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Indian Railways: नवरात्रि से पहले रेलवे ने दी बड़ी खुशखबरी, मैहर में रुकेंगी पांच जोड़ी ट्रेनें; देखें लिस्ट

Dainik Jagran - March 27, 2025 - 7:00am

जागरण संवाददाता, पटना। नवरात्रि के अवसर पर श्रद्धालुओं की अतिरिक्त भीड़ को ध्यान में रखते हुए पांच जोड़ी ट्रेनों का 05 मिनट का अस्थाई ठहराव मैहर स्टेशन पर प्रदान किया गया है।

वलसाड-मुजफ्फरपुर से खुलने वाली 19051-52 वलसाड-मुजफ्फरपुर वलसाड एक्सप्रेस मैहर स्टेशन पर पांच मिनट के लिए रुकेगी।

इसी तरह छत्रपति शाहू महाराज टर्मिनल, कोल्हापुर से 04 से 11 अप्रैल तक खुलने वाली वाली 11045-46 छत्रपति शाहू महाराज टर्मिनल कोल्हापुर-धनबाद एक्सप्रेस मैहर स्टेशन पर पांच मिनट के लिए रुकेगी।

लोकमान्य तिलक टर्मिनल से 15268-67 लोकमान्य तिलक टर्मिन-रक्सौल एक्सप्रेस मैहर स्टेशन पर आने-जाने में पांच मिनट के लिए रुकेगी। पूर्णा जंक्शन से खुलने वाली 17610- 09 पूर्णा जं.-पटना-पूर्णा मैहर स्टेशन पर पांच मिनट के लिए रुकेगी।

बांद्रा टर्मिनल से 31 मार्च से सात अप्रैल तक खुलने वाली 22971 बांद्रा टर्मिनस-पटना एक्सप्रेस मैहर स्टेशन पर आने-जाने में पांच मिनट के लिए मैहर स्टेशन पर रुकेगी।

चार डेट में रद रहेगी मौर्यध्वज एक्सप्रेस

उधर, उत्तर रेलवे के जम्मूतवी स्टेशन के पुनर्विकास कार्य चल रहा है। इसको लेकर जम्मूतवी स्टेशन के स्टेब्लिंग लाइन को परिर्वतन किया रहा है।

इस दौरान वहां कुछ ट्रेनों का परिचालन विभिन्न तिथियों में रद किया गया है। बरौनी और जम्मूतवी केबीच चलने वाली 14691/92 मौर्यध्वज एक्सप्रेस का अप व डाउन में पांच तिथियों में रद रहेगी।

इस बात की जानकारी पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सरस्वती चंद्र ने बुधवार को दी। इधर इस ट्रेन के रद होने की सूचना कंफर्म टिकट लिए यात्रियों के मोबाइल पर भी चला गया है।

इससे यात्रियों की परेशानी बढ़ गई। यात्रियों का कहना है कि दो काफी मशक्कत के बाद दो महीना पहले ओपनिंग टिकट लेने पर कंफर्म मिला।

यात्रा शुरू करने से पहले ही ट्रेन रद हो गई। अब कहां से कंफर्म टिकट मिलेगा। यह सोचकर सैकड़ों यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। कुछ यात्रियों ने रेलवे से मुआवजा की मांग की है।

इन तिथियों में रद रहेगी मौर्यध्वज एक्सप्रेस
  • 14692 जम्मूतवी-बरौनी मौर्यध्वज एक्सप्रेस - 28 मार्च तथा 04, 11, 18 एवं 25 अप्रैल को रद रहेगी।
  • 14691 बरौनी-जम्मूतवी मौर्यध्वज एक्सप्रेस - 30 मार्च तथा 06, 13, 20 एवं 27 अप्रैल,को रद रहेगी।
  • उधर, यात्रियों की अत्यधिक भीड़ को देखते हुए एक वन-वे अनारक्षित स्पेशल ट्रेन का परिचालन किया जा रहा है।
  • 05581 दरभंगा-आनंद विहार वन-वे स्पेशल दो अप्रैल को दरभंगा से 18:30 बजे खुलकर सीतामढ़ी, रक्सौल नरकटियागंज, गोरखपुर के रास्ते अगले दिन 18:00 बजे आनंद विहार पहुंचेगी। इस स्पेशल में साधारण श्रेणी के 19 कोच होंगे। 

