क्षेत्र के लिलिया बीघा गांव निवासी संजीत कुमार शामिल हैं। ग्रामीणों ने घायलों को सदर अस्पताल पहुंचाया।

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Inzamam urges IPL boycott over CT dispute

Business News - March 2, 2025 - 8:57pm
Former Pakistan cricket captain Inzamam-ul-Haq has urged international cricket boards to boycott the Indian Premier League (IPL) in response to the ongoing Champions Trophy venue controversy, echoing concerns raised by Saqlain Mushtaq.Earlier, former Pakistan spinner Saqlain Mushtaq also criticised the Board of Control for Cricket in India (BCCI) over the ongoing Champions Trophy venue controversy, in which the India Team has been playing all its matches in Dubai in a hybrid mode after it refused to travel to Pakistan due to security concerns. The dispute gainted traction after former English player and cricket experts Nasser Hussain and Mike Atherton highlighted that India gained an 'undeniable' advantage by playing all their matches at a single venue in Dubai.Inzamam, speaking on a Pakistani TV channel, also criticised the Board of Control for Cricket in India (BCCI).Former Pakistan skipper said, "Keep aside the Champions Trophy. Top players participate in IPL but Indian players don't participate in other leagues. Other boards should stop sending their players to IPL. If you (BCCI) don't release your players for leagues, then other boards should take a stance," Inzamam said in an appearance on a Pakistani TV channel.BCCI’s longstanding policy bars Indian players from participating in overseas leagues unless they retire from all Indian cricket, including IPL and domestic tournaments.Meanwhile, the venue controversy has intensified as both Australia and South Africa traveled to Dubai, anticipating a Champions Trophy semi-final against India. However, depending on the outcome of India's final group match against New Zealand, one of the teams may be forced to return to Pakistan - undertaking a 2000km journey before playing in the semi-finals.
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'चारा खाने वाले क्या जानें मखाना का स्वाद', ऋतुराज सिन्हा ने तेजस्वी यादव के बयान पर दिया जवाब

Dainik Jagran - March 2, 2025 - 8:37pm

राज्य ब्यूरो, पटना। भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के प्रधानमंत्री मोदी के ऊपर दिए बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत से विचलित हो गए हैं। उन्होंने तेजस्वी के बयान को छोटे मुंह बड़ी बात बताया है।

ऋतुराज ने कहा कि तेजस्वी के परिवार को बिहार चलाने का मौका मिला था लेकिन आप मिट्टी ,चारा खाने और अलकतरा पीने में व्यस्त रहे। जैसे कोई बच्चा छुपकर चुरा-चुरा कर मिट्टी खाता है वैसे ही आपने चुरा-चुरा कर बिहार के लोगों का खजाना खाया है और पिया है।

अब जिसे मौका मिला है, वह काम कर रहा है तो अब आपके पेट में दर्द क्यों हो रहा है। यह हड़बड़ाहट और घबराहट नहीं तो और क्या है।

तेजस्वी यादव के उम्र के दिए बयान पर उन्होंने कहा कि अब आप उम्र का हवाला दे रहे हैं। जबकि लालू जी को बिहार की जनता ने सिर्फ 45 साल की उम्र में प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया था, लेकिन उन्होंने क्या साबित किया। उन्होंने भ्रष्टाचार, अत्याचार, घोटाला यही साबित किया।

युवाओं के बेहतर स्वास्थ्य और विकास पर सरकार का विशेष ध्यान : मंगल पांडेय

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि किशोरावस्था के दौरान किशोर-किशोरियों को शारीरिक परिवर्तन के साथ भावनात्मक, बौद्धि और सामाजिक व्यवहार में परिवर्तन के दौर से गुजरना होता है।

इस दौरान युवाओं को लैंगिंग भेदभाव, बाल विवाह, गर्भावस्था, प्रजनन और प्रसव के दौरान परेशानियों का सामना करना होता है। जिसे देखते हुए प्रदेश में किशोर स्वास्थ्य से जुड़े छह मुद्दों पोषण, यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य, गैर संचारी रोग, नशावृति की रोकथाम, लिंग आधारित हिंसा और मानसिक स्वास्थ्य पर परामर्श और चिकित्सा सेवा देने की व्यवस्था की गई है।

उन्होंने कहा कि राज्य में अच्छी तादाद में किशोर एवं किशोरियां हैं। स्वास्थ्य विभाग इनके बेहतर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के प्रयत्नशील है। इसी के तहत 10 जिलों में युवा क्लीनिक संचालित है। यह क्लीनिक मेडिकल कॉलेज, सदर अस्पताल, प्राथमिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में संचालित है।

