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Updated: 1 hour 18 min ago

UAE में दो भारतीय नागरिकों को सुपुर्द-ए-खाक किया गया, जानिए क्यों नहीं हुई वतन वापसी

March 6, 2025 - 11:47pm

पीटीआई, नई दिल्ली। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में दो भारतीय नागरिक शाहजादी खान और मुहम्मद रिनाश अरंगीलोट्टू को गुरुवार को उनके परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में सुपुर्द-ए-खाक किया गया।

विदेश मंत्रालय के अनुसार, शाहजादी और अरंगीलोट्टू को यूएई के नियमों का पालन करते हुए दफनाया गया। इसलिए वतन वापसी नहीं हुई। उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की तीस वर्षीय शहजादी को पिछले महीने फांसी दी गई थी।

अबू धाबी में दफनाया गया

एक अदालत ने उसे चार महीने के बच्चे की कथित हत्या का दोषी पाया था। वहीं, केरल के कन्नूर के रहने वाले रिनाश को यूएई के एक नागरिक की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी और कुछ हफ्ते पहले उसे फांसी पर लटका दिया गया था। विदेश मंत्रालय ने कहा कि शहजादी खान को अबू धाबी में दफनाया गया।

मस्जिद में अंतिम संस्कार की नमाज

दफन से पहले शहजादी के परिवार के लोगों ने पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दी। वे मस्जिद में अंतिम संस्कार की नमाज में भी शामिल हुए। दूतावास के अधिकारियों ने इस संबंध में परिवार के लोगों की सहायता की और अंतिम संस्कार में भी शामिल हुए।

अंतिम श्रद्धांजलि देने और दफनाने से पहले प्रार्थना

शहजादी को 15 फरवरी को फांसी दी गई, जबकि रिनाश की फांसी की तारीख का अभी पता नहीं चल पाया है। संकेत मिले हैं कि उसे पिछले महीने के दूसरे पखवाड़े में फांसी दी गई थी। मुहम्मद रिनाश अरंगीलोट्टू के परिवार के सदस्य भी उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देने और दफनाने से पहले प्रार्थना में भाग लेने के लिए मौजूद थे।

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Ranya Rao: सोना की तस्करी में फंसी रान्या राव तो पिता ने जताई चिंता, बोले- परिवार का भविष्य धूमिल हो रहा

March 6, 2025 - 11:42pm

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक के आईपीएस अधिकारी रामचंद्र राव की बिटिया और कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव 15 किलोग्राम सोने तस्करी का आरोप में पकड़ी गई है। वहीं, आईपीएस अधिकारी ने उससे खुद को और दूर कर लिया है, उन्होंने कहा कि उसकी शादी चार महीने पहले हुई थी और तब से वह संपर्क में नहीं है।

आईपीएस अधिकारी रामचंद्र ने कही ये बात

आईपीएस अधिकारी रामचंद्र ने बयान में कहा गया है कि मैंने लोगों की सेवा करने और अपनी जिम्मेदारियों को निभाने की प्रतिबद्धता के साथ अपने काम को सबसे ऊपर रखा है। यह बेहद दुखद है कि इस आजीवन समर्पण के बावजूद, मेरी प्रतिष्ठा और परिवार का भविष्य अब हमारे नियंत्रण से परे किसी चीज से धूमिल हो रहा है।

उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि इस तरह के अटकलों के समय में, मेरी वर्षों की कड़ी मेहनत को इन घटनाओं से अनुचित रूप से जोड़ा जा सकता है... मैं सभी से सम्मानपूर्वक अपने और अपने परिवार के प्रति निष्पक्षता की मांग करता हूं। कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव श्री राव की दूसरी पत्नी की दो बेटियों में से एक हैं।

केम्पेगौड़ा हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया था

बता दें कि 33 वर्षीय रान्या राव को सोमवार को राजस्व खुफिया निदेशालय या डीआरआई ने बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया था। वह 12 करोड़ रुपये मूल्य का 14.2 किलोग्राम सोना ले जा रही थी, जिसका एक हिस्सा उसने अपने कपड़ों में छिपा रखा था। ऐसी भी खबरें हैं कि दो सहयोगियों ने ब्रीफकेस में सोने की छड़ें रखी थीं। पिछले साल उसने दुबई की 27 यात्राएं कीं। सूत्रों ने बताया कि इस बार वह सुरक्षा जांच में सफल रही और निकास द्वार से कुछ ही फीट की दूरी पर पकड़ी गई।

फ्लैट से करोड़ों का माल जब्त

डीआरआई अधिकारियों के अनुसार, 14.2 किलोग्राम सोना हाल के दिनों में बेंगलुरु हवाई अड्डे पर सबसे बड़ी जब्ती में से एक है। रान्या की गिरफ्तारी के बाद अधिकारियों ने बुधवार को बेंगलुरु के लावेल रोड स्थित उसके फ्लैट पर छापे मारे, जहां वह अपने पति के साथ रहती हैं। तलाशी में 2.06 करोड़ रुपये के सोने के आभूषण और 2.67 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई। वहां उसने कथित तौर पर किराये के रूप में 4.5 लाख रुपये का भुगतान किया था। मामले में अब तक 17.29 करोड़ रुपये की जब्ती की गई है।

IPS अधिकारी की सौतेली बेटी

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि रान्या वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रामचंद्र राव की सौतेली बेटी है। रामचंद्र राव ने पहली पत्नी की मृत्यु के बाद एक महिला से शादी की थी जिसकी पहली शादी से दो बेटियां हैं। रान्या उनमें से एक है।

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हाई कोर्ट ने 2 महीने बाद की दी तारीख, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 'अदालतों से जमानत मामले में ऐसी अपेक्षा नहीं की जाती'

March 6, 2025 - 9:28pm

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि अदालतों से यह अपेक्षा नहीं की जाती कि वे जमानतों से संबंधित मामलों में लंबी तारीखें दें। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस आगस्टीन जार्ज मसीह की पीठ ने यह टिप्पणी तब की, जब उसे बताया गया कि पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने चिकित्सा आधार पर अस्थायी जमानत की याचिका पर सुनवाई की तारीख दो महीने बाद निर्धारित की है।

बेटी की सर्जरी के लिए मांगी जमानत

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उन्होंने इस आधार पर अस्थायी जमानत के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था कि उनके मुवक्किल की दो साल की बेटी को तत्काल सर्जरी की जरूरत है। वकील ने दलील दी कि हाई कोर्ट ने 21 फरवरी को पारित अपने आदेश में मामले की सुनवाई 22 अप्रैल के लिए स्थगित कर दी थी।

हाई कोर्ट जाने की अनुमति दी

पीठ ने कहा, स्वतंत्रता के मामलों में अदालतों से यह अपेक्षा नहीं की जाती कि वे मामले को इतनी लंबी तारीख तक रोके रखें। साथ ही पीठ ने याचिकाकर्ता को शीघ्र सुनवाई के लिए हाई कोर्ट जाने की अनुमति दे दी। पीठ ने हाई कोर्ट से कहा कि वह सुनवाई की तारीख जल्दी तय कर दे और चिकित्सा आधार पर अस्थायी जमानत देने के संबंध में मामले की सुनवाई करे।

हाई कोर्ट ने खारिज किया था जल्दी सुनवाई का आवेदन

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उन्होंने हाई कोर्ट में जल्दी सुनवाई के लिए आवेदन दायर किया था, लेकिन इसे खारिज कर दिया गया। जस्टिस गवई ने पूछा कि अब इस टिप्पणी के साथ क्या आपको लगता है कि हाई कोर्ट इसे खारिज कर देगा? पीठ ने कहा कि यदि वह याचिका पर नोटिस जारी करेगी तो प्रतिवादी जवाब देने के लिए समय मांगेगा और मामले में देरी हो सकती है।

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'मेरी सहनशक्ति खत्म, अब करूंगा निलंबन की कार्रवाई', गडकरी ने किन्हें बताया सड़क हादसों के लिए जिम्मेदार?

March 6, 2025 - 9:28pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अपनी बेबाक टिप्पणी के लिए चर्चित केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक बार फिर सरकारी सिस्टम को कठघरे में खड़ा किया। तमाम प्रयासों के बावजूद देश में बढ़ रहे सड़क हादसों के लिए बतौर मंत्री स्वयं को जिम्मेदार मानते हुए उन्होंने दो टूक कहा कि इतने हादसों और मौतों के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार सिविल इंजीनियर और सरकारी सिस्टम है।

उन्होंने कहा कि डीपीआर बहुत खराब बनती है। एक्सेस कंट्रोल रोड के कम्पाउंड वाल का कोई डिजाइन हमारे पास नहीं है। कम्पाउंड वाल ऐसी बनती है कि लात मारते ही गिर जाए। विभाग के अधिकारियों के प्रति अविश्वास जताते हुए गडकरी ने इंटरनेशनल रोड फेडरेशन से कहा कि रोड सेफ्टी, साइनेज और रोड मार्केटिंग का अंतरराष्ट्रीय स्तर का मॉडल तैयार कर दें, सरकार उसे अनिवार्य रूप से लागू कराएगी।

गडकरी ने बताया सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें भारत में

इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (इंडियन चैप्टर) द्वारा गुरुवार को आयोजित ग्लोबल रोड इन्फ्राटेक समिट में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सबसे पहले भारत में हर साल होने वाले सड़क हादसों और उनमें होने वाली मौतों का आंकड़ा साझा किया। इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया कि सड़क हादसों की वजह से सर्वाधिक मृत्यु भारत में होती हैं।

जनता को जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं: गडकरी

उन्होंने कहा कि इसके लिए जनता को जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं है। उनकी जिम्मेदारी सच बोलने की है। मंत्रालय के अपने अनुभव का तर्क देते हुए बोले कि इन हादसों के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार सिविल इंजीनियर और खराब डीपीआर बनाने वाले हैं। सिविल इंजीनियरिंग की छोटी-छोटी गलतियों की वजह से सैकड़ों मौतें होती हैं। मन में आता है कि इन जिम्मेदारों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करवाकर हिरासत में लिया जाना चाहिए।

नौकरशाही पर लगाया लेटलतीफी का आरोप
  • सरकारी तंत्र की संवेदनशीलता पर प्रश्न खड़े करते हुए सड़क परिवहन मंत्री ने कहा कि नौकरशाही ऐसी है कि ब्लैक स्पॉट आदि जैसे मामलों पर तुंरत काम करना चाहिए, लेकिन वह सालों-साल इंतजार करते रहते हैं और दुर्घटनाएं होती रहती हैं।
  • सड़क बनाने वाली ठेकेदार कंपनियों पर भी आरोप लगाए कि वह सिर्फ पैसा बचाने के लिए काम करती हैं, लोगों के मरने से उन्हें फर्क नहीं पड़ता।
  • इन ठेकेदारों और अधिकारियों के बीच सौहा‌र्द्र का तंज कसते हुए बोले कि नीचे क्या चल रहा है, हमें पता ही नहीं चलता।
सरकारी विभाग की कार्यप्रणाली पर गडकरी ने जताई नाराजगी

