Feed aggregator

Waqf Bill: नये वक्फ कानून से बदलेगी मुकदमेबाजी की तस्वीर, जानिए संपत्तियों के विवाद कैसे सुलझेंगे

Dainik Jagran - National - April 9, 2025 - 9:09pm

माला दीक्षित, नई दिल्ली। नया वक्फ कानून लागू हो गया है और नये कानून में वक्फ ट्रिब्युनल के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दाखिल करने का अधिकार दिया गया है जो कि वक्फ संपत्तियों के विवादों में मुकदमेबाजी की तस्वीर बदलेगा। अब तक हाईकोर्ट को ट्रिव्यूनल के आदेश की सिर्फ प्रक्रिया भर आंकने का अधिकार था, समीक्षा का नहीं।

बहुत से लोग नये वक्फ कानून में हाई कोर्ट में अपील दाखिल करने के दिए गए अधिकार पर कहते हैं कि पहले भी हाई कोर्ट में रिट दाखिल की जा सकती थी और हाई कोर्ट उस रिट पर सुनवाई करते हुए ट्रिब्युनल के आदेश को निरस्त कर सकता था, इसलिए इसमें नया क्या है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के वकील ज्ञानंत सिंह कहते हैं कि रिट और अपील के क्षेत्राधिकार में अंतर है।

90 दिन में हाईकोर्ट में दी जा सकती है चुनौती

इलाहाबाद हाई कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश एसआर सिंह भी कहते हैं कि रिट पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ट्रिब्युनल में पेश किये गये साक्ष्यों की समीक्षा नहीं कर सकता। वह सिर्फ यह देख सकता है कि ट्रिब्युनल ने आदेश देने में जो प्रक्रिया अपनाई थी वह सही थी कि नहीं। नये कानून में ट्रिब्युनल के आदेश को 90 दिन के भीतर उच्च न्यायालय में अपील दाखिल कर चुनौती दी जा सकती है। जबकि पुराने कानून में ट्रिब्युनल का आदेश अंतिम था उसके खिलाफ अपील दाखिल नहीं की जा सकती थी।

हाई कोर्ट स्वत: संज्ञान लेकर, या बोर्ड द्वारा आवेदन पर अथवा पीड़ित पक्ष की याचिका पर मामलों पर विचार कर सकता था। लेकिन हाई कोर्ट मामले पर सुनवाई रिट क्षेत्राधिकार में करता। मामले को अपील की तरह नहीं सुन सकता था जो कि अब सुन सकता है। वक्फ कानून में संशोधन की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि ऐसे कई मामले सामने आए जिसमें वक्फ भूमि के दुरुपयोग और दूसरों की संपत्ति का अवैध अधिग्रहण उजागर हुआ।

वक्फ बोर्ड ने पूरे पूरे गांवों को वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया था। कुछ उदाहरणों पर नजर डालें तो अगस्त 2024 में बिहार सुन्नी वक्फ बोर्ड ने बिहार के गोविंदपुर में एक पूरे गांव के स्वामित्व का दावा किया जिससे कानूनी लड़ाई हुई। सितंबर 2024 में केरल में लगभग 600 ईसाई परिवारों की पैतृक संपत्ति को वक्फ होने का दावा किया गया और केरल के इन ईसाई परिवारों ने अपनी पैतृक भूमि पर वक्फ बोर्ड के दावे का विरोध किया।

यह भी पढ़ें: 'हम उनके साथ हैं...' वक्फ बिल को लेकर ये क्या बोल गए अखिलेश यादव, कहा- सीएम को नहीं आता मोबाइल चलाना

Categories: Hindi News, National News

पीएम कृषि सिंचाई योजना को लेकर आया बड़ा अपडेट, 1600 करोड़ रुपये होंगे खर्च; जानिए किसे मिलेगा फायदा

Dainik Jagran - National - April 9, 2025 - 8:22pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कृषि में सिंचाई के तौर-तरीकों में सुधार की दिशा में कदम बढ़ाते हुए केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को कमांड एरिया डेवलपमेंट एंड वाटर मैनेजमेंट (एम-सीएडीडब्ल्यूएम) के आधुनिकीकरण के बड़े कार्यक्रम को मंजूरी दे दी। अब यह कार्यक्रम पीएम कृषि सिंचाई योजना की एक उपयोजना के रूप में खेती में पानी के बेहतर इस्तेमाल का ढांचा तैयार करने में सहयोग देगा।

शुरुआत में इस पर 1600 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसका उद्देश्य नहर जैसे खुले स्त्रोतों से पानी को अंडरग्राउंड पाइपलाइन के जरिये खेतों तक जरूरत के अनुसार पहुंचाया जाएगा। सिंचाई के लिए उपयोग होने वाले पानी के नेटवर्क के आधुनिकीकरण के लिए यह अहम पहल है।

नहर से खेतों तक आएगा पानी

कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस कदम से किसानों को लघु सिंचाई का मजबूत ढांचा उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। इससे एक हेक्टेयर तक की जमीन को सिंचित करने के लिए पानी को नहर जैसे स्त्रोतों से पाइपों के जरिये खेतों तक लाने में मदद मिलेगी।

