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बेंगलुरु में सुनसान सड़क पर युवती का यौन उत्पीड़न, सीसीटीवी में कैद हुई वारदात; VIDEO देख कांप जाएगा दिल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक युवती के साथ सुनसान सड़क पर यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है। इस घटना ने कर्नाटक में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना बेंगलुरु में बीटीएम लेआउट एरिया की बताई जा रही है।
सोशल मीडिया पर इसका एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि दो युवतियां रात में एक सुनसान सड़क से गुजर रही हैं। सड़क पर कई टू व्हीलर खड़े दिखाई दे रहे हैं। तभी पीछे से एक युवक आता दिखाई देता है।
पुलिस को नहीं मिली शिकायतवीडियो में दिखता है कि दोनों युवतियां जब सड़क पर चल रही है, तभी पीछे से युवक आकर उनसे से एक को पकड़ देता है। इसके बाद वह उसके प्राइवेट पार्ट पर हाथ लगाता है और फिर वहां से भाग जाता है।
बेंगलुरु में युवती से गंदी हरकत! एक शख्स संकरी गली में चल रही दो युवतियों के पास जाता है, युवती का यौन उत्पीड़न करता है और फिर भाग जाता है pic.twitter.com/4P6hN0OXDq
— Swaraj Srivastava (@SwarajAjad) April 6, 2025युवक के जाते ही दोनों लड़कियां वहां से भाग जाती है। जिस जगह पर यह वारदात हुई, वहां एक सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ था। सारी वारदात कैमरे में रिकॉर्ड हो गई। हालांकि अभी तक पुलिस को किसी भी तरह की शिकायत नहीं मिली है।
वीडियो में दिख रहे युवक की पहचान अभी नहीं हो पाई है। पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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Waqf Bill: SC से खारिज नहीं होगा वक्फ संशोधन कानून, लेकिन पास करनी होगी ये तीन परीक्षा
माला दीक्षित, नई दिल्ली। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद वक्फ संशोधन विधेयक कानून बन चुका है। हालांकि संसद के दोनों सदनों से पारित होते ही इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी गई। अभी तक कई याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं जिनमें इसे संविधान के खिलाफ और धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन बताते चुनौती दी गई है।
लेकिन अगर किसी कानून को परखने के कोर्ट के दायरे को देखा जाए तो वो थोड़ा सीमित होता है। किसी भी कानून को तीन आधारों, विधायी सक्षमता, संविधान का उल्लंघन और मनमाना होने के आधार पर कोर्ट परखता है। तीनों आधारों को देखा जाए तो शीर्ष अदालत से इसे खारिज कराना बहुत आसान नहीं लगता।
क्या है कानूनी सिद्धांत?- मगर यह जरूर है कि मामले पर सुनवाई के बाद अगर सुप्रीम कोर्ट से विस्तृत फैसला आता है तो देश में धार्मिक दान की संपत्तियों के प्रबंधन पर स्पष्ट व्यवस्था आ सकती है।
- वक्फ संशोधन कानून 2025 के अदालत पहुंचने पर जरूरी हो जाता है कि किसी कानून पर विचार के तय कानूनी सिद्धांतों को देखा जाए।
- इलाहाबाद हाई कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश एसआर सिंह कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट किसी भी कानून की वैधानिकता पर मुख्यत: तीन आधारों पर विचार करता है।
पहला कि जिस व्यक्ति या संस्था ने कानून पारित किया है उसे इसका अधिकार नहीं था यानी विधायी सक्षमता (लेजिस्लेटिव कांपीटेंस), दूसरा वह कानून संविधान के किसी प्रविधान या मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता हो अथवा संविधान की मूल भावना के खिलाफ हो। तीसरा मनमाने ढंग से कानून पारित होना यानी आर्बीट्रेरीनेस।
याचिकाओं का मुख्य आधार क्या है?इन तीन आधारों पर अगर वक्फ संशोधन कानून को देखा जाए तो विधायी सक्षमता की कसौटी पर संसद से घंटो बहस के बाद यह पारित हुआ है। दूसरा आधार संवैधानिक प्रविधानों के उल्लंघन का है।
कोर्ट में दाखिल याचिकाओं में मुख्य आधार यही है कि यह कानून मुसलमानों के संवैधानिक अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करता है।
याचिका में क्या दलील दी गई?दलील है कि संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 में सभी को धार्मिक स्वतंत्रता और धार्मिक मामलों के प्रबंधन की आजादी मिली हुई है, जबकि इस नये कानून में मुसलमानों की इस आजादी में हस्तक्षेप होता है और सरकारी दखलंदाजी बढ़ती है। याचिकाओं में वक्फ बोर्ड के सदस्यों में गैर मुस्लिमों को शामिल करने का भी विरोध किया गया है।
कानून धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ नहींमाना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में होने वाली बहस में धार्मिक स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार ही केंद्र में होगा और सुप्रीम कोर्ट जो व्यवस्था देगा वही लागू भी होगी। लेकिन कानून पर सरकार के तर्क को देखा जाए तो उसके अनुसार, यह कानून धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ नहीं है बल्कि संपत्तियों के प्रबंधन से संबंधित है।
व्यवस्थित सुधारों की आवश्यकतासरकार कानून को जायज ठहराते हुए तर्क दे रही है कि वक्फ प्रबंधन में चुनौतियों का समाधान करने के लिए व्यवस्थित सुधारों की आवश्यकता थी जिसके लिए वक्फ संशोधन कानून 2025 लाया गया। इससे पारदर्शिता, जवाबदेही और कानूनी निरीक्षण सुनिश्चित करके, वक्फ संपत्तियां गैर-मुसलमानों और अन्य हित धारकों के अधिकारों का उल्लंघन किये बगैर अपने इच्छित धर्मार्थ उद्देश्यों की पूर्ति कर सकती हैं।
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शेयर बाजार से लेकर स्टार्टअप्स में बढ़ रही महिलाओं की भागीदारी, सरकार की रिपोर्ट में सामने आई अहम जानकारी
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत में कुल बैंक खातों में महिलाओं की हिस्सेदारी 39.2 प्रतिशत है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह अनुपात 42.2 प्रतिशत है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने रविवार को 'भारत में महिला और पुरुष 2024: चयनित संकेतक और आंकड़े' शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की।
यह रिपोर्ट भारत में लैंगिक परिदृश्य का एक व्यापक अवलोकन प्रस्तुत करता है, जिसमें जनसंख्या, शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक भागीदारी और निर्णय लेने जैसे प्रमुख क्षेत्रों में चयनित संकेतक और आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं। ये आंकड़े विभिन्न मंत्रालयों/विभागों/संगठनों से प्राप्त किए गए हैं।
डीमैट खातों में 4 गुना की वृद्धि31 मार्च, 2021 से 30 नवंबर, 2024 तक डीमैट खातों की कुल संख्या चार गुना से अधिक होकर 3.32 करोड़ से बढ़कर 14.30 करोड़ हो गई है। पुरुष डीमैट खाताधारकों की संख्या लगातार महिला खाताधारकों से अधिक रही है, लेकिन महिलाओं की भागीदारी में भी वृद्धि देखी गई है।
पुरुष अकाउंट की संख्या 2021 के 2.65 करोड़ से बढ़कर 2024 में 11.53 करोड़ हो गई, जबकि इसी अवधि के दौरान महिला अकाउंट की संख्या 66.7 लाख से बढ़कर 2.77 करोड़ हो गई। वर्ष 2021-22, 2022-23 और 2023-24 के दौरान मैन्युफैक्चरिंग, व्यापार और अन्य सेवा क्षेत्रों में महिलाओं की अगुआई वाले प्रतिष्ठानों का प्रतिशत बढ़ता हुआ देखा गया है।
महिला निदेशक वाले स्टार्टअप की संख्या बढ़ी- महिला मतदाता पंजीकरण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। कुल मतदाताओं की संख्या 1952 के 17.32 करोड़ से बढ़कर 2024 में 97.8 करोड़ हो गई। वर्षों से मतदान करने वाली महिलाओं की संख्या में भिन्नता रही है। यह 2019 में 67.2 प्रतिशत तक पहुंच गई, लेकिन 2024 में थोड़ी गिरावट के साथ 65.8 प्रतिशत रह गई।
- 2024 में मतदान करने वाली महिलाएं, पुरुषों से आगे निकल गईं। पिछले कुछ वर्षों में, डीपीआइआइटी द्वारा मान्यता प्राप्त ऐसी स्टार्टअप फर्मों की संख्या बढ़ी है, जिसमें कम से कम एक महिला निदेशक है। यह महिला उद्यमिता में सकारात्मक प्रवृत्ति को दर्शाता है। ऐसे स्टार्टअप की कुल संख्या 2017 में 1,943 से बढ़कर 2024 में 17,405 हो गई।
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गले में पट्टा... घुटनों के बल चलवाया, खराब प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों के साथ कंपनी ने की अपमानजनक हरकत
पीटीआई, कोच्चि। केरल में एक कंपनी पर खराब प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों के साथ अपमानजनक व्यवहार करने का आरोप लगा है। सोशल मीडिया पर 12 सेकंड का वीडियो वायरल है। वीडियो में दिख रहा है कि एक कर्मचारी को घुटने और हाथ के बल चलने पर मजबूर किया जा रहा है। इसके बाद एक थाली पर रखे सिक्के को चाटने को कहा जाता है। सोशल मीडिया पर वीडियो सामने आने के बाद केरल सरकार एक्शन में आ आई है।
केरल की एक विपणन फर्म का वीडियोजानकारी के मुताबिक कर्मचारियों से अपमानजनक व्यवहार केरल की एक विपणन फर्म ने किया है। स्थानीय टीवी चैनलों में वीडियो वायरल होने के बाद केरल क श्रम विभाग ने मामले की जांच का आदेश दिया है। श्रम मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने घटना की जांच करने और जिला श्रम अधिकारी को तत्काल रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।
इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा: श्रम मंत्रीश्रम मंत्री शिवनकुट्टी ने इन दृश्यों को चौंकाने और विचलित करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि केरल जैसे राज्य में इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता। मंत्री ने आगे कहा कि मैंने घटना की जांच का आदेश दिया है। जिला श्रम अधिकारी को जांच के बाद घटना की रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
कर्मचारियों ने बताया- प्रबंधन ने दी ये सजावायरल वीडियो 12 सेकंड का है। इसमें एक व्यक्ति के गले पर पट्टा है। दूसरे व्यक्ति ने पट्टा पकड़ रखा है। इसके बाद कर्मचारी घुटने और हाथ के बल चलता है। कुछ ही दूर पर एक थाली में सिक्का रखा है। उसे चाटने को कहा जाता है। एक टीवी चैनल को कुछ कर्मचारियों ने बताया कि टारगेट हासिल नहीं कर पाने वाले कर्मचारियों को कंपनी के प्रबंधन ने यह सजा दी है।
पुलिस बोली- अभी तक नहीं मिली शिकायतपुलिस के मुताबिक यह मामला कलूर में कार्यरत एक निजी विपणन फर्म से जुड़ा है। हालांकि घटना पेरुम्बवूर में हुई है। पुलिस ने आगे बताया कि अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है। मकान मालिक ने आरोपों से इनकार किया है। फर्म के मालिक के हवाले से उन्होंने कहा कि कथित उत्पीड़न संभवतः पेरुम्बवूर स्थित फर्म में हुई है। यह फर्म कलूर स्थित प्रतिष्ठान के उत्पादों का विपणन और बिक्री करती थी। एक अधिकारी ने कहा कि अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
मानवाधिकार आयोग ने दर्ज किया मामलाउधर, राज्य मानवाधिकार आयोग ने हाई कोर्ट के वकील कुलाथूर जयसिंह की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया है। इस बीच केरल राज्य युवा आयोग ने भी हस्तक्षेप किया और कथित उत्पीड़न की घटना में अपने स्तर पर मामला दर्ज किया। पैनल ने जिला पुलिस प्रमुख से इस संबंध में एक रिपोर्ट सौंपने को कहा है। आयोग के अध्यक्ष एम. शजर ने कहा कि ऐसी घटनाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। सभ्य और लोकतांत्रिक समाज में इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
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हिंदी के शब्द विपणन को अंग्रेजी में मार्केटिंग कहा जाता है। अर्थशास्त्र की भाषा में किसी भी उत्पाद को अंतिम उपभोक्ता तक पहुंचाने की प्रक्रिया को ही विपणन कहते हैं।
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'सशक्त, समृद्ध भारत का संकल्प अब...', पीएम मोदी ने देशवासियों को दी रामनवमी की शुभकामनाएं; लोगों से की ये अपील
पीटीआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राम नवमी के मौके पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और भगवान श्रीराम से आशीर्वाद की कामना की।
उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम का आशीर्वाद हमेशा हमारे ऊपर रहे और हम अपनी सभी कोशिशों में सफलता प्राप्त करें। प्रधानमंत्री ने इस दिन तमिलनाडु के रामेश्वरम में भगवान श्रीराम के मंदिर में पूजा अर्चना करने का भी ऐलान किया।
सभी देशवासियों को रामनवमी की ढेरों शुभकामनाएं। प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव का यह पावन-पुनीत अवसर आप सबके जीवन में नई चेतना और नया उत्साह लेकर आए, जो सशक्त, समृद्ध और समर्थ भारत के संकल्प को निरंतर नई ऊर्जा प्रदान करे। जय श्रीराम!
— Narendra Modi (@narendramodi) April 6, 2025रामेश्वरम में पंबन रेल ब्रिज का उद्घाटन
प्रधानमंत्री मोदी आज दोपहर 12 बजे रामेश्वरम में नए पंबन रेल ब्रिज का उद्घाटन करेंगे। यह भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट समुद्री पुल है। इसके बाद प्रधानमंत्री इस पुल से एक ट्रेन और एक जहाज को हरी झंडी दिखाएंगे और पुल के संचालन का निरीक्षण करेंगे।
रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा और विकास कार्यों का शिलान्यास
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी दोपहर 12:45 बजे रामनाथस्वामी मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे। इसके बाद, लगभग 1:30 बजे, वे तमिलनाडु में 8,300 करोड़ रुपये से अधिक के विभिन्न रेल और सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे और इन्हें राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी दी राम नवमी की शुभकामनाएं
राम नवमी के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि राम नवमी हमें धर्म, न्याय और कर्तव्य की भावना का संदेश देती है। उन्होंने श्रीराम के आदर्शों की सराहना करते हुए देशवासियों से एकजुट होकर भारत के विकास के लिए काम करने का आह्वान किया।
गृह मंत्री अमित शाह ने रामनवमी पर देशवासियों को दी शुभकामनाएं
जय श्री राम!
सभी रामभक्तों को रामनवमी के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ।
प्रभु श्री राम का जीवन सत्य, सेवा और मानव मूल्यों के रक्षा की प्रेरणा देता है। प्रभु से सभी के स्वस्थ, सुदीर्घ और समृद्ध जीवन की कामना करता हूँ। pic.twitter.com/w39r5bLNDB
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सभी देशवासियों को रामनवमी के मौके पर शुभकामनाएं दी है। उन्होंने एक पर पोस्ट किया, "सभी रामभक्तों को रामनवमी के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं। प्रभु श्री राम का जीवन सत्य, सेवा और मानव मूल्यों के रक्षा की प्रेरणा देता है। प्रभु से सभी के स्वस्थ, सुदीर्घ और समृद्ध जीवन की कामना करता हूं।"
पीएम मोदी आज करेंगे पंबन ब्रिज का उद्घाटन, जानें क्यों है समुद्र में इंजीनियरिंग की अद्भुत मिसाल
Waqf Bill: वक्फ संशोधन बिल को मिली राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की मंजूरी, अस्तित्व में आया नया कानून
पीटीआई, नई दिल्ली। वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 कानून बन गया है। मैराथन बहस के बाद संसद के दोनों सदनों से पारित विधेयक को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शनिवार देर रात मंजूरी दे दी। इसके साथ ही राष्ट्रपति मुर्मु ने मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2025 को भी अपनी स्वीकृति दे दी।
सरकार ने एक अधिसूचना में कहा कि संसद से पारित वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। इससे पहले लोकसभा और राज्यसभा से वक्फ (संशोधन) विधेयक गरमागरम बहस के बाद पारित कर दिया था।
वहीं, नए कानून को कांग्रेस, एआईएमआईएम और आम आदमी पार्टी (आप) ने अलग-अलग याचिकाओं के साथ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
अब पूरे देश में नया वक्फ कानून लागू हो जाएगानए कानून का उद्देश्य पक्षपात, वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग और वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमण को रोकना है। सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार ने कहा है कि यह कानून मुस्लिम विरोधी नहीं है। वहीं, राष्ट्रपति मुर्मु के हस्ताक्षर के बाद वक्फ (संशोधन) विधेयक कानून बन गया है। अब पूरे देश में नया वक्फ कानून लागू हो जाएगा।
मुसलमान वक्फ अधिनियम- 1923 को निरस्त कर दियासंयुक्त समिति की रिपोर्ट के बाद लोकसभा और राज्यसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक- 2025 पारित किया गया। इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार, वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन से संबंधित हितधारकों के सशक्तिकरण, सर्वेक्षण, पंजीकरण और मामले के निपटान की प्रक्रिया में सुधार लाना है। इसके अलावा मुसलमान वक्फ अधिनियम- 1923 को भी निरस्त कर दिया गया है।
वक्फ बिल पर राज्यसभा में 13 तो लोकसभा में 12 घंटे चली बहसराज्यसभा में इस बिल पर करीब 13 घंटे तक चर्चा चली। यह विधेयक लोकसभा में करीब 12 घंटे तक चली मैराथन बहस के बाद पारित हुआ था। इसके बाद विधेयक को कानून बनने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास उनकी मंजूरी के लिए भेजा गया था जिस पर उन्होने हस्ताक्षर कर कानून बनाने को मंजूरी दे दी है।
जेपी नड्डा ने वक्फ अधिनियम से निपटने के तरीके को लेकर कांग्रेस पर कड़ा प्रहार किया था और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने इस कानून को इस तरह से बनाया है जिससे कथित तौर पर भू-माफियाओं को मदद मिल रही है।
ओवैसी ने फाड़ दी थी बिल की कॉपीएआइएमआइएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इसे मुसलमानों पर हमला बताते हुए लोकसभा में विधेयक की प्रति फाड़ दी थी।
बिल का विरोध करने वालों को चेतावनी देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा था कि यह संसद द्वारा बनाया गया कानून है और इसे सभी को मानना पड़ेगा। यदि तुष्टीकरण के लिए कांग्रेस ने 2013 में वक्फ कानूनों को अति कठोर नहीं बनाया होता, तो आज यह संशोधन लाने की जरूरत ही नहीं पड़ती।
किरेन रिजिजू ने कही ये बातअल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था कि वक्फ विधेयक से विपक्षी पार्टियां मुसलमानों को डरा रही हैं। उनका कहना था कि दुनिया में अल्पसंख्यकों के लिए भारत से ज्यादा सुरक्षित कोई देश नहीं है।
