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डिस्कॉम के लिए फिर आएगी उदय जैसी स्कीम? जानिए ऊर्जा मंत्रालय की क्यों बढ़ रही चिंता

Dainik Jagran - National - March 30, 2025 - 11:03pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विगत दो वर्षों में देश की बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) पर बकाये की राशि 1.39 लाख करोड़ रुपये से घट कर तकरीबन 25 हजार करोड़ रुपये (दिसबंर, 2024) रह गई है।

इन दो वर्षों में डिस्कॉम को ट्रांसमिशन व वितरण (टीएंडडी-चोरी आदि) से होने वाली हानि का स्तर भी 22 फीसद से घट कर 16 फीसद पर आ गया है, लेकिन इन आंकड़ों के आधार पर इस आकलन पर मत पहुंचिए कि डिस्काम की वित्तीय स्थिति ठीक है।

असलियत में बिजली मंत्रालय इस बात से चिंतित है कि जिस तेजी से देश में बिजली की मांग बढ़ रही है और समूचे बिजली सेक्टर में बदलाव हो रहा है, उस हिसाब से डिस्कॉम की स्थिति नहीं सुधरी है। ऐसे में खतरा है कि देश में पर्याप्त बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होने के बावजूद डिस्कॉम की कमजोरी समूचे बिजली सेक्टर में एक कमजोर कड़ी न बन जाए।

फिर उदय जैसी स्कीम लाने पर विचार

बिजली वितरण कंपनियों की स्थिति पर गठित राज्यों के मंत्री समूह की बैठक में केंद्र के बिजली राज्य मंत्री श्रीपद यशो नाइक ने एक बार फिर उदय जैसी योजना की वकालत की है। मंत्रियों के समूह की यह तीसरी बैठक थी जो लखनऊ में हुई। इस बैठक में नाइक ने डिस्कॉम पर बकाये कर्ज की राशि को नए सिरे से समाोयजित करने की स्कीम लाने के संकेत दिए। बिजली वितरण कंपनियों पर ब्याज के बोझ को कम करने, इनके स्तर पर बिजली स्टोरेज सिस्टम को विकसित करने पर जोर देते हुए एक उदय (उज्वल डिस्कॉम एसुरेंस योजना) की जरुरत भी बताई।

पहली बार 2015 में लॉन्च की गई थी उदय स्कीम

हाल के वर्षों में यह पहला मौका है जब केंद्रीय मंत्री की तरफ से ही उदय स्कीम को नये सिरे से लागू करने की मांग हुई है। मोदी सरकार के पहली बार सत्ता में आने के बाद जब डिस्कॉम पर वित्तीय बोझ बहुत बढ़ गया था तब इन पर बकाये कर्ज के समायोजन के उद्देश्य से वर्ष 2015 में उदय को लॉन्च किया गया था।

बाद में वर्ष 2021-22 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उदय 2.0 को लॉन्च की गई थी। अब सरकार इसका तीसरी बार लॉन्च करने को तैयार दिख रही है जो बता रहा है कि डिस्कॉम की मौजूदा स्थिति बहुत संतोषप्रद नहीं है। अप्रैल, 2025 में मंत्री समूह की चौथी बैठक होने वाली है जिसमें इस बारे में अंतिम फैसला होने की उम्मीद है।

बिजली दरें तय करने पर भी किया गया विमर्श

बिजली मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि बिजली की दरें तय करने को लेकर नियामक एजेंसियों की भूमिका पर विस्तार से विमर्श हुआ है। बैठक में कुछ राज्यों ने केंद्र से वहां डिस्कॉम के निजीकरण के लिए हो प्रयासों की सफलता के लिए मदद की मांग की है। खास तौर पर रिनीवेबल सेक्टर से पैदा होने वाली बिजली को मौजूदा ट्रांसमिशन लाइन से जोड़ने के लिए अतिरिक्त आर्थिक मदद की मांग की जा रही है।

अधिकांश राज्यों की यह मांग है कि नियामक एजेंसियों को बिजली की दरें तय करने में महंगाई की दरों को ध्यान में रखने की नीति लागू होनी चाहिए। बिजली की दरों को महंगाई से जोड़ दिए जाने से बिजली की बढ़ी हुई लागत का जो बोझ डिस्कॉम पर पड़ता है, उसकी भरपाई करना आसान हो जाएगा।

