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कर्नाटक में माननीयों की बल्ले-बल्ले, 100% बढ़ेगी सीएम, मंत्रियों और विधायकों की सैलरी
एएनआई, बेंगलुरु। कर्नाटक की आर्थिक हालत खराब है। सरकार चलाने के लिए फंड जुटाने में मुश्किल आ रही है। बिजली उपभोक्ताओं पर बोझ डाला जा रहा है। वहीं कर्नाटक सरकार ने मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों का वेतन 100 प्रतिशत बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। सरकार ने इससे संबंधित दो संशोधन विधेयकों को मंजूरी दे दी है।
बताया जा रहा है कि विधेयकों में मुख्यमंत्री का वेतन 1,50,000 रुपये प्रति माह, मंत्री का वेतन 1,25,000 रुपये प्रति माह और विधायकों और एमएलसी का वेतन हजार रुपये प्रति माह करने का प्रस्ताव है। गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने बढ़ते खर्चों का हवाला देते हुए बढ़ोतरी को उचित ठहराया।
वेतन बढ़ाने में कुछ भी गलत नहीं: एमबी पाटिलमंत्री एमबी पाटिल ने भी प्रस्ताव का बचाव करते हुए कहा कि विधायकों के वेतन और भत्ते बढ़ाने में कुछ भी गलत नहीं है। स्वतंत्र समिति की सिफारिश पर यह निर्णय लिया गया है। वहीं राज्य की वित्तीय चुनौतियों को मद्देनजर वेतन बढ़ोतरी को लेकर सवाल भी उठाए जा रहे हैं।
बिजली उपभोक्ताओं को झटकाकर्नाटक में बिजली उपभोक्ताओं को अधिक बिजली बिल चुकाना होगा। कर्नाटक विद्युत विनियामक आयोग (केईआरसी) ने बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी कर उपभोक्ताओं को झटका दिया है। एक अप्रैल से बिजली पर प्रति यूनिट 36 पैसे अतिरिक्त अधिभार या सरचार्ज के रूप में देना होगा। यह कदम केईआरसी द्वारा बिजली आपूर्ति कंपनियों (ईएससीओएम) को पेंशन और ग्रेच्युटी (पीएंडजी) योगदान में सरकार का हिस्सा उपभोक्ताओं से वसूलने की अनुमति देने के बाद उठाया गया है।
भाजपा ने फैसले का किया विरोधभाजपा ने इस फैसले जनविरोधी करार देते हुए विरोध किया है। सरचार्ज एक अप्रैल 2025 से वित्त वर्ष 2027-28 तक लागू रहेगा। राज्य भाजपा अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा कि जब से कर्नाटक में जनविरोधी कांग्रेस सरकार सत्ता में आई है, उसने जो एकमात्र गारंटी लागू की है वह महंगाई है। एक तरफ सरकार गारंटी (लोकलुभावन) योजनाएं लागू करने का दावा करती है, जबकि दूसरी तरफ लोगों पर महंगाई का बोझ डाल रही है।
मंत्री का दावा- 85 फीसदी आबादी पर नहीं पड़ेगा असरआईएएनएस के अनुसार चिकित्सा शिक्षा मंत्री शरण प्रकाश पाटिल ने कहा है कि बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी का असर 85 प्रतिशत आबादी पर नहीं पड़ेगा, क्योंकि उन्हें गृह ज्योति योजना के तहत 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलती है।
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Kerala: वार्ता विफल होने के बाद आशा कार्यकर्ताओं ने तेज किया विरोध प्रदर्शन, भूख हड़ताल पर बैठी
पीटीआई, तिरुअनंतपुरम। केरल में राज्य सरकार के साथ वार्ता विफल रहने के बाद आशा कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को प्रदर्शन तेज कर दिया और अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी।
इस बीच राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जार्ज आशा कार्यकर्ताओं (मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता) के मानदेय में वृद्धि की मांग किए जाने का मुद्दा उठाने और इसपर राज्य के रुख से केंद्र को अवगत कराने के लिए गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी पहुंचीं, लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के साथ बैठक नहीं हो सकी।
वीना जार्ज ने नड्डा से मिलने का समय मांगा थावीना ने कहा कि नड्डा से मिलने का समय मांगा था। जब भी हमें समय मिलेगा, मैं उनसे मिलूंगी। इस बीच, कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ विधायकों ने प्रदर्शनकारी आशा कार्यकर्ताओं के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए सचिवालय तक मार्च किया।