मंत्री ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का नाम लिए बिना संकेत दिया कि विभाग की कार्यप्रणाली से वह बेहद नाराज हैं। कहा कि मुख्य अभियंता, परियोजना निदेशक और क्षेत्रीय अधिकारी बैठे रहते हैं और लोग सड़क हादसों में मरते रहते हैं। जब भी पूछा जाए तो कह देते हैं कि केंद्रीय कार्यालय को फाइल भेज दी है।

जिम्मेदारों पर होगी सख्त कार्रवाई: गडकरी

मंत्री ने आरोप लगाया कि हमारे यहां सीजीएम नाम के एक ऐसे व्यक्ति बैठे हैं, जो सिर्फ चेयरमैन के कहने पर ही फाइल आगे बढ़ाते हैं। कहा कि अब मेरी सहनशक्ति खत्म हो चुकी है, इसलिए जिम्मेदारों के विरुद्ध निलंबन और बर्खास्तगी जैसी कार्रवाई करनी पड़ेगी।

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सरकार ने की सख्ती तो 30 हजार लोगों ने खुद ही कर दिया विदेश में संपत्ति का खुलासा

March 6, 2025 - 9:03pm

 जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अगर विदेश में संपत्ति है तो भलाई इसी में है कि इसकी जानकारी सरकार को दे दें और उसके हिसाब से अपना इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) भरें। क्योंकि दुनिया के 125 देश भारत के साथ भारतीयों की वित्तीय संपत्ति व बैंक खाते की जानकारी साझा करने के लिए राजी हो गए हैं। पिछले साल सितंबर में 108 देशों ने वित्त मंत्रालय के साथ इस प्रकार की जानकारी साझा की।

इस आधार पर इनकम टैक्स विभाग ने उन टैक्सपेयर्स के लिए सख्ती से पहले जागरूकता अभियान चलाया ताकि वे अपनी मर्जी से अपनी विदेशी संपत्ति का खुलासा करते हुए रिवाइज्ड इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर दे। विदेश में संपत्ति रखने वाले 19,501 टैक्सपेयर्स को ई-मेल और एसएमई के माध्यम से उन्हें संपत्ति के खुलासे को लेकर संदेश भेजा गया।

टैक्सपेयर्स की विदेश में अच्छी खासी संपत्ति

इन टैक्सपेयर्स की विदेश में अच्छी-खासी संपत्ति है या वहां के बैंकों में जमा रकम से उन्हें अच्छी आय हो रही है। इस प्रकार के अभियान का नतीजा यह हुआ 30,161 टैक्सपेयर्स ने यह स्वीकार लिया कि विदेश में उनकी संपत्ति है। सभी 30,161 टैक्सपेयर्स ने 29,208 करोड़ मूल्य की संपत्ति का खुलासा किया है।

1089 करोड़ की अतिरिक्त विदेशी आय

इसके अलावा 1089 करोड़ की अतिरिक्त विदेशी आय की भी बात स्वीकारी है। 6,734 टैक्सपेयर्स ने तो अपना आवासीय पता बदलते हुए खुद का अनिवासी करार दे दिया है। वित्त मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक इन 30 हजार टैक्सपेयर्स में से 24,678 अपने आईटीआर की समीक्षा कर रहे हैं तो 5483 टैक्सपेयर्स मूल्यांकन वर्ष 2024-25 के लिए देरी के साथ अपना रिटर्न भर रहे हैं।

विदेशी संपत्ति बताने वालों की लगातार बढ़ रही संख्या
  • इनकम टैक्स विभाग के प्रयास से स्वैच्छिक रूप से अपनी विदेशी संपत्ति का खुलासा करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मूल्यांकन वर्ष 2021-22 में 60,000 टैक्सपेयर्स ने स्वैच्छिक आधार पर अपनी विदेशी संपत्ति का खुलासा किया था। मूल्यांकन वर्ष 2024-25 में 2,31,452 टैक्सपेयर्स ने विदेश में संपत्ति का स्वैच्छिक खुलासा किया है।
  • विभागीय सूत्रों के मुताबिक किसी की अघोषित संपत्ति या आय का पता लगने पर विभाग पहले उन्हें खुद संपत्ति की घोषणा करने और उसके हिसाब से इनकम टैक्स चुकाने का मौका देता है। सरकार पहले टैक्सपेयर्स पर भरोसा और फिर उनकी पड़ताल की नीति अपना रही है।
क्या कहते हैं टैक्स विशेषज्ञ?

टैक्स विशेषज्ञों के मुताबिक इनकम टैक्स विभाग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से आपकी हर आर्थिक गतिविधियों पर नजर रख रहा है। इस क्रम में अपनी आय व संपत्ति को छिपाने वालों को विभाग पहले अपनी गलती सुधारने का मौका देता है और उन्हें एसएमएस या ई-मेल से अलर्ट किया जाता है। जिन्हें विभाग का यह संदेश समझ में आ जाता है, वे समय रहते टैक्स के मामले को निपटा लेते हैं।

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वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में हुआ सहस्त्रनाम स्त्रोत पारायण; स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी बोले, 'हमारा देश सनातन भूमि'

March 6, 2025 - 9:02pm

जेएनएन, हैदराबाद। हैदराबाद के श्रीनिवास नगर स्थित श्रीगिरी प्रसन्ना वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर के प्रांगण में देश की प्रगति, विश्व शांति और गरीब कल्याण के ध्येय से देश के वरिष्ठ संत स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी की अध्यक्षता में श्री ललिता सहस्त्रनाम स्त्रोत पारायण हजारों सुहासिनी महिलाओं के द्वारा किया गया।

स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने उपस्थित सभी सुहासिनी महिलाओं का पूजन किया और सभी के बीच साड़ी का वितरण किया। स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने उपस्थित लोगों से कहा की हमारा देश सनातन भूमि है, यहाँ हमेशा धर्म की रक्षा होगी। दक्षिण और काशी का पुराना रिश्ता है हमे इसको हर क्षण जीवंत रखना है।

स्वामी अभिषेक बोले- भारत ऋषियों की भूमि

स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने कहा की भारत ऋषियों की भूमि है, यहाँ हमेशा समृद्धि रहेगी। स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने कहा की माता ललिता से भारत के प्रत्येक नागरिक के संरक्षण और प्रगति हेतु प्रार्थना करता हूँ।

स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने कहा की भारत विश्व शक्ति के रूप में उभरे यही प्रत्येक नागरिक की आकांक्षा है। स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने कहा की सनातन का ध्वज हिमालय से ऊँचा रहे और भारत माता के वैभव का डंका दुनिया भर में बजता रहे, इसके लिए सभी लोगों को खूब मेहनत करना होगा।

स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने कहा की आज भारत की प्रतिष्ठा पूरी दुनिया में बढ़ी है। इस अवसर पर युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह, डॉ. अनंत लक्ष्मी, सुधाकर शर्मा, कराटे कल्याणी, श्रीदेवी सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

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किन वजहों से टल रहा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव? देरी के लिए क्या दिए जा रहे तर्क, यहां पढ़िए डिटेल

March 6, 2025 - 8:50pm

नीलू रंजन, जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जनवरी में होने वाले भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव में देरी और 21 से 23 मार्च तक बेंगलुरू में होने जा रहे आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक को देखते हुए नए अध्यक्ष का चुनाव अप्रैल तक टलने की आशंका है।

प्रतिनिधि सभा की बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महासचिव बीएल संतोष भी मौजूद रहेंगे। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए आधे से अधिक राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव होना जरूरी है। लेकिन अभी तक 12 राज्यों में ही प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव हो पाया है।

प्रदेश अध्यक्ष चुनावों के लिए नहीं तय की गई समय सीमा

प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव पूरा करने के लिए कोई समय-सीमा भी तय नहीं की गई है। यदि जल्दी भी प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव कराये जाते हैं, तो उनकी तारीख तय करने और केंद्रीय पर्यवेक्षक भेजकर चुनाव संपन्न कराने में कम से कम 10-12 दिन का समय लग सकता है।

प्रदेश अध्यक्षों के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का होगा चुनाव

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि आधे से अधिक राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसे पूरा होने में लगभग 12-15 दिन लग जाएंगे। ऐसे में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव अप्रैल में ही संभव हो सकेगा।

आरएसएस की बैठक भी देरी की वजह

राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक की वजह से देरी की आशंका जताई जा रही है। इस बैठक में भाजपा और आरएसएस के शीर्ष नेताओं के साथ-साथ 1500 से अधिक प्रतिनिधि मौजूद होंगे।

बेंगलुरु में होगी आरएसएस की बैठक

इस बैठक की तैयारियों के सिलसिले में आरएसएस के वरिष्ठ अधिकारी 17 मार्च से ही बेंगलुरू में होंगे और 24 मार्च के बाद ही वापस लौट सकेंगे। वैसे तो राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर भाजपा और आरएसएस के शीर्ष नेतृत्व के बीच कई दौर का संपर्क हो चुका है। लेकिन नए अध्यक्ष के चुनाव के पहले सलाह-मश्विरा की जरूरत पड़ेगी, जो 24 मार्च के बाद ही संभव हो सकेगा।

हिंदू नववर्ष का चुनाव से क्या कनेक्शन?

