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अब सबको मिलेंगी सस्ती दवाइयां, 25 हजार नए जन औषधि केंद्र खोलेगी सरकार
नई दिल्ली, आईएएनएस। देश भर में अब तक 15,000 से अधिक जन औषधि केंद्र खोले जा चुके हैं और सरकार ने 31 मार्च 2027 तक 25,000 जन औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा है। यह रविवार को घोषणा की गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर इस योजना के बारे में जागरूकता बढ़ाने और जेनेरिक दवाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर साल सात मार्च को जन औषधि दिवस के रूप में मनाया जाता है। पिछले वर्षों की तरह, 1 से 7 मार्च तक देश भर में विभिन्न स्थानों पर सप्ताह भर के कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है।
500 जन औषधि केंद्रों पर स्वास्थ्य शिविर का आयोजनरसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के अनुसार, 7वें जन औषधि सप्ताह के दूसरे दिन जन औषधि - विरासत के साथ की शुरुआत देश भर के 25 विभिन्न स्मारकों के विरासत स्थलों के प्रात: भ्रमण के साथ हुई। वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल और देश की परंपराओं और संस्कृतियों को बनाए रखने के लिए देश भर में 500 विभिन्न स्थानों पर जन औषधि केंद्रों पर स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए गए।
शिविरों में हुई जांचइन स्वास्थ्य शिविरों में बीपी, शुगर, मुफ्त परामर्श आदि सहित विभिन्न प्रकार की चिकित्सा जांच की गई ताकि स्वास्थ्य के महत्व और प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके। रविवार को नई दिल्ली के हौज खास समेत देशभर में 25 हेरिटेज वाक का आयोजन किया गया।
औषधि केंद्रों की बिक्री उछालकिफायती दामों पर गुणवत्तापूर्ण दवाइयां उपलब्ध कराने वाले जन औषधि केंद्रों की बिक्री में पिछले 10 वर्षों में 200 गुना वृद्धि देखी गई है, जिससे नागरिकों को 30,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है। पिछले एक दशक में जन औषधि केंद्रों की संख्या में 180 गुना वृद्धि हुई है।
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विवाह के बंधन में बंधीं कुमार विश्वास की बेटी अग्रता, बिजनेसमैन पवित्र के साथ लिए फेरे
जेएनएन, उदयपुर। कवि कुमार विश्वास की बड़ी पुत्री अग्रता और बिजनेसमैन पवित्र खंडेलवाल रविवार को यहां पिछोला झील किनारे सितारा होटल लीला पैलेस में सात फेरों की रस्मों के साथ ही एक-दूजे के हो गए। बीती रात जहां गायक सोनू निगम की प्रस्तुतियों पर मेहमान झूम उठे वहीं रविवार शाम को बॉलीवुड सिंगर कैलाश खेर ने शानदार प्रस्तुतियां दी।
होटल लीला पैलेस में तीन दिन से चल रहे वेडिंग फंक्शन के रविवार को अंतिम दिन मेहमान पवित्र और अग्रता की शादी के साक्षी बने। इस दौरान कुमार विश्वास, उनकी पत्नी मंजू व छोटी पुत्री कुहू ने रस्में पूरी करवाईं। शादी में दो सौ से ज्यादा करीबी मेहमान शामिल हुए जिनमें कई सेलीब्रिटीज भी हैं। इस मौके पर होटल लीला पैलेस को शादी के लिए फूलों से सजाया गया।
कुमार विश्वास ने पत्नी संग किया डांस
बॉलीवुड सिंगर कैलाश खेर की गीत प्रस्तुतियों पर मेहमानों ने नाचने-झूमने का खूब आनंद लिया। कुमार विश्वास ने भी पत्नी मंजू शर्मा के साथ डांस किया। यहां बता दें अग्रता ने गाजियाबाद के डीपीएस से पढ़ाई के बाद ब्रिटेन के बिजनेस स्कूल से मैनेजमेंट की डिग्री और नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी से फैशन मार्केटिंग में मास्टर डिग्री हासिल कर वर्तमान में डिजिटल खिड़की नामक कंपनी की डायरेक्टर है जबकि पवित्र बिजनेस फैमिली से है।
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पीटीआई, जामनगर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने गृह राज्य गुजरात की तीन दिवसीय यात्रा के दूसरे दिन रविवार को गिर सोमनाथ जिले में स्थित प्रतिष्ठित सोमनाथ मंदिर में पूरे विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा-अर्चना की। उन्होंने सोमनाथ महादेव का जलाभिषेक भी किया।
इससे पहले उन्होंने जामनगर जिले में पशु बचाव, संरक्षण एवं पुनर्वास केंद्र वनतारा का दौरा किया। तीन हजार एकड़ में फैला वनतारा रिलायंस की जामनगर रिफाइनरी के परिसर में स्थित है। यह वन्यजीवों के कल्याण के लिए समर्पित बचाव केंद्र है और दुर्व्यवहार और शोषण से बचाए गए पशुओं को अभयारण्य, पुनर्वास और चिकित्सा देखभाल प्रदान करता है।
I had decided that after the Maha Kumbh at Prayagraj, I would go to Somnath, which is the first among the 12 Jyotirlingas.
Today, I felt blessed to have prayed at the Somnath Mandir. I prayed for the prosperity and good health of every Indian. This Temple manifests the timeless… pic.twitter.com/oERc1rq9Z8
यह केंद्र स्थायी आजीविका और पशु देखभाल प्रशिक्षण प्रदान करके स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने की दिशा में भी काम करता है। यहां 43 प्रजातियों के 2,000 से अधिक पशु रहते हैं। उन्हें उन्नत पशु चिकित्सा उपकरणों, प्राकृतिक आवासों की नकल करने वाले बाड़ों और 2,100 से अधिक कर्मचारियों की टीम द्वारा सहायता प्रदान की जाती है।
गिर वन्यजीव अभयारण्य समेत कई बैठकों में लिया भाग
प्रधानमंत्री मोदी अपनी गुजरात यात्रा के दौरान कई कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए शनिवार शाम यहां पहुंचे, जिसमें गिर वन्यजीव अभयारण्य के मुख्यालय सासन में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (एनबीडब्ल्यूएल) की बैठक की अध्यक्षता करना भी शामिल है।
तीन मार्च को प्रधानमंत्री गिर राष्ट्रीय उद्यान में जंगल सफारी का आनंद लेकर अपने दिन की शुरुआत करेंगे। उसके बाद पीएम मोदी राजकोट हवाई अड्डे से फिर वापस दिल्ली के लिए रवाना होंगे।
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यमुना की सफाई के लिए मास्टर प्लान तैयार, मिशन मोड पर होगा काम; पीएम की मंजूरी का इंतजार
