Feed aggregator

ट्रंप की टैरिफ नीति से पहले दिखा असर, आयात और निर्यात में दिखी गिरावट; व्यापार घाटा कम हुआ

Dainik Jagran - National - March 17, 2025 - 11:51pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ट्रंप की शुल्क नीति की वजह से व्याप्त वैश्विक व्यापारिक अनिश्चितता के बीच गत फरवरी माह में भारत के निर्यात और आयात दोनों में दहाई अंक की गिरावट दर्ज की गई। इस साल फरवरी में वस्तुओं के निर्यात में पिछले साल फरवरी के मुकाबले 10.85 प्रतिशत तो आयात में 16.34 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

फरवरी में वस्तुओं का निर्यात 36.9 अरब डॉलर का तो आयात 50.9 अरब डॉलर का रहा। इस प्रकार व्यापार घाटा 14 अरब डॉलर का रहा जबकि इस साल जनवरी में व्यापार घाटा 22.9 अरब डॉलर का था।

सोने के आयात में दिखी गिरावट

फरवरी में पेट्रोलियम पदार्थों के आयात में 29.59 प्रतिशत, सोने में 61.98 प्रतिशत तो चांदी के आयात में 75 प्रतिशत की गिरावट आई है जिससे कुल आयात में इतनी कमी हुई है। फरवरी में पेट्रोलियम पदार्थ और जेम्स व ज्वैलरी के निर्यात में भी क्रमश: 29.23 प्रतिशत और 20.74 प्रतिशत की गिरावट रही जिससे कुल निर्यात का प्रदर्शन खराब रहा।

इंजीनियरिंग गुड्स, लेदर, फार्मा जैसे रोजगारपरक सेक्टर के निर्यात में भी फरवरी में गिरावट दिखी। लेकिन इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स और रेडीमेड गारमेंट्स के साथ चावल और काफी के निर्यात में अच्छी बढ़ोतरी रही।

क्या कहते हैं जानकार?

जानकारों के मुताबिक भारत का सबसे अधिक व्यापार अमेरिका के साथ है और अमेरिका की तरफ से अप्रैल माह से पारस्परिक शुल्क लगाने की घोषणा से अमेरिका के व्यापारी भारत से खरीदारी से पहले स्थिति साफ होने का इंतजार कर रहे हैं।

दूसरी तरफ वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा है कि वस्तु व सेवा निर्यात को मिलाकर चालू वित्त वर्ष 2024-25 में भारत 800 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर लेगा। हमारा निर्यात उसी दिशा में बढ़ रहा है। पिछले वित्त वर्ष में वस्तु व सेवा को मिलाकर भारत ने 778 अरब डॉलर का निर्यात किया था।

फरवरी में प्रमुख वस्तुओं के निर्यात में बढ़ोतरी-गिरावट प्रतिशत में

  • कॉफी --22.32
  • चाय----(-7.08)
  • चावल ----13.21
  • इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स ----- 26.46
  • इंजीनिय¨रग गुड्स ---- (-8.62)
  • लेदर व लेदर उत्पाद --- (-1.53)
  • हैंडीक्राफ्ट्स ---- (-28.17)
  • फार्मा ------ (-1.52)
  • रेडीमेड गारमेंट्स--- 3.97
  • काटन यार्न, फेबरिक्स --- (-4.41)

यह भी पढ़ें: पूर्वोत्तर के चार राज्यों में परिसीमन की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को 3 महीने का दिया समय

यह भी पढ़ें: अजीत डोभाल से मिले दुनियाभर के खुफिया चीफ, दिल्ली में हुई मीटिंग; क्या हुई चर्चा?

Categories: Hindi News, National News

पूर्वोत्तर के चार राज्यों में परिसीमन की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को 3 महीने का दिया समय

Dainik Jagran - National - March 17, 2025 - 11:41pm

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर और असम में परिसीमन की प्रक्रिया पूरी करने के लिए केंद्र सरकार को तीन महीने का समय दिया। प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के अनुरोध पर गौर किया। तुषार मेहता ने अदालत से कुछ और समय मांगा था। इसके बाद पीठ ने सुनवाई 21 जुलाई तक टाल दी और केंद्र सरकार से तीन महीने के भीतर जरूरी कार्रवाई करने को कहा।

