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Maharashtra Budget 2025: मुंबई और आसपास के शहरों की बदलेगी सूरत, ग्रोथ हब के तौर पर होंगे विकसित; बजट में एलान

Dainik Jagran - National - March 10, 2025 - 8:28pm

जागरण, राज्य ब्यूरो, मुंबई। प्रचंड बहुमत के साथ नई पारी शुरू करने के तीन महीने बाद महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ महायुति (राजग) सरकार ने मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) को एक बड़े विकास केंद्र (ग्रोथ हब) के रूप में विकसित करने और मुंबई-पुणे-नासिक के बीच के स्वर्णिम त्रिभुज में विकास को बढ़ावा देने की अपनी योजना का अनावरण किया है। 

उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि मुंबई में अंतरराष्ट्रीय स्तर के सात व्यावसायिक केंद्रों की स्थापना की जाएगी। इससे शहर की अर्थव्यवस्था को मौजूदा 140 अरब डॉलर से बढ़ाकर 2047 तक 1.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य है।

एमएमआर में ये जिले शामिल

सोमवार को देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार ने 2025-26 का बजट पेश करते हुए कई नई पहलों की घोषणा की। फडणवीस ने कहा कि बजट महाराष्ट्र के विकास को बढ़ावा देनेवाला है। उनके साथ उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजीत पवार भी थे। पवार राज्य के वित्त और योजना मंत्री भी हैं। एमएमआर में मुंबई शहर और मुंबई उपनगरीय जिले और समीपवर्ती ठाणे, पालघर और रायगढ़ जिले शामिल हैं।

1.5 ट्रिलियन डॉलर लक्ष्य

आज प्रस्तुत बजट में कहा गया है कि एमएमआर को अंतरराष्ट्रीय स्तर के आर्थिक विकास केंद्र (ग्रोथ हब) के रूप में विकसित किया जाएगा। बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स, कुर्ला-वर्ली, वडाला, गोरेगांव, नवी मुंबई, खारघर और विरार-बोइसर जैसे सात स्थानों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के व्यावसायिक केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इसका उद्देश्य मुंबई महानगर क्षेत्र की अर्थव्यवस्था के आकार को मौजूदा 140 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़ाकर 2030 तक 300 बिलियन अमरीकी डॉलर और 2047 तक 1.5 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंचाना है।

नई मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का काम पूरा

1,160 हेक्टेयर में फैले नई मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का 85 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। वहां से अप्रैल 2025 में घरेलू उड़ानें संचालित होंगी। इस बीच मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को नई मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से जोड़ने के लिए जल्द ही मेट्रो का काम भी शुरू किया जाएगा। एमएमआर के लिए तीसरा हवाई अड्डा पालघर जिले में वधावन बंदरगाह के पास बनाने की सहमति भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दे चुके हैं।

वधावन में बनेगा बुलेट ट्रेन का स्टेशन

मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन मार्ग पर वधावन बंदरगाह के पास एक स्टेशन स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा वधावन बंदरगाह को मुंबई-नागपुर समृद्धि महामार्ग से भी जोड़ा जाएगा। रायगढ़ जिले के काशिद में फ्लोटिंग जेटी का काम जल्द ही शुरू होगा।

फडणवीस के अनुसार मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया से मांडवा और एलीफेंटा तक सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक, सुसज्जित नौकाओं के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करने हेतु एक नीति की घोषणा की जाएगी। ठाणे से नई मुंबई तक एक एलिवेटेड मार्ग भी बनाया जाएगा। स्वातंत्र्यवीर सावरकर वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक परियोजना, बांद्रा और वर्सोवा के बीच 14 किलोमीटर तक फैली हुई है, जिसकी अनुमानित लागत 18,120 करोड़ रुपए है। इसे मई 2028 तक पूरा किया जाना है।

यहां शुरू होंगी नई मेट्रो लाइन

पुणे से शिरूर तक 564 किलोमीटर लंबी सड़क के लिए 7,515 करोड़ रुपये की लागत से काम शुरू किया जाएगा। इसके अलावा मुंबई-नासिक-पुणे त्रिकोण पर स्थित तलेगांव से चाकन तक 25 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 4 एलिवेटेड सड़कें शामिल हैं। इस योजना पर 6,499 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। मुंबई, नागपुर और पुणे महानगरों की कई मेट्रो लाइनें अगले पांच वर्षों में चालू हो जाएगी।

कुंभ मेले की योजना भी बनी

2027 के सिंहस्थ कुंभ मेले की मेजबानी करने वाले नासिक जिले में भी बड़े पैमाने पर विकास की योजना बनाई गई है। रामकाल पथ विकास परियोजना के तहत नासिक में रामकुंड, कालाराम मंदिर और गोदावरी नदी तट के विकास के लिए 146.10 करोड़ रुपए आवंटित किए जाएंगे। कुंभ मेले से पहले नमामि गोदावरी अभियान की रूपरेखा तैयार की गई है। कुंभ मेले के व्यवस्थित आयोजन के लिए एक विशेष प्राधिकरण की स्थापना भी की जाएगी।