दिल्ली में संवाददाताओं से बात करते हुए जॉर्ज ने कहा कि केरल हाउस के स्थानिक आयुक्त के माध्यम से एक पत्र भेजा गया था, जिसमें बृहस्पतिवार के लिए नड्डा के साथ बैठक का अनुरोध किया गया था, लेकिन शायद वह व्यस्त थे।
एक बार फिर बैठक के लिए समय मांगाजॉर्ज ने कहा कि मैंने उनके मंत्रालय को दो अभ्यावेदन प्रस्तुत किए हैं। एक बार फिर बैठक के लिए समय मांगा गया है। जब भी मुझे बैठक के लिए समय दिया जाता है, मैं उनसे मुलाकात करूंगी। जॉर्ज ने यह भी कहा कि उन्होंने पहले नड्डा से मुलाकात की थी और आशा कार्यकर्ताओं के मानदेय के मुद्दे को उठाया था, जिसमें वृद्धि की आवश्यकता पर जोर दिया गया था।
सकारात्मक हस्तक्षेप का आश्वासन दियाजॉर्ज ने कहा कि उन्होंने (नड्डा) इस मामले में सकारात्मक हस्तक्षेप का आश्वासन दिया था। जॉर्ज ‘आशा’ कार्यकर्ताओं के मानदेय में वृद्धि की मांग किये जाने का मुद्दा उठाने और इस पर राज्य के रुख से केंद्र को अवगत कराने के लिए बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी पहुंची थीं।
सात हजार रुपये से बढ़ाकर 21 हजार रुपये करने की मांगआशा कार्यकर्ताओं 10 फरवरी से सचिवालय के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं, जो सेवानिवृत्ति के बाद के लाभों और मानदेय को मौजूदा सात हजार रुपये से बढ़ाकर 21 हजार रुपये करने की मांग कर रही हैं।
EC: मतदाता सूची को अपडेट करने की प्रक्रिया मजबूत की जाएगी, चुनाव आयोग ने लिए अहम फैसले
पीटीआई, नई दिल्ली। मतदाता सूचियों की शुद्धता पर जारी बहस के बीच चुनाव आयोग ने गुरुवार को कहा कि मतदाता सूची को नियमित रूप से अपडेट करने की प्रक्रिया को जन्म-मृत्यु पंजीकरण अधिकारियों के साथ करीबी समन्वय से मजबूत बनाया जाएगा।
अधिकारियों के साथ किया जाएगा करीबी समन्वयचुनाव आयोग ने एक बयान में कहा कि मतदाता सूची और आधार को जोड़ने पर यूआइडीएआइ और आयोग के विशेषज्ञों के बीच तकनीकी चर्चा जल्द शुरू होगी। साथ ही कहा, चूंकि एक मतदाता सिर्फ निर्धारित मतदान केंद्र पर ही मतदान कर सकता है, अन्य कहीं नहीं, आयोग ने देशभर में डुप्लीकेट नाम हटाने और इस दशकभर पुराने मुद्दे को तीन महीने में खत्म करने का संकल्प लिया है।
राजनीतिक दलों के साथ चुनाव आयोग की चर्चाओं में यह स्पष्ट किया गया कि मसौदा मतदाता सूची में नाम शामिल करने या हटाने का काम जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 में सभी राजनीतिक दलों के लिए उपलब्ध दावे व आपत्तियां दाखिल करने के लिए प्रासंगिक कानूनी प्रविधानों के तहत अपील प्रक्रिया द्वारा नियंत्रित होगा।
चुनाव आयोग ने कही ये बातऐसी अपीलें नहीं होने पर निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) द्वारा तैयार सूची ही मान्य होगी। चुनाव आयोग ने स्मरण कराया कि जनवरी में स्पेशल समरी रिवीजन एक्सरसाइज पूरी होने के बाद सिर्फ 89 फर्स्ट अपील और सिर्फ एक सेकेंड अपील दायर की गई थी।
आयोग ने यह भी कहा कि उसने चुनाव प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए साहसिक कदम उठाए हैं। निचले स्तर पर मुद्दों का समाधान करने के लिए लगभग 5,000 चुनाव अधिकारी 31 मार्च तक राजनीतिक दलों के साथ नियमित बैठकें करेंगे।
अधिकारियों को डिजिटल ट्रेनिंग भी दी जाएगीइन अधिकारियों में राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी, जिला निर्वाचन अधिकारी और निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी शामिल हैं। आयोग ने कहा कि लगभग एक करोड़ चुनाव अधिकारियों की निरंतर क्षमता वृद्धि के लिए डिजिटल ट्रेनिंग की योजना भी बनाई गई है।
AI-driven weather prediction breakthrough reported - The Guardian
- AI-driven weather prediction breakthrough reported The Guardian
- Fully AI-driven weather prediction system delivers accurate forecasts faster with less computing power Phys.org
