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राजीव गांधी के दो बार फेल होने के बयान पर मणिशंकर का भाजपा पर पलटवार, बोले- 10 सेकेंड और सुनते...
पीटीआई, नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के शैक्षणिक रिकॉर्ड पर अपनी कथित टिप्पणी को लेकर उठे विवाद के बीच कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने शुक्रवार को भाजपा पर दो घंटे से अधिक समय के साक्षात्कार का छोटा सा क्लिप जारी करने के लिए पलटवार किया।
उन्होंने कहा कि उसी साक्षात्कार में उन्होंने राजीव गांधी को उत्कृष्ट प्रधानमंत्री कहा था। भाजपा के आइटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने अय्यर का 55 सेकेंड का वीडियो क्लिप शेयर करते हुए एक्स पर कहा था, ''राजीव गांधी ने पढ़ाई में काफी संघर्ष किया था, यहां तक कि कैंब्रिज में भी फेल हो गए थे, जहां पास होना अपेक्षाकृत आसान है। इसके बाद वे लंदन के इंपीरियल कॉलेज चले गए, लेकिन वहां भी फेल हो गए। कई लोगों ने सवाल उठाया कि उनके जैसे अकादमिक रिकार्ड वाला व्यक्ति प्रधानमंत्री कैसे बन सकता है।''
अय्यर ने भाजपा पर लगाए आरोप
इस पोस्ट पर अय्यर ने कहा कि उनका साक्षात्कार दो घंटे 23 मिनट का था। इसमें से मालवीय ने 50 सेकेंड का हिस्सा निकाल लिया। अगर मालवीय या मीडिया में किसी और ने 10 सेकेंड और सुना होता तो उन्होंने मुझे यह कहते हुए भी सुना होता, 'और आज शायद मैं वही हूं जो कहता हूं कि बहुत ही बेहतर प्रधानमंत्री कोई भी रहे, तो वह हैं राजीव गांधी।'
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रमजान में 'मुसलमानों की छुट्टी' के खिलाफ सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट का इनकार, पीठ ने कही ये बात
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना सरकारों द्वारा 'रमजान में मुसलमानों की छुट्टी' के फैसलों के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। दोनों राज्य की सरकारों द्वारा मुस्लिम कर्मचारियों को रमजान के पवित्र महीने के दौरान एक घंटा पहले दफ्तर छोड़ने की अनुमति दी गई है।
पीठ ने कही ये बातप्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह अपनी शिकायत संबंधित हाई कोर्ट में ले जाएं। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि याचिका में दोनों सरकारों के परिपत्रों को चुनौती दी गई है।
पीठ द्वारा याचिका की सुनवाई में अनिच्छा दिखाने के बाद शंकरनारायणन ने संबंधित हाई कोर्ट में जाने की स्वतंत्रता के साथ याचिका वापस ले ली।
शिकायत हाई कोर्ट में ले जाने की स्वतंत्रतापीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के वकील संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत संबंधित हाई कोर्ट में जाने की स्वतंत्रता के साथ वर्तमान याचिका वापस लेने की अनुमति चाहते हैं। याचिकाकर्ता को अपनी शिकायत हाई कोर्ट में ले जाने की स्वतंत्रता प्रदान की।
इबादत और रहमत का महीना है रमजानइस्लाम धर्म के लोगों के लिए रमजान का महीना बहुत महत्व रखता है। इस दौरान लोग ज्यादा से ज्यादा नमाज पढ़ते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं। इस्लामी कैलेंडर के नौवें महीने में पड़ने वाला इस महीने में लोग सुबह से लेकर शाम तक पूर्ण पवित्रता के साथ 29 से 30 दिनों तक रोजा रखते हैं, जिसकी शुरुआत और अंत चांद दिखने के साथ होता है। कहा जाता है कि इस पाक माह (Ramadan 2025) में बहुत सारे ऐसे काम हैं, जिन्हें जरूर करना चाहिए, तो चलिए ''मौलाना मोहम्मद मुबारक हुसैन (इमाम, मस्जिद ए आयशा)'' से जानते हैं इस बारे में।
रमजान से जुड़ी प्रमुख बातें (Ramadan 2025 Rules)रमजान को नेकियों का महीना भी कहा जाता है। इस पूरे माह इस्लाम समुदाय के लोग अच्छे काम करते हैं। इस दौरान सिर्फ रोजा रखना ही नहीं बल्कि जरूरतमंदों की मदद करना, लोगों को खाना-पीना खिलाना, अल्लाह की इबादत जैसे काम करने चाहिए। इसके अलावा दूसरों की बुराई करने, झूठ बोलने और झूठी कसमें खाने से तौबा करनी चाहिए। आसान शब्दों में कहा जाए, तो कुछ बुरा बोलने, देखने और सुनने से बचना चाहिए।
इन बातों को न करें अनदेखामौलाना मोहम्मद मुबारक हुसैन (इमाम, मस्जिद ए आयशा) के मुताबिक अल्लाह की राह में खर्च करना बहुत अच्छा (अफजल) माना जाता है। भले ही कोई जरूरतमंद व्यक्ति अन्य धर्म के ही क्यों न हों, उनकी भी मदद करनी चाहिए, क्योंकि दूसरों के काम आना भी इबादत है। रोजे का मतलब बस उस अल्लाह के नाम पर भूखे-प्यासे रहना ही नहीं है, इस दौरान आंख, कान और जीभ का भी रोजा होता है।
T-72 टैंक उड़ाएंगे दुश्मनों की नींद, भारत और रूस में हुआ इतने करोड़ का सौदा
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत टी-72 टैंकों के लिए रूस से इंजन खरीदेगा। रक्षा मंत्रालय ने टी-72 टैंकों के लिए इंजन की खरीद के लिए रूस की सरकारी कंपनी रोसोबोरोन एक्सपोर्ट के साथ 24.8 करोड़ अमेरिकी डॉलर का समझौता किया है।
सौदे के तहत रूसी कंपनी चेन्नई के अवाडी स्थित भारत की सरकारी कंपनी आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड को प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण भी करेगी।
2,156 करोड़ रुपये की डील
रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा, टी-72 टैंकों के लिए 1,000 एचपी इंजन की खरीद के लिए रोसोबोरोनएक्सपोर्ट (आरओई) के साथ 24.8 करोड़ अमेरिकी डॉलर (लगभग 2,156 करोड़ रुपये) के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। इनमें से कुछ इंजन पूरी तरह से तैयार मिलेंगे।
मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने का प्रावधान
रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देने के लिए इस सौदे में यह प्रविधान भी है कि एकीकरण और इंजनों के लाइसेंस प्राप्त उत्पादन के लिए आरओई आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (टीओटी) करेगी। टी-72 टैंक भारतीय सेना का मुख्य लड़ाकू टैंक है। इस समय यह टैंक 780 एचपी इंजन से लैस हैं। टी-72 टैंकों के बेड़े को 1000 एचपी इंजन से लैस करने से सेना की ताकत और बढ़ेगी।
