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सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान वकील ने दी आत्महत्या की धमकी, पीठ ने कहा- 7 मार्च तक माफी मांगे नहीं तो...

Dainik Jagran - National - March 3, 2025 - 10:44pm

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक असामान्य स्थिति देखने को मिली, जब न्यायालय के समक्ष उपस्थित एक वकील ने धमकी दी कि यदि आपराधिक मामले में उसकी याचिका स्वीकार नहीं की गई तो वह आत्महत्या कर लेगा। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुयान की पीठ ने वकील से कहा कि वह सात मार्च तक लिखित माफीनामा दाखिल करें अन्यथा परिणाम भुगतने को तैयार रहें।

बिना शर्त माफी मांगे

सोमवार सुबह जब याचिका (रमेश कुमारन और अन्य बनाम पुलिस निरीक्षक और अन्य) पर सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता बार के सदस्य रमेश कुमारन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) के माध्यम से उपस्थित हुए और कहा कि अगर प्रतिवादी संख्या दो के खिलाफ एफआईआर रद कर दी जाती है तो वे आत्महत्या कर लेंगे। यह सुनकर सुनवाई कर रही पीठ पहले स्तब्ध हो गई, इसके बाद उनसे बिना शर्त माफी मांगने को कहा।

आप अदालत को धमकी कैसे दे सकते हैं?

जस्टिस ओका ने कहा कि आप अदालत को कैसे धमकी दे सकते हैं कि अगर हम आपकी प्रार्थना स्वीकार नहीं करेंगे तो आप आत्महत्या कर लेंगे? आप एक वकील हैं.. हम बार काउंसिल से आपका लाइसेंस निलंबित करने और एफआइआर दर्ज करने के लिए कहेंगे। इसके बाद वकील ने कथित तौर पर अपना वीसी लिंक बंद कर दिया। हालांकि, दोबारा वीसी के जरिए पेश हुए वकील रमेश कुमारन ने कहा मैं दिल से माफी मांगता हूं। मैं भावुक हो गया था।

सात मार्च को अगली सुनवाई

इस पर जस्टिस ओका ने कहा कि हम सात मार्च तक लिखित माफी चाहते हैं। मामले की अगली सुनवाई सात मार्च को होगी। कुमारन ने राघवेंद्रन नामक व्यक्ति के खिलाफ एक आपराधिक मामले में अदालत का रुख किया था। इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से क्रास एफआईआर दर्ज की गई थी।

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Budget: 'डीजल-पेट्रोल पर...', बजट को लेकर विपक्ष की आई प्रतिक्रिया; कांग्रेस-VIP सहित तमाम दलों ने बोला हमला

Dainik Jagran - March 3, 2025 - 10:21pm

राज्य ब्यूरो, पटना। विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने सोमवार को विधानसभा में पेश बजट को निराशाजनक बताया और कहा कि इस बजट में न रोजगार की चर्चा है न ही किसानों की चिंता। इस चुनावी वर्ष में बजट से बिहार के लोगों को काफी उम्मीद थी, लेकिन सरकार ने निराश किया।

उन्होंने कहा कि बजट में किसानों की आय वृद्धि को लेकर भी कोई उपाय नहीं दिख रहा है। इस बजट से लोगों को भरमाने की कोशिश की गई है।

बजट के पहले ही विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने महिलाओं को 2500 रुपये प्रतिमाह देने को लेकर मांग की थी, लेकिन सरकार ने बजट में इसका कोई प्रविधान नहीं किया।

यह बजट सिर्फ झूठ का पुलिंदा- मुकेश

उन्होंने कहा कि सही अर्थों में पुरानी घोषणाओं को ही नया करने की कोशिश की गई है। सरकार पहले भी प्रखंडों में स्टेडियम बनाने की बात करती रही है, पर बताती नहीं कितने प्रखंडों में स्टेडियम बने हैं, जो खेलने लायक हैं।

बजट से न ही महिलाओं को कोई फायदा होने वाला है, न युवाओं को फायदा होगा, न किसानों को कोई फायदा होने वाला है। यह बजट सिर्फ झूठ का पुलिंदा है।