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वक्फ संपत्ति के नाम पर बड़ा हेरफेर, कागज में मस्जिद और दरगाह; हकीकत में चल रही दुकान
जागरण टीम, नई दिल्ली। वक्फ संपत्ति को लेकर बड़े पैमाने पर अनियमितता रही है। ज्यादातर संपत्ति का लेखा-जोखा नहीं है। अगर किसी का रिकॉर्ड है तो कागज में कुछ, जबकि धरातल पर कुछ और संपत्ति मिल रही है। बरेली के आंवला के पक्का कटरा में वक्फ नंबर 610444 में संपत्ति के रूप में एक मकान दर्ज है, लेकिन मौके पर 21 दुकान, दो मकान और एक मस्जिद मिली।
हाथरस में वक्फ की जमीन तहसील में निजी रूप में दर्जहाथरस के सिकंदराराऊ में वक्फ की जमीन तहसील में निजी रूप में दर्ज है। यह तो सिर्फ बानगी है। जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार ने बिल पेश करने से पहले ही अलग-अलग एजेंसियों से देशभर में वक्फ संपत्तियों का सर्वे कराया था।
85 से अधिक सर्वेयर की टीम लगाई गईंअल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय ने बिहार, उत्तराखंड, दिल्ली व उत्तर प्रदेश में सर्वे के लिए एएमयू इंटरडिसिप्लिनरी डिपार्टमेंट आफ रिमोट सेंसिंग को नोडल एजेंसी बनाया था। जिसके लिए 85 से अधिक सर्वेयर की टीम लगाई गईं। इसमें आइआइटी कानपुर व जामिया मिलिया विश्वविद्यालय की टीम ने सहयोग किया। उत्तर प्रदेश में प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर प्रो. खुर्शीद अहमद ने बताया कि वक्फ की संपत्तियों का बुरा हाल है।
उत्तर प्रदेश वक्फ की जमीन का होगा सर्वेउत्तर प्रदेश वक्फ बोर्ड ने सर्वे को अभी तक सत्यापित नहीं किया है। यह होने के बाद ही केंद्र सरकार को फाइनल रिपोर्ट दी जाएगी। इसके लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिख चुके हैं। बताया कि प्रदेश के 27 जिलों की 87,735 संपत्तियों का सर्वे हुआ था और इसकी रिपोर्ट भारतीय वक्फ प्रबंधन प्रणाली(वामसी) पोर्टल पर फोटो सहित अपलोड है, लेकिन दो वर्ष पहले भेजी गई इस रिपोर्ट का उप्र वक्फ बोर्ड (सुन्नी/शिया) ने सत्यापन नहीं कराया है।
विरोध के बाद सर्वे भी रोक दिया गया था। सर्वे में हजारों वक्फ संपत्तियां ऐसी पाई गई थीं दर्ज तो मस्जिद, दरगाह और कब्रिस्तान के रूप में हैं लेकिन कहीं दुकान तो कहीं मकान बना लिए गए हैं।
इन शहरों में चला था सर्वेअलीगढ़ के अलावा आजमगढ़, हरदोई, जौनपुर, बाराबंकी, बरेली, बस्ती, बिजनौर, गोंडा, खीरी, मुजफ्फरनगर, रामपुर, शाहजहांपुर, कानपुर देहात, सीतापुर, वाराणसी, प्रयागराज, फर्रुखाबाद, मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, आगरा, बुलंदशहर, लखनऊ, मथुरा व पीलीभीत में सर्वे 2022 तक चला।
सर्वेयर को मौलाना ने धमकायारामपुर में सर्वेयर अजेंद्र और जिकर उल्ला को एक मौलाना ने पकड़ लिया था। धमकी भी दी। महिलाएं भी विरोध में आ जाती थीं। सर्वेयर राहिल अली को तो एक घंटे बिठाए रखा। मथुरा में भी टीम को बंधक बना लिया। डीएम के हस्तक्षेप पर छोड़ा गया था।
छग में पांच हजार करोड़ से अधिक वक्फ की संपत्ति, आमदनी पांच लाख भी नहींछत्तीसगढ़ में राज्य वक्फ बोर्ड की संपत्ति की अनुमानित कीमत पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक आंकी जा रही है। रायपुर में ही संपत्तियों की कीमत 1,380 करोड़ है। इसके बावजूद बोर्ड को सालाना पांच लाख रुपये की आमदनी भी नहीं हो रही है। अनेक संपत्तियों की फर्जी रजिस्ट्री भी हो चुकी है। रायपुर में ही 24 फर्जी रजिस्ट्री के मामले चल रहे हैं। इनमें से करीब 10 रजिस्ट्री को शून्य घोषित किया जा रहा है।
वक्फ की जमीन पर प्रभावशाली लोगों ने दुकान, शोरूम खोल लीराज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सलीमराज ने बताया कि प्रदेशभर की पांच हजार करोड़ की संपत्ति में से लगभग 90 प्रतिशत पर रसूखदारों का कब्जा है। रायपुर में जीई रोड पर ईओडब्ल्यू कार्यालय के समीप मस्जिद की जगह पर कब्जा किया जा चुका है। शहर के सबसे व्यस्ततम मालवीय रोड स्थित वक्फ बोर्ड की अनेक संपत्तियों की अवैध रजिस्ट्री करवाकर प्रभावशाली लोगों ने दुकान, शोरूम खोल ली हैं।
वक्फ बोर्ड की अनियमितता की जांच कराएगी राजस्थान सरकारराजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार प्रदेश के वक्फ बोर्ड में हुई अनियमितताओं की जांच कराएगी। गृह, राजस्व एवं अल्पसंख्यक मामलों के विभाग के अधिकारियों ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री को बताया था कि पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में वक्फ बोर्ड में काफी अनियमितताएं हुई हैं और वक्फ के पैसों व संपतियों का दुरुपयोग किया गया है।
706 संपत्तियों पर अतिक्रमण
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने यह जानकारी दी। राज्य में वक्फ बोर्ड के पास 19044 संपत्तियां पंजीकृत हैं। इनमें 17415 संपत्तियां राजस्थान राजपत्र में प्रकाशित एवं 1629 राजपत्र के प्रकाशन के बाद दर्ज हुई हैं। इनमें से 706 संपत्तियों पर अतिक्रमण है।
बिहार में वक्फ अरबों की संपत्ति का मालिक पर कमाई कुछ लाखफुलवारीशरीफ संवाददाता के अनुसार, बिहार राज्य शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड अरबों की संपत्ति के मालिक हैं, परंतु इनसे कमाई कुछ लाख ही होती है और उसमें से आधा हिस्सा मुकदमों की पैरवी में खर्च हो जाता है। जो शेष रकम बचती है, उससे मौलाना, मोतव्वली, इमाम का वेतन, कौम की कुछ गरीब युवतियों के निकाह, स्कूल संचालन, छात्रावास और जाड़े में गरीबों के बीच कंबल वितरण आदि किया जाता है। वक्फ की संपत्तियों में कई विवादों के घेरे में हैं और मामला ट्रिब्यूनल, सिविल एवं हाई कोर्ट में चल रहा है। सारे मामलों की निगरानी बोर्ड स्वयं करता है।
शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अफजल अब्बास ने बताया कि शिया वक्फ बोर्ड की राज्य में 327 संपत्तियां हैं। इनमें 138 का मामला ट्रिब्यूनल और 38 पटना उच्च न्यायालय में लंबित है। आमदनी का बड़ा हिस्सा केस में खर्च हो जाता है।
बिहार में कुल 2900 संपत्तियां, हजारों पर अतिक्रमणसुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष इरशादउल्लाह ने बताया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास राज्य में कुल 2900 संपत्तियां हैं, जिनमें अधिकतर परती जमीन व दरगाह हैं। सैकड़ों दुकानें भी हैं। कुल 350 मामले विभिन्न न्यायालयों में चल रहे हैं। किराए से होने वाली आमदनी को सामाजिक कार्यों में खर्च किया जाता है।
देशभर में संगठन को मजबूत करने में जुटी कांग्रेस, अब बनाएगी जिला और शहर अध्यक्षों का तीन माह का ''रिपोर्ट कार्ड''
जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली। अब देशभर में संगठन की मजबूत पर काम कर रही कांग्रेस ने तय किया है कि संगठन निर्माण और उसके क्रियाकलापों की बारीकी से निगरानी होगी।
जिला और शहर अध्यक्षों को टाइमलाइन बनाकर लक्ष्य सौंप दिया गया कि जून तक गांव और वार्ड स्तर पर कमेटियां बना लेनी हैं। इतना ही नहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने तो दो टूक कह दिया है कि यदि तीन माह बाद जिला और शहर अध्यक्षों का रिपोर्ट कार्ड बनेगा। जो उम्मीदों पर खरे नहीं उतरेंगे, उन्हें पद से हटा दिया जाएगा।
अलग-अलग राज्यों कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे राहुल गांधीकांग्रेस ने यह वर्ष संगठन निर्माण के लिए समर्पित किया है। इसी के तहत अलग-अलग राज्यों के समूह बनाकर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे व पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सहित अन्य वरिष्ठ नेता जिला व शहर अध्यक्षों के साथ बैठकें कर रहे हैं। गत दिवस शीर्ष नेताओं ने उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल आदि राज्यों के जिला व शहर अध्यक्षों के साथ बैठक की।
संगठन निर्माण को लेकर सांसद शशिकांत सैंथिल ने प्रस्तुतीकरण किया। इसमें बताया गया कि इसी मई यानी अगले माह तक मंडल कांग्रेस कमेटियों का गठन कर लेना है। प्रत्येक मंडल कमेटी के अंतर्गत 15 से 20 बूथ होंगे। इसी समय सीमा में प्रदेश कांग्रेस कमेटियों को दो-दो बूथ लेवल एजेंट (बीएलए-1 और बीएलए-2) की नियुक्ति करनी है।
बूथ लेवल एजेंटों का प्रशिक्षण कार्यक्रमगांव कांग्रेस कमेटी और वार्ड कांग्रेस कमेटियों के गठन के लिए जून, 2025 तक का समय दिया गया है। जून तक ही बूथ लेवल एजेंटों का प्रशिक्षण कार्यक्रम भी पूरा करना है। इसके अलावा मतदाता सूची से संबंधित गतिविधियां लगातार चलाई जाएंगी। कार्यकर्ताओं के लिए जमीनी स्तरपर प्रशिक्षण सत्र भी सतत चलाने होंगे।
बैठक में शामिल सूत्रों ने बताया कि कुछ जिलाध्यक्षों ने सुझाव दिया कि अब कुछ राज्यों में पार्टी को अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए बिना गठबंधन के चुनाव लड़ना चाहिए। राहुल गांधी ने उनकी भावनाओं की सराहना करते हुए कहा कि वह स्थिति भी आपको ही बनाना है।
