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भारत ने म्यांमार-थाईलैंड सीमा से 549 भारतीयों को बचाया, साइबर क्राइम सेंटरों से छुड़ाकर हुई वतन वापसी
पीटीआई, नई दिल्ली। म्यांमार-थाईलैंड सीमा पर स्थित साइबर क्राइम सेंटरों से छुड़ाकर भारत अपने 549 नागरिकों को दो सैन्य विमानों से वापस लेकर आया है। ये भारतीय नागरिक नौकरी के फर्जी प्रस्तावों के शिकार हुए थे।
सोमवार को 283 भारतीयों को भी वापस लाया गया थाविदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'भारत सरकार ने मंगलवार को भारतीय वायुसेना के विमान से 266 भारतीयों की सुरक्षित वापसी की व्यवस्था की। इसी तरह सोमवार को 283 भारतीयों को भी वापस लाया गया था।'
उन्होंने बताया कि अधिकांश भारतीय नागरिक महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश के थे और उन्हें थाईलैंड अथवा म्यांमार में नौकरी का फर्जी प्रस्ताव दिया गया था। बाद में उन्हें म्यांमार के म्यावाड्डी क्षेत्र में साइबर क्राइम सेंटरों में ले जाया गया था।
म्यांमार और थाईलैंड के साथ काम कर रहा भारतजायसवाल ने बताया कि म्यांमार और थाईलैंड में स्थित भारतीय दूतावासों ने भारतीयों की रिहाई और स्वदेश वापसी के लिए दोनों देशों की सरकारों के साथ मिलकर काम किया।
बांग्लादेश सीमा पर भारत ने पकड़े 2601 बांग्लादेशीगृह मंत्रालय ने राज्यसभा को सूचित किया है कि पिछले 13 महीनों में भारत-बांग्लादेश सीमा पर 2,601 बांग्लादेशी नागरिकों को भारतीय क्षेत्र में अवैध रूप से प्रवेश करते समय पकड़ा गया है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक लिखित उत्तर में बताया कि ये गिरफ्तारियां एक जनवरी 2024 से 31 जनवरी 2025 के बीच हुईं।
अक्टूबर में पकड़े गए 300 बांग्लादेशीजनवरी 2025 में 176 बांग्लादेशी घुसपैठियों को पकड़ा गया, जो कि बीएसएफ की सतर्कता का परिणाम है। 2024 के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर में 253, नवंबर में 310, अक्टूबर में 331 और सितंबर में 300 बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गए। मई 2024 में सबसे कम 32 लोग पकड़े गए।
बढ़ाई गई बांग्लादेश सीमा की सुरक्षासरकार ने सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एडवांस्ड सर्विलांस, मैन पावर बढ़ाने और तकनीकी एकीकरण का सहारा लिया है। इन उपायों में हैंड-हेल्ड थर्मल इमेजर्स, नाइट विजन डिवाइस, यूएवी, सीसीटीवी/पीटीजेड कैमरे, आईआर सेंसर और असम के धुबरी में कंप्रीहेंसिव इंटिग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम (सीआईबीएमएस) शामिल हैं।
सीमा पर लगातार पेट्रोलिंग, नाके, अवलोकन पोस्ट और स्थानीय पुलिस व सीमा गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के साथ संयुक्त अभियान चलाए जाते हैं।
Starlink की एंट्री पर IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया पोस्ट, फिर बाद में कर दिया डिलीट
आइएएनएस, नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को सोशल मीडिया पर एलन मस्क के स्टारलिंक के लिए एक स्वागत संदेश पोस्ट किया और फिर करीब एक घंटे बाद इसे हटा दिया। केंद्रीय मंत्री ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि स्टारलिंक का भारत में स्वागत है। दूरदराज के क्षेत्रों की रेलवे परियोजनाओं के लिए यह उपयोगी होगा।
एयरटेल और जियो एकसाथ आएभारत की प्रमुख दूरसंचार दिग्गज, एयरटेल और जियो प्लेटफार्म्स ने देश में स्टारलिंक इंटरनेट सेवाएं लाने के लिए स्पेसएक्स के साथ साझेदारी की है। भारत में स्टारलिंक इंटरनेट सेवा लाने के लिए स्पेसएक्स के साथ साझेदारी करने की एयरटेल की घोषणा के एक दिन बाद जियो ने अमेरिकी कंपनी के साथ इसी तरह के समझौते की घोषणा की।