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Nitin Gadkari: विभिन्न कारणों से देशभर में अटकी 637 परियोजनाएं, नितिन गडकरी ने संसद में बताई बड़ी वजह

Dainik Jagran - National - March 27, 2025 - 6:57am

 पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में एक जवाब में कहा कि भारतमाला परियोजना योजना के अंतर्गत आने वाली परियोजनाओं सहित 637 परियोजनाओं में मुख्य रूप से भूमि अधिग्रहण संबंधी मुद्दों और ठेकेदारों के समक्ष आने वाली वित्तीय कठिनाइयों जैसे कारणों से देरी हो रही है।

637 परियोजनाओं के क्रियान्वयन में देरी- गडकरी

गडकरी ने राज्यसभा में एक जवाब में कहा कि अप्रत्याशित घटनाओं के अलावा निर्माण सामग्री की कमी आदि के कारण भी परियोजनाओं में देरी हुई है। ''भारतमाला परियोजना योजना के अंतर्गत आने वाली परियोजनाओं सहित 637 परियोजनाओं के क्रियान्वयन में देरी हुई है।''

इन चुनौतियों से निपटने और परियोजना निष्पादन में तेजी लाने के लिए सरकार ने विभिन्न पहल की हैं।इसके अलावा, अगर देरी ठेकेदार की वजह से होती है, तो हर्जाना लगाया जाता है और देरी के कारण कोई अतिरिक्त लागत नहीं आती है। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसी विलंबित परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है।

साइबर अपराधों से निपटने को संयुक्त साइबर समन्वय दल

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने कहा कि केंद्र ने साइबर अपराधों और साइबर अपराध हाटस्पाट से निपटने वाली विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच समन्वय बढ़ाने के लिए सात संयुक्त साइबर समन्वय दल गठित किए हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) ने डिजिटल गिरफ्तारी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले 3,962 से अधिक स्काइप आइडी और 83,668 वाट्सएप अकाउंट की सक्रिय रूप से पहचान की है और उन्हें ब्लॉक किया है।

दो लाख ग्राम पंचायतें ब्राडबैंड कनेक्टिविटी के लिए तैयार

पंचायती राज राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने बुधवार को कहा कि ग्रामीण भारत को किफायती हाइ-स्पीड इंटरनेट उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एक परियोजना के तहत दो लाख से अधिक ग्राम पंचायतों को सेवा के लिए तैयार किया गया है।

बघेल ने एक लिखित उत्तर में राज्यसभा को सूचित किया कि देश की सभी ग्राम पंचायतों को ब्राडबैंड सेवाएं प्रदान करने के लिए दूरसंचार विभाग (डीओटी) द्वारा भारतनेट परियोजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है।

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Trump slaps 25% tariff on imported autos

