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कुरान, पेन और पेपर... स्पेशल सेल में कैद तहव्वुर राणा ने NIA से क्या-क्या मांगा?

Dainik Jagran - National - April 13, 2025 - 8:11am

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 26/11 को हुए मुंबई हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के कब्जे में है। NIA ने तहव्वुर राणा को नई दिल्ली स्थित CGO कॉम्प्लेक्स मुख्यालय में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के साथ रखा है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक तहव्वुर राणा के आसपास भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात हैं, जो 24 घंटे उस पर नजर रखते हैं। हालांकि इसी बीच एक और खबर सामने आ रही है। NIA की कस्टडी में मौजूद तहव्वुर राणा ने 3 चीजों की मांग की है।

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तहव्वुर राणा की 3 मांगे

हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार तहव्वुर राणा ने जेल में कुरान की मांग की थी। ऐसे में उसे कुरान की एक कॉपी दी गई है। कुरान के अलावा तहव्वुर राणा ने पेन और पेपर मांगा था। उसकी तीनों मांगे पूरी कर दी गई हैं। हालांकि सुरक्षाबल उस पर हमेशा नजर रखते हैं कि कहीं पेन से वो खुद को कोई नुकसान न पहुंचा ले। इन तीन चीजों के अलावा अभी तक उसने कुछ भी नहीं मांगा है।

रोज पढ़ता है 5 वक्त की नमाज

जेल में तहव्वुर राणा को बाकी कैदियों की तरह ही रखा गया है, उसे अलग से कोई खास सुविधा नहीं दी गई है। तहव्वुर राणा पांच वक्त की नमाज भी अदा करता है। जेल में उसे रोज दिन में पांच बार नमाज पढ़ते हुए देखा जाता है।

VIDEO | Tahawwur Rana extradition: Security remains tightened outside NIA headquarters in Delhi.

The NIA Special Court at Patiala House has sent Rana to 18-day NIA custody. The anti-terror agency had produced Rana before the NIA Special Court at Patiala House after formally… pic.twitter.com/edJ0xH5jMa

— Press Trust of India (@PTI_News) April 13, 2025

न्यायालय ने दी 18 दिन की रिमांड

अदालत के आदेश पर तहव्वुर राणा को हर दूसरे दिन उसके वकील से मिलने की अनुमति है। उसे वो सारी सुविधाएं मिल रही हैं, जो हिरासत में मौजूद बाकी कैदियों को दी जाती हैं। बता दें कि अमेरिका से वापसी के बाद NIA ने शुक्रवार की सुबह तहव्वुर राणा को दिल्ली की अदालत में पेश किया था। इस दौरान न्यायालय ने उसे 18 दिन की रिमांड पर भेज दिया है।

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US in hurry for nuclear deal: Iran

