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Bihar Weather Today: बिहार में होली से पहले मौसम बिगड़ने का अलर्ट, 6 जिलों में दिखेगा प्रभाव

Dainik Jagran - March 5, 2025 - 7:40am

जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather News: बिहार में होली से पहले मौसम बिगड़ने वाला है। 8 मार्च से 6 जिलों में इसका प्रभाव दिख सकता है। इस दौरान लोगों से सावधान रहने की अपील की गई है। होली के दौरान तापमान में कमी देखी जा सकती है।

वहीं अगले 24 से 48 घंटे की बात करें तो प्रदेश के पश्चिमी भागों व इसके आसपास के इलाकों में दोपहर से शाम तक सतही हवा की गति 10-20 किमी प्रतिघंटा और झोंके के साथ 30 किमी प्रति घंटे से पछुआ हवा चलने की संभावना है।

24 घंटे के बाद प्रदेश के अनेक भागों के अधिकतम व न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री की गिरावट का पूर्वानुमान है।

8 मार्च को 6 जिलों में बारिश का अलर्ट

 8-9 मार्च के बीच पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय के भागों को प्रभावित करेगा। इसके कारण 8 मार्च को किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, बांका व जमुई जिले के एक या दो स्थानों पर झोंके के साथ मेघ गर्जन, वज्रपात को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।

मौसम में आए बदलाव के कारण पटना सहित अधिसंख्य भागों के न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। पटना का न्यूनतम तापमान 18.6 डिग्री सेल्सियस जबकि 10.5 डिग्री सेल्सियस के साथ पुपरी (सीतामढ़ी) में सबसे कम न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। प्रदेश के कुछ जिलों के न्यूनतम तापमान दाे से चार डिग्री सेल्सियस के उपर बना रहा।

पिछले 24 घंटे में कैसा रहा मौसम

राजधानी का अधिकतम तापमान 0.5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि के साथ 30.6 डिग्री सेल्सियस व 32.9 डिग्री सेल्सियस के साथ औरंगाबाद में सबसे अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। मधेपुरा, फारबिसगंज, किशनगंज व कटिहार को छोड़ कर पटना सहित अधिसंख्य जिलों के अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई।

पटना व आसपास इलाकों में तेज हवा के प्रवाह व कुछ स्थानों पर आंशिक रूप से बादल छाए रहने के कारण मौसम सामान्य बना रहा।

भागलपुर में आंधी-तूफान के साथ बूंदा-बांदी की संभावना

भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार पांच से नौ मार्च के मध्य दक्षिण बिहार के जिलों में आसमान साफ एवं मौसम शुष्क रहेगा। हालांकि भागलपुर, बांका व मुंगेर जिलों में में छह से नौ मार्च के मध्य पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से बिजली चमकने और तेज हवा (30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा) चलने एवं बादल के गर्जन के साथ बूंदा-बांदी होने का अनुमान है।

अधिकतम तापमान 29 से 31 और न्यूनतम तापमान 13 से 15 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 75 से 80 प्रतिशत तथा दोपहर में 35 से 40 प्रतिशत रहने की संभावना है। पूर्वानुमान की अवधि में नौ से 14 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिमी हवा चलेगी।

बिहार कृषि विश्वविद्यालय की मौसम विज्ञानी डा. नेहा पारीक ने बताया कि मंगलवार को अधिकतम तापमान 31 डिग्री और न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। 84 प्रतिशत आद्रता के साथ 5.8 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफतार से पश्चिमी हवा चल रही है। तापमान बढ़ने के आसार हैं।

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Aravali Green Project: अरावली ग्रीन परियोजना से सुधरेगा इकोसिस्टम, पहले चरण में आठ लाख हेक्टेयर क्षेत्र पर होगा काम

Dainik Jagran - National - March 5, 2025 - 7:13am

पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्र ने अपनी महत्वाकांक्षी अरावली ग्रीन वाल परियोजना के पहले चरण में आठ लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में बिगड़े हुए इकोसिस्टम को सुधारने की योजना बनाई है। इस परियोजना के तहत उत्तर पश्चिम भारत में अरावली पर्वत श्रृंखला के चारों ओर हरित बफर क्षेत्र विकसित करना है। यह पहल भारत के जलवायु लक्ष्य को हासिल करने में अहम होगी।