बेजान, बेअसरदार और उम्मीद के प्रतिकूल है बिहार सरकार का बजट : डॉ. अखिलेश

बिहार कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने सोमवार को पेश बिहार बजट को बेजान, बेअसरदार और उम्मीद के प्रतिकूल बताया है।

उन्होंने कहा कि चुनावी साल के बजट में उम्मीद थी कि इसमें रोजगार की बात होगी, मंहगाई को कम करने की कम से कम तात्कालिक कोशिश होगी, युवाओं के लिए रोजगार युक्त प्रशिक्षण की बात होगी, महिलाओं को 500 रुपये में गैस सिलेंडर देने की बात होगी, डीजल-पेट्रोल पर वैट घटाकर मंहगाई पर नकेल कसने की बात होगी, किसान के लिए एमएसपी की बात होगी लेकिन सब के सब ढाक के तीन पात।

डॉ. सिंह ने कहा कि डबल इंजन की सरकार का यह आखिरी बजट है इसलिए बड़ी उम्मीद थी कि बिहार वासियों को कम से कम मंहगाई और बेरोजगारी की मार से कुछ राहत मिलेगी।

उन्होंने कहा कि मंहगाई को कम करने के बजाय सरकार तरकारी आउटलेट के जरिए मुनाफा कमाने की कोशिश में लग गई है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके अलावा नीतीश के सात निश्चय का कतरा भी बजट से गायब है।

बजट पर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं
  • रालोजपा के मुख्य प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने कहा कि बजट में गरीबों के लिए कुछ नहीं, सिर्फ जुमलेबाजी है। चुनावी वर्ष के इस बजट से सभी को बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन यह पूरी तरह निराशाजनक साबित हुआ।
  • उन्होंने सवाल उठाया कि बजट में जिन योजनाओं की चर्चा की गई है, उनके लिए धनराशि कहां से आएगी, इस पर सरकार पूरी तरह मौन है।
बजट बेहद निराशाजनक : माले

भाकपा (माले) के राज्य सचिव कुणाल ने बजट को बेहद निराशाजनक और दिशाहीन करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह बजट पूरी तरह से जनविरोधी है और संघर्षरत तबकों की मांगों को अनसुना करता है।

आशा, जीविका, रसोइया, आंगनवाड़ी, माइक्रोफाइनेंस कंपनियों से जुड़ी महिलाओं की कर्ज माफी, आउटसोर्सिंग पर काम कर रहे सफाईकर्मी, कार्यपालक सहायक और अन्य स्कीम वर्करों सहित ठेका पर काम कर रहे लाखों लोगों की लोकप्रिय मांगों को बजट में कोई जगह नहीं मिली है।

केवल चुनावी जुमला है : माकपा

माकपा के राज्य सचिव ललन चौधरी ने कहा कि बजट नहीं, केवल चुनावी जुमला है। गरीबों, छात्रों, नौजवानों के भविष्य के प्रति यह बजट मजाक है।

खास कर यह बजट स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, कृषि उद्योग की स्थापना सहित किसी भी जरूरत के क्षेत्र की बुनियादी विकास से काफी दूर है। आमलोगों की क्रय शक्ति वृद्धि की कोई योजना एवं दृष्टि सरकार के पास नहीं है।

जनविरोधी बजट : भाकपा

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने बजट को जनविरोधी करार दिया है। उन्होंने कहा कि चुनावी साल में सरकार ने लोकलुभावन नारा देकर राज्य की जनता को दिग्भमित करने का कार्य किया है।

योजनाकार में मामूली बढ़ती की गई है जबकि प्रतिबद्ध व्यय बढ़कर दो लाख करोड़ रुपये का हो गया है।

मुख्यमंत्री आवास योजना को लेकर कोई विशेष उपबंध नहीं किया गया है। सामाजिक सुरक्षा योजना के एक करोड़ लाभार्थियों के पेंशन की बढ़ोत्तरी की कोई बातें नहीं की गई।

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'मई में होगी एशियाई शेरों की गणना', पीएम मोदी का बड़ा एलान; तमिलानाडु को भी मिला तोहफा

Dainik Jagran - National - March 3, 2025 - 10:08pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश में वन्यजीवों की तेजी से बढ़ती आबादी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खुशी जताई और कहा है कि यह देश के लिए गर्व का विषय है। इसके साथ ही उन्होंने वन्यजीवों के बेहतर प्रबंधन और मानव के साथ उनके बढ़ते संघर्ष को थामने के लिए देश में एक्सीलेंस सेंटर बनाने का एलान किया है।