- AI can forecast the weather in seconds without needing supercomputers New Scientist
- AI weather forecast project eyes access through desktop computers Financial Times
- AI is changing the way weather models work, and it can be a good thing! Turn to 10
पाकिस्तान में हिंदू समेत अन्य अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं, केंद्र सरकार ने संसद में कहा- अत्याचार के मामले बढ़े
पीटीआई, नई दिल्ली। सरकार ने गुरुवार को संसद में कहा कि पाकिस्तान में हिंदुओं सहित विभिन्न अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ अत्याचार के मामले बढ़े हैं। विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
विदेश मंत्रालय से पूछा गया था कि क्या सरकार को इस बात की जानकारी है कि पड़ोसी देश पाकिस्तान में हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा और भेदभाव के कारण अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय सिंध प्रांत से लगातार पलायन कर रहा है।
अत्याचार के कारण पलायन की मजबूरीजवाब में मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ अत्याचार की खबरें आई हैं, जिनमें हिंदू समुदाय के सदस्य भी शामिल हैं। धमकी, अपहरण, उत्पीड़न, जबरन धर्मांतरण और जबरन विवाह जैसी घटनाएं समय-समय पर सामने आई हैं, जो उन्हें पलायन करने के लिए मजबूर करती हैं।
एक अन्य प्रश्न के लिखित जवाब में कीर्तिवर्धन सिंह ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय तेल खरीद पर भारत का फैसला विभिन्न कारकों पर आधारित है, जिसमें देश के राष्ट्रीय हित सबसे ऊपर हैं। राज्यसभा में विदेश मंत्रालय से पूछा गया कि क्या यह सच है कि अमेरिका ने भारत को रूस से तेल नहीं लेने के लिए कहा है और इसके लिए समयसीमा तय की है।
मोदी की जून 2023 में हुई अमेरिकी यात्रा पर 22 करोड़ रुपये खर्च हुएप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जून 2023 में हुई अमेरिका यात्रा पर 22 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुए थे। विदेश राज्यमंत्री पबित्र मार्गेरिटा ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। खरगे ने सरकार से पूछा था कि पिछले तीन वर्षों में प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं की व्यवस्था पर भारतीय दूतावासों द्वारा कुल कितना खर्च किया गया है।
उन्होंने होटल व्यवस्था, सामुदायिक स्वागत, परिवहन व्यवस्था और अन्य विविध व्यय जैसे प्रमुख मदों के अंतर्गत किए गए यात्रा-वार व्यय का विवरण भी मांगा। इसके जवाब में मार्गेरिटा ने प्रधानमंत्री द्वारा 2022, 2023 और 2024 में किए गए विदेश यात्राओं पर देश-वार खर्च के आंकड़ों को साझा किया। उनकी इन यात्राओं में उनके साथ जाने वाले सुरक्षा और मीडिया प्रतिनिधिमंडल शामिल थे।
जापान यात्रा पर 17 करोड़ खर्चआंकड़ों के अनुसार, जून 2023 में प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा पर 22,89,68,509 रुपये का खर्च हुआ था, जबकि सितंबर 2024 में इसी देश की यात्रा पर 15,33,76,348 रुपये खर्च हुए थे। ये आंकड़े मई 2022 में जर्मनी की यात्रा से लेकर दिसंबर 2024 में कुवैत यात्रा तक 38 से अधिक यात्राओं से संबंधित थे। मई 2023 में प्रधानमंत्री की जापान यात्रा से संबंधित आंकड़ों के अनुसार उस पर 17,19,33,356 रुपये खर्च हुए थे, जबकि मई 2022 में नेपाल यात्रा पर 80,01,483 रुपये खर्च हुए थे।
म्यांमार में फंसे नागरिकों को वापस लाने की कोशिशमंत्री ने अपने जवाब में 2014 से पहले के वर्षों के कुछ आंकड़े भी साझा किए। एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में मार्गेरिटा ने कहा कि भारत फर्जी नौकरी के लालच में म्यांमार भेजे गए अपने नागरिकों की रिहाई और स्वदेश वापसी सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है। हाल ही में थाईलैंड के माई सोत से भारतीय वायुसेना के विमान से 549 भारतीयों को वापस लाया गया है।