Business News - April 13, 2025 - 7:50am
The United States wants a nuclear agreement "as soon as possible", Iran said after rare talks on Saturday, as US President Donald Trump threatens military action if they fail to reach a deal.The long-term adversaries, who have not had diplomatic relations for more than 40 years, are seeking a new nuclear deal after Trump pulled out of an earlier agreement during his first term in 2018.Foreign Minister Abbas Araghchi, a seasoned diplomat and key architect of the 2015 deal, and Trump's special envoy Steve Witkoff led the delegations in the highest-level Iran-US nuclear talks since the previous accord's collapse.Araghchi, who briefly spoke face-to-face with Witkoff, a real estate magnate, during the otherwise indirect meeting in Oman, said the talks would resume next Saturday."The American side also said that a positive agreement was one that can be reached as soon as possible but that will not be easy and will require a willingness on both sides," Araghchi told Iranian state television."I think we came very close to a basis for negotiation... Neither we nor the other party want fruitless negotiations, discussions for discussions' sake, time wasting or talks that drag on forever," he added.The White House called the discussions "very positive and constructive"."Special Envoy Witkoff's direct communication today was a step forward in achieving a mutually beneficial outcome," it said in a statement.Asked about the talks, Trump told journalists aboard Air Force One: "I think they're going OK. Nothing matters until you get it done."Oman's foreign minister acted as an intermediary in the talks in Muscat, Iran said. The Americans had called for the meetings to be face-to-face.However, the negotiators also spoke directly for "a few minutes", Iran's foreign ministry said. It said the talks were held "in a constructive and mutually respectful atmosphere".The two parties were in "separate halls" and "conveying their views and positions to each other through the Omani foreign minister", Iran's foreign ministry spokesman Esmaeil Baqaei posted on X.The process took place in a "friendly atmosphere", Omani Foreign Minister Badr Albusaidi said. Witkoff open to 'compromise' Iran, weakened by Israel's pummelling of its allies Hezbollah in Lebanon and Hamas in Gaza, is seeking relief from wide-ranging sanctions hobbling its economy.Tehran has agreed to the meetings despite baulking at Trump's "maximum pressure" campaign of ramping up sanctions and repeated military threats.Meanwhile the United States, hand-in-glove with Iran's arch-enemy Israel, wants to stop Tehran from ever getting close to developing a nuclear bomb.There were no visible signs of the high-level meeting at a luxury hotel in Muscat, the same venue where the 2015 agreement was struck when Barack Obama was US president.Witkoff told The Wall Street Journal earlier that the US position starts with demanding that Iran completely dismantle its nuclear programme -- a view held by hardliners around Trump that few expect Iran to accept."That doesn't mean, by the way, that at the margin we're not going to find other ways to find compromise between the two countries," Witkoff told the newspaper."Where our red line will be, there can't be weaponisation of your nuclear capability," he added.The talks were revealed in a surprise announcement by Trump during a White House appearance with Israeli Prime Minister Benjamin Netanyahu on Monday.Hours before the talks began, Trump told reporters: "I want Iran to be a wonderful, great, happy country. But they can't have a nuclear weapon."Supreme leader Ayatollah Ali Khamenei's adviser Ali Shamkhani said Iran sought "a real and fair agreement".Saturday's meetings followed repeated threats of military action by both the United States and Israel."If it requires military, we're going to have military," Trump said Wednesday when asked what would happen if the talks fail.'Survival of the regime' The 2015 deal that Trump abandoned aimed to make it practically impossible for Iran to build an atomic weapon, while at the same time allowing it to pursue a civil nuclear programme.Iran, which insists its nuclear programme is only for civilian purposes, stepped up its activities after Trump withdrew from the agreement.The latest International Atomic Energy Agency report said Iran had an estimated 274.8 kilogrammes of uranium enriched to 60 percent, nearing the weapons grade of 90 percent.Karim Bitar, a Middle East Studies lecturer at Sciences Po university in Paris, said the Iranian government's very survival could be at stake."The one and only priority is the survival of the regime, and ideally, to get some oxygen, some sanctions relief, to get their economy going again, because the regime has become quite unpopular," he told AFP.
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Bihar Weather Today: सावधान! बिहार में आज भी आंधी-बारिश मचाएगी तबाही, IMD ने जारी किया यलो अलर्ट

Dainik Jagran - April 13, 2025 - 7:30am

जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather Today: बंगाल की खाड़ी से नमीयुक्त हवा बिहार के पूर्वी इलाकों से हिमालय की तराई वाले इलाके से होते हुए उत्तर प्रदेश तक गुजर रही है। इनके प्रभाव से पटना सहित अधिसंख्य भागों में बादल छाए रहने के साथ गरज-तड़क की संभावना है।

24 जिलों में बारिश के आसार

मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार, प्रदेश उत्तर व दक्षिण-पूर्व के 24 जिलों में मेघ गर्जन, वज्रपात व झोंके के साथ हवा चलने को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है। कुछ इसी प्रकार की स्थित 16 अप्रैल तक बने रहने की संभावना है।

वाल्मीकि नगर में 3.0 मिमी बारिश

बीते 24 घंटों के दौरान पश्चिम चंपारण के वाल्मीकि नगर में 3.0 मिमी वर्षा दर्ज की गई। शेष जिलों में पुरवा के कारण मौसम सामान्य बना रहा। मौसम विभाग के अनुसार, मौसम गर्म और ठंडी हवा के टकराने से मौसम में अचानक बदलाव की स्थिति उत्पन्न होती है। इस दौरान हवा की दिशा दक्षिण पश्चिम से उत्तर पूर्व की ओर होती है।