मनीष तिवारी, जागरण नई दिल्ली। दिल्ली में भाजपा सरकार के गठन के बाद फिर से सतह पर आए यमुना नदी के प्रदूषण की चर्चा के बीच केंद्र सरकार भी इसकी सफाई की नई कोशिश में जुट गई है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय यमुना को साफ-स्वच्छ बनाने के लिए एक नए कार्यक्रम की रूपरेखा बना रहा है।
मंत्रालय के अफसरों ने गुजरात में साबरमती रिवर फ्रंट के विकास में भूमिका निभाने वाले विशेषज्ञों से परामर्श किया है और उनसे इसी तरह का प्रस्ताव यमुना के लिए भी देने के लिए कहा गया है। अब तक कई दौर की बात हो चुकी है।
यमुना पर होगी महत्वपूर्ण बैठकमार्च के अंतिम सप्ताह में यमुना को स्वच्छ बनाने के लिए नई योजना पर सभी संबंधित पक्षों के साथ महत्वपूर्ण बैठक होने की संभावना है। इसी में मास्टर प्लान के लक्ष्य तय किए जाएंगे। मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार मास्टर प्लान की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंजूरी मिलने के बाद की जाएगी।
मंत्रालय अपना प्रस्ताव पीएमओ को भेजेगा और वहां से हरी झंडी मिलने के बाद इसका एलान किया जा सकता है। अधिकारी ने कहा कि यमुना को एक निश्चित समय सीमा में साफ किया जा सकता है, खासकर उसके दिल्ली वाले हिस्से पर सबसे अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। इसके लिए मिशन मोड पर प्लान पर अमल करना होगा।
विधानसभा चुनाव उठा यमुना सफाई का मुद्दायमुना की सफाई को भाजपा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाया था और प्रभावशाली जीत हासिल करने के बाद तत्काल इस दिशा में काम भी शुरू कर दिया गया है। यमुना की सफाई के लिए कार्यक्रम मुख्य रूप से दो-तीन बिंदुओं पर केंद्रित होगा। कचरे और गाद की सफाई, सीवेज ट्रीटमेंट प्लान की कड़ी निगरानी, नालों की सफाई और ट्रीटमेंट के ढांचे का विस्तार तथा रिवरफ्रंट का निर्माण।
यमुना की सफाई में आ रही दो चुनौतियांजल संसाधन से संबंधित संसद की स्थायी समिति की हाल में हुई बैठक में मंत्रालय की सचिव की ओर से यमुना की सफाई के लिए मुख्य रूप से दो चुनौतियां गिनाई गई थीं।
ट्रीटमेंट प्लांट का अपर्याप्त ढांचा और अक्रिय एसटीपी। क्या यमुना के लिए भी एनआरआई और कॉरपोरेट समूहों की ओर से सहायता हासिल करने के लिए उसी तरह का फंड बनाया जा सकता है, जैसा गंगा की सफाई के लिए बनाया गया है, इस सवाल पर मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि अभी इसका कोई प्रस्ताव नहीं है, लेकिन जब पूरा मास्टर प्लान बनेगा तब इस पर भी चर्चा हो सकती है।
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'एक जैसा EPIC नंबर का मतलब डुप्लिकेट मतदाता नहीं', विपक्ष के आरोपों पर चुनाव आयोग का जवाब
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले चुनाव से पहले वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के मुद्दे को गरमाने में जुटी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने सारी स्थिति स्पष्ट की और कहा कि EPIC (इलेक्ट्रिक फोटो पहचान पत्र ) संख्या में दोहराव का मतलब फर्जी या डुप्लिकेट मतदाता नहीं है।
इनके ईपिक नंबर भले ही सामान है लेकिन विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, मतदान केंद्र जैसे दूसरे विवरण अलग-अलग ही है। ऐसे में मामले को गलत तरीके से पेश करना ठीक नहीं है। जल्द ही सभी को यूनिट ईपिक नंबर आवंटित किया जाएगा।
चुनाव आयोग ने EPIC नंबर पर जानकारीआयोग ने EPIC नंबर को लेकर फैलाए जा रहे दुष्प्रचार को लेकर रविवार को स्थिति स्पष्ट की और कहा कि कुछ राज्यों में एक जैसे ईपिक नंबर के अंकों को अपनाने से यह स्थिति पैदा हुई है। आयोग इसमें सुधार को लेकर तेजी से काम कर रहे है। जल्द ही सभी को यूनिट ईपिक संख्या आवंटित की जाएगी।
आयोग ने कहा कि ईपिक नंबर चाहे जो भी हो कोई भी मतदाता अपने राज्य के अपने संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में अपने निर्धारित मतदान केंद्र पर ही वोट डाल सकता है, जहां से उसका नाम मतदाता सूची में जुड़ा है।
आयोग ने बताया क्यों हुई गड़बड़ी?आयोग ने कहा कि कुछ राज्यों में इसे मैनुअल तरीके से आवंटित किए जाने से यह गड़बड़ी हुई है। पहले ईपिक नंबर के आवंटन की व्यवस्था मैनुअल ही थी। जो राज्य अपने हिसाब से तय करता था। ऐसे में कुछ राज्यों की ओर से इसे एक समान रखने से यह विसंगति पैदा हुई है। हालांकि इससे उनके भौगोलिक क्षेत्रों में कोई बदलाव नहीं होगा। आयोग ने इस बीच किसी भी आशंका को दूर करने के लिए जल्द ही सभी को यूनिक ईपिक नंबर आवंटिक किए जाने की जानकारी दी। और कहा कि इससे यह गड़बड़ी ठीक हो जाएगी।
क्या है पूरा मामला?गौरतलब है कि आयोग को रविवार को इस मामले पर सफाई देने के तब आना पड़ा जब इसे गलत तरीके से इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित किया जा रहा था। जिसमें ममता बनर्जी के वे आरोप भी थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि मेरे पास सभी जिलों से सबूत हैं कि हरियाणा और गुजरात के लोगों के नाम पश्चिम बंगाल के निवासियों के साथ एक ही ईपीआईसी संख्या के तहत है। इसी तरह महाराष्ट्र और दिल्ली में भाजपा ने जीत हासिल की।
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दिल्ली नहीं इस शहर में खुलेगा Tesla का पहला शोरूम, एक महीने का किराया जानकर उड़ जाएंगे होश
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी कारोबारी और अरबपति एलन मस्क जल्द ही भारत में अपनी कंपनी टेस्ला का शोरूम खोलने वाले हैं। इसके बाद भारत की सड़कों पर टेस्ला की कारें देखने को मिल जाएगी। एलन मस्क भारत आने की पूरी तैयारी कर चुके हैं।
एलन मस्क ने ये भी डिसाइड कर लिया है कि भारत में टेस्ला का पहला शोरूम किस शहर में होगा? ऐसे में लोगों के दिमाग में सबसे पहले देश की राजधानी दिल्ली का नाम सामने आएगा, लेकिन मस्क दिल्ली नहीं बल्कि महानगरी मुंबई में शोरूम खोलने की तैयारी में हैं।
जानकारी के अनुसार, टेस्ला के अधिकारियों ने मुंबई में जगह की तलाश भी कर ली है और जल्द ही ये ओपन भी हो जाएगा। इससे पहले टेस्ला कंपनी ने दिल्ली, मुंबई और बाकी इलाकों के लिए 13 पदों पर जॉब भी निकाली थी। इसके बाद से ही टेस्ला के भारत आने की बात सामने आ गई थी।
कहां होगा पहला शोरूम और कितना होगा किराया?