लोकपाल जांच निदेशक और अभियोजन निदेशक की नियुक्ति करेगासरकार ने संसद में बताया कि जांच निदेशक और अभियोजन निदेशक के दो प्रमुख पदों को लोकपाल द्वारा भरा जाना अभी बाकी है। राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न के जवाब में केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के तहत जांच निदेशक और अभियोजन निदेशक की नियुक्ति, लोकपाल द्वारा की जानी होती है।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में जितेन्द्र सिंह ने कहा कि सीबीआई ने इंटरपोल अलर्ट के आधार पर मादक पदार्थ ले जाने के संदेह में पिछले वर्ष विशाखापत्तनम बंदरगाह पर एक शिपिंग कंटेनर को रोका था, जिसमें सूखा खमीर पाया गया था। इसके साथ ही एक और प्रश्न के जबाब में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने ऑनलाइन प्रणाली सीपीजीआरएएमएस पर एक महीने में एक व्यक्ति द्वारा दर्ज की जाने वाली शिकायतों की संख्या सीमित कर दी है, ताकि बार-बार होने वाली शिकायतों पर लगाम लगाई जा सके। केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) नागरिकों को ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने की सुविधा देती है।
2018 से नियुक्त 715 हाई कोर्ट जजों में से 22 अनुसूचित जाति के2018 से नियुक्त 715 हाई कोर्ट के जजों में से 22 अनुसूचित जाति के हैं, 16 अनुसूचित जनजाति श्रेणी के हैं, 89 ओबीसी श्रेणी के हैं और 37 अल्पसंख्यक हैं। राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट और 25 हाई कोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्तियां संविधान के प्रविधानों के तहत की जाती हैं, जिसमें किसी भी जाति या वर्ग के व्यक्तियों के लिए आरक्षण का प्रविधान नहीं है।
अब तक अमेरिका से 588 पुरावशेष भारत वापस लाए गएसरकार ने संसद को बताया कि अब तक अमेरिका से 588 पुरावशेष भारत वापस भेजे जा चुके हैं, जिनमें से 297 2024 में प्राप्त हुए। केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारतीय पुरावशेषों की तस्करी को रोकने के लिए अमेरिका के साथ सांस्कृतिक संपदा समझौते (सीपीए) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। समझौता निवारक प्रकृति का है, इसलिए इसमें कोई समयसीमा या लक्ष्य संख्या नहीं है।
अमृतसर और उसके आसपास के क्षेत्रों में एयरलाइनों ने जीपीएस हस्तक्षेप की रिपोर्ट दीसरकार ने कहा कि नवंबर 2023 और फरवरी 2025 के बीच सीमावर्ती क्षेत्र में ज्यादातर अमृतसर और जम्मू क्षेत्रों में 465 जीपीएस हस्तक्षेप और स्पूफिंग की घटनाएं दर्ज की गई हैं। नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने लोकसभा को बताया कि कई एयरलाइनों ने रिपोर्ट दी है कि अमृतसर और उसके आसपास के क्षेत्रों में उड़ान भरने वाले विमानों में जीपीएस, जीएनएसएस व्यवधान आ रहा है। सामान्यत:, जीपीएस, स्पूफिंग और जैमिंग से तात्पर्य झूठे संकेत देकर यूजर के नेविगेशन सिस्टम में हेरफेर करने के प्रयासों से है।
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PM मोदी के अमेरिकी दौरे पर खर्च हुए थे 22 करोड़ रुपये, नेपाल यात्रा में आया कितना खर्चा?
पीटीआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जून 2023 में हुई अमेरिका यात्रा पर 22 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुए थे। विदेश राज्यमंत्री पबित्र मार्गेरिटा ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी।
खरगे ने सरकार से पूछा था कि पिछले तीन साल में प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं की व्यवस्था पर भारतीय दूतावासों द्वारा कुल कितना खर्च किया गया है। उन्होंने होटल व्यवस्था, सामुदायिक स्वागत, परिवहन व्यवस्था और अन्य विविध व्यय जैसे प्रमुख मदों के अंतर्गत किए गए यात्रा-वार व्यय का विवरण भी मांगा।
2022, 2023 और 2024 में पीएम की विदेश यात्रा पर कितना खर्च?