भारती मित्तल बोले- एक नया युग आ रहा हैएयरटेल और स्पेसएक्स एयरटेल के खुदरा स्टोरों में स्टारलिंक उपकरण, एयरटेल के माध्यम से व्यावसायिक ग्राहकों को स्टारलिंक सेवाएं, समुदायों, स्कूलों और स्वास्थ्य केंद्रों को जोड़ने के अवसर, यहां तक कि भारत के सबसे ग्रामीण हिस्सों में भी उपलब्ध कराने की संभावनाएं तलाशेंगे। भारती एंटरप्राइजेज के संस्थापक और अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल ने कहा कि ग्राहकों के लिए निर्बाध वैश्विक कनेक्टिविटी का एक नया युग आ रहा है।
भारती एयरटेल लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और उपाध्यक्ष गोपाल विट्टल ने कहा कि भारत में एयरटेल ग्राहकों को स्टारलिंक की पेशकश करने के लिए स्पेसएक्स के साथ काम करना एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और यह अगली पीढ़ी की उपग्रह कनेक्टिविटी के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
सुनील भारती मित्तल ने कही ये बातभारती एंटरप्राइजेज के संस्थापक और अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल ने कहा कि भविष्य में 4जी, 5जी और 6जी की तरह ही अब हमारे पास एक और तकनीक होगी, वह है सैट-जी। रिलायंस समूह की डिजिटल सेवा कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड ने बुधवार को स्टारलिंक के साथ अपने सौदे की घोषणा की।
स्टारलिंक सर्विसेज और इक्विपमेंट ऑफर करेंगेएयरटेल और जियो, दोनों SpaceX के साथ मिलकर स्टारलिंक की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस को भारत में ला रहे हैं, जिससे वे देश के सबसे दूरदराज इलाकों में अपनी सर्विसेज दे सकेंगे। खास बात ये है कि एयरटेल और जियो दोनों की डील स्पेसएक्स को भारत में स्टारलिंक बेचने की जरूरी मंजूरी मिलने पर निर्भर है। अगर यह मंजूरी मिल जाती है, तो जियो और एयरटेल अपने स्टोर्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के जरिए स्टारलिंक सर्विसेज और इक्विपमेंट ऑफर करेंगे।
क्या है स्टारलिंक?Starlink एक सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस है, जिसे एलन मस्क की स्वामित्व वाली कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) कंपनी ने डेवलप किया है। ये सर्विस लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में मौजूद हजारों सैटेलाइट्स के एक नेटवर्क यानी कॉन्स्टलेशन के जरिए हाई-स्पीड इंटरनेट उपलब्ध कराती है। इसका मकसद उन रिमोट और ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट पहुंचाना है, जहां ट्रेडिशनल केबल या फाइबर इंटरनेट नहीं पहुंच पाता।
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रेलवे का नए नियम, ट्रेन में खाने की कीमतें और मेन्यू प्रदर्शित करना अनिवार्य, लोकसभा में रेल मंत्री ने दी जानकारी
पीटीआई, नई दिल्ली। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में बताया कि ट्रेनों में यात्रियों को परोसे जाने वाले खाद्य पदार्थों का मेनू और मूल्य लिस्ट प्रदर्शित करना अनिवार्य है। उन्होंने एक लिखित उत्तर में कहा कि यात्रियों की जानकारी के लिए आइआरसीटीसी की वेबसाइट पर सभी खाद्य पदार्थों का मेनू और दरें उपलब्ध हैं। सभी विवरणों के साथ मुद्रित मेनू कार्ड वेटरों के पास उपलब्ध कराए जाते हैं और यात्रियों को मांगने पर दिए जाते हैं।