मौसम के इस पैटर्न के कारण आंधी, तूफान और ओले के साथ वर्षा होती है। इस दौरान हवा लगभग 70-80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है। कहीं-कहीं वज्रपात भी होता है इसके कारण जान-माल का नुकसान होता है।

गया रहा प्रदेश में सबसे गर्म

शनिवार को पटना का अधिकतम तापमान 33.9 डिग्री सेल्सियस एवं 37.0 डिग्री सेल्सियस के साथ गया में सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। वाल्मीकि नगर में 3.0 मिमी वर्षा दर्ज की गई। डेहरी को छोड़कर पटना सहित शेष जिलों के अधिसंख्य भागों के अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई।

प्रमुख शहरों का तापमान शहर
अधिकतम (तापमान डिग्री सेल्सियस में)
न्यूनतम (तापमान डिग्री सेल्सियस में) पटना 33.9 23.6 गया 37.0 22.0 भागलपुर 33.7 23.1 मुजफ्फरपुर 31.0 23.1

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SC: हिंदुओं और गैर मुस्लिमों की संपत्ति पर वक्फ कानून में जारी आदेश हो बेअसर, सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर

Dainik Jagran - National - April 13, 2025 - 7:03am

 माला दीक्षित, जागरण, नई दिल्ली। अभी तक यही माना जा रहा था कि वक्फ कानून के मामले में मुसलमान या राजनेता ही सुप्रीम कोर्ट पहुंच रहे हैं लेकिन हिंदुओं ने भी वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर वक्फ कानून 1995 और वक्फ संशोधन कानून 2025 को चुनौती दी गई है और इन्हें हिंदुओं और गैर-मुस्लिमों के प्रति भेदभावपूर्ण वाला बताया है।

सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर

याचिका में हिंदुओं और गैर मुस्लिमों की संपत्ति वक्फ बोर्ड के नोटिसों, अधिसूचनाओं और आदेशों से सुरक्षित करने की मांग की गई है। कहा गया है कि कोर्ट घोषित करे कि वक्फ कानून 1995 के तहत जारी कोई भी अधिसूचना, आदेश या नियम हिंदुओं और गैर मुस्लिमों की संपत्ति पर लागू नहीं होगा।

जनहित याचिका में वक्फ कानून की धारा 4,5,6,7,8,28,28,52,54,83,85,89 और 101 को संविधान के अनुच्छेद 14,15,25,26,27,300-ए और 323ए के खिलाफ बताते हुए इसे रद करने की मांग की गई है। शीर्ष कोर्ट में यह याचिका उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले की रहने वाली पारुल खेड़ा ने दाखिल की है।

वक्फ संशोधन कानून 2025 बनाया

बता दें कि केद्र ने हाल ही में वक्फ संशोधन कानून 2025 बनाया है। मुस्लिम संगठनों और विपक्षी दलों द्वारा इस कानून का विरोध हो रहा है और उसके विरोध में सुप्रीम कोर्ट में दस से ज्यादा याचिकाएं भी दाखिल हो चुकी हैं। केंद्र सरकार ने भी कैविएट दाखिल कर दी है ताकि कोर्ट उसका पक्ष सुने बगैर कोई एकतरफा आदेश जारी न करे।

सुप्रीम कोर्ट 16 अप्रैल को मामले पर सुनवाई करेगा

सुप्रीम कोर्ट 16 अप्रैल को मामले पर सुनवाई करेगा। अभी हाल में दाखिल याचिका में वक्फ कानून यानी 1995 के मूल कानून और 2025 के संशोधित कानून को चुनौती देते हुए कहा गया है कि यह कानून वक्फ संपत्तियों और वक्फ बोर्ड को स्पेशल स्टेटस देता है इसमें वक्फ बोर्ड के पास किसी भी ट्रस्ट या सोसाइटी की संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित करने का अधिकार है जबकि हिंदुओं और गैर मुस्लिम समुदायों के पास ऐसा अधिकार नहीं है।

क्फ कानून 1995 र्धमनिरपेक्षता और बराबरी के सिद्धांत के खिलाफ

कहा गया है कि वक्फ कानून 1995 र्धमनिरपेक्षता और बराबरी के सिद्धांत के खिलाफ है। इस कानून में वक्फ बोर्ड को वक्फ संपत्तियों के बारे में मिले विशेष अधिकार से संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 यानी समानता का मौलिक अधिकार और अनुच्छेद 25 और 26 धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार तथा अनुच्छेद 300ए और 323 के प्रविधानों का उल्लंघन होता है।

