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बिहार के 396 संविदा कर्मियों की नौकरी पर मंडरा रहा खतरा! 2020 का आदेश विभाग ने अब तक नहीं किया लागू

Dainik Jagran - March 10, 2025 - 11:03pm

राज्य ब्यूरो, पटना। पंचायतीराज विभाग के राज्य पंचायत संसाधन केंद्र (एसपीआरसी) एवं जिला पंचायत संसाधन केंद्र (डीपीआरसी) में संविदा पर कार्यरत 396 कर्मियों का भविष्य अधर में है। पिछले चार वर्ष से इन संविदा कर्मियों का पगार नहीं बढ़ी है।

इसके पीछे कारण यह है कि 24 सितंबर 2020 को शासनादेश जारी होने के चार वर्ष उपरांत भी विभाग ने इसे लागू नहीं किया है। ऐसे में एसपीआरसी एवं डीपीआरसी में कार्यरत प्रबंधक, शोधकर्ता एवं प्रशिक्षकों के वेतन वृद्धि, भत्ते के पुनरीक्षण आदि चार वर्ष से लंबित है।

संविदा कर्मियों की सरकार से मांग है कि वेतन वृद्धि का लाभ देने के साथ ही अन्य मांगों को शासनादेश में किए गए प्रविधान के अनुसार लागू किया जाए।

उल्लेखनीय है कि उपरोक्त संविदा कर्मियों के दायित्व में त्रिस्तरीय पंचायत राज कर्मियों के प्रशिक्षण के अतिरिक्त बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 में सम्मिलित 29 विषयों, अधिसूचित नियमावलियों, लेखा संधारण, एवं दस्तावेजीकरण, ग्राम कचहरी आदि पर प्रशिक्षण का दायित्व है।

प्रखंड पंचायत विकास योजना ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर अपलोड करने में बिहार अग्रणी

वहीं, दूसरी ओर प्रखंड पंचायतों ने आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रखंड पंचायत विकास योजना निर्माण कर ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर अपलोड कर दिया है।

ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार बिहार देशभर में शीर्ष पर है। राज्य की 98.50 प्रतिशत प्रखंड पंचायतों ने ससमय कार्य को पूर्ण किया है।

526 प्रखंड पंचायतों ने यह कार्य पूर्ण कर लिया गया है। प्रखंड पंचायतों की समाज के विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

कार्य को समय से पूर्ण करने हेतु प्रखंड पंचायतों द्वारा नियमित रूप से निर्धारित समय पर प्रखंड सभा का आयोजन किया गया तथा इससे संबंधित फोटोग्राफ तथा अन्य विववरणी पोर्टल पर अपलोड कर दी गई।

शेष सात प्रखंड पंचायतों में अविश्वास प्रस्ताव एवं तकनीकी कारणों से कार्य अपूर्ण रह गया। ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर उपलब्ध अद्यतन आंकड़ों के अनुसार बिहार के प्रखंड पंचायतों का समय से इस कार्य को पूर्ण करने का प्रतिशत (98.50 प्रतिशत) सर्वाधिक है।

दूसरे स्थान पर पश्चिम बंगाल और हरियाणा तीसरे स्थान पर है। यह दर्शाता है कि पंचायती राज संस्थाओं को सशक्त बनाकर राज्य के विकास में भागीदार बनाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।

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Bihar Teacher Transfer: शिक्षकों को मिलेगी मनपसंद पोस्टिंग, शिक्षा विभाग ने लिया बड़ा फैसला

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Bihar Teacher Transfer: शिक्षकों को मिलेगी मनपसंद पोस्टिंग, शिक्षा विभाग ने लिया बड़ा फैसला

Dainik Jagran - March 10, 2025 - 9:54pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का ऐच्छिक स्थानांतरण-पदस्थापन होगा। ऐसे शिक्षकों के स्थानांतरण-पदस्थापन पर विचार के लिए विद्यालय स्तर पर रिक्ति एवं सरप्लस शिक्षकों का ब्योरा ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर बुधवार यानी 12 मार्च तक अपडेट कर उसका अनुमोदन होगा।

स्थानांतरण-पदस्थापन के लिए 13 मार्च से सॉफ्टवेयर चलेगा। सॉफ्टवेयर चलने के बाद उसमें किसी भी प्रकार का संशोधन नहीं होगा। इसके लिए जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) के संयुक्त हस्ताक्षर से सर्टिफिकेट लिए जाएंगे।