यात्रियों को एसएमएस भेजना शुरूउन्होंने कहा कि पेन्ट्री कारों में भी रेट लिस्ट प्रदर्शित की गई है। इसके अलावा, भारतीय रेलवे में खानपान सेवाओं के मेनू और शुल्क के बारे में यात्रियों को जागरूक करने के लिए, मेनू और शुल्क के लिंक के साथ यात्रियों को एसएमएस भेजना शुरू किया गया है।
बिलासपुर-मनाली-लेह नई रेलवे लाइन की रिपोर्ट तैयारएक अन्य प्रश्न के जवाब में अश्विनी वैष्णव ने कहा कि बिलासपुर-मनाली-लेह नई रेलवे लाइन की अनुमानित लागत 1,31,000 करोड़ रुपये है, जो कारगिल को कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। बिलासपुर-मनाली-लेह लाइन की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। उन्होंने कहा कि बिलासपुर-मनाली-लेह नई लाइन, जो आंशिक रूप से केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में आती है, को रक्षा मंत्रालय द्वारा रणनीतिक लाइन के रूप में पहचाना गया है।
नई दिल्ली स्टेशन भगदड़ मामले में 2.01 करोड़ रुपये मुआवजा दिया गयाअश्विनी वैष्णव ने एक अन्य प्रश्न के जवाब में कहा कि 15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में मारे गए या घायल हुए 33 परिवारों को कुल 2.01 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया है।
इस मामले में प्रत्येक मृतक के परिजन को 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 2.50 लाख रुपये और सामान्य रूप से घायलों को एक-एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी गई है। यह भगदड़ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उस समय हुई जब प्रयागराज में महाकुंभ मेले के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही थी।
तीन तलाक के मामलों का डाटा केंद्र के पास नहीं रखा जाता: सरकारसरकार ने लोकसभा को बताया कि तीन तलाक विरोधी कानून के तहत दर्ज होने वाले मामलों का कोई डाटा केंद्र के स्तर पर नहीं रखा जाता क्योंकि कानून-व्यवस्था राज्य से जुड़ा विषय है। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने लोकसभा सदस्य दीपक अधिकारी के प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। सदस्य ने देश में तीन तलाक कानून पारित होने के बाद से दर्ज मामलों की संख्या का विवरण मांगा था।
इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि ऐसा कोई डाटा केंद्र के स्तर पर नहीं रखा जाता है। इसके अलावा, पुलिस और विधि व्यवस्था राज्य के विषय हैं। उनके अनुसार, 'मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम' के तहत अपराधों के मामलों में निपटारा राज्य सरकारों के स्तर पर किया जाता है।
बीएसएनएल, एमटीएनएल ने परिसंपत्ति मुद्रीकरण से 12,984 करोड़ रुपये जुटाएसार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों बीएसएनएल और एमटीएनएल ने 2019 से भूमि, भवन, टावर और फाइबर के मुद्रीकरण से कुल 12,984.86 करोड़ रुपये कमाए हैं।
संचार राज्य मंत्री पेम्मासानी चंद्रशेखर द्वारा लोकसभा में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, बीएसएनएल ने जनवरी 2025 तक भूमि और भवनों के मुद्रीकरण से 2,387.82 करोड़ रुपये और एमटीएनएल ने 2,134.61 करोड़ रुपये कमाए हैं। शेखर ने एक लिखित उत्तर में कहा कि बीएसएनएल और एमटीएनएल केवल उन भूमि और भवन परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण कर रहे हैं जिनकी निकट भविष्य में उनके अपने उपयोग के लिए आवश्यकता नहीं है।