Business News - March 27, 2025 - 6:17am
US President Donald Trump on Wednesday announced a 25% tariff on auto imports, a move the White House claims will boost domestic manufacturing but could strain automakers reliant on global supply chains. "This will continue to spur growth. We'll effectively be charging a 25% tariff," Trump told reporters.Expected to generate $100 billion annually, the tariffs could complicate operations even for US automakers, as many source parts globally. The tax hike, starting in April, may lead to higher costs and lower sales. However, Trump insists the measure will encourage more factories in the US and end what he calls a "ridiculous" supply chain stretching across the US, Canada, and Mexico.Emphasizing his commitment, Trump stated, "This is permanent."Also Read: What's in Trump's new 25% tariffs on US auto imports?Following the announcement, General Motors shares dropped about 3%, while Ford saw a slight gain. Stellantis, the parent company of Jeep and Chrysler, fell nearly 3.6%.Japan’s top carmakers also took a hit—Toyota slid 3.7%, Nissan 3.2%, and Honda 3.1%, with similar declines for Mitsubishi and Hyundai. The move threatens Japan’s auto sector, a key employer, and its $142 billion exports to the US. Trump's defining policyTrump has long said that tariffs against auto imports would be a defining policy of his presidency, betting that the costs created by the taxes would cause more production to relocate to the United States while helping narrow the budget deficit. But US and foreign automakers have plants around the world to accommodate global sales while maintaining competitive prices -- and it could take years for companies to design, build and open the new factories that Trump is promising.The tariffs on autos would start being collected on April 3, Trump said. If the taxes are fully passed onto consumers, the average auto price on an imported vehicle could jump by USD 12,500, a sum that could feed into overall inflation. Trump was voted back into the White House last year because voters believed he could bring down prices. Foreign leaders on Trump tariffsForeign leaders were quick to criticise the tariffs, a sign that Trump could be intensifying a broader trade war that could damage growth worldwide. "This is a very direct attack. We will defend our workers. We will defend our companies. We will defend our country," Canadian Prime Minister Mark Carney said. In Brussels, European Commission President Ursula von der Leyen expressed regret at the US decision to target auto exports from Europe and vowed that the bloc would protect consumers and businesses. "Tariffs are taxes - bad for businesses, worse for consumers equally in the U.S. and the European Union," she said in a statement, adding that the EU's executive branch would assess the impact of the move, as well as other US tariffs planned for coming days. A new incentive to help car buyersAs Trump announced the new tariffs, he indicated that he would like to provide a new incentive to help car buyers by allowing them to deduct from their federal income taxes the interest paid on auto loans, so long as their vehicles were made in America. That deduction would eat into some of the revenues that could be generated by the tariffs. The new tariffs would apply to both finished autos and parts used in the vehicles, according to a White House official who spoke on condition of anonymity to discuss the taxes on a call with reporters. The tariffs would be on top of any existing taxes and were legally based on a 2019 Commerce Department investigation that occurred during Trump's first term on national security grounds. For autos and parts under the USMCA trade pact applying to the United States, Mexico and Canada, the 25 per cent tariffs would only apply to non-US content. The administration is reasoning that there is excess capacity at US automakers that will enable them to ramp up production to avoid the tariffs by manufacturing more domestically, with the official noting that automakers have known since the Trump campaign that tariffs were coming. The auto tariffs are part of a broader reshaping of global relations by Trump, who plans to impose what he calls "reciprocal" taxes on April 2 that would match the tariffs, sales taxes charged by other nations. Trump targets ChinaTrump has already imposed a 20% import tax on all Chinese goods due to the country's role in fentanyl production.He also slapped 25% tariffs on Mexico and Canada, with a lower 10% tax on Canadian energy products. However, some of these tariffs, including those on autos, were temporarily suspended after automakers pushed back. Trump granted a 30-day reprieve, which is set to expire in April.Additionally, he has enforced a 25% tariff on all steel and aluminum imports, revoking earlier exemptions from his 2018 metal tariffs.Further duties are planned on computer chips, pharmaceutical drugs, lumber, and copper.With inputs from Associated Press
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BofA lowers its ratings on Swiggy and Zomato

Business News - March 27, 2025 - 5:36am
Mumbai: Bank of America (BofA) Securities downgraded its ratings on Zomato and Swiggy, and cut their target prices citing expectations of rising losses in the quick commerce business over the next 12-15 months and slowing growth in margins in the food delivery unit.The brokerage has downgraded Zomato from 'Buy' to 'Neutral', and cut its price target to ₹250 per share, and Swiggy to 'Underperform' from 'Buy' with price target slashed to ₹325. Shares of Zomato ended 2.5% lower at ₹203.3 on Wednesday, and Swiggy closed at ₹323.9, down 3.9%.BofA's price targets imply 23% and 0.4% upsides for Zomato and Swiggy, respectively, from Wednesday's closing level. "Between Zomato and Swiggy, we find Zomato better placed with scale and first-mover advantage in quick commerce, leading to better unit economics, higher margins and a stronger cash position (hence, Neutral). Given Swiggy's higher losses in quick commerce, any prolonged price war would delay breakeven (hence, Underperform)," it said.Shares of Zomato have declined 26%, and Swiggy is down 40.2% this year.
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मानवाधिकार पर बनी लघु फिल्म दूध गंगा-वेलीज डाइंग लाइफलाइन को पहला पुरस्कार, जानें दूसरे और तीसरे स्थान पर कौन रहा