वैसे नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में देरी के लिए एक तर्क हिंदू नववर्ष का दिया जा रहा है। हिंदू नववर्ष की शुरूआत चैत्र शुक्लपक्ष प्रतिपदा से होती है, जो इस साल 30 मार्च को है। महाकुंभ में 64 करोड़ लोगों से स्नान को हिंदू अस्मिता के जागरण से जोड़कर भाजपा अपने नए अध्यक्ष के चुनाव को जनवरी के बजाय हिंदू नव वर्ष के पहले महीने के साथ जोड़ना चाहती है।

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'भारत के अल्पसंख्यक सबसे भाग्यशाली', किरेन रिजिजू बोले- कुछ लोग असुरक्षित बताकर गलतबयानी कर रहे

March 6, 2025 - 8:49pm

पीटीआई, तिरुअनंतपुरम। केंद्रीय संसदीय मामलों और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि भारत के अल्पसंख्यक सबसे भाग्यशाली लोग हैं। चूंकि भारत में ऐसे लोगों के लिए विशिष्ट और कल्याणकारी योजनाएं चलाई जाती हैं। ऐसी योजनाएं विश्व में कहीं और नहीं चलती हैं।

किरेन रिजिजू ने गुरुवार को प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके) के लिए दक्षिणी क्षेत्र के राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला और क्षेत्रीय समीक्षा बैठक को संबोधित कर आरोप लगाया कि कुछ लोग भारत में अल्पसंख्यकों को असुरक्षित बताकर गलतबयानी कर रहे हैं।

भेदभाव के आरोपों पर की टिप्पणी

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ लोग यह कहानी गढ़ रहे हैं कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों से भेदभाव हो रहा है, जोकि सरासर झूठ है। इसके विपरीत भारत में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग बहुत ही भाग्यशाली हैं। यहां अल्पसंख्यकों के लिए विशेष योजनाएं चलाई जाती हैं, जो विश्व में कहीं और नहीं होतीं।

उन्होंने केरल का उदाहरण देते हुए कहा कि इस राज्य की 44 प्रतिशत आबादी ईसाइयों और मुसलमानों की है, इसलिए यह देश का सबसे अधिक अल्पसंख्यकों वाला क्षेत्र है। इसलिए स्वाभाविक रूप से राज्य में और योजनाएं स्वाभाविक रूप से आएंगी।

जॉर्ज कुरियन की तारीफ की
  • रिजिजू ने कहा कि अगर किसी भी परियोजना या कार्यक्रम में केरल सरकार को लगता है कि केंद्र को भी इसे देखना चाहिए तो हम निश्चित रूप से समय-समय पर उस योजना के लिए समर्थन देंगे।
  • उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन केरल के वरिष्ठ नेता हैं और प्रदेश के लिए बहुत ही लाभकारी हैं। उन्होंने बताया कि पीएमजेवीके योजना के तहत कर्ज अदायगी का प्रतिशत केरल में सबसे अधिक है। इसलिए हम इसकी सफलता से बेहद प्रसन्न हैं।

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India's Got Latent: महिला आयोग के सामने पेश हुए रणवीर इलाहाबादिया और अपूर्वा मुखीजा, जानिए कैसे शुरू हुआ विवाद

March 6, 2025 - 7:51pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। स्टैंड अप कॉमेडियन समय रैना के शो इंडियाज गॉट लेटेंट को लेकर शुरु हुए विवाद के बाद से ही इसमें पैनल के तौर पर शामिल यूट्यूबर्स को जांच का सामना करना पड़ रहा है। पहले मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने इन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था।

अब राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया और अपूर्वा मुखीजा से पूछताछ की है। बता दें कि रणवीर इलाहाबादिया ने शो के दौरान कंटेस्टेंट से आपत्तिजनक सवाल किया था, जिसका क्लिप वायरल होने के बाद काफी बवाल मचा था।

पिछले महीने जारी किया गया था समन

महिला आयोग ने पिछले महीने रणवीर इलाहाबादिया, अपूर्वा मुखीजा, जसप्रीत सिंह, आशीष चंचलानी, तुषार पुजारी, सौरभ बोथरा और बलराज घई को समन जारी किया था। हालांकि इन सभी ने अलग-अलग वजह का हवाला देकर पेश होने के लिए समय मांगा था।

रणवीर ने महिला आयोग से तीन हफ्ते का एक्सटेंशन देने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि मारने की धमकी मिलने के कारण वह शामिल नहीं हो पाएंगे। इसे स्वीकार करते हुए आयोग ने 6 मार्च की तारीख मुकर्रर की थी।

अपूर्वा ने भी की थी अपील
  • अपूर्वा मुखीजा ने सुरक्षा का हवाला देते हुए वर्चुअली पेश होने की अपील की थी, जिसे महिला आयोग ने अस्वीकार कर दिया था। बता दें कि इंडयाज गॉट लेटेंट में हुए विवाद के बाद मुंबई और असम पुलिस की टीम रणवीर इलाहाबादिया के आवास पर पूछताछ के लिए पहुंची थी।
  • हालांकि तब उनका घर लॉक था। बाद में रणवीर और आशीष चंचलानी पुलिस के सामने पेश हुए थे। वहीं समय रैना विवाद शुरु होने के बाद से ही विदेश में हैं। उन्होंने भी पुलिस से वर्चुअली पेश होने की अपील की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था।

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'तुरंत एक्शन; निंदा और मंजूर नहीं', जयशंकर की सुरक्षा में चूक पर UK ने दी सफाई

March 6, 2025 - 7:44pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर की लंदन यात्रा के दौरान सुरक्षा में चूक का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अब ब्रिटेन (UK) के विदेश मंत्रालय ने भी इसकी निंदा की है। ब्रिटेन ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की है।

दरअसल बुधवार को रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स के मुख्यालय चैथम हाउस में एक संवाद सेशन के बाद जब जयशंकर बाहर आ रहे थे, तब खालिस्तानी समर्थकों ने पुलिस की बैरिकेडिंग को तोड़ने का प्रयास किया और भारत विरोधी नारे लगाए।

भारत ने जताई थी आपत्ति

बता दें कि भारत ने विदेश मंत्री की सुरक्षा में चूक पर कड़ी आपत्ति जाहिर की थी। भारत ने कहा था कि वह उम्मीद करता है कि मेजबान सरकार ऐसे मामलों में अपने राजनयिक दायित्वों का पूरी तरह से पालन करेगी।

भारत ने खालिस्तानियों को जिक्र करते हुए कहा था कि वह लोकतांत्रिक स्वतंत्रता के दुरुपयोग की निंदा करता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, 'हमने विदेश मंत्री की ब्रिटेन यात्रा के दौरान सुरक्षा में सेंध की फुटेज देखी है। हम अलगाववादियों और चरमपंथियों के इस छोटे समूह की भड़काऊ गतिविधियों की निंदा करते हैं।'

यूके ने की कड़ी निंदा
  • रणधीर जायसवाल ने कहा कि हम ऐसे तत्वों द्वारा लोकतांत्रिक स्वतंत्रता के दुरुपयोग की निंदा करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि ऐसे मामलों में मेजबान सरकार अपने कूटनीतिक दायित्वों का पूरी तरह से पालन करेगी।'
  • यूके विदेश मंत्रालय ने कहा कि मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने घटना पेर तुरंत एक्शन लिया और वह घटना की कड़ी निंदा करता है। सोशल मीडिया पर नारेबाजी करते हुए खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों का वीडियो काफी वायरल है।
पहले भी हुई थी घटना

खालिस्तानी तत्वों द्वारा सुरक्षा भंग करने की यह पहली घटना नहीं थी। इसके पहले मार्च 2023 में खालिस्तानी तत्वों ने लंदन में भारतीय उच्चायोग पर राष्ट्रीय ध्वज उतार दिया था, जिस पर भारत की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया जताई गई थी।

घटना के बाद, भारत ने दिल्ली में सबसे वरिष्ठ ब्रिटिश राजनयिक को तलब किया था। भारत ब्रिटेन से ब्रिटिश धरती से सक्रिय खालिस्तानी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए लंबे वक्त से कह रहा है।

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कृषि, ऑटोमोबाइल, जेम्स-ज्वैलरी, फार्मा में शुल्क का अंतर ज्यादा, रेसिप्रोकल टैरिफ लगा तो इन पर होगा ज्यादा असर

March 6, 2025 - 5:35pm

एस.के. सिंह, नई दिल्ली।

मंगलवार, 4 मार्च को अमेरिकी संसद को अपने पहले संबोधन में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रेसिप्रोकल यानी जवाबी टैरिफ की बात दोहराई। एक बार फिर भारत का नाम लेकर उन्होंने कहा कि भारत अमेरिकी मोटरसाइकिलों पर 100% तक टैरिफ यानी आयात शुल्क लगाता है। ट्रंप प्रशासन 2 अप्रैल से रेसिप्रोकल टैरिफ लागू करेगा। ट्रंप का कहना है कि साझीदार देश या तो हमारे बराबर आयात शुल्क लगाएं, वर्ना हम उनके बराबर शुल्क लगाएंगे। भारत-अमेरिका व्यापार में सेक्टर के हिसाब से देखें तो कृषि क्षेत्र में टैरिफ का अंतर सबसे ज्यादा है। इसके बाद ऑटोमोबाइल, जेम्स-ज्वैलरी, केमिकल तथा फार्मा उत्पाद हैं। रेसिप्रोकल कदम उठाते हुए अमेरिका ने इन पर टैरिफ बढ़ाया तो निर्यात ज्यादा प्रभावित हो सकता है। प्रमुख सेक्टर में सिर्फ खनिज और पेट्रोलियम ऐसे हैं जिन पर भारत से ज्यादा अमेरिका में टैरिफ है।

इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ व्हाइट हाउस में मुलाकात से कुछ घंटे पहले ट्रंप ने ‘फेयर एंड रेसिप्रोकल प्लान’ की घोषणा की थी। ट्रंप ने स्टील और एल्युमिनियम पर भी 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की है जो संभवतः 12 मार्च से लागू होगा। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल अभी अमेरिका यात्रा पर हैं। अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हावर्ड लुटनिक के साथ उनकी मुलाकात हुई है और दूसरे अधिकारियों के साथ भी बैठक तय है। उम्मीद है कि इन बैठकों के सकारात्मक नतीजे निकलेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात में द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर सहमति बनी थी। यह तय हुआ था कि अगले सात-आठ महीने में इस समझौते को अंतिम रूप दिया जाएगा। लेकिन ट्रंप ने 2 अप्रैल से ही रेसिप्रोकल टैरिफ लागू करने की बात कही है। ऐसा हुआ तो अमेरिका को भारतीय निर्यात महंगा हो जाएगा।

ट्रंप चीन से आयात पर 20% और कनाडा तथा मेक्सिको पर 25% शुल्क लगा चुके हैं। चीन से जेम्स-ज्वैलरी, स्मार्टफोन आदि के आयात पर टैरिफ बढ़ने का भारत को फायदा मिल सकता है, लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करेगा कि ट्रंप भारत के खिलाफ रेसिप्रोकल टैरिफ लगाते हैं या नहीं।

अभी यह स्पष्ट नहीं है कि रेसिप्रोकल टैरिफ सभी सेक्टर के औसत के हिसाब से लागू होगा या हर सेक्टर के लिए अलग रहेगा। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनीशिएटिव (GTRI) ने अमेरिका के ट्रेड डेटा के आधार पर बताया है कि अगर अमेरिका देश स्तर पर एक टैरिफ लगाता है तो भारत पर अतिरिक्त 4.9% टैरिफ लगेगा। अभी भारत में अमेरिकी वस्तुओं पर औसत टैरिफ 7.7% है, जबकि अमेरिका में भारतीय वस्तुओं के आयात पर औसत टैरिफ 2.8% है। इस तरह 4.9% का अंतर है।