इसके अलावा 11 जिलों में सदर अस्पतालों के साथ ही चयनित सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर युवा क्लीनिक स्थापित की गई है। युवा क्लीनिक के तहत 10 से 19 आयु के किशोर-किशोरियों को परामर्श एवं चिकित्सकीय सेवाएं प्रदान की जाती हैं।

वित्तीय वर्ष 2024-25 में माह दिसंबर तक कुल 1,09356 किशोर किशोरियों को परामर्श एवं चिकित्सकीय सेवाएं दी गई हैं। मंत्री पांडेय ने कहा कि राज्य में अभी 208 युवा क्लीनिक का संचालन किया जा रहा है।

कई युवा क्लीनिक को अपग्रेड भी किया जा रहा है। किशोरों को इस कार्यक्रम का ज्यादा से ज्यादा फायदा मिले, इसके लिए राज्य के 14 जिलों में स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं।

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मंत्रिमंडल विस्तार के बाद चुनाव को लेकर NDA की बड़ी तैयारी, कार्यकर्ताओं के लिए जल्द जारी होगा नया नोटिफिकेशन

Dainik Jagran - March 2, 2025 - 8:16pm

रमण शुक्ला, पटना। नीतीश सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के बीच आयोग, बोर्ड एवं निगम में अध्यक्ष एवं सदस्य पद का दायित्व बांटने की तैयारी है।

लंबे समय से प्रतीक्षारत कार्यकर्ताओं को उम्मीद है कि विधानसभा चुनाव तैयारियों को देखते हुए पार्टी नेतृत्व शीघ्र ही पहल को अंतिम रूप देगा।

राजग में विशेषकर भाजपा नेतृत्व की ओर शीघ्र ही सूची सरकार को सौंपने पहल की जा रही है, इसके सूची बनाने का काम प्रक्रियाधीन है।

गत वर्ष जिला स्तरीय 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति का गठन के उपरांत से ही राजग कार्यकर्ताओं को बेसब्री से पार्टी के शीर्ष नेताओं पर नजर टिकी हुई है।

एनडीए सरकार बनते ही कई आयोग हुए थे भंग

जनवरी 2024 में राजग सरकार के गठन के ठीक बाद ही आयोग एवं बोर्ड को भंग कर दिया गया था। बिहार महिला आयोग, अनुसूचित जाति आयोग, अनुसूचित जन जाति, अति पिछड़ा वर्ग आयोग, संस्कृत शिक्षा बोर्ड, अल्पसंख्यक आयोग, महादलित आयोग, मदरसा बोर्ड, नागरिक पर्षद, सवर्ण आयोग समेत कई अन्य आयोग में पद रिक्त है।

खाद्य आयोग, पिछड़ा आयोग में भी सदस्य का पद खाली है। सरकार इन पदों पर हमेशा राजनीतिक दल के नेताओं को ही नियुक्त करते आई है।

कभी भी जारी हो सकती है अधिसूचना
  • भाजपा ने अपने हिस्से में आने वाले बोर्ड-निगम में अध्यक्ष और सदस्यों के नाम तय लगभग तय कर ली है। केंद्रीय नेतृत्व से सहमति मिलने के बाद नाम को उचित फोरम पर भेज दिया गया है।
  • अब सिर्फ औपचारिकता रह गई है। कभी भी अधिसूचना जारी हो सकती है। इस तरह से विभिन्न विभागों में रिक्त आयोग-निगम में बड़ी संख्या में भाजपा, जदयू, लोजपा एवं हम के कार्यकर्ता-नेता को समायोजित करने की तैयारी है।
  • वर्तमान सूचना के अनुसार भाजपा कोटे में 10 आयोग का अध्यक्ष मिलने की संभवना है, शेष जदयू एवं अन्य दलों के खाते में है। वहीं, विभिन्न आयोगों में सदस्यों की हिस्सेदारी आधी-आधी होगी।
भाजपा के कारण है विलंब

बिहार में राजग सरकार जनवरी-2024 में बनी थी। सरकार बनते ही पार्टी के कुछ विधायक-विधान पार्षद सरकार में मंत्री बनाए गए थे। जनवरी 2024 से मार्च 2025 आ गया, लेकिन रिक्त पड़े बोर्ड-निगम को भरा नहीं जा सका।

इसके पीछे की वजह यह बताई जा रही है कि भाजपा की ओर से नाम की सूची सरकार को नहीं भेजी जा रही। वैसे गत वर्ष सितंबर में पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं में तब आस जगी थी, जब बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन हुआ था।