अरुणाचल और नगालैंड पर चल रहा विचार

शीर्ष अदालत ने पहले भी इन राज्यों में परिसीमन प्रक्रिया में देरी पर चिंता जताई थी। पीठ ने केंद्र के वकील को निर्देश लेने के लिए कहा और पूछा कि एक बार राष्ट्रपति अधिसूचना को रद कर देते हैं तो परिसीमन प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए यह पर्याप्त है। सरकार इसमें कहां आती है? इस पर केंद्र सरकार ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड के लिए विचार-विमर्श चल रहा है। मणिपुर में जारी हिंसा ने स्थिति को प्रतिकूल बना दिया है।

तत्काल परिसीमन की मांग

पीठ पूर्वोत्तर भारत में अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर और नागालैंड राज्य के लिए परिसीमन मांग समिति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में इन राज्यों में परिसीमन प्रक्रिया को तत्काल लागू करने की मांग की गई थी।

याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता जी गंगमेई ने कहा था कि राष्ट्रपति के 2020 के आदेश ने इस परिसीमन शुरू करने को कानूनी रूप से अनिवार्य बना दिया है। उन्होंने कहा कि रिट याचिका दायर किए जाने के दो साल बीत चुके हैं, लेकिन अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मणिपुर में परिसीमन शुरू करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।

केवल असम में हुई प्रगति

गंगमेई ने कहा कि अकेले असम में प्रगति हुई है। कानून और न्याय मंत्रालय के आदेश के बाद अगस्त 2023 में परिसीमन पूरा हो गया है। भारत के चुनाव आयोग ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 8ए के तहत परिसीमन शुरू करने के लिए केंद्र सरकार से विशिष्ट निर्देशों की आवश्यकता थी। याचिका में 28 फरवरी, 2020 के राष्ट्रपति के आदेश का हवाला दिया गया, जिसने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के साथ-साथ चार पूर्वोत्तर राज्यों में परिसीमन की अनुमति दी।

यह भी पढ़ें: औरंगजेब पर नागपुर में मचा बवाल; हिंसक प्रदर्शन में 4 पुलिसकर्मी घायल, कई वाहन फूंके, धारा 144 लागू


यह भी पढ़ें: संभल में फिर होगा बुलडोजर एक्शन! सरकारी जमीन पर बने 31 मकान व मस्जिद होंगे ध्वस्त; DM-SP ने जारी किए आदेश


Categories: Hindi News, National News

Patna News: होली के बाद अचानक NMCH पहुंचे 2700 मरीज, मची अफरातफरी

Dainik Jagran - March 17, 2025 - 11:24pm

जागरण संवाददाता, पटना सिटी। होली और रविवार की छुट्टी के बाद नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सोमवार को लगभग 2700 मरीज पहुंचे।

सेंट्रल रजिस्ट्रेशन काउंटर पर सुबह से ही अत्यधिक भीड़ जमा हो जाने के कारण अफरा-तफरी मची रही। तेज धूप से तपते प्लास्टिक के शेड के नीचे खड़े महिला-पुरुष, वृद्ध और बच्चे मरीज के साथ स्वजन भी गर्मी और उमस से परेशान रहे।

शेड के नीचे कोई भी पंखा नहीं चलने से समस्या बनी रही। मरीजों को रजिस्ट्रेशन कराने में औसतन डेढ़ से दो घंटे का समय लगता रहा। रजिस्ट्रेशन कराकर ओपीडी पहुंचे मरीजों को विभाग की लाइन में इंतजार करना पड़ा।

यहां से निकले मरीजों की कतार अल्ट्रासाउंड, एक्सरे, पैथोलॉजी जांच और दवा वितरण काउंटर पर दिखी। एनएमसीएच में सुबह के ओपीडी में सोमवार को 2310 नये और 337 पुराने मरीज पहुंचे।

58 मरीजों को किया गया भर्ती

इनमें से 58 मरीजों को भर्ती किया गया। रजिस्ट्रेशन कराने के लिए मरीजों की कतार इमरजेंसी और शिशु रोग विभाग से भी आगे निकल गई। लाइन में खड़े रहने में वृद्धों को ज्यादा परेशान हो रही थी।

लोदीकटरा से आई मरीज तबस्सुम, पटना सिटी के अनिल कुमार, सिगरियावां की रिंकी देवी समेत कई अन्य ने कहा कि सुबह सात बजे से लाइन में खड़े हैं। दो घंटे बाद रजिस्ट्रेशन हुआ।

बाद में आए मरीजों ने भी भीड़ के कारण रजिस्ट्रेशन में दो घंटा लगने की बात कही। उन्हें डर था कि ओपीडी में पहुंचने में देर होने पर डॉक्टर चले जाएंगे।