इस बाबत शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ द्वारा सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को सोमवार को निर्देश दिया गया है।

निर्देश के मुताबिक शिक्षकों के स्थानांतरण-पदस्थापन हेतु प्राप्त आवेदनों पर विचार हेतु शिक्षकों की कोटि यथा नियमित शिक्षक, विद्यालय अध्यापक, नियोजित शिक्षक (विशिष्ट शिक्षक सहित) के अनुसार उपलब्धता एवं आवश्यकता संबंधी सूचना अपेक्षित है।

12 मार्च तक ई-शिक्षकोश पोर्टल पर डाटा करें अपडेट

विद्यालय स्तर पर रिक्ति एवं सरप्लस शिक्षकों की विवरणी ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर 12 मार्च तक किया जाना है। 13 मार्च से स्थानांतरण-पदस्थापन का सॉफ्टवेयर सभी श्रेणी के लिए प्राप्त आवेदनों हेतु चलाया जाना है। सॉफ्टवेयर चलाने के दौरान या बाद में यह विवरणी अपडेट नहीं की जा सकती है।

एक बार सॉफ्टवेयर चलाने में लगभग सात दिन लगेंगे। इसलिए एक बार सॉफ्टवेयर चलाने के बाद किसी प्रकार के संशोधन हेतु सॉफ्टवेयर नहीं चलाया जा सकता है।

इसके मद्देनजर अपर मुख्य सचिव ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि विद्यालयवार शिक्षकों की स्वीकृत इकाई, ई-शिक्षाकोष पर कार्यरत शिक्षकों की संख्या, नाम एवं अन्य विवरणी, रिक्ति-सरप्लस शिक्षक एवं आवश्यक शिक्षकों की संख्या अद्यतन रहे।

भीड़ प्रबंधन के लिए रेलवे ने की मंडल स्तरीय अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति

वहीं, दूसरी ओर होली के अवसर पर स्टेशन पर यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने खास तैयारी की है।

वाराणसी मंडल के छपरा, सिवान, बलिया एवं गाजीपुर सहित सभी प्रमुख स्टेशनों पर मंडल रेल प्रबंधक विनीत कुमार श्रीवास्तव के निर्देशानुसार यात्रियों की सुविधा, सुगमता एवं भीड़ प्रबंधन के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है।

स्टेशन अधीक्षक कार्यालय में 15 मार्च से 18 मार्च तक 24 घंटे यात्री हेल्पडेस्क कार्य करेगा। अधिकारी तीन शिफ्टों में भीड़ प्रबंधन एवं स्पेशल गाड़ियों के संचलन की निगरानी करेंगे। हेल्पडेस्क पर स्पेशल ट्रेनों की सूचना उपलब्ध रहेगी।

इसके साथ ही डिस्प्ले बोर्ड पर गाड़ी एवं कोच को स्पष्ट रूप से दर्शाने, पेय जल की व्यवस्था सुनिश्चित करने, अनारक्षित टिकट काउंटर पर अतिरिक्त सुविधा बढ़ाने, अपने निर्धारित प्लेटफॉर्म पर गाड़ी के आगमन और प्रस्थान सुनिश्चित करने के साथ ही अचानक प्लेटफॉर्म नहीं बदलने को ले दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।

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दैनिक वेतनभोगियों और विशिष्ट जरूरत वाले बच्चों के लिए सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, अधिकारियों को भी लगाई फटकार

Dainik Jagran - National - March 10, 2025 - 9:53pm

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दैनिक वेतनभोगियों को नियमित किए जाने के मामले में हाईकोर्ट के आदेश का पालन न करने पर जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों को फटकार लगाई है। कोर्ट ने इसे हठ का स्पष्ट एवं पाठ्यपुस्तक वाला उदाहरण बताया।

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग में 14-19 साल तक काम करने वाले दैनिक वेतनभोगियों को नियमित करने के लिए हाईकोर्ट के 2007 के आदेश का पालन करने के बजाय, राज्य के अधिकारी उन्हें परेशान करने के लिए गुप्त आदेश पारित करते रहे।

