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IndusInd & Out: Rs 19,000 crore lost in a day

Business News - March 12, 2025 - 5:31am
Mumbai: Shares of IndusInd Bank posted their biggest single-day fall on Tuesday, wiping out over a quarter of its market value, after the lender's disclosure of accounting discrepancies involving internal derivatives trades spooked investors. The unprecedented revelation triggered a spate of analyst downgrades as uncertainty over its impact on the lender's credibility added to existing woes over stress in its microfinance books and the central bank's decision to curtail the renewal of its CEO's tenure to one year, rather than the three years the board had sought. Shares of IndusInd fell 27% to close at ₹655 on Tuesday. The sell-off erased ₹19,000 crore of the bank's market capitalisation to ₹51,102 crore.The private bank on Monday said its net worth could take a 2.35% hit to the tune of roughly ₹1,600 crore as of December 31 on account of underestimation of foreign exchange hedging costs. Analysts said these were internal foreign exchange derivatives based on the bank's forex borrowings and deposits."While the monetary impact is relatively small in proportion to the bank's overall balance sheet, the bigger concern is the credibility risk," said Shrikant Chouhan, head of equity research, Kotak Securities.118910141 “Investor trust is crucial for a financial institution, and it may take several quarters to rebuild confidence.” Brokerage Jefferies said the transactions reflect “weak internal controls”. Other brokerages — Nuvama, Emkay Global and PL Capital — downgraded their ratings on the lender. “We believe IIB’s credibility and earnings shall be impacted,” said Nuvama’s analysts led by Mahrukh Adajania in a client note. “The timeline is discomforting--the CFO resigned just before the Q3 earnings, the CEO recently got a one-year extension instead of three and now a derivatives-induced dislocation.” The brokerage downgraded the stock to “reduce” and cut its target price to Rs 750. IndusInd shares had dropped nearly 4% on Monday after the Reserve Bank of India extended its chief executive Sumant Kathpalia’s tenure by one year as against three proposed by the board.CEO Kathpalia said on an analyst call Monday that RBI was aware of the discrepancies related to the derivative traded. “I don’t know the rationale behind them giving me a one-year extension,” he had said. “But I think it is uncomfortable with my leadership skills in running the bank, and we have to respect that.” Analysts said the slide in the stock price in the past year reflected lower investor confidence. The stock is down over 58% in the past year as against a 1.1% gain in the Bank Nifty “IndusInd Bank has faced similar challenges in the past and is currently valued at public sector bank multiples, largely due to these recurring issues,” said Apurva Sheth, head of research at Samco Securities. In the third quarter, the bank experienced higher slippages in the microfinance sector, Chouhan said. “While the actual financial impact of the derivatives issue is limited, the erosion of investor trust could weigh on the stock in the near term. Recovery will depend on the management’s ability to address governance concerns, improve asset quality, and sustain deposit growth.” Sheth said that while there may be a short-term rebound in the share price, he recommends that investors remain cautious and stay away from investing in this stock until there is further clarity from the management.
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DMK ने लगाया गुमराह करने का आरोप तो धर्मेंद्र प्रधान ने साझा किया पत्र, सीएम स्टालिन को लिया आड़े हाथ

Dainik Jagran - National - March 11, 2025 - 11:41pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तमिलनाडु स्कूलों में हिंदी भाषा पढ़ाने का विरोध कर रहा है। इस बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तमिलनाडु स्कूल शिक्षा विभाग का एक पत्र साझा किया है। यह पत्र 15 मार्च 2024 का है। इसमें कहा गया कि राज्य पीएम श्री स्कूल स्थापित करने के लिए बेहद उत्सुक है।

इससे पहले डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा था कि शिक्षा मंत्री का दावा तथ्यात्मक रूप से गलत है। यह सदन को गुमराह करने वाला है। इसके बाद शिक्षा मंत्री ने यह पत्र साझा किया।

सहमति पत्र किया साझा

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लिखा कि कल डीएमके सांसदों और सीएम स्टालिन ने मुझ पर पीएम श्री स्कूलों की स्थापना पर तमिलनाडु की सहमति के बारे में संसद को गुमराह करने का आरोप लगाया था। मैं अपने बयान पर कायम हूं। 15 मार्च 2024 को तमिलनाडु स्कूल शिक्षा विभाग का सहमति पत्र साझा कर रहा हूं।

जनता को जवाब देना होगा

शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि डीएमके सांसद और माननीय सीएम जितना चाहें झूठ का अंबार लगा लें। मगर सीएम स्टालिन के नेतृत्व वाली डीएमके सरकार को तमिलनाडु के लोगों को बहुत कुछ जवाब देना होगा। भाषा के मुद्दे को ध्यान भटकाने की रणनीति के रूप में उठाना और अपनी सुविधा के मुताबिक तथ्यों को नकारना उनके शासन और कल्याण घाटे को नहीं बचा पाएगा।

अचानक यह बदलाव क्यों?