सरकार अनुमानित 16,053 करोड़ रुपये खर्च कर सकती है

अरावली जीर्णोद्धार की कार्ययोजना के अनुसार सरकार पहले चरण में सरकार अनुमानित 16,053 करोड़ रुपये खर्च कर सकती है। इस परियोजना का उद्देश्य भूक्षरण और थार रेगिस्तान के पूर्व की ओर विस्तार को नियंत्रित करना है।

गुजरात से दिल्ली तक 700 किलोमीटर तक फैली अरावली पर्वतमाला मरुस्थलीकरण के विरुद्ध प्राकृतिक अवरोध का काम करती है, जो थार रेगिस्तान के विस्तार को रोकती है तथा दिल्ली, जयपुर और गुरुग्राम जैसे शहरों की रक्षा करती है।

भारत की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखला अरावली

भारत की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखला अरावली, चंबल, साबरमती और लूनी जैसी महत्वपूर्ण नदियों का स्त्रोत है। इसके जंगल, घास के मैदान और आ‌र्द्रभूमि लुप्तप्राय पौधों और जानवरों की प्रजातियों को आश्रय देते हैं।

हालांकि, वनों की कटाई, खनन और अतिक्रमण के कारण मरुस्थलीकरण की स्थिति भयावह होती जा रही है, भूजल को नुकसान पहुंच रहा है, झीलें सूख रही हैं तथा वन्यजीवों को जीवित रखने की इस क्षेत्र की क्षमता कम हो रही है।

2023 में 'अरावली ग्रीन वॉल' पहल शुरू

इन समस्याओं से निपटने के लिए सरकार ने मार्च 2023 में 'अरावली ग्रीन वॉल' पहल शुरू की। इस परियोजना का उद्देश्य गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली में 64.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में पांच किलोमीटर चौड़ी पट्टी के रूप में हरित पट्टी बफर जोन स्थापित करना है।

इस बफर जोन के अंतर्गत आने वाली करीब 42 प्रतिशत (27 लाख हेक्टेयर) जमीन क्षरित है। इसके मुताबिक कुल क्षरित भूमि का 81 प्रतिशत राजस्थान में, 15.8 प्रतिशत गुजरात में, 1.7 प्रतिशत हरियाणा में तथा 1.6 प्रतिशत दिल्ली में है। भूमि क्षरण ऐसी प्रक्रिया है जिसमें भूमि की उत्पादक क्षमता कम हो जाती है।

2.6 करोड़ हेक्टेयर बंजर भूमि को उपजाऊ बनाया जाएगा

परियोजना के पहले चरण में 8,16,732 हेक्टेयर दर्ज वन क्षेत्र को बहाल किया जाएगा। इसमें दिल्ली में 3,010 हेक्टेयर, गुजरात में 5,677 हेक्टेयर, हरियाणा में 3,812 हेक्टेयर और राजस्थान में 99,952 हेक्टेयर शामिल हैं। इसके तहत 2.5 से 3 अरब टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर अतिरिक्त अवशोषण क्षमता का विकास होगा तथा 2030 तक 2.6 करोड़ हेक्टेयर बंजर भूमि को पुन: उपजाऊ बनाया जाएगा।

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Weather: दिल्ली-एनसीआर में ठंडी हवाओं ने बढ़ाई ठिठुरन, पहाड़ों पर हिमपात और वर्षा जारी; जानें यूपी-बिहार का हाल

Dainik Jagran - National - March 5, 2025 - 6:50am

 जागरण टीम, नई दिल्ली। बीते एक हफ्ते से पहाड़ी राज्यों में हिमपात और वर्षा का दौर जारी है। मंगलवार को इसका असर दिल्ली-एनसीआर में भी दिखाई दिया। हल्के बादल छाने के साथ ही तेज हवाओं का असर दिखा। इस कारण शाम तक तापमान भी काफी गिर गया।

बर्फबारी से जनजीवन प्रभावित

वहीं पर्वतीय राज्यों विशेषकर जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में मंगलवार को हुई हिमपात और वर्षा के साथ कहीं कहीं ओलावृष्टि भी हुई। इससे आम जनजीवन भी प्रभावित हुआ। इसी के साथ पहाड़ों पर हिमपात के लिए यूपी में भी ठंडी हवा चल रही है और बिहार में आज आंशिक रूप से कई जिलों में बादल छाए रहेंगे।