Dainik Jagran - National - March 27, 2025 - 3:30am

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बुधवार को 2024 में मानवाधिकारों पर लघु फिल्मों की प्रतियोगिता में सात सर्वश्रेष्ठ फिल्मों को पुरस्कृत किया। इंजीनियर अब्दुल रशीद भट की फिल्म 'दूध गंगा-वेलीज डाइंग लाइफलाइन' को पहला पुरस्कार मिला है।

एनएचआरसी को देश भर से कुल 303 प्रविष्टियां प्राप्त हुईं

यह फिल्म इस बात पर चिंता जताती है कि कैसे दूध गंगा नदी में विभिन्न अपशिष्टों के प्रवाहित होने से यह प्रदूषित हुई और घाटी के लोगों की भलाई के लिए इसके जीर्णोद्धार की आवश्यकता है। यह फिल्म अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू में हैं तथा फिल्म के सारे शीर्षक अंग्रेजी में हैं। एनएचआरसी को देश भर से कुल 303 प्रविष्टियां प्राप्त हुईं थीं।

दूसरा पुरस्कार आंध्र प्रदेश के कदारप्पा राजू की 'फाइट फॉर राइट्स' को मिला है। यह फिल्म बाल विवाह और शिक्षा के मुद्दे को उठाती है। तीसरा पुरस्कार आर रविचंद्रन द्वारा बनाई गई 'गॉड' को मिला है। इस मूक फिल्म में एक बूढ़े नायक के माध्यम से पेयजल का मूल्य बताया गया है।

चार लघु फिल्मों को विशेष उल्लेख प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया। इनमें तेलंगाना के हनीश उंद्रमतला की 'अक्षराभ्यासम', तमिलनाडु के आर सेल्वम की 'विलायिला पट्टाधारी' (एन एक्सपेंसिव ग्रेजुएट), आंध्र प्रदेश के मदका वेंकट सत्यनारायण की 'लाइफ आफ सीता' और आंध्र प्रदेश के लोटला नवीन की 'बी ए ह्यूमन' हैं।ये पुरस्कार दिल्ली में एनएचआरसी परिसर में आयोजित समारोह में दिए गए।

देश के विभिन्न हिस्सों से 300 से अधिक प्रविष्टियां प्राप्त हुई

इस अवसर पर एनएचआरसी अध्यक्ष जस्टिस वी रामसुब्रमण्यन ने संबोधन में कहा कि आयोग का उद्देश्य मानवाधिकारों के संरक्षण और संवर्धन के प्रति जागरूकता पैदा करना है। मानव अधिकारों पर लघु फिल्म प्रतियोगिता पिछले एक दशक से इस उद्देश्य को बहुत प्रभावी ढंग से पूरा कर रही है। 2015 में जब यह प्रतियोगिता शुरू हुई थी तब केवल 40 प्रविष्टियां प्राप्त हुईं थीं और अपने 10वें वर्ष 2024 में देश के विभिन्न हिस्सों से 300 से अधिक प्रविष्टियां प्राप्त हुई।

ये लोग रहे उपस्थित

इससे पता चलता है कि मानवाधिकार जागरूकता के साथ इस आयोजन ने कश्मीर से कन्याकुमारी तक लोगों के बीच कितनी लोकप्रियता हासिल की है। इस मौके पर एनएचआरसी सदस्य न्यायमूर्ति विद्युत रंजन सारंगी, विजया भारती सयानी और महासचिव भरत लाल आदि उपस्थित थे।

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दुर्घटना वाले दिन औसत बिक्री से 11 प्रतिशत अधिक बिके प्लेटफॉर्म टिकट, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हादसे पर बोले रेल मंत्री

Dainik Jagran - National - March 27, 2025 - 3:25am

 पीटीआई, नई दिल्ली। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि 15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 11,099 प्लेटफार्म टिकट बिके। उस दिन स्टेशन पर भगदड़ मची थी जिसमें 18 यात्रियों की मौत हो गई थी, और यह प्रतिदिन औसत बिक्री से केवल 11 प्रतिशत अधिक है।

टीएमसी सांसद ने पूछा सवाल

बुधवार को लोकसभा में एक लिखित जवाब में रेल मेंत्री ने कहा कि मौजूदा प्लेटफार्म की क्षमता इस भार को वहन करने के लिए पर्याप्त है। अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद अधिकारी दीपक ने पिछले छह महीनों के साथ-साथ 15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से प्लेटफार्म टिकटों की बिक्री का ब्योरा मांगते हुए यह मुद्दा उठाया।