कृषि और औद्योगिक वस्तुओं को अलग-अलग देखें तो भारत से कृषि निर्यात पर अमेरिका में औसतन 5.3% टैरिफ है जबकि भारत में अमेरिकी कृषि वस्तुओं पर औसत टैरिफ 37.7% है। यानी भारत 32.4% अधिक टैरिफ लगाता है। जहां तक औद्योगिक वस्तुओं की बात है तो भारत का औसत टैरिफ 5.9% और अमेरिका का 2.6% है। इसमें 3.3% का अंतर है।

रेसिप्रोकल टैरिफ पर ट्रंप के प्रेसिडेंशियल मेमोरेंडम में कहा गया है कि अमेरिका अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में आयात पर कम शुल्क लगाता है, लेकिन इसके साझीदार देश अमेरिका से आयात पर अधिक शुल्क लगाते हैं। अमेरिकी उत्पादों को अनुचित और भेदभाव वाली बाधाओं (जैसे वैट) का भी सामना करना पड़ता है। इस कारण अमेरिका का व्यापार घाटा लगातार बढ़ रहा है। इसे रेसिप्रोकल टैरिफ से सुधारा जा सकता है।

भारत का जिक्र करते हुए इसमें कहा गया है कि भारत में कृषि उत्पादों पर औसत टैरिफ 39% है, जबकि उन्हीं उत्पादों पर अमेरिका का औसत आयात शुल्क केवल 5% है। इसमें यह भी कहा गया है कि भारत मोटरसाइकिलों पर 100% आयात शुल्क लगाता है, जबकि भारतीय मोटरसाइकिलों पर अमेरिका का आयात शुल्क केवल 2.4% है।

हालांकि ट्रंप के आंकड़ों पर विशेषज्ञ अक्सर संदेह जताते हैं। पिछले बजट (2025-26) में ही 1600 सीसी से कम इंजन क्षमता वाले मोटरसाइकिल पर आयात शुल्क 50% से घटाकर 40% और 1600 सीसी से अधिक क्षमता वाले मोटरसाइकिल पर 50% से घटाकर 30% कर दिया गया है।

किस सेक्टर में टैरिफ का अंतर कितना

GTRI के अनुसार, कृषि में प्रोडक्ट के हिसाब से देखा जाए तो मांस, मछली और प्रोसेस्ड सीफूड का निर्यात ज्यादा प्रभावित होगा। वर्ष 2024 में भारत ने अमेरिका को इनका 2.58 अरब डॉलर का निर्यात किया। अमेरिका इन पर सिर्फ 0.59% टैरिफ लगाता है जबकि भारत में यह 28.42% है। रेसिप्रोकल टैरिफ की स्थिति में भारतीय उत्पादों पर टैरिफ 27.83% बढ़ जाएगा। स्नैक्स और कनफेक्शनरी जैसे प्रोसेस्ड फूड, कोकोआ और चीनी पर टैरिफ में अंतर 24.99% है। अनाज, फल-सब्जियां, मसालों में यह अंतर 5.72%, डेयरी प्रोडक्ट पर 38.23% और खाद्य तेलों में 10.67% का है।

औद्योगिक वस्तुओं में फार्मास्यूटिकल्स का निर्यात प्रभावित होगा क्योंकि इन पर टैरिफ 10.90% बढ़ जाएगा। पिछले साल इनका 12.72 अरब डॉलर का निर्यात हुआ है। जेम्स-ज्वैलरी में टैरिफ अंतर 13.32% और इलेक्ट्रिकल, टेलीकॉम और इलेक्ट्रॉनिक्स में 7.24% का है। टैरिफ इतना बढ़ने पर आईफोन के निर्यात पर असर हो सकता है। ऑटोमोबाइल और ऑटो पार्ट्स में यह अंतर 23.10%, मशीनरी और कंप्यूटर में 5.29%, केमिकल में 6.05%, टेक्सटाइल में 6.59%, रबर उत्पादों में 7.76%, सेरामिक और ग्लास में 8.27% तथा फुटवियर में 15.56% का है। मिनरल, पेट्रोलियम तथा गारमेंट में टैरिफ का अंतर भारत के पक्ष में है।

रेसिप्रोकल टैरिफ भारत के लिए ज्यादा मुश्किल वाला

ग्लोबल इनवेस्टमेंट बैंक नेटिक्सिस की चीफ इकोनॉमिस्ट (एशिया प्रशांत) एलिसिया गार्सिया हेरेरो जागरण प्राइम से कहती हैं, “भारत के लिए स्टील और एल्युमिनियम पर टैरिफ से ज्यादा महत्वपूर्ण है अमेरिका का रेसिप्रोकल टैरिफ। भारत ने अमेरिका से आयात होने वाली वस्तुओं पर काफी टैरिफ लगा रखा है। अगर ट्रंप भी जवाबी टैरिफ लगाते हैं तो उससे भारत के लिए मुश्किलें बढ़ेंगी।”

जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक पॉलिसी में विशिष्ट विजिटिंग प्रोफेसर अजय छिब्बर ट्रेड वेटेड टैरिफ की बात कहते हैं, “अमेरिका का ट्रेड वेटेड टैरिफ 2.2%, जापान का 1.7%, ईयू का 2.7%, चीन का 3%, कनाडा का 3.4%, मेक्सिको का 3.9%, वियतनाम का 5%, ब्राजील का 6.7%, दक्षिण कोरिया का 8.4% और भारत का 12% है।” इस लिहाज से देखें तो भारत का टैरिफ अमेरिका का पांच गुना है।

कृषि को वार्ता से बाहर रखने की जरूरत

भारत के ज्यादातर किसान छोटी जोत वाले हैं जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में उनका मुकाबला बहुराष्ट्रीय कंपनियों से है। भारत अभी तक कृषि को किसी भी द्विपक्षीय व्यापार समझौते से बाहर रखने में सफल रहा है। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की बैठक के बाद जारी साझा बयान में कहा गया है कि ‘दोनों देश कृषि वस्तुओं का व्यापार बढ़ाने के लिए मिलकर काम करेंगे।’ ट्रंप अगर कृषि में रेसिप्रोकल टैरिफ के लिए दबाव डालते हैं तो ऐसी हालत में या तो भारत को कृषि उत्पादों पर अपना टैरिफ अमेरिका के बराबर लाना होगा, या फिर भारत से आयात करने वाले कृषि उत्पादों पर अमेरिका ऊंचे टैरिफ लगाएगा।

अमेरिका की एग्री-बिजनेस कंपनियां सरकारी सब्सिडी के कारण वैश्विक कृषि बाजार पर हावी रही हैं। अमेरिका की कृषि सब्सिडी डब्लूटीओ के अस्तित्व में आने वाले साल 1995 के 61 अरब डॉलर से बढ़कर 2022 में 217 अरब डॉलर हो गई। अमेरिकी कृषि विभाग की 2019 की एक रिपोर्ट में अमेरिका के कृषि निर्यात और कृषि सब्सिडी के संबंधों का अध्ययन किया गया है। इसके अनुसार कृषि सब्सिडी एक प्रतिशत घटाने पर कृषि निर्यात हर साल 0.40% कम हो जाएगा। अगर कृषि सब्सिडी पूरी तरह खत्म कर दी जाए तो अमेरिका के कृषि निर्यात में हर साल 15.3 अरब डॉलर की गिरावट आने लगेगी।

एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी सरकार किसानों की मदद के लिए 60 से ज्यादा कार्यक्रम चलाती है। इसमें सबसे बड़ा फसल बीमा है। सरकार 100 से ज्यादा फसलों के लिए बीमा पर सब्सिडी देती है। गेहूं, मक्का, कपास और सोयाबीन मुख्य फसलें हैं। लगभग 80% बीमा किसानों की आय सुरक्षित करने के लिए और 20% पैदावार में कमी के लिए है।

भारत के लिए क्या करना उचित

इंडियन सेलुलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) के चेयरमैन पंकज मोहिंद्रू कहते हैं, “हमें एक बेहतर स्ट्रक्चर वाले द्विपक्षीय व्यापार समझौते की उम्मीद है। इस समझौते में स्मार्टफोन, हियरेबल और वियरेबल, कलर टेलीविजन, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स तथा अप्लायंसेज, लाइटिंग जैसे प्रोडक्ट पर जीरो ड्यूटी ऑफर करना हमारे लिए नया नहीं होगा। जापान, दक्षिण कोरिया और आसियान (वियतनाम, थाईलैंड, इंडोनेशिया आदि) के साथ मुक्त व्यापार समझौते में हम पहले ही ऐसा कर रहे हैं।” उनका कहना है कि सावधानीपूर्वक आगे बढ़ने का दीर्घकालिक असर यह होगा कि अभी हम अमेरिका को जो 10 अरब डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात कर रहे हैं, वह 2030 तक 800% बढ़कर 80 अरब डॉलर हो सकता है।

अजय छिब्बर के अनुसार, “भारत द्विपक्षीय व्यापार वार्ता की तैयारी कर रहा है। हालांकि यह आसान नहीं होगा, खास कर कृषि उत्पादों के लिए। कृषि पर भारत का ट्रेड-वेटेड टैरिफ 65% जबकि अमेरिका का सिर्फ 4% है। अगर अमेरिका नॉन-टैरिफ बाधाओं का मुद्दा भी उठाता है, जैसा कि ट्रंप कह चुके हैं, तो भारत के लिए सौदा करना और जटिल होगा।” वे यह भी कहते हैं कि अमेरिका के साथ विवाद के बाद ईयू और इंग्लैंड दोनों भारत के साथ वर्षों से रुकी ट्रेड डील को अंतिम रूप देना चाहते हैं।

GTRI के अनुसार, मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) कितना मददगार होगा यह कोई नहीं जानता। ट्रंप ने खुद 2019 में मेक्सिको और कनाडा के साथ यह समझौता किया था, इसके बावजूद दोनों देशों पर 25% टैरिफ लगा दिया है। ट्रंप भारत पर भी सरकारी खरीद को अमेरिकी कंपनियों के लिए खोलने, कृषि सब्सिडी घटाने, पेटेंट सुरक्षा कम करने और डेटा पर अंकुश खत्म करने का दबाव डाल सकते हैं। भारत अभी तक इनसे इनकार करता रहा है। एफटीए को अंतिम रूप देने में समय लग सकता है और तब तक ट्रंप रेसिप्रोकल टैरिफ लगा सकते हैं।

भारत को ऐसी वस्तुओं की पहचान करनी चाहिए जिनके आयात पर शुल्क कम करने से घरेलू इंडस्ट्री प्रभावित नहीं होगी। कृषि को इससे बाहर रखा जा सकता है। भारत को अपना प्रस्ताव अप्रैल से पहले भेजना होगा और अमेरिका के साथ सहमति भी बनानी होगी। तभी भारत रेसिप्रोकल टैरिफ से बच सकता है।