याचिका में कहा गया है कि वक्फ कानून में हिंदुओं और गैर मुस्लिमों के पास उनकी अपनी धार्मिक संपत्ति को वक्फ संपत्ति के रूप में शामिल करने से रोकने के लिए कोई सुरक्षात्मक उपाय नहीं है और इसलिए यह कानून हिंदुओं र गैर मुस्लिम समुदायों के साथ भेदभाव करता है।

ये कानून प्रकृत न्याय के सिद्धांत का भी उल्लंघन करता है क्योंकि इसमें प्रभावित व्यक्ति को सुनवाई का मौका देने और उसकी संपत्ति वक्फ संपत्ति की सूची में शामिल करने का विरोध करने का कोई प्रविधान नहीं है।

वक्फ कानून में धार्मिक आधार पर भेदभाव का मुद्दा ही नहीं

याचिका में वक्फ कानून में धार्मिक आधार पर भेदभाव का मुद्दा ही नहीं, बल्कि टैक्स पेयर के धन को किसी धर्म विशेष के लिए खर्च किए जाने का मुद्दा भी उठाया गया है। कहा गया है कि वक्फ कानून 1995 की धारा आठ के मुताबिक प्रापर्टियों के सर्वे और अधिसूचना जारी करने पर आने वाला खर्च राज्य सरकार, सरकारी खजाने से करती है जो कि संविधान के अनुच्छेद 27 का उल्लंघन है। ये चीज धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के भी खिलाफ है। अनुच्छेद 27 कहता है कि किसी भी व्यक्ति को किसी विशेष धर्म के प्रचार के लिए टैक्स देने को बाध्य नहीं किया जाएगा।

कानून में किसी तरह के पब्लिक नोटिस जारी करने का प्राविधान नहीं

याचिका में यह भी कहा गया है कि इस कानून में किसी तरह के पब्लिक नोटिस जारी करने का प्राविधान नहीं है जिससे कि हिंदू या गैर मुस्लिम समुदाय के लोग आदेश को जान ही नहीं पाते हैं। वक्फ कानून की धारा 54 और 55 में वक्फ बोर्ड को वक्फ संपत्तियों से अतिक्रमण हटाने का विशेष अधिकार दिया गया है जबकि ये अधिकार ट्रस्ट, मठ, मंदिर, अखाड़ा और धार्मिक संपत्तियां रखने वाले ट्रस्टी, मैनेजरों, शैबायतों, महन्तों और धार्मिक संपत्ति का प्रबंधन करने वालों के पास नहीं है।

वक्फ संपत्तियों से जुड़े विवाद ट्रिब्यूनल द्वारा निपटाए जाने के प्रविधान गैरकानूनी

अगर वक्फ कानून को देखा जाए तो वक्फ संपत्ति घोषित होने को लेकर विवाद की सुनवाई वक्फ ट्रिब्यूनल करता है। इस नई याचिका में कहा गया है कि दो समुदायों के बीच संपत्ति को लेकर होने वाला विवाद जटिल प्रकृति का होता है और इसे तय करने के लिए विशेषज्ञ दक्षता की आवश्यकता हो सकती है।

विवाद ट्रिब्यूनल द्वारा निपटाए जाने के प्रविधान गैरकानूनी

ट्रिब्यूलन अर्ध न्यायिक प्राधिकरण होता है और वो उसमें सक्षम नहीं हो सकता। दीवानी प्रकृति के संपत्ति विवादों का निपटारा सिविल अदालतें बेहतर ढंग से करती हैं, ऐसे में वक्फ कानून में वक्फ संपत्तियों से जुड़े विवाद ट्रिब्यूनल द्वारा निपटाए जाने के प्रविधान गैरकानूनी हैं।

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Weather Alert: दिल्ली-यूपी में आंधी-तूफान ने मचाई तबाही, 400 से अधिक उड़ानें प्रभावित; IMD का अलर्ट जारी