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बिहार के सुभाष शर्मा को तेलंगाना में मिली मौत की सजा, गुनाह जानकार कांप उठेगा कलेजा

Dainik Jagran - National - March 10, 2025 - 8:03pm

आईएएनएस, हैदराबाद। तेलंगाना के नलगोंडा की एक विशेष अदालत ने सोमवार को 2018 के ऑनर किलिंग मामले में एक भाड़े के हत्यारे को मौत की सजा और छह अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। एससी/एसटी अदालत ने छह साल पहले अनुसूचित जाति के युवक पी. प्रणय की हत्या के लिए बिहार के मूल निवासी सुभाष कुमार शर्मा को मौत की सजा सुनाई।

सरेआम की गई थी प्रणय की हत्या

प्रणय की सार्वजनिक रूप से उस समय हत्या कर दी गई, जब वह गर्भवती पत्नी अमृता और मां के साथ 14 सितंबर 2018 को मिर्यालगुडा के एक निजी अस्पताल से बाहर आ रहा था। यह हत्या सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी। प्रणय ने ऊंची जाति की अमृता से विवाह किया था। वे बचपन के दोस्त थे। उनकी शादी 30 जनवरी 2018 को हैदराबाद के आर्य समाज मंदिर में हुई थी।

अमृता के पिता ने की आत्महत्या

प्रणय की हत्या के लिए भाड़े पर हत्यारे बुलाने वाले अमृता के पिता मामले में पहले आरोपित थे। वह जब जमानत पर थे तो सात मार्च 2020 को आत्महत्या कर ली। मारुति राव पर अन्य आरोपित के माध्यम से भाड़े के हत्यारे सुभाष शर्मा को एक करोड़ रुपये देकर हत्या की साजिश रचने का आरोप था। छह साल तक चली सुनवाई के बाद अदालत ने शर्मा को दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई।

बाकी दोषियों को हुई आजीवन कारावास की सजा

अन्य दोषियों में असगर अली, अब्दुल बारी, एमए करीम, मारुति राव के भाई श्रवण कुमार, ऑटो चालक निजाम और मारुति राव के कार चालक शिवा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। असगर अली 2003 में गुजरात के पूर्व गृह मंत्री हरेन पंड्या की हत्या का भी आरोपित है।

प्रणय के पिता पी बालास्वामी की शिकायत पर पुलिस ने आठ आरोपितों को गिरफ्तार किया था। 12 जून 2019 को पुलिस ने ट्रायल कोर्ट में 1,600 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। सुभाष शर्मा को छोड़कर सभी आरोपितों को 2019 में जमानत मिल गई थी।

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Tejashwi Yadav: 'जरूरत पड़ी तो 5-6 हिंदू सामने आएंगे'; तेजस्वी यादव का दावा, BJP के MLA बचौल पर निकाली भड़ास

Dainik Jagran - March 10, 2025 - 8:03pm

राज्य ब्यूरो, पटना। हिंदुओं का प्रमुख पर्व होली को महज चार रोज रह गए हैं। होली शुक्रवार को मनाई जानी है, उसी दिन जुमे की नमाज भी पढ़ी जानी है। अब इसको लेकर यूपी के बाद बिहार में भी राजनीति शुरु हो गई है।  

भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने कहा कि जुमे की नमाज साल में 52 दिन होती है और होली साल में एक बार आती है। इसलिए बेहतर होगा कि मुस्लिम समाज घर से बाहर नहीं निकले। वरना कोई रंग लगा देगा तो वे इसका गलत अर्थ लगाएंगे। माहौल भी खराब हो सकता है।

अब विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भाजपा विधायक के बयान का पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि घृणा फैलाने के आरोप में भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल की गिरफ्तारी होनी चाहिए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चाहिए कि वे बचौल को बुलाकर डांटे।

तेजस्वी ने कहा कि सत्ता मिले न मिले, जब तक राजद है, लालू प्रसाद की विचारधारा है, वे किसी को गंगा-जमुनी संस्कृति के विरुद्ध काम करने की अनुमति नहीं देंगे। अगर जरूरत पड़ी तो एक मुस्लिम की सुरक्षा के लिए पांच-छह हिन्दू सामने आएंगे।

तेजस्वी ने सोमवार को बचौल पर तीखी टिप्पणी की। तेजस्वी ने पूछा कि ये राज्य बचौल के पिताजी के बाप का है क्या? बचौल है कौन? बचौल को क्या पता है? मंत्री नहीं बनाया, इसलिए उल्टा-पुल्टा बोल रहे हैं।

उन्होंने इस प्रकरण में जदयू की चुप्पी पर भी प्रश्न किया। उन्होंने कहा कि जदयू आज पूरी तरह भाजपा और आरएसएस के रंग में रंग गया है।

