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राबड़ी देवी ने किसे CM बनाने को कहा? तेजस्वी की जगह लिया 'दूसरे' का नाम; कहा- नीतीश अब ठीक नहीं

Dainik Jagran - March 21, 2025 - 2:45pm

डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar Politics: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का राष्ट्रगान के दौरान बात करने का वीडियो वायरल होने के बाद से प्रदेश में सियासी पारा हाई हो गया है।

वायरल वीडियो को लेकर राजद ने राष्ट्रगान का अपमान करने का आरोपी सीएम नीतीश कुमार पर लगाया है। वहीं इसे लेकर शुक्रवार को विधानसभा में विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा भी किया। 

इस मामले में आरजेडी जहां इस्तीफे की मांग कर रही है। दूसरी ओर, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने एक ऐसी मांग कर दी है जिसे सुनकर तेजस्वी यादव भी हैरान रह जाएंगे।

नीतीश कुर्सी छोड़ें : राबड़ी देवी

दरअसल, राबड़ी देवी ने अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि नीतीश कुमार की दिमागी हालत सही नहीं है। उन्हें गद्दी छोड़ देना चाहिए। 

राबड़ी देवी ने कहा कि नीतीश कुमार को सत्ता छोड़कर अपने बेटे निशांत कुमार को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए या किसी दूसरे को बनाना चाहिए।

'बेटे को आगे लाओ'

बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देव ने शुक्रवार को विधानसभा के बाहर मीडिया से बात करते हुए यह बातें कही हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की दिमागी हालत ठीक नहीं है।

उन्होंने यह भी कहा कि जब दिमाग ही ठीक नहीं है तो इस्तीफा देकर अपने बेटे (निशांत कुमार) को बनाएं (सीएम) या कोई और को बनावें।

'देश का अपमान हुआ'

पूर्व सीएम ने कहा कि दिमाग ही काम नहीं कर रहा है तो अपने बेटे को आगे लाओ। राबड़ी ने वायरल वीडियो के बारे में भी अपनी बात कही।

उन्होंने कहा कि वीडियो में दिख रहा है कि राष्ट्रगान हो रहा है और नीतीश कुमार हाथ जोड़ रहे हैं, प्रणाम कर रहे हैं। विजय चौधरी और दीपक कुमार का नाम लेकर भी हाथ से नमस्कार की मुद्रा बनाते हुए कहा कि नीतीश प्रणाम कर रहे हैं।

राबड़ी देवी ने कहा कि देश का अपमान हुआ है। राष्ट्रगान का अपमान हुआ है। बिहार को शर्मसार किए, देश को शर्मसार करने वाली ये घटना है। 

पहले भी चर्चा में रहे नीतीश कुमार

बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब नीतीश कुमार इस तरह के विवाद में घिरे हैं। आइए जानते हैं ऐसा कुछ कब-कब हो चुका है।

  1. हाल ही में विधानसभा सत्र के दौरान नीतीश कुमार अपनी दाढ़ी पर हाथ फेरते हुए तेजस्वी यादव की ओर इशारा करते नजर आए थे। वह जानना चाहते थे कि तेजस्वी दाढ़ी क्यों नहीं बना रहे हैं।
  2. इससे पहले भी नीतीश कुमार बजट पर चर्चा के दौरान सदन में तेजस्वी की ओर इशारे करते हुए देखे गए थे। वह अशोक चौधरी के हाथ में पहने गए ब्रेसलेट को टच करते हुए नजर आए थे।  
  3. एक श्रद्धांजलि सभा में भी वह अपने ही मंत्री (अशोक चौधरी) के ऊपर फूल डालकर चर्चा में आए थे। पिछले साल विजय सिन्हा और अशोक चौधरी के सिर को पकड़कर आपस में टकरा दिए थे।

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Business News - March 21, 2025 - 2:35pm
Categories: Business News

'तो वो हिट लिस्ट पर आ जाते...' दिल्ली हाई कोर्ट के जज के घर नकदी मिलने पर ऐसा क्यों बोले जगदीप धनखड़?