Dainik Jagran - National - April 13, 2025 - 7:02am

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली यूपी के मौसम का मिजाज बिगड़ चुका है। पिछले दो दिन से दिल्ली-एनसीआर से लेकर यूपी, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में तेज आंधी और बारिश ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। लोगों को गर्मी से तो राहत मिली है लेकिन किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है।

इन राज्यों में बारिश का अलर्ट

मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के लिए और भी गंभीर चेतावनियां जारी की हैं। आईएमडी के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक दिल्ली- एनसीआर समेत यूपी, पंजाब, हरियाणा आदि राज्यों में बारिश और तेज हवाएं चलने का सिलसिला जारी रहेगा। आईएमडी ने हालिया जानकारी में बताया कि उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में 12 अप्रैल को और झारखंड में 15 अप्रैल को छिटपुट ओलावृष्टि की संभावना है।

पिछले 24 घंटों के मौसम का हाल

पिछले 24 घंटों में मौसम में भारी बदलाव देखने को मिला। शुक्रवार शाम को दिल्ली एनसीआर समेत सटे राज्यों में आंधी पानी और हल्की बूंदाबादी देखने को मिली। जिससे तापमान में काफी कमी देखने को मिली। IMD ने बताया कि पिछले 24 घंटों में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, झारखंड़, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर तूफानी हवाओं के साथ गरज के साथ बारिश हुईं। वहीं, ये सिलसिला आज और कल जारी रहने की संभावना है।

इन राज्यों में लू की चेतावनी

मौसम विभाग ने कुछ राज्यों में लू को लेकर चेतावनी जारी की है। विभाग के ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 14 और 15 अप्रैल को पश्चिमी राजस्थान में अलग-अलग स्थानों पर लू चलने की संभावना है। वहीं, 16-18 अप्रैल के दौरान अलग-अलग स्थानों पर भीषण लू चलने की संभावना है।

विभाग के अपडेट में बताया गया कि 15-17 अप्रैल के दौरान गुजरात राज्य में अलग-अलग स्थानों पर लू चलने की संभावना है। 16-18 अप्रैल के दौरान पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पूर्वी राजस्थान, पश्चिमी मध्य प्रदेश में लू चलने की संभावना है।

आइजीआई एयरपोर्ट पर 400 से अधिक उड़ानों में देरी से यात्री हुए परेशान

खराब मौसम और रनवे बंद होने की वजह से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आइजीआई) एयरपोर्ट पर लगातार दूसरे दिन शनिवार को 400 से ज्यादा उड़ानों में देरी हुई। नतीजन, यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

शुक्रवार शाम को तेज हवा के साथ वर्षा होने से उड़ानों पर काफी असर पड़ा। बड़ी संख्या में उड़ानों को डायवर्ट करना पड़ा। विलंब का यह क्रम शनिवार को भी जारी रहा। एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या बढ़ने से अफरातफरी का माहौल रहा। यात्रियों ने इंटरनेट मीडिया पर लंबी कतारों और भीड़भाड़ की तस्वीरें और वीडियो साझा की।

शुक्रवार रात के मौसम के कारण कुछ उड़ानें भी प्रभावित

दिल्ली अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) ने भी इसको लेकर जानकारी साझा की है। घरेलू व अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के प्रस्थान की बात की जाए, तो 234 उड़ानों के प्रस्थान में देरी हुई और 175 उड़ानों का आगमन देरी से हुआ। ज्यादातर उड़ानों का औसतन प्रस्थान 40 मिनट से अधिक का रहा। डायल ने बताया कि एयरपोर्ट पर उड़ानों के संचालन में सुधार हो रहा है, शुक्रवार रात के मौसम के कारण कुछ उड़ानें भी प्रभावित हैं।

कुछ उड़ानें प्रभावित हुई

वहीं, इंडिगो एयरलाइन के अनुसार, एयर ट्रैफिक की वजह से टेकऑफ और लैंडिंग क्लीयरेंस के लिए रोका जा रहा है। इस वजह से कुछ उड़ानें प्रभावित हुई हैं। बता दें कि एयरपोर्ट पर एक नंबर रनवे के मरम्मत कार्य की वजह से घरेलू उड़ानों को टर्मिनल दो व तीन से संचालित किया जा रहा है। इस वजह से भी एयरपोर्ट पर काफी परेशानी सामने आ रही हैं।