संगठन को इतना मजबूत बनाना होगाहर विधानसभा और लोकसभा सीट पर संगठन को इतना मजबूत बनाना होगा कि यदि सहयोगी दलों से गठबंधन न हो सके तो कांग्रेस अपने बूते पर मजबूती से चुनाव लड़ सके। संदेश यही था कि संगठन की कमजोरी के चलते ही कांग्रेस को अपने कार्यकर्ताओं के मनोबल और मंशा की अनदेखी कर मजबूरन कई राज्यों में गठबंधन में चुनाव लड़ना पड़ रहा है।
निगरानी के लिए मजबूत तंत्र की रणनीतिसंगठन निर्माण से लेकर पार्टी की सभी गतिविधियों के संयोजन व समन्वय के लिए भी कांग्रेस ने नए तंत्र पर काम शुरू किया है। इसी माह अप्रैल में सभी राज्यों में स्टेट साथी केंद्र स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।
राज्य और जिला साथी केंद्रों में वरिष्ठ नेताओं को नियुक्त किया जाएगासूत्रों ने बताया कि साथी केंद्र जिला स्तर पर भी बनेंगे। राज्य और जिला साथी केंद्रों में वरिष्ठ नेताओं को नियुक्त किया जाएगा। वह प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखेंगे, अमल के लिए सुझाव देंगे और रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचाएंगे। इसी तरह मई तक सभी राज्यों में एआइसीसी रोल आब्जर्वर नियुक्त किए जाएंगे, जो मतदाना सूची संबंधी गतिविधियों और संगठन निर्माण प्रक्रियों में सहयोग के साथ निगरानी का दायित्व संभालेंगे।
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पीएम मोदी आज करेंगे पंबन ब्रिज का उद्घाटन, जानें क्यों है समुद्र में इंजीनियरिंग की अद्भुत मिसाल
पीटीआई, चेन्नई। प्राचीन तमिल संस्कृति, सभ्यता एवं तमिल-इतिहास को दर्शाने वाले और समुद्र के पानी में निर्मित देश के पहले आधुनिक वर्टिकल 'पंबन' लिफ्ट पुल का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रामनवमी के अवसर पर रविवार (छह अप्रैल) को तमिलनाडु के रामेश्वरम में करेंगे।
नई ट्रेन सेवा और एक जहाज को हरी झंडी दिखाएंगे पीएम मोदीइस दौरान प्रधानमंत्री रामेश्वरम-तांबरम (चेन्नई) नई ट्रेन सेवा और एक जहाज को हरी झंडी दिखाएंगे और पुल के संचालन को देखेंगे। इसके बाद वह रामेश्वरम में रामनाथस्वामी मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे। वह तमिलनाडु में 8,300 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विभिन्न रेल और सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और उन्हें राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
पीएम कई राजमार्गों का करेंगे उद्घाटनइन परियोजनाओं में एनएच-40 के 28 किलोमीटर लंबे वालाजापेट-रानीपेट खंड को चार लेन का बनाने के कार्य का शिलान्यास और एनएच-332 के 29 किलोमीटर लंबे विलुप्पुरम-पुडुचेरी खंड को चार लेन का बनाने का काम, एनएच-32 का 57 किलोमीटर लंबा पूंडियनकुप्पम-सत्तनाथपुरम खंड और एनएच-36 का 48 किलोमीटर लंबा चोलापुरम-तंजावुर खंड शामिल हैं।
राजमार्ग कई तीर्थस्थलों और पर्यटन स्थलों को जोड़ेंगेये राजमार्ग कई तीर्थस्थलों और पर्यटन स्थलों को जोड़ेंगे, शहरों के बीच की दूरी कम करेंगे और मेडिकल कालेज एवं अस्पताल, बंदरगाहों तक तेज पहुंच सक्षम करेंगे। इसके अलावा ये स्थानीय किसानों को कृषि उत्पादों को नजदीकी बाजारों तक पहुंचाने और स्थानीय चमड़ा और लघु उद्योगों की आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा देने में सशक्त बनाएंगे।
पीएम मोदी रामनवमी के अवसर पर इसका उद्घाटन करेंगेसूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिलान्तर्गत रामेश्वरम में पंबन पुल भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज होगा, जो देश के रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। 535 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बना यह पुल, जंग से क्षतिग्रस्त हुए पुराने ढांचे की जगह लेगा। पीएम मोदी रामनवमी के अवसर पर इसका उद्घाटन करेंगे।
रामेश्वरम द्वीप को जोड़ता है यह पुलयह पुल मुख्य भूमि को चार धाम तीर्थ स्थलों में से एक रामेश्वरम द्वीप से जोड़ता है। पुराने पुल को मूल रूप से मीटर गेज ट्रेनों के लिए बनाया गया था, जिसे ब्रॉड गेज यातायात के लिए मजबूत किया गया और 2007 में फिर से खोला गया। फरवरी, 2019 में रेल मंत्रालय ने पुराने ढांचे को बदलने के लिए एक नए पुल के निर्माण को मंजूरी दी।
व्यापार के क्षेत्र में भी विश्वगुरु बन सकता है भारत, होसबाले बोले- हमें एनएसई पर गर्व होना चाहिए
पीटीआई, मुंबई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पारस्परिक टैरिफ की घोषणाओं के कारण विश्व व्यापार में आए बड़े बदलाव के मद्देनजर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा है कि दर्शन के साथ-साथ व्यापार के क्षेत्र में भी भारत 'विश्वगुरु' बन सकता है।
शनिवार को नेशनल स्टाक एक्सचेंज (एनएसई) में शिष्टाचार भेंट के दौरान होसबाले ने कहा कि कोई भी राष्ट्र विश्वास और पारदर्शिता के बल पर ही फल-फूल सकता है। उन्होंने कहा, ''केवल दर्शन में ही नहीं, बल्कि व्यापार में भी हम विश्वगुरु बन सकते हैं।''
भारत में लंबे समय से व्यापार की परंपरा रही हैइस बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि विश्वगुरु बनने का मतलब है दुनिया को व्यापार और नैतिकता के अच्छे तौर-तरीकों के बारे में सिखाना है। इसमें विज्ञान, राजनीतिक क्षेत्र, परिवार और कार्यस्थल में अच्छे व्यवहार के बारे में बोलना भी शामिल है।''विश्वास और पारदर्शिता'' के मूल मंत्र के संदर्भ में होसबाले ने कहा कि समाज और राष्ट्र इन्हीं मूल्यों के बल पर फल-फूल सकते हैं। भारत में लंबे समय से व्यापार की परंपरा रही है।
हमें एनएसई पर गर्व होना चाहिएउन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ''हमें एनएसई पर गर्व होना चाहिए''। उन्होंने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि की उच्च गति और लोगों के व्यवहार में बदलाव, एनएसई जैसी संस्थाओं की वजह से है।
रक्षा मंत्री ने IOS सागर को दिखाई हरी झंडी, कहा- 'हिंद महासागर क्षेत्र में शांति सुनिश्चित करना भारत का लक्ष्य'
पीटीआई, कारवार। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कर्नाटक के कारवार नौसैनिक अड्डे से हिंद महासागर पोत 'सागर' को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में मुक्त नौवहन, नियम आधारित व्यवस्था और शांति सुनिश्चित करना भारत का सबसे बड़ा उद्देश्य है।
भारत किसी भी देश की संप्रभुता से समझौता किए बिना हिंद महासागर में हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। राजनाथ नौसेना कमांडरों के सम्मेलन में भाग लेने और प्रोजेक्ट सीबर्ड के तहत नौसेना बेस पर नए विकसित बुनियादी ढांचे का उद्घाटन करने के लिए कारवार पहुंचे थे।
'क्षेत्र को और अधिक शांतिपूर्ण बनाना हमारा लक्ष्य'रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कारवार नौसैनिक अड्डे पर लोगों को संबोधित करते हुए राजनाथ ने कहा, हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की तैनाती सिर्फ हमारे लिए नहीं बल्कि मित्र देशों के लिए भी है। भारत का प्रयास हिंद महासागर क्षेत्र को और अधिक शांतिपूर्ण एवं समृद्ध बनाना है।
बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया- रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारी नौसेना यह सुनिश्चित करती है कि हिंद महासागर क्षेत्र में कोई भी देश अपनी विशाल अर्थव्यवस्था या सैन्य शक्ति के आधार पर किसी दूसरे को दबा न सके। रक्षा मंत्री ने नौसैनिक अड्डे पर विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया। नौसेना परियोजना 'सीबर्ड' के तहत महत्वपूर्ण नौसैनिक अड्डे का विस्तार कर रही है।
- रक्षा मंत्री के कार्यालय ने 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए लिखा कि 'सागर' हिंद महासागर क्षेत्र के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह अपने समुद्री पड़ोसियों के साथ मजबूत संबंध बनाने और हिंद महासागर क्षेत्र में अधिक सुरक्षित, अधिक समावेशी और सुरक्षित समुद्री वातावरण की दिशा में काम करने की भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करेगा।
- हिंद महासागर पोत 'सागर' (सिक्यूरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल द रीजन) क्षेत्र में सुरक्षा के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति 'महासागर' (म्युचुअल एंड होलिस्टिक एडवांसमेंट फॉर सिक्यूरिटी एक्रास द रीजन) के दृष्टिकोण के साथ हिंद महासागर देशों के साथ निरंतर सहयोग की दिशा में एक पहल है।
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क्या कम कीमत पर उपलब्ध हो सकती है SMA की दवा? सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी को जारी किया नोटिस
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर बीमारी स्पाइनल मस्कुलर अट्रोफी (एसएमए) की दवा रिस्डिप्लाम बनाने वाली कंपनी से पूछा है कि क्या भारत में यह दवा कम कीमत पर उपलब्ध कराई जा सकती है।
गौरतलब है कि भारत में कई मरीज इस बीमारी से पीड़ित है। एसएमए अनुवांशिक बीमारी है, जिसमें मांसपेशियों को कमजोर हो जाती हैं। पड़ोसी देशों पाकिस्तान और चीन को एसएमए की दवा की आपूर्ति सस्ती दर पर की जाती है।
दवा निर्माता कंपनी से कोर्ट ने मांगा जवाबप्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने दवा निर्माता कंपनी से तब जवाब मांगा, जब उसे एसएमए से पीड़ित 24 वर्षीय महिला सेबा की ओर से पेश वकील ने बताया कि एसएमए रोगियों के लिए दवा की कीमत पाकिस्तान और चीन में सस्ती है।