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय बाजार में अपनी एक अलग पहचान बनाने के महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए टेस्ला ने मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में अपना पहला शोरूम स्थापित करने के लिए बड़ी डील कर ली है।
ऐसा कहा जा रहा है कि, कथित तौर पर यह लीज एग्रीमेंट समझौता देश में किसी कमर्शियल स्थान के लिए सबसे बड़ा लीज एग्रीमेंट में से एक होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि, टेस्ला बीकेसी में एक कमर्शियल टॉवर के बेसमेंट में 4 हजार वर्ग फुट की जगह लेगी।
इस जगह पर कंपनी अपनी कार मॉडल को प्रदर्शित करेगी। इस जगह का मासिक लीज किराया लगभग 900 रुपये प्रति वर्ग फुट हो, जो लगभग 35 लाख रुपये प्रति माह है। लीज पांच साल की अवधी के लिए तय की गई है।
दिल्ली के एयरोसिटी में भी खुलेगा शोरूम
- टेस्ला दिल्ली के एयरोसिटी में भी शोरूम खोलने की योजना में कर रही है काम
- अमेरिकी में पीएम मोदी और एलन मस्क की मुलाकात के कुछ ही हफ्तों बाद इस समझौते को दिया गया अंतिम रूप
- टेस्ला कंपनी ने भारत में 13 नौकरियों की रिक्तियां कीं पोस्ट
'भारत कर रहा टेस्ला को मजबूर'
- टेस्ला आने वाले महीनों में भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चल रही चर्चाओं के अनुरूप लॉन्च के लिए हो सकता है तैयार।
- पीएम मोदी और ट्रंप की बैठक के बाद हुई थी इसकी घोषणा।
- वर्तमान में भारत वाहनों पर 110 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी लगाता है।
- ट्रंप का तर्क- इतने हाई टैरिफ टेस्ला को देश में एक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने के लिए किया जा रहा मजबूर।
टेस्ला इंडिया ने निकाली रिक्तियां
- टेस्ला ने भारत में नियुक्ति प्रक्रिया की शुरू।
- कस्टमर सर्विस, ऑपरेशन और सेल्स भूमिकाओं को कवर करते हुए लिंक्डइन पर 13 नौकरी के अवसर किए गए सूचिबद्ध।
- इनमें पांच पद मुंबई और दिल्ली दोनों जगह उपलब्ध हैं, बाकि के सभी मुंबई में स्थित हैं।
- सेल्स, ऑपरेशन, टेक्नीकल सपोर्ट और कस्टमर सर्विस सहित डिफ्रेंट डिपार्टमेंट में 13 पदों का विज्ञापन दिया गया।
- इनसाइड सेल्स एडवाइजर, टेस्ला एडवाइजर, सर्विस एडवाइजर, ऑर्डर ऑपरेशंस स्पेशलिस्ट, सर्विस मैनेजर, स्टोर मैनेजर, पार्ट एडवाइजर, बिजनेस ऑपरेशंस एनालिस्ट, सर्विस टेकनीशियन, कंज्यूमर एंगेजमेंट मैनेजर, कस्टमर सपोर्ट एडवाइजर और डिलिवरी ऑपरेशंस स्पेशलिस्ट शामिल हैं।
कितनी होगी भारत में टेस्ला कार की कीमत
- CNBC-TV18 की रिपोर्ट के अनुसार, टेस्ला बर्लिन से कारों को इंपोर्ट करने और शुरुआत में उन्हें भारत में बेचने पर कर रही है विचार।
- शुरुआत में भारत में 25 हजार डॉलर से कम कीमत में ईवी लाने की है योजना।
- अमेरिका में फैक्ट्री लेवल पर 35 हजार डॉलर (लगभग 30.4 लाख रुपये) से होती है शुरू।
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मणिपुर के 5 जिलों में लोगों ने 42 हथियार किए सरेंडर, पांच अवैध बंकर ध्वस्त; 6 मार्च तक का अल्टीमेटम
पीटीआई, इंफाल। हिंसा से प्रभावित मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद हालात अब सुधरने लगे हैं। पांच जिलों में लोगों ने 42 आग्नेयास्त्रों और कारतूसों को सरेंडर किया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि इंफाल पश्चिम और पूर्व, चुराचांदपुर, बिष्णुपुर और तामेंगलोंग जिलों में इन हथियारों को जमा कराया गया है। सुरक्षाबलों ने दो स्थानों पर पांच अवैध बंकरों को भी ध्वस्त किया है।
बिष्णुपुर जिले में दो पिस्तौल, छह ग्रेनेड और 75 से अधिक कारतूसों समेत 5 आग्नेयास्त्रों और तामेंगलोंग जिले के कैमाई पुलिस स्टेशन में 17 देशी बंदूक, 9 पोम्पी और कारतूसों को सरेंडर किया गया है।
पुलिस अधिकारी ने मुताबिक याइंगंगपोकपी, पोरोमपट, चुराचांदपुर और लामसांग पुलिस थानों में 10 आग्नेयास्त्रों और कारतूसों को सरेंडर किया गया है। सुरक्षा बलों ने कांगपोकपी जिले के मार्क हिल में दो अवैध बंकरों को ध्वस्त किया है। वाकन पहाड़ी रेंज में भी तीन अन्य अवैध बंकरों को नष्ट किया गया है।
भारी मात्रा में हथियार बरामदइंफाल पश्चिम जिले के सैरेमखुल में तलाशी अभियान के दौरान 20 राउंड गोला-बारूद से भरी एक मैगजीन, एक इंसास एलएमजी, एक एके-56 राइफल, तीन एसएलआर राइफल, एक एसएमजी 9एमएम कार्बाइन, एक .303 राइफल, एक डीबीबीएल गन, बिना डेटोनेटर के चार ग्रेनेड, एक चीनी हथगोला और अन्य सामान पकड़ा गया है।
राज्यपाल ने दिया हथियार जमा कराने का अल्टीमेटममणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने 20 फरवरी को हिंसा में शामिल समूहों से लूटे गए और अन्य अवैध हथियारों को सात दिनों के भीतर जमा कराने का अल्टीमेटम दिया था। इसके बाद इंफाल घाटी और पहाड़ों में बसे लोगों ने अतिरिक्त समय की मांग की। बाद में राज्यपाल ने हथियारों को जमा कराने की समय सीमा को बढ़ाकर 6 मार्च तक कर दिया। सात दिनों के भीतर घाटी के जिलों में 300 से अधिक आग्नेयास्त्रों को जनता ने जमा करवाया है।
सीएम के इस्तीफे के बाद लगा राष्ट्रपति शासनबता दें कि मई 2023 में मैतेई और कुकी समूहों के बीच जातीय हिंसा भड़की थी। 22 महीने की हिंसा में 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। अब तक हजारों लोग बेघर हो चुके हैं। पिछले महीने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया।
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असम की स्टार्टअप कंपनी में क्या है खास, जिसकी PM मोदी ने भी की तारीफ; पेपर से है कनेक्शन
एएनआई, असम। असम स्थित एक स्टार्टअप कंपनी कुंभी कागज जलकुंभी से कागज बना रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी तारीफ भी की है। जलकुंभी (Water hycinath) जिसे स्थानीय रूप से 'मेटेका' के नाम से जाना जाता है, एक आक्रामक खरपतवार है जो आर्द्रभूमि को नुकसान पहुंचाता है।
असम के दो युवाओं रूपांकर भट्टाचार्य और अनिकेत धर ने वेटलेंड और इकोसिस्टम को संरक्षित करने के उद्देश्य से जलकुंभी से कागज बनाने की अपनी यात्रा शुरू की है। एएनआई से बात करते हुए कुंभी कागज के सह-संस्थापक रूपांकर भट्टाचार्जी ने कहा,
'सह-संस्थापक अनिकेत और मैंने कुंभी कागज की स्थापना की, और हम भारत की एकमात्र कंपनी हैं जो जलकुंभी से केमिकल फ्री और हैंडपेपर कागज बनाती है। हम नोटबुक, कैलेंडर आदि बनाते हैं। हमने 2016-17 में जयादित्य पुरकायस्थ के साथ चर्चा के बाद अपनी यात्रा शुरू की। जयादित्य पुरकायस्थ हमारे गुरु हैं, और वे एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक और सरीसृप विज्ञानी हैं।
क्या है जलकुंभी?रूपांकर भट्टाचार्जी ने आगे कहा, हमें बताया कि जलकुंभी भारत में आर्द्रभूमि (wetlands) की एक बड़ी समस्या है, और जलकुंभी के कारण आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचता है। हमने जलकुंभी के 100 प्रतिशत रेशों को लुगदी में बदलकर कागज बनाना शुरू किया।
इसके अलावा उन्होंने कहा, 'हमारे साथ 100 से ज्यादा लोग जुड़े हुए हैं और अभी हमारी यूनिट में 16 लोग काम कर रहे हैं। हम गुवाहाटी और काजीरंगा अगोराटोली रेंज में दीपोर बील के पास एक समुदाय में काम करते हैं। काजीरंगा नेशनल पार्क के फील्ड डायरेक्टर हमारे प्रोजेक्ट में हमारा भरपूर सहयोग कर रहे हैं। काजीरंगा में समुदाय के लोग हमारे साथ जुड़े हुए हैं।'
पीएम मोदी ने की तारीफ2023 में 'मन की बात' के जरिए राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलकुंभी कागज स्टार्टअप का जिक्र किया, जो जलकुंभी से कागज बना रहा है।
रमजान का पाक महीना शुरू, पीएम मोदी समेत राहुल-प्रियंका ने लोगों को दी शुभकामनाएं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रमजान का पाक महीना शुरू हो गया है और मुस्लिम समुदाय के लोग इसे लेकर काफी ज्यादा उत्साहित नजर आ रहे हैं। रमजान शुरू होने के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी Prime Minister Narendra Modi) ने देशवासियों को इसकी शुभकामनाएं दी है।
पीएम मोदी (PM Modi) ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा, "जैसे ही रमजान का पवित्र महीना शुरू हो रहा है, यह हमारे समाज में शांति और सद्भाव लाए। यह पवित्र महीना चिंतन, कृतज्ञता और भक्ति का प्रतीक है, साथ ही हमें करुणा, दयालुता और सेवा के मूल्यों को भी याद दिलाता है। रमजान मुबारक!"