इसका कहना है कि द्विपक्षीय बातचीत में उन प्रोडक्ट का भी ध्यान रखना चाहिए जिनमें भारत में वैल्यू एडिशन बहुत कम होता है। उदाहरण के लिए, अमेरिका में 1000 डॉलर रिटेल कीमत वाला आईफोन भारत से 500 डॉलर में निर्यात होता है। भारत को सिर्फ 30 डॉलर मिलते हैं। कंपोनेंट सप्लायर को 450 डॉलर मिलते हैं, एप्पल लाइसेंसिंग और अन्य फीस के तौर पर 450 डॉलर लेती है और अमेरिकी रिटेलर 50 डॉलर लेते हैं। इस तरह देखें तो भारत से अमेरिका को 5.6 अरब डॉलर के स्मार्टफोन निर्यात में से भारत की वास्तविक आय महज 3.36 करोड़ डॉलर है। पीएलआई और अन्य इन्सेंटिव को भी जोड़ें तो वास्तविक आय नहीं के बराबर है। यही स्थिति सोलर पैनल, हीरे, पेट्रोकेमिकल और अन्य कई प्रोडक्ट में है जहां भारत में वैल्यू एडिशन 10% से भी कम है। आईफोन जैसे निर्यात से भारत की इकोनॉमी को खास लाभ नहीं होता।

जीटीआरआई के मुताबिक, उद्योगों को यह आकलन करना पड़ेगा कि रेसिप्रोकल टैरिफ का उनके उत्पादों पर क्या असर पड़ेगा और इस टैरिफ के बाद अमेरिकी बाजार में उनकी प्रतिस्पर्धी क्षमता कितनी रहेगी। ऑटोमोबाइल, फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, केमिकल और टेक्सटाइल सेक्टर में टैरिफ का अंतर अधिक है। इसलिए अमेरिकी बाजार में इनके दाम अधिक बढ़ेंगे। प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए कंपनियों को लागत घटाने के तरीके तलाशने होंगे। इसके अलावा यूरोप, दक्षिण पूर्व एशिया तथा अफ्रीका के नए बाजारों में भी संभावनाएं तलाशनी पड़ेंगी जहां टैरिफ तुलनात्मक रूप से कम होगा। अमेरिकी कंपनियों के साथ संयुक्त उपक्रम स्थापित करना भी उनके लिए फायदेमंद हो सकता है। उद्योग संगठनों को एमएसएमई को टैरिफ में होने वाले इन बदलावों के बारे में समझने में मदद करनी चाहिए। इसके लिए ट्रेनिंग सेशन, जागरूकता कार्यक्रम और ट्रेड कंसल्टेशन की सुविधा दी जा सकती है।

ट्रंप के कदमों से कई देशों में मंदी का डर

ट्रंप प्रशासन ने चीन पर 20% तथा कनाडा और मेक्सिको पर 25% टैरिफ लगाया है। हालांकि कनाडा से तेल, गैस और बिजली आयात पर 10% टैरिफ है। कनाडा से लगा अमेरिका का उत्तर पूर्वी और मध्य पश्चिम इलाका वहां से आने वाली बिजली पर ही निर्भर है। ऑटोमोबाइल कंपनियों को भी राहत देते हुए एक महीने के लिए टैरिफ से छूट दी गई है।

ये तीनों देश अमेरिका के सबसे बड़े ट्रेड पार्टनर हैं। अमेरिका ने पिछले साल मेक्सिको, कनाडा और चीन के साथ 2.2 लाख करोड़ डॉलर का व्यापार किया था। मेक्सिको के साथ सबसे अधिक 840 अरब डॉलर, कनाडा के साथ 762 अरब डॉलर और चीन के साथ 582 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ।

कनाडा ने जवाबी कदम उठाते हुए अमेरिका से 107 अरब डॉलर के आयात पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इसमें से 21 अरब डॉलर के आयात पर टैरिफ तत्काल लागू हो गया है, बाकी पर तीन हफ्ते में लागू किया जाएगा। माना जा रहा है कि ऐसा करके कनाडा ने बातचीत का संकेत दिया है।

अमेरिका, कनाडा और मेक्सिको की अर्थव्यवस्थाएं अनेक मामलों में एक दूसरे पर निर्भर हैं। खासकर कार, मशीनरी, पेट्रोलियम और कृषि उत्पादों के मामले में। उदाहरण के लिए अमेरिका में कोई कार बिक्री के लिए तैयार होने से पहले उसके कंपोनेंट कई बार सीमा पार करते हैं। इन पर शुल्क लगाने से कारों के दाम काफी बढ़ जाने के आसार हैं।

कनाडा और मेक्सिको पर फरवरी में ही आयात शुल्क लगाया जाना था, लेकिन ट्रंप ने ड्रग्स और अवैध प्रवासियों पर नियंत्रण के लिए 30 दिन की मोहलत दी थी। दोनों देशों ने इस दिशा में कदम उठाने के दावे किए, इसके बावजूद ट्रंप प्रशासन ने उन पर टैरिफ लगाया है। ट्रंप का यह भी कहना है कि व्यापार संतुलन कम होने पर ही वे टैरिफ घटाएंगे। इसमें अभी समय लग सकता है। इससे पहले कनाडा और मेक्सिको अमेरिका के साथ लगभग शून्य टैरिफ पर कारोबार कर रहे थे। इसके लिए समझौता ट्रंप के ही पहले कार्यकाल में हुआ था।

मॉर्गन स्टैनले का अनुमान है कि चीन, मैक्सिको और कनाडा पर नए टैरिफ से आने वाली तिमाहियों में अमेरिका की आर्थिक विकास दर 0.7% से 1.1% कम हो जाएगी। कनाडा की ग्रोथ पर 2.2% से 2.8% का असर होगा और मेक्सिको मंदी में चला जाएगा। कनाडा चैंबर ऑफ कॉमर्स के सीईओ कैंडेस लैंग ने कहा है कि अमेरिका की टैरिफ नीति कनाडा को मंदी, बेरोजगारी और आर्थिक तबाही की ओर धकेल रही है। यूरोपीय फाइनेंशियल सर्विसेज ग्रुप एसईबी के अर्थशास्त्री मारकस वाइडेन ने कहा है कि अब डिक्शनरी में एक नया शब्द जोड़ने का समय आ गया है और वह शब्द है ट्रंप-सेशन (Trumpcession), अर्थात 'ट्रंप की वजह से आने वाली मंदी।

चीन ने अमेरिका के कृषि उत्पादों को बनाया निशाना

चीन पर 20% टैरिफ के दायरे में स्मार्टफोन, लैपटॉप, वीडियो गेम कंसोल, स्मार्ट वॉच, स्पीकर और ब्लूटूथ डिवाइस जैसे कंज्यूमर प्रोडक्ट भी आएंगे जो अभी तक इससे बाहर थे। जवाबी कार्रवाई करते हुए चीन ने अमेरिका से लगभग 21 अरब डॉलर के कृषि तथा खाद्य उत्पादों के आयात पर 15% तक टैरिफ लगा दिया है। अमेरिका से चिकन, गेहूं, मक्का और कपास पर 15% अतिरिक्त आयात शुल्क लगेगा। ज्वार, सोयाबीन, पोर्क, बीफ, सीफूड, फल, सब्जियां और डेयरी प्रोडक्ट पर शुल्क में 10% की बढ़ोतरी की गई है।

चीन के टैरिफ 10 मार्च से लागू होंगे, हालांकि जिन कंपनियों का माल रास्ते में है उन्हें 12 अप्रैल तक की छूट होगी। चीन ने 25 अमेरिकी कंपनियों को राष्ट्रीय सुरक्षा के तहत निर्यात और निवेश पर अंकुश वाली सूची में डाल दिया है। इनमें से 10 कंपनियां ताइवान को हथियार बेच रही थीं।

वर्ष 2024 में अमेरिका ने 176 अरब डॉलर के कृषि उत्पादों का निर्यात किया था। अमेरिका के कृषि उत्पादों का सबसे बड़ा खरीदार मेक्सिको है। उसके बाद कनाडा और चीन हैं। अमेरिका ने पिछले साल 14% यानी 24.7 अरब डॉलर का कृषि निर्यात चीन को किया। लेकिन चीन कृषि उत्पादों के मामले में अमेरिका पर अपनी निर्भरता कम कर रहा है। वह ब्राजील और अर्जेंटीना से बड़ी मात्रा में सोयाबीन खरीदने लगा है।

चीन पर लगाया गया 20% टैरिफ ट्रंप के पहले कार्यकाल के टैरिफ के अतिरिक्त है। पहले कार्यकाल में ट्रंप ने चीन से विभिन्न वस्तुओं के लगभग 370 अरब डॉलर के आयात पर 25% तक शुल्क लगाया था। बाइडेन प्रशासन ने कुछ वस्तुओं पर टैरिफ में और वृद्धि की। जैसे चीन से सेमीकंडक्टर आयात पर टैरिफ दोगुना कर 50% कर दिया। चाइनीज इलेक्ट्रिक वाहनों पर टैरिफ 100% कर दिया गया था।

अमेरिकी टॉय एसोसिएशन के प्रेसिडेंट ग्रेग अहर्न ने कहा है कि चीन से आयात पर 20% टैरिफ खिलौना उद्योग के लिए नुकसानदायक है, क्योंकि अमेरिका में बिकने वाले करीब 80% खिलौने चीन में ही बने होते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप ने चुनाव प्रचार में चीन पर 60% टैरिफ लगाने की बात कही थी। अभी 20% टैरिफ लगा है और इतने से कोई भी कंपनी चीन से अपना सप्लाई चेन बाहर नहीं ले जाएगी। टैरिफ 35% होने पर कंपनियां दूसरे विकल्पों पर विचार करना शुरू करेंगी।

यह संभावना भी कम है कि अमेरिकी कंपनियां 25% टैरिफ के बाद वहां एल्युमिनियम या स्टील प्लांट लगाएंगी। अमेरिका में मजदूरी और बिजली दोनों महंगी होने से इतने टैरिफ के बाद भी इनका आयात करना ही सस्ता पड़ेगा। इसके अलावा इस तरह के निवेश दीर्घकाल को ध्यान में रखकर किए जाते हैं, जबकि ट्रंप सिर्फ चार साल के लिए हैं।