पीठ ने क्या कहा?
  • पीठ ने सात मार्च को अपने आदेश में कहा कि हम यह मानने के लिए बाध्य हैं कि वर्तमान मामला राज्य के अधिकारियों/प्राधिकारियों द्वारा प्रदर्शित हठधर्मिता का एक स्पष्ट और पाठ्यपुस्तक वाला उदाहरण है। वे खुद को कानून की पहुंच से ऊपर और परे मानते हैं। कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों ने तीन मई, 2007 के हाईकोर्ट के सरल आदेश का पालन करने में लगभग 16 साल लगा दिए।
  • उनकी यह निष्कि्रयता चौंकाने वाली और प्रथम ²ष्टया अवमाननापूर्ण थी। इसलिए, पीठ ने हाईकोर्ट की खंडपीठ द्वारा लगाए गए 25,000 रुपये के जुर्माने में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और कहा कि अधिकारियों के साथ सख्ती से निपटा जाना चाहिए।
  • कोर्ट ने कहा कि हमें जिस बात की चिंता है, वह केवल वर्षों की देरी नहीं है, बल्कि यह अकाट्य तथ्य भी है कि बेचारे जो दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी हैं उनको याचिकाकर्ताओं द्वारा बार-बार रहस्यमय आदेश पारित करके परेशान किया गया है।
  • इससे एकल जज द्वारा तीन मई, 2007 को पारित आदेश के वास्तविक महत्व और भावना की अनदेखी की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने महसूस किया कि हाईकोर्ट द्वारा 25,000 रुपये के प्रतीकात्मक जुर्माने में किसी भी हस्तक्षेप का औचित्य नहीं है।
विशिष्ट जरूरतों वाले बच्चों के लिए अध्यापकों की भर्ती का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देशित किया है कि 28 मार्च तक विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों के शिक्षण के लिए अध्यापकों के पदों को भरने के लिए अधिसूचित करें। जस्टिस सुधांशु धूलिया और के.विनोद चंद्रन ने पाया कि वर्ष 2021 के फैसले के बावजूद किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ने निर्देशित पदों पर अभी तक नियुक्तियां नहीं की हैं। असल में ज्यादातर राज्यों ने तो ऐसे पदों को चिन्हित तक नहीं किया है।

अदालत ने कहा कि प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश को इन पदों की संख्या को लेकर अधिसूचना जारी करनी होगी और फिर विशेष बच्चों की जरूरतों के अनुरूप ही अधिसूचित पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी।

कोर्ट ने तीन हफ्तों का दिया समय

विगत सात मार्च के इस आदेश में कहा गया है कि इन पदों को मंजूर और अधिसूचित तीन हफ्तों के अंदर किया जाना है। साथ ही इस विषय में दो बड़े सकुर्लेशन वाले दो अखबारों में इसका विज्ञापन देना होगा। खंडपीठ ने अधिवक्ता प्रशांत शुक्ला के जरिये रजनीश कुमार पांडेय की याचिका पर सुनवाई की है।

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Bihar News: कृषि से जुड़े स्वरोजगार से 35.89 लाख जीविका दीदियां बनी आत्मनिर्भर, राज्य में महिलाओं का हो रहा सशक्तिकरण

Dainik Jagran - March 10, 2025 - 9:36pm

डिजिटल डेस्क, पटना। जीविका बिहार में महिला सशक्तिकरण की मिशाल बन चुकी है। जीविका परियोजना से जुड़कर आज लाखों ग्रामीण महिलाएं गरीबी के दुष्चक्र से बाहर निकाल रही हैं। बिहार में सर्वाधिक कृषि से जुड़े स्वरोजगार से 35 लाख 89 हजार जीविका दीदियां आत्मनिर्भर बन चुकी है। कृषि विभाग से समन्वय कर अबतक 515 कस्टम हायरिंग केन्द्र संचालित किए जा रहे हैं। कृषि क्षेत्र में 5 हजार 178 कृषि उद्यम की स्थापना की गई है।

वहीं, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सहयोग से समेकित मुर्गी विकास के अलावा समेकित बकरी एवं भेड़ विकास योजना के तहत 8.09 लाख परिवारों को मुर्गीपालन एवं बकरीपालन से जोड़ा गया है। 1.42 लाख परिवार दुग्ध उत्पादन से जुड़े हुए हैं। करीब 1 हजार जीविका दीदियां मत्स्य पालन से जुडी हैं। अबतक 5,987 पशु सखियों को प्रशिक्षित किया गया है, जो बकरीपालन करने वाली 5.97 लाख परिवारों को सेवा प्रदान कर रही हैं। अररिया में सीमांचल बकरी उत्पादक कंपनी स्थापित की गयी है, जिससे अबतक 19 हजार 956 परिवारों को जोड़ा गया है।

राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की सहायता से कोशी प्रमंडल में स्थापित कौशिकी दुग्ध उत्पादक कंपनी के अंतर्गत अबतक 829 दुग्ध संग्रहण केंद्र खोले गए हैं। अबतक 26,280 पशुपालक दूध की बिक्री इन दुग्ध संग्रहण केंद्रों में कर रहे हैं एवं प्रतिदिन औसतन 70 हजार लीटर दूध का संग्रहण इन केन्द्रों के माध्यम से किया जा रहा है। मधुमक्खी पालन कार्य के लिए अबतक 490 उत्पादक समूहों का गठन किया गया है। आईआईएम कोलकाता के सहयोग से महिला उद्यमिता के क्षेत्र में अबतक 150 दीदियों का उद्यम विकास किया गया है।

खोले गए 10.36 लाख स्वयं सहायता समूहों के बचत खाते

2006 से अब तक 10.63 लाख स्वयं सहायता समूहों का गठन हुआ है। इससे 1 करोड़ 35 लाख से अधिक परिवारों को जोड़ा गया है। अबतक जीविका दीदियों के 10.36 लाख स्वयं सहायता समूहों के बचत खाते खोले गए हैं। विभिन्न बैंकों द्वारा 48 हजार 516 करोड़ रुपये की राशि ऋण के रूप में स्वयं सहायता समूहों को उपलब्ध करायी गयी है।

केस - 1

कटिहार जिले के कुर्सेला प्रखंड के दक्षिणी मुरादपुर पंचायत निवासी लवंग कुमारी पशुसखी बनकर सेवाएं दे रहीं हैं। इस स्वरोजगार से वह महीने के 2 से तीन हजार रुपए कमाती हैं। लवंग अपने क्षेत्र के बकरी पालकों को कई जरुरी सेवाएं दे रहीं हैं। इतना ही नहीं पिछले वर्ष बरसात के पहले 840 बकरियों को ईटी और टीटी के टीके लगाकर बकरियों के मृत्यु दर में कमी लाने का काम भी कर चुकी हैं।

केस - 2

कटिहार जिले की अहमदाबाद प्रखंड के दक्षिणी अहमदाबाद पंचायत की दीपा कुमारी ने जीविका से जुड़ने के बाद खुद को आत्मनिर्भर बनाया। जीविका स्वंय सहायता समूह से जुड़कर उन्होंने 20 हजार रुपये का लोन लेकर अपनी किराना की दुकान खोली थी। समूह से दुबारा 50 हजार रुपये का लोन लेकर दुकान का विस्तार किया। इससे उन्हें अब प्रति माह 15 हजार रुपये की आय होती है।

केस - 3

शिवहर जिले के पुरनहिया प्रखंड के चिरैया ग्राम निवासी मीरा देवी को भैंस पालन और कुल्हड़ बेचने से 3 लाख 60 हजार की आमदनी होती है। कभी आर्थिक संकट से जूझ रही मीरा देवी जीविका से जुड़कर आत्मनिर्भर बनीं। जीविका स्वयं सहायता समूह से 50 हजार रुपये का ऋण लेकर नई भैंस खरीदी। इससे उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हुई। आर्थिक स्थिति ठीक होने के बाद फिर समूह से 70 हजार रुपए का ऋण लेकर उन्होंने मिट्टी का कुल्हड़ बनाने का प्लांट बैठाया। इससे उन्हें 25 से 30 हजार की कमाई होती है।

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इस वर्ष गेहूं और चावल का होगा रिकॉर्ड उत्पादन, ऐसे तैयार किया गया उत्पादन का आंकड़ा

Dainik Jagran - National - March 10, 2025 - 9:09pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने 2024-25 के लिए मुख्य कृषि फसलों (खरीफ एवं रबी) के उत्पादन का दूसरा अग्रिम अनुमान जारी कर दिया है। इसमें चावल, गेहूं, मक्का, मूंगफली एवं सोयाबीन के रिकॉर्ड उत्पादन की उम्मीद जताई गई है।

मंत्रालय की ओर से जारी डाटा के अनुसार, खरीफ चावल का उत्पादन 1,206.79 लाख टन हो सकता है, जो 2023-24 की तुलना में 74.20 लाख टन ज्यादा है। पिछले वर्ष 1,132.59 लाख टन हुआ था। इसी तरह गेहूं का उत्पादन 1,154.30 लाख टन होने का आकलन है, जो 21.38 लाख टन अधिक है। पिछले वर्ष 1,132.92 लाख टन गेहूं का उत्पादन हुआ था।