भाजपा पहले पिछड़े, अति पिछड़े और महिलाओं पर हमला बोलती थी। अब मुसलमानों पर हमला कर रही है। लेकिन, यह बिहार है। यहां भाजपा कुछ नहीं कर पाएगी।

JDU प्रदेश अध्यक्ष ने कहा- RJD ने अल्पसंख्यकों को ठगा, नीतीश कुमार ने दिलाया वाजिब हक

जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने सोमवार को कहा कि राजद ने अल्पसंख्यकों को वोट बैंक बनाया और नीतीश कुमार ने उन्हें वाजिब हक दिलाया। अल्पसंख्यक समाज के वास्तविक हितों की रक्षा को लेकर नीतीश सरकार प्रतिबद्ध है।

जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा खुद को अल्पसंख्यक समाज का हितैषी कहना ढोंग है। राजद ने केवल अल्पसंख्यकों को गुमराह कर उनके वोट बटोरने की राजनीति की।

लालू-राबड़ी के 15 वर्षों के शासनकाल में अल्पसंख्यक समुदाय को केवल ठगा गया। अल्पसंख्यक समाज के वास्तविक हितों की रक्षा हेतु नीतीश सरकार पूरी तरह से कृत संकल्पित है।

नीतीश कुमार ने कब्रिस्तानों की घेराबंदी, उर्दू शिक्षकों की बहाली, मदरसा शिक्षकों के वेतनमान, मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक उद्यमी योजना, तालिमी मरकज और मदरसों के आधुनिकीकरण की योजनाओं को धरातल पर उतारा।

जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि लालू-राबड़ी राज में अल्पसंख्यकों के नाम पर केवल खोखली राजनीति की गई। उनके शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार की चिंता कभी नहीं की। बिहार की जनता समझ चुकी है कि राजद का असली मकसद केवल सत्ता हासिल करना है।

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बिहार में NH-31 की बढ़ेगी चौड़ाई, 22 KM लंबे RCC नाले का भी होगा निर्माण; 249 करोड़ रुपये मंजूर

Dainik Jagran - March 10, 2025 - 8:00pm

राज्य ब्यूरो, पटना। पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने सोमवार को बताया कि एनएच-31 के अथमगोला से बाढ़ होते हुए मोकामा तक सड़क की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी। इसके लिए कुल 249.88 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त हुई है।

उन्होंने बताया कि इसमें कुल 40 किमी के पथांश में 22 किमी लंबाई में आरसीसी नाले का भी निर्माण कराए जाने का प्रविधान है। वह विधानपरिषद में नीरज कुमार के ध्यानाकर्षण का उत्तर दे रहे थे।

जदयू MLC ने उठाया मुद्दा

जदयू विधानपार्षद भीसम सहनी ने पश्चिम चंपारण जिला अंतर्गत बगहा रेलवे ढाला पर हो रहे आरओबी निर्माण के एप्रोच कार्य में दरार होने को लेकर ध्यानाकर्षण लाया।

इसपर मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि इंजीनियरों के साथ एनआइटी पटना की टीम से इसकी जांच कराई गई है, जिसमें निर्माण को सुरक्षित बताया गया है। सदस्य की आपत्ति पर वह एनआईटी की तकनीकी टीम से दोबारा इसकी जांच करा लेंगे।

पीएम आवास योजना में अनियमितता

भोजपुर के जगदीशपुर नगर पंचायत में पीएम आवास योजना में अनियमितता के प्रश्न पर नगर विकास एवं आवास मंत्री जिवेश कुमार ने सदन को आश्वासन दिया कि 15 दिनों के अंदर मामले की जांच पूरी कर इसी सत्र में कार्रवाई की जानकारी दी जाएगी। वह भगवान सिंह कुशवाहा के ध्यानाकर्षण का जवाब दे रहे थे।

कंगन घाट से दीदारगंज के बीच बन रहे पुल का निर्माण जल्द पूरा करें : नीतीश

दूसरी ओर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को जेपी गंगा पथ के तहत कंगन घाट से दीदारगंज के बीच निर्माणाधीन पुल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने निर्देश दिया कि पुल का निर्माण कार्य जल्द पूरा करें। इस मौके पर अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को यह जानकारी दी कि निर्माण कार्य तेजी से चल रहा।

इस महीने के अंत तक निर्माण कार्य को पूरा कर लिया जाएगा। साइट मैप के माध्यम से अधिकारियों ने जेपी गंगा पथ परियोजना के तहत रेलवे से हस्तांतरित जमीन पर पटना साहिब से पटना घाट पथ के निर्माण कार्य के बारे में भी जानकारी दी। दीदारगंज- बख्तियारपुर-मोकामा पथ के चौड़ीकरण योजना के बारे में भी मुख्यमंत्री को बताया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जेपी गंगा पथ का निर्माण दीदारगंज तक हो जाने से बिहारशरीफ, मोकामा और बेगूसराय तक जाने में समय की बचत होगी। लोगों को पटना शहर और पटना के बाहर कहीं भी आने-जाने में सहूलियत होगी। गंगा पथ परियोजना अपने आप में अद्भुत है। इससे यातायात में गतिशीलता आएगी और सहूलियत होगी।

निरीक्षण में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, कुमार रवि, विशेष कार्य अधिकारी गोपाल सिंह, पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह, व बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के अध्यक्ष शीर्षत कपिल अशोक भी मौजूद थे।

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'न काम के घंटे तय, न साप्ताहिक अवकाश', 29 साल से हो रही मांग; आखिर पुलिस सुधारों पर कब लगेगी मुहर?