ट्रंप प्रशासन का कहना है कि रेसिप्रोकल टैरिफ से महंगाई उतनी नहीं बढ़ेगी जितना विभिन्न अर्थशास्त्री दावा कर रहे हैं। इसके विपरीत टैरिफ से विदेशी कंपनियां अमेरिका में फैक्ट्री खोलने के लिए प्रेरित होंगी। ट्रंप ने कहा है कि ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी अमेरिका में 100 अरब डॉलर निवेश करने पर राजी हुई है। हालांकि विशेषज्ञों के मुताबिक इस तरह के निवेश और फैक्ट्री खड़ी करने में समय लगेगा। स्किल्ड कर्मचारियों की उपलब्धता का भी सवाल है।

छिब्बर कहते हैं, “ट्रंप ने भारत, जापान, दक्षिण कोरिया और यूरोपियन यूनियन जैसे प्रमुख व्यापार साझीदार देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। 1930 में इसी तरह लागू किए गए स्मूट-हॉली टैरिफ के बाद ग्लोबल ट्रेड वॉर छिड़ी और भीषण मंदी आई थी।”

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Ranya Rao Arrest: कितनी बार गईं दुबई? गिरफ्तार रान्या राव बचने के लिए ऐसे देती थी सिक्योरिटी को चकमा

March 6, 2025 - 5:18pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक के आईपीएस अधिकारी रामचंद्र राव की बिटिया और कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव सोना तस्करी का आरोप में पकड़ी गई है। रान्या को सोने की तस्करी करते हुए बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के अधिकारियों ने ये कार्रवाई की है।

14.8 किलो सोना जब्त

रान्या की गिरफ्तारी के बाद उसके बेंगलुरु में स्थित फ्लैस पर छापेमारी की गई। फ्लैट से करोड़ों रुपये की नकदी और सोना जब्त किया गया। डीआरआई के अधिकारियों ने रान्या को एयरपोर्ट पर 14.8 किलोग्राम सोने की तस्करी करते हुए उस समय गिरफ्तार किया गया था जब वह सोमवार रात दुबई से अमीरात की उड़ान से बेंगलुरु पहुंचीं। उसके पास से जब्त की गई सोने की छड़ों की कीमत 12.56 करोड़ रुपये है। रान्या लगातार दुबई की यात्रा कर रही थी। इस कारण डीआरआई अधिकारी अभिनेत्री की गतिविधियों पर नजर रख रहे थे।

फ्लैट से करोड़ों का माल जब्त

डीआरआई अधिकारियों के अनुसार, 14.2 किलोग्राम सोना हाल के दिनों में बेंगलुरु हवाई अड्डे पर सबसे बड़ी जब्ती में से एक है। रान्या की गिरफ्तारी के बाद अधिकारियों ने बुधवार को बेंगलुरु के लावेल रोड स्थित उसके फ्लैट पर छापे मारे, जहां वह अपने पति के साथ रहती हैं। तलाशी में 2.06 करोड़ रुपये के सोने के आभूषण और 2.67 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई। वहां उसने कथित तौर पर किराये के रूप में 4.5 लाख रुपये का भुगतान किया था। मामले में अब तक 17.29 करोड़ रुपये की जब्ती की गई है।

IPS अधिकारी की सौतेली बेटी

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि रान्या वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रामचंद्र राव की सौतेली बेटी है। रामचंद्र राव ने पहली पत्नी की मृत्यु के बाद एक महिला से शादी की थी जिसकी पहली शादी से दो बेटियां हैं। रान्या उनमें से एक है।

रामचंद्र डीजीपी रैंक के अधिकारी हैं और इस समय कर्नाटक राज्य पुलिस आवास और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। हालांकि, रामचंद्र राव ने यह कहते हुए खुद को उससे दूर कर लिया है कि चार महीने पहले उसकी शादी के बाद से वे संपर्क में नहीं हैं।

15 दिनों में चार बार की दुबई यात्रा

सूत्रों ने बताया कि पिछले 15 दिनों में रान्या के चार बार दुबई जाने और बेंगलुरु लौटने के बाद डीआरआई ने अभिनेत्री के बारे में जानकारी जुटाई। वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि खुफिया जानकारी के बाद डीआरआई ने बेंगलुरु के केंपेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर 12.56 करोड़ रुपये मूल्य की सोने की छड़ें ले जा रही 33 साल की रान्या को रोका। वह तीन मार्च को अमीरात की उड़ान से दुबई से बेंगलुरु पहुंची थी। जांच करने पर 14.2 किलोग्राम वजन की सोने की छड़ें मिलीं जिसे उसने अपने शरीर में छिपा रखा था।

  • संदेह से बचने के लिए अपने डीजीपी पिता के नाम का इस्तेमाल किया
  • अपनी बेल्ट और कपड़ों में छिपाकर सोने की तस्करी करती थी।
  • पिक-अप के लिए पुलिसकर्मियों को बुलाती थी, जो फिर उसे घर ले जाते थे।
  • जांच की जा रही है कि क्या उससे जुड़ा कोई पुलिसकर्मी सोने की तस्करी में शामिल था।
  • रान्या के साथ आए दो लोग ब्रीफकेस में तस्करी का सोना ले जा रहे थे।
  • रान्या ने सुरक्षा जांच लगभग पूरी कर ली थी और बाहर निकलने ही वाली थी। डीआरआई टीम ने उसे रोककर तलाशी ली।

न्यायिक हिरासत में भेजा गया

रान्या को सीमा शुल्क अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया। उसे मंगलवार को विशेष अदालत में पेश किया गया। जज ने उसे 18 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। रान्या ने फिल्म ''माणिक्य'' में कन्नड़ सुपरस्टार सुदीप के खिलाफ मुख्य अभिनेत्री के रूप में काम किया है। उन्होंने अन्य दक्षिण भारतीय भाषा की फिल्मों में भी अभिनय किया है।

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'90 दिन में 25 करोड़ दो नहीं तो जेल जाओगी', सोना घोटाले की आरोपी को सुप्रीम कोर्ट का अल्टीमेटम

March 6, 2025 - 11:31am

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोना घोटाले की आरोपी नोहेरा शेख के मामले पर सुनवाई की। नोहेरा शेख हीरा गोल्ड एक्सिम प्राइवेट लिमिटेड की मैनेजिंग डायरेक्टर है। नोहेरा शेख पर 5,600 करोड़ रुपये के बड़े गोल्ड स्कैम का आरोप है।

उन पर लाखों निवेशकों को धोखा देने का आरोप है, इस कारण कई राज्यों में उनके खिलाफ FIR दर्ज हुई हैं।सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को आदेश दिया कि अगर वह 90 दिनों के अंदर निवेशकों से इकट्ठा की गई राशि का एक हिस्सा यानी 25 करोड़ रुपये वापस नहीं करती हैं, तो उन्हें हिरासत में ले लिया जाए।

क्या बोला कोर्ट?
  • न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि शेख 11 नवंबर, 2024 से अदालत के लगातार आदेशों की अवहेलना कर रही हैं।
  • इसके बाद पीठ ने ईडी को आदेश दिया कि अगर वह 90 दिनों के अंदर निवेशकों से लिए पैसों का एक हिस्सा यानी 25 करोड़ रुपये वापस नहीं करती हैं तो उन्हें हिरासत में ले लिया जाए।
  • अदालत ने कहा, हम आरोपी को अंतिम अवसर देते हैं कि वह तीन महीनों के अंदर 25 करोड़ रुपये जमा करें, अन्यथा उनकी जमानत रद कर दी जाएगी और प्रवर्तन निदेशालय (ED) उन्हें वापस जेल भेज देगा।
कपिल सिब्ब्ल ने क्या दी दलील?

वहीं शेख की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके पास कोई पैसा नहीं है। हालांकि, ईडी ने बताया कि शेख के स्वामित्व वाली कई संपत्तियों को जब्त कर लिया गया है, लेकिन उनके वकील ने उन संपत्तियों की लिस्ट देने के लिए कहा, जिन्हें नीलाम किया जा सकता है, लेकिन उन्होंने इसका खुलासा नहीं किया।

सोना घोटाले की आरोपी  नोहेरा शेख ने केवल तीन संपत्तियों की डिटेल्स दी, जिनमें से तेलंगाना में दो संपत्तियों को ईडी की तरफ से नीलाम किया जा सकता है।

SFIO मामले की जांच कर रहा है 

गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) ने हीरा गोल्ड और उसके प्रबंध निदेशक से जुड़े मामले की जांच शुरू की। एसएफआईओ अभी भी मामले की जांच कर रहा है।

कब सामने आया था मामला?

हीरा गोल्ड और  नोहेरा शेख के खिलाफ यह मामला 2018 में सामने आया था। जब कई निवेशकों ने कंपनी और उसके प्रबंध निदेशक के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायतें दर्ज कराई थीं। तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और दिल्ली में कई मामले लंबित हैं।

आभूषण और सोने की वस्तुओं का कारोबार करने वाली कंपनी ने निवेश की गई राशि पर 36 प्रतिशत लाभ देने का वादा करते हुए योजनाएं शुरू कीं। शुरुआत में, इसने लाभ का फायदा किया, लेकिन 2018 में कुछ निवेशकों ने कंपनी और नोहेरा शेख द्वारा कथित धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई। उन्हें अक्टूबर 2018 में गिरफ्तार किया गया था।

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मौसम ने फिर लिया यूटर्न! बर्फीली हवाओं ने दिल्ली-यूपी से लेकर पंजाब में बढ़ाई ठंड, पारा लुढ़का

March 6, 2025 - 9:16am

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली NCR समेत पूरे उत्तर भारत में मौसम ने करवट ले ली है। पिछले दो दिनों से तेज हवाओं की वजह से लोगों को ठंड का एहसास हो रहा है। इस दौरान तापमान में गिरावट दर्ज की गई। IMD ने मौसम को लेकर लेटेस्ट अपडेट जारी किया है। आज दिल्ली NCR में मौसम साफ रहेगा।

धूप में थोड़ी तपिश का अहसास होगा। अधिकतम तापमान बढ़कर 29 डिग्री और न्यूनतम तापमान 13 डिग्री तक रह सकता है। 7 से 11 मार्च तक आंशिक बादल रह सकते हैं। लेकिन हवाओं का प्रकोप जारी रहेगा। हवाओं की गति 6 से 16 किलोमीटर प्रति घंटे के आसपास रह सकती हैं।

पंजाब-हरियाणा में तेज हवा से बढ़ी ठंड

मध्य प्रदेश, विदर्भ, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार,गुजरात और उत्तर महाराष्ट्र में उत्तर-पश्चिमी दिशा से तेज हवाएं जारी रहेंगी, जिसके बाद इनकी गति में थोड़ा कमी आएगी। वहीं, पूर्वी असम और अरुणाचल प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

कहां होगी बारिश?
  • लक्षद्वीप और केरल में कहीं-कहीं हल्की बारिश संभावना है।
  • साथ ही राजस्थान और गुजरात में अधिकतम तापमान और कम हो सकता है।
  • वहीं मुंबई में इस वक्त गर्मी का कहर जारी है, 8 से 11 मार्च तक पश्चिमी विक्षोभ के कारण हवा के प्रवाह में बदलाव आएगा।
यूपी में कैसा रहेगा मौसम?