खाद्यान्न का उत्पादन

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न कृषि योजनाओं के जरिए किसानों को सहायता एवं प्रोत्साहन का प्रतिफल बताया है।खरीफ और रबी मिलाकर कुल खाद्यान्न 3,328.18 लाख टन होने का अनुमान है। इसमें खरीफ 1,663.91 लाख टन और रबी 1,645.27 लाख टन शामिल है। पिछले वर्ष कुल 3,322.98 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ था।

खरीफ मक्का की उपज

यानी इस वर्ष 5.20 लाख टन ज्यादा खाद्यान्न के उत्पादन का अनुमान है। अभी तीसरा अनुमान आना अभी बाकी है। डाटा के अनुसार, खरीफ मक्का की उपज 248.11 लाख टन रहने का अनुमान है, जो अबतक का सबसे ज्यादा है। रबी मक्का 124.38 लाख टन होने का अनुमान है। खरीफ श्रीअन्न का 137.52 लाख टन और रबी 30.81 लाख टन उत्पादन हो सकता है।

तिलहन का उत्पादन

दालों की चाल भी अच्छी दिख रही है। तुअर (अरहर) 35.11 लाख टन, चना 115.35 लाख टन और मसूर 18.17 लाख टन होने का अनुमान है। तिलहन का उत्पादन भी पिछले वर्ष से ज्यादा है। खरीफ और रबी मिलाकर 416.69 लाख टन हो सकता है। पिछले वर्ष 396.69 लाख तिलहन का उत्पादन हुआ था।

रेपसीड एवं सरसों का अनुमान

मूंगफली 104.26 लाख टन और रबी 8.87 लाख टन होने का अनुमान है। सोयाबीन का भी रिकॉर्ड 151.32 लाख टन उत्पादन हो सकता है। रेपसीड एवं सरसों का अनुमान 128.73 लाख टन का है। गन्ना निराश करने वाला है। पिछले वर्ष 4,531.58 लाख टन हुआ था, जबकि इस बार 4,350.79 लाख टन पर ही सिमट सकता है। कपास उत्पादन 294.25 लाख गांठ होने का अनुमान है। एक गांठ में 170 किलोग्राम कपास होती है।

ऐसे तैयार किया गया उत्पादन का आंकड़ा

कृषि मंत्रालय ने इस आंकड़े को राज्यों से मिले फसलों के क्षेत्रफल को रिमोट सेंसिंग , फसल मौसम निगरानी समूह एवं अन्य एजेंसियों से प्राप्त इनपुट के आधार पर सत्यापित किया है।

इसके अलावा अनुमान को अंतिम रूप देने से पहले मंत्रालय ने खरीफ एवं रबी मौसम के लिए उद्योग एवं अन्य विभागों के अधिकारियों की राय ली है।

हितधारकों से परामर्श किया। साथ ही उपज अनुमान फसल कटाई प्रयोगों, पिछली प्रवृत्तियों एवं अन्य सहयोगी कारकों की भी पड़ताल कर तैयार किया है।

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वोटर लिस्ट विवाद पर संसद में पहले दिन हंगामा, विपक्षी सांसदों ने किया वॉकआउट; राहुल गांधी ने की जांच की मांग

Dainik Jagran - National - March 10, 2025 - 8:55pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विपक्षी दलों ने महाराष्ट्र, हरियाणा और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में वोटर लिस्ट तथा मतदाता पहचान पत्र में कथित हेर-फेर की शिकायतों का दावा करते हुए सत्रावकाश के बाद शुरू हुए बजट सत्र के पहले ही दिन आक्रामक तरीके से इस उठाते हुए संसद में इस पर बहस की मांग की है।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने वोटर लिस्ट में गंभीर विसंगतियों का दावा करते हुए स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के इस पर चर्चा को जरूरी करार दिया।

विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया

राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र सहित देश भर में विपक्ष की ओर से एक स्वर में मतदाता सूची पर सवाल उठाए जा रहे हैं जिस पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। राज्यसभा में ईपीआईसी-वोटर लिस्ट की विसंगतियों पर तत्काल चर्चा का नोटिस खारिज होने के बाद समूचे विपक्ष ने हंगामा करते हुए सदन से वॉकआउट किया।

टीएमसी ने पूछा- सूचियों में गलती क्यों हुई?