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क्यों नहीं थम रही जंगल की आग, कौन है जिम्मेदार और कितना हुआ नुकसान? संसद में रिपोर्ट पेश

Dainik Jagran - National - March 30, 2025 - 11:00pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश में एक ओर जहां हरियाली बढ़ाने की मुहिम छिड़ी हुई है, वहीं गर्मी के दिनों में हर साल जंगल में लगने वाली आग एक बड़े हरे-भरे हिस्से को निगल भी जा रही है। वैसे तो इस आग के पीछे का बड़ा कारण जलवायु परिवर्तन को माना जा रहा है लेकिन इससे निपटने के लिए हमारी तैयारियां भी कम जिम्मेदार नहीं है।

यह बात अलग है कि पिछले सालों में जंगल में आग लगने की अग्रिम चेतावनी ने इस नुकसान को कम किया गया है, पर आग लगने की घटनाओं में ज्यादा कमी नहीं आयी है। इनमें उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ सहित देश के दर्जन भर से अधिक राज्य ऐसे हैं, जहां जंगल की आग परेशान करने वाली है। इनमें उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में जंगल में आग की घटनाओं ने तो सारे रिकार्ड ही तोड़ दिए है।

संसद में पेश की गई रिपोर्ट

वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने जंगल में आग की घटनाओं को लेकर संसद में सौंपी एक रिपोर्ट में बताया है कि गर्मी शुरू होते ही सैटेलाइट के जरिए जंगल में आग लगने वाले संभावित क्षेत्रों पर पैनी नजर रखी जाती है। इस दौरान ऐसे संभावित क्षेत्रों को लेकर सात दिन पहले एक अलर्ट जारी किया जाता है।

गर्मी आने से पहले दिए जाते हैं कई निर्देश

इसके साथ ही गर्मी की दस्तक देने से पहले राज्यों को वन क्षेत्र को आग से बचाने के लिए फायर लाइन (वनक्षेत्र के बीच गलियारा ) तैयार करने, घास की कटाई, सूखे पत्तों की सफाई करने और मानवीय हस्तक्षेप को कम करने जैसे उपाय करने, जंगल पर निगरानी बढ़ाने के पर्याप्त प्रशिक्षित अमले की तैनाती देने के निर्देश दिए जाते है। जो राज्य इसका ठीक ढंग से पालन करते हैं, वहां आग की घटनाएं में कमी या नुकसान कम देखने को मिलता है।

गल में आग लगने की कुल घटनाएं 2.12 लाख रिपोर्ट

रिपोर्ट में देश के दस प्रतिशत वनक्षेत्र को आग लगने वाले अति संवेदनशील क्षेत्र के रूप में चिह्नित किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक जंगल में आग लगने की घटनाओं का आकलन नवंबर से जून महीने तक किया जाता है। इस दौरान नवंबर 2022 से जून 2023 के बीच देश में जंगल में आग लगने की कुल घटनाएं 2.12 लाख रिपोर्ट हुई थी, जबकि नवंबर 2023 से जून 2024 के बीच यह संख्या 2.03 लाख रिपोर्ट हुई थी। यानी इनमें कमी आयी है।

साथ ही समय पर आग लगने की सूचना मिलने से इनके नुकसान का दायरा भी घटा है। वर्ष 2022-23 में जहां इससे पांच सौ करोड़ का नुकसान हुआ था, वहीं 2023-24 में तीन सौ करोड़ के नुकसान का अनुमान है।

प्रशिक्षित की गई एनडीआरएफ की तीन कंपनियां

जंगल की तेज होती आग से निपटने के लिए सरकार ने अलर्ट सिस्टम के साथ ही एनडीआरएफ की तीन कंपनियों को भी इससे निपटने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया है। जो राज्यों की मांग पर मुहैया कराई जाएगी। तीनों कंपनियों में कुल 150 जवान शामिल है। इन्हें यह प्रशिक्षण राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण(एनडीएमए) व राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल(एनडीआरएफ) ने संयुक्त रूप से दिया है।