वकील ने कहा कि भारत सरकार इस बीमारी के लिए सस्ती दर पर दवा उपलब्ध कराने के लिए वैश्विक दवा निर्माता के साथ बातचीत क्यों नहीं कर सकती। पीठ ने रिस्डिप्लाम दवा बनाने वाली कंपनी मेसर्स एफ. हाफमैन-ला रोश लिमिटेड को नोटिस जारी किया। अदालत को अगली सुनवाई की तारीख पर पड़ोसी देशों में उक्त औषधि के लिए निर्धारित मूल्य से अवगत कराया जाएगा।
आठ अप्रैल को होगी अगली सुनवाईपीठ ने आदेश दिया कि यदि कीमत भारत से कम है तो कोर्ट को यह भी बताया जाए कि क्या भारत में भी दवा की आपूर्ति उसी कम कीमत पर की जा सकती है। मामले की अगली सुनवाई आठ अप्रैल को होगी।
24 फरवरी को शीर्ष अदालत ने केरल हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें केंद्र को सेबा को 18 लाख रुपये की दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था। केंद्र ने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
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मणिपुर में भूमि विवाद को लेकर ग्राम प्रधान पर हमला, दो समुदायों में तनाव
पीटीआई, इंफाल। मणिपुर में एक ग्राम प्रधान पर हमले के बाद मणिपुर में शनिवार को दो जनजातीय समुदायों के बीच शनिवार को तनाव पैदा हो गया। संदेह है कि एक भूमि विवाद को लेकर उग्रवादियों ने ग्राम प्रधान पर हमला किया।
यह घटना शनिवार दोपहर 12:15 बजे के आसपास हुई। कांगपोकपी जिले में कोंसाखुल गांव में दर्जनों हथियारबंद उग्रवादी आ गए और ग्राम प्रधान अइमसासेन अबोनमाई समेत कई लोगों पर हमला किया।
नगा बहुल कोंसाखुल के निवासियों ने दावा किया कि पड़ोसी हराओथेल गांव से आए उग्रवादी कुकी समुदाय के थे। ग्राम प्रधान को इंफाल में सरकार संचालित रिम्स भेजा गया, जबकि आठ अन्य घायल ग्रामीणों का इलाज खुर्खुल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में किया गया। अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि ग्राम प्रधान खतरे से बाहर हैं।
चार उग्रवादी गिरफ्तार, अपहृत को मुक्त करायासुरक्षा बलों ने मणिपुर के बिष्णुपुर, थौबाल और इंफाल पूर्वी जिलों से चार उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने शनिवार को बताया कि बिष्णुपुर जिले में नांबोल से यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (पांबेई) के दो सदस्यों को शुक्रवार को गिरफ्तार किया और उनके कब्जे से इंफाल पश्चिम के पात्सोई पार्ट-4 से अपहृत 47 वर्षीय लाइतोंजाम दिलीप सिंह को मुक्त करा लिया। सुरक्षा बलों ने बिष्णुपुर जिले के लाईसोई हिल क्षेत्र से चार हथियार जब्त किए।
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कर्नाटक हाईकोर्ट ने की समान नागरिक संहिता की वकालत, केंद्र और राज्यों से कहा- कानून बनाएं
पीटीआई, बेंगलुरु। कर्नाटक हाई कोर्ट ने संसद और राज्य विधानसभाओं से देशभर में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया है। हाई कोर्ट ने सभी नागरिकों, विशेषकर महिलाओं के लिए समानता, पंथनिरपेक्षता और न्याय के संवैधानिक ²ष्टिकोण को कायम रखने में इसके महत्व पर जोर दिया।
जस्टिस हंचेट संजीव कुमार की एकल पीठ ने मृतक मुस्लिम महिला शहनाज बेगम के पति और भाई-बहन के बीच संपत्ति विवाद से संबंधित एक सिविल अपील पर फैसला सुनाते हुए यह अपील की। इस मामले ने धर्म के अनुसार पर्सनल ला द्वारा शासित उत्तराधिकार कानूनों और लैंगिक न्याय पर उनके प्रभाव के बारे में व्यापक प्रश्न उठाया है।
देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की कोर्ट ने की वकालतजस्टिस कुमार ने शुक्रवार को कहा कि संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत समान नागरिक संहिता लागू किए जाने से प्रस्तावना में निहित आदर्शों अर्थात न्याय, स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व और राष्ट्रीय एकता को पूरा किया जा सकेगा। देश को व्यक्तिगत कानूनों और धर्म के संबंध में समान नागरिक संहिता की आवश्यकता है। तभी भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का उद्देश्य प्राप्त होगा।
धर्म-आधारित व्यक्तिगत कानूनों से महिलाओं के साथ होती है असमानतान्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि यद्यपि भारत भर में महिलाएं संविधान के तहत समान नागरिक हैं। लेकिन धर्म-आधारित व्यक्तिगत कानूनों के कारण उनके साथ असमान व्यवहार किया जाता है। पीठ ने इस असमानता को स्पष्ट करने के लिए हिंदू और मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत विरासत के अधिकारों की तुलना की। जहां हिंदू कानून बेटियों को पैतृक संपत्ति में समान अधिकार देता है, वहीं मुस्लिम पर्सनल लॉ भाइयों और बहनों के बीच भेद करता है। यह भाइयों को हिस्सेदार का दर्जा देता है।
वहीं, दूसरी तरफ बहन को अवशिष्ट के रूप में हिस्सा पाने का अधिकार है, लेकिन हिस्सेदार के रूप में नहीं। यह देखते हुए कि गोवा और उत्तराखंड जैसे राज्यों ने पहले ही समान नागरिक संहिता लागू कर दिया है, न्यायालय ने रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया कि वह निर्णय की एक प्रति केंद्र सरकार और कर्नाटक सरकार के प्रधान विधि सचिवों को भेजें, ताकि ऐसी संहिता लागू करने की दिशा में विधायी प्रयास शुरू किए जा सकें।
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'भारत की मदद को नहीं भूलना चाहिए', पीएम मोदी के दौरे पर क्या-क्या कह रही है श्रीलंकाई मीडिया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो दिवसीय श्रीलंका दौरे पर हैं। पीएम मोदी को श्रीलंकाई राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने 'मित्र विभूषण' पुरस्कार से सम्मानित किया। इसके अलावा, भारत और श्रीलंका के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। कोलंबो के इंडिपेंडेंस स्क्वायर पर नरेन्द्र मोदी के स्वागत में एक समारोह का आयोजन किया गया। इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रपति सचिवालय गये। वहां भी पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। श्रीलंका में नई सरकार बनने के बाद पीएम मोदी का पहला दौरा है।
A productive day in Colombo, which includes talks with President Dissanayake, different meetings and tributes at the IPKF Memorial. Here are the highlights…@anuradisanayake pic.twitter.com/f2aUy9lixR
— Narendra Modi (@narendramodi) April 5, 2025 भारत-श्रीलंका के बीच क्या-क्या हुआ समझौता?-
भारत और श्रीलंका के बीच ऊर्जा आयात और निर्यात पर समझौता ज्ञापन।
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भारत और श्रीलंका के बीच डिजिटल प्रौद्योगिकी पर समझौता ज्ञापन।
- भारत-श्रीलंका-संयुक्त अरब अमीरात तीन देशों के बीच त्रिंकोमाली ऊर्जा पर समझौता ज्ञापन।
- श्रीलंका और भारत के बीच सुरक्षा पर समझौता ज्ञापन।
- पूर्वी प्रांत के संबंध में समझौता ज्ञापन
- श्रीलंका और भारत के बीच स्वास्थ्य पर समझौता ज्ञापन।
- फार्मास्यूटिकल इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और नेशनल फार्मास्यूटिकल कॉरपोरेशन ऑफ श्रीलंका के बीच समझौता ज्ञापन।
पीएम मोदी के दौरे को लेकर श्रीलंकाई मीडिया काफी उत्साहित दिखा। देश के प्रमुख मीडिया संस्थानों ने पीएम मोदी के दौरे और भारत-श्रीलंका समझौते को प्रमुखता से जगह दी है। श्रीलंका की ज्यादातर समाचार चैनल और वेबसाइटों ने पीएम मोदी के दौरे को दोनों देशों के रिश्ते के लिए अहम बताया है।
श्रीलंकाई सरकार की ओर से वित्तपोषित अखबार डेली न्यूज़ ने पीएम मोदी के दौरे को ऐतिहासिक बताया है। अखबार लिखता है, "प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का मकसद श्रीलंका और भारत के बीच दीर्घकालिक संबंधों को मजबूत करना है।"
डेली न्यूज़ ने पीएम मोदी के दौरे पर स्पेशल सप्लीमेंट प्रकाशित किया।
'भारत-श्रीलंका के घनिष्ठ संबंध'अखबार ने अपने एक संपादकीय में पीएम मोदी के दौरे और भारत-श्रीलंका के साथ अतीत के रिश्ते पर रोशनी डाली है। 'Premier Modi’s Lankan visit' सुर्खी से प्रकाशित संपादकीय में लिखा गया, "भारत और श्रीलंका के बीच संबंध हमेशा सहज नहीं रहे हैं। भू-राजनीतिक हितों ने दोनों देशों के बीच दूरियां बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बड़े भाई के तौर पर, ऐसे समय भी आए जब भारत ने अपने छोटे पड़ोसी के खिलाफ सख्त रवैया भी अपनाया। बेशक, ये सब अतीत की बात है। तब से अब तक बहुत कुछ बदल चुका है, आज भारत और श्रीलंका के घनिष्ठ संबंध हैं और भारत अपनी उदार सहायता भी दे रहा है। हमें श्रीलंका में तीन दशक से चल रहे युद्ध को समाप्त करने में भारत द्वारा दी गई सहायता को नहीं भूलना चाहिए।"
अखबार आगे लिखता है, "यह दोनों पक्षों के बीच अब मौजूद मज़बूत रिश्तों का सार है, जो रास्ते में आई कई रुकावटों के बाद भी कायम है। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा इस बंधन को और मज़बूत बनाती है। भारत आज व्यावहारिक रूप से दुनिया की प्रमुख महाशक्तियों में से एक है और श्रीलंका को इसका लाभ तभी मिल सकता है जब वह अपने विशाल पड़ोसी के साथ सभी मामलों में घनिष्ठता बिठा कर रखें।"