वैष्णव ने कहा, ''व्यक्तियों को प्लेटफॉर्म टिकट जारी करने का उद्देश्य मुख्य रूप से बुजुर्ग, मरीज, महिला यात्री आदि टिकट धारकों को प्लेटफॉर्म क्षेत्र के अंदर ले जाना है।'' उन्होंने कहा, ''प्लेटफॉर्म टिकट जारी होने के समय से केवल दो घंटे के लिए वैध होता है और इन टिकटों को जारी करना प्लेटफॉर्म पर बैठने की जगह की क्षमता के अनुसार सीमित होता है।''

16 लाख लोगों को परोसा जाता है ट्रेन में खाना

उन्होंने कहा कि सितंबर, 2024 से फरवरी, 2025 के दौरान नई दिल्ली स्टेशन से प्रतिदिन बिकने वाले प्लेटफॉर्म टिकटों की औसत संख्या 9,958 थी। लोकसभा में ही उन्होंने बताया कि ट्रेनों में प्रतिदिन 16 लाख भोजन परोसा जाता है। एक लिखित जवाब में उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे के नेटवर्क पर प्रतिदिन औसतन 16 लाख भोजन परोसा जाता है, ताकि सुचारू और निर्बाध सेवाएं सुनिश्चित की जा सकें।

उधर, वैष्णव ने राज्यसभा में कहा कि रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) को पिछली प्रणाली में कथित अनियमितताओं के कारण विभागीय परीक्षा आयोजित करने के लिए कहा गया था। रेल मंत्रालय ने हाल ही में एक आदेश जारी किया था जिसके माध्यम से उसने सभी विभागीय पदोन्नति परीक्षाओं को रद कर दिया था और आरआरबी को भविष्य में ऐसी सभी परीक्षाएं आयोजित करने के लिए कहा था।

नवरत्न के दर्जे से हितधारकों का विश्वास बढ़ेगा : रेल मंत्री

वैष्णव ने कहा कि आइआरसीटीसी और आइआरएफसी को नवरत्न का दर्जा दिए जाने से बाजार की धारणा, हितधारकों का विश्वास और सबसे महत्वपूर्ण बात, कर्मचारियों का मनोबल और प्रेरणा बढ़ेगी।

कांग्रेस सांसद विजय वसंत ने भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) और भारतीय रेलवे वित्त निगम (आइआरएफसी) को नवरत्न का दर्जा दिए जाने का मुद्दा उठाया और उनके वित्तीय प्रदर्शन के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी, जिसके कारण उन्हें नवरत्न का दर्जा दिया गया। उन्होंने अन्य मुद्दों के अलावा यह भी पूछा कि क्या इससे उनके संचालन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ने की उम्मीद है।

रेल मंत्री ने कहा, ''आइआरसीटीसी और आइआरएफसी का परिचालन से राजस्व क्रमश: 17 प्रतिशत और 14 प्रतिशत से अधिक की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ा है, जबकि पिछले पांच वर्षों के दौरान नेटवर्थ, ब्याज, मूल्य और कर से पहले की कमाई और कर के बाद लाभ क्रमश: 20 प्रतिशत और 10 प्रतिशत से अधिक चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर के साथ बढ़ा है।''

अंतरिक्ष कानून के मसौदे की गहन जांच की जा रही : जितेंद्र सिंह

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि अंतरिक्ष कानून के मसौदे की गहन जांच की जा रही है क्योंकि यह इस क्षेत्र के लिए पहला विधेयक है। ''इस क्षेत्र में पहला विधेयक होने के कारण, सरकार में इसकी गहन जांच की जा रही है और सभी उचित प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद इसे पेश किया जाएगा।''

भारत में अंतरिक्ष गतिविधियों को विनियमित करने और बढ़ावा देने के लिए कानूनी ढांचा स्थापित करने के लिए ''अंतरिक्ष गतिविधि विधेयक'' पर पहली बार 2017 में चर्चा की गई थी - विशेष रूप से इस क्षेत्र में निजी खिलाडि़यों पर केंद्रित।