शीर्ष के दस राज्य, जहां सबसे अधिक आग की घटनाएं रिपोर्ट हुई

राज्य वर्ष 2022-23 वर्ष 2023-24 उत्तराखंड 5351 21033 ओडिशा 33461 20973 छत्तीसगढ़ 20306 18950 आंध्र प्रदेश 19367 18174 महाराष्ट्र 16119 16008 मध्य प्रदेश 17142 15878 हिमाचल प्रदेश 704 10136 असम 9830

7639

झारखंड 11923 7526 मिजोरम 5798 6627 जम्मू कश्मीर 131 3829

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Trump says not joking about third term

Business News - March 30, 2025 - 10:38pm
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BJP vs Cong in Bengal over Ram Navami

Business News - March 30, 2025 - 10:12pm
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वन्यजीव संरक्षण के लिए बड़ी सफलता, नवेगांव नागजीरा टाइगर रिजर्व में दिखीं 50 विशाल उड़ने वाली गिलहरियां

Dainik Jagran - National - March 30, 2025 - 9:17pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गोंदिया के नवेगांव नागजीरा टाइगर रिजर्व (NNTR) में हाल ही में किए गए एक सर्वे में करीब 50 भारतीय विशाल उड़ने वाली गिलहरियों की उपस्थिति दर्ज की गई है। यह खोज वन्यजीव संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

विशेषज्ञों के अनुसार, यह गिलहरी अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की 'सबसे कम चिंताजनक' श्रेणी में आती है। लेकिन आवास की हानि, जंगलों का क्षरण और शिकार जैसे कारणों से इसकी संख्या प्रभावित हो रही है।

सर्वे की अहमियत

एनएनटीआर के उप निदेशक पवन जेफ ने बताया कि फरवरी में चरण IV की निगरानी के दौरान वैज्ञानिकों ने इन गिलहरियों की मौजूदगी को दर्ज किया। उन्होंने कहा, "ऐसे सर्वेक्षण से हमें इनके संरक्षण और सुरक्षा के लिए बेहतर रणनीति बनाने में मदद मिलेगी।"

इस गिलहरी के बारे में अब तक क्या है मालूम

भारतीय विशाल उड़ने वाली गिलहरी कृंतक (Rodent) परिवार का सदस्य है और यह भारत, चीन, लाओस, म्यांमार, श्रीलंका, ताइवान, थाईलैंड और वियतनाम में पाई जाती है। इन गिलहरियों की खासियत यह है कि ये लंबी छलांग लगाकर एक पेड़ से दूसरे पेड़ तक "उड़ने" में सक्षम होती हैं। यह खोज वन्यजीव प्रेमियों और संरक्षणवादियों के लिए उत्साहजनक है और इससे इन दुर्लभ गिलहरियों के संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।

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Trump says 'very angry, pissed off' with Putin

Business News - March 30, 2025 - 8:37pm
US President Donald Trump said Sunday he was "very angry, pissed off" with Russian leader Vladimir Putin, NBC reported, marking a sharp change of tone as Washington seeks to end the war in Ukraine.NBC's Kristen Welker said Trump had called her to express his anger over Putin questioning Ukrainian President Volodymyr Zelensky's future as a leader -- something that Trump himself has done.Welker, on her NBC show "Meet The Press" on Sunday, quoted directly from an early-morning telephone conversation with the president.Trump said that "if Russia and I are unable to make a deal on stopping the bloodshed in Ukraine, and if I think it was Russia's fault" then he would impose "secondary tariffs on all oil coming out of Russia."Welker said Trump told her "I was very angry, pissed off" over Putin's recent comments about Zelensky's credibility and talking about new leadership in Ukraine.Trump has been pushing for a speedy end to the more than three-year war since taking office, but his administration has failed to reach a breakthrough despite talks with both sides.Putin rejected a joint US-Ukrainian plan for a 30-day ceasefire, and on Friday suggested Zelensky be removed from office as part of the peace process.Ukraine has accused Russia of dragging out talks with no intention of halting its offensive, with a fresh attack over the weekend on the northeastern border city of Kharkiv.Trump told NBC that Putin knows he is angry, but said that he has "a very good relationship with him" and "the anger dissipates quickly... if he does the right thing."Russia bolstered Warming ties between Washington and Moscow since Trump's return to office and his threats to stop supporting Kyiv have bolstered Russia on the battlefield as it pursues its floundering invasion.Putin, in power for 25 years and repeatedly elected in votes with no competition, has often questioned Zelensky's "legitimacy" as president, after the Ukrainian leader's initial five-year mandate ended in May 2024.Under Ukrainian law, elections are suspended during times of major military conflict, and Zelensky's domestic opponents have all said no ballots should be held until after the conflict.Trump has himself had rocky relations with Zelensky, calling him a "dictator" and clashing with him live on camera at the White House last month."For too long now, America's proposal for an unconditional ceasefire has been on the table without an adequate response from Russia," Zelensky said in his evening address on Saturday."There could already be a ceasefire if there was real pressure on Russia," he added, thanking those countries "who understand this" and have stepped up sanctions pressure on the Kremlin.Both Moscow and Kyiv agreed to the concept of a Black Sea truce following talks with US officials earlier this week, but Russia said the deal would not enter into force until Ukraine's allies lifted certain sanctions.Explaining the secondary tariffs threat, Trump told NBC "that would be that if you buy oil from Russia, you can't do business in the United States.""There will be a 25 percent tariff on all oil, a 25 to 50 point tariff on all oil," he added, without giving further details.
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Bihar Teacher Transfer: खुशखबरी! पत्नी की पोस्टिंग के आधार पर बिहार में 2151 टीचरों का हुआ ट्रांसफर