'पीएम मोदी का दौरा एक बड़ा इवेंट'डेली मिरर नाम की मशहूर अखबार ने अपनी वेबसाइट के प्रमुख पन्ने पर पीएम मोदी के दौरे से जुड़ी कम से कम दस खबरें लगाई हैं। पीएम मोदी के दौरे को लेकर अखबार ने लिखा है कि ये दौरा अपने आप में एक बड़ा इवेंट है।
अखबार ने एक रिपोर्ट में रक्षा सचिव संपत थुयाकोंथा के हवाले से लिखा, "भारत-श्रीलंका रक्षा साझेदारी श्रीलंका के लिए एक अमूल्य संपत्ति रही है और आगे भी रहेगी। भारत श्रीलंका समझौता के तहत की जाने वाली कोई भी सहयोगात्मक गतिविधियां अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सर्वोत्तम प्रथाओं के मुताबिक होंगी और इनका श्रीलंका या भारत के घरेलू कानूनों और राष्ट्रीय नीतियों के साथ कोई टकराव नहीं होगा।"
'जब देश दिवालिया हो गया था, तब भारत ने...'प्रतिष्ठित अखबार लंकादीपा ने पीएम मोदी और विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमदासा को रिपोर्ट किया है। अखबार लिखता है, भारतीय पीएम ने श्रीलंका के विपक्ष के नेता से मुलाकात की और राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों व्यापक चर्चा की।"
अखबार ने साजिथ प्रेमदासा के हवाले से लिखा, "जब हमारा देश दिवालिया हो गया था, तब भारत इकलौता ऐसा देश था जिसने हमारे देश की सहायता की थी। इस रिश्ते को संजो कर रखना चाहिए। दोनों देशों के आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक लक्ष्यों को पूरा करना चाहिए और अपनी एकता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए।"
अखबार वीरकेसरी ने पीएम मोदी की तमिल मूल के लोगों के साथ मुलाकात की प्रमुखता से छापा है। अखबार ने पीएम मोदी के भाषण के अंश को छापते हुए लिखा भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहाड़ी राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक में कहा कि भारत उन तमिल लोगों के लिए 10,000 घरों और स्वास्थ्य सुविधाओं का समर्थन करेगा, जिन्होंने भारत को अपनी मातृभूमि के रूप में अपनाया है।
இந்தியாவை பூர்வீகமாக கொண்ட தமிழ் மக்களுடன் சுமூகமான சந்திப்பு இடம்பெற்றிருந்தது. இச்சமூகத்தினர் 200 ஆண்டுகளுக்கும் மேலாக இரு நாடுகளுக்குமான ஒரு வாழும் உறவுப் பாலமாக திகழ்கின்றனர். இலங்கை அரசாங்கத்துடனான ஒத்துழைப்புடன் இந்தியாவை பூர்வீகமாக கொண்ட தமிழ் மக்களுக்காக 10000 வீடுகள்,… pic.twitter.com/F9FzmtWuho
— Narendra Modi (@narendramodi) April 5, 2025यह भी पढ़ें: दुनिया भी मान रही पीएम मोदी का लोहा, श्रीलंका और अमेरिका समेत अबतक 22 देशों से मिल चुका है सम्मान; देखें लिस्ट
वोटर लिस्ट की खामियों का होगा परमानेंट इलाज, चुनाव आयोग ने बनाया खास प्लान; जानिए कैसे बंद होगी धांधली
अरविंद पांडेय, जागरण, नई दिल्ली। मतदाता सूची को त्रुटिरहित बनाने की मुहिम में जुटे चुनाव आयोग ने इसे तैयार करने की प्रक्रिया में कई अहम सुधार किए है। इसमें मतदाता सूची में नामों के जोड़ने या हटाने पर पैनी नजर रखने के साथ यदि एक ही पते पर दस से अधिक मतदाताओं के नाम दर्ज है, तो मौके पर टीम भेजकर जांच कराई जाएगी।
प्रत्येक जिले में मतदाता सूची को तैयार करने की प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए एक पर्यवेक्षक की भी तैनाती दी जाएगी। जो मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने व सुधार से जुड़े ढाई सौ फॉर्मों की औचक जांच भी करेगा। इनमें सौ-सौ फॉर्म जोड़ने व हटाने वाले होंगे जबकि पचास फॉर्म मतदाता सूची में सुधार से जुड़े होंगे।
उपचुनाव से पहले तैयारी शुरूमतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया में सुधार को लेकर उठाए गए इन कदमों पर आयोग ने अमल भी शुरू कर दिया है। इसकी शुरूआत पश्चिम बंगाल, गुजरात, पंजाब व जम्मू- कश्मीर सहित छह राज्यों की आठ विधानसभा सीटों के होने वाले उपचुनाव से पहले मतदाता सूची के पुनरीक्षण से की है।
आयोग ने इसके साथ ही मतदाता सूची से जुड़ी जांच की व्यवस्था को और सख्त किया है। जिसमें बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) के काम-काज को जिन अन्य आधारों पर जांच जाएगा, उनमें लिंगानुपात में बदलाव सहित ऐसे 20 मतदान केंद्र की मतदाता सूची को भी जांचा जाएगा, जहां सबसे अधिक नाम हटाए व जोड़े गए है।
ईआरओ व एईआरओ करेंगे निरीक्षण- इस नई व्यवस्था के तहत बीएलओ के किए गए एक प्रतिशत कामों को एईआरओ जांचेगा। एईआरओ की ओर से निस्तारित किए गए फार्मों में दस प्रतिशत फार्मों को औचक रूप से जांच ईआरओ (मतदाता पंजीयन अधिकारी) करेगा। जो प्रत्येक विधानसभा स्तर पर तैनात होता है। वहीं जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) भी औचक रूप से पचास फॉर्मों को जांचेगा। इनमें 20- 20 फॉर्म नामों को जोड़ने व हटाने वाले होंगे, जबकि दस फॉर्म नामों में सुधार से जुड़े होंगे।
- इसके बाद राज्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के स्तर पर भी 250 फॉर्मों को औचक रूप से जांचा जाएगा। इनमें सौ-सौ जोड़ने, हटाने व पचास सुधार से जुड़े फॉर्म होंगे। आयोग ने यह कदम ऐसे समय उठाया है, जब मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर उस पर विपक्ष की ओर से गंभीर आरोप लगाए जा रहे है। यह बात अलग है कि मतदाता सूची तैयार होने के दौरान राजनीतिक दलों की ओर से कोई शिकायतें नहीं आती है। पिछले आम चुनाव से पहले मतदाता सूची के पुनरीक्षण के दौरान देश भर से मतदाता सूची में गडबड़ी से जुड़े कुल 89 मामले सामने आए थे और ये सभी अकेले महाराष्ट्र से थे।
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समुद्र में इंजीनियरिंग की अद्भुत मिसाल... भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज का उद्घाटन कल; जानिए क्यों खास है पंबन पुल
एएनआई, चेन्नई। रेल, सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिलान्तर्गत रामेश्वरम में पंबन पुल भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज होगा, जो देश के रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। 535 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बना यह पुल, जंग से क्षतिग्रस्त हुए पुराने ढांचे की जगह लेगा। पीएम मोदी रामनवमी के अवसर पर इसका उद्घाटन करेंगे।
(फोटो: एएनआई)
यह पुल मुख्य भूमि को चार धाम तीर्थ स्थलों में से एक रामेश्वरम द्वीप से जोड़ता है। पुराने पुल को मूल रूप से मीटर गेज ट्रेनों के लिए बनाया गया था, जिसे ब्रॉड गेज यातायात के लिए मजबूत किया गया और 2007 में फिर से खोला गया। फरवरी, 2019 में रेल मंत्रालय ने पुराने ढांचे को बदलने के लिए एक नए पुल के निर्माण को मंजूरी दी।
2.5 किलोमीटर से भी लंबा ब्रिजवैष्णव ने नवंबर, 2024 में एक्स पर अपने पोस्ट में कहा था, '1914 में निर्मित, पुराने पंबन रेल पुल ने 105 वर्षों तक मुख्य भूमि को रामेश्वरम से जोड़ा। दिसंबर, 2022 में जंग लगने के कारण इसे बंद कर दिया गया। इसने आधुनिक नए पंबन पुल के लिए मार्ग प्रशस्त किया जो कनेक्टिविटी के एक नए युग को चिह्नित करता है।'
(फोटो: पीटीआई)
यह पुल 2.5 किमी से अधिक लंबा है और इसका निर्माण रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) द्वारा किया गया। इसे तेज ट्रेनों और बढ़े हुए ट्रैफिक को संभालने के लिए डिजाइन किया गया है। भारतीय इंजीनियरिंग की उल्लेखनीय उपलब्धिरामेश्वरम को मुख्य भूमि से जोड़ने वाला नया पंबन पुल वैश्विक मंच पर भारतीय इंजीनियरिंग की उल्लेखनीय उपलब्धि के रूप में खड़ा है।
कम मेंटेनेंस की होगी जरूरत- इसमें 99 स्पैन और 72.5 मीटर का वर्टिकल लिफ्ट स्पैन है जो 17 मीटर की ऊंचाई तक उठता है। वर्टिकल लिफ्ट स्पैन का वजन 660 मीट्रिक टन है। इससे निर्बाध ट्रेन संचालन सुनिश्चित करते हुए जहाजों की सुचारू आवाजाही की सुविधा मिलती है। स्टेनलेस स्टील सुदृढीकरण, उच्च श्रेणी के सुरक्षात्मक पेंट और पूरी तरह से वेल्डेड जोड़ों के साथ निर्मित, पुल में अधिक स्थायित्व और कम रखरखाव की आवश्यकता है।
- इसे भविष्य की मांगों को पूरा करने के लिए दोहरी रेल पटरियों के लिए डिजाइन किया गया है। विशेष पॉलीसिलोक्सेन कोटिंग इसे जंग से बचाती है, जिससे कठोर समुद्री वातावरण में दीर्घायु सुनिश्चित होती है। इसे स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। यह पुल भारत के बढ़ते बुनियादी ढांचे के प्रतीक के रूप में खड़ा है और यह रामेश्वरम के पवित्र द्वीप से कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा, जिससे हजारों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए यात्रा अधिक सुगम हो जाएगी।
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ISRO के POEM-4 की 'घर वापसी', अंतरिक्ष में फसल उगाने के बाद हाथ लगी एक और सफलता
पीटीआई, बेंगलुरु। भारत का पीएसएलवी आर्बिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल-4 (पीओईएम-4) सफलता का एक और झंडा गाड़कर धरती के वातावरण में लौट गया है। पीओईएम-4 का सुरक्षित पुन:प्रवेश (Re-Entry) अंतरिक्ष में बढ़ते मलबे को रोकने की दिशा में एक और उपलब्धि है। यह अंतरिक्ष पर्यावरण और मलबा मुक्त अंतरिक्ष मिशन में भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी की प्रमुख भूमिका की पुष्टि करता है।
