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'4 करोड़ दो... आपको CM बनाया जा सकता है', गृह मंत्री अमित शाह के बेटे के नाम पर ठगी की कोशिश; कौन हैं ये 3 शातिर?

Dainik Jagran - National - March 12, 2025 - 10:44pm

पीटीआई, इंफाल। मणिपुर पुलिस ने तीन युवकों को उत्तराखंड से गिरफ्तार किया है। इन तीनों पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे बनकर मणिपुर के कई विधायकों को फोन करने का आरोप है। आरोपितों ने विधायकों को मुख्यमंत्री बनाने के बदले चार करोड़ रुपये की मांग की थी। मणिपुर में बीते महीने एन बीरेन सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है।

4 करोड़ रुपये की मांग की

एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राज्य के कई विधायकों को फोन आए। फोन करने वाले ने खुद को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह बताया और कहा कि अगर वे चार करोड़ रुपये दे दें तो उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। जब पुलिस को इसकी शिकायत मिली तो जांच शुरू की गई।

तीनों आरोपितों को इंफाल लाया गया

पुलिस ने बताया कि जांच के बाद तीन आरोपितों को उत्तराखंड से गिरफ्तार किया गया है और तीनों को इंफाल लाया गया। आरोपितों की पहचान उत्तर प्रदेश के निधौरी कलां निवासी उवैश अहमद, दिल्ली के गाजीपुर निवासी गौरव नाथ और प्रियांशु पंत के रूप में हुई है।

मणिपुर हिंसा में 250 से अधिक की मौत

गौरतलब है कि मई 2023 से मणिपुर में मैतेई और कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद केंद्र ने 13 फरवरी को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था। राज्य विधानसभा का कार्यकाल 2027 तक है। विधानसभा को निलंबित रखा गया है।

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'यह शिक्षा नहीं... भगवा नीति है', नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मामले पर केंद्र पर बरसे एमके स्टालिन

Dainik Jagran - National - March 12, 2025 - 10:33pm

एएनआई, नई दिल्ली। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बुधवार को केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) को भगवाकरण नीति कहा। स्टालिन ने कहा कि इस नीति का उद्देश्य भारत के विकास के बजाय हिंदी को बढ़ावा देना है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह नीति तमिलनाडु की शिक्षा प्रणाली को नष्ट करने की धमकी देती है।

तिरुवल्लूर में स्टालिन ने कहा, "राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षा नीति नहीं है। यह भगवाकरण की नीति है। इस नीति को भारत के विकास के लिए नहीं बल्कि हिंदी के विकास की खातिर बनाया गया है। यह नीति तमिलनाडु की शिक्षा प्रणाली को पूरी तरह से तबाह कर देगी। इस वजह से नीति का विरोध कर रहे हैं।"

अगर सभी को शिक्षा के दायरे में लाती है तो नीति का स्वागत

सीएम स्टालिन ने कहा, "हम आपसे टैक्स में हिस्सा मांग रहे हैं। इसे हमने चुकाया है। इसमें क्या समस्या है? क्या 43 लाख स्कूलों के कल्याण के लिए धन जारी किए बिना धमकी देना उचित है? चूंकि हमने एनईपी को स्वीकार नहीं किया, इसलिए वे तमिलनाडु के लिए धन जारी करने से इनकार कर रहे हैं।

अगर यह सभी को शिक्षा के दायरे में लाता तो हम इस योजना का स्वागत करते। मगर क्या एनईपी ऐसी ही है? एनईपी में वे सभी कारक हैं... जो लोगों को शिक्षा से दूर रखते हैं। इस वजह से नीति का विरोध कर रहा हूं।

हिंदी थोपने का लगाया आरोप

तमिलनाडु राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के त्रिभाषा फॉर्मूले का विरोध कर रहा है। प्रदेश सरकार ने इसके बहाने हिंदी थोपने का आरोप लगाया है। सीएम स्टालिन का तर्क है कि नीति क्षेत्रीय भाषाओं पर हिंदी को प्राथमिकता देती है। इससे राज्य की स्वायत्तता और भाषाई विविधता कम होगी। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु ने दो-भाषा नीति अपनाई है। इसमें तमिल और अंग्रेजी प्राथमिक भाषाएं हैं।