वाटर यूजर सोसाइटियों को ही इसके प्रबंधन की जिम्मेदारी दी जाएगी। इन सोसाइटियो को एफपीओ और पैक्स जैसे मौजूदा उपक्रमों से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार मदद देगी। सरकार ने एक बयान में यह भी कहा है कि युवाओं को खेती से जोड़ने की दिशा में भी यह योजना सहायता प्रदान करेगी, क्योंकि इसके जरिये वे सिंचाई के आधुनिक तौर-तरीकों को सीख सकेंगे।

कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति ने शुरुआत में इससे संबंधित पूरे देश में पायलट प्रोजेक्टों को अपनी मंजूरी दे दी है। इन प्रोजेक्टों के अनुभव के आधार पर कमांड एरिया डेवलपमेंट एंड वाटर मैनेजमेंट का राष्ट्रीय प्लान अप्रैल 2026 में जारी किया जाएगा।

यह भी पढ़ें: किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, फसलों में लगेगा सीमित पानी; ड्रिप सिंचाई के लिए सरकार दे रही इतने पैसे

Categories: Hindi News, National News

किउल-गया रेलखंड पर चलने वाली 12 ट्रेनों की बदली टाइमिंग, यात्रियों के लिए आसान होगा सफर

Dainik Jagran - April 9, 2025 - 8:17pm

जागरण संवाददाता, पटना। किउल-गया रेलखंड के दोहरीकरण व इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य पूरा हो जाने के कारण इस रेलखंड पर चलने वाली एक दर्जन ट्रेनों की समय सारणी में व्यापक परिवर्तन किया गया है। एक दर्जन ट्रेनों का समय पहले से दस मिनट से डेढ़ घंटा तक कम हो गया है। यह आदेश गुरुवार से ही लागू हो जाएगा।

इस संबंध में नवादा के सांसद विवेक ठाकुर एवं दानापुर के मंडल रेल प्रबंधक जयंत कुमार चौधरी ने संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर बताया कि अब इस रेलखंड पर चलने वाली ट्रेनें अपनी पूरी गति से चलेंगी। पहले जहां इस रेलखंड पर 75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती थी अब 100 से 130 की गति से ट्रेनें चलेंगी।

इसका फायदा यह होगा कि ट्रेन किउल से पहले की तरह समय से चलेंगी परंतु गया पहुंचते-पहुंचते यह आधा घंटा से डेढ़ घंटा तक जल्दी पहुंचेगी। सांसद ठाकुर ने बताया कि नेउरा दनियावां बरबिघा रेल लाइन का निर्माण कार्य जुलाई तक पूरा हो जाएगा और इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर सकते हैं।

किउल-गया रेलखंड पर स्पेशल फोकस

सांसद ने बताया कि रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव के पहल पर किउल-गया रेलखंड पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस रेलखंड के नवादा स्टेशन को विशेष रूप से अमृत भारत योजना के तहत विकसित कर इसे विश्व स्तरीय बनाया जा रहा है। सभी तरह की यात्री सुविधाएं यहां मुहैया कराई जाएंगी।

उन्होंने बताया कि नवादा-गया के बीच के 10 रेल ओवर ब्रिज के निर्माण की अनुमति दे दी गई है। बुधवार को इसका डीपीआर बनाने का भी आदेश जारी कर दिया गया है। इससे इस रेलखंड के यात्रियों को ही नहीं सड़क मार्ग से चलने वालों को भी काफी फायदा होगा। अब किउल-गया रेलखंड ग्रैंड कार्ड का विकल्प नहीं बल्कि एक अलग से मुख्य रेलखंड माना जाएगा।

किउल से गया होते हुए दिल्ली व दिल्ली से हावड़ा के लिए ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाएगा। कल से ही हावड़ा से चलने वाली 03011 हावड़ा आनंद विहार र्गेड कार्ड के बदले सीतारामपुर से ही किउल होकर गाया होते हुए हावड़ा के लिए चलने लगेंगी। पहले से इसकी दूरी तो 80 किमी बढ़ जाएगी परंतु पहुंचेगी पुरानी समय से ही।