As the blessed month of Ramzan begins, may it bring peace and harmony in our society. This sacred month epitomises reflection, gratitude and devotion, also reminding us of the values of compassion, kindness and service.
Ramzan Mubarak!
पीएम मोदी से एक दिन पहले संसद में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और केरल के वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने भी लोगों को रमजान की शुभकामनाएं दी थी।
राहुल गांधी
- "रमजान मुबारक! यह पवित्र महीना आपके जीवन को खुशियों से भर दे और आपके दिलों को शांति दे।"
Ramzan Mubarak!
May this sacred month fill your life with happiness, and bring peace to your heart. pic.twitter.com/vuEg5yEmSc
प्रियंका गांधी
- "आप सभी को रहमतों और बरकतों को पवित्र महीने रमजान की हार्दिक बधाई। मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि यह पवित्र महीना आप सभी के जीवन में खुशियां, समृद्धि और शांति लाए।"
रहमतों और बरकतों के पवित्र माह रमज़ान की आप सभी को दिली मुबारकबाद।
मैं ऊपर वाले से दुआ करती हूं कि ये मुक़द्दस महीना आप सभी के जीवन में सुख, समृद्धि और अमन-चैन लेकर आए। #RamadanMubarak pic.twitter.com/bD8bM0KW4u
इसके अलावा राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख लालू यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने भी मुस्लिम समुदाय के लोगों को रमजान की मुबारकबाद दी है।
आप सभी को रमज़ान की ढेर सारी मुबारकबाद। यह पवित्र महीना आपके जीवन में खूब सारी ख़ुशियाँ, सुख-समृद्धि और तरक़्क़ी लेकर आए।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) March 1, 2025दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी लोगों को रमजान की शुभकामनाएं दी है। उन्होंने एक्स पर लिखा, "आप सभी को रमज़ान की ढेर सारी मुबारकबाद। यह पवित्र महीना आपके जीवन में खूब सारी ख़ुशियाँ, सुख-समृद्धि और तरक़्क़ी लेकर आए।"
3 दिन के दौरे पर गुजरात पहुंचे PM मोदी, सोमनाथ मंदिर में करेंगे पूजा-अर्चना; वनतारा भी जाएंगे
Weather: दिल्ली-एनसीआर में बदला मौसम, कश्मीर-हिमाचल में बर्फबारी जारी; जानें यूपी-बिहार का हाल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मौसम ने उत्तर भारत में एक बार फिर करवट ली है। पहाड़ी राज्यों का मौसम पूरी तरह बदला हुआ है। आईएमडी ने हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और बिहार के कई जिलों में बारिश का अनुमान लगाया है। इसके साथ ही कुछ राज्यों में ओलावृष्टि की संभावना है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में एक बार फिर बर्फबारी ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। मौसम विभाग ने पहाड़ों पर आज भी बर्फबारी की संभावना जताई है।
तमिलनाडु में हो रही बारिशतमिलनाडु के अलग-अलग हिस्सों में रात से ही भारी बारिश हो रही है। दिल्ली-एनसीआर में बारिश की संभावना है। आईएमडी के मुताबिक, दिल्ली में रविवार को तेज हवा चल सकती है। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से मौसम का मिजाज बदल चुका है। हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड की वर्षा ने यूपी के मौसम पर भी अपना असर छोड़ा है।
यूपी के इन जिलों में अलर्ट जारीमौसम विज्ञानी कैलाश पांडेय के अनुसार, अभी अगले दो दिन तक आसमान में छिटपुट बादल जमे रहेंगे। पश्चिमी यूपी में जोरदार बारिश होगी। नोएडा, मेरठ, गाजियाबाद व आसपास के जिलों में गरज-चमक के साथ तेज बारिश हुई। साथ ही ओले गिरने से ठंड बढ़ गई है। मौसम विज्ञानी ने बताया कि अफगानिस्तान व पाकिस्तान के ऊपर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है। वह तिब्बत की ओर बढ़ रहा है।
इस क्रम में हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड के पहाड़ों पर वर्षा और बर्फबारी का सिलसिला शुरू हो गया है। दोपहर बाद चलने वाली पछुआ हवा पहाड़ों पर बने बादलों को पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक पहुंचा रही हैं। इससे नमी भी बढ़ जा रही है।
चार व पांच को भारी वर्षा व हिमपात की संभावनाप्रदेश में तीन मार्च से फिर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है। ऐसे में सोमवार को हल्की वर्षा व हिमपात की संभावना मौसम विभाग ने जताई है। चार व पांच मार्च को भारी हिमपात व वर्षा की चेतावनी दी गई है। तीन दिन से हो रही वर्षा व हिमपात के बाद शनिवार को धूप खिली। वहीं मंडी जिले के सराज में ओलावृष्टि व मंडी शहर व शिमला में हल्की बूंदाबांदी हुई। प्रदेश में चार राष्ट्रीय राजमार्ग के अलावा 480 सड़कें अभी तक बंद हैं। 2001 ट्रांसफार्मरों के खराब होने के कारण बिजली आपूर्ति बाधित है।
इस बार के मानसून में होगी अच्छी बारिशभारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर है कि ला-नीना का असर सिर्फ गर्मी पर ही नहीं, बल्कि बारिश के मौसम पर भी पड़ने जा रहा है। मानसून के आगमन की अनुमानित तिथि से तीन महीने पहले मौसम विज्ञानियों का पूर्वानुमान है कि इस बार अच्छी वर्षा हो सकती है।
ला-नीना धीरे-धीरे कमजोर पड़ता जाएगाऐसा अनुमान ला-नीना की स्थितियों के चलते लगाया जा रहा है। हालांकि समय के साथ ला-नीना धीरे-धीरे कमजोर पड़ता जाएगा और बहुत संभव है कि मानसून के आने से पहले यह निष्पक्ष (न्यूट्रल) हो जाए, लेकिन मौसम विज्ञानियों का मानना है कि जून से सितंबर के बीच प्रशांत महासागर में अलनीनो की स्थिति बनने के आसार नहीं हैं। यदि थोड़ा-बहुत बनेगा भी तो सितंबर के बाद बन सकता है।
Telangana Tunnel Rescue: सुरंग में फंसे चार लोगों के ठिकाने का पता चला, मंत्री बोले- उनके जीवित होने की आशंका एक प्रतिशत
पीटीआई, नगरकुरनूल। तेलंगाना सुरंग हादसे में एक सप्ताह से चल रहे बचाव अभियान में एक बड़ी सफलता मिली है। आबकारी मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव ने कहा है कि फंसे हुए कुल आठ लोगों में से चार के ठिकाने का पता लगा लिया गया है, लेकिन उनके बचने की आशंका एक फीसदी है।
पिछले कुछ दिनों में काफी तेजी से हुआ कामकृष्ण राव ने सिंचाई मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी और बचाव अभियान में शामिल अधिकारियों के साथ एक बैठक की। इसके बाद उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में काफी प्रगति हुई है।
