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'संसद में दिए आश्वासनों को पूरा करना हमारी जिम्मेदारी', किरेन रिजिजू बोले- अगर ऐसा नहीं हुआ तो...

Dainik Jagran - National - March 18, 2025 - 4:26am

पीटीआई, नई दिल्ली। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सोमवार को राज्यसभा को आश्वस्त किया कि सरकार संसद के दोनों सदनों में मंत्रियों द्वारा दिए गए सभी आश्वासनों को गंभीरता से लेती है, क्योंकि यह लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है।

राज्यसभा में सवालों का जवाब देते हुए रिजिजू ने कहा, हम संसदीय लोकतंत्र का महत्व समझते हैं। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि आश्वासन पूरा किया जाए। यदि आश्वासन पूरे नहीं किए गए तो यह संसदीय लोकतंत्र पर एक धब्बा होगा।

आश्वासनों को पूरा करने में ढिलाई नहीं

रिजिजू ने कहा कि संसद का नियम है कि सरकार द्वारा दिए गए आश्वासनों को तीन महीने में पूरा किया जाना चाहिए। हम संसद में सरकार द्वारा दिए गए सभी आश्वासनों को गंभीरता से लेते हैं। संसद में दिए गए आश्वासनों को पूरा करने में कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए। यह हमारी जिम्मेदारी है।

रिजिजू ने कहा कि उन्होंने हाल ही में सरकार के सभी मंत्रियों को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने को कहा है कि आश्वासन समयबद्ध तरीके से पूरे हों। सांसदों द्वारा लिखे गए पत्रों का जवाब भी एक महीने के भीतर दिया जाना चाहिए।

जयराम रमेश ने दिया सुझाव
  • संसदीय कार्य राज्य मंत्री एल. मुरुगन ने सदन को बताया कि 99 प्रतिशत आश्वासनों का क्रियान्वयन किया जा चुका है। डिजिटल प्लेटफॉर्म ऑनलाइन आश्वासन निगरानी प्रणाली (ओएएमएस) का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि संसद में मंत्रियों द्वारा दिए गए आश्वासनों पर नजर रखी जाए, निगरानी की जाए और उन्हें पूरा किया जाए।
  • यह प्रणाली सभी हितधारकों को लंबित आश्वासनों पर कार्रवाई करने के लिए समय पर अलर्ट भेजती है, जिससे समयसीमा का पालन सुनिश्चित होता है। इस बीच कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि प्रश्नकाल के दौरान एक सदस्य को केवल एक ही पूरक प्रश्न पूछना चाहिए। इस पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि वह इस पहलू पर गौर करेंगे।

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Bajaj Allianz breaks up in Rs 24,000-cr deal

Business News - March 18, 2025 - 1:11am
Mumbai: Bajaj Finserv has signed a binding agreement to acquire Allianz SE’s 26% stake in its life and general insurance ventures for ₹24,180 crore, ending a 24-year-old partnership.The buyout, priced at ₹13,780 crore for Bajaj Allianz General Insurance Company and ₹10,400 crore for Bajaj Allianz Life Insurance Company, will take the Bajaj Group’s holding from 74% to full ownership, the company said in a stock exchange filing on Monday.Allianz said it will explore “reinvestment of sale proceeds into potential new opportunities in India.” The deal, subject to approvals from Competition Commission of India and insurance regulator IRDA, may see Allianz receiving proceeds in multiple tranches.Under the structure, Bajaj Finserv will acquire 1.01% in each company, while promoter entities Bajaj Holdings & Investment and Jamnalal Sons will acquire the remaining.Both Cos to Independently Pursue Insurance Strategies Bajaj Finserv will purchase 1,113,295 general insurance shares at ₹4,808.24 per share and 1,522,161 life insurance shares at ₹2,654.12 per share.Following the acquisition, Bajaj Finserv will hold 75.01% of the total equity in both the insurance ventures. Bajaj Holdings & Investment and Jamnalal Sons will acquire 19.95% and 5.04%, respectively, bringing their collective stake to 24.99%, resulting in full ownership of both insurance companies by Bajaj Finserv and its promoter entities.After the termination of the joint ventures under the share purchase agreement, the Bajaj Group and Allianz plan to independently pursue their insurance strategies in India. “As the proceeds become available, Allianz will consider options for their deployment that support the company’s strategic ambitions, in particular the reinvestment of sale proceeds into potential new opportunities in India,” the company said in a release.Once the first tranche of at least 6.1% stake sale is completed, Allianz will shift from promoter to investor, marking the end of a long-standing partnership.“Together with Allianz, we have built two of the strongest insurance companies in India, with a combined premium exceeding ₹40,000 crore, while maintaining industry-best solvency margins,” said Sanjiv Bajaj, chairman and managing director of Bajaj Finserv. “Given the advantage of a single ownership in both companies, we are confident the acquisition will become a big driver of value for our stakeholders in the years to come.”In addition to Allianz’s stake in the insurance JVs, Bajaj will acquire the former’s entire 50% stake in Bajaj Allianz Financial Distributors for up to ₹12.5 crore.In FY24, Bajaj Allianz General Insurance reported a 33% growth in gross written premium to ₹20,630 crore, increasing its market share to 7.3%, from 6.4% in FY23. Despite a NATCAT (natural catastrophe) loss of ₹118 crore (before tax), profit after tax grew 15% to ₹1,550 crore and it maintained a combined ratio of 99.9. The insurer had a solvency ratio of 349%.At the same time, Bajaj Allianz Life Insurance’s individual rated new business premium rose 21% to Rs 6,326 crore, increasing its market share to 5.8%, from 5.0% in FY23. With an AUM of ₹1,09,829 crore, the firm recorded a solvency ratio of 432%.
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अब नो टेंशन! समझौते से खत्म होंगे इनकम टैक्स के मुकदमे, ED और CBI जांच कर रही तो भी मिलेगी राहत