Re-Entry के बाद हिंद महासागर क्षेत्र में पहुंचा पीओईएम-4इसरो ने कहा कि अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग मिशन के लिए इस्तेमाल किए गए ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान के ऊपरी चरण पीओईएम-4 पृथ्वी के वायुमंडल में पुन: प्रवेश कर गया है। इसरो ने एक्स पर पोस्ट किया, पीओईएम-4 मॉड्यूल ने वायुमंडल में पुन: प्रवेश किया। चार अप्रैल 2025 को भारतीय समय अनुसार पूर्वाह्न आठ बजकर तीन मिनट पर हिंद महासागर क्षेत्र में पहुंचा।
इसरो के पीएसएलवी-सी60 राकेट ने 30 दिसंबर, 2024 को 'स्पैडेक्स' मिशन को लांच किया था। 'स्पैडेक्स' उपग्रहों को 475 किमी की ऊंचाई पर स्थापित करने के बाद पीएसएलवी-सी60 के पीएस4 चरण भी लगभग उसी कक्षा में था। पीएसएलवी-सी60 के पीएस4 चरण का इस्तेमाल कर इस अनोखे और सस्ते अंतरिक्ष प्लेटफार्म को विकसित किया गया।
Atmospheric Re-entry of POEM-4
On December 30, 2024, ISRO’s PSLV-C60 launched twin SPADEX satellites and after injecting satellites at 475 km altitude, the specially configured upper stage (PS4) of PSLV-C60 (called PSLV Orbital Experimental Module in short POEM-4) was also… pic.twitter.com/teQGV5EASx
- मिशन के दौरान, पीओईएम-4 ने कुल 24 पेलोड ने वैज्ञानिक प्रयोग किए।
- इनमें 14 विभिन्न इसरो से और 10 प्राइवेट विश्वविद्यालयों और स्टार्ट-अप से संबंधित थे।
- इस दौरान भारत ने 'स्पैडेक्स'- मिशन के साथ भेजे गए लोबिया के बीज को पहली बार अंतरिक्ष में अंकुरित करने में कामयाबी हासिल की थी।
- जब तक पीओईएम-4 कक्षा में था, तब इस पर इसरो की रडार केंद्रों और यूनाइटेड स्टेट्स स्पेस कमांड कमान (यूएसएसपीएसीईसीओएम) केंद्रो द्वारा भी लगातार नजर रखी जा रही थी।
इसरो ने कहा कि ट्रैकिंग डाटा का इस्तेमाल पुन: प्रवेश भविष्यवाणी प्रक्रिया में किया गया। यह देखा गया कि पीओईएम-4 की कक्षा घटकर 174 किमी/3165 किमी रह गई है और इस प्लेटफार्म के चार अप्रैल को पृथ्वी के वायुमंडल में पुन: प्रवेश करने की भविष्यवाणी की गई। इसके बाद इसरो सिस्टम फॉर सेफ एंड सस्टेनेबल स्पेस आपरेशन्स मैनेजमेंट (आइएस4ओएम) द्वारा पीओईएम-4 के वायुमंडल में पुन: प्रवेश की घटना पर बारीकी से नजर रखी गई और पूर्वानुमानों में नियमित रूप से अपडेट किया गया।
इसरो का प्रायोगिक मिशन है पीओईएमपीओईएमपीओईएम या पोएम इसरो का प्रायोगिक मिशन है। इसके तहत कक्षीय प्लेटफॉर्म के रूप में पीएस-4 चरण का उपयोग करके कक्षा में वैज्ञानिक प्रयोग किया जाता है। पीएसएलवी चार चरणों वाला रॉकेट है। इसके पहले तीन चरण प्रयोग होने के बाद समुद्र में गिर जाते हैं और अंतिम चरण उपग्रह को कक्षा में प्रक्षेपित करने के बाद अंतरिक्ष में कबाड़ बन जाता है। इसरो के पीओईएम मिशन से अंतरिक्ष कचरे की समस्या से निपटने में भी मदद मिलेगी।
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'जून तक पूरी तरह तैयार हो जाएगा अयोध्या में राम मंदिर', आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा ने प्राण प्रतिष्ठा की तारीख को लेकर क्या कहा?
किशन प्रजापति, अहमदाबाद। 6 अप्रैल के दिन रामनवमी का उत्सव देश-विदेश के राम मंदिरों में मनाया जाएगा। अयोध्या राम मंदिर का पूरा काम सिर्फ 5% बचा है। मंदिर के आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा ने रामनवमी के अवसर पर गुजराती जागरण से विशेष बातचीत की।
चंद्रकांत सोमपुरा ने कहा कि राम मंदिर के मुख्य शिखर का 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है। जून के पहले सप्ताह में मंदिर पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा। हमारे अनुमान के अनुसार, ट्रस्ट जून में सम्पूर्ण मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि तय कर सकता है।
अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा ने बताया कि पिछले साल मंदिर के उद्घाटन तक ग्राउंड फ्लोर का काम पूरा हो चुका था। उसके बाद डेढ़ साल में दूसरी मंजिल, तीसरी मंजिल, गुंबद और पूरे मंदिर का काम पूरा हो चुका है और मुख्य शिखर का 80 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो चुका है, जो अगले डेढ़ महीने में पूरा हो जाएगा।
- इस तरह जून में मंदिर का निर्माण पूरा होने के बाद प्राण प्रतिष्ठा ट्रस्ट द्वारा सम्पूर्ण मंदिर का कार्य कराया जाएगा।
- इस मंदिर को विष्णु पंचायत मंदिर के रूप में तैयार किया गया है।
- कॉरिडोर में शिव, गणेश और अंबाजी के मंदिर भी होंगे।
- मुख्य मंदिर के भूतल पर भगवान श्री राम की बाल रूप की मूर्ति स्थापित की गई है।
- जून के पहले सप्ताह में मंदिर पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा। ट्रस्ट जून में सम्पूर्ण मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि तय कर सकता है।
आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा ने बताया कि दूसरी मंजिल पर राम दरबार बनाया गया है। जिसमें भगवान श्रीराम, जानकी माता, लक्ष्मणजी, भरतजी, शत्रुघ्नजी और हनुमानजी की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। इस प्रतिमा का निर्माण फिलहाल जयपुर में किया जा रहा है।
"यह मूर्ति 15 अप्रैल तक अयोध्या पहुंच जाएगी। मूर्ति सफेद मार्बल से बनाई जा रही है। मूर्ति ऐसी होगी कि हर लोगो को ऐसा लगेगा कि यह साक्षात भगवान श्री राम का दरबार है। यहां स्थापित है पूर्ण आकार की मूर्ति इसका मतलब यह है कि भगवान सचमुच वहां बैठे होंगे ऐसा लगेगा। प्रत्येक मूर्ति की ऊंचाई 4 से 5 फीट के बीच है।" आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा, राम मंदिर, अयोध्या
मंदिर की दूसरी मंजिल पर 450 स्तंभों पर 16 मूर्तियां हैं स्थापितचंद्रकांत ने बताया कि राम दरबार में बंसीपहाड़पुर के पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। फर्श में मकराना संगमरमर का उपयोग किया गया है। प्रत्येक स्तंभ पर लगभग 16-16 मूर्तियाँ उकेरी गई हैं। ऐसे लगभग 450 स्तंभ हैं। यहां प्रत्येक दिशा के देवताओं की मूर्तियां भी उकेरी गई हैं। इसीलिए जैसा शिव शास्त्र में लिखा है ठीक वैसे ही निर्माण किया गया है ।
राम दरबार तक कैसे पहुंचेंगे भक्त ?उन्होंने बताया कि गर्भगृह में रामजी के बाल रूप के दर्शन के बाद मंदिर के राम दरबार में दर्शन के लिए जाने के लिए प्रथम तल से ऊपर-नीचे जाने के लिए 14 से 16 फुट चौड़ी सीढ़ी तैयार की गई है। इसके अलावा दिव्यांगों के लिए पीछे की तरफ लिफ्ट भी लगाई गई है। इस समय तीसरी मंजिल पर कोई मूर्ति नहीं रखी जाएगी। सोमनाथ मंदिर की तरह इस मंदिर में भी अंतिम मंजिल हैं, जहां श्रद्धालु नहीं जा सकेंगे।
तीसरी मंजिल पर स्थापित नहीं की जाएगी मूर्ति- तीसरी मंजिल का डिज़ाइन निचली दो मंजिलों के समान है।
- गर्भगृह भी उसी आकार का है। यह फर्श ऊंचाई, लंबाई और चौड़ाई के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- वहां कोई मूर्ति स्थापित नहीं की जाएगी।
- यह पहला मंदिर होगा जिसमें ढाई साल में 10 लाख क्यूबिक फीट से अधिक पत्थर तराश कर स्थापित किया जाएगा।
वर्तमान में 8 से 10 सुपरवाइजर और 2,500 हजार से अधिक कारीगर काम करते हैं। यह विश्व का पहला मंदिर होगा जहां नींव से लेकर कलश तक पूरे मंदिर में 10 लाख घन फीट से अधिक पत्थर का उपयोग किया जाएगा। यह पहला मंदिर होगा जहां इस पत्थर को महज ढाई साल में खनन कर, आकार देकर मंदिर में स्थापित किया गया है।
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दुनिया भी मान रही पीएम मोदी का लोहा, श्रीलंका और अमेरिका समेत अबतक 22 देशों से मिल चुका है सम्मान; देखें लिस्ट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री इस समय श्रीलंका के दौरे पर हैं। शुक्रवार को पीएम मोदी थाईलैंड से सीधे कोलंबो पहुंचे। श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में पीएम मोदी का ग्रैंड तरीके से स्वागत किया गया। वहीं, शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी को श्रीलंका का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘श्रीलंका मित्र विभूषण’ प्रदान किया गया। यह सम्मान श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने एक भव्य समारोह में उन्हें सौंपा।
दरअसल, यह सम्मान केवल उन राष्ट्राध्यक्षों को दिया जाता है जिन्होंने श्रीलंका के साथ मित्रता और सहयोग को विशेष रूप से आगे बढ़ाया हो। श्रीलंका के राष्ट्रपति राष्ट्रपति दिसानायके ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सम्मान के वास्तविक हकदार हैं।
वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने इसे 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान बताया और कहा कि यह दोनों देशों की साझी विरासत और साझा भविष्य का प्रतीक है। यह सम्मान प्रधानमंत्री मोदी को किसी विदेशी देश से मिला 22वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पिछले कुछ सालों में कई अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिले हैं। आइए उनमें से कुछ महत्वपूर्ण सम्मान के बारे जानते हैं...