बात करें अगर यूपी के मौसम की तो आज वहां के कुछ क्षेत्रों में 15 से 25 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवा चलने की संभावना जताई गई है। प्रदेश में आने वाले दिनों में बारिश होने की संभावना नहीं है।

मौसम विभाग ने तमिलनाडु में अगले कुछ दिनों के लिए भीषण गर्मी पड़ने की संभावना जताई है। क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी) के अनुसार, तमिलनाडु के कई हिस्सों में अगले कुछ दिनों में भीषण गर्मी पड़ेगी।

कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी

कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी जारी है, जबकि घाटी के बड़े हिस्सों में बारिश हो रही है। पिछले दिनों बारामूला के कुछ इलाकों के साथ ही गुलमर्ग, पहलगाम, सोनमर्ग, कोकरनाग, कुपवाड़ा और कश्मीर के ऊंचे अन्य इलाकों में बर्फबारी हुई। पिछले 24 घंटों के दौरान श्रीनगर सहित घाटी में व्यापक बारिश दर्ज की गई। उधर हिमाचल प्रदेश के मनाली में भारी बर्फबारी हो रही है।

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Andhra Pradesh: लव मैरिज की जिद पर अड़ी थी बेटी, पिता ने मारकर पेड़ पर लटकाया

March 6, 2025 - 7:07am

 पीटीआई, अनंतपुर। आंध्र प्रदेश के अनंतपुर से एक बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक 55 वर्षीय व्यक्ति ने अपनी बेटी को उससके प्रेम संबंध को लेकर मौत के घाट उतार दिया। इतना नहीं, उसने अपनी बेटी को फांसी पर लटकाया और उसका शव जला दिया। इस मामले की जानकारी पुलिस ने बुधवार को दी।

बेटी के शव को पेट्रोल डालकर आग लगा दी

पुलिस ने बुधवार को बताया कि गुंतकल शहर के टी रामंजनेयुलु ने अपनी बेटी टी भारती (20) को 1 मार्च को दोपहर करीब 1 बजे कासापुरम गांव में एक सुनसान जगह पर फांसी पर लटका दिया। पुलिस ने बताया कि इसके बाद उसने उसके शरीर पर पेट्रोल डाला और आग लगा दी।

माता पिता की बात नहीं मानती थी लड़की

पुलिस ने पीटीआई को बताया कि लड़की का नाम भारती था, उसके माता पिता के मुताबिक, वह उनकी बात नहीं सुनती थी और वह अपने प्रेमी से काफी जुड़ी हुई थी। उसने आत्महत्या करके मरने की धमकी भी दी थी और अपनी मां से बात करने से बचती थी। उससे परेशान होकर उसका पिता उसे एक मार्च को कसापुरम ले गया और एक पेड़ से लटका दिया।

भारती पिछले पांच साल से अपने बॉयफ्रेंड से प्यार करती थी। पुलिस के अनुसार, जब उनके माता-पिता को इस संबंध के बारे में पता चला, तो दोनों परिवारों ने इसे अस्वीकार कर दिया। पुलिस ने कहा कि भारती कुरनूल में स्नातक के दूसरे वर्ष में थी, जबकि उसका प्रेमी हैदराबाद में स्नातक की पढ़ाई कर रहा था।

भारती चार बेटियों में सबसे छोटी थी

पुलिस ने बताया कि उसके माता-पिता को उससे बहुत उम्मीदें थीं। भारती चार बेटियों में सबसे छोटी थी। भारती शिक्षा प्राप्त करने वाली एकमात्र बेटी थीं, क्योंकि उनकी तीन बड़ी बहनें अशिक्षित थीं। रामंजनेयुलु ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया, जो अब बीएनएस धारा 103 के तहत कानूनी कार्यवाही शुरू कर रही है।

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Weather: ठंड की वापसी! दिल्ली-एनसीआर में तेज हवाओं ने बढ़ाई ठिठुरन, जानें अन्य राज्यों के मौसम का ताजा अपडेट

March 6, 2025 - 6:03am

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली एनसीआर में ठंडी हवाओं ने ठिठुरन बढ़ा दी है। पहाड़ों पर हुई बर्फबारी का असर भी हवा के साथ यहां तक पहुंच रहा है। बृहस्पतिवार को भी कमोबेश ऐसा ही मौसम बना रहेगा।शुक्रवार से तापमान में वृद्धि होने की संभावना है।

यूपी के कई जिलों में चलेगी ठंडी हवा

बुधवार को दिन भर आसमान साफ रहा। धूप भी निकली, लेकिन 25 से 35 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवा के कारण उसकी तपन थोड़ी हल्की रही। अधिकतम तापमान सामान्य से 2.4 डिग्री कम 25.0 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान सामान्य से 1.6 डिग्री कम 11.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हवा में नमी का स्तर 70 से 24 प्रतिशत रहा। इसके साथ ही यूपी के अलीगढ़, आगरा, मेरठ और मथुरा आदि जिलों में ठंडी हवा चलेगी। 

शुक्रवार से हवाओं का दौर थम जाएगा

मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि बुधवार को आसमान साफ रहेगा। 25 से 35 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी। अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 29 और 13 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। शुक्रवार से हवाओं का दौर थम जाएगा। फिर तापमान में वृद्धि होने लगेगी।

कश्मीर और हिमाचल के उच्च इलाकों में रुक- रुककर बर्फबारी हो रही

वहीं, पश्चिमी विक्षोभ से पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी का असर दिख रहा है। कश्मीर और हिमाचल के उच्च इलाकों में रुक- रुककर बर्फबारी हो रही है। वहीं, राजस्थान में तेज उत्तरी हवाओं से तापमान में गिरावट आई है और तमिलनाडु में अगले दिनों में भीषण गर्मी की संभावना जताई गई है।

दिल्ली की हवा साफ, एक्यूआइ रहा 119 केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक बुधवार को दिल्ली की हवा साफ रही। एक्यूआइ 119 या मध्यम श्रेणी में रिकार्ड किया गया। एनसीआर के शहरों में भी यह संतोषजनक से मध्यम श्रेणी में ही रहा। हाल-फिलहाल इसमें वृद्धि के आसार नहीं हैं।

उत्तराखंड के चकराता में शीतलहर, ठिठुरे लोग

मार्च माह में भी चकराता क्षेत्र में ठंड कम होने का नाम नहीं ले रही है। लोखंडी में शीत लहर इस कदर चल रही है कि कान सुन्न हो रहे हैं। चकराता में लोगों को अलाव का सहारा लेना पड़ रहा है। बीते दिनों हुई वर्षा के बाद में तापमान में फिर से गिरावट दर्ज की गई है।

सर्दी बढ़ने से क्षेत्र का व्यापार भी ठंडा

सर्दी बढ़ने से क्षेत्र का व्यापार भी ठंडा है। स्थानीय व्यापारी अरविंद कुकरेजा, रविंद्र चौहान, चमन भंडारी, अशोक कुमार गोयल, प्रताप चौहान आदि का कहना है कि सर्दी बढ़ने के चलते बाजार सूने नजर आ रहे हैं। दिन में चटक धूप से थोड़ी राहत मिलती है, लेकिन सुबह शाम जबरदस्त ठंड हो रही है।

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IIT मद्रास की बड़ी कामयाबी, बैलिस्टिक मिसाइलों से इमारतों को बचाने वाला सिस्टम किया विकसित; ऐसे करेगा काम

March 6, 2025 - 5:30am

पीटीआई, नई दिल्ली। देश में बुनियादी ढांचे को मिसाइलों के हमले से बचाया जा सकेगा। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी), मद्रास के शोधकर्ताओं ने ऐसा फ्रेमवर्क विकसित किया है जो बैलिस्टिक मिसाइलों के खतरे का सामना करने के लिए देश में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा मजबूत कर सकता है।

शोधकर्ताओं की योजना है कि इसी फ्रेमवर्क की मदद से ऐसा हल्का, कम खर्च वाला और टिकाऊ बैलिस्टिक-प्रूफ मटेरियल बनाया जाए, जिसे सेना सीमा पर बंकर बनाने में इस्तेमाल कर सके।

इमारतों को बचाने वाला सिस्टम

अक्सर बैलिस्टिक मिसाइलों से बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचता है। यह फ्रेमवर्क या ढांचा डिजाइनरों को मजबूत कंक्रीट (आरसी) के पैनलों के बैलिस्टिक प्रतिरोध को बेहतर बनाने के लिए नया समाधान विकसित करने में मदद करेगा। अनुसंधान के निष्कर्ष प्रतिष्ठित पत्रिका 'रिलाइएबिलिटी इंजीनियरिंग एंड सिस्टम सेफ्टी' में प्रकाशित हुए हैं।

कंक्रीट संरचनाओं के लिए बैलिस्टिक डिजाइन महत्वपूर्ण है

'कम्प्यूटेशनल सिमुलेशन' तकनीक का उपयोग करते हुए अनुसंधानकर्ताओं ने आरसी पर मिसाइलों के प्रभाव का अध्ययन किया, जो सैन्य बंकरों, परमाणु ऊर्जा भवनों और पुलों से लेकर रनवे तक महत्वपूर्ण संरचनाओं के निर्माण के लिए उपयोग की जाने वाली मुख्य सामग्री है।

आईआईटी मद्रास के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर अलागप्पन पोन्नालगु ने कहा, इन संरचनाओं के रणनीतिक महत्व के कारण इन्हें बचाना आवश्यक है। कंक्रीट संरचनाओं के लिए बैलिस्टिक डिजाइन महत्वपूर्ण है।

सिमुलेशन कम्प्यूटिंग तकनीक का उपयोग किया

बैलिस्टिक्स इंजीनियरिंग का क्षेत्र है जो गोलियों, बमों और राकेटों के प्रक्षेपण, उड़ान और प्रभावों से संबंधित है। इस विज्ञान का उपयोग न केवल बंकरों को डिजाइन करने के लिए किया जाता है, बल्कि परमाणु ऊर्जा भवनों, पुलों और अन्य सुरक्षात्मक संरचनाओं की दीवारों को डिजाइन करने के लिए भी किया जाता है।

शोधकर्ताओं ने फाइनाइट एलीमेंट (एफई) सिमुलेशन कम्प्यूटिंग तकनीक का उपयोग किया जिससे यह पता लगाया कि मिसाइलों का कंक्रीट पर क्या असर पड़ता है। सिमुलेशन ऐसी तकनीक है, जिससे असर का अनुमान लगाया जाता है और फिर उस पर कैसे काबू पाया जा सकता है, इसका डिजाइन तैयार किया जाता है।