यह सेंटर तमिलनाडु के कोयंबटूर स्थित सलीम अली पक्षी विज्ञान एवं प्राकृतिक इतिहास केंद्र (एसएसीओएन) में स्थापित होगा। तमिलनाडु को साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यह पीएम की ओर से बड़ा तोहफा मिला है।

एशियाई शेरों की गणना की घोषणा

यही नहीं, इस दौरान पीएम ने इसी वर्ष मई में एशियाई शेरों की गणना कराने की भी घोषणा की। इससे पहले सुबह मोदी ने गिर में टाइगर सफारी का आनंद लिया। उन्होंने एक पोस्ट में कहा कि सामूहिक प्रयासों के कारण एशियाई शेरों की जनसंख्या में लगातार वृद्धि हुई है और एशियाई शेरों के आवास को संरक्षित करने में आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों और महिलाओं के योगदान सराहनीय है।

पीएम मोदी ने किए अन्य बड़े एलान

प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को गुजरात के गीर अभयारण्य में आयोजित सातवीं राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की बैठक में देश में वन्यजीवों की स्थिति और उनसे जुड़े प्रोजेक्टों की समीक्षा की है। इसके साथ ही कई बड़े ऐलान भी किए हैं।

पीएम ने ली चीता प्रोजेक्ट की जानकारी

पीएम ने बोर्ड की बैठक में चीता प्रोजेक्ट की प्रगति की भी जानकारी ली और देश में चीतों को आने वाली नई खेप को अब मध्य प्रदेश के गांधी सागर अभयारण्य और गुजरात के बन्नी स्थित घास के मैदानों में बसाने को मंजूरी दी है। चीतों की पहली दो खेप को अभी मध्य प्रदेश के कूनो अभयारण्य में रखा गया है। जहां उनका कुनबा तेजी से बढ़ रहा है। बैठक में वन्यजीवों के साथ मानव के संघर्ष को थामने के लिए सेंटर खोलने के ऐलान को काफी अहम माना जा रहा है।

वैसे भी देश में यह समस्या दिनों-दिन काफी गंभीर रूप ले रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में अकेले हाथियों के साथ संघर्ष में हर साल छह सौ से अधिक लोगों की मौतें हो रही है, जबकि करीब सौ हाथियों को भी इस संघर्ष और आपसी झगडे में जान गंवानी पड़ रही है।

डॉल्फिन की संख्या में उत्तर प्रदेश शीर्ष पर

देश में डॉल्फिन की संख्या में भारी बढ़ोत्तरी हुई है। जो दो हजार से बढ़कर अब 6327 हो गई है। आठ राज्यों में डॉल्फिन को लेकर कराए गए व्यापक सर्वेक्षण ने यह जानकारी सामने आयी है। पीएम मोदी ने सोमवार को गीर में इस सर्वेक्षण रिपोर्ट को जारी किया है। डॉल्फिन की बढ़ी संख्या में नदियों की सुधर रही सेहत से जोड़कर देखा जाता है।

माना जाता है कि स्वच्छ नदियों में ही डॉल्फिन का विकास होता है। रिपोर्ट के मुताबिक देश में डॉल्फिन मुख्य रूप से गंगा, ब्रह्मपुत्र और सिंधु नदियों में पाई जाती हैं। वर्ष 2020 में शुरू किए गए प्रोजेक्ट डॉल्फिन के बाद यह सफलता मिली है। भारत में डाल्फिन की मीठे पानी की दो प्रजातियां पाई जाती हैं। इनमें गंगा डॉल्फिन और सिधु डॉल्फिन है। यह सर्वेक्षण आठ राज्यों की 28 नदियों में 8,507 किमी के क्षेत्र में किया गया।

रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 2,397 डॉल्फिन पायी गई है जबकि बिहार में 2,220 और पश्चिम बंगाल में 815 डॉल्फिन मिली है। वहीं असम में 635, झारखंड में 162, राजस्थान और मध्य प्रदेश में 95 डॉल्फिन दर्ज की गईं। पंजाब में सबसे कम सिर्फ तीन डॉल्फिन पाई गईं।