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बांग्लादेश में हिंसक चरमपंथियों की रिहाई पर भारत ने जताई चिंता, कहा- अब स्थिति और बदतर
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत ने शुक्रवार को बांग्लादेश में हिंसक चरमपंथियों को रिहा किए जाने को लेकर चिंता जताई। साथ ही इस बात को रेखांकित किया कि यह अंतरिम सरकार की जिम्मेदारी है कि वह हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के साथ ही इनकी धार्मिक संस्थाओं की भी रक्षा करे।
नई दिल्ली ने यह भी कहा कि वह स्थिर, शांतिपूर्ण, समावेशी और प्रगतिशील बांग्लादेश का समर्थन करता है, जहां सभी मुद्दों का समाधान लोकतांत्रिक तरीकों और समावेशी व भागीदारीपूर्ण चुनावों के माध्यम से किया जाए।
चरमपंथियों की रिहाई पर जताई चिंता- विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, 'हम बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर चिंतित हैं। यह स्थिति गंभीर अपराधों में सजा पाए हिंसक चरमपंथियों की रिहाई से और बदतर हो गई है।'
- उन्होंने बताया कि बांग्लादेश में 5 अगस्त, 2024 से 16 फरवरी, 2025 तक दर्ज की गईं 2374 घटनाओं में से सिर्फ 1254 की पुलिस द्वारा पुष्टि की गई है। इन 1254 घटनाओं में से 98 प्रतिशत को राजनीतिक प्रकृति वाला माना गया है।
- जायसवाल ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि बांग्लादेश पूरी जांच करेगा और हत्या, हिंसा एवं आगजनी में लिप्त सभी अपराधियों को बगैर भेदभाव के न्याय के कठघरे में लाएगा।'
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगले सप्ताह मॉरीशस की यात्रा करने जा रहे हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी 11 मार्च से मॉरीशस की दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर रहेंगे और इस देश के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। भारतीय रक्षा बलों की एक टुकड़ी भी समारोह में भाग लेगी।
भारत-भूटान पर सीमा मुद्दे पर बैठकभारत और भूटान के बीच सीमा संबंधी कार्यों को लेकर बैठक हुई। यह दो दिवसीय बैठक शुक्रवार को नई दिल्ली में समाप्त हुई। यह बैठक ऐसे समय हुई है, जब चीन की ओर से भूटान के साथ औपचारिक राजनयिक संबंध स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने बैठक की जानकारी शुक्रवार को दी।
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चुनाव के समय ही क्यों आती है Voter List में गड़बड़ी की शिकायत? EC की रिपोर्ट से उठे कई सवाल
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर राजनीतिक दलों की ओर से जिस तरह चुनाव के समय हो-हल्ला खड़ा किया जाता है, लेकिन अगर वे हर साल मतदाता सूची में होने वाले पुनरीक्षण के समय तत्परता दिखाएं, तो शायद इनमें गड़बड़ी रह ही न पाए।
लेकिन ऐसा होता नहीं। स्थिति यह है कि राजनीतिक दलों की मौजूदगी में कई महीने तक चलने वाली इस प्रक्रिया में उनकी ओर से गड़बड़ी के एक भी मामले सामने नहीं आते है। चुनाव आयोग ने एसएसआर (स्पेशल समरी रिवीजन) 2025 को लेकर ऐसी ही जानकारी साझा की है।
विधानसभा चुनाव में उठे थे सवालइसमें बताया गया है कि महाराष्ट्र को छोड़कर किसी भी राज्य से कोई शिकायत जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) स्तर पर भी नहीं मिली है। बंगाल से पहले दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भी मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर जिस तरह से मामले को गरमाया गया, उसके बाद चुनाव आयोग ने पूरी स्थिति साफ की है।
आयोग के मुताबिक जनवरी 2025 में अंतिम रूप दी गई मतदाता सूची के सालाना पुनरीक्षण के लिए सात अगस्त 2024 को अधिसूचना जारी की गई थी। इस दौरान प्रत्येक मतदान केंद्र पर बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) के साथ राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) की तैनाती की गई थी, लेकिन इस दौरान सिर्फ महाराष्ट्र से 90 शिकायतें मिलीं।
हर साल होता है पुनरीक्षण- इनमें 89 को जिला निर्वाचन अधिकारी के स्तर पर ही निपटा दिया गया, जबकि एक शिकायत बाद में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) तक पहुंची थी। सुनवाई के बाद उसे भी निपटा दिया गया।
- बाकी किसी राज्य से मतदाता सूची में गड़बड़ी के एक भी मामले सामने नहीं लाए गए। देशभर में इस पुनरीक्षण अभियान में 10.49 लाख बीएलओ और 13.87 लाख बीएलए शामिल हुए थे। गौरतलब है कि चुनाव आयोग देश में हर साल अक्टूबर से दिसंबर के बीच मतदाता सूची का पुनरीक्षण करता है।
- इस दौरान देशभर में इसे लेकर बूथ स्तर पर व्यापक अभियान चलाया जाता है। जिसमें मतदाता की मौत होने या फिर एक जगह से दूसरी जगह पर उनके शिफ्ट होने पर मतदाता सूची से उनके नाम हटाए जाते है। यह प्रक्रिया सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में की जाती है।
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NH से जुड़े मध्यस्थता मामलों की हर 15 दिन में समीक्षा करेगा सड़क परिवहन मंत्रालय, राज्यों को भेजा निर्देश
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राज्यों में राष्ट्रीय राजमार्गों (National Highway) से संबंधित मध्यस्थता के मामलों में विपरीत फैसला आने पर अदालतों में अपील में देरी के कारण हो रहे नुकसान से चिंतित सड़क परिवहन मंत्रालय ने अब इस तरह के सभी प्रकरणों की पाक्षिक आधार पर समीक्षा करने का फैसला किया है।
मंत्रालय ने सभी राज्यों और हाईवे निर्माण में किसी न किसी रूप में शामिल लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंताओं को भेजी चिट्ठी में कहा है कि ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिसमें आर्बिट्रेशन अवार्ड यानी मध्यस्थता के मामलों के निपटारे के बाद अदालतों में अपील दाखिल करने में समय-सीमा का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। इसके चलते अपील को बिना सुनवाई के खारिज कर दिया जा रहा है।