इवनिंग क्लीनिक अक्टूबर तक दोपहर 3:30 बजे से 5 बजे तक 

ग्रीष्मकाल शुरू होते ही नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मार्च से इवनिंग क्लीनिक का समय बदल गया है। अधीक्षक द्वारा जारी आदेशानुसार दोपहर 3:30 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक ओपीडी के लिए मरीजों का निबंधन होगा। अपने-अपने विभाग में चिकित्सक शाम चार बजे से लेकर छह बजे तक निबंधित मरीजों को देखेंगे।

अधीक्षक ने बताया कि इस दौरान सामान्य ओपीडी की तरह ही मरीजों को जांच, दवाइयां और अन्य चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। सुबह में ओपीडी के लिए निबंधन का समय आठ बजे से लेकर दोपहर डेढ़ बजे तक है।

सुरक्षा गार्ड पर सहायता की जगह सेवा शुल्क लेने का आरोप

परेशान मरीजों और स्वजनों ने आरोप लगाया कि रजिस्ट्रेशन काउंटर के समीप तैनात निजी सुरक्षा गार्ड लोगों की सहायता करने के बजाए उनसे सेवा शुल्क लेकर रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं।

लोगों ने आरोप लगाया कि पचास या सौ रुपए लेकर आसानी से गार्ड द्वारा पिछले दरवाजा से रजिस्ट्रेशन कराया जा रहा है। इसे लेकर हंगामा की भी स्थिति बनी रही।

मरीजों की भीड़ के आगे सात काउंटर नाकाफी

एनएमसीएच में महिला और पुरुष के लिए दो-दो रजिस्ट्रेशन काउंटर है। इमरजेंसी के एक काउंटर पर वरिष्ठ नागरिक और दिव्यांग का रजिस्ट्रेशन होता है।

एक स्टाफ काउंटर, एक पुराने मरीजों के लिए मुहर काउंटर और एमसीएच में एक गायनी ओपीडी का काउंटर है। मरीजों और स्वजनों ने काउंटर बढ़ाने की मांग अधीक्षक से की है।

अधीक्षक प्रो. डॉ. अलका सिंह ने कहा कि अस्पताल में जगह की कमी के कारण समस्या हो रही है। व्यवस्था बेहतर करने का प्रयास जारी है।

यह भी पढ़ें-

Bihar News: पटनावासियों को अगस्त में मिलेगी एक और बड़ी खुशखबरी, स्वास्थ्य विभाग ने दिया नया अपडेट

Bihar News: मार्च तक बदल जाएगी NMCH की सूरत, मरीजों को अब इन परेशानियों का नहीं करना पड़ेगा सामना

Categories: Bihar News

गृह मंत्रालय ने जारी की 67 आतंकी और गैरकानूनी संगठनों की नई सूची, लिस्ट में लश्कर-ए-तैयबा समेत ये नाम शामिल

Dainik Jagran - National - March 17, 2025 - 11:14pm

एएनआई, नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने देश की सुरक्षा को खतरा पैदा करने वाले 67 प्रतिबंधित संगठनों की अपडेडेट सूची जारी की है। इन संगठनों पर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम या यूएपीए के तहत कार्रवाई की गई है।

इन संगठनों की आतंकवादी गतिविधियों में भूमिका रही है। सूची में 45 संगठनों को यूएपीए की धारा 35 के तहत आतंकी संगठन के रूप में चिह्नित किया गया है, जबकि 22 संगठनों को यूएपीए की धारा 3(1) के तहत गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया है।

इनमें से कई संगठन भारत में उग्रवाद, अलगाववाद और हिंसक गतिविधियों में शामिल रहे हैं। गृह मंत्रालय सूची को लगातार अपडेट करता रहता है। केंद्र सरकार देश में आतंकवाद और चरमपंथी गतिविधियां रोकने के लिए संगठनों को प्रतिबंधित संगठन घोषित करती है। यूएपीए के तहत सूचीबद्ध संगठनों को सख्त कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ता है, जिसमें संपत्ति जब्त करना और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल सदस्यों की गिरफ्तारी शामिल है।

ये संगठन हुए प्रतिबंधित

प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिज्बुल मुजाहिदीन, इस्लामिक स्टेट (आइएस), खालिस्तान लिबरेशन फोर्स, बब्बर खालसा इंटरनेशनल, खालिस्तान कमांडो फोर्स, हरकत-उल-मुजाहिदीन, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स, इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन, और जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश जैसे संगठन शामिल हैं।