प्राकृतिक भंडार के कारण तुम्मलापल्ले के पानी में यूरेनियम की मात्रा अधिकसरकार ने लोकसभा में बताया कि आंध्र प्रदेश के तुम्मलापल्ले में पानी में यूरेनियम की उपस्थिति क्षेत्र में रेडियोधर्मी खनिज के प्राकृतिक भंडार के कारण है। एक प्रश्न के लिखित जवाब में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि आंध्र प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, आइआइटी-चेन्नई और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र जैसी विभिन्न एजेंसियों ने क्षेत्र में पानी में यूरेनियम संदूषण के दावों की जांच करने के लिए व्यापक और गहन जल-भूवैज्ञानिक जांच की। एजेंसियों ने यह भी जांच की कि क्या यूरेनियम कारपोरेशन आफ इंडिया (यूसीआइएल) की खनन परियोजना ने इस तरह के संदूषण में कोई भूमिका निभाई है।
अल्पसंख्यकों को तीन वर्षों में 2,347 करोड़ रुपये के रियायती ऋण दिए गएराष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास और वित्त निगम (एनएमडीएफसी) ने पिछले तीन वर्षों के दौरान 2,347.15 करोड़ रुपये का रियायती ऋण वितरित किया है, जिससे अल्पसंख्यक समुदायों के 5.50 लाख से अधिक पात्र लोगों को इसका लाभ मिला।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। रिजिजू ने कहा कि रियायती ऋण के लिए एनएमडीएफसी पात्रता मानदंड में कहा गया है कि व्यक्तियों को एक अधिसूचित राष्ट्रीय अल्पसंख्यक, विशेष रूप से बौद्ध, ईसाई, जैन, मुस्लिम, पारसी और सिख से संबंधित होना चाहिए।
सीवेज ढांचे का सही ढंग से नहीं हो रहा इस्तेमाल, जलशक्ति मंत्रालय बोला- प्रोजेक्टों में देरी से नदियां हो रहीं प्रदूषित
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कहा है कि नदियों के प्रदूषण के मामले में स्थिति में सुधार आया है, लेकिन सीवेज इन्फ्रास्ट्रक्चर का पूरा इस्तेमाल न होने के कारण अपेक्षित परिणाम नहीं मिले हैं।
घरों में सीवेज कनेक्शन की कमीजलशक्ति मंत्रालय की ओर से विगत दिवस राज्यसभा में बताया गया कि नदियों के प्रदूषण पर अपेक्षा के अनुरूप अंकुश न लग पाने के लिए घरों में सीवेज कनेक्शन की कमी और परियोजनाओं को पूरा करने में हुई देरी भी जिम्मेदार है।
नदियों के प्रदूषण से जुड़े सवालों के जवाब में जलशक्ति राज्य मंत्री राजभूषण चौधरी ने सदन को बताया कि विभागों की ओर से रखरखराव और मरम्मत के कार्यों में दिखाया जाने वाला लचर रवैया भी इसके लिए उत्तरदायी है।
प्रदूषण वाले हिस्सों में कमी आईहालांकि प्रदूषित नदियों पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदूषण वाले हिस्सों में कमी आई है। 2018 में ऐसे खंडों की संख्या 351 थी, जो अब घटकर 311 रह गए हैं। इन 351 खंडों में 106 को स्थिति दुरुस्त हो जाने के बाद सूची से हटा दिया गया है। जबकि 74 में सुधार के प्रमाण मिले हैं।
मंत्रालय के अनुसार नदियों की सफाई और उन्हें पुनर्जीवन देना एक सतत प्रक्रिया है। मुख्य रूप से यह राज्यों, केंद्र शासित क्षेत्रों और स्थानीय निकायों की जिम्मेदारी है। उन्हें ही घरेलू सीवेज और औद्योगिक कचरे को नदियों में जाने से पहले साफ करना है।
नदियों को प्रदूषित करने वाले उद्योंगो को बंद करने के आदेशएक अन्य सवाल के जवाब में चौधरी ने कहा कि सीपीसीबी ने 73 ऐसे उद्योगों को बंद करने का आदेश दिया है जो नदियों को बहुत अधिक प्रदूषित कर रहे थे। ये सभी उद्योग कचरे के निस्तारण को लेकर मानकों का लगातार उल्लंघन कर रहे थे।
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SC ने APFP कांस्टेबल भर्ती सूची को निरस्त करने को सही ठहराया, जानें पूरा मामला