केंद्र को चिढ़ होती है

स्टालिन ने आगे कहा कि अगर कोई राज्य सरकार अच्छा काम कर रही है तो केंद्र सरकार को उसका समर्थन करना चाहिए। मगर क्या यह केंद्र सरकार ऐसा कर रही है? उन्हें जलन हो रही है कि तमिलनाडु अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। उन्हें चिढ़ है कि डीएमके तमिलनाडु की रक्षा कर रही है। यही वजह है कि वे बाधाएं पैदा करने और हमें हर तरह से नीचा दिखाने में लगे हैं। क्या हम यह देखकर चुप रह सकते हैं?...

स्टालिन ने केंद्र सरकार पर राजनीतिक बदला लेने और तमिलनाडु के विकास को कमजोर करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि राज्य विभिन्न योजनाओं को लागू करने में अग्रणी रहा है और पिछले तीन वर्षों में इसने महत्वपूर्ण प्रगति की है।

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समंदर में मिलकर रखेंगे दुश्मन पर नजर, कारोबार से लेकर इंफॉर्मेशन शेयरिंग तक, भारत मॉरीशस में हुए 8 अहम समझौते

Dainik Jagran - National - March 12, 2025 - 9:23pm

पोर्ट लुई, आईएएनएस। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने बुधवार को द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर अपनी व्यापक बातचीत पर संतोष व्यक्त किया और इस बात पर सहमति जताई कि दोनों देशों के बीच विशेष एवं करीबी द्विपक्षीय साझेदारी ने महत्वपूर्ण रणनीतिक गहराई हासिल कर ली है और यह अब यह उन्नत रणनीतिक साझेदारी हो गई है।

प्रधानमंत्री मोदी की मॉरीशस की दो दिवसीय यात्रा के अंतिम दिन 'उन्नत रणनीतिक साझेदारी के लिए भारत-मॉरीशस का संयुक्त दृष्टिकोण' जारी किया गया जो दोनों देशों के बीच विशेष एवं अनूठे संबंधों को रेखांकित करता है। इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने बुनियादी ढांचा, आवास, डिजिटल प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, एआइ समेत विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर केंद्रित वार्ता के जरिये द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए मॉरीशस के नेतृत्व के साथ व्यापक बातचीत की।

समुद्री चुनौतियों का सामना करने का लिया संकल्प

रक्षा एवं समुद्री सुरक्षा सहयोग पर ध्यान केंद्रित करते हुए दोनों नेताओं ने जोर देकर कहा कि यह द्विपक्षीय संबंधों का महत्वपूर्ण स्तंभ है और इस क्षेत्र में नजदीकी सहयोग ने रणनीतिक आयाम हासिल किए हैं जिससे दोनों देशों को अत्याधिक लाभ हुआ है। उन्होंने इस बात पर भी सहमति जताई कि मुक्त, खुला एवं सुरक्षित हिंद महासागर क्षेत्र सुनिश्चित करने में साझा प्रतिबद्धता वाले भारत और मॉरीशस क्षेत्र में स्वाभाविक साझीदार हैं। इसके साथ ही उन्होंने क्षेत्र में समुद्री चुनौतियों का सामना करने और व्यापक रणनीतिक हितों की सुरक्षा के लिए मिलकर काम करने का अपना संकल्प दोहराया।

Honoured to be conferred the Grand Commander of the Order of the Star and Key of the Indian Ocean, and that too on Mauritius’ National Day. pic.twitter.com/LaaurcKbzx