प्रतिबंधित आतंकी संगठनों में जम्मू एंड कश्मीर इस्लामिक फ्रंट, नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट आफ बोडोलैंड (एनडीएफबी), पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए), यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ), कंगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी), मणिपुर पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट, नेशनल लिबरेशन फ्रंट आफ त्रिपुरा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मा‌र्क्सवादी-लेनिनवादी), माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर, अल बद्र, जमीयत-उल-मुजाहिदीन, अल-कायदा इन इंडियन सबकांटिनेंट (एक्यूआइएस) शामिल हैं।

सिमी समेत कई गैरकानूनी संगठनों पर प्रतिबंध

सरकार ने कई संगठनों को गैरकानूनी घोषित किया है, इनमें स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (सिमी), यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट आफ असम (उल्फा), आल त्रिपुरा टाइगर फोर्स, जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ), पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) और इससे जुड़े संगठन, लिबरेशन टाइगर्स आफ तमिल ईलम (लिट्टे), खालिस्तान समर्थक संगठन 'सिख्स फार जस्टिस', नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल आफ नगालैंड (खापियांग), इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आइआरएफ) और मणिपुर के कुछ उग्रवादी संगठन शामिल हैं।

लिस्ट में ये संगठन भी शामिल

जमात-ए-इस्लामी, जम्मू और कश्मीर जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (मोहम्मद यासीन मलिक गुट), जम्मू और कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी, मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट); तहरीक-ए-हुर्रियत, जम्मू और कश्मीर, मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू और कश्मीर (भट गुट); मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू और कश्मीर (सुमजी गुट); जम्मू और कश्मीर नेशनल फ्रंट, जम्मू और कश्मीर पीपुल्स फ्रीडम लीग पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।

जम्मू-कश्मीर पीपुल्स लीग के चार गुटों जेकेपीएल (मुख्ता अहमद वाजा), जेकेपीएल (बशीर अहमद तोता), जेकेपीएल (गुलाम मोहम्मद खान उर्फ सोपोरी) और याकूब शेख के नेतृत्व वाले जेकेपीएल (अजीज शेख) का भी नाम सूची में है। सूची में सात मैतेयी उग्रवादी संगठन भी शामिल हैं।

Categories: Hindi News, National News

'खालिस्तान समर्थकों पर कार्रवाई करे अमेरिका', तुलसी गबार्ड से मुलाकात के बाद बोले रक्षा मंत्री; इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा

Dainik Jagran - National - March 17, 2025 - 11:01pm

जेएनएन, नई दिल्ली। भारत ने अमेरिका से खालिस्तान समर्थकों पर कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया है। सोमवार को अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड के साथ बैठक के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी धरती पर खालिस्तानी संगठन सिख फार जस्टिस (एसएफजे) की भारत विरोधी गतिविधियों का मुद्दा उठाया। कहा कि अमेरिका इस गैरकानूनी संगठन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तुलसी गबार्ड को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन बब्बर खालसा के साथ एसएफजे के संबंधों की जानकारी दी। रक्षा मंत्री ने एसएफजे द्वारा अमेरिका में हिंदू धार्मिक स्थलों को निशाना बनाए जाने पर चिंता जताई और कहा कि ऐसी गतिविधियों को रोका जाना चाहिए।

पीएम मोदी ने भी आतंकवाद का मुद्दा उठाया

दूसरी तरफ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत यात्रा पर आए न्यूजीलैंड के पीएम क्रिस्टोफर लक्सन को खालिस्तानी संगठनों की बढ़ रही गतिविधियों को लेकर अपनी चिंता से अवगत कराया। इस पर लक्सन ने सहयोग का भरोसा दिया है।

पीएम मोदी से मिलीं तुलसी गबार्ड

राजनाथ सिंह से मिलने के बाद तुलसी गबार्ड ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। इस मुलाकात में दोनों देशों के बीच रक्षा, सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ आपसी सहयोग बढ़ाने से जुड़े कई मुद्दों पर बात हुई। लेकिन, जिस चीज ने इस मुलाकात को अलग बनाया वह इन दोनों के बीच उपहारों का आदान-प्रदान रहा।

पीएम मोदी ने गबार्ड को दिया गंगाजल

पीएम मोदी ने गबार्ड को हाल ही में संपन्न महाकुंभ के अवसर पर एकत्रित गंगा जल एक कलश में भरकर भेंट किया। हिंदू धर्म को मानने वाली गबार्ड ने मोदी को तुलसी की माला अपनी तरफ से तोहफा के तौर पर दिया।