Dainik Jagran - National - March 10, 2025 - 7:57pm

जागरण टीम, नई दिल्‍ली। देश में सभी नागरिक भयमुक्त और सुरक्षित जीवन जी सकें, इसमें पुलिस व्यवस्था की अहम भूमिका है। तमाम कमियों के बावजूद पुलिस 365 दिन और चौबीसों घंटे कानून व्यवस्था बनाए रखने का काम करती है, लेकिन वर्तमान व्यवस्था में ऐसा लगता है कि पुलिसकर्मी इंसान नहीं, मशीन हैं। वे दिन रात काम करते हैं। उनके काम के घंटे तय नहीं हैं। उनको अवकाश मिलना भी उच्च अधिकारियों के विवेक पर निर्भर करता है।

अब सर्वोच्च न्यायालय उनके काम के घंटे तय करने और साप्ताहिक अवकाश सुनिश्चित करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हुआ है। सवाल उठता है कि जब पुलिस की जवाबदेही तय करने के लिए राजनीतिक दल और समाज हमेशा मुखर रहता है तो एक कर्मचारी के तौर पर उनको न्यूनतम मानवीय अधिकारों से वंचित रखे जाने के खिलाफ कहीं से कोई आवाज क्यों नहीं उठती है।

आजादी के बाद से ही पुलिस सुधारों की बात हो रही है। 1996 में प्रकाश सिंह पुलिस सुधारों की मांग लेकर सर्वोच्च अदालत पहुंचे थे, लेकिन आज भी जमीन पर हालात बदले नहीं हैं। पुलिसकर्मियों को जरूरी मानवीय सुविधाओं से वंचित रखने और पुलिस सुधार लागू न हो पाने के कारणों की पड़ताल ही आज का मुद्दा है?

पुलिस क्‍या काम करती है?  

पुलिस को अपराध की जांच, कानून व्यवस्था से जुड़ी ड्यूटी, सूचनाएं जुटाने के साथ पेट्रोलिंग भी करनी पड़ती है। पुलिसकर्मियों को वीआइपी ड्यूटी और त्योहारों व विशेष आयोजनों के दौरान व्यवस्था की देखरेख में भी लगाया जाता है। इन कामों के साथ पुलिसकर्मियों को अदालत से जुड़े जटिल काम भी करने होते हैं।

धर्मवीर आयोग (राष्ट्रीय पुलिस आयोग) ने क्‍या सिफारिश की थी?

पुलिस सुधारों को लेकर सबसे पहले 1977 में धर्मवीर की अध्यक्षता में आयोग का गठन किया गया। इसे राष्ट्रीय पुलिस आयोग कहा जाता है। चार वर्षों में इस आयोग ने केंद्र सरकार को आठ रिपोर्ट सौंपी थीं, लेकिन इसकी सिफारिशों पर अमल नहीं किया गया।

धर्मवीर आयोग की प्रमुख सिफारिशें 
  • हर राज्य में एक प्रदेश सुरक्षा आयोग का गठन किया जाए
  • जांच कार्यों को शांति व्यवस्था संबंधी कामकाज से अलग किया जाए
  • पुलिस प्रमुख की नियुक्ति के लिए एक विशेष प्रक्रिया अपनाई जाए
  • पुलिस प्रमुख का कार्यकाल तय किया जाए
  • -एक नया पुलिस अधिनियम बनाया जाए
समितियां बनीं, पर क्‍या कार्रवाई हुई?

गृह मंत्रालय के स्टेटस नोट के अनुसार, पुलिस सुधारों के लिए पिछले कई वर्षों में विभिन्न समितियों/आयोगों का गठन किया गया।  पुलिस के पुनर्गठन पर पद्मनाभैया समिति (2000) और आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधारों पर मलीमठ समिति (2002-03) के सुझाव उल्लेखनीय हैं।

साल 1998 में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर जूलियो रिबेरो की अध्यक्षता में एक अन्य समिति का गठन किया गया था। इसका काम केंद्र सरकार/राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों द्वारा की गई कार्रवाई की समीक्षा करने और आयोग की लंबित सिफारिशों को लागू करने के तरीके सुझाना था।