उन्होंने कहा, ''मेरे विचार से, रडार के माध्यम से चार व्यक्तियों का पता लगा लिया गया है।'' उन्होंने उम्मीद जताई कि रविवार शाम तक उन्हें बाहर निकाल लिया जाएगा। अन्य चार लोग टनेल बोरिंग मशीन (टीबीएम) के नीचे फंसे हुए प्रतीत होते हैं।
बचाव अभियान में 11 एजेंसियों के कर्मचारीजिन चार लोगों का पता लगाया गया है, उनकी स्थिति के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने याद दिलाया कि उन्होंने पहले दिन ही कहा था कि उनके बचने की संभावना बहुत कम है। उन्होंने कहा कि 450 फीट लंबी बोरिंग मशीन को काटा जा रहा है। इस बचाव अभियान में 11 एजेंसियों के कर्मचारी शामिल हैं।
बचाव कार्य जोरों परपुलिस अधीक्षक वैभव गायकवाड़ ने कहा कि बचाव कार्य जोरों पर है। फंसे हुए लोगों तक पहुंचने के लिए रास्ता बनाने हेतु टीबीएम को काटा जा रहा है। शनिवार सुबह एक टीम सुरंग के अंदर गई..पानी निकालने और मलबा हटाने की प्रक्रिया भी साथ-साथ चल रही है। जो भी बाधाएं आ रही हैं, हमें उन्हें हटाना ही होगा।
सुरक्षित वापसी का इंतजार कर रहे स्वजनफंसे हुए श्रमिकों के परिवार के सदस्य उनकी स्थिति को लेकर आशंकित हैं। वे अपने स्वजनों की सुरक्षित वापसी का इंतजार कर रहे हैं। फंसे हुए श्रमिकों में से एक गुरप्रीत सिंह के रिश्तेदारों ने दावा किया कि उन्हें बचाव दल की ओर से कोई अपडेट नहीं मिला है। एक अन्य रिश्तेदार ने कहा कि उसने अधिकारियों से आग्रह किया था कि उसे सुरंग में प्रवेश करने की अनुमति दी जाए, लेकिन उसका अनुरोध अस्वीकार कर दिया गया।
सुरंग में फंसे हैं ये लोग?- 22 फरवरी को श्रीसैलम लेफ्ट बैंक नहर (SLBC) सुरंग परियोजना पर काम कर रहे आठ कर्मचारी एक हिस्से के ढह जाने के बाद फंस गए।
- फंसे हुए व्यक्तियों की पहचान मनोज कुमार (उत्तर प्रदेश), श्रीनिवास (उत्तर प्रदेश), सनी सिंह (जम्मू और कश्मीर), गुरप्रीत सिंह (पंजाब) के तौर पर की गई है।
- इसके अलावा झारखंड के रहने वाले संदीप साहू, जिगता एक्सेस संतोष साहू और अनुज साहू भी शामिल हैं।
- आठ में से, दो इंजीनियर हैं, दो ऑपरेटर हैं और बाकी चार झारखंड के श्रमिक हैं।
- दो इंजीनियर और चार श्रमिक जयप्रकाश एसोसिएट्स द्वारा नियुक्त हैं, जो एसएलबीसी टनल परियोजना की ठेकेदार फर्म है।
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सक्षम-कुशल होता भारत, 54.81 प्रतिशत पहुंची रोजगार योग्यता; देखें राज्यवार प्रदर्शन
जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली। उद्योगों में वर्तमान में कार्यरत कामगारों के कौशल को लेकर चिंता जरूर जताई जा रही है, लेकिन शिक्षित युवाओं की नई पीढ़ी नई संभावनाएं भी दिखा रही है। ''ग्लोबल टैलेंट मोबिलिटी: इंडियाज डिकेड'' शीर्षक से जारी वर्ष 2025 की व्हीबाक्स की इंडिया स्किल्स रिपोर्ट ने यह तथ्य सामने रखा है कि भारतीय युवाओं की रोजगार योग्यता वर्ष दर वर्ष बढ़ रही है।
महाराष्ट्र शीर्ष पर है और दूसरे पर दिल्लीपिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष रोजगार योग्यता का आंकड़ा 3.56 प्रतिशत वृद्धि के साथ 54.81 प्रतिशत पर पहुंच गया है। यदि राज्यवार प्रदर्शन देखें तो महाराष्ट्र शीर्ष पर है और दूसरे पर दिल्ली।
गत वर्ष पहले स्थान पर रहा हरियाणा खिसककर नौवें पायदान पर पहुंच गया, जबकि एक पायदान की गिरावट के साथ उत्तर प्रदेश पांचवें स्थान पर है। व्हीबाक्स ने कई संगठनों और संस्थाओं की भागदारी से ग्लोबल एम्प्लायबिलिटी टेस्ट का आयोजन किया, जिसमें भारत के 28 राज्यों, आठ केंद्र शासित प्रदेशों के युवाओं ने भाग लिया।
भारतीय युवाओं की रोजगार योग्यता का आकलन दिया गयाउसके निष्कर्ष के आधार पर ही इंडिया स्किल्स रिपोर्ट ''ग्लोबल टैलेंट मोबिलिटी: इंडियाज डिकेड-2025'' जारी की गई है। रिपोर्ट में 2019 से 2025 तक की भारतीय युवाओं की रोजगार योग्यता का आकलन दिया गया है। इसके मुताबिक, 2019 में यह आंकड़ा 47.28 प्रतिशत था, जो घटते-बढ़ते 2023 में 50.3 प्रतिशत, 2024 में 51.25 प्रतिशत और इस वर्ष 2025 में 54.81 प्रतिशत हो गई।
व्हीबाक्स के सीईओ निर्मल सिंह की ओर से रिपोर्ट में बताया गया है कि अब भारत में 50 प्रतिशत से अधिक स्नातक युवा रोजगार के योग्य हैं। एक दशक पहले यह आंकड़ा 33 प्रतिशत था, जिसमें 17 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि बताती है कि भारत ग्लोबल स्किल हब बनते हुए एआइ, क्लाउड कंप्यूटिंग और ऑटोमेशन जैसे जाब रोल के अवसरों का भी पूरा लाभ उठाने के लिए तैयार हो रहा है। उनका दावा है कि 2022 में भारत ने 111 अरब डॉलर फॉरेन इनकम ट्रांसफर प्राप्त किया, जो कि वर्ष 2030 तक 150 अरब डॉलर पहुंचने की संभावना है।
वर्षवार देश की रोजगार योग्यता- 2019- 47.28 प्रतिशत
- 2020- 46.21 प्रतिशत
- 2021- 45.9 प्रतिशत
- 2022- 46.2 प्रतिशत
- 2023- 50.3 प्रतिशत
- 2024- 51.25 प्रतिशत
- 2025- 54.81 प्रतिशत
रिपोर्ट में अलग-अलग स्किल का भी आकलन किया गया है कि कहां के युवा किन स्किल में आगे हैं। इनमें न्यूमेरिकल स्किल, क्रिटिकल थिंकिंग और कम्प्यूटर स्किल में उत्तर प्रदेश का पहला स्थान है। वहीं, दूसरी भाषा के रूप में अंग्रेजी में दक्षता के मामले में पहले स्थान पर महाराष्ट्र, दूसरे पर कर्नाटक और तीसरे पर उत्तर प्रदेश है।
मणिपुर में कायम होगी शांति, आठ मार्च से कहीं भी आ-जा सकेंगे लोग; सभी रास्तों से अवैध बैरिकेड हटाने के निर्देश
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लगभग दो साल से हिंसाग्रस्त मणिपुर में स्थायी शांति की उम्मीद बढ़ गई है। गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को सुरक्षा बलों को आठ मार्च से राज्य में सभी मार्गों पर लोगों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने का निर्देश दिया और बाधा उत्पन्न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा।
सभी रास्तों से अवैध बैरिकेड हटाने के निर्देशउन्होंने सुरक्षा हालात की समीक्षा करते हुए स्थिति को सामान्य बनाने के लिए कई कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए। इनमें मणिपुर में सभी रास्तों से अवैध बैरिकेड हटाकर मुक्त आवाजाही सुनिश्चित करना, जबरन उगाही करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करना, ड्रग्स तस्करों के नेटवर्क के खिलाफ अभियान शुरू करना और म्यांमार से घुसपैठ रोकने के लिए प्राथमिकता के आधार पर सीमा पर बाड़ लगाना शामिल है।