लोकसभा में शून्यकाल के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा राज्य के मुर्शिदाबाद और बर्धमान संसदीय क्षेत्रों और हरियाणा में समान नंबर के ईपीआईसी मौजूद होने के दावे को उठाते हुए कहा कि चुनाव आयोग को देश को यह जवाब देना चाहिए कि मतदाता सूचियों में यह गलतियां क्यों हुईं? जबकि वोटर लिस्ट में खामियों का मसला महाराष्ट्र और हरियाणा में आया तो इस पर ध्यान दिलाया गया।

राहुल गांधी ने की चर्चा की मांग

टीएमसी सांसद के मुद्दा उठाने के बाद राहुल गांधी ने विपक्ष की ओर से स्पीकर के समक्ष चर्चा की मांग रखी। इसके बाद शून्यकाल में टीएमसी के कल्याण बनर्जी ने बंगाल में मतदाताओं की संख्या में वृद्धि का दावा करते हुए आरोप लगाया कि गुजरात और हरियाणा से इन्हें लाया जा रहा जो बर्दाश्त करने लायक नहीं है।

उन्होंने कहा कि आयोग चाहे दावे करे मगर स्पष्ट है कि पिछले कुछ सालों में कोई निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव नहीं हुआ है और उचित काम नहीं करने के लिए चुनाव आयोग के खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए।

विपक्षी सांसदों का नोटिस खारिज

राज्यसभा में उपसभापति हरिवंश ने वोटर लिस्ट विसंगतियों पर नियम 267 के तहत चर्चा का विपक्षी सांसदों का नोटिस खारिज कर दिया। नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसे उठाने की कोशिश की मगर इजाजत नहीं दी तो विरोध में विपक्षी सांसदों ने पहले हंगामा-नारेबाजी की और फिर वॉकआउट कर विरोध दर्ज कराया।

इससे पूर्व द्रमुक के त्रिची शिवा और केपी विल्सन, एमडीएमके के वाइको, सीपीआई के के संतोष कुमार आदि ने अगले परिसीमन में दक्षिण के राज्यों में लोकसभा सीटें घटने की चिंताओं पर चर्चा की मांग उठाई। जबकि कांग्रेस के प्रमोद तिवारी और अजय माकन और टीएमसी के साकेत गोखले और सागरिका घोष ने राज्यों में डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र जारी किए जाने में चुनाव आयोग की कथित चूक पर चर्चा का मुद्दा उठाया।

सरकार हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार: नड्डा

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री सदन के नेता जेपी नड्डा ने वॉकआउट को गैर-जिम्मेदाराना बताते हुए विपक्षी सांसदों को संसदीय नियमों का रिफ्रेशर कोर्स करने की नसीहत दी और आरोप लगाया कि 267 के तहत नोटिस देकर संसद और लोकतंत्र को बदनाम करने की कोशिश हो रही है। सरकार किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है मगर विपक्ष की बहस में दिलचस्पी नहीं।

पूरा विपक्ष विस्तृत चर्चा चाहता है: खरगे

मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पर बयान जारी कर कहा कि पूरा विपक्ष मतदाता सूची में विभिन्न विसंगतियों को लेकर उत्पन्न शंकाओं पर विस्तृत चर्चा चाहता है। खरगे ने कहा कि महाराष्ट्र में लोकसभा तथा विधानसभा चुनावों के बीच सिर्फ छह महीनों में लाखों मतदाताओं की अचानक वृद्धि का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस ने मतदाता सूची मांगी है मगर चुनाव आयोग ने जवाब नहीं दिया है।

नेता विपक्ष ने कहा कि संसद को लोकतंत्र और संविधान के प्रति लोगों की आस्था की रक्षा करनी चाहिए और चुनावी प्रक्रिया की अखंडता को प्रभावित करने वाले ऐसे अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा कराए जाने की आवश्यकता है।

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Patna Metro: पटना मेट्रो को लेकर CM नीतीश ने दे दिया नया आदेश, जल्द शहरवासियों को मिलेगा भीड़भाड़ से छुटकारा

Dainik Jagran - March 10, 2025 - 8:55pm

राज्य ब्यूरो, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को पटना मेट्रो के निर्माणाधीन कार्यों का जायजा लिया और काम में तेजी के निर्देश दिए। संबंधित अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को मेट्रो स्टेशन के निर्माण से जुड़े अपडेट दिए।

मुख्यमंत्री ने गांधी मैदान, पीएमसीएच और पटना विश्वविद्यालय. के समीप पटना मेट्रो रेल परियोजना के अंतर्गत चल रहे कार्यों का स्थल निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में पटना मेट्रो रेल परियोजना की अद्यतन प्रगति के बारे में मुख्यमंत्री को जानकारी दी गयी।