पहाड़ों पर हल्का हिमपात, जम्मू-श्रीनगर हाईवे खुला

कश्मीर में ताजा बर्फबारी व बारिश के चलते अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे बने रहने से ठंड का प्रकोप बना रहा। इधर, जम्मू में दिनभर धूप छाई रही। वहीं सोमवार देर शाम को रामबन जिला में पहाड़ से पत्थर व मलबा गिरने से बंद हुआ जम्मू-श्रीनगर हाईवे मंगलवार सुबह दस बजे खोल दिया गया।

मौसम विभाग के अनुसार बुधवार को मौसम के मिजाज शुष्क बने रहेंगे। 10 से 12 मार्च को कश्मीर में फिर हिमपात व बारिश की संभावना जताई है। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के चलते सोमवार तड़के से कश्मीर में गुलमर्ग समेत उच्च पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी व श्रीनगर समेत सभी निचले इलाकों में बारिश शुरू हुई थी। यह सिलसिला मंगलवार को दूसरे दिन भी रुक रुककर जारी रहा।

शिमला व कांगड़ा में ओलावृष्टि

हिमाचल के मनाली समेत लाहुल स्पीति में छह दिन से हिमपात का क्रम जारी है। मंगलवार को रोहतांग सहित ऊंची चोटियों पर लगभग एक फीट हिमपात हुआ। किन्नौर जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी हिमपात हुआ। कांगड़ा और शिमला में ओलावृष्टि हुई है। सप्ताह के भीतर रोहतांग दर्रे सहित बारालाचा, शिंकुला व कुंजम दर्रे में छह फीट से अधिक हिमपात हो चुका है।

नौ मार्च से पश्चिमी विक्षोभ फिर सक्रिय होगा

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने लाहुल के पर्यटन स्थल सिस्सू को मनाली से जोड़ते हुए छह दिन बाद एकतरफा सड़क बहाल कर दी है। मौसम विभाग के अनुसार आठ मार्च तक मौसम साफ रहेगा। नौ मार्च से पश्चिमी विक्षोभ फिर सक्रिय होगा। कांगड़ा जिले के तहत डाडासीबा तहसील की बह पंचायत के वार्ड पांच में मंगलवार दोपहर चार मकानों पर बिजली गिरी। इस दौरान युवती समेत दो घायल हो गए और लाखों रुपये का नुकसान हुआ है।

चारधाम समेत उच्च हिमालय में बर्फबारी

उत्तराखंड में मंगलवार को बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, हेमकुंड साहिब, हर्षिल, पिथौरागढ़ के मुनस्यारी में बर्फबारी हुई। इस कारण उत्तरकाशी में गंगोत्री राजमार्ग सुक्की टाप से आगे बाधित हो गया है। पिथौरागढ़ में बर्फबारी के कारण अवरुद्ध चीन सीमा तक जाने वाला तवाघाट-लिपुलेख राजमार्ग आज चौथे दिन भी नहीं खोला जा सका।

निचले पर्वतीय क्षेत्रों में दोपहर तक वर्षा हुई। वर्षा और बर्फबारी के कारण पर्वतीय क्षेत्रों में ठिठुरन बढ़ गई। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार बुधवार को आसमान साफ रहने और चटख धूप से पारे में वृद्धि होने का अनुमान है।

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Bihar News: उज्ज्वला योजना का लाभ उठाने वाले 4,540 लोगों की बढ़ी टेंशन, पटना DM ने कार्रवाई करने का दिया आदेश

Dainik Jagran - March 5, 2025 - 6:30am

जागरण संवाददाता, पटना। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना अंतर्गत पटना में ऐसे 4,540 लाभार्थी हैं जो गैस सिलेंडर की रीफिलिंग नहीं करा रहे हैंं। ऐसे उपभोक्ताओं को नोटिस दी जाएगी।

इसके बाद भी गैस नहीं भरवाने पर उनका पंजीयन रद किया जाएगा। खरीफ विपणन मौसम 2024-25 के तहत अधिप्राप्ति, आपूर्ति एवं उज्ज्वला योजना की समीक्षा जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने की। समीक्षा में बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं के द्वारा गैस रिफिल नहीं कराने की बात सामने आई।