इस आयोग में सत्ताधारी दल भाजपा-जदयू के छह नेताओं को जगह दी गई थी। इसके उपरांत कहा गया था कि एक-दो दिनों में रिक्त शेष सभी बोर्ड-निगम आयोगों को भर लिया जाएगा, लेकिन अब तक प्रतीक्षा की वह घड़ी समाप्त नहीं हुई।

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Bihar Politics: बजट पर तेजस्वी की डिमांड पर JDU का पलटवार, 'पहले माता-पिता के कार्यकाल का हिसाब दें तेजस्वी'

Dainik Jagran - March 2, 2025 - 7:29pm

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में बजट सत्र चल रहा है। बिहार विधानसभा में कल बजट पेश किया जाएगा। बजट पर तेजस्वी यादव के बयान पर जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने पलटवार किया है।

उन्होंने रविवार को कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को बजट पर नसीहत देने के बजाए अपने माता-पिता के 15 वर्षों के कार्यकाल का हिसाब जनता को देना चाहिए।

राजद ने सत्ता में रहते हुए केवल सरकारी खजाने पर डाका डालने का काम किया। बिहार को आर्थिक रूप से पीछे धकेलने और कमजोर करने में राजद की सबसे बड़ी भूमिका रही है।

जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार में बेटियों के जन्म से लेकर स्नातक तक की पढ़ाई के लिए 94 हजार रुपए से अधिक की प्रोत्साहन राशि मिलती है।

नीतीश सरकार में उद्योग स्थापित करने के लिए महिलाओं को 10 लाख रुपए का ऋण मिलता है। इसमें पांच लाख रुपए सब्सिडी के रूप में है। शेष पांच लाख रुपए की राशि पर किसी तरह का ब्याज नहीं है। वहीं, तेजस्वी यादव 2500 रुपए का झूठा झांसा देकर महिलाओं को बरगलाने में लगे हैं।

जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि 2005 तक बिहार में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या मात्र 17 लाख थी जो आज बढ़कर 2.7 करोड़ से अधिक हो गयी है। प्रति व्यक्ति बिजली की खपत 70 यूनिट से बढ़कर 360 यूनिट हो चुकी है।

उन्होंने कहा कि अपने 15 वर्षों के शासनकाल में राजद ने कभी गरीबों के घर तक बिजली पहुंचाने का कोई ठोस प्रयास नहीं किया।

तेजस्वी की मांग, उनके वादों को बजट में सम्मिलित करे सरकार

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की मांग है कि राज्य सरकार उनके उन वादों को भी बजट में सम्मिलित करे, जो वे महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त जनता के हित में किए हैं।

रविवार को राजद के प्रदेश कार्यालय में प्रेस-वार्ता कर उन्होंने कहा कि सरकार को इसमें कोई झिझक भी नहीं होनी चाहिए, जैसे कि नौकरी देने की उनकी पहल पर वह आगे बढ़ रही है। जाति आधारित गणना का लाभ तभी है, जब उस आधार पर विकास की योजना बने।

नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह आखिरी बजट होगा। इसी के साथ उन्होंने राज्यपाल के अभिभाषण को भी अर्थहीन बताया। तेजस्वी ने कहा कि पिछले पांच राज्यपालों का अभिभाषण एक जैसे रटा-रटाया लग रहा है।

तेजस्वी ने बताया कि कार्यकर्ता दर्शन सह संवाद कार्यक्रम के अंतर्गत उन्होंने छह हजार किलोमीटर से अधिक की यात्रा की। पंचायत स्तर के आठ हजार से अधिक कार्यकर्ताओं से संवाद हुआ। पता चला कि बिहार की जनता गरीबी, पलायन, बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार और अपराध से त्रस्त है।

पढ़ाई, कमाई, दवाई लोगों की मूलभूत आवश्यकता है। सरकार से वे उसी के लिए आग्रह कर रहे हैं। 10 लाख नौकरी देने का वादा हमने किया तो बाद में उसे दोहराते हुए मुख्यमंत्री 20 लाख का वादा करने लगे।

तेजस्वी ने कहा कि आरक्षण की बढ़ाई गई सीमा पर अगर न्यायालय को आपत्ति है तो राज्य सरकार 65 के बजाय 75 प्रतिशत आरक्षण नया प्रस्ताव लाए, राजद पूर्ण समर्थन करेगा।

प्रेस-वार्ता में उदय नारायण चौधरी, रणविजय साहू, चितरंजन गगन, एजाज अहमद, प्रमोद सिन्हा, रितु जायसवाल आदि की उपस्थिति रही।