पीएम ने बैठक में किए कुछ और अहम ऐलान
  • गीर में शेरों की बढ़ती आबादी को देखते हुए उसके पास बरडा अभयारण्य को भी उनके नए ठिकाने के रूप में विकसित किया जाएगी। पीएम ने इस लेकर मंजूरी दी है। इसके साथ एशियाई शेरों के इस साल सर्वेक्षण को भी मंजूरी दी गई है।
  • ग्रेड इंडियन बस्टर्ड ( सोनचिरैया) के संरक्षण, घडियाल संरक्षण के नए प्रोजेक्ट को भी मंजूरी दी गई है। देश में मौजूदा समय में सोनचिरैया विलुप्त होने की कगार पर है।
  • गीर में शेरों और तेंदुओं के बेहतर रहवास और विकास की सफल कहानी का दस्तावेजीकरण करने को भी मंजूरी दी गई है।
  • जूनागढ़ में वन्यजीवों के रेफरल सेंटर की भी आधारशिला पीएम ने रखी है। जहां देश भर के गंभीर रूप से बीमार व घायल वन्यजीवों की उपचार किया जाएगा।
  • वन्यजीवों के संरक्षण में अपने पुराने तौर-तरीकों और पद्धतियों का भी दस्तावेजीकरण करने को मंजूरी दी गई है।

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आखिर क्यों अधिक कर्ज ले रही महिलाएं, पिछले पांच साल में 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी; रिपोर्ट पर नहीं होगा यकीन

Dainik Jagran - National - March 3, 2025 - 10:00pm

पीटीआई, नई दिल्ली। भारत में कर्ज लेने वाली महिलाओं की संख्या पिछले पांच सालों में 22 प्रतिशत की चक्रवृद्धि दर से बढ़ी है। इनमें से अधिकांश अर्ध शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से संबंध रखती हैं।

दरअसल, नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम द्वारा 'भारत की वित्तीय विकास की कहानी में महिलाओं की भूमिका संबंधी' एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कर्ज का एक बड़ा हिस्सा महिलाओं ने उपभोग मांग को पूरा करने के लिया। इसकी तुलना में महिलाओं ने कारोबार के लिए उन्होंने कम कर्ज लिया।

लोन लेने में इन राज्यों की महिलाएं आगे

नीति आयोग ने कहा कि राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सहित उत्तरी और मध्य भारत के राज्यों में पिछले पांच वर्षों के दौरान कर्ज लेने वाली महिलाओं की संख्या में सबसे अधिक चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) दर्ज की गई।

क्या कहती है रिपोर्ट?

रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में कारोबार के लिए कर्ज लेने वाली महिलाओं की संख्या कुल कर्ज लेने वाली महिलाओं की संख्या की तुलना में केवल तीन प्रतिशत है जबकि व्यक्तिगत वित्त उत्पादों जैसे पर्सनल लोन, कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन, होम लोन के लिए 42 प्रतिशत और सोने के बदले कर्ज लेने वाली महिलाओं की संख्या 38 प्रतिशत थी।

व्यावसायिक खातों की संख्या में इजाफा

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 से व्यावसायिक उद्देश्य के लिए खोले गए खातों की संख्या में 4.6 गुना वृद्धि हुई है। सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग ने कहा कि भारत में अधिक महिलाएं कर्ज लेना चाहती हैं और सक्रिय रूप से अपने क्रेडिट स्कोर की निगरानी कर रही हैं। दिसंबर 2024 तक, 2.7 करोड़ महिलाएं अपने कर्ज की निगरानी कर रही थीं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 42 प्रतिशत अधिक है। यह महिलाओं के बीच बढ़ती वित्तीय जागरूकता को संकेत देता है।

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'दूसरी श्वेत क्रांति की ओर बढ़ रहा देश', गृहमंत्री शाह ने कहा- डेयरी सेक्टर से हो सकता है गांव से पलायन की समस्या का समाधान