पुलिस सुधारों पर 2006 में सुप्रीम कोर्ट के सात निर्देश
  • स्टेट सिक्योरिटी कमीशन का गठन किया जाए, ताकि पुलिसकर्मी बिना दवाब के काम कर सकें।
  • पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी बनाई जाए, जो पुलिस के खिलाफ आने वाली गंभीर शिकायतों की जांच कर सके।
  • थाना प्रभारी से लेकर पुलिस प्रमुख तक का एक स्थान पर दो वर्ष का ही कार्यकाल हो।
  • नया पुलिस अधिनियम लागू किया जाए।
  • अपराध की विवेचना और कानून व्यवस्था के लिए अलग पुलिस की व्यवस्था की जाए।
  • पुलिस उपाधीक्षक के पद से नीचे के अधिकारियों के स्थानांतरण, पोस्टिंग, पदोन्नति और सेवा से संबंधित अन्य मामलों को तय करने के लिए राज्य स्तर पर पुलिस स्थापना बोर्ड बनाया जाए।
  • केंद्र सरकार को सुझाव दिया गया कि वह केंद्रीय स्तर पर एक राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग बनाए। इसका काम केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुखों के चयन और नियुक्ति के लिए एक पैनल तैयार करना था, जिनका न्यूनतम कार्यकाल दो वर्ष का हो।
अभी क्‍या स्थिति है?

सर्वोच्च न्यायालय में मामला अंतिम बार 16 अक्टूबर, 2012 को सुनवाई के लिए आया था। सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और भारत संघ को निर्देश दिया गया था कि वे 2006 में शीर्ष अदालत द्वारा दिए गए निर्देशों के संदर्भ में स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

गृह मंत्रालय ने 26 फरवरी, 2013 को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामे के माध्यम से एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल की थी और मामला फिलहाल विचाराधीन है।

दूसरे देशों में पुलिस के काम के घंटेब्रिटेन
  • 40 घंटे प्रति सप्ताह काम करते हैं पुलिस वाले ब्रिटेन में
  • 22 दिन की न्यूनतम सालाना छुट्टी मिलती है
  •  सप्ताह में एक दिन की छुट्टी का है प्रावधान
  •  सैलरी के साथ मिलती है सिक लीव
अमेरिका
  • 40 घंटे प्रति सप्ताह का वर्क शेड्यूल लागू
  • 8 घंटे 35 मिनट की शिफ्ट में काम करती है न्यूयॉर्क पुलिस
  • 5 दिन काम के बाद दो दिन  मिलता है आफ
  • 9 घंटे की शिफ्ट में काम करती है सिएटल पुलिस
कनाडा
  • 10 घंटे की शिफ्ट होती है दिन व शाम की। रात में 8.30 घंटे की शिफ्ट
  • 3 शिफ्ट में संचालित होते हैं पुलिस स्टेशन
  • लंबी शिफ्ट के बाद पुलिसकर्मियों को मिलता है रेस्ट डे
आस्ट्रेलिया
  • 12 घंटे की शिफ्ट का सिस्टम 2009 तक लागू था
  • अब 8 घंटे की शिफ्ट में काम करती है स्थानीय पुलिस

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NCLAT upholds ICICI Securities delisting, dismisses minority shareholder objections

Business News - March 10, 2025 - 7:56pm
The National Company Law Appellate Tribunal (NCLAT) on Monday upheld the lower tribunal’s orders to approve the scheme of arrangement for delisting of broking firm ICICI Securities Ltd from the bourses. Last year in August and October, Mumbai and Ahemadabad benches of the National Company Law Tribunal (NCLT) approved applications filed by the ICICI Securities Ltd and ICICI Bank to delist the private sector lender’s securities company from the bourses. The appellate tribunal ruled this in separate applications filed by the Quantum Mufutal Fund and individual shareholder Manu Rishi Guptha challenging the NCLT orders, that approved the delisting. “Appellant has purchased shares of ICICI Securities even after the scheme was announced and the swap ratio was in the public domain it makes it obvious the appellant is not acting bona fide in raising objections to the Scheme but is indulging in speculative litigation,” observed the division bench of Justice Yogesh Khanna and a technical member Ajai Das Mehrotra in an appeal filed by Manu Rishi Guptha. “Thus the contentions raised does not inspire us to set aside a reasoned order, hence all appeals are dismissed,” said NCLAT in its 12-page order. ICICI Bank and ICICI Securities argued that the two applications filed against the brokerage house’s proposed delisting are opposed to the established principle of shareholder democracy and sought to dismiss the same. The bank and the brokerage house also argued that under Section 230 (4) of the Companies Act, only shareholders holding a minimum of 10% of the total shareholding of the company are eligible to object to a scheme of arrangement. The respondents further argued that two objectors Quantum Mutual Fund and an investor Manu Rishi Guptha hold 7,41,488 shares (0.010%) and 200 shares (0.0000% negligible shareholding) respectively in the bank. In two separate applications, Quantum Mutual Fund and an investor Manu Rishi Guptha have objected to the proposed delisting of ICICI Securities with the arguments that the swap adversely affects minority shareholders. Quantum Mutual Fund and Manu Rishi Guptha hold 0.08% and 0.002% of the paid-up equity share capital of ICICI Securities respectively.Before the tribunal’s approval in August, the delisting proposal was approved by 93.82% in value of the equity shareholders of ICICI Securities. Further, 71.89% in value of the public shareholders also approved it which is well above the requisite threshold under applicable law.In this case, Senior Counsels Arun Kathpalia and Krishnendu Datta appeared for ICICI Securities and ICICI Bank respectively, while advocate Viraj Parekh appeared for Quantum Mutual Fund and counsel Kausik Chatterjee argued for Manu Rishi Guptha.
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Bihar News: जीविका दीदियों का बढ़ गया काम, बिहार में मनरेगा मजदूरों को भी होली से पहले मिल गई बड़ी खुशखबरी