हर 15 दिन में की जाएगी समीक्षा
इसे रोकने के लिए राज्यों और उनके लोक निर्माण विभागों से कहा गया है कि मध्यस्थता वाले निर्णयों की सात दिन के भीतर मंत्रालय को अनिवार्य रूप से सूचना दी जाए। इसके साथ ही सभी मामलों की मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा हर 15 दिन में समीक्षा की जाएगी।
मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि वे अपील दाखिल करने के लिए 120 दिन की समय-सीमा का जरूर पालन करें ताकि मध्यस्थता के मामलों में विपरीत फैसला आने पर निर्धारित अविध में अपील दाखिल की जा सके। मंत्रालय ने ऐसी ही व्यवस्था एनएचएआइ जैसी अपनी एजेंसियों से भी करने के लिए कहा है।
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MUDA Case: कर्नाटक हाई कोर्ट से ED को बड़ा झटका, CM सिद्दरमैया की पत्नी और मंत्री को जारी समन किया खारिज
पीटीआई, बेंगलुरु। मुडा जमीन आवंटन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) को कर्नाटक उच्च न्यायालय से शुक्रवार को बड़ा झटका लगा है। उच्च न्यायालय ने सीएम सिद्दरमैया की पत्नी पार्वती बीएम और शहरी विकास मंत्री बीएस सुरेश को जारी ईडी के समन को खारिज कर दिया है। ईडी ने आरोपित के तौर पर नामित न होने के बावजूद मंत्री को पूछताछ को बुलाया था।
समानांतर जांच कर रही ईडी27 जनवरी को हाई कोर्ट ने समन पर रोक लगा दिया था। अब शुक्रवार को न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने पार्वती और मंत्री सुरेश की याचिकाओं पर यह फैसला सुनाया। पार्वती बीएम के वकील संदेश चौटा ने तर्क दिया कि ईडी समानांतर जांच कर रही है, जबकि मामले की जांच लोकायुक्त पुलिस और विशेष जांच दल (SIT) पहले ही जांच कर रही है।
मंत्री के वकील ने दिया ये तर्कदेश के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अरविंद कामत ने अदालत में ईडी का पक्ष रखा। उन्होंने तर्क दिया कि पार्वती इस मामले में दूसरी आरोपी थी। उन्होंने अपराध की आय प्राप्त की थी। मंत्री सुरेश के वकील सीवी नागेश ने कहा कि उनके मुवक्किल इस मामले में आरोपी नहीं है। इस वजह से उन्हें तलब नहीं किया जाना चाहिए था।
अरविंद कामत ने अदालत में कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) ईडी को दस्तावेज और रिकॉर्ड प्राप्त करने के लिए व्यक्तियों को बुलाने का अधिकार देता है। भले ही उनका नाम आरोपी के रूप में न दर्ज हो।
क्या है मुडा केस?मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) ने कर्नाटक के सीएम सिद्दरमैया की पत्नी पार्वती को 14 साइटों का आवंटन किया। आरोप है कि जमीन आवंटन में अनियमितता बरती गई। आरोप है कि मैसूरु (विजयनगर लेआउट तीसरे और चौथे चरण) के एक अपमार्केट क्षेत्र में सिद्दरमैया की पत्नी को 14 प्रतिपूरक साइटों का आवंटन किया गया। इन संपत्ति का मूल्य उनकी भूमि की तुलना में अधिक था। इसे मुडा ने अधिग्रहित किया गया था।
मुडा ने पार्वती को 3.16 एकड़ जमीन के बदले 50:50 अनुपात योजना के तहत भूखंड आवंटित किए थे। यहां आवासीय लेआउट विकसित किया। मुडा ने आवासीय लेआउट बनाने के लिए उनसे अधिग्रहित अविकसित भूमि के बदले भूमि खोने वालों को 50 प्रतिशत विकसित भूमि आवंटित की। आरोप है कि मैसूरु तालुक के कसाबा होबली के कसारे गांव के सर्वेक्षण संख्या 464 में इस 3.16 एकड़ भूमि पर पार्वती का कोई कानूनी अधिकार नहीं था।
लोकायुक्त से मिल चुकी क्लीनचिटएमपी/एमएलए कोर्ट के आदेश के बाद 27 सितंबर 2024 को मैसूर स्थित लोकायुक्त ने मुडा मामले में केस दर्ज किया था। बाद में 30 सितंबर को ईडी ने लोकायुक्त एफआईआर का संज्ञान लिया और सीएम व अन्य पर मामला दर्ज करने के लिए प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दायर की। हालांकि पिछले महीने लोकायुक्त ने सीएम सिद्दरमैया, उनकी पत्नी पार्वती समेत दो अन्य आरोपितों को क्लीन चिट दे दी है।
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'खालिस्तानियों के प्रति ब्रिटेन की उदासीनता दिखती है', एस जयशंकर सुरक्षा चूक मामले में बोला विदेश मंत्रालय
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लंदन में विदेश मंत्री एस जयशंकर की सुरक्षा भंग (S. Jaishankar Security Breach) होने की घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यह खालिस्तानी चरमपंथी ताकतों की धमकी और डराने-धमकाने के प्रति ब्रिटेन की उदासीनता को दर्शाता है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमने विदेश मंत्री की यात्रा के दौरान सुरक्षा उल्लंघन के बारे में यूके प्राधिकारियों को अपनी गहरी चिंता से अवगत कराया है।
'ब्रिटेन की कार्रवाई का इंतजार'
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत ने विदेश मंत्री जयशंकर की यात्रा के दौरान "ब्रिटेन स्थित अलगाववादी और चरमपंथी तत्वों" द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के उल्लंघन के बारे में ब्रिटेन के अधिकारियों को अपनी "गहरी चिंता" से अवगत कराया है।
उन्होंने कहा, "इस घटना का एक बड़ा संदर्भ है और इसे समझना अहम है। इससे ऐसी ताकतों को दी गई छूट और साथ ही ब्रिटेन में हमारी वैध राजनयिक गतिविधियों में बाधा डालने के मकसद से उनकी धमकी, डराने-धमकाने और अन्य कार्रवाइयों के प्रति उदासीनता सामने आती है।"
"हमने इस मामले पर यूके विदेश कार्यालय के बयान पर गौर किया है, लेकिन इसकी गंभीरता के बारे में हमारा नजरिया दोषियों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर निर्भर करेगा।" विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल
#WATCH | On the issue of security breach during EAM S Jaishankar's UK visit, MEA spokesperson Randhir Jaiswal says, "We have conveyed our deep concern to the UK authorities about the breach of security arrangements by UK-based separatist and extremist elements during the EAM’s… pic.twitter.com/Dl0lWODJJ3
— ANI (@ANI) March 7, 2025क्या है पूरा मामला?