मॉरीशस के सर्वोच्च सम्मान से पीएम मोदी को सम्मानित किया गयाइसी साल मार्च के महीने में पीएम मोदी मॉरीशस की यात्रा पर गए। जहां पर उनको मॉरीशस के सर्वोच्च पुरस्कार, द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन से सम्मानित किया गया।
'मानद ऑर्डर ऑफ फ्रीडम ऑफ बारबाडोस'नवंबर 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बारबाडोस के मानद ऑर्डर ऑफ फ्रीडम से सम्मानित करने की घोषणा की गई। इस सम्मान के मिलने के बाद पीएम मोदी में वैश्विक संबंधों को मजबूत करने के प्रयासों को मान्यता देने के लिए राष्ट्र को धन्यवाद दिया।
'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल-कबीर'साल 2024 में कुवैत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना सर्वोच्च सम्मान 'द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' से सम्मानित किया। बता दें कि द गार्ड ऑफ मुबारत अल कबीर कुवैत का एक नाइटहुड ऑर्डर है।
'द ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस'साल 2024 में पीएम मोदी को गयाना के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफान अली नेस्टेट हाउस में आयोजित एक समारोह में देश के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार ‘द ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस’ से सम्मानित किया था। पुरस्कार ग्रहण करते हुए प्रधानमंत्री ने इस सम्मान को भारत के नागरिकों तथा दोनों देशों के लोगों के बीच गहरे ऐतिहासिक संबंधों को समर्पित किया।
'ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द नाइजर'साल 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नाइजिरिया के दूसरे सबसे बड़े सम्मान, ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ नाइजर से सम्मानित किया गया। बता दें कि यह सम्मान भारत-नाइजीरिया संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान के लिए प्रदान किया गया।
'डोमिनिका अवॉर्ड ऑफ ऑनर'साल 2024 में ही डोमिनिका के राष्ट्रमंडल की राष्ट्रपति महामहिम सिल्वेनी बर्टन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डोमिनिका के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार 'डोमिनिका अवार्ड ऑफ ऑनर' से सम्मानित किया। प्रधानमंत्री ने यह सम्मान भारत के लोगों और भारत तथा डोमिनिका के बीच गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को समर्पित किया था।
'ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑनर'अगस्त 2023 में ग्रीस की राष्ट्रपति, कैटरीना साकेलारोपोलू द्वारा पीएम मोदी को को द ग्रैंड क्रॉस ऑफ़ द ऑर्डर ऑफ़ ऑनर से सम्मानित किया था। ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ़ ऑनर ग्रीस के राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्रियों और प्रतिष्ठित व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है, जिन्होंने अपने विशिष्ट पद के कारण ग्रीस के कद को बढ़ाने में योगदान दिया है।
'ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर'वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जुलाई 2023 में फ्रांस गणराज्य के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन द्वारा फ्रांस के सर्वोच्च पुरस्कार ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया था। प्रधानमंत्री ने भारत के लोगों की ओर से इस अद्वितीय सम्मान के लिए राष्ट्रपति मैक्रोन को धन्यवाद दिया।
'ऑर्डर ऑफ द नाइल'जून 2023 में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने पीएम मोदी को काहिरा की प्रेसीडेंसी में आयोजित एक विशेष समारोह में मिस्र के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'ऑर्डर ऑफ द नाइल' से सम्मानित किया था। सम्मान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के लोगों की ओर से राष्ट्रपति सिसी को धन्यवाद दिया। जानकारी दें कि यह सम्मान प्राप्त करने वाले पहले भारतीय हैं।
'एबाकल अवॉर्ड'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साल 2023 में ही पलाऊ के एबाकल अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
'कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी'साल 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फिजी के सर्वोच्च सम्मान ‘कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान फिजी के पीएम सितिवेनी राबुका की ओर से वैश्विक नेतृत्व को देखते हुए पीएम मोदी को दिया गया। फिजी का यह सर्वोच्च सम्मान अब तक कुछ ही गैर-फिजी लोगों को मिला है।
'ग्रैंड कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ लोगोहू'पापुआ न्यू गिनी (पीएनजी) के गवर्नर-जनरल महामहिम सर बॉब दादा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ग्रैंड कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ लोगोहू (जीसीएल) से सम्मानित किया था। मई 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस सम्मान से सम्मानित किया गया था।
'ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो'साल 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूटान की यात्रा की थी। इस दौरान थिम्पू में आयोजित एक सार्वजनिक समारोह में पीएम मोदी को भूटान के राजा द्वारा भूटान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो' से सम्मानित किया गया। प्रधानमंत्री मोदी पहले विदेशी नेता रहे जिन्हें ये प्रतिष्ठित पुरस्कार दिया गया।
'लीजन ऑफ मेरिट' पुरस्कार से पीएम मोदी का सम्मानसाल 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति ने सर्वोच्च सम्मान, द लीजन ऑफ मेरिट, डिग्री चीफ कमांडर से सम्मानित किया। चीफ कमांडर की सर्वोच्च डिग्री में लीजन ऑफ मेरिट, संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा दिया जाने वाला एक प्रतिष्ठित पुरस्कार है, जो आमतौर पर अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों या शासनाध्यक्षों को दिया जाता है।
'किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनेसां'भारत और बहरीन के बीच संबंधों को मजबूत करने में उनकी भूमिका के लिए बहरीन ने 2019 में पीएम मोदी को किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनेसां से सम्मानित किया।
'ऑर्डर ऑफ द डिस्टिंग्विश्ड रूल ऑफ निशान इज्जुद्दीन'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साल 2019 में ही मालदीव की दो दिवसीय राजकीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के सर्वोच्च सम्मान 'रूल ऑफ निशान इज्जुद्दीन' से सम्मानित किया गया।
'ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंगलवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ग्रैंड हॉल ऑफ द ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू में रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल' से सम्मानित किया था। यह पुरस्कार उन्हें 2019 में दिया गया था।
'ऑर्डर ऑफ जायद'साल 2019 में द्विपक्षीय संबंधों में उनके असाधारण योगदान को स्वीकार करते हुए पीएम मोदी को यूएई के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ऑर्डर ऑफ जायद से सम्मानित किया गया।
'फिलिस्तीन राज्य का ग्रैंड कॉलर'भारत-फिलिस्तीन संबंधों को बढ़ावा देने में उनके योगदान के लिए पीएम मोदी को 2018 में राष्ट्रपति महमूद अब्बास द्वारा फिलिस्तीन के ग्रैंड कॉलर से सम्मानित किया गया था।
'स्टेट ऑर्डर ऑफ गाजी अमीर अमानुल्लाह खान'भारत-अफगानिस्तान संबंधों को मजबूत करने के उनके प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री को 2016 में अफगानिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, अमीर अमानुल्लाह खान पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
'ऑर्डर ऑफ अब्दुलअजीज अल सऊद'साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सऊदी अरब के किंग सलमान बिन अब्दुलअजीज द्वारा देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, किंग अब्दुलअजीज सैश से सम्मानित किया गया था।
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