Dainik Jagran - March 10, 2025 - 7:52pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के छोटे-बड़े सभी किसानों को ड्रोन के माध्यम से फसलों में किटनाशक-उवर्रक आदि के छिड़काव की सुविधा मिलेगी।

इसके लिए जीविका दीदियों को भी इस योजना से जोड़ा गया है। जीविका दीदियां ड्रोन भी उड़ाएंगी। विधानपरिषद में डॉ. संजीव कुमार सिंह और नीरज कुमार के प्रश्न के उत्तर में सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि राज्य में 53 हजार 400 एकड़ खेतों में ड्रोन के माध्यम से छिड़काव करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके विरुद्ध 16 हजार एकड़ से अधिक में छिड़काव किया जा चुका है।

इसी प्रश्न के दौरान राजद के सुनिल कुमार सिंह ने अब तक इस कार्य के लिए हुई ड्रोन खरीद के आंकड़े मांगे, इसको लेकर कुछ देर तक पक्ष-विपक्ष के बीच हंगामे जैसी स्थिति भी रही।

इस पर मंत्री ने बताया कि 201 ड्रोन का वितरण अभी तक किया गया है। मंत्री ने बताया कि राज्य के 101 अनुमंडल में 2026 तक 202 कृषि क्लिनिक खोलने का लक्ष्य रखा गया है, जहां फल समेत अन्य फसलों में लगने वाले रोगों का उपचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी तक 39 कृषि क्लिनिक की स्थापना की जा चुकी है।

सौरभ कुमार के तारांकित प्रश्न के उत्तर में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि मनरेगा की मजदूरी बढ़कर 245 रुपये हुई है। केंद्र सरकार से भी मजदूरी बढ़ाने का आग्रह किया गया है।

कृषि से जुड़े स्वरोजगार से 35.89 लाख जीविका दीदियां बनी आत्मनिर्भर

जीविका बिहार में महिला सशक्तीकरण की मिशाल बन चुकी है। बिहार में सर्वाधिक कृषि से जुड़े स्वरोजगार से 35 लाख 89 हजार जीविका दीदियां आत्मनिर्भर बन चुकी है।

कृषि विभाग से समन्वय कर अबतक 515 कस्टम हायरिंग केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। कृषि क्षेत्र में 5 हजार 178 कृषि उद्यम की स्थापना की गई है।

वहीं, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सहयोग से समेकित मुर्गी विकास के अलावा समेकित बकरी एवं भेड़ विकास योजना के तहत 8.09 लाख परिवारों को मुर्गीपालन एवं बकरीपालन से जोड़ा गया है।

1.42 लाख परिवार दुग्ध उत्पादन से जुड़े हुए हैं। करीब एक हजार जीविका दीदियां मत्स्य पालन से जुडी हैं। अबतक 5,987 पशु सखियों को प्रशिक्षित किया गया है, जो बकरीपालन करने वाली 5.97 लाख परिवारों को सेवा प्रदान कर रही हैं।

सीमांचल बकरी उत्पादक कंपनी की गई स्थापित
  • अररिया में सीमांचल बकरी उत्पादक कंपनी स्थापित की गयी है, जिससे अबतक 19 हजार 956 परिवारों को जोड़ा गया है।
  • राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड की सहायता से कोशी प्रमंडल में स्थापित कौशिकी दुग्ध उत्पादक कंपनी के अंतर्गत अबतक 829 दुग्ध संग्रहण केंद्र खोले गए हैं।
  • अबतक 26,280 पशुपालक दूध की बिक्री इन दुग्ध संग्रहण केंद्रों में कर रहे हैं एवं प्रतिदिन औसतन 70 हजार लीटर दूध का संग्रहण इन केंद्रों के माध्यम से किया जा रहा है।
  • मधुमक्खी पालन कार्य के लिए अबतक 490 उत्पादक समूहों का गठन किया गया है। आइआइएम कोलकाता के सहयोग से महिला उद्यमिता के क्षेत्र में अबतक 150 दीदियों का उद्यम विकास किया गया है।

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पढ़ाई हो चुकी पूरी... मगर कैंपस प्लेसमेंट में क्यों आ रही दिक्कत, AI ने बढ़ाई टेंशन या कुछ और है कहानी?