मुख्यमंत्री को राजेंद्र नगर, मोइनुलहक स्टेडियम, मलाही पकड़ी, खेमनीचक, पहाड़ी व जीरो माइल मेट्रो स्टेशन के साथ आइएसबीटी में निर्माणाधीन मेट्रो स्टेशन के बारे में जानकारी दी गयी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्ययोजना के अनुरूप पटना मेट्रो रेल परियोजना के निर्माण कार्य को तेजी से पूरा करें। मेट्रो का निर्माण कार्य पूरा हो जाने से लोगों को आवगमन में काफी सहूलियत होगी। उन्हें भीड़भाड़ से छुटकारा मिलेगा।

मेट्रो के लिए कुल 24 स्टेशन प्रस्तावित 
  • मालूम हो कि पटना मेट्रो रेल परियोजना की स्वीकृति 27 फरवरी 2019 को दी गयी थी। इस परियोजना के अंतर्गत कुल 31.9 किमी मेट्रो रेललाईन का निर्माण होना है। इसके तहत कुल 24 स्टेशन प्रस्तावित हैं।
  • इस परियोजना का क्रियान्वयन दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन द्वारा किया जा रहा। इसके पर्यवेक्षण का जिम्मा नगर विकास एवं आवास विभाग के पास है।
  • मलाही पकड़ी से खेमनीचक, भूतनाथ रोड, जीरोमाइल, पाटलिपुत्र बस टर्मिनल तक मेट्रो लाइन को प्राथमिकता के आघार पर बनाया जा रहा। इस लाइन को इसी वर्ष 15 अगस्त तक चालू करने का लक्ष्य निर्धारित है।
  • निरीक्षण के दौरान मु्ख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, डॉ. एस सिद्धार्थ, नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि व पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह भी मौजूद थे।
भूमि अधिग्रहण मामले में राज्य सरकार को राहत

बता दें कि पटना हाई कोर्ट ने गुरुवार को बहुप्रतीक्षित पटना मेट्रो डिपो से जुड़े कानूनी विवाद पर अपना निर्णय सुनाते हुए राज्य सरकार को बड़ी राहत दी है।

न्यायालय ने रानीपुर और पहाड़ी मौजे के भू-स्वामियों की ओर से दायर की गई दर्जनों अपीलों को खारिज कर दिया, जिससे अब मेट्रो परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का रास्ता साफ हो गया है।

कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश आशुतोष कुमार और न्यायाधीश पार्थ सारथी की खंडपीठ ने इस मामले में निर्णय सुनाते हुए स्पष्ट किया कि पटना मेट्रो डिपो और टर्मिनल का निर्माण अपनी निर्धारित जगह पर ही होगा।

कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि राज्य सरकार अब अधिग्रहित भूमि के बदले बढ़ा हुआ मुआवजा देने के लिए बाध्य नहीं होगी।

खंडपीठ ने एकलपीठ के उस पूर्व आदेश को संशोधित कर दिया, जिसमें सरकार को अधिग्रहित जमीन के बदले भू-स्वामियों को 2014 में तय न्यूनतम सर्किल रेट को अद्यतन कर बढ़ी हुई मुआवजा राशि देने का निर्देश दिया गया था

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Ontario hikes US electricity exports by 25%

Business News - March 10, 2025 - 8:52pm
Ontario's premier, the leader of Canada’s most populous province, announced that effective Monday his province is charging 25% more for electricity to 1.5 million Americans in response to U.S. President Donald Trump's trade war.Ontario provides electricity to Minnesota, New York and Michigan.“President Trump’s tariffs are a disaster for the U.S. economy. They’re making life more expensive for American families and businesses," Ontario Premier Doug Ford said in a statement. “Until the threat of tariffs is gone for good, Ontario won’t back down. We’ll stand strong, use every tool in our toolkit and do whatever it takes to protect Ontario.”Ford has said Ontario’s tariff would remain in place despite the one-month reprieve from Trump, noting a one month pause means nothing but more uncertainty.Ford's office said the new market rules require any generator selling electricity to the U.S. to add a 25% surcharge to the U.S. Ontario's government expects it to generate revenue of $300,000 Canadian (US$208,000) to $400,000 Canadian (US$277,000) per day, “which will be used to support Ontario workers, families and businesses.”The new surcharge is in addition to the federal government's initial $30 billion Canadian (US$21 billion) worth of retaliatory tariffs have been applied on items like American orange juice, peanut butter, coffee, appliances, footwear, cosmetics, motorcycles and certain pulp and paper products.Trump launched a new trade war last week by imposing tariffs against Washington’s three biggest trading partners, drawing immediate retaliation from Mexico, Canada and China and sending financial markets into a tailspin.Trump later said he has postponed 25% tariffs on many goods from Canada and Mexico for a month, amid widespread fears of a broader trade war.
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Tamil-Hindi Row: 'छात्रों का भविष्य बर्बाद कर रही DMK', संसद से स्टालिन पर बरसे प्रधान; NEP पर हंगामा