बुधवार को रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स के मुख्यालय चैथम हाउस में एक संवाद सेशन के बाद जब जयशंकर बाहर आ रहे थे, तब खालिस्तानी समर्थकों ने पुलिस की बैरिकेडिंग को तोड़ने का प्रयास किया और भारत विरोधी नारे लगाए।
बता दें इसके पहले मार्च 2023 में खालिस्तानी तत्वों ने लंदन में भारतीय उच्चायोग पर राष्ट्रीय ध्वज उतार दिया था, जिस पर भारत की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया जताई गई थी। इस घटना के बाद भारत ने ब्रिटिश उच्चायुक्त को तलब कर इस घटना की जानकारी मांगी। वहीं ब्रिटेन ने भी इस घटना की निंदा की और कहा कि पुलिस घटना की जांच में जुटी है।
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परिसीमन के खिलाफ विपक्ष को एकजुट कर रहे स्टालिन, भाजपा के सीएम को भी मीटिंग में बुलाया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने परिसीमन को लेकर मोर्चा खोला हुआ है। उन्होंने इसे संघीय ढांचे पर हमला करार देते हुए कहा है कि इससे जनसंख्या नियंत्रण करने वाले दक्षिण भारतीय राज्यों का अधिकार छिन जाएगा।
अब स्टालिन ने 7 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को केंद्र द्वारा प्रस्तावित परिसीमन एक्सरसाइज के खिलाफ राजनीतिक दलों की जॉइंट एक्शन कमेटी में शामिल होने का आह्वान किया है।
22 मार्च को चेन्नई में मीटिंगस्टालिन ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, पंजाब के सीएम भगवंत मान, भाजपा शासित ओडिशा के सीएम मोहन चंद्र माझी, केरल के पिनराई विजयन, कर्नाटक के सिद्दरमैया, तेलंगाना के रेवंत रेड्डी और आंध्र प्रदेश के चंद्रबाबू नायडू को निमंत्रण भेजा है।
इतना ही नहीं, इस सभी राज्यों की नॉन रूलिंग पार्टियों के साथ-साथ भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को भी 22 मार्च को चेन्नई में होने वाली मीटिंग के लिए बुलाया गया है।
स्टालिन ने खोला हुआ है मोर्चा- बता दें कि एमके स्टालिन ने केंद्र सरकार के खिलाफ नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति और परिसीमन को लेकर मोर्चा खोल रखा है। उनका आरोप है कि केंद्र सरकार दक्षिण भारतीय राज्यों पर हिंदी थोपना चाहती है। हालांकि केंद्र ने दोनों की आरोपों को खारिज कर दिया है।
- एमके स्टालिन पर परिसीमन का भी विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर केंद्र सरकार परिसीमन करना ही चाहती है, तो यह 1971 की जनसंख्या के आधार पर किया जाए। उन्होंने इसे अगले 30 साल के लिए स्थगित करने की भी अपील की है।
स्टालिन के विरोध के बाद अमित शाह ने ये आश्वासन भी दिया था कि दक्षिण भारतीय राज्यों की एक भी लोकसभा सीट कम नहीं होगी। हालांकि स्टालिन ने इस तर्क को मानने से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि शाह ने यह भी नहीं कहा है कि उत्तरी राज्यों या किसी अन्य को अधिक सीटें नहीं मिलेंगी।
दरअसल तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में स्टालिन मुद्दों को भुनाने का एक भी मौका नहीं छोड़ना चाहते। वहीं भाजपा इन मुद्दों की वजह से किसी भी तरह का राजनीतिक नुकसान उठाने से परहेज कर रही है।
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अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत, बिना अनुमति यूपी छोड़ने पर रोक; मंजूरी के बाद जा सकेंगे मऊ
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को गैंगस्टर एक्ट मामले में मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी को बड़ी राहत दी है। शीर्ष अदालत ने अब्बास को अंतरिम जमानत दी है। हालांकि मऊ जाने से पहले अब्बास अंसारी को अधिकारियों से अनुमति लेनी होगी। शुक्रवार को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने अब्बास अंसारी की याचिका पर सुनवाई की।
बिना अनुमति नहीं जा सकेंगे मऊपीठ ने अपने आदेश में कहा कि पूर्व अनुमति के बिना अब्बास अंसारी उत्तर प्रदेश नहीं छोड़ सकते हैं। अदालतों में पेशी से एक दिन पहले उन्हें पुलिस अधिकारियों को सूचना देनी होगी। इसके अलावा अब्बास अंसारी को लखनऊ में अपने आधिकारिक आवास में रहने और मऊ में अपने विधानसभा क्षेत्र का दौरा करने से पहले अधिकारियों से पूर्व अनुमति लेनी होगी। शीर्ष अदालत ने जमानत शर्तों के अनुपालन पर पुलिस से 6 सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट मांगी।
पिछले साल गैंगस्टर मामले में हुई थी गिरफ्तारीअब्बास अंसारी को 4 नवंबर 2022 को एक आपराधिक मामले में हिरासत में लिया गया था। इसके बाद 6 सितंबर 2024 को गैंगस्टर एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया। पीठ ने कहा कि उसे तत्काल गैंगस्टर एक्ट मामले को छोड़कर सभी आपराधिक मामलों में जमानत दी गई थी।
जबरन वसूली और मारपीट का आरोप31 अगस्त 2024 को चित्रकूट जिले के कर्वी कोतवाली में अब्बास अंसारी, नवनीत सचान, नियाज अंसारी, फराज खान और शाहबाज आलम खान के खिलाफ यूपी गैंगस्टर्स और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम- 1986 की धारा 2 और 3 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। अब्बास पर जबरन वसूली और मारपीट का आरोप है। पिछले साल 18 दिसंबर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस मामले में अब्बास अंसारी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
मऊ सीट से विधायक हैं अब्बास अंसारीमौजूदा समय में अब्बास अंसारी उत्तर प्रदेश की मऊ विधानसभा सीट से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक हैं। मगर लंबे समय से जेल में हैं। पिछले साल मार्च महीने में बांदा जेल में तबीयत बिगड़ने के बाद उनके पिता मुख्तार अंसारी की मौत हो गई थी। तब परिवार ने जेल में मुख्तार अंसारी को जहर देने का आरोप लगाया था।
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महाकुंभ में आना चाहते थे Elon Musk, इस अखाड़े में ठहरने की जताई थी इच्छा; फिर क्यों नहीं आ सके?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाकुंभ के दौरान यूपी के प्रयागराज में करोड़ों लोगों ने स्नान किया। महाशिवरात्रि के दिन कुंभ स्नान का आखिरी दिन था और सिर्फ इस दिन ही डेढ़ करोड़ लोगों ने संगम स्नान किया था।
सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया भर के लोग प्रयागराज आए और आस्था की डुबकी लगाई। इस बीच निरंजनी अखाड़ा के पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि (Swami Kailashanand Giri Ji) ने महाकुंभ एक बड़ा खुलासा किया है।
इंडिया टुडे के एक कार्यक्रम में बोलते हुए कैलाशानंद गिरि ने बताया कि टेस्ला प्रमुख एलन मस्क प्रयागराज आना चाहते थे और संगम स्नान करना चाहते थे।
निरंजनी अखाड़ा के पीठाधीश्वर ने कहा, मुझे टेस्ला के प्रमुख एलन मस्क का मैसेज मिला था। वह महाकुंभ में आना चाहते थे। इस दौरान वे मेरे शिविर में रुकना चाहते थे। उन्हें स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन ने महाकुंभ के बारे में बताया था।
महाकुंभ में क्यों नहीं आ पाए एलन मस्क?
एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में लेखक अमीश त्रिपाठी ने कहा कि एलन मस्क महाकुंभ को लेकर काफी उत्साहित थे। महाकुंभ में न आने कि वजह बताते हुए अमीश ने कहा था, ''मस्क के ऑफिस ने हमसे संपर्क किया कि उनका शेड्यूल पहले ही पैक्ड है। दरअसल अमेरिकी सरकार में नया कार्यभार संभालने के बाद वह व्यस्त हो गए, इसलिए महाकुंभ में शामिल नहीं हो पाए।''
बता दें बिजनेसमैन शिव खेमका ने एलन मस्क को महाकुंभ में आने का न्यौता दिया था।
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The invitation to @elonmusk, to come to the Kumbh Mela, was given by my friend @shivvkhemka. And of course, all of us wholeheartedly supported the invitation. Lets hope he comes!@manojladwa@IGFupdateshttps://t.co/49YRF5Seur
स्टीव जॉब्स की पत्नी ने निरंजनी अखाड़ा में किया था कल्पवास
13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक चलने वाले महाकुंभ मेले में दुनिया भर की कई हस्ती शामिल हुईं। इस दौरान एप्पल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल भी महाकुंभ पहुंची थीं और निरंजनी अखाड़ा के शिविर में कल्पवास किया था।
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'यह आखिरी गलती है... माफ कर दीजिए', रणवीर इलाहाबादिया ने महिला आयोग से लिखित में मांगी माफी
पीटीआई, नई दिल्ली। यूट्यूबर्स रणवीर इलाहाबादिया और अपूर्वा मुखीजा ने राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) से लिखित में माफी मांग ली है। कॉमेडियन समय रैना के शो 'इंडियाज गॉट लैटेंट' पर दोनों ने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
रणवीर इलाहाबादिया के बयान पर देशव्यापी आक्रोश के बाद कई राज्यों में एफआईआर दर्ज की गई थी। गुरुवार को रणवीर इलाहाबादिया, अपूर्वा मुखीजा और शो के निर्माता सौरभ बोथरा व तुषार पुजारी राष्ट्रीय महिला आयोग के सामने पेश हुए। सूत्रों के मुताबिक दोनों यूट्यूबर्स से घंटों पूछताछ की गई।
आयोग ने कहा- टिप्पणी बिल्कुल स्वीकार्य नहींराष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने शुक्रवार को कहा कि ऑनलाइन शो पर की गई टिप्पणियां बिल्कुल स्वीकार्य नहीं हैं। एनसीडब्ल्यू अनुचित भाषा के इस्तेमाल को स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि तुषार पुजारी, सौरभ बोथरा, अपूर्वा मुखीजा और रणवीर इलाहाबादिया आयोग के सामने पेश हुए। सभी ने अपनी टिप्पणी पर खेद व्यक्त किया।
लिखित में माफीनामा पेश कियाआयोग की अध्यक्ष ने कहा सामाजिक प्रभाव को ध्यान में रखते हुए सभी को नोटिस जारी किए गए थे। आयोग के सामने पेश होकर सभी ने गहरा खेद व्यक्त किया कि ऐसी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए थी। उन्होंने लिखित में माफीनामा भी आयोग के सामने पेश किया।
इलाहाबादिया ने कहा- ये आखिरी गलतीआयोग की अध्यक्ष ने बताया कि रणवीर इलाहाबादिया ने आयोग को आश्वासन दिया कि वह भविष्य में और अधिक सावधान रहेंगे। यह पहली और आखिरी गलती है। अब आगे सोच समझकर बोलेंगे। रणवीर ने यह भी कहा कि महिलाओं के बारे में सम्मान के साथ बात रखेंगे।
सुप्रीम कोर्ट भी लगा चुका फटकारकॉमेडियन समय रैना के शो पर रणवीर इलाहाबादिया ने माता-पिता के संबंधों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। वीडियो वायरल होने के बाद देशभर में लोगों का आक्रोश फूटा। कई राज्यों में पुलिस ने रणवीर समेत शो में हिस्सा लेने वाले अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया।
बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो वहां भी रणवीर को फटकार का सामना करना पड़ा। हालांकि शीर्ष कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। इस बीच राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी रणवीर इलाहाबादिया और अपूर्वा मुखीजा की टिप्पणियों का संज्ञान लिया। आयोग ने शो में शामिल लोगों को नोटिस जारी किया।
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90 घंटे काम की सलाह देने वाले L&T चेयरमैन ने महिला कर्मचारियों को दी खुशखबरी, पीरियड्स लीव का किया एलान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एल एंड टी के चेयरमैन एस एन सुब्रह्मण्यन (L&T Chairman SN Subrahmanyan) ने कुछ दिनों पहले कहा था कि कर्मचारियों को एक हफ्ते में 90 घंटे काम करनी चाहिए। उन्होंने इतना तक कह दिया था कि कोई पति घर में अपनी पत्नी को कितनी देर तक घूर सकता है।
एस एन सुब्रह्मण्यन के इस बयान की काफी आलोचना हुई थी। हालांकि, एल एंड टी के चेयरमैन ने अब एक ऐसा फैसला लिया है, जिसकी काफी तारीफ हो रही है। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से ठीक पहले (International Women Day) उन्होंने घोषणा की है कि पैरेंट ग्रुप की कंपनी में काम करने वाली महिलाएं पीरियड्स (Menstrual leave) के दिनों में एक दिन की छुट्टी ले सकेंगी।
पांच हजार से ज्यादा महिलाओं को मिलेगी राहतL&T कंपनी में काम करने वाली महिलाओं के लिए यह एक बड़ी राहत भरी खबर है। इस कंपनी में 60,000 कर्मचारियों में महिला कर्मचारी लगभग 9 प्रतिशत हैं। उनके इस फैसले से लगभग 5 हजार महिलाओं को फायदा मिलेगा।
इन राज्यों में दी जाती है पीरियड्स लीवगौरतलब है कि कई राज्यो में प्राइवेट और सरकारी, दोनों क्षेत्रों में महिलाओं को पीरियड्स लीव दी जाती है। बिहार, केरल, सिक्किम , ओडिशा जैसे राज्यों में महिलाओं को पीरियड्स के दिनों में छुट्टी दी जाती है। कर्नाटक में भी प्राइवेट और सरकारी दोनों क्षेत्रों में महिलाओं के साल में छह दिन पीरियड्स लीव देने पर विचार किया जा रहा है।
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Ranya Rao: रिमांड पर जाएगी रान्या या मिलेगी जमानत, अदालत आज सुनाएगी फैसला
पीटीआई, बेंगलुरु। एक अदालत ने गुरुवार को रान्या की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। डीआरआइ की दलीलों के बाद आर्थिक अपराध अदालत शुक्रवार को अपना फैसला सुनाएगी। अदालत से आगे की जांच के लिए उसकी हिरासत मांगी है। सोना तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव अक्सर दुबई की यात्रा करती रहती थी।
15 दिनों में ही चार यात्राएं कीइस कारण राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ) के अधिकारी उसकी गतिविधियों पर नजर रख रहे थे। कथित तौर पर रिकॉर्ड से पता चला है कि पिछले साल उसने करीब 30 बार दुबई का दौरा किया। इसमें पिछले 15 दिनों में ही चार यात्राएं शामिल हैं। इस वजह से अधिकारियों के लिए शंका और आशंका का आधार और मजबूत हो गया।