दिल्ली में शनिवार को गर्मी से रही राहत, अगले सप्ताह फिर चलेगी लू

दिल्ली में शनिवार को हवा की गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में रही। रविवार को हवा की गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में रहने की संभावना है। इसके बाद हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंच सकती है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार दिल्ली का एयर इंडेक्स 166 रहा।

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Justice Nagarathna: तेजी से बदलाव के दौर से गुजर रहा भारतीय परिवार, जस्टिस नागरत्ना ने महिलाओं को लेकर कह दी बड़ी बात

Dainik Jagran - National - April 13, 2025 - 2:00am

 पीटीआई, बेंगलुरु। सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस बीवी नागरत्ना ने शनिवार को कहा कि भारत में परिवार की संस्था आज तेजी से बदलाव के दौर से गुजर रही है। यह बदलाव न केवल परिवारों की संरचना और कार्यप्रणाली पर, बल्कि कानूनी व्यवस्था पर भी गहरा असर डाल रहे हैं।

बदलाव कई कारकों से प्रेरित

उन्होंने कहा कि यह बदलाव कई कारकों से प्रेरित है, जिसमें आम शिक्षा तक अधिक पहुंच, बढ़ता शहरीकरण, व्यक्तिगत आकांक्षाओं से लेकर कार्यबल की अधिक गतिशीलता और शिक्षा प्राप्त करने वाली महिलाओं की बढ़ती आर्थिक स्वतंत्रता शामिल है। कानून ने भी इस बदलाव में मदद की है।

जस्टिस नागरत्ना ने कही ये बात

''परिवार: भारतीय समाज का आधार'' विषय पर आयोजित एक सम्मेलन में जस्टिस नागरत्ना ने इस बात पर जोर दिया कि हर सभ्यता में परिवार को समाज की मूलभूत संस्था के रूप में मान्यता दी गई है। यह हमारे अतीत से जुड़ने और हमारे भविष्य के लिए सेतु है।

उन्होंने सुझाव दिया कि शिक्षा और रोजगार के कारण महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक मुक्ति को समाज द्वारा सकारात्मक रूप से देखा जाना चाहिए और प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। ऐसी महिलाएं न केवल परिवार की भलाई में, बल्कि राष्ट्र की भलाई में भी योगदान देती हैं।

पारिवारिक विवाद इस तरह सुलझ सकते हैं

जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि भारत में वर्तमान में न्यायालयों में जितने पारिवारिक विवाद लंबित हैं, उनका एक महत्वपूर्ण प्रतिशत हल हो सकता है यदि दोनों पक्ष दो कदम उठाएं।

दूसरे साथी के हितों को ध्यान में रखना चाहिए

उन्होंने कहा, ''पहला कदम दूसरे के प्रति समझ और सम्मान रखना है, और दूसरा खुद के प्रति जागरूकता है। यह पति और पत्नी के संदर्भ में है। दूसरे के प्रति सम्मान को समझने से मेरा मतलब है कि एक साथी को हर समय दूसरे साथी के हितों को ध्यान में रखना चाहिए। जब भी पहला साथी कुछ ऐसा करता हुआ दिखाई दे जो दूसरे साथी की राय में समस्याग्रस्त है, तो दूसरे साथी को खुद को पहले साथी के स्थान पर रखकर उस कार्य का कारण बताना चाहिए।''

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पेगासस स्पाइवेयर के जरिये जिनकी जासूसी हुई, उनका ब्योरा दे केंद्र, कांग्रेस ने सरकार से कर दी बड़ी मांग

Dainik Jagran - National - April 13, 2025 - 2:00am

 पीटीआई, नई दिल्ली। कांग्रेस ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि वह सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अमेरिका की अदालत में हुए हालिया राजफाशों के बारे में बताएं जिसमें 100 भारतीयों की पेगासस स्पाइवेयर के जरिये जासूसी का उल्लेख है। साथ ही कहा कि सरकार को उन 100 भारतीयों का ब्योरा देना चाहिए।

पेगासस का इस्तेमाल 100 भारतीयों का मोबाइल हुआ हैक

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि यह स्पष्ट है कि पेगासस का इस्तेमाल 100 भारतीयों के मोबाइल फोन को हैक करने के लिए किया गया। उन्होंने इस मामले की न्यायालय द्वारा जांच की मांग की।