Dainik Jagran - National - March 18, 2025 - 12:31am

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। इनकम टैक्स विवादित मामलों को पूरी तरह से निपटाने के लिए तैयार है। इनकम टैक्स से जुड़े सभी अपराधों को समझौते से खत्म करने (कंपाउंडिंग ऑफ आफेंस) योग्य बना दिया गया है। यहां तक कि अगर इनकम टैक्स से जुड़े अपराध में ईडी और सीबीआई भी छानबीन कर रही है तो उस अपराध को भी समझौते के साथ विभाग समाप्त कर सकता है।

यहां तक कि किसी को इनकम टैक्स कानून के अन्य प्रविधान के तहत दो या उससे अधिक साल के कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है, वैसे अपराधी भी समझौते के साथ अपने अपराध माफी के लिए आवेदन कर सकेंगे।

समझौते से समाप्त होगा हर अपराध

सोमवार को इनकम टैक्स विभाग की तरफ से एक सर्कुलर जारी किया गया। हालांकि विभागीय अपराधों को समझौते से खत्म करने योग्य बनाने के संबंध में पिछले साल 17 अक्टूबर को दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। हालांकि लोगों को इसकी जानकारी पूरी तरह से नहीं मिल पाई थी। सोमवार को जारी सर्कुलर में साफ कहा गया है कि इनकम टैक्स कानून के अंतर्गत अब ऐसा कोई अपराध नहीं रहा, जिसे समझौते के साथ समाप्त नहीं किया जा सकता है।

इनकम टैक्स से जुड़े मामलों में आएगी कमी

विभाग के मुताबिक कंपाउंडिंग ऑफ आफेंस एक मैकेनिज्म है जो अपराध करने वाले को एक निश्चित धनराशि के भुगतान के साथ उसे तमाम वैधानिक पचड़ों के साथ अपराध से मुक्त करने का अवसर देता है। इस नए सर्कुलर पर पूरी तरह अमल से इनकम टैक्स से जुड़े मामलों में भारी कमी आएगी और विभाग को बड़ी धनराशि प्राप्त हो सकती है।

अपराध को समाप्त कराने के लिए एक निश्चित शुल्क के साथ करना होगा आवेदन

अपने अपराध को समाप्त कराने के लिए अपराध करने वालों को आवेदन करना होगा। आवेदन करने के लिए एक निश्चित शुल्क देना होगा। गंभीर किस्म के अपराध में इनकम टैक्स विभाग के चेयरमैन को अपराधी के अपराध को समाप्त करने का अधिकार होगा।

उदाहरण के लिए इनकम टैक्स से जुड़े मामले में ईडी और सीबीआई भी जांच कर रही है तो माफी के लिए आवेदन करने पर अगर अभियुक्त ने देश विरोधी या आतंकवाद से जुड़ा कोई अपराध नहीं किया है तो उसे समझौते के साथ छोड़ा जा सकता है, लेकिन इस प्रकार की गतिविधियों में लिप्त होने पर समझौते के लिए इनकम टैक्स विभाग के चेयरमैन की मंजूरी लेनी होगी।

वैसे ही अगर किसी को इनकम टैक्स से जुड़े अपराध में सजा हो गई तो चेयरमैन की मंजूरी पर ही उसके साथ समझौता किया जा सकता है। जिन लोगों ने इनकम टैक्स से जुड़े मामले के लिए अदालत में याचिका दायर कर रखी है, वे भी नए नियम के तहत समझौते से अपने मामले को समाप्त कर सकेंगे। इनकम टैक्स विभाग की साइट पर जाकर सर्कुलर के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल की जा सकती है।


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Par Panel urges fast-tracking census

Business News - March 18, 2025 - 12:31am
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मतदान से जुड़े आंकड़ों के आने में नहीं होगी देरी, चुनाव आयोग ने बनाई नई व्यवस्था; जानिए क्या है प्लान?