— Narendra Modi (@narendramodi) March 12, 2025

मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने उनके देश के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) की सुरक्षा में सहायता के लिए भारत की सराहना की। इनमें रक्षा एवं समुद्री उपकरणों का प्रविधान, पोतों एवं विमानों की नियमित तैनाती, संयुक्त समुद्री निगरानी, हाइड्रोग्राफिक सर्वे और गश्त, द्विपक्षीय अभ्यास व सूचनाएं साझा करना और प्रशिक्षण में सहायता शामिल हैं। संयुक्त बयान के अनुसार, मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने तटरक्षक जहाजों विक्ट्री, वैलिएंट व बाराकुडा की मरम्मत के लिए अनुदान के आधार पर लगातार सहायता के लिए भारत को धन्यवाद दिया।

मॉरीशस विशेष समुद्री साझीदार: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि मॉरीशस भारत के लिए विशेष समुद्री साझीदार और भारत के सागर विजन के तहत अहम साझीदार हैं। क्षेत्र में साझा उद्देश्यों के मद्देनजर भारतीय प्रधानमंत्री ने मॉरीशस को उसकी रक्षा एवं सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने में भारत की ओर से लगातार मदद के संकल्प को दोहराया।

दोनों नेताओं ने संयुक्त समुद्री निगरानी और हाइड्रोग्राफी सर्वे के लिए पोतों और विमानों की तैनाती बढ़ाकर समुद्री सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई। इसके अलावा उन्होंने ईईजेड की सुरक्षा के लिए सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता भी जताई। इसमें अगालेगा में नवनिर्मित रनवे और जेटी का बेहतर उपयोग और समुद्री क्षेत्र में जागरूकता बढ़ाने के लिए नेशनल मेरीटाइम इंफारमेशन शेयरिंग सेंटर की स्थापना शामिल है। दोनों नेताओं ने चागोस द्वीप समूह पर मॉरीशस और ब्रिटेन के बीच चल रही बातचीत का भी स्वागत किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने चागोस के मुद्दे पर मॉरीशस के प्रति दृढ़ समर्थन दोहराया। मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर वैश्विक नेताओं के साथ व्यक्तिगत सहयोग एवं संवाद के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया। वहीं, मोदी ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री को जल्द से जल्द भारत की यात्रा पर आने का निमंत्रण दिया।

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Q-Comm to employ 5-5.5L people by next year

Business News - March 12, 2025 - 8:50pm
India's Quick-Commerce sector, which is witnessing rapid expansion and is expected to reach USD 5 billion, will provide jobs to more than 5-5.5 lakh people in the next year, a report said on Wednesday. Currently, the Q-Commerce sector employs 2.5-3 lakh outdoor delivery partners and 70,000-75,000 under-the-roof employees, which includes dark stores and warehouses, according to data by TeamLease Services. Quick-Commerce refers to ultra-fast deliveries, often within 10-15 minutes. "India's Q-Commerce sector is expanding at an unprecedented rate, with the market size projected to reach USD 5 billion by 2025, growing at a CAGR of 10-15 per cent. The surge in last-mile delivery, dark store operations, and warehouse management roles are mainly due to increasing categories of products, rise in number of cities and growth in volumes. Jobs under the roof and delivery partners will increase by 50 per cent each, taking the overall jobs in the Q-Commerce sector to over 5-5.5 lakh in next 1 year," TeamLease Services Senior VP and Business Head Balasubramanian A told PTI. He said as attrition rates remain high, businesses must prioritise workforce skilling, structured retention strategies, and AI-driven workforce management to build a sustainable talent pipeline and drive long-term growth. The report is based on data from 19,000 of TeamLease associates from January to December 2024. The report revealed that employment distribution data indicates that Karnataka (20 per cent), Maharashtra (19 per cent), and Telangana (13 per cent) are the primary hubs for Q-Commerce jobs, while Haryana and West Bengal, each accounting for 4 per cent of the workforce. The sector is also characterised by a high concentration of entry-level roles, with 71 per cent of employees holding 10th or 12th-grade qualifications. This reflects a focus on basic skill sets such as smartphone proficiency, digital literacy, and last-mile delivery expertise, said the report. However, the industry faces a significant challenge with high attrition rates driven by intense competition and frequent job-switching, it stated. To address this, companies are increasingly investing in workforce training, upskilling programs, and structured retention strategies to enhance efficiency and ensure long-term workforce stability, added the report.
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