जिलाधिकारी ने आइओएल के क्षेत्रीय प्रबंधक सह सेल्स मैनेजर को निर्देश दिया कि उज्ज्वला योजना अंतर्गत ऐसे सभी उपभोक्ताओं को नोटिस निर्गत कर उसका तामिला कराएं।

यदि उसके बाद भी वे गैस सिलेंडर रिफिलिंग नहीं कराते हैं तो उनका पंजीयन रद्द करने की कार्रवाई करेंगे। हालांकि, बिना तामिला के उनका पंजीयन रद नहीं करने का निर्देश भी दिया है।

सीएमआर आपूर्ति में सुस्ती बर्दाश्त नहीं
  • बैठक में लक्ष्य के विरुद्ध जिला में सीएमआर प्राप्ति की स्थिति, अनुमंडलवार एवं प्रखंडवार एसएफसी को सीएमआर प्राप्त कराए जाने की स्थिति, किसानों को भुगतान की स्थिति, सीएमआर प्राप्ति के विरूद्ध भुगतान की स्थिति, मिलवार साप्ताहिक सीएमआर प्राप्ति की स्थिति एवं अन्य बिंदुओं पर समीक्षा की गई।
  • जिलाधिकारी ने कहा कि लक्ष्य के अनुरूप समय-सीमा के अंदर शत-प्रतिशत धान अधिप्राप्ति की गई है। अब सीएमआर की समय से प्राप्ति एवं प्राप्ति के विरूद्ध ससमय भुगतान सुनिश्चित करना है।
  • उन्होंने कहा कि सीएमआर आपूर्ति में लापरवाही बरतने वाले राइस मिलों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
  • अनुमंडल पदाधिकारियों को सीएमआर आपूर्ति में शिथिलता बरतने वाले राइस मिलरों से स्पष्टीकरण कर कार्रवाई की अनुशंसा का निर्देश दिया गया।
अब ग्रामीण बैंककर्मियों के लिए एनपीएस में अंशदान व्यावसायिक बैंकों के बराबर

वित्त मंत्रालय ने अब ग्रामीण बैंककर्मियों के लिए भी एनपीएस फंड में प्रायोजक व्यावसायिक बैंकों के बराबर यानी 14 प्रतिशत अंशदान करने करने का आदेश दिया है।

यह आदेश 11 नवंबर, 2020 से प्रभावी होना है। अब ग्रामीण बैंककर्मियों के लिए बराबर लाभ की संभावना बनेगी, लेकिन उससे पहले के नुकसान को लेकर क्षोभ भी है।

यूनाइटेड फोरम आफ ग्रामीण बैंक यूनियन्स के राष्ट्रीय संयोजक डीएन त्रिवेदी ने बताया कि बैंकों में 01 अप्रैल, 2010 से एनपीएस लागू है। वित्त मंत्रालय का निर्देश काफी देरी से हुआ है।

इस कारण एनपीएस के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण बैंककर्मियों को 52 माह के आवर्ती ब्याज की हानि हो रही है। व्याज की हानी हुई है।

ऐसे में यूनियन्स ने केंद्र सरकार से नौ प्रतिशत चक्रवृद्धि ब्याज के साथ एनपीएस के बकाए अंशदान की मांग की है।

ज्ञातव्य है कि वित्त मंत्रालय के आप्तसचिव रत्नाकर झा द्वारा पहली मार्च को 14फीसद अंशदान देने का पत्र जारी किया गया है।

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'वनतारा' में पीएम मोदी ने शावकों को पिलाया दूध, बब्बर शेर संग खिंचाई फोटो; देखें तस्वीरें

Dainik Jagran - National - March 5, 2025 - 6:24am

पीटीआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वन्यजीव संरक्षण, बचाव और पुनर्वास की अनूठी पहल 'वनतारा' को सराहा है। उन्होंने रविवार को गुजरात के जामनगर जिले में पशु बचाव, संरक्षण और पुनर्वास केंद्र 'वनतारा' का उद्घाटन किया और एशियाई शेर के शावकों को दुलारा। उन्होंने शावकों को दूध भी पिलाया।