तीन दिन की हिरासत मांगीअदालती कार्यवाही के दौरान डीआरआइ ने संभावित राष्ट्रीय सुरक्षा निहितार्थों के कारण गहन जांच की आवश्यकता पर जोर देते हुए उसकी तीन दिन की हिरासत मांगी। एजेंसी ने जोर देकर कहा कि उसकी पूछताछ से एक बड़े तस्करी सिंडिकेट से संबंध का पता चल सकता है और इसके लिए बहुस्तरीय जांच की आवश्यकता है।
बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से पकड़ी थी रान्यागौरतलब है कि डीआरआइ के अधिकारियों ने रान्या को बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर 14.8 किलोग्राम सोने की तस्करी करते हुए उस समय गिरफ्तार किया गया था, जब वह सोमवार रात दुबई से अमीरात की उड़ान से बेंगलुरु पहुंची। उसके पास से जब्त की गई सोने की छड़ों की कीमत 12.56 करोड़ रुपये है। अधिकारियों के अनुसार, 14.8 किलोग्राम सोना हाल के दिनों में बेंगलुरु हवाईअड्डे पर सबसे बड़ी जब्ती में से एक है।
'निराश' पिता बोले, शादी के बाद वह कभी घर नहीं आईरान्या के सौतेले पिता रामचंद्र राव ने कहा कि वह रान्या और उसके पति के व्यावसायिक मामलों से पूरी तरह ''अनभिज्ञ'' थे। उनकी सौतेली बेटी से 14.8 किलोग्राम तस्करी का सोना बरामद होना उनके लिए ''बहुत बड़ी निराशा'' की बात है। रामचंद्र इस समय कर्नाटक राज्य पुलिस आवास और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं। उन्होंने कहा कि चार महीने पहले जतिन हुक्केरी से शादी के बाद वह कभी भी उनके घर नहीं आई।
19 करोड़ मूल्य के 21.28 किलो सोने के साथ मुंबई में दो गिरफ्तारडीआरआइ अधिकारियों ने दुबई से मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर पहुंचे दो यात्रियों को कमर बेल्ट में छुपाए गए 18.92 करोड़ रुपये मूल्य के 21.288 किलोग्राम तस्करी के सोने के साथ गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने बताया कि डीआरआइ को दुबई से मुंबई तस्करी का सोना लेकर यात्रा करने वाले दो यात्रियों के बारे में विशेष जानकारी मिली थी।
मुंबई हवाईअड्डे पर निगरानी बढ़ीइसके बाद दुबई से मुंबई हवाईअड्डे पर पहुंचने वाले यात्रियों पर निगरानी बढ़ा दी गई और उनमें से दो को संदेह के आधार पर रोक लिया गया। पूछताछ के दौरान दोनों ने सोने की तस्करी की बात स्वीकार कर ली। दोनों के खिलाफ सीमा शुल्क अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।
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Weather: ठंडी हवाओं ने दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत का पारा किया डाउन, पहाड़ों पर बर्फबारी; पढ़ें अन्य राज्यों का हाल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिमाचल के उच्च इलाके और जम्मू कश्मीर में लगातार बर्फबारी हो रही है। इसके साथ निचले इलाकों में बर्फबारी हुई है, अब वहां बर्फ पिघल रही है। जिसका असर उत्तर भारत पर हो रहा है। ठंडी हवाओं के कारण दिल्ली एनसीआर समेत यूपी हरियाणा का पारा काफी नीचे चला गया है। वहीं मौसम विभाग ने कहा कि शुक्रवार को ठंडी हवाओं का असर जारी रहेगा। दिन में तापमान 29 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है और रात का तापमान 12 डिग्री सेल्सियस तक रहेगा।
आज भी जारी रहेगा ठंडी हवाओं का असरपश्चिमी विक्षोभ के चलते यूपी में पहाड़ों से ठंडी हवाएं आ रही हैं जिसके कारण अलीगढ, मथुरा, आगरा, सहारनपुर, मेरठ समेत अन्य जिलों में तापमान काफी नीचे चला गया है। सुबह व रात के समय बर्फीली हवाओं ने फिर से गर्म कपड़े पहनने पर लोगों को मजबूर कर दिया. मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को भी ठंडी हवाओं का असर जारी रहेगा
राजस्थान कुछ दिनों बाद गर्मी होने लगेगीराजस्थान में भी ठंडी हवाओं के चलते दिन में मौसम ठंडा बना हुआ है। लेकिन मौसम विभाग के मुताबिक, आने वाले एक दो दिन में राजस्थान के जयुपर, उदयपुर आदि शहरों में गर्मी बढ़ने लगेगी।
मुंबई में गर्मी से बुरा हालमुंबई समेत आस पास के क्षेत्र में तापमान बढ़ने की चेतावनी दी गई है। यह स्थिति एक हफ्ते तक जारी रह सकती है। साथ ही इस हफ्ते से हीट वेव जैसी स्थिति बनेगी। मौसम विभाग ने अनुसार, समुद्र के ऊपर से आने वाली ठंड हवाओं की रफ्तार धीमी रहेगी।
उत्तराखंड में मौसम शुष्कउत्तराखंड में मौसम शुष्क बना है और पहाड़ से मैदान तक चटख धूप खिल रही है। जिससे अधिकतम तापमान में तेजी से वृद्धि दर्ज की जा रही है। दून का अधिकतम तापमान 24 घंटे के भीतर तीन डिग्री सेल्सियस बढ़ गया। हालांकि, न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रहने से सुबह-शाम ठिठुरन बनी हुई है। दून में गुरुवार को सुबह से चटख धूप खिली रही। दिनभर शुष्क मौसम में गर्माहट महसूस की जाने लगी। पारे में तीन डिग्री सेल्सियस का इजाफा रहा।
पहाड़ों में भी दिनभर आसमान साफ था, लेकिन बर्फ पिघलने के कारण निचले इलाकों में सर्द हवाएं ठिठुरन बढ़ा रही हैं। ज्यादातर क्षेत्रों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक और न्यूनतम तापमान सामान्य से एक से दो डिग्री सेल्सियस तक कम बना हुआ है। दिन और रात के पारे में अंतर बढ़ने से स्वास्थ्य के लिहाज से सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। आज भी मौसम शुष्क रहने के आसार हैं।
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Telangana: 13 दिनों के बाद भी सुरंग में फंसे मजदूर, अब केरल पुलिस के ‘शव खोजी कुत्ते’ बचाव अभियान में हुए शामिल
पीटीआई, नगरकुरनूल। तेलंगाना सुरंग हादसे में बचाव दलों को 13 दिनों के बाद भी कोई सफलता नहीं मिल पाई है। सुरंग में फंसे आठ लोगों का पता लगाने के लिए अब केरल पुलिस के शव खोजने वाले दो कुत्तों की मदद ली जा रही है। इन कुत्तों को डीकंपोजिशन डॉग या कैडेवर डॉग भी कहा जाता है।
कैडेवर डॉग्स को बचाव अभियान के लिए भेजाकेरल सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अब राज्य पुलिस के कैडेवर डॉग्स भी बचाव अभियान में शामिल हो गए हैं। कैडेवर डॉग्स को लापता लोगों और शवों का पता लगाने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाता है। ये डॉग्स और उन्हें संभालने वाले अधिकारी गुरुवार सुबह हैदराबाद के लिए रवाना हुए। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुरोध के बाद कैडेवर डॉग्स को बचाव अभियान के लिए भेजा गया है।
22 फरवरी से आठ लोग फंसे हुए हैंगौरतलब है कि तेलंगाना में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) परियोजना की सुरंग में 22 फरवरी से आठ लोग फंसे हुए हैं और एनडीआरएफ, भारतीय सेना, नौसेना एवं अन्य एजेंसियों के विशेषज्ञ उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।