अमित शाह ने साफ किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार मणिपुर में चिरस्थायी शांति बहाली के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए हरसंभव सहायता दे रही है। मणिपुर में हालात को सामान्य बनाने और कानून-व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए शाह ने आठ मार्च से सभी रास्तों पर जनता की मुक्त आवाजाही सुनिश्चित करने को कहा, ताकि लोग कहीं भी आ-जा सकें।
मैतेयी और कुकी समुदाय ने अवैध रूप से बैरिकेड लगा रखे हैंध्यान देने की बात है कि मणिपुर के विभिन्न मार्गों पर मैतेयी और कुकी समुदाय ने अवैध रूप से बैरिकेड लगा रखे हैं और वहां हर गाड़ी की चे¨कग की जाती है। एक समुदाय के लोगों की बैरिकेडिंग वाले इलाके से गुजरना दूसरे समुदाय के लिए खतरनाक होता है। बैरिकेडिंग अवैध वसूली का भी अहम स्थान बन गया है, जहां से गुजरने वाली हर गाड़ी से जबरन उगाही की जाती है।
शाह ने इस पर तत्काल रोक लगाने और जबरन उगाही के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा। म्यांमार से कुकियों का अवैध घुसपैठ एक बड़ा मुद्दा रहा है। समीक्षा बैठक के दौरान शाह ने मणिपुर से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आवाजाही के लिए चिह्नित किए गए प्रवेश स्थानों के दोनों तरफ बाड़ लगाने के काम को जल्द पूरा करने को कहा है।
म्यांमार के अवैध घुसपैठ पर रोक लगेगीगृह मंत्रालय पहले ही म्यांमार के साथ 1967 में किए गए मुक्त आवाजाही समझौते को निरस्त कर चुका है। इससे म्यांमार के अवैध घुसपैठ पर रोक लगेगी। इसी तरह से ड्रग्स तस्करी मणिपुर के उग्रवादी गुटों की फंडिंग का बड़ा जरिया रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री बीरेन सिंह मणिपुर में हिसा के लिए अफीम की अवैध खेती और ड्रग्स तस्करी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई को बड़ी वजह बताते रहे हैं। शाह ने मणिपुर को नशामुक्त बनाने का निर्देश दिया और इसके लिए नशे के व्यापार में लिप्त पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने को कहा।
पहली बार हालात सामान्य होने के संकेतबैठक में मणिपुर के राज्यपाल के साथ-साथ सेना, असम राइफल्स, बीएसएफ, केंद्रीय गृह मंत्रालय व राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। दरअसल, दो सप्ताह पहले मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने के बाद पहली बार हालात सामान्य होने के संकेत मिलने लगे हैं।
650 से अधिक लूटे हुए हथियार वापस किए गएराज्यपाल अजय कुमार भल्ला की अपील पर 650 से अधिक लूटे हुए हथियार वापस किए गए और अब इसकी अवधि छह मार्च तक के लिए बढ़ा दी गई है। इससे पहले अपील के बावजूद मैतेयी और कुकी दोनों समुदाय की ओर से हथियार वापस नहीं किए जा रहे थे। इस पृष्ठभूमि में अमित शाह की अध्यक्षता में हुई बैठक को अहम माना जा रहा है।
'पीओके नेहरु के कार्यकाल की सबसे बड़ी नाकामी', जितेंद्र सिंह- उनकी गलती का खामियाजा आज पूरा देश भुगत रहा है
आइएएनएस, नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) नेहरु सरकार एवं दिवंगत प्रधानमंत्री की विदेश नीति की सबसे बड़ी विफलता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ही वापस हासिल किया जा सकता है।
जितेंद्र सिंह ने नेहरु शासन पर यह तीखी टिप्पणी कीइंडियन सोसाइटी ऑफ इंटरनेशनल ऑ ऑडिटोरियम में जम्मू-कश्मीर पीपुल्स फोरम और मीरपुर पीओजेके बलिदान समिति द्वारा आयोजित पीओजेके संकल्प दिवस कार्यक्रम में जितेंद्र सिंह ने नेहरु शासन पर यह तीखी टिप्पणी की।
पीएमओ में राज्य मंत्री (एमओएस) जितेंद्र सिंह ने नेहरु सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि देश उनके कार्यकाल में की गई गलतियों की कीमत चुका रहा है।
नेहरु खुद को शांति का सबसे बड़ा मसीहा मानते थेउन्होंने 1947 के बंटवारे को देश के इतिहास की सबसे बड़ी भूल बताया और दावा किया कि यह पंडित नेहरु और मोहम्मद अली जिन्ना की महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए किया गया था। सिंह ने कहा कि पंडित नेहरु खुद को शांति का सबसे बड़ा मसीहा मानते थे और इसी कारण उन्होंने एक नहीं बल्कि कई गलतियां कीं। इसका खामियाजा आज पूरा देश भुगत रहा है।
नेहरु ने ऐतिहासिक भूल कीउन्होंने कहा, ''जब भारतीय सेना मीरपुर पहुंच गई थी और भारतीय क्षेत्र को मुक्त करा रही थी, तो अचानक युद्ध विराम की घोषणा कर दी गई। इसी से पीओजेके का मुद्दा पैदा हो गया। इस मामले को संयुक्त राष्ट्र में ले जाकर नेहरु ने ऐतिहासिक भूल की। इसके कारण भारत आज तक अपनी जमीन वापस नहीं ले पाया है।''
यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को जलाने में हर घंटे 500 लीटर डीजल की खपत, लगातार 74 घंटे लगी रहेगी आग
जेएनएन, इंदौर। धार जिले के पीथमपुर स्थित रामकी संयंत्र में यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के कचरे के निष्पादन की प्रक्रिया के तहत शनिवार को भी इंसीनरेटर में कचरा जलाया गया। शुक्रवार दोपहर तीन बजे से शुरू हुई कचरे के निष्पादन की पहले चरण की प्रक्रिया में लगातार 74 घंटे यानी सोमवार शाम पांच बजे तक 10 टन कचरे को जलाया जाना है।
- इसी कड़ी में शनिवार शाम सात बजे तक 3780 ग्राम कचरे का निष्पादन किया गया। एक घंटे में 135 किलोग्राम कचरे का निष्पादन किया जा रहा है।
- निष्पादन केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल एवं मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों की निगरानी में किया जा रहा है।
- मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों के अनुसार, रासायनिक तत्व खत्म करने के लिए अब तक निष्पादित कचरे के साथ करीब 3240 किलोग्राम चूने का मिश्रण किया गया।
- फ्लू गैसेस की सफाई के लिए 3.6 टन चूना, 1.8 टन एक्टीवेटेड कार्बन और 24 किलोग्राम सल्फर का भी उपयोग किया गया।
विरोध जारी, काली पट्टी बांध धरने पर बैठीं महिलाएं
- कचरा निष्पादन की प्रक्रिया शुरू होने का पीथमपुर में अभी भी विरोध किया जा रहा है।
- हालांकि पुलिस बल तैनात होने की वजह से शनिवार को पूरे दिन शांति बनी रही।
- इस बीच महाराणा प्रताप बस स्टैंड पर कुछ महिलाओं ने सिर पर काली पट्टी बांधकर धरना दिया।
- महिलाएं हाथ में भीमराव आंबेडकर का फोटो लेकर बैठी थीं।
- करीब एक घंटे बैठने के बाद पुलिसकर्मियों ने सभी को समझाया तो कुछ तो चली गईं, कुछ बैठी ही रहीं।