Dainik Jagran - National - March 10, 2025 - 8:52pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के त्रिभाषा फार्मूले और परिसीमन के मुद्दे पर तमिलनाडु की स्टालिन सरकार के साथ केंद्र सरकार की पहले से चल रही तनातनी सोमवार को तब और बढ़ गई, जब संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एनईपी पर स्टालिन सरकार के रवैए की कड़ी आलोचना की और यूटर्न लेने का आरोप लगाया।

उन्होंने तमिलनाडु की स्टालिन सरकार को 'बेईमान' और 'असभ्य' भी बताया। हालांकि बाद में डीएमके सांसदों की आपत्ति के बाद प्रधान ने अपने इस शब्दों को वापस भी ले लिया।

डीएमके सांसदों ने सदन में किया हंगामा

इस बीच डीएमके सांसदों ने लोकसभा में वेल में आकर पहले जमकर हंगामा किया और बाद में सदन का बहिर्गमन कर गए। राज्यसभा में भी डीएमके के सांसदों ने इस मुद्दे पर जमकर नारेबाजी और हंगामा किया है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने डीएमके सांसदों के रवैए की कड़ी आलोचना की।

लोकसभा अध्यक्ष ने दी चेतावनी

उन्होंने कहा यदि ऐसा ही रवैया रहा तो उन्हें सवाल पूछने का मौका नहीं मिलेगा। लोकसभा में यह हंगामा तब हुआ, जब पीएम-श्री स्कीम से जुड़े सवाल पर तमिलनाडु को राशि नहीं दिए जाने को लेकर डीएमके सांसद ने पूरक सवाल पूछे। इस पर शिक्षा मंत्री प्रधान ने कहा कि पीएम श्री की राशि किसी भी राज्य को तभी मिलती है, जब वह एनईपी को लागू करने को लेकर वह करार करते है।

तमिलनाडु भी इसे लेकर तैयार हो गया था। जिसमें उसे भी कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश व पंजाब जैसे गैर-भाजपा शासित राज्यों की तरह यह छूट दी गई थी कि उन्हें कौन सी भाषा पढ़ानी है यह फैसला उन्हें करना है। केंद्र किसी पर कुछ थोपेगा नहीं। बाद में करार के समय तमिलनाडु सरकार इससे पलट गई।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने लगाए आरोप

प्रधान ने आरोप लगाया कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन व राज्य के शिक्षा मंत्री इसे लेकर तैयार थे। इस संबंध में शिक्षा मंत्रालय के उनकी सहमति भी बन गई थी, लेकिन राज्य के 'सुपर सीएम' के दबाव में सीएम को अपने फैसले को बदलना पड़ा। इस बीच प्रधान ने कहा कि जिनके पास कोई तथ्य नहीं है वह केवल हल्ला करके विषय को भ्रमित करना चाहते है। हम किसी भी राज्य पर कोई भाषा नहीं थोप रहे है।

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सरकार शिक्षा जैसे मुद्दे पर ओछी राजनीति और राज्य के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। इस बीच सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर डीएमके सांसद कनिमोझी ने प्रधान के असभ्य शब्द पर गहरी नाराजगी जताई और कहा कि यह राज्य के लोगों का अपमान है।

धर्मेंद्र प्रधान ने अपने शब्दों को लिया वापस

प्रधान ने कहा कि यदि उन्हें किसी शब्द से तकलीफ हुई है, तो मैं उसे वापस लेता हूं। राज्यसभा में भी डीएमके सांसदों ने जमकर हंगामा किया व एनईपी के मुद्दे पर केंद्र सरकार को तमिल भाषा के साथ भेदभाव को आरोप लगाया। गौरतलब है कि तमिलनाडु में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए स्टालिन सरकार इन दिनों भाषा और परिसीमन के मुद्दे को गरमाए हुए है।

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