रोबोटिक्स की टीम पहुंचीवहीं, रोबोटिक्स कंपनी की एक टीम आंशिक रूप से ध्वस्त एसएलबीसी सुरंग के अंदर गई, जहां लोग फंसे हुए हैं। राज्य सरकार बचाव अभियान में रोबोट के इस्तेमाल की संभावना तलाश रही है। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि दिल्ली स्थित राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक भी बचाव दलों के साथ भूकंप संबंधी अध्ययन करने के लिए सुरंग के अंदर गए हैं।
एनडीआरएफ, भारतीय सेना, नौसेना बचाव अभियान में जुटेअधिकारियों के अनुसार, टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) के अंतिम हिस्सों को गैस कटर का उपयोग करके काटा जाएगा और 'लोको ट्रेन' में सुरंग से बाहर लाया जाएगा। एसएलबीसी परियोजना सुरंग में 22 फरवरी से इंजीनियर और मजदूर समेत आठ लोग फंसे हुए हैं और एनडीआरएफ, भारतीय सेना, नौसेना और अन्य एजेंसियों के विशेषज्ञ उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।
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100 अरब डॉलर से ज्यादा की हो रही सालाना ऑनलाइन सट्टेबाजी, इन्फ्लुएंसर का जुए प्लेटफॉर्म को प्रमोट करना खतरनाक
मनीष तिवारी, जागरण, नई दिल्ली। देश में अवैध जुए और सट्टेबाजी का प्रसार और खतरा तेजी से बढ़ रहा है। पिछले साल केवल तीन महीनों यानी अक्टूबर से दिसंबर के बीच सिर्फ चार प्लेटफॉर्मों परीमैच, स्टेक, 1एक्सबेट और बैटरी फर्स्ट पर ही 1.60 अरब विजिट्स दर्ज की गईं। इंटरनेट मीडिया के माध्यम से इन प्लेटफॉर्मों तक पहुंचने की सबसे अधिक (4.28 करोड़) कोशिशें हुईं।
ऑनलाइन जुए और सट्टेबाजी के खिलाफ सरकारगुरुवार को एक नीति समूह द्वारा जारी रिपोर्ट में यह आंकड़ा प्रस्तुत किया गया है और इसमें ऑनलाइन जुए और सट्टेबाजी के खिलाफ सरकार और गूगल व मेटा जैसी बड़ी टेक कंपनियों की साझा लड़ाई की जरूरत जताई गई है।
100 अरब डॉलर पार अवैध कमाई का बाजारडिजिटल इंडिया फाउंडेशन की रिपोर्ट के अनुसार-' देश में अवैध जुए और सट्टेबाजी का नेटवर्क गंभीर रूप ले चुका है। अनुमान है कि यह अवैध सेक्टर हर साल 100 अरब डॉलर के लेनदेन को पार कर चुका है और हर साल 30 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है और इसकी रोकथाम केवल सरकार के बस की बात नहीं है।'
फाउंडेशन के संस्थापक अरविंद गुप्ता ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा- 'आनलाइन जुए और सट्टेबाजी के कारण मनी लांड्रिंग और अवैध भुगतान में बेलगाम वृद्धि हो रही है। गूगल और मेटा एडवरटाइजिंग और सर्च इंजन आप्टिमाइजेशन (एसईओ) से मुनाफा कमा रही हैं, इसलिए उनकी ओर से निर्णायक कदम नहीं उठाए जाते। उनका एक तिहाई ट्रैफिक इन वेबसाइटों के माध्यम से आता है।'
इन्फ्लुएंसर कर रहे जुए प्लेटफॉर्म को प्रमोटरिपोर्ट के अनुसार, इन्फ्लुएंसर इसका असर जाने बिना उन्हें प्रमोट कर रहे हैं। ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए के प्लेटफार्म निगरानी और कार्रवाई से बचने के लिए कई मिरर वेबसाइट बनाकर अपना काम कर रहे हैं। उन पर पाबंदी लगती है तो लोगों को आकर्षित करने के लिए उनकी मिरर वेबसाइट उपलब्ध हैं।
अरविंद गुप्ता ने कहा कि ये प्लेटफार्म मोटी कमाई करते हैं और मनी लांड्रिंग करते हैं। सरोगेट या मुखौटा कंपनियों के जरिये पेमेंट लेते हैं या फिर उनके पास अपने वितरण चैनल बन चुके हैं, जिनके माध्यम से पेमेंट लिया जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 600 प्लेटफार्म आफशोर यानी विदेश से संचालित हैं और वे सीधे-सीधे जीएसटी की चोरी कर रहे हैं ।
विदेशी ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म जीएसटी विभाग में पंजीकृत नहींपिछले साल संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार ने बताया था कि एक अक्टूबर, 2023 के बाद कोई भी विदेशी ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म जीएसटी विभाग में पंजीकृत नहीं हुआ है। जीएसटी इंटेलीजेंस के महानिदेशालय ने 2023-24 की अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 658 विदेशी कंपनियों की जीएसटी चोरी को लेकर जांच की जा रही है।
अरविंद गुप्ता ने कहा- ' एक आचार संहिता होनी चाहिए जिससे आनलाइन जुए और सट्टेबाजी के विज्ञापनों को पूरी तरह रोका जा सके। उदाहरण के लिए, जीएसटी न देने वाले प्लेटफार्मों की आसानी से पहचान की जा सकती है।'
साइटों को ब्लाक करना एकमात्र समाधान नहींउनका सुझाव प्लेटफॉर्मों की व्हाइट लिस्टिंग का है। इसका मतलब है कि ऐसे प्लेटफार्मों की सूची बनाई जाए जो वैध हैं और नियमों के दायरे में काम करते हैं। यह उलटा तरीका है, जो आज की जरूरत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि नार्वे, डेनमार्क, बेल्जियम और अमेरिका का अनुभव बताता है कि साइटों को ब्लाक करना एकमात्र समाधान नहीं हो सकता।
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में जज बनेंगे कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस बागची, कॉलेजियम ने की सिफारिश
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने कलकत्ता हाई कोर्ट के जज जस्टिस जायमाल्या बागची को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की है। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाले पांच सदस्यीय कोलेजियम ने इस बात पर गौर किया कि 18 जुलाई 2013 को जस्टिस अल्तमस कबीर के सेवानिवृत्त होने के बाद से कोई भी कलकत्ता हाई कोर्ट का न्यायाधीश भारत का मुख्य न्यायाधीश नहीं बना है।
कलकत्ता हाई कोर्ट का केवल एक प्रतिनिधित्ववर्तमान में सुप्रीम कोर्ट की बेंच में कलकत्ता हाई कोर्ट का केवल एक प्रतिनिधित्व है। यदि केंद्र सरकार कोलेजियम की सिफारिश को मंजूरी देती है तो जस्टिस बागची शीर्ष अदालत में छह से अधिक वर्षों का कार्यकाल पूरा करेंगे और भारत के चीफ जस्टिस के रूप में भी सेवा देंगे।
सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम में जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस विक्रम नाथ भी शामिल हैं। उन्होंने यह नोट किया कि जस्टिस जायमाल्या बागची हाई कोर्ट के न्यायाधीशों की अखिल भारतीय वरिष्ठता सूची में 11वें स्थान पर हैं।
कोलेजियम ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया हैकोलेजियम के प्रस्ताव में कहा गया- ''कोलेजियम ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है कि जस्टिस जायमाल्या बागची को भारत के सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जाए।''