पिछले दो महीनों के बीच मोदी और गबार्ड के बीच यह दूसरी मुलाकात थी। इससे पहले फरवरी में मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान इनकी मुलाकात हुई थी। गबार्ड रविवार को भारत दौरे पर आई हैं। वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के दौरान भारत की यात्रा करने वाली अमेरिकी प्रशासन की पहली वरिष्ठ अधिकारी हैं।

अमेरिका और भारत के बीच रक्षा संबंधों पर हुई चर्चा

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तुलसी गबार्ड की बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच मौजूदा रक्षा संबंधों को प्रगाढ़ बनाने, खास तौर पर अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल व इससे जुड़ी प्रौद्योगिकी को साझा तौर पर विकसित करने पर गहन विमर्श हुआ। उन्होंने समुद्री क्षेत्र में द्विपक्षीय रणनीतिक सहयोग की भी समीक्षा की।

गबार्ड के साथ बैठक के बाद राजनाथ ने एक्स पर लिखा कि अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड से मिलकर काफी खुशी हुई। हमने रक्षा व सूचना क्षेत्र में साझेदारी पर गंभीर बातचीत की, ताकि भारत व अमेरिका के संबंधों को और मजबूत बनाया जा सके। रक्षा मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि सोमवार की चर्चा में रक्षा क्षेत्र में एक दूसरे की जरूरत के मुताबिक आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करने पर खास जोर रहा, ताकि संबंधित क्षेत्र में क्षमता विस्तार हो सके।

दोनों देशों के बीच सैन्य संबंधों पर हो रहा काम

बताते चलें कि पिछले एक दशक में अमेरिका भारत के सबसे मजबूत रक्षा सहयोगी के तौर पर उभरा है। दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग को लेकर कई स्तरों पर काम हो रहा है। गबार्ड ने एक दिन पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मुलाकात की है। इस बैठक में दोनों देशों के बीच खुफिया सूचनाओं को साझा करने के विषय पर बात हुई।

खास तौर पर आतंकवाद और मादक द्रव्यों के गैरकानूनी कारोबार से जुड़ी सूचनाओं के आदान-प्रदान को किस तरह से बेहतर किया जाए, यह चर्चा का विषय रहा है। गबार्ड ने भारत में दुनिया के कई देशों के खुफिया विभाग के प्रमुखों की बैठक में भी हिस्सा लिया। इस बैठक में अमेरिका के अलावा कनाडा, ब्रिटेन के खुफिया विभाग के प्रमुखों ने भी हिस्सा लिया।

यह भी पढ़ें: अजित डोभाल से मिले दुनियाभर के खुफिया चीफ, दिल्ली में हुई मीटिंग; क्या हुई चर्चा?

यह भी पढ़ें: पीएम मोदी ने दिया गंगा जल तो गबार्ड ने भेंट की रुद्राक्ष की माला... रक्षा, सुरक्षा और आतंकवाद समेत इन मुद्दों पर हुई चर्चा

Categories: Hindi News, National News

'शादी के बाद से ही अलग रहने लगा था', रान्या राव के पति ने कोर्ट में दी दलील; गिरफ्तारी से छूट की मांग की

Dainik Jagran - National - March 17, 2025 - 10:58pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गोल्ड स्मगलिंग केस में आरोपी कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव के पति जतिन हुक्केरी ने कहा है कि वह शादी के बाद से ही उससे अलग रह रहा था। जतिन हुक्केरी जाने-माने आर्किटेक हैं। उसने अब कोर्ट से मांग की है कि उसे गिरफ्तारी से छूट दी जाए।

जतिन ने कहा है कि रान्या से उसकी शादी नवंबर में हुई थी। लेकिन दिसंबर के बाद से ही दोनों व्यक्तिगत कारणों से एक-दूसरे से अलग हो गए थे। बता दें कि पिछली सुनवाई में कर्नाटक हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि अगली सुनवाई तक हुक्केरी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाए।

इस खबर को लगातार अपडेट किया जा रहा है। हम अपने सभी पाठकों को पल-पल की खबरों से अपडेट करते हैं। हम लेटेस्ट और ब्रेकिंग न्यूज को तुरंत ही आप तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रारंभिक रूप से प्राप्त जानकारी के माध्यम से हम इस समाचार को निरंतर अपडेट कर रहे हैं। ताजा ब्रेकिंग न्यूज़ और अपडेट्स के लिए जुड़े रहिए जागरण के साथ।

Categories: Hindi News, National News

Pages

Subscribe to Bihar Chamber of Commerce & Industries aggregator

  Udhyog Mitra, Bihar   Trade Mark Registration   Bihar : Facts & Views   Trade Fair  


  Invest Bihar