प्रधान ने आगे पूछा कि एनईपी पर रुख में अचानक यह बदलाव क्यों? निश्चित रूप से सियासी स्वार्थ और डीएमके के राजनीतिक भाग्य को पुनर्जीवित करने की खातिर होगा। डीएमके की यह राजनीति तमिलनाडु और वहां के छात्रों के उज्ज्वल भविष्य के लिए बड़ा नुकसान है।

सुधा मूर्ति का किया जिक्र

धर्मेंद्र प्रधान ने राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति के साथ अपनी बातचीत का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मैंने सुधा मूर्ति जी से पूछा कि आप कितनी भाषाएं जानती हैं? जवाब में उन्होंने कहा कि जन्म से वह कन्नड़ हैं, पेशे से उन्होंने अंग्रेजी सीखी, अभ्यास से उन्होंने संस्कृत, हिंदी, ओडिया, तेलुगु और मराठी सीखी। इसमें गलत क्या है?

सुधा मूर्ति जी पर इन भाषाओं को सीखने का किसने दबाव बनाया? कोई किसी पर कुछ नहीं थोप रहा है। यह एक लोकतांत्रिक समाज है। कई बार आपको बहुभाषी बनना चाहिए। इस बीच तमिलनाडु सीएम ने राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू नहीं करने का एलान किया है। 

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ECI ने सभी राजनीतिक दलों को लिखा लेटर, बातचीत के लिए किया आमंत्रित; चुनावी प्रक्रियाओं को मजबूत करने की पहल

Dainik Jagran - National - March 11, 2025 - 11:33pm

पीटीआई, नई दिल्ली। मतदाता सूची में हेराफेरी के आरोपों के बीच चुनाव आयोग ने इस मामले को सुलझाने की मंगलवार को पहल की। चुनावी प्रक्रिया मजबूत करने के लिए आयोग ने राजनीतिक दलों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया।

चुनाव आयोग ने सभी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों से चुनावी पंजीकरण अधिकारियों, जिला निर्वाचन अधिकारियों और मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के स्तर पर 'किसी भी अनसुलझे मुद्दे' को लेकर 30 अप्रैल तक सुझाव आमंत्रित किए हैं।

चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को लिखा पत्र

आयोग ने मंगलवार को राजनीतिक दलों को अलग-अलग लिखे पत्र में पार्टी अध्यक्षों और वरिष्ठ सदस्यों के साथ 'परस्पर सुविधाजनक समय पर बातचीत करने का सुझाव दिया है ताकि स्थापित कानून के अनुसार चुनावी प्रक्रियाओं को और मजबूत किया जा सके।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने पिछले हफ्ते दिए थे ये आदेश
  • मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने पिछले सप्ताह आयोग के एक सम्मेलन में सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों, जिला निर्वाचन अधिकारियों और निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे राजनीतिक दलों के साथ नियमित रूप से संवाद करें। ऐसी बैठकों में प्राप्त सुझावों का समाधान पहले से मौजूद कानूनी ढांचे के भीतर करें तथा 31 मार्च तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करें।
  • आयोग ने राजनीतिक दलों से भी संवाद की इस प्रणाली का उपयोग करने का आग्रह किया था। इस प्रणाली के लिए आयोग द्वारा चिह्नित 28 प्रमुख हितधारकों में से एक राजनीतिक दल भी हैं।
  • निर्वाचन आयोग द्वारा राजनीतिक दलों को लिखे पत्र में कहा गया कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951, निर्वाचक पंजीकरण नियम, 1960, चुनाव संचालन नियम, 1961, सुप्रीम कोर्ट के आदेशों ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए विकेंद्रीकृत, मजबूत और पारदर्शी कानूनी ढांचा स्थापित किया है।
संसद में उठा EPIC नंबरों में दोहराव का मुद्दा

मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपिक) नंबरों में दोहराव का मुद्दा संसद में लगातार दूसरे दिन भी गूंजा। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मतदाता सूचियों में कथित गड़बड़ी के मुद्दे पर सदन में चर्चा की मांग की। कई राजनीतिक दलों ने मतदाता सूचियों को लेकर सवाल उठाए हैं।