शोधकर्ताओं ने एक फार्मूला भी तैयार किया, ऐसे करेगा काम

नया सिस्टम दो मानकों पर आधारित है। इनमें डेप्थ आफ पेनिट्रेशन (डीओपी) यानी मिसाइल कितनी गहराई तक कंक्रीट में घुसती है और क्रेटर डैमेज एरिया यानी टकराने से बनने वाले गड्ढे का आकार शामिल है। शोधकर्ताओं ने एक फार्मूला भी तैयार किया है, जिससे कंक्रीट पर मिसाइल हमले के बाद बनने वाले गड्ढे का सटीक अनुमान लगाया जा सकता है। यह अध्ययन आरसी पैनलों के बैलिस्टिक व्यवहार को समझने में भी सहायक है। इस नए फ्रेमवर्क से डिजाइनर्स को ज्यादा भरोसेमंद और सटीक डाटा मिलेगा, जिससे वे ऐसी संरचनाएं बना सकेंगे, जो मिसाइल हमलों का बेहतर सामना कर सकें।

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ट्रेड वार में देश के लिए बड़ी संभावनाएं देख रहा संघ, मेक इन इंडिया फॉर ग्लोबल के लिए नीति पर दे रहे जोर

March 6, 2025 - 5:30am

नेमिष हेमंत, जागरण, नई दिल्ली। अमेरिका से शुरू वैश्विक ट्रेड वार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व उसके समवैचारिक संगठनों ने भारत के लिए नई संभावनाओं के तौर पर चिह्नित कर सक्रियता बढ़ा दी है। यह इसलिए कि देश की 140 करोड़ की आबादी, सरकार के प्रयासों से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम व बड़ा श्रमबल मेक इन इंडिया फॉर ग्लोबल के लिए मुफीद है, माहौल अनुकूल है।

वैश्विक मंच पर भारतीय उत्पादों की धाक बढ़ाई जा सकती है

ऐसे में ट्रेड वार के मामूली झटकों से निकलकर अपनी क्षमता बढ़ाते हुए वैश्विक मंच पर भारतीय उत्पादों की धाक बढ़ाई जा सकती है। संघ संगठनों के अनुसार, इसके लिए गुणवत्ता, तकनीक, कौशल के साथ अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) पर तेजी से काम करने की आवश्यकता है। केंद्र सरकार की जो कार्य योजना 10 वर्ष बाद के लिए थी, उसे अभी से प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

लाभ-हानि पर चर्चा कर आगे की रणनीति तय करेंगे

जानकारों के अनुसार संघ की 21 से 23 मार्च तक बेंगलुरु में होने वाली अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में विमर्श में ट्रेड वार का विषय भी रहेगा। समवैचारिक संगठन इसके लाभ-हानि पर चर्चा कर आगे की रणनीति तय करेंगे।

लघु उद्योग भारती, सहकार भारती, ग्राहक पंचायत, भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ व स्वदेशी जागरण मंच जैसे संघ के कई समवैचारिक संगठन विनिर्माण, कृषि, श्रम व उपभोक्ता समाज से जुड़े हुए हैं, जो देश की आर्थिकी में बड़ी भूमिका निभाते हैं।

ये संगठन अमेरिका द्वारा शुरू ट्रेड वार में देश के लिए नई संभावनाएं टटोलते हुए आगे की नीति को लेकर सरकार से संपर्क में हैं। इस बीच लघु उद्योग भारती ने अमेरिका से सीधे व्यापार करते देश के उद्यमियों को अन्य देशों का विकल्प देखने की सलाह दी है।

आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है

संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष घनश्याम ओझा के अनुसार, आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है। हमें खुद को मजबूत करते हुए नया बाजार देखना होगा। आयात-निर्यात के लिए केवल अमेरिका ही नहीं है। निश्चित ही शुरू में दिक्कतें आएंगी, लेकिन संभावनाओं के नए द्वार भी खुलेंगे।

मौजूदा वैश्विक आर्थिक माहौल का देश पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर जारी विमर्श के मद्देनजर दिल्ली में 27 मार्च को संघ के सह सरकार्यवाह डा. कृष्णगोपाल के नेतृत्व में लघु उद्योग भारती, सहकार भारती, ग्राहक पंचायत, भारतीय किसान संघ व भारतीय मजदूर संघ की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित है, जिसमें अमेरिका द्वारा आयात शुल्क में बढ़ोतरी का मुद्दा प्रमुखता से रहेगा।

वैश्विक परिदृश्य बदल रहा है

इसी तरह, 11 से 13 अप्रैल को लघु उद्योग भारती की मुंबई में अखिल भारतीय कार्यकारी समिति की बैठक में भी इसपर चर्चा कर रोडमैप तैयार किया जाएगा। संगठन के महासचिव ओम प्रकाश गुप्ता के अनुसार, यह बड़ा मुद्दा है। वैश्विक परिदृश्य बदल रहा है। लघु उद्योग की क्षमता बढ़ाकर हम इस प्रतिस्पर्धा का लाभ उठा सकते हैं।

स्वदेशी जागरण मंच की राष्ट्रीय परिषद की बैठक नौ व 10 मार्च को रायपुर में है, जिसके विचार के केंद्र में वैश्विक ट्रेड वार को स्वदेशी को बढ़ावा देने के मौके तलाशे जाएंगे।

देशों के लिए अधिक भरोसेमंद बनकर उभर रहा भारत

मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक अश्विनी महाजन के अनुसार, जिस तरह से वैश्विक माहौल बन रहा है। उसमें भारत, बाकि देशों के लिए अधिक भरोसेमंद बनकर उभर रहा है। इसमें निवेश के साथ नई तकनीकी व प्रतिबंधित रहे कच्चे उत्पाद के आयात के रास्ते बनेंगे। आत्मनिर्भर भारत अभियान से हमने विनिर्माण के क्षेत्र में काफी क्षमता भी हासिल की है।

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मुंबई के बीकेसी कॉम्प्लेक्स में खुलेगा टेस्ला का भारत में पहला शोरूम, कंपनी ने 4000 वर्ग फुट जगह किराए पर ली

March 6, 2025 - 3:26am

 पीटीआई, मुंबई। अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला का भारत में पहला शोरूम मुंबई में खुलेगा। इसके लिए कंपनी बांद्रा कुर्ला काम्प्लेक्स (बीकेसी) में 4,000 वर्ग फुट जगह किराए पर ली है। कंपनी इसके लिए तगड़ा किराया भी चुकाने वाली है।

सीआरई मैट्रिक्स द्वारा साझा किए गए दस्तावेजों के अनुसार, अरबपति एलन मस्क की कंपनी इस स्थान के लिए प्रति माह 35 लाख रुपये से अधिक का किराया देगी, जिसमें कुछ पार्किंग स्थल भी शामिल हैं।

भारत में टेस्ला के आने का इंतजार लंबे समय से

दस्तावेजों के अनुसार, मेकर मैक्सिटी में जगह का पट्टा पांच साल की अवधि के लिए है और मासिक किराया प्रति माह लगभग 43 लाख रुपये तक हो जाएगा, जिसमें प्रति वर्ष पांच प्रतिशत किराया वृद्धि होगी। भारत में टेस्ला के आने का इंतजार लंबे समय से किया जा रहा है। खुद एलन मस्क 2022 से ही इसके लिए प्रयासरत हैं, लेकिन हर बार मामला भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल पर लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी को लेकर अटक जाता था।

देश में नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी लागू

सरकार ने हाल में नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी लागू की है। इसके हिसाब से अगर कोई विदेशी कंपनी भारत में कम से कम 50 करोड़ डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताती है और यहां तीन साल के अंदर अपना असेंबलिंग प्लांट लगाती है, तो वह 15 प्रतिशत की इंपोर्ट ड्यूटी पर ईवी का आयात कर सकती हैं। पहले टैक्स की ये दर 70 से 110 प्रतिशत तक थी।

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पुलिसकर्मियों के काम के घंटों पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, केंद्र और राज्य सरकारों पर भी समाधान का दबाव

March 6, 2025 - 3:02am

 जेएनएन, नई दिल्ली। पुलिसकर्मियों के काम के घंटों को तय करने का मामला सुप्रीम कोर्ट के एजेंडे में आ गया है। पुलिस सुधार से जुड़े इस अहम मुद्दे को लेकर दाखिल याचिका पर बुधवार को हालांकि सुनवाई नहीं हो सकी। अब शीर्ष अदालत बाद में इस याचिका की सुनवाई की तारीख तय करेगी।

साप्ताहिक अवकाश की मांग पर याचिका दाखिल

पुलिसकर्मियों के काम के घंटे तय करने और साप्ताहिक अवकाश की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि पुलिसकर्मियों को अभी रोजाना 14 घंटे से लेकर 18 घंटे तक काम करना पड़ता है।

उन्हें साप्ताहिक अवकाश भी नहीं मिल पाता, जबकि अमेरिका और ब्रिटेन में पुलिसकर्मियों को सप्ताह में सिर्फ 40 घंटे काम करना होता है। शीर्ष अदालत इस याचिका पर सभी राज्यों को नोटिस जारी कर जवाब मांग चुकी है।

पुलिसकर्मियों के काम के घंटे के लिए नए सिरे से सुप्रीम कोर्ट से गुहार

ध्यान देने की बात है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2007 में पुलिस सुधारों को लेकर अहम दिशा-निर्देश जारी किए थे। इनमें अपराध की जांच और कानून-व्यवस्था संभालने के लिए अलग-अलग पुलिसकर्मियों की व्यवस्था, पुलिस को राजनीति से मुक्त रखने के लिए डीजीपी के दो साल के सुनिश्चित कार्यकाल से लेकर राज्यों में पुलिसकर्मियों की पर्याप्त भर्ती जैसे मुद्दे थे। लेकिन, 18 साल बाद भी इन दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से क्रियान्वयन नहीं हो सका है। यही कारण है कि पुलिसकर्मियों के काम के घंटे के लिए नए सिरे से सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगानी पड़ी है।

संविधान में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से राज्य सूची का विषय

समस्या यह है कि संविधान में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से राज्य सूची का विषय होने के कारण केंद्र सरकार इसमें दखल नहीं दे सकती। उम्मीद है कि अगली तारीख में सुप्रीम कोर्ट पुलिस सुधारों को प्राथमिकता पर लेकर सुनवाई सुनिश्चित करेगा और राज्य सरकारों को पर्याप्त पुलिस कर्मियों की भर्ती और उनके काम के घंटे सुनिश्चित करने का स्पष्ट निर्देश देगा।

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