Dainik Jagran - National - March 3, 2025 - 10:00pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने डेयरी (दुग्ध उत्पादन) सेक्टर के विकास को गांव से पलायन की समस्या का अहम विकल्प बताया। गृहमंत्री शाह ने डेयरी सेक्टर के लिए दुग्ध उत्पादन के अलावा गोबर प्रबंधन, चारा प्रबंधन, मरे हुए पशुओं के अवशेषों के प्रबंधन के साथ-साथ कार्बन क्रेडिट का लाभ किसानों तक पहुंचाने के लिए सहकारिता मॉडल के आधार पर वैज्ञानिक बनाने की जरूरत पर बल दिया।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली अधिकांश आबादी सीमांत किसानों की है और उन्हें समृद्ध बनाने के लिए गांव से ग्लोबल की यात्रा, समूह से सफलता का विश्वास और फार्म से फैक्ट्री तक पूरी श्रृंखला विकसित करना जरूरी है।

अमित शाह ने किसानों को लेकर कही बड़ी बात

दिल्ली में आयोजित 'डेयरी क्षेत्र में सस्टेनेबिलिटी और सर्कुलरिटी पर कार्यशाला' का उद्घाटन करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र में सक्रिय डेयरी में उपभोक्ता से आने वाले पैसे का 75 फीसद हिस्सा किसानों के पास जाता है, जबकि कॉरपोरेट क्षेत्र में सक्रिय डेयरियों में किसानों को 32 फीसद ही जाता है।

उन्होंने देश के हर किसान के लिए इस अंतर को कम करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि फिलहाल डेयरी सेक्टर में 23 राज्यस्तरीय सहकारिता संघ सक्रिय हैं, श्वेत क्रांति-दो में इसे सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों तक पहुंचाना होगा। इसी तरह से मौजूदा 28 मार्केटिग करने वाली डेयरियों की संख्या तीन गुना बढ़ाने होगी। उन्होंने देश के 80 फीसद जिलों को डेयरी सहकारिता से जोड़ने का लक्ष्य दिया।

बायोगैस योजना को मिले बढ़ावा

सहकारिता डेयरी से जुड़े किसानों से गोबर खरीदकर बायोगैस के उत्पादन के लिए किये गए समझौतों का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें उन किसानों को भी शामिल करना होगा, जो सहकारिता से जुड़े डेयरी को दूध नहीं बेचते हैं। सभी किसानों को गोबर खरीद से जोड़ने से बायोगैस बनाने की योजना को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को भी इसका फायदा होगा। इसी तरह से उन्होंने सहकारिता से साथ निजी डेयरियों में दूध सप्लाई करने वाले सभी किसानों से मृत पशुओं के हड्डी, चमड़े जैसे अवशेषों को खरीदने और उन्हें बड़े उद्योगों के बेचने का तंत्र विकसित करने पर भी जोर दिया।

इससे निजी डेयरी की ओर जा रहे किसानों को सहकारिता डेयरी से जोड़ने में मदद मिलेगी। उन्होंने राष्ट्रीय डेयरी डवलपमेंट बोर्ड और नाबार्ड को डेयरी क्षेत्र में उपयोग होने वाली सभी मशीनों के शत-प्रतिशत उत्पादन भारत में करने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा।

सहकारिता संघों के बीच सहयोग बढ़ाने पर जोर

उन्होंने कहा कि डेयरी सेक्टर की सभी संभावनाओं को शत-प्रतिशत खोजने के लिए समग्र दृष्टिकोण से काम करना होगा। अमित शाह ने सहकारिता संघों के बीच सहयोग बढ़ाने पर भी जोर दिया। इसके लिए उन्होंने गुजरात में 93 फीसद सहकारी संस्थाओं के खाते सहकारी बैंकों में खुलने का उदाहरण दिया। पूरे देश में इसे अपनाने से सहकारी बैंक भी मजबूत होंगे और सहकारी संस्थाओं के आसानी से धन भी उपलब्ध हो जाएगा। उन्होंने नाबार्ड को गुजरात में पशुपालकों के लिए शुरू किये गए माइक्रो एटीएम के सफल माडल को देश के हर जिले में पहुंचाने को कहा।

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Bihar: सरकार ने जमीन मालिकों को दे दी खुशखबरी, पैतृक संपत्ति के बंटवारे को लेकर कर दिया बड़ा एलान