माला दीक्षित, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में सरकारी नौकरियों में भर्ती में नियम कानून पर आधारित पारदर्शी प्रक्रिया अपनाए जाने पर जोर देते हुए फिर दोहराया है कि चयन सूची में शामिल होने से उम्मीदवार नियुक्ति का दावा नहीं कर सकता। लेकिन भर्ती करने वाली अथारिटी चयन सूची में शामिल व्यक्ति को नियुक्ति न देने के लिए मनमाने ढंग से इनकार या अनदेखी भी नहीं कर सकती।
कोर्ट ने कहा कि अगर रिक्ति है और उसकी मेरिट को देखते हुए उसे पद पर नियुक्ति दी जा सकती है तो ऐसे में साधारणत: उसकी अनदेखी करने का कोई न्यायोचित आधार नहीं होता। चयन सूची में शामिल व्यक्ति को नियुक्ति से इन्कार करने का कोई न्यायोचित आधार होना चाहिए। शीर्ष अदालत ने पूर्व फैसलों को उद्धत करते हुए यह बात असम में 2014 की फारेस्ट प्रोटेक्शन फोर्स (एफपीएफ) कांस्टेबल भर्ती निरस्त करने के राज्य सरकार के निर्णय को सही ठहराने वाले फैसले में कही है।
'पक्षपात की मौजूदगी का अनुमान लगाना उचित'
न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने सात मार्च को दिये फैसले में असम सरकार के भर्ती चयन सूची रद करने के निर्णय को सही ठहराते हुए कहा कि जब चयन पूरी तरह से साक्षात्कार के अंकों पर आधारित हो तो मनमानी और पक्षपात की मौजूदगी का अनुमान लगाना उचित हो सकता है। असम की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 2014 में फारेस्ट प्रोटेक्शन फोर्स (एफपीएफ) कांस्टेबल भर्ती निकाली और 104 उम्मीदवारों का चयन करके चयन सूची तैयार की गई। लेकिन 2016 में असम में आयी भाजपा सरकार ने भर्ती में गंभीर अनियमितताओं का मुद्दा उठाए जाने पर भर्ती चयन सूची रद कर दी।
आरक्षण नीति का पालन न करना और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को न मानने को इसे रद करने का आधार बनाया। लेकिन हाईकोर्ट की एकल पीठ और खंडपीठ ने असम सरकार के चयन सूची रद करने के निर्णय को खारिज कर दिया था।
असम सरकार ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की जिसकी शुरुआती सुनवाई में अगस्त 2022 ने सर्वोच्च अदालत ने आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी। अंतरिम रोक का आदेश इसलिए दिया क्योंकि कोर्ट को बताया गया था कि चयन सिर्फ साक्षात्कार के आधार पर हुआ था और उसके बाद शारीरिक परीक्षण अर्हता परीक्षा हुई थी। यह भी बताया गया कि 104 चयनित उम्मीदवारों में 64 उम्मीदवार सिर्फ कामरूप मैट्रो और कामरूप ग्रामीण जिलों के थे और 16 जिलों से एक भी उम्मीदवार का चयन नहीं हुआ था।
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम फैसले में चयन सूची रद करने के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि भर्ती प्रक्रिया में विसंगतियों को देखते हुए चयन सूची रद करना न तो मनमाना था और न ही असंगत। इसमें जिला स्तर प्रतिनिधित्व में असमानता और आरक्षण नीति का उल्लंघन शामिल है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि भर्ती बिना किसी लिखित परीक्षा के सिर्फ साक्षात्कार पर आधारित थी और किसी भी नियम द्वारा शासित नहीं थी। कोर्ट ने कहा कि वर्तमान समय को ध्यान में रखते हुए जब देश के कुछ जिम्मेदार नागरिकों द्वारा भ्रष्टाचार को जीवन का हिस्सा माना जाता है, ये जरूरी होता है कि 104 कांस्टेबलों की भर्ती की प्रक्रिया भर्ती नियमों को तैयार करने के बाद की जाती और प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी बनाए रखने के लिए लिखित परीक्षा भी निर्धारित की जाती।
सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार को नये सिरे से 104 कांस्टेबलों की भर्ती की छूट देते हुए चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट भर्ती नियम बनाने का निर्देश दिया है और कहा है कि नियम नहीं बनते तक चयन प्रक्रिया सार्वजनिक रूप से उपलब्ध प्रशासनिक निर्देशों के आधार पर संचालित की जानी चाहिए।
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वोटर लिस्ट मामले में राज्यसभा में विपक्ष का हंगामा, नया प्रस्ताव दिया; नियम 176 पर चर्चा कराने की मांग
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मतदाता फोटो पहचान पत्र (इपिक) और वोटर लिस्ट में कथित हेर-फेर के मुद्दे पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित दूसरे विपक्षी दलों ने बुधवार को फिर राज्यसभा में नियम 267 के तहत चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा किया।
बाद में बात बनते न देख विपक्षी दलों ने उपसभापति से नियम 176 के तहत ही इस मुद्दे पर चर्चा कराने का प्रस्ताव दिया। हालांकि इसके बाद भी उपसभापति की ओर से कोई आश्वासन नहीं मिला तो तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने नाराजगी जताते हुए सदन से बहिर्गमन कर गए। बाद में वह सभी एक-एक कर सदन में लौट आए।
नोटिस खारिज होने पर हुआ हंगामाराज्यसभा में बुधवार को हंगामा उस समय शुरू हुआ, जब इपिक पर नियम 267 के तहत चर्चा कराने के लिए नौ विपक्षी सदस्यों की ओर से दिए गए नोटिस को फिर खारिज कर दिया गया। उपसभापति हरिवंश ने कहा कि इस मुद्दे पर वह पहले ही स्थिति स्पष्ट कर चुके है, ऐसे में विपक्ष सदन की कार्यवाही में अवरोध न डाले।
सदन में चर्चा जरूरी: डेरेक ओ-ब्रायनइस पर तृणमूल सांसद डेरेक ओ-ब्रायन ने कहा कि सदन की कार्यवाही को वह भी बाधित नहीं करना चाहते है लेकिन इपिक का मुद्दा इतना गंभीर है कि सदन में इस पर चर्चा जरूरी है। ऐसे में अगले सप्ताह नियम 176 के तहत ही इस मुद्दे पर चर्चा की मौका दिया जाए।
क्या है नियम 176?कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि लोकतंत्र की भावना केवल चुनाव कराने में ही नहीं है, बल्कि चुनाव निष्पक्ष भी रहे इनमें भी है। गौरतलब है कि नियम 176 के तहत कोई भी सांसद सार्वजनिक अपने मुद्दे सदन में उठा सकता है। इसके बाद अन्य सांसद इस मुद्दे पर चर्चा करते हैं। इसके बाद संबंधित मंत्री की ओर से इस पर जवाब दिया जाता है।
इन सांसदों ने दिया नोटिसइपिक पर चर्चा के लिए नोटिस देने वालों में कांग्रेस के प्रमोद तिवारी व तृणमूल कांग्रेस की सागरिका घोष, डोला सेन, साकेत गोखले और सुष्मिता देव और आप के संजय सिंह शामिल थे। इस दौरान एमडीएमके सांसद वाइको और डीएमके सासंद पी विल्सन ने दक्षिणी राज्यों की परिसीमन से जुड़ी चिंताओं पर चर्चा कराने के लिए नोटिस दिया था।
तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में एक ही नंबर के इपिक के मामलों को सामने लाते हुए चुनाव आयोग पर लगातार निशाना साध रही है तो कांग्रेस महाराष्ट्र में वोटर लिस्ट में बड़ी संख्या में नाम जोड़े जाने को लेकर सवाल उठा रही है।
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US threats of military action to Iran over nuclear deal ‘unwise’, says Ayatollah Khamenei - Hindustan Times
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Telangana: दो महिला पत्रकारों को सीएम रेड्डी की आलोचना करना पड़ा भारी, पुलिस ने किया गिरफ्तार; BRS ने किया प्रदर्शन
डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। तेलंगाना में सीएम रेवंत रेड्डी की आलोचना करने पर दो महिला पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया है। दोनों पत्रकारों पर यूट्यूब और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक किसान का “विवादास्पद” वीडियो पोस्ट करने के आरोप में लगाया गया है। क्लिप में किसान ने कांग्रेस शासन में अपनी कठिनाइयों के बारे में बताया।
दो पत्रकारों को किया गया गिरफ्तारतेलंगाना की दो पत्रकारों पल्स न्यूज के प्रबंध निदेशक पोगदादंडा रेवती और उसी चैनल की रिपोर्टर थानवी यादव को हैदराबाद पुलिस के साइबर अपराध प्रभाग ने बुधवार को मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने और उसे बढ़ावा देने के आरोप में गिरफ्तार किया। इसके साथ एक तीसरे व्यक्ति - 'निप्पूकोडी' नामक एक्स अकाउंट के उपयोगकर्ता को भी हिरासत में लिया गया है।
शांति भंग करने जैसे गंभीर आरोपकांग्रेस की राज्य सोशल मीडिया इकाई के प्रमुख की शिकायत के बाद तीनों को हिरासत में लिया गया और उन पर अपमानजनक सामग्री प्रकाशित करने से लेकर संगठित अपराध और आपराधिक साजिश, नफरत फैलाने के लिए अफवाह फैलाने और शांति भंग करने जैसे गंभीर आरोप हैं।
शिकायत एक्स अकाउंट पर एक वीडियो के बारे में है जिसमें पल्स न्यूज के एक रिपोर्टर ने एक व्यक्ति का साक्षात्कार लिया है, जो कथित तौर पर मुख्यमंत्री के बारे में "अपमानजनक" और "अपमानजनक" टिप्पणी करता है।
सीएम के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने का आरोपयह तर्क दिया गया कि यह एक "अत्यधिक भड़काऊ" पोस्ट है, जिसमें हिंसा भड़काने की क्षमता है और यह "पल्स टीवी द्वारा बदनाम करने और दुष्प्रचार फैलाने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास" है।
पत्रकारों की गिरफ्तारी के बाद बीआरएस ने कड़ा विरोध दर्ज किया और पत्रकारों की गिरफ्तारी को लेकर सड़क पर प्रदर्शन किया। रिपोर्ट के अनुसार, वरिष्ठ पत्रकार रेवती और उनकी सहकर्मी तन्वी यादव को सुबह करीब पांच बजे गिरफ्तार किया गया। तड़के हुई इस गिरफ्तारी से लोगों में आक्रोश फैल गया है, बीआरएस और भाजपा नेताओं ने रेवंत रेड्डी सरकार की निंदा की है।
केटीआर कही ये बातकेटीआर ने एक्स पर पोस्ट कर कांग्रेस से सवाल किया... क्या यही हैं आप की “मोहब्बत की दुकान”? राहुलगांधी जी? सुबह-सुबह दो महिला पत्रकारों को गिरफ्तार करना!! उनका अपराध क्या है?
Kya Yahi Hain Aap Ki “Mohabbat Ki Dukaan” ? @RahulGandhi Ji?
Arresting two women journalists in the wee hours of the morning!! What is their crime?
Giving voice to the public opinion on incompetent & corrupt Congress Govt
Last I checked, the Constitution of India that you… https://t.co/DW1EP0JYCU
Bombay HC: Suspension of Dalit PhD student by TISS ‘not outcome of discrimination’, dismisses plea - The Indian Express
- Bombay HC: Suspension of Dalit PhD student by TISS ‘not outcome of discrimination’, dismisses plea The Indian Express
- Research scholar planning to move Supreme Court The Times of India
- Bombay HC dismisses TISS Ph.D student’s plea against his suspension for ‘anti-national activities’ The Hindu
- No Relief For Dalit PhD Student Suspended From TISS For 'Anti-National Activities' NDTV
- HC upholds TISS suspension of PhD student for misconduct, stir The Times of India
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