इसके जवाब में मार्गेरिटा ने प्रधानमंत्री द्वारा 2022, 2023 और 2024 में किए गए विदेश यात्राओं पर देश-वार खर्च के आंकड़ों को साझा किया। उनकी इन यात्राओं में उनके साथ जाने वाले सुरक्षा और मीडिया प्रतिनिधिमंडल शामिल थे। आंकड़ों के अनुसार, जून 2023 में प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा पर 22,89,68,509 रुपये का खर्च हुआ था, जबकि सितंबर 2024 में इसी देश की यात्रा पर 15,33,76,348 रुपये खर्च हुए थे।
ये आंकड़े मई 2022 में जर्मनी की यात्रा से लेकर दिसंबर 2024 में कुवैत यात्रा तक 38 से अधिक यात्राओं से संबंधित थे। मई 2023 में प्रधानमंत्री की जापान यात्रा से संबंधित आंकड़ों के अनुसार उस पर 17,19,33,356 रुपये खर्च हुए थे, जबकि मई 2022 में नेपाल यात्रा पर 80,01,483 रुपये खर्च हुए थे।
2014 से पहले के भी आंकड़े किए पेश
मंत्री ने अपने जवाब में 2014 से पहले के वर्षों के कुछ आंकड़े भी साझा किए। एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में मार्गेरिटा ने कहा कि भारत फर्जी नौकरी के लालच में म्यांमार भेजे गए अपने नागरिकों की रिहाई और स्वदेश वापसी सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है। हाल ही में थाईलैंड के माई सोत से भारतीय वायुसेना के विमान से 549 भारतीयों को वापस लाया गया है।
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'48 विधायक हनी ट्रैप में फंसे', कांग्रेस के मंत्री ने किया खुलासा, बोले- 'मैं भी शिकायत करूंगा...'
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री सतीश जरकीहोली ने कहा है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के करीबी माने जाने वाले कॉर्पोरेशन मंत्री केएन राजन्ना को दो बार हनी ट्रैप का निशाना बनाया गया। हालांकि, हनी ट्रैप की कोशिश नाकाम रही। राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने बताया कि पुलिस में मामला दर्ज कर इसकी गहराई से जांच की जाएगी।
केएन राजन्ना ने कहा कि सिर्फ उन्हें ही नहीं, बल्कि पिछले 20 सालों में 48 विधायकों को इस तरह से निशाना बनाया गया है। गुरुवार को विधानसभा में बोलते हुए राजन्ना ने कहा, "ऐसी चर्चा है कि तुमकुरु के एक मंत्री हनी ट्रैप का शिकार हुए हैं। तुमकुरु से हम दो ही लोग हैं, एक मैं हूं और दूसरे गृह मंत्री हैं।"
"यह कोई नई चर्चा नहीं है। 48 सदस्य ऐसे हैं जो इसके पीड़ित बताए जा रहे हैं। उनमें से कई ने हाईकोर्ट से स्टे भी ले लिया है। दोनों तरफ ऐसे लोग हैं और अब मेरा नाम भी लिया जा रहा है। मैं गृह मंत्री से अपील करता हूं कि इस मामले की गहनता से जांच की जाए। जरूरत पड़ी तो मैं खुद शिकायत दर्ज कराने को तैयार हूं। कम से कम हमें तो पता चले कि इसका निर्देशक कौन है और अभिनेता कौन है।" केएन राजन्ना, मंत्री
हर राजनीतिक दल के नेता हो चुके हैं शिकार: सतीश जरकीहोली
मंत्री ने यह भी बताया कि यह कोई नया मामला नहीं है, बल्कि कर्नाटक में इस तरह की घटनाएं पहले भी होती रही हैं। मंत्री ने आगे कहा, "यह सिलसिला बीते 20 सालों से जारी है। कांग्रेस, भाजपा और जेडीएस हर राजनीतिक दल के नेता इसका शिकार हुए हैं।"
जरकीहोली ने कहा कि उन्होंने संबंधित अधिकारियों से इस मामले में शिकायत दर्ज करने और जांच शुरू करने की मांग की है।
"हमने पीड़ित से कहा है कि वह खुलकर सामने आए और आधिकारिक रूप से शिकायत दर्ज कराए। तभी पूरी हकीकत उजागर हो सकेगी और इंसाफ मुमकिन हो पाएगा।" सतीश जरकीहोली, मंत्री, लोक निर्माण विभाग, कर्नाटक
गौरतलब है कि हनी ट्रैप जैसे मामलों में राजनीति और सत्ता से जुड़े कई नाम सामने आते रहे हैं। सरकार की ओर से मामले की निष्पक्ष जांच का भरोसा दिया गया है, ताकि सच सामने आ सके और दोषियों पर उचित कार्रवाई हो सके।
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