Dainik Jagran - National - March 18, 2025 - 12:13am

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चुनाव के दौरान मतदान प्रतिशत के अंतिम आंकड़ों के आने में देरी पर राजनीतिक दलों की ओर से उठाए जा रहे सवालों से निपटने के लिए चुनाव आयोग ने एक अहम कदम उठाया है। जिसमें किसी भी मतदान केंद्र पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या अब 1200 से अधिक नहीं रहेंगी।

आयोग ने सभी राज्यों से ऐसे मतदान केंद्रों की पहचान करने और मतदाताओं की संख्या को अधिकतम 1200 तक ही सीमित करने के निर्देश दिए है। आयोग का मानना है कि इससे सभी मतदान केंद्रों पर तय समय के भीतर ही मतदान समाप्त हो जाएगा और सभी के समय पर आंकड़ें भी आ सकेंगे।

बिहार विधानसभा में दिखेगी नई व्यवस्था

आयोग से जुड़े उच्चपदस्थ सूत्रों की मानें तो आने वाली बिहार विधानसभा चुनाव में इसे सख्ती से अमल में लाया जाएगा। ताकि चुनाव के दौरान मतदान प्रतिशत के आंकड़ों को लेकर किसी भी तरह का संदेह पैदा न हो सके। आयोग की मानें तो मौजूदा समय में देश में बड़ी संख्या में ऐसे मतदान केंद्र है, जहां मतदाताओं की संख्या 15 सौ या उससे भी अधिक है।

ऐसे में इन मतदान केंद्रों पर तय समय में मतदान अभी पूरा नहीं हो पाता है। समय खत्म हो जाने के बाद भी ऐसे मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी-लंबी लाइनें लगी रहती है। आयोग की इस पहल से अब यह समस्या खत्म होगी। साथ ही मतदाताओं को भी लंबी लाइनों में नहीं लगना पड़ेगा।

देश में 10 लाख से ज्यादा मतदान केंद्र

मौजूदा समय में देश में साढ़े दस लाख से अधिक मतदान केंद्र है। माना जा रहा है कि आयोग की इस पहल के बाद आने वाले में देश में मतदान केंद्रों की संख्या और बढ़ेगी। आयोग के मुताबिक हाल ही में सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के बुलाए गए सम्मेलन में राजनीतिक दलों की ओर से मतदान प्रतिशत के अंतिम आंकड़ों को लेकर उठाए जा रहे सवालों पर लंबी चर्चा की गई।

राजनीतिक दलों ने लोकसभा चुनाव में उठाए थे सवाल

साथ ही इसके पीछे के कारण को समझा गया। आयोग से जुडे़ अधिकारियों के मुताबिक राज्यों ने इसके पीछे मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की अधिक संख्या होना बताया। इसके बाद ही आयोग ने यह निर्देश दिए है।

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों ने इसे लेकर सबसे अधिक सवाल खड़े किए थे। जिसमें मतदान खत्म होने के बाद और मतदान के अंतिम आंकड़ों के बीच बड़े अंतर को लेकर संदेह भी जताया था। आयोग से इसको लेकर शिकायत भी की।

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'वक्फ बिल पर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश', जगदंबिका पाल ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को घेरा

Dainik Jagran - National - March 18, 2025 - 12:03am

एएनआई, नई दिल्ली। भाजपा सांसद और वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने विधेयक के खिलाफ योजनाबद्ध विरोध के लिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) की आलोचना की है। उन्होंने दावा किया कि इससे विभाजन पैदा हो सकता है और संसद के कानून बनाने के अधिकार को चुनौती मिल सकती है।

लोगों को भ्रमित करने की कोशिश

वक्फ बिल पर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि एआईएमपीएलबी ने पहले ही समिति के समक्ष अपनी चिंताएं प्रस्तुत कर दी थीं और रिपोर्ट में उन बिंदुओं पर विचार किया गया है। इतना ही नहीं, हमने इसे अपनी रिपोर्ट का हिस्सा भी बनाया है तो फिर वे दिल्ली में जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं?