Dainik Jagran - National - March 21, 2025 - 2:28pm

पीटीआई, नई दिल्ली। Delhi HC judge House Fire दिल्ली हाईकोर्ट के एक जज के घर से करोड़ों की नकदी मिलने से हड़कंप मच गया है। दरअसल, मौजूदा न्यायाधीश के आवास में आग लग गई थी, जिसे बुझाने पहुंचे कमकल कर्मियों ने जब वहां नोटों का भंडार देखा तो सब हैरान रह गए।

अब मामले पर सीजेआई ने कार्रवाई की है और उनका दिल्ली से बाहर ट्रांसफर कर दिया है। मामला राज्यसभा तक पहुंच चुका है, जहां सभापति जगदीप धनखड़ का भी रिएक्शन सामने आया।

क्या बोले जगदीप धनखड़?

कथित तौर पर दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से नकदी बरामद होने का मामला शुक्रवार को राज्यसभा में उठाया गया, जिसमें सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि वह इस मुद्दे पर एक संरचित चर्चा आयोजित करने के लिए एक तंत्र ढूंढेंगे।

कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने सुबह के सत्र में इस मुद्दे को उठाते हुए न्यायिक जवाबदेही पर अध्यक्ष की प्रतिक्रिया मांगी थी और उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के महाभियोग के बारे में लंबित नोटिस के बारे में याद दिलाया।

इलाहाबाद हाईकोर्ट का मामला भी उठाया

जयराम रमेश ने कहा, 

आज सुबह, हमने दिल्ली उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के आवास पर भारी मात्रा में नकदी बरामद होने के चौंकाने वाले मामले के बारे में पढ़ा है। उन्होंने यह भी बताया कि इससे पहले, संसद के 50 सदस्यों ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों के संबंध में अध्यक्ष को एक नोटिस सौंपा था।

जयराम रमेश ने कहा कि अध्यक्ष ने खुद बार-बार न्यायिक जवाबदेही की तत्काल आवश्यकता के बारे में बात की है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने धनखड़ को यह भी याद दिलाने की कोशिश की कि उन्होंने इस मुद्दे पर सदन के नेता को निर्देश दिया था।

उन्होंने कहा, "मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया इस पर कुछ टिप्पणियां करें और सरकार को न्यायिक जवाबदेही बढ़ाने के लिए प्रस्ताव लाने के लिए आवश्यक निर्देश दें।"

तो राजनेता हिट लिस्ट पर आ जाते

जज के घर नकदी की कथित बरामदगी से जुड़े मुद्दे पर धनखड़ ने कहा कि उन्हें जो बात "परेशान" करती है, वह यह है कि घटना के बाद भी वो तुरंत प्रकाश में नहीं आई।

उन्होंने कहा कि अगर ऐसी कोई घटना किसी राजनेता, नौकरशाह या उद्योगपति से संबंधित होती, तो संबंधित व्यक्ति तुरंत 'हिट लिस्ट' पर आ जाता। 

सदन और विपक्ष के नेता से बात करेंगे सभापित

सभापति ने आगे कहा कि वह सदन के नेता और विपक्ष के नेता से संपर्क करेंगे और सत्र के दौरान एक संरचित चर्चा के लिए एक तंत्र ढूंढेंगे।

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इलाहाबाद HC के फैसले पर केंद्रीय मंत्री ने उठाए सवाल, स्वाति मालीवाल बोलीं-'शर्मनाक और बिल्कुल गलत'

Dainik Jagran - National - March 21, 2025 - 1:46pm

पीटीआई, नई दिल्ली। राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस फैसले को "शर्मनाक" और "बिल्कुल गलत" बताया जिसमें कहा गया है कि किसी महिला को गलत तरीके से पकड़ना और 'पजामा' का नाड़ा तोड़ना बलात्कार के अपराध के बराबर नहीं है।

मालीवाल ने क्या प्रतिक्रिया दी?

मालीवाल ने इस तरह के फैसले से समाज में जाने वाले संदेश पर सवाल उठाया। उन्होंने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा, "यह "बेहद शर्मनाक और बिल्कुल गलत है। वे समाज को क्या संदेश देना चाहते हैं कि एक छोटी लड़की के साथ इस तरह की हरकत की जा सकती है और फिर भी इसे बलात्कार नहीं माना जाएगा?"

मालीवाल ने सुप्रीम कोर्ट से तुरंत हस्तक्षेप करने और ऐसी न्यायिक फैसलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में बिना देरी किए हस्तक्षेप करना चाहिए और सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।"

केंद्रीय मंत्री ने जताई कड़ी आपत्ति

स्वाति मालीवाल ही नहीं, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने भी सुप्रीम कोर्ट से इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। लोकसभा के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह फैसले से पूरी तरह असहमत हैं और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मामले का संज्ञान लेने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा, "मैं इस फैसले के पूरी तरह खिलाफ हूं और सुप्रीम कोर्ट को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। सभ्य समाज में इस तरह के फैसले के लिए कोई जगह नहीं है। कहीं न कहीं इसका समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और हम इस मामले पर आगे चर्चा करेंगे।"

क्या था हाई कोर्ट का फैसला?

  • इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नाबालिग के वक्ष का स्पर्श और वस्त्र का नाड़ा तोड़ने को दुष्कर्म के प्रयास की जगह ‘गंभीर यौन उत्पीड़न’ माना।
  • न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्र की एकल पीठ ने कासगंज के स्पेशल जज (पोक्सो कोर्ट) का समन आदेश संशोधित कर दिया है और नए सिरे से समन करने का आदेश दिया है।
  • हाई कोर्ट ने निर्देश दिया है कि आरोपितों के खिलाफ धारा 354-बी आइपीसी (निर्वस्त्र करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) के मामूली आरोप के साथ पोक्सो अधिनियम की धारा 9/10 (गंभीर यौन हमला) के तहत मुकदमा चलाया जाए।

क्या है मामला?

बता दें, यह मामला उत्तर प्रदेश के कासगंज में 11 वर्षीय लड़की से जुड़ा है, जिस पर 2021 में दो लोग पवन और आकाश ने हमला किया था। आरोपियों ने उसको गलत तरीके से पकड़ा, उसके पायजामे का नाड़ा तोड़ दिया और उसे एक पुलिया के नीचे खींचने का प्रयास किया था। जब उसकी चीखें सुनकर लोग वहां पहुंचे तो आरोपी वहां से भाग गए थे।

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विदेशी जेलों में बंद हैं 10 हजार से ज्यादा भारतीय, 49 को मिली मौत की सजा; सरकार ने सामने रखे आंकड़े

Dainik Jagran - National - March 21, 2025 - 1:24pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने संसद में विदेशों में बंद भारतीयों के मुद्दे पर बात की। उन्होंने कहा, वर्तमान में 10,000 से अधिक भारतीय विभिन्न विदेशी जेलों में बंद हैं और उनमें से 49 को मौत की सजा सुनाई गई है। 

विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लिखित जवाब में बताया, सबसे ज्यादा 2,633 भारतीय सऊदी अरब में कैद हैं, जबकि दूसरे नंबर पर 2,518 संयुक्त अरब अमीरात में कैद हैं। सरकार विदेशी जेलों में बंद भारतीय नागरिकों सहित विदेशों में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा,संरक्षा और कल्याण को उच्च प्राथमिकता देती है।

नेपाल में 1 हजार से ज्यादा भारतीय 
  • विदेश में भारतीय मिशन/केंद्र सतर्क रहते हैं और स्थानीय कानूनों के उल्लंघन या कथित उल्लंघन के लिए विदेशी देशों में भारतीय नागरिकों को जेल में डाले जाने की घटनाओं पर बारीकी से नजर रखते हैं।
  • मंत्री की तरफ से प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, नेपाल में तीसरे नंबर पर सबसे अधिक 1,317 भारतीय हैं जो इस हिमालयी देश में बंद हैं।
  • जिन अन्य देशों की जेलों में बड़ी संख्या में भारतीय बंद हैं, उनमें कतर के 611, कुवैत 387, मलेशिया 338 पाकिस्तान 266, चीन के 173 शामिल हैं।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका 169, ओमान के148 रूस और म्यांमार 27 कैद हैं।
2020 में 25 भारतीयों को मौत की सजा

आंकड़ों के अनुसार, 2020 से कुवैत में 25 भारतीयों को फांसी की सजा दी गई है। यह उन देशों में सबसे अधिक है जहां मौत की सजा पाए दोषियों को रखा जाता है। इसके बाद सऊदी अरब में नौ, जिम्बाब्वे में सात, मलेशिया में पांच और जमैका में एक व्यक्ति को फांसी दी गई।

मंत्रालय ने कहा कि यूएई ने वहां मारे गए भारतीयों की संख्या का खुलासा नहीं किया है, लेकिन 2020 और 2024 के बीच किसी भी भारतीय को फांसी नहीं दी गई। इस साल फरवरी में यूएई में तीन भारतीयों को फांसी दी गई, जिनमें उत्तर प्रदेश की एक नर्स और केरल का एक व्यक्ति शामिल है।

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