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India-Qatar: भारत-कतर ने आर्थिक समझौतों पर किए हस्ताक्षर, इन क्षेत्रों में करेंगे एकसाथ काम

Dainik Jagran - National - March 11, 2025 - 11:30pm

 पीटीआई, नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि भारत और कतर ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी की रूपरेखा एवं निवेश, वित्तपोषण साधनों के उपयोग के साथ आर्थिक नीतियों में आपसी सहयोग के प्रोत्साहन एवं विकास के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

भारत यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए गए

वित्तीय और आर्थिक सहयोग के इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर दोनों देशों के बीच 18 फरवरी को कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी की भारत यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे।

मंत्रालय ने कहा, 'एमओयू का उद्देश्य आर्थिक नीतियों, वित्तपोषण साधनों के उपयोग, सार्वजनिक-निजी भागीदारी के प्रारूप एवं निवेश के क्षेत्रों में आपसी सहयोग को बढ़ावा देना और विकसित करना है।'

एमओयू से दोनों देशों में निवेश के लिए नए अवसरों की उम्मीद

इस एमओयू से दोनों देशों में निवेश के लिए नए एवं उभरते क्षेत्रों और अवसरों की तलाश होने की उम्मीद है। दोनों देशों के वित्त मंत्रालय आपस में संयुक्त सहयोग कॉ माडल और क्षेत्रों को बढ़ावा देंगे।

दोनों देश विशेषज्ञ कार्यशालाओं, संगोष्ठियों एवं सम्मेलनों का आयोजन, संयुक्त कार्य के क्षेत्रों में दस्तावेजी और तकनीकी जानकारी के आदान-प्रदान और दोनों देशों के व्यापारिक समुदायों के बीच संवाद बनाए रखने की पहल करेंगे।

एक साथ काम करने और निवेश पर होगा काम

मंत्रालय ने कहा कि यह एमओयू दोनों पक्षों की एक साथ काम करने और निवेश, विकास और प्रगति के लिए नए अवसरों को खोलने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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'मेरा बेटा आतंकवादी नहीं था', जार्डन में मारे गए केरल के व्यक्ति के पिता ने सरकार से जांच की मांग की

Dainik Jagran - National - March 11, 2025 - 11:30pm

पीटीआई, तिरुअनंतपुरम। इजराइल में प्रवेश की कोशिश करते समय कथित रूप से जार्डन के सशस्त्र बलों की गोली का शिकार हुए थामस गेब्रियल परेरा को मंगलवार को तिरुअनंतपुरम के थुंबा में एक गिरजाघर के कब्रिस्तान में दफना दिया गया। परेरा का शव मंगलवार सुबह तिरुअनंतपुरम लाया गया था।

पिता ने न्याय की मांग की

इस बीच मृतक के पिता ने न्याय की मांग करते हुए कहा कि मेरा बेटा आतंकवादी नहीं बल्कि भारतीय नागरिक था। जब वह यहां से रवाना हुआ तो अपने साथ वीजा समेत सभी जरूरी दस्तावेज लेकर गया था। वह अकेला नहीं था, उसके साथ उसका साला भी था। बाद में ही हमें पता चला कि उसकी हत्या कर दी गई है।

परेरा के परिवार ने कहा कि मृतक के पास वैध वीजा और वापसी का टिकट था। उन्होंने मामले की सरकार से विस्तृत जांच की मांग की है। मृतक के पिता गेब्रियल परेरा ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वीडी सतीशन को एक ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें गहन जांच के लिए उनके हस्तक्षेप का अनुरोध किया गया।

दस्तावेज अब तक परिवार को नहीं सौंपे गए

नेता प्रतिपक्ष ने थॉमस को दफनाये जाने के तुरंत बाद थुंबा के सेंट जान द बैपटिस्ट चर्च में उसके परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। सतीशन ने मीडिया से कहा कि और अधिक जानकारी की आवश्यकता है क्योंकि मृतक का पासपोर्ट और अन्य यात्रा दस्तावेज अब तक परिवार को नहीं सौंपे गए हैं।

केरल वापस लाने के लिए हरसंभव प्रयास किया

भाजपा के वरिष्ठ नेता वी मुरलीधरन ने परेरा को श्रद्धांजलि देने के बाद कहा कि केंद्र सरकार ने शव को केरल वापस लाने के लिए हरसंभव प्रयास किया और उन्होंने मामले की जांच के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर से व्यक्तिगत रूप से बात की है।

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