Dainik Jagran - March 30, 2025 - 8:35pm

राज्य ब्यूरो, पटना। शिक्षा विभाग ने रविवार को राज्य के सरकारी विद्यालयों के पुरुष शिक्षकों को बड़ी खुशखबरी दी है।

शिक्षा विभाग ने रविवार को राज्य के सरकारी विद्यालयों के 2,151 पुरुष शिक्षकों का ऐच्छिक स्थानातंरण किया। स्थानातंरण लेने वाले इन शिक्षकों की पत्नियां भी सरकारी विद्यालयों में ही शिक्षक हैं। इस स्थानातंरण से ये सभी पुरुष शिक्षक अपनी पत्नी के पदस्थापन वाले जिले में पहुंच गए हैं।

पटना वाले शिक्षकों का नहीं हुआ ट्रांसफर

हालांकि, जिन पुरुष शिक्षकों की पत्नी पटना जिले में पदस्थापित हैं, उनका स्थानातंरण नहीं हुआ है। ऐसे पुरुष शिक्षकों के स्थानातंरण पर बाद में विचार होगा। इनके स्थानातंरण इसलिए नहीं हुआ क्योंकि पटना जिले में पहले से ही अधिक शिक्षक पदस्थापित हैं।

प्राथमिक शिक्षा निदेशक साहिला के हस्ताक्षर से जारी आदेश के मुताबिक इस स्थानांतरण से नियोजित शिक्षकों को अलग रखा गया है। स्थानांतरित शिक्षकों का 10 अप्रैल से 20 अप्रैल तक विद्यालय आवंटन होगा।

रविवार को खुला रहा शिक्षा विभाग

सभी अंतरजिला स्थानांतरित 2,151 पुरुष शिक्षकों की सूची भी जारी कर दी गयी है। इस स्थानांतरण के लिए शिक्षा विभाग रविवार को भी खुला रखा गया था। अंतरजिला स्थानांतरित इन पुरुष शिक्षकों से प्राप्त विकल्पों के आधार पर सॉफ्टवेयर के माध्यम से विद्यालय आवंटन होगा।

बता दें कि संबंधित पुरुष शिक्षकों के अंतरजिला स्थानांतरण पर 28 मार्च को शिक्षा विभाग के सचिव की अध्यक्षता वाली विभागीय स्थापना समिति की बैठक में ही स्वीकृति मिल गई थी। शिक्षकों का स्थानांतरण उनके द्वारा ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर दिए गए घोषणा के आलोक में किया गया है।

शिक्षकों को देना होगा शपथ पत्र

स्थानांतरित सभी शिक्षकों को अब ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर इस आशय के शपथ पत्र देने होंगे कि उनके द्वारा दिए गए अभ्यावेदन एवं घोषणा में किसी प्रकारी सूचना गलत पाये जाने पर उन पर नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकेगी। उन्हें इस आशय के भी शपथ पत्र देने होंगे कि आवंटत जिला उन्हें स्वीकार है।

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