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पिछले वर्ष अक्टूबर से भारत-चीन संबंधों में हुआ कुछ सुधार, जयशंकर ने रिश्तों पर कही बड़ी बात

Dainik Jagran - National - March 27, 2025 - 2:24am

 पीटीआई, नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को कहा कि पिछले वर्ष अक्टूबर से भारत और चीन के बीच संबंधों में कुछ सुधार हुआ है। दोनों देश इसके विभिन्न पहलुओं पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2020 में जो हुआ, वह उन मुद्दों से निपटने का तरीका नहीं था। भविष्य में भी दोनों देशों के बीच मुद्दे उठेंगे, लेकिन संघर्ष के बिना भी उनसे निपटने के तरीके हैं।

द्विपक्षीय संबंधों को फिर कायम करने की कोशिश

बुधवार को एशिया सोसाइटी के क्यूंग-वा कांग के साथ बातचीत में जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन 2020 में की गई कार्रवाइयों से हुए नुकसान को कम करने और द्विपक्षीय संबंधों को फिर कायम करने की कोशिश कर रहे हैं।

हमने 1962 में चीन के साथ युद्ध किया था

उन्होंने कहा, ''हमने 1962 में चीन के साथ युद्ध किया था। उसके बाद हमें राजदूत को वापस भेजने में 14 वर्ष लग गए। भारत के प्रधानमंत्री को उस देश का दौरा करने में 12 वर्ष और लगे। 1988 से भारत और चीन के बीच एक समझ बनी जिसके आधार पर संबंधों को फिर बनाया गया। हम सीमा मुद्दों में से अधिकांश को हल नहीं कर सके, लेकिन हमने एक रिश्ता बनाया और उसका प्रबंधन किया।''

जयशंकर ने कहा कि सीमा मुद्दे का समाधान खोजने के लिए बातचीत चल रही थी। अगर हम 1988 को 2020 तक का शुरुआती बिंदु मानें तो सीमावर्ती क्षेत्रों में घटनाएं तो हुईं, लेकिन रक्तपात नहीं हुआ। 2020 से 45 वर्ष पहले आखिरी रक्तपात हुआ था। उन्होंने 2020 में भारत-चीन के बीच सीमा पर गतिरोध को याद किया, जिसमें भारत की ओर से सैन्य कार्रवाई शामिल थी। कहा, यह गतिरोध एलएसी पर पूर्वी लद्दाख में चीन की सैन्य कार्रवाई से शुरू हुआ था।

दोनों देशों के बीच संबंधों में काफी तनाव पैदा किया

इस घटना ने दोनों देशों के बीच संबंधों में काफी तनाव पैदा किया। यह सिर्फ रक्तपात नहीं था। यह लिखित समझौतों की अवहेलना थी क्योंकि यह वह स्याह क्षेत्र नहीं है जिसके बारे में हम बात कर रहे हैं। यानी जिस पर सहमति बन गई थी, उसकी शर्तों से हटना बहुत महत्वपूर्ण था। विदेश मंत्री ने कहा कि यह मुद्दा अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है और यह अवधि (2020 से 2025) भी दोनों देशों में से किसी के हित में नहीं रही।

कैलास मानसरोवर यात्रा बहाली पर आगे बढ़ी बात

भारत और चीन के विदेश मंत्रालयों के बीच बुधवार को बी¨जग में आधिकारिक परामर्श बैठक हुई। इसके बाद विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत-चीन ने 2025 में कैलास मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने के तौर-तरीकों पर और प्रगति की है।

विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) गौरांगलाल दास ने चीनी विदेश मंत्रालय के एशियाई मामलों के विभाग के महानिदेशक लियू जिनसोंग के साथ यह बैठक की। इस दौरान दोनों पक्षों ने संबंधों को स्थिर बनाने और पुनर्निर्माण के लिए जनवरी, 2025 में विदेश सचिव और चीनी उप विदेश मंत्री के बीच बैठक में सहमति वाले विशिष्ट कदमों के साथ-साथ रणनीतिक निर्देशों को लागू करने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा की।