Dainik Jagran - National - March 10, 2025 - 7:44pm

जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली। पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2025 में उद्योगों में होने वाली नियुक्ति में 11.1 प्रतिशत वृद्धि होने का अनुमान है। समग्रता में तो यह युवाओं के लिए अच्छा है, लेकिन कॉलेजों में इसी वर्ष पढ़ाई पूरी कर कैंपस प्लेसमेंट की आस संजोने वालों के लिए चुनौती बनी हुई है। इसका प्रमुख कारण यह है कि उद्योग जगत में सर्वाधिक मांग एक से पांच वर्ष तक अनुभव वालों की है।

14 फीसदी प्रेशर्स रखना चाहती है कंपनियां

ताजा रिपोर्ट में वर्ष 2025 के लिए नियुक्तियों की मांग का आकलन किया गया है। इसमें बताया गया है कि कंपनियां नई नियुक्तियों में फ्रेशर्स मात्र 14 प्रतिशत रखना चाहती हैं। इसमें भी कैंपस प्लेसमेंट के लिए अनुमान लगभग दस प्रतिशत है। महत्वपूर्ण यह भी है कि नियुक्ति प्रक्रिया में एआई का उपयोग कुछ ही समय में 38 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है।

इस सर्वे में सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े

इंडिया हायरिंग इंटेंट सर्वे- 2025 भारत में रोजगार के बाजार की नब्ज टटोलता है। इसके निष्कर्ष बताते हैं कि सभी उद्योगों में एक से पांच वर्ष के अनुभव वाले उम्मीदवारों के बीच प्रतिभा की मांग सबसे अधिक है। इस वर्ग के अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए 55.2 प्रतिशत कंपनियों ने सकारात्मक रुख दिखाया है।

सभी वर्गों में फ्रेशर्स की मांग घटी

कुल नियुक्तियों में इस वर्ग की भागीदारी 47 प्रतिशत संभावित है। सभी अनुभव वर्गों में फ्रेशर्स की मांग कम है। सभी उद्योगों से औसतन 14 प्रतिशत नई नियुक्तियां फ्रेशर्स की होने की उम्मीद है। 26 प्रतिशत नई नियुक्तियां 6-10 वर्ष के अनुभव वाले उम्मीदवारों के अनुभव वर्ग से होने की उम्मीद है।

ऑटोमोटिव उद्योग में फ्रेशर्स की मांग

यहां इसे इस रूप में नहीं देखा जा सकता कि अनुभव को ही हाथों-हाथ लिया जा रहा है, क्योंकि दस वर्ष से अधिक अनुभव रखने वालों की मांग तो फ्रेशर्स से भी कम आंकी गई है। हालांकि, कुछ उद्योग अभी भी फ्रेशर्स को काम पर रखने में रुचि दिखा रहे हैं। इनमें ऑटोमोटिव उद्योग 21 प्रतिशत नए कर्मचारियों के साथ सबसे आगे है। इसके विपरीत विनिर्माण उद्योग में फ्रेशर्स की सबसे कम मांग होने का अनुमान है, जिसमें केवल पांच प्रतिशत नए कर्मचारियों के इस समूह से आने की उम्मीद है।

बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज व इंश्योरेंस सेक्टर भी फ्रेशर्स को लेकर सकारात्मक है। इस क्षेत्र में 20 प्रतिशत नए कर्मचारी इस अनुभव वर्ग से आते हैं। फार्मा-हेल्थकेयर और आईटी जैसे अन्य उद्योगों में मांग क्रमश: नौ और 20 प्रतिशत नए कर्मचारी फ्रेशर्स होने की उम्मीद है। बाजार की इस डिमांड स्टोरी के लिए नियुक्ति प्रक्रिया का प्रचलन भी गौर करने लायक है।

जॉब पोर्टल पर अधिक विश्वास

नियुक्ति के माध्यम की बात करें तो कंपनियां दस प्रतिशत नई नियुक्ति कैंपस प्लेसमेंट के माध्यम से करना चाहती हैं, जबकि सबसे अधिक विश्वास उन्हें जॉब पोर्टल पर है। दूसरे स्थान पर वह कंपनियों की आंतरिक अनुशंसा (इंटरनल रेफरल) पर विश्वास रखती हैं। इसी तरह आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) के बढ़ते प्रभाव से रोजगार का बाजार भी अछूता नहीं है।

इंडिया स्किल्स रिपोर्ट का यह संस्करण संकेत देता है कि भर्ती प्रक्रिया में स्क्रीनिंग, मूल्यांकन, भर्ती अनुशंसा से लेकर साक्षात्कार में एआई के उपयोग में 38 प्रतिशत वृद्ध होने की संभावना है। बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज व इंश्योरेंस सेक्टर के 100 प्रतिशत नियोक्ताओं ने एआई पर विश्वास जताया है, जबकि आईटी में इसका दखल 67 प्रतिशत तक पहुंच चुका है।