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'किसानों के लिए डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार', पीएम मोदी ने कहा- 'भारत की समृद्धि के लिए कृषि क्षेत्र का विकास जरूरी'
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि सेक्टर को विकास का इंजन बताया और कहा कि बड़े लक्ष्य को पाने के लिए कृषि क्षमता का पूरा उपयोग करना चाहिए। उन्होंने बजट को विकसित भारत के विजन का नया विस्तार बताया और कहा कि अब विचार-विमर्श का नहीं, बल्कि क्रियान्वयन के प्रभावी तरीके पर जोर देना चाहिए, ताकि अच्छे से अच्छा और जल्दी से जल्दी परिणाम मिले।
कृषि एवं ग्रामीण समृद्धि पर राजग सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले पूर्ण बजट से जुड़े वेबिनार को संबोधित करते हुए पीएम ने निर्णयों एवं नीतियों को भी प्रभावी बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हम दो बड़े लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं।
भारत में अन्नदाताओं को मिले गौरवपूर्ण स्थानपीएम मोदी ने कहा कि कृषि सेक्टर के विकास के साथ-साथ गांवों की समृद्धि। प्रयास है कि विकसित भारत में अन्नदाताओं को गौरवपूर्ण स्थान मिले। पीएम ने नए बजट पर चर्चा से बचने की सलाह देते हुए कहा कि योजनाएं बन चुकी हैं। अब फोकस सिर्फ एक्शन पर होना चाहिए। क्रियान्वयन में दिक्कत क्या है। किस प्रकार के बदलाव की जरूरत है आदि। लक्ष्य हासिल करने के लिए सरकार के साथ सबको एक मत और एक लक्ष्य के साथ एक दिशा में चलना चाहिए।
किसानों के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार- पीएम मोदी ने कहा कि देश भर के किसानों के लिए हमने डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है, ताकि योजनाओं में बिचौलिये के घुसने की गुंजाइश ना रहे। हितधारकों से कहा कि आप जैसे अनुभवी का साथ मिल गया तो योजनाओं को मजबूती और पारदर्शिता के साथ धरातल पर उतारा जा सकता है।
- इसी के साथ पीएम मोदी ने हितधारकों को कृषि, ग्रामीण विकास और मस्त्य पालन क्षेत्र में निवेश के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि पोषण युक्त अन्न की मांग बढ़ रही है। समुद्र में सतत मछली पालन को बढ़ावा देने की योजना है। वर्ष 2019 में मत्स्य संपदा योजना शुरू की गई। परिणाम हुआ कि मछली उत्पादन और निर्यात दोगुना हो चुका है।
- पीएम ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समृद्ध बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इसके लिए पीएम आवास योजना के तहत करोड़ों गरीबों को घर दिया जा रहा है।
- ग्राम सड़क योजना से छोटे किसानों और कारोबारियों को फायदा हुआ है। तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य है। सवा करोड़ बन चुकी हैं। बजट में ग्रामीण समृद्धि और विकास के कार्यक्रमों के जरिये रोजगार और निवेश के मौके बढ़े हैं।
पीएम ने कृषि सेक्टर की विकास यात्रा भी बताई। कहा कि कृषि उत्पादन रिकार्ड स्तर पर है। दशक भर पहले तक कृषि उपज 2,650 लाख टन के करीब था, जो अब 3,300 लाख टन से ज्यादा हो गया है। इसी तरह बागवानी उत्पादन बढ़कर 3,500 लाख टन से ज्यादा हो गया है। यह बीज से बाजार तक की योजना, कृषि सुधार, किसानों का सशक्तीकरण और मजबूत वैल्यू चेन का परिणाम है। बड़े लक्ष्य के लिए बजट में धन धान्य कृषि योजना का एलान किया गया है, जिसके तहत देश के सौ न्यूनतम कृषि उत्पादकता वाले जिलों के समग्र विकास पर फोकस किया जाएगा।
दलहन के उत्पादन को बढ़ाने पर जोरदलहन में आयात पर निर्भरता का उल्लेख करते हुए पीएम ने कहा कि हमें दलहन उत्पादन बढ़ाना ही होगा। पिछले कुछ वर्षों में बढ़ा भी है। किंतु अब भी घरेलू खपत का 20 प्रतिशत आयात पर निर्भर है। चने और मूंग में आत्मनिर्भरता प्राप्त कर ली है। मगर तुअर, उड़द और मसूर का उत्पादन बढ़ाने के लिए तेजी से काम करना है। एक दशक में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने फसलों की 2,900 से अधिक नई किस्मों का विकास किया है। हमें तय करना होगा कि किसानों को ये सस्ती दर पर मिलती रहे।
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'आइए हिंदी सीखें...', स्टालिन के खिलाफ तामिलनाडु में ही उठने लगी विरोध की आवाज, इस कंपनी के फाउंडर ने दिखाया 'आईना'
नीलू रंजन, जागरण, नई दिल्ली। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के हिंदी विरोध के खिलाफ तमिलनाडु के भीतर ही आवाज उठने लगी है। बड़ी आइटी कंपनी जोहो के संस्थापक श्रीधर वेंबू ने तमिलनाडु के युवाओं से हिंदी सीखने की अपील की है। इसके साथ ही इसे राजनीति से दूर रखने का भी अनुरोध किया है।
एक्स पर अंग्रेजी में लिखी पोस्ट के आखिर में उन्होंने 'आइए हिंदी सीखें' की अपील कर साफ कर दिया कि तमिलनाडु अब हिंदी विरोध की राजनीति से बहुत आगे निकल चुका है। श्रीधर वेंबू ने अपनी पोस्ट में बताया कि उनकी कंपनी में काम कर रहे तमिलनाडु के युवाओं को हिंदी न जानने के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
वेंबू ने हिंदी सीखने की बताई वजह
वेंबू के अनुसार, उनकी कंपनी मुंबई, गुजरात समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में अपनी सेवाएं दे रही है, लेकिन हिंदी न जानने के कारण तमिलनाडु के कर्मियों को वहां नहीं भेजा जा सकता।
उन्होंने कहा कि हिंदी न जानने के कारण उन्हें खुद भी कठिनाई होती है। इस कारण वे पिछले पांच सालों से हिंदी सीख रहे हैं और अब हिंदी की बातचीत को 20 प्रतिशत तक समझ लेते हैं। श्रीधर की पोस्ट पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं आई हैं, लेकिन कई लोगों ने उनकी बात का समर्थन किया है। बेंगलुरु में एक आइटी कंपनी में काम करने वाले तमिलनाडु के युवा ने स्वीकार किया कि हिंदी न आने के कारण वे सहकर्मियों के साथ संवाद में खुद को अलग-थलग पाते हैं।
'तमिलनाडु में सीबीएसई स्कूलों में 60 लाख बच्चे पढ़ रहे हिंदी'
श्रीधर वेंबू की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए तमिलनाडु के गुरुमूर्ति ने हिंदी विरोध के विरोधाभास के आंकड़े पेश किए। गुरुमूर्ति के अनुसार, तमिलनाडु में सीबीएसई स्कूलों में 60 लाख बच्चे हिंदी पढ़ रहे हैं। इस तरह दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा की परीक्षा में पांच लाख छात्रों ने भाग लिया है। सिर्फ सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले 83 लाख छात्रों को हिंदी नहीं पढ़ाई जा रही है।