प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए तेजस्वी ने कहा कि नरेन्द्र मोदी चाहें तो 365 दिन मखाना खाएं, चाहें तो लालू प्रसाद सत्तू भी खाना-पीना सीखा देंगे। इसी के साथ उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में राजद की ओर से समाज और वर्ग के स्तर पर अलग-अलग संवाद-चौपाल के कार्यक्रम आयोजित होंगे।

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Bihar Politics: बिहार में कांग्रेस किसको देगी टिकट? 3 पैमानों पर बनी सहमति, अल्लावारू ने कर दिया सबकुछ साफ

Dainik Jagran - March 2, 2025 - 7:13pm

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार कांग्रेस की ओर से रविवार को पार्टी मुख्यालय सदाकत आश्रम में ओबीसी कांग्रेस की ओर से संविधान बचाओ-बिहार बचाओ सम्मेलन आयोजित किया गया।

इसमें प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह, पूर्व अध्यक्ष मदन मोहन झा समेत सभी वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे। सम्मेलन में बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावारू ने तीन बातों पर जोर दिया।

पिछड़ों एवं अति पिछड़ों की भागीदारी बढ़ाना, बढ़ेगी, टिकट बंटवारे में जनाधार वाले व्यक्तियों को तरजीह और फील्ड में काम करना।

70 पर चुनाव लड़ेंगे और 19 सीटें जीतेंगे- अल्लावारू

अल्लावारू ने अपने संबोधन के क्रम में विधानसभा चुनाव के पूर्व टिकटों की खींचतान की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा जिन उम्मीदवारों की क्षेत्र में पकड़ है, जनाधार है टिकट उन्हें ही मिले ताकि वे पार्टी के लिए जीतकर आ सकें। वरना 2020 चुनाव वाला हाल होगा। 70 पर चुनाव लड़ेंगे और 19 सीटें जीतेंगे।

उन्होंने संगठन की मजबूती पर भी जोर दिया और कहा कि जब तक संगठन मजबूत नहीं होगा, आप चुनाव नहीं जीत सकते हैं।

अल्लावारू ने सदाकत आश्रम में होने वाले आयोजनों पर भी एतराज जताया और कहा कि जिला और प्रखंड में ऐसे कार्यक्रम आयोजित होने चाहिए। उनकी दो टूक थी, अगली बार सदाकत आश्रम में कोई कार्यक्रम करेंगे और मुझे बुलाएंगे तो मै नहीं आऊंगा।

अखिलेश ने किया समर्थन
  • बिहार कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अखिलेश ने भी उनकी बात का समर्थन किया और कहा कि इस तरह के आयोजन खुले मैदान में होने चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोगों को पार्टी की विचारधारा से अवगत कराया जा सके।
  • उन्होंने कहा पार्टी सदैव पिछड़ों, दलितों के पक्ष में काम करती रही है। 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपनी 70 में से 33 सीट इन वर्गो को दी थीं।
  • ओबीसी विभाग के अध्यक्ष कैप्टन अजय निषाद ने पिछड़ी जातियों से आने वाले सभी नायकों को सम्मान देने की बात कही। कार्यक्रम को प्रभारी सचिव शाहनवाज आलम एवं सुशील पासी ने भी संबोधित किया।
  • इस दौरान प्रतिमा दास, राजेश कुमार, प्रेमचंद मिश्रा, बंटी चौधरी, कैलाश पाल, सरवत जहां फातिमा, मंजीत आनंद, गुंजन पटेल, शशि रंजन समेत पार्टी के अनेक नेता-कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
अब गांव-पंचायत में बैठक कर संगठन विस्तार पर बढ़ी जसुपा

जन सुराज पार्टी (जसुपा) ने रविवार से अपने विस्तार कार्यक्रम की शुरुआत कर दी। इसका उद्देश्य सामाजिक-राजनीतिक परिवर्तन को गति देने के साथ संगठन विस्तार है।

पहले दिन पूरे बिहार में अलग-अलग गांवों में 1500 से अधिक संवाद कार्यक्रम आयोजित हुए। इस अभियान के अंतर्गत अगले सौ दिनों में गांव-पंचायत स्तर पर प्रतिदिन 1500 जन सुराज संवाद का लक्ष्य है।

प्रत्येक बैठक से कम-से-कम 50 सदस्य बनाए जाएंगे। हर प्रखंड में प्रतिदिन कम से कम तीन संवाद कार्यक्रम होंगे। इसके लिए पार्टी के नेताओं-पदाधिकारियों को दायित्व दिया गया है।

इन बैठकों में समाज के सभी वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए महिलाओं, युवाओं, अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जातियों समेत अन्य वर्गों को विशेष तौर पर चिह्नित कर बैठकें आयोजित की जाएंगी।

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