पीएम ने अनंत अंबानी को बधाई दी

पीएम मोदी ने कई लुप्तप्राय जानवरों के साथ वक्त बिताया। उन्होंने 'वनतारा' में किए जा रहे अद्भुत काम के लिए अनंत अंबानी को बधाई दी और विश्व स्तरीय बचाव और पुनर्वास केंद्र स्थापित करने के उनके प्रयासों की प्रशंसा की। पीएम ने वनतारा में विभिन्न सुविधाओं के बारे में जाना। वह 'वनतारा' में वन्यजीव अस्पताल भी गए और पशु चिकित्सा सुविधाओं को देखा जो एमआरआइ, सीटी स्कैन, आइसीयू और अन्य सुविधाओं से लैस हैं।

तीन हजार एकड़ क्षेत्र में फैला वनतारा

प्रधानमंत्री ने अपने इस दौरे से जुड़ी कई तस्वीरें भी साझा कीं। करीब तीन हजार एकड़ क्षेत्र में फैला वनतारा, रिलायंस इंडस्ट्रीज के जामनगर रिफाइनरी कांप्लेक्स में है। यह दो हजार से अधिक प्रजातियों और 1.5 लाख से अधिक बचाए गए लुप्तप्राय और संकटग्रस्त जानवरों का घर है।

'वनतारा' नामक अनूठी वन्यजीव संरक्षण

पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया, 'वनतारा' नामक अनूठी वन्यजीव संरक्षण, बचाव और पुनर्वास पहल का उद्घाटन किया, जो पारिस्थितिकी स्थिरता और वन्यजीव कल्याण को बढ़ावा देती है। मैं इस प्रयास के लिए अनंत अंबानी और उनकी पूरी टीम की सराहना करता हूं। वनतारा जैसा प्रयास वाकई सराहनीय है, यह हमारे सदियों पुराने लोकाचार का जीवंत उदाहरण है कि हम उन जीव-जंतुओं की भी रक्षा करते हैं, जो इस पृथ्वी पर हमारे साथ रहते हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि 'वनतारा' में उन्होंने एक हाथी को देखा, जो तेजाब हमले का शिकार हुआ था। उन्होंने कहा, हाथी का इलाज किया जा रहा था। अन्य हाथी भी थे, जिन्हें उनके महावतों ने अंधा कर दिया था। एक अन्य हाथी को तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी थी।

जानवरों की देखभाल के लिए बधाई देता हूं

पीएम ने कहा, लोग इतने लापरवाह और क्रूर कैसे हो सकते हैं? आइए हम इस तरह की गैरजिम्मेदारी को खत्म करें और जानवरों के प्रति दया का भाव रखें। मैं वनतारा की टीम को ऐसे कई जानवरों की देखभाल के लिए बधाई देता हूं।

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Sentiment on D-Street most bearish since Covid