गुरुमूर्ति के अनुसार, तमिलनाडु के 43 प्रतिशत छात्र हिंदी पढ़ सकते हैं। श्रीधर वेंबू ने गुरुमूर्ति के आंकड़ों का समर्थन करते हुए कहा कि ग्रामीण तमिलनाडु में सीबीएसई स्कूल तेजी से खुल रहे हैं। केवल गरीब परिवारों के बच्चे, जो इन निजी स्कूलों की फीस नहीं दे सकते, सरकारी स्कूलों में पढ़ने को मजबूर हैं। हिंदी विरोध को 1968 की तरह मुद्दा न बनता देख मुख्यमंत्री स्टालिन के सुर भी बदलने लगे हैं। अब वे हिंदी विरोध को संस्कृत के विरोध से जोड़ रहे हैं। उनके अनुसार, हिंदी की आड़ में केंद्र सरकार संस्कृत भाषा को थोपने की साजिश कर रही है।
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परिसीमन पर तमिलनाडु सीएम ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, बीजेपी करेगी बायकॉट; स्टालिन पर बरसे अन्नामलाई
पीटीआई, चेन्नई। तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने परिसीमन पर सर्वदलीय बैठक को लेकर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर हमला बोला। अन्नामलाई ने शनिवार को कहा कि परिसीमन प्रक्रिया को लेकर पांच मार्च को होने वाली सर्वदलीय बैठक में भाजपा शामिल नहीं होगी।
उन्होंने इस मामले पर काल्पनिक भय फैलाने के प्रयास के लिए मुख्यमंत्री स्टालिन को दोषी ठहराया। स्टालिन को लिखे पत्र में अन्नामलाई ने कहा कि भाजपा का दृढ़ विश्वास है कि आपने किसी भी आधिकारिक बयान से पहले ही काल्पनिक डर फैलाने और जानबूझकर इस बारे में झूठ बोलने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
स्टालिन पर बीजेपी का हमलाउन्होंने कहा कि अगर स्टालिन को परिसीमन के कारण तमिलनाडु की संसदीय सीटें कम होने की आशंका है तो उन्हें राज्य से आईएनडीआईए के 39 सांसदों को संसद के बजट सत्र के दौरान इस मुद्दे को उठाने का निर्देश देना चाहिए था।
बीजेपी ने स्टालिन पर लगाया झूठ फैलाने का आरोप- तमिलनाडु भाजपा प्रमुख ने स्टालिन को संबोधित करते हुए कहा कि आपको समझना चाहिए कि परिसीमन आयोग परिसीमन प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा उचित समय पर करेगा। यह निराशाजनक है कि आपने अभी भी उन झूठों से सबक नहीं सीखा है जो आपने तब फैलाया था जब एक राष्ट्र एक चुनाव की घोषणा की गई थी।
- वहीं, अन्नामलाई ने कहा कि तमिलनाडु प्रदेश भाजपा की ओर से मैं आपको सूचित करना चाहता हूं कि आप लोगों को यह नहीं बता सके कि आपको कैसे पता चला कि परिसीमन जनसंख्या के आधार पर किया जाएगा।
- यह काल्पनिक और निराधार डर है जिसे आप फैला रहे हैं। इसलिए हमने पांच मार्च को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भाग नहीं लेने का फैसला किया है। अन्नामलाई ने स्टालिन को यह भी बताया कि भाजपा पांच मार्च को त्रिभाषा नीति के समर्थन में हस्ताक्षर अभियान शुरू करेगी।
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'फिल्म के टिकट पर लिखा हो शो का सही समय', एमपी HC का निर्देश, कहा- विज्ञापन देखने पर मजबूर ना करें
जेएनएन, ग्वालियर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने दर्शकों को थियेटर और मल्टीप्लेक्स में जबरन विज्ञापन दिखाने के मामले में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को नियमों में संशोधन कर हर टिकट पर फिल्म के शो का समय स्पष्ट रूप से अंकित करने के निर्देश दिए हैं। कहा है कि विज्ञापन दिखाए जा सकते हैं लेकिन दर्शकों को उन्हें देखने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।
हाई कोर्ट ने यह निर्देश एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए शनिवार को दिया। ग्वालियर की लॉ स्टूडेंट स्वाति अग्रवाल की ओर से दायर इस जनहित याचिका में केंद्र सरकार, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, फिल्म फेडरेशन आफ इंडिया और मध्य प्रदेश शासन को पक्षकार बनाते हुए कहा गया था कि देश के सभी थियेटर और मल्टीप्लेक्स में हर दिन में सैकड़ों लोग फिल्म देखने जाते हैं। वहां फिल्म देखने के लिए टिकट खरीदने के बाद विज्ञापन दिखाना एक तरह की जबरदस्ती है और संविधान के अनुच्छेद 21 का हनन है।
अब ट्रेन से करें भूटान की यात्रा, भारतीय रेलवे ने तैयार किया सॉलिड प्लान; प्रोजेक्ट पर खर्च होंगे 3500 करोड़
पीटीआई, गुवाहाटी। आप जल्द ही ट्रेन से पड़ोसी देश भूटान जा सकेंगे। भारतीय रेलवे ने असम के कोकराझार से भूटान के गेलेफू तक रेलवे ट्रैक बिछाने के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को पूरा कर लिया है।
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के प्रवक्ता ने शनिवार को कहा, प्रस्तावित रेलवे लाइन के लिए अंतिम लोकेशन सर्वे पहले ही पूरा हो चुका है। अब डीपीआर की मंजूरी का इंतजार है। प्रस्तावित 69.04 किलोमीटर लंबी यह रेलवे लाइन असम के कोकराझार स्टेशन को भूटान के गेलेफू से जोड़ेगी।
परियोजना पर खर्च होंगे 3500 करोड़इस परियोजना पर 3,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत आएगी। प्रस्तावित रेलवे लाइन दोनों देशों के बीच व्यापार, पर्यटन और सांस्कृतिक मेल- जोल बढ़ाकर भारत-भूटान संबंधों को और मजबूत करेगी। इससे कनेक्टिविटी में भी सुधार होगा। भूटान- भारत के पहले रेलवे लिंक से निर्बाध परिवहन की सुविधा मिलेगी। रेलवे लाइन बोडोलैंड क्षेत्र को व्यापार केंद्र के रूप में स्थापित करेगी, जिससे स्थानीय समुदायों को लाभ होगा।
भारत और भूटान के बीच हुआ था समझौताजानकारी दें कि कुछ महीने पहले पीएम मोदी की भूटान यात्रा के दौरान कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसमें रेल लिंक परियोजना भी शामिल रही। अब इसपर काम करने की तैयारी है। दोनों देशों ने रेल परियोजनाओं को लेकर एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते के अनुसार भारत और भूटान के बीच दो रेल मार्ग बनाने की योजना है। जिसमें कोकराझार-गेलेफू और बनारहाट-समत्से शामिल हैं।
दोनों देशों की दूरी होगी कमदोनों देशों के बीच रेल यात्रा के शुरू हो जाने से भारत और भूटान के बीच दूरी कम हो जाएगी। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच व्यापार की रफ्तार भी तेज होने की उम्मीद है। असम के लिए ये रेल परियोजना नई उम्मीद खोलेगी। भूटान भी इस रेल परियोजना को लेकर काफी उत्सुक है।
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