                                                 अनुभव वर्ग और मांग

फ्रेशर्स 14 प्रतिशत 1 से 5 वर्ष 47 प्रतिशत 6 से 10 वर्ष 26 प्रतिशत 10 वर्ष या उससे अधिक 13 प्रतिशत नियुक्ति माध्यम
प्रतिशत जॉब पोर्टल 37 प्रतिशत इंटरनल रेफरल 32.5 प्रतिशत सोशल मीडिया और नेटवर्क 13 प्रतिशत कैंपस प्लेसमेंट 10 प्रतिशत रिक्रूटमेंट एजेंसी 5 प्रतिशत कंपनी वेबसाइट 2.5 प्रतिशत

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Bihar Politics: चुनाव से पहले नीतीश सरकार ने शुरू की एक नई योजना! अशोक चौधरी बोले- अगले 2 साल में...

Dainik Jagran - March 10, 2025 - 7:35pm

राज्य ब्यूरो, पटना। ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने सोमवार को विधानपरिषद में बताया कि विभाग के पास पांच हजार 495 पुल-पुलियों के निर्माण का प्रस्ताव है।

इनमें 600 पुलों का निर्माण इस वित्तीय वर्ष में पूरा होना है, जबकि 400 पुलों का निर्माण अगले वर्ष में किया जाएगा। वह सर्वेश कुमार के अल्पसूचित प्रश्न का जवाब दे रहे थे।

मंत्री ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में संपर्कता बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री सेतु योजना की शुरुआत की गई है। इसके लिए जिलों के प्रभारी मंत्री के माध्यम से प्रस्तावित पुलों की संख्या मांगी गई है।

इसके तहत सिर्फ दरभंगा जिले में 210 पुल-पुलियों का निर्माण किया जाना है। डॉ. अजय कुमार सिंह और राजीव कुमार के तारांकित प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने बताया कि सुपौल जिले में 156 पुल-पुलिया बनाए जाएंगे जबकि खगडि़या में 170 पथों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है।

चुनाव से पहले दुरुस्त होंगी ग्रामीण सड़कें, हटेगा अतिक्रमण
  • राज्य के सभी जिलों की ग्रामीण सड़कों को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।
  • इसके लिए अप्रैल में पथ निर्माण के अलावा गृह विभाग के सचिव के साथ बैठक कर कार्ययोजना बनाई जाएगी।
  • विधानपरिषद में डॉ. संजीव कुमार सिंह के प्रश्न के जवाब में मंत्री अशोक चौधरी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चुनाव से पहले ग्रामीण सड़कों के गड्ढों को भरकर दुरुस्त करने का टास्क रखा गया है।
  • वहीं, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने अब्दुल बारी सिद्दीकी के ध्यानाकर्षण के उत्तर में बताया कि मनरेगा में अनियमितता की जांच का निर्देश अधिकारियों को दिया गया है।
विधानसभा में 11,187 करोड़ का तृतीय अनुपूरक बजट पारित

सोमवार को बिहार विधानसभा में सरकार की ओर से चालू वित्तीय 2024-25 के लिए 11,187 करोड़ 14 लाख 17 हजार रुपये का पेश तृतीय अनुपूरक बजट पारित हो गया।

इससे पहले उप मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने विधानसभा की दूसरी पाली में बिहार विनियोग विधेयक, 2025 पेश किया।

विपक्ष के बहिष्कार के उपरांत विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने उक्त विधेयक को सत्तापक्ष के बहुमत के आधार पर मंजूरी दी।

इससे पहले उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने सदन में कहा कि 2024-25 के लिए 11187 करोड़ का तृतीय अनुपूरक बजट है।

इसमें वार्षिक स्कीम मद में 9237 करोड़ और स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय में 1949 करोड़ प्रविधान किया गया है। वहीं, राज्य स्कीम मद में सबसे अधिक 4974 करोड़ का प्रविधान किया गया है।

इसमें सबसे अधिक राशि मेडिकल कालेज अस्पताल, एनएनएम और जीएनएम स्कूल के निर्माण पर खर्च की जाएगी। जबकि केंद्रांश और राज्यांश मिलकार सबसे अधिक राशि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लिए 2293 करोड़ आवंटित किया गया है।

उन्होंने कहा कि वार्षिक स्कीम मध्य में केंद्रीय प्रायोजित स्कीम के तहत केंद्र का 1229 करोड़ और राज्य का 3034 करोड़ यानी कुल 4263 करोड़ प्रविधान किया गया है।

केंद्रीय प्रायोजित स्कीम में पीएम आवास योजना में 951 करोड़ केंद्र का अंश और राज्यांश 1340 करोड़ है। इसके अलावे आंगनबाड़ी पोषण-2 में 71.41 करोड़, वृद्धा अवस्था पेंशन के लिए 61.09 करोड़ आवंटित किया गया है।

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