सुरजेवाला ने कहा कि पेगासस सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी एनएसओ ने कहा है कि जासूसी साफ्टवेयर के लाइसेंस सरकारों द्वारा लिए गए थे। उन्होंने कहा कि क्या यह साबित नहीं करता कि मोदी सरकार ने जासूसी के लिए पेगासस खरीदा? कांग्रेस नेता ने सरकार से यह भी पूछा कि साफ्टवेयर खरीदने की अनुमति किसने दी।

विपक्षी नेता, जर्नलिस्ट, जज, और केंद्रीय मंत्री की हुई थी जासूसी

उन्होंने कहा कि जब अमेरिका की अदालत में दस्तावेज सार्वजनिक किए गए हैं तो क्या यह भारत सरकार की जिम्मेदारी नहीं है कि वह 22 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में इन दस्तावेजों को पेश करे? उन्होंने दावा किया कि जिन लोगों की जासूसी हुई उनमें विपक्षी नेता, जर्नलिस्ट, जज, और केंद्रीय मंत्री तक शामिल थे।

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कर्नाटक में जाति जनगणना रिपोर्ट पेश, पिछड़ा वर्ग आरक्षण बढ़ाकर 51 प्रतिशत करने की सिफारिश

Dainik Jagran - National - April 13, 2025 - 12:19am

 पीटीआई, बेंगलुरु। कर्नाटक में जाति आधारित जनगणना रिपोर्ट में पिछड़े समुदायों के लिए आरक्षण को मौजूदा 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 51 प्रतिशत करने की सिफारिश की गई है।

सूत्रों के अनुसार जाति आधारित जनगणना से पता चला है कि राज्य में पिछड़ी जातियों की जनसंख्या 70 प्रतिशत है। इससे पहले बिहार सरकार ने भी जाति आधारित जनगणना करवाई थी।

रिपोर्ट में तमिलनाडु और झारखंड का उदाहरण दिया गया

सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट में तमिलनाडु और झारखंड का उदाहरण दिया गया है, जो पिछड़े वर्ग की आबादी के अनुसार क्रमश: 69 और 77 प्रतिशत आरक्षण प्रदान दे हैं।

बिहार में ऐसा है मामला

बिहार सरकार ने भी जाति आधारित जनगणना रिपोर्ट के आधार पर राज्य में सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण कोटा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दिया था। इस कानून को पटना हाई कोर्ट ने रद कर दिया था। मामला सुप्रीम कोर्ट में है।

सर्वेक्षण शुरू में 2015 में एच. कंथराज द्वारा कराया गया था और बाद में कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष के. जयप्रकाश हेगड़े ने इसे पूरा किया और फरवरी 2024 में मुख्यमंत्री सिद्दरमैया को रिपोर्ट सौंपी। पिछले दिनों यह रिपोर्ट राज्य कैबिनेट में पेश की गई।

किसकी कितनी है आबादी

  • पिछड़ा वर्ग 1ए श्रेणी - 34,96,638
  • पिछड़ा वर्ग 1बी श्रेणी - 73,92,313
  • पिछड़ा वर्ग 2ए श्रेणी - 77,78,209
  • पिछड़ा वर्ग 2बी श्रेणी - 75,25,880
  • पिछड़ा वर्ग 3ए श्रेणी - 72,99,577
  • पिछड़ा वर्ग 3बी श्रेणी - 1,54,37,113
  • अन्य पिछड़ी जातियों की कुल जनसंख्या- 4,16,30,153
  • अनुसूचित जाति - 1,09,29347
  • अनुसूचित जनजाति 42,81,289

(सैंपल सर्वे में 5,98,14,942 की आबादी शामिल है)

जाति जनगणना राजनीतिक नाटक: कुमारस्वामी

केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया पर जाति जनगणना को राजनीतिक नौटंकी के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। कुमारस्वामी ने कहा, जाति जनगणना रिपोर्ट का कोई मतलब नहीं है। सरकार जाति लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। अगर आप वाकई जाति जनगणना चाहते हैं, तो सर्वेक्षण कर नई रिपोर्ट पेश करें। पिछले 10 सालों में जनसांख्यिकी में महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं।

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