Business News - March 5, 2025 - 5:32am
Mumbai: The sentiment among stock investors is most bearish since March 2020 - the previous market crash at the onset of Covid. The Advance Decline Ratio, widely used to gauge investor sentiment and market strength, in February was at 0.72 - the lowest reading in five years.A declining ADR means more stocks are falling as against the gainers and points to a weakening market. In January, the reading was 0.9, while in the period before October - when the market started declining, it was in the range of 1 to 1.28 on average."The declining ADR indicates that the markets have been quite bearish due to a lack of buying interest, where the retail investors are shying away from buying and the foreign investors are engaged in persistent aggressive selling," said Naveen Kulkarni, CIO, Axis Securities. While markets fell in January as well, the fears on account of Trump trade tariffs took their full form in February, he added. "The markets were excessively bullish prior to the declines last year, and the negative sentiment is also in excess in a similar vein," he said.Benchmark indices - Sensex and Nifty - are down around 15% each from the peaks made on September 27, triggered by a rebound in Chinese equities, stronger dollar and weakening domestic corporate earnings, prompting record foreign selling.The risk-off sentiment in the broader market has been more severe with the Mid-cap 150 index tumbling 20.3%, Small-Cap 250 index plunging 24.4% and the Micro-cap 250 dropping 23.8% in this period.Foreign investors have dumped shares worth over ₹2.81 lakh crore since the sell-off began in October last year, out of which, around ₹1.3 lakh crore worth of selling took place this year."The markets have been declining for five consecutive months now and the trend remains weak due to lack of any domestic or global positive triggers," said Harsha Upadhyaya, CIO, Kotak Mahindra AMC.Money managers are mixed on whether the valuations are reasonable, after the near one-way market decline since October.Kulkarni said that the valuations have turned reasonable in the broader market and the large caps have become cheaper."The markets are expected to be at the tail end of the sell off and once there is a palpable improvement in earnings, a revival is expected, said Kulkarni. "It is tough to catch the bottom but given that March is also expected to be a positive month seasonally, the selling could see a halt."Other fund managers said that while earnings are expected to recover in the next few quarters, the valuations in mid-cap and small-cap stocks remain expensive."Despite the steep corrections, the valuations remain rich in the mid-cap and small-cap segment and the earnings deceleration was also more severe in this segment," said Upadhyaya. "The adjusted valuation on large-cap stocks is a better bet for long time investors."Some analysts consider extreme readings of Advance Decline Ratio as a contrarian indicator."The ADR in February is at the same level as March 2020, which indicates extremely oversold markets owing to extremely negative investor sentiment, which are close to a reversal in the short term that could sustain at least for a couple of months," said Rohit Srivastava, founder, indiacharts.com.The reversal would need to be confirmed with positive breadth and price up move, he said. "If Nifty moves over 22,500 levels it is likely to be confirmed". The index ended at 22,082.65 on Tuesday.While a pullback is possible, it is not expected to be a sustained one in the absence of triggers."While the falling ADR points to oversold markets, nothing exciting is anticipated in the short-term," said Upadhyaya.
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Supreme Court: अंतिम सांस तक जेल में रहेगा नाबालिग बच्चों का हत्यारा, कोर्ट ने फांसी की सजा को उम्रकैद में बदला

Dainik Jagran - National - March 5, 2025 - 5:08am

 पीटीआई, नई दिल्ली। अपने दो नाबालिग बच्चों की हत्या करने वाले एक पूर्व बैंक मैनेजर की मौत की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने कम करते हुए ''ईश्वर द्वारा प्रदत्त अंतिम सांस तक'' उसे जेल में ही रहने का आदेश दिया।

13 फरवरी को उसकी सजा को बरकरार रखा

जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने रमेश ए. नाइका की मौत की सजा के खिलाफ अपील को स्वीकार करते हुए 13 फरवरी को उसकी सजा को बरकरार रखा।

पीठ ने कहा, ''अपीलकर्ता-दोषी की हत्याओं के लिए सजा बरकरार रखी जाती है। लेकिन, अब उसे कोई छूट नहीं दी जाएगी और उसे जेल में ही अपने प्राकृतिक अंत की प्रतीक्षा करनी होगी।''

नाइका का कोई आपराधिक इतिहास नहीं था

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नाइका जो एक पूर्व बैंक मैनेजर है, उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं था। कोर्ट ने इस अपराध को ''दुर्लभतम'' मानते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट ने सभी परिस्थितियों पर विचार नहीं किया।

पीठ की ओर से फैसला लिखने वाले जस्टिस करोल ने कहा, ''हमें एक पल के लिए भी यह नहीं समझना चाहिए कि अपराध की बर्बरता और दो बच्चों की असहायता पर हमने विचार नहीं किया, या हमने किसी भी तरह से इस तरह के घृणित कृत्य को माफ कर दिया है।''

नाइका ने अपनी साली को एक अलग जाति के व्यक्ति से प्यार करने के कारण और अपनी सास को भी ''बिना किसी गलती के'' मार डाला था। इन मामलों में भी उसे अलग-अलग दोषी ठहराया गया था और सजा सुनाई गई।

ये है मामला

बहरहाल, अभियोजन पक्ष के अनुसार, नाइका और उसकी पत्नी दोनों ही क्रमश: सोलापुर और मैंगलोर में बैंक मैनेजर थे और उनके दो बच्चे थे। एक 10 साल का बेटा और साढ़े तीन साल की बेटी। 16 जून, 2010 को उसने अपनी साली और सास की हत्या कर दी थी और उनके शवों को पैतृक गांव में अपने घर के सेप्टिक टैंक में फेंक दिया था और फिर अगले दिन मैंगलोर आ गया। वह अपने बच्चों को शहर घुमाने के बहाने टैक्सी में ले गया और एक बगीचे में जाकर उन्हें पानी की टंकी में डुबो दिया।

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