  • गाड़ी सं. 63321 किउल-गया मेमू अब किउल से 04.30 बजे चलकर संशोधित समयानुसार विभिन्न स्टेशनों पर रुकते हुए 10.20 बजे के बजाए 09.05 बजे ही गया पहुंचेगी। वापसी में गया से 11.25 के बजाय 10.45 बजे चलकर 17.25 के बजाय 15.10 बजे किउल पहुंच जाएगी।
  • गाड़ी सं. 53627 किउल-गया पैसेंजर किउल से 06.00 बजे चलकर 11.35 बजे के बजाए 10.20 बजे ही गया पहुंचेगी। वापसी में गया से 19.30 बजे चलकर 00.20 बजे के बजाए 23.50 बजे ही किउल पहुंचेगी।
  • गाड़ी सं. 63355 किउल-गया मेमू किउल से 14.40 बजे के बजाए 14.05 बजे चलकर 20.35 बजे के बजाए 18.25 बजे ही गया पहुंचेगी। वापसी में गया से 07.20 बजे खुलेगी तथा 12.15 बजे के बजाए 11.40 बजे ही किउल पहुंचेगी।
  • गाड़ी सं. 63323 किउल-गया मेमू किउल से 20.30 बजे चलकर 00.50 बजे के बजाए 00.35 बजे गया पहुंचेगी । वापसी में गया से 22.25 बजे चलकर 03.40 बजे के बजाए 02.35 बजे ही किउल पहुंचेगी। गाड़ी सं. 63315 झाझा-गया मेमू 21.00 बजे के बजाए 20.35 बजे ही गया पहुंचेगी।
  • वापसी में गया से 05.00 बजे चलकर 11.55 बजे के बजाए 11.45 बजे झाझा पहुंचेगी। गाड़ी सं. 53403 रामपुर हाट-गया पैसेंजर 23.45 बजे के बजाए 22.10 बजे ही गया पहुंचेगी। वापसी में 15.10 बजे के बजाए 14.00 बजे ही गया पहुंचेगी।
  • गाड़ी सं. 13023 हावड़ा-गया एक्सप्रेस अब गया 11.00 बजे के बजाए 10.55 बजे पहुंचेगी।

ये भी पढ़ें- धनबाद से चलेगी भारत गौरव ट्रेन, ग्रुप बुकिंग पर मिलेगी किराए में छूट; एक क्लिक में पढ़ें डिटेल

ये भी पढ़ें- Dhanbad News: हफ्ते में 3 दिन चलेगी धनबाद-जम्मूतवी गरीब रथ, धनबाद से चंडीगढ़ के लिए नई ट्रेन

Categories: Bihar News

राज्यों के लिए पंचायत विकास का रोडमैप बनेगा पंचायत एडवांसमेंट इंडेक्स, मंत्रालय ने साझा की रिपोर्ट

Dainik Jagran - National - April 9, 2025 - 8:10pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पंचायतीराज मंत्रालय द्वारा पहली बार बनाए गए पंचायत एडवांसमेंट इंडेक्स ने देश की समग्र तस्वीर दिखा दी है, लेकिन राज्य अब इसका उपयोग दर्पण के रूप में करते हुए ग्राम पंचायतों की सूरत संवार सकते हैं। चूंकि, स्थानीय स्तर पर पंचायतों की प्रगति धरातल पर आंकने का ऐसा कोई सफल फॉर्मूला अब तक सामने नहीं आया है, इसलिए केंद्र सरकार चाहती है कि राज्य इस प्रक्रिया को अपनाएं।

साथ ही संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में कमियों को चिन्हित कर एक्शन प्लान बनाएं। पंचायतों के विकास के लिए केंद्र की ओर से केंद्रीय वित्त आयोग की निधि अवश्य दी जाती है, लेकिन पंचायतों का विकास राज्यों का विषय है।

राज्यों से साझा की जाएगी रिपोर्ट

2023-24 के डाटा के आधार पर जारी पहली रिपोर्ट में भी दक्षिण के राज्यों का दबदबा दिखाई दिया। हालांकि, ए प्लस श्रेणी में कोई भी राज्य अपनी जगह नहीं बना सका है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस रिपोर्ट में सत्यापित डाटा के आधार पर यह सामने आ चुका है कि किस विकास की किस थीम पर किस राज्य की किस पंचायत ने कितना काम किया है और अब क्या काम करने की आवश्यकता है।

यह रिपोर्ट राज्यों के साथ साझा कर उनसे आग्रह किया जाएगा कि वह अपनी पंचायतों का रिपोर्ट कार्ड देखकर जिला या ब्लॉक स्तर पर भी विकास की रणनीति बना सकते हैं। जिस पंचायत ने जिस थीम में अच्छा काम किया है, उसे बेस्ट प्रेक्टिस के रूप में चिन्हित कर अन्य पंचायतों में लागू कराया जा सकता है।

इतना ही नहीं, चूंकि अभी तक स्थानीय स्तर पर पंचायतों के प्रदर्शन को आंकने का कोई फॉर्मूला सामने नहीं आया है, इसलिए राज्य इस प्रक्रिया को राज्य स्तर पर अपना सकते हैं और पंचायतों को अपने तरीके से प्रोत्साहित कर सकते हैं। केंद्र सरकार भी बेहतर प्रदर्शन करने वाली पंचायतों को प्रोत्साहन देगी।

यह भी पढ़ें: विकास की कसौटी पर पूरी तरह खरी नहीं देश की एक भी ग्राम पंचायत, ए प्लस श्रेणी में कोई पंचायत नहीं

Categories: Hindi News, National News

Pages

Subscribe to Bihar Chamber of Commerce & Industries aggregator

  Udhyog Mitra, Bihar   Trade Mark Registration   Bihar : Facts & Views   Trade Fair  


  Invest Bihar