जस्टिस केवी विश्वनाथन की 25 मई 2031 को सेवानिवृत्ति के बाद, तीन अक्टूबर 1966 को जन्मे जस्टिस जायमाल्या बागची 2 अक्टूबर 2031 तक भारत के मुख्य न्यायाधीश का पद संभालेंगे। यदि सरकार द्वारा सिफारिश को मंजूरी मिलती है तो जस्टिस बागची सुप्रीम कोर्ट में 33वें न्यायाधीश होंगे। बता दें कि शीर्ष अदालत में जजों की स्वीकृत संख्या 34 है।
उड़ीसा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का पद रिक्तएक अन्य प्रस्ताव में कोलेजियम ने सिफारिश की कि कलकत्ता हाई कोर्ट के जज जस्टिस हरीश टंडन को उड़ीसा हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया जाए। जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह के बीते 19 जनवरी को सेवानिवृत्त होने के बाद से उड़ीसा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का पद रिक्त है।
'भ्रष्टाचार मुक्त समाज के लिए रिहाई से इनकार करने में संकोच न करें अदालतें', सुप्रीम कोर्ट ने दी हिदायत
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि भ्रष्टाचार मुक्त समाज के लिए अदालतों को अभियुक्तों की रिहाई से इन्कार करने में संकोच नहीं करना चाहिए। जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने भ्रष्टाचार के एक मामले में एक सरकारी अधिकारी की अग्रिम जमानत खारिज करने के फैसले को बरकरार रखा। न्यायालय ने इस बात पर अफसोस जताया कि भ्रष्टाचार में बहुत खतरनाक आशंकाएं हैं।
पीठ का राहत देने से इनकारशीर्ष अदालत पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ एक लोक सेवक की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उसे राहत देने से इनकार कर दिया गया था। हाई कोर्ट ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 और भारतीय न्याय संहिता, 2023 के प्रविधानों के तहत पटियाला में उसके खिलाफ दर्ज मामले में उसकी अग्रिम जमानत खारिज कर दी।
ग्राम पंचायत अधिकारी है आरोपितशीर्ष अदालत ने कहा कि आरोपित पर एक ग्राम पंचायत में विकास कार्यों के ऑडिट के लिए रिश्वत मांगने का आरोप है। पीठ ने तीन मार्च के अपने आदेश में कहा- 'यदि भ्रष्टाचार की भयावहता के बारे में जनता द्वारा जो कुछ कहा जाता है, उसका एक अंश भी सत्य है तो यह सत्य से बहुत दूर नहीं होगा कि उच्च पदस्थ व्यक्तियों द्वारा दंडाभाव में किए जा रहे व्यापक भ्रष्टाचार के कारण ही इस देश में आर्थिक अशांति पैदा हुई है।'
इसमें कहा गया है कि यदि किसी से पूछा जाए कि हमारे समाज की समृद्धि की ओर प्रगति में बाधा डालने वाला एकमात्र कारक क्या है तो वह भ्रष्टाचार है। कोर्ट ने कहा कि सरकार और राजनीतिक दलों के उच्च पदों पर भ्रष्ट तत्वों का खतरा विकासशील देश के समाज में कानून और व्यवस्था पर हमला करने वाले भाड़े के हत्यारों से भी कहीं अधिक है।
अग्रिम जमानत को लेकर पीठ ने कही ये बातकोर्ट ने कहा कि निर्दोष होने की धारणा ही अग्रिम जमानत देने का एकमात्र आधार नहीं हो सकती। पीठ ने कहा कि निर्दोष होने की धारणा एक ऐसा कारक है जिस पर अदालत को अग्रिम जमानत की याचिका पर विचार करते समय ध्यान देने की जरूरत है। उचित नियम यह है कि आरोपित के पक्ष और सार्वजनिक न्याय के पक्ष के बीच संतुलन बनाया जाए।
पीठ ने अदालतों को कही ये बातपीठ ने कहा -'यदि भ्रष्टाचार मुक्त समाज सुनिश्चित करने के लिए किसी आरोपित को स्वतंत्रता से वंचित किया जाना है तो अदालतों को ऐसी स्वतंत्रता से इनकार करने में संकोच नहीं करना चाहिए।'
हिंसा पीड़ित महिलाएं वन स्टाप सेंटर में रुक सकती हैं दस दिन, विशेष परिस्थितियों में 20 दिन रुकने की इजाजत
माला दीक्षित, नई दिल्ली। हिंसा पीड़ित महिलाओं को तत्काल एक जगह सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने वाले सरकार संचालित वन स्टाप सेंटरों में अब दस दिन तक रुकने की इजाजत है। केंद्र सरकार ने वन स्टाप सेंटर में हिंसा पीड़ित महिलाओं के रुकने की अवधि पांच दिन से बढ़ा कर दोगुनी यानी दस दिन कर दी है। विशेष परिस्थितियों में पीड़ित महिलाएं 20 दिनों तक वन स्टाप सेंटर में रुक सकती हैं।
केंद्र सरकार ने पीड़ित महिलाओं की सहूलियत के लिए यह अवधि बढ़ाई है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने हिंसा पीड़ित महिलाओं को तत्काल मदद और सुरक्षित माहौल देने के संबंध में गुरुवार को बताया कि केंद्र सरकार ने हिंसा पीड़ित महिलाओं को एक जगह सारी सुविधाएं और मदद देने के लिए एक अप्रैल, 2015 में वन स्टाप सेंटर योजना शुरू की थी।
महिला पंचायत प्रधान नारी सशक्तीकरणबुधवार को महिला बाल विकास मंत्री ने देश भर से आई महिला प्रधानों को रात्रि भोज में आमंत्रित किया था और बातचीत के दौरान उन्हें बताया कि सरकार ने अब वन स्टाप सेंटर में हिंसा पीड़ित महिलाओं के रुकने की अवधि बढ़ा कर दोगुनी यानी दस दिन कर दी है। देश भर से महिला पंचायत प्रधान नारी सशक्तीकरण के कार्यक्रम में शामिल होने दिल्ली आयीं थी।
महिला सशक्तीकरण के कार्यों की जानकारीदो दिनों के कार्यक्रम के बाद बुधवार की शाम केंद्रीय महिला बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने अपने आवास पर उनके लिए रात्रि भोज आयोजित किया था। इस मौके पर विभिन्न राज्यों विशेषकर झारखंड से आई महिला प्रधानों ने अपने गांवों में महिला सशक्तीकरण के कार्यों की जानकारी दी।पिछले वर्ष नवंबर में केंद्र ने सभी राज्यों को पत्र भेजा था और वन स्टाप सेंटर में हिंसा पीड़ित महिलाओं के रुकने की अवधि बढ़ाने के निर्देश दिए थे।
सखी सदन उपलब्ध नहींउस पत्र में राज्यों से कहा गया था कि पांच दिन तक पीड़ित महिला वन स्टाप सेंटर में रुक सकती है लेकिन उसे ज्यादा लंबे समय तक रुकने की जरूरत हो सकती है। जैसे कि कहीं पास में सखी सदन उपलब्ध नहीं हो जहां वह स्थानांतरित की जा सके ऐसी स्थिति में वन स्टाप सेंटर के प्रशासन के पास अवधि बढ़ा कर दस दिन करने का विवेकाधिकार होगा।
आश्रय गृह में स्थानांतरित करने का प्रयासलेकिन दस दिन के बाद भी अगर पीड़ित महिला को रुकने जरूरत हुई तो डिस्टि्रक नोडल अफसर या डिस्टि्रक प्रोग्राम अफसर को दस दिन की अवधि और बढ़ाने का अधिकार होगा जिससे कि पीड़ित को सभी जरूरी सुविधाएं मिलना सुनिश्चित हो। हालांकि पीड़ित को जल्दी से जल्दी पास के सखी सदन या इसी तरह के अन्य आश्रय गृह में स्थानांतरित करने का प्रयास किया जाएगा।
उस पत्र में राज्यों को वन स्टाप सेंटर में व्हीलचेयर और स्ट्रेचर की उपलब्धता की भी बात कही गई है जो कि अन्य भोजन, कपड़े आदि की सुविधाओं के अतिरिक्त होगी। अभी तक देश भर में कुल 802 वन स्टाप सेंटर हैं जिनमें स्थापित होने से लेकर 30 जून, 2024 तक कुल 9.38 लाख महिलाओं को मदद दी गई है।