Dainik Jagran - March 3, 2025 - 9:46pm

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के सभी निबंधन कार्यालयों में वित्तीय वर्ष 2025-26 में निबंधन की प्रक्रिया को पूरी तरह पेपरलेस कर दिया जाएगा। पेपरलेस निबंधन से पक्षकारों को भौतिक रूप से दस्तावेज तैयार नहीं करना होगा, इससे गो ग्रीन योजना को बढ़ावा मिलेगा।

इतना ही नहीं, देश या देश के बाहर रहने वाले लोग ऑनलाइन निबंधन भी करा सकेंगे। ऑनलाइन निबंधन को बढ़ावा देने के लिए देय स्टाम्प ड्यूटी में एक प्रतिशत और अधिकतम दो हजार रुपये की छूट भी दी जा रही है।

वहीं, पैतृक या पारिवारिक संपत्ति बंटवारा विलेख पर स्टाम्प ड्यूटी 50 रुपये, जबकि निबंधन शुल्क 50 रुपये निर्धारित किया गया है। वहीं, उद्योग स्थापित करने के लिए बियाडा से आवंटित भूमि पर स्टाम्प एवं निबंधन शुल्क पर शत-प्रतिशत छूट दी जा रही है।

मद्य निषेध, उत्पाद और निबंधन विभाग के बजट में वृद्धि

इस बार के बजट में मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग की कुल राशि में करीब 18 करोड़ की वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में विभाग का बजट 674.55 करोड़ था जिसे वर्ष 2025-26 में बढ़ाकर 692.60 करोड़ कर दिया गया है। हालांकि योजना मद में राशि घटाई गई है। पिछले बार स्कीम मद में 10 करोड़ की राशि थी जो घटकर सात करोड़ रह गई है।

विभाग के द्वारा अवैध शराब के संचालन को रोकने के लिए 84 चेकपोस्ट बनाए गए हैं। सभी चेकपोस्ट पर सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था की गई है। नशामुक्त बिहार की थीम पर पटना मैराथन का भी आयोजन हो रहा है, जिसमें विदेशी प्रतिभागी भी भाग ले रहे हैं।

कार्बन न्यूट्रिलिटी को केंद्र में रख बिहार ग्रीन डेवलपमेंट फंड बनेगा, बजट में किया गया प्रविधान

वित्तीय वर्ष 2025-26 के बिहार बजट में पर्यावरण संरक्षण की भी चर्चा हुई है। कार्बन न्यूट्रिलिटी को केंद्र में रख बिहार ग्रीन डेवलपमेंट फंड बनाया जाएगा। राज्य सरकार इस फंड में सीड फंड के रूप में 25 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। यह कहा गया कि इसके माध्यम से बिहार में जलवायु अनुकूलन एवं कार्बन बनाने में मदद मिलेगी। सार्वजनिक पूंजी को निजी निवेश के साथ मिश्रित कर इस फंड के माध्यम से चुनौतियों को अवसर में बदला जाएगा।

इससे कृषि को जलवायु अनुकूल बनाने, स्वच्छ ऊर्जा की ओर बढ़ने तथा युवाओं के लिए हरित रोजगार सृजन करने में सहायता मिलेगी। बिहार ग्रीन डेवलपमेंट फंड हरित बिहार, समृद्ध बिहार की हमारी दृष्टि का प्रतिनिधित्व करता है।यह अग्रणी पहल बिहार को देश के अग्रिम राज्यों में खड़ा करता है। इसी तरह राज्य में वायु गुणवत्ता में सुधार तथा वायु प्रदूषण नियंत्रण हेतु 100 करोड़ रुपए की लागत से बिहार क्लीन एयर ट्रांसफॉर्मेशन परियोजना का क्रियान्वयन किया जाएगा।

जीरो कार्बन इमिशन को ध्येय में रख तथा जल-जीवन-हरियाली अभियान के लक्ष्य के अंतर्गत 8053 पंचायती राज निकायों तथा 73 शहरी निकायों में जैव विविधता प्रबंधन समिति का गठन किया गया है। इसके माध्यम से लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाया जाएगा।

चतुर्थ कृषि रोड मैप के अंतर्गत राज्य के हरित आवरण को वर्ष 2028 तक 17 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। बजट भाषण में यह जानकारी दी गयी कि कैमूर वन्यजीव अभयारण्य को टाइगर रिजर्व घोषित किए जाने को ले नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी की सैद्धांतिक मंजूरी मिल गयी है।

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