महिलाओं और विधवाओं को मिलेगा लाभ

संशोधन के बाद एक बेहतर कानून बनने जा रहा है। गरीबों, महिलाओं, विधवाओं और बच्चों को भी वक्फ का लाभ मिलेगा। उन्होंने मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। पाल ने कहा कि अगर वे इस वक्फ (संशोधन) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने जा रहे हैं तो कहीं न कहीं वे देश के लोगों में नफरत पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।

उनके द्वारा उठाया गया यह कदम लोकतांत्रिक नहीं है। वहीं, एआईएमपीएलबी के प्रवक्ता सैयद कासिम रसूल इलियास ने दावा किया कि सरकार का उद्देश्य हिंदुओं और मुसलमानों के बीच विभाजन पैदा करना और देश में अशांति भड़काना है।

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ISRO के नाम एक और उपलब्धि, स्वदेशी क्रायोजेनिक तकनीक वाले छह देशों भारत भी शामिल

Dainik Jagran - National - March 18, 2025 - 12:03am

आईएएनएस, नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन ने सोमवार को कहा कि भारत उन छह देशों में से एक है, जिन्होंने स्वदेशी क्रायोजेनिक तकनीक विकसित की है। अन्य पांच देश अमेरिका, फ्रांस, रूस, चीन और जापान हैं।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास में शोध केंद्र के शुभारंभ अवसर पर नारायणन ने कहा कि इसरो के सीई20 इंजन ने गगनयान मिशन के लिए मानव रेटिंग हासिल कर ली है।

क्या है मानव-रेटिंग प्रक्रिया?

मानव-रेटिंग प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि कोई प्रणाली जैसे कि अंतरिक्षयान मनुष्यों की यात्रा के लिए सुरक्षित है। यह अंतरिक्ष यात्रा के लिए सुरक्षा मानकों को पूरा करने के लिए आवश्यक है। नारायणन ने कहा कि क्रायोजेनिक प्रौद्योगिकी भारत को नहीं दी गई, लेकिन आज हमारे पास तीन ऐसे इंजन हैं, जिनमें से तीसरा मानव- रेटेट है। दुनिया में केवल छह देशों के पास ही यह प्रौद्योगिकी है।

इन छह देशों में शामिल हुआ भारत

उन्होंने कहा कि हमने इस प्रौद्योगिकी में तीन विश्व रिकार्ड बनाए हैं। हमने इसे तीसरे प्रयास में ही पूरा किया। इंजन परीक्षण से लेकर उड़ान तक हमने यह 28 महीनों में पूरा किया, जबकि अन्य देशों को इसमें 42 महीनों से 18 वर्ष तक का समय लगा।

उन्होंने कहा कि हमने यह परीक्षण 34 दिनों में पूरा कर लिया, जबकि अन्य देशों को इसमें पांच से छह महीने लगे थे। क्रायोजेनिक तकनीक से उच्च क्षमता वाले राकेट इंजन विकसित करने में मदद मिलती है।

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मणिपुर में दो समुदायों के बीच टकराव के बाद तनाव, दुकानों को जबरन कराया गया बंद; पुलिस ने दी रिपोर्ट

Dainik Jagran - National - March 17, 2025 - 11:56pm

पीटीआई, इंफाल। मणिपुर के चूड़चंदपुर में हमार जनजाति के नेता रिचर्ड हमार पर हमला करने के एक दिन बाद सोमवार को तनाव बढ़ गया। हमार और जोमी समुदायों के बीच टकराव के कारण पूरे जिले में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।

पुलिस ने कहा कि स्थानीय लोग हमलावरों की पहचान करने की मांग कर रहे हैं। रिचर्ड का वाहन एक दोपहिया से टकरा गया, जिसके बाद उन पर हमला किया गया। सतर्कता के तहत अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी ने पूरे जिले में बीएनएसएस 2023 की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है।

कस्बे में जबरन बंद कराने का प्रयास

आदेश में कहा है कि चूड़चंदपुर के पुलिस अधीक्षक से मिली रिपोर्ट में बताया गया है कि जिले में कानून एवं व्यवस्था के उल्लंघन का गंभीर खतरा है। विभिन्न समुदायों के बीच शांति और सौहार्द भंग होने की आशंका है और जान-माल की हानि हो सकती है।

पुलिस के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने कस्बे में जबरन बंद कराने का प्रयास किया। दुकानों से तुरंत बंद करने को कहा गया। बंद कराने के लिए लाठी-डंडे से लैस लोगों के समूहों को सड़कों पर गश्त करते देखा गया।

बिष्णुपुर में हथियार व गोलियां जब्त

सुरक्षा बलों ने बिष्णुपुर जिले में हथियार और गोलियां जब्त कीं। पुलिस ने सोमवार को बताया कि रविवार को उयोक वन से तलाशी में एक 5.56 एमएम इंसास राइफल, दो नौ एमएम कर्बाइन मशीन गन, मैग्नीफायर स्कोप के साथ एक प्वाइंट 303 मोडिफाइड स्नाइपर, एक एसबीबीएल गन, एक पिस्तौल, चार हथगोले और गोलियां जब्त की गईं।

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