आगे अहम मु्द्दों पर होगी बातचीत

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, ''दोनों पक्ष लोगों के बीच आदान-प्रदान को और सुविधाजनक बनाने एवं बढ़ावा देने के प्रयासों को जारी रखने पर सहमत हुए, जिनमें सीधी उड़ानें फिर से शुरू करने, मीडिया व थिंक-टैंकों के बीच बातचीत और राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मनाना शामिल है। दोनों पक्षों ने 2025 में कैलास मानसरोवर यात्रा फिर शुरू करने के तौर-तरीकों पर और प्रगति की है।''

चरणबद्ध तरीके से वार्ता तंत्र को बहाल करने पर चर्चा की

बयान के अनुसार, दोनों पक्षों ने इस वर्ष निर्धारित वार्ता व गतिविधियों का भी जायजा लिया। चरणबद्ध तरीके से वार्ता तंत्र को बहाल करने पर चर्चा की, ताकि एक-दूसरे के हितों व चिंताओं के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर ध्यान दिया जा सके तथा संबंधों को अधिक स्थिर व पूर्व अनुमानित मार्ग पर ले जाया जा सके। इससे पहले मंगलवार को दोनों देशों ने परामर्श एवं समन्वय के लिए कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) के तहत बातचीत की थी।

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UGC ने लॉन्च किया अप्रेंटिसशिप एम्बेडेड डिग्री प्रोग्राम, रोजगार क्षमता होगी मजबूत

Dainik Jagran - National - March 27, 2025 - 1:33am

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) से आग्रह किया है कि वे स्नातक छात्रों के लिए अप्रेंटिसशिप एम्बेडेड डिग्री प्रोग्राम (एईडीपी) लागू करें, ताकि छात्र अपनी पढ़ाई के साथ-साथ व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें और रोजगार के अवसर बढ़ा सकें।

यूजीसी के अनुसार, एईडीपी का मुख्य मकसद छात्रों की रोजगार क्षमता को बढ़ाना, परिणाम आधारित शिक्षा पर जोर देना, उच्च शिक्षण संस्थानों और उद्योगों के बीच संबंध मजबूत करना, और उद्योगों में कौशल अंतर को कम करना है।

तीन वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में छात्रों को कम से कम एक सेमेस्टर और अधिकतम तीन सेमेस्टर तक अप्रेंटिसशिप करनी होगी। चार वर्षीय पाठ्यक्रम में यह अवधि न्यूनतम दो सेमेस्टर और अधिकतम चार सेमेस्टर की होगी।

पात्रता मानदंड

कोई भी उच्च शिक्षा संस्थान एईडीपी कार्यक्रम पेश कर सकता है, यदि वह निम्नलिखित में से किसी एक शर्त को पूरा करता है:

  • राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) की विश्वविद्यालय श्रेणी में रैंकिंग।
  • राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC) से वैध ग्रेड या स्कोर।
  • यूजीसी द्वारा निर्दिष्ट मानदंडों का अनुपालन करते हुए NAAC द्वारा वैध बुनियादी प्रत्यायन।
प्रशिक्षुता के लिए सहयोग

उच्च शिक्षा संस्थान प्रशिक्षुता अधिनियम, 1961 और प्रशिक्षुता नियम, 1992 के अनुरूप वजीफे के साथ, प्रशिक्षुता को सुविधाजनक बनाने के लिए कंपनियों के साथ सहयोग कर सकते हैं। वे राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना (NATS) पोर्टल के माध्यम से भी एईडीपी को लागू कर सकते हैं, जहां वजीफे को प्रशिक्षुता प्रशिक्षण बोर्ड (BOAT) या व्यावहारिक प्रशिक्षण बोर्ड (BOPT) के साथ साझेदारी में सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा।

पूर्व शिक्षा की मान्यता (आरपीएल) दिशानिर्देश

यूजीसी ने पूर्व शिक्षा की मान्यता (आरपीएल) के कार्यान्वयन के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं, जो व्यक्तियों के मौजूदा ज्ञान, कौशल और अनुभव का मूल्यांकन करने के लिए एक औपचारिक तंत्र है, ताकि उच्च शिक्षा योग्यता के साथ सहज एकीकरण हो सके। इन पहलों का मकसद छात्रों को व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना और उन्हें उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार करना है, जिससे उनकी रोजगार क्षमता में वृद्धि हो सके।

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