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Waqf Law 2025: 'समावेशी शासन हो प्राथमिकता', नए वक्फ कानून का विरोध करने वालों से एक्सपर्ट ने पूछे कौन-से दो सवाल?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय संसद ने हाल ही में वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पारित किया, जिसे 'उम्मीद' नाम दिया गया है। इस कानून को लाने का उद्देश्य भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार बताया गया। नए कानून का उद्देश्य वक्फ प्रशासन को आधुनिक बनाना, इस में पारदर्शिता लाना और लाखों एकड़ में फैली वक्फ संपत्तियों की देखरेख में लंबे समय से चली आ रही अक्षमताओं को दूर करना है।
हालांकि, इस कानून को विभिन्न मुस्लिम संगठनों और विपक्षी दलों की कड़ी आलोचना का सामना भी करना पड़ रहा है, जो इस कानून को अल्पसंख्यक मामलों में सरकार का अतिक्रमण मानते हैं। सरकार को इस कानून की सफलता को सुनिश्चित करने के लिए समावेशी शासन और जनविश्वास को प्राथमिकता देनी चाहिए।
इतिहास से पता चलता है कि भारत को स्वतंत्रता मिलने से पहले भी, वक्फ संपत्तियां अक्सर विभिन्न विवादों में उलझी रहती थीं। लेकिन आजादी के बाद इनमें और अधिक बढ़ोतरी देखने को मिली।
कुछ विवाद उन संपत्तियों से उत्पन्न हुए जिन पर वक्फ का दावा था, जबकि अन्य विवाद वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे और बिक्री से उत्पन्न हुए। जो लोग वक्फ संपत्तियों के साथ किसी भी रूप में जुड़े रहे हैं, वे यह भली भांति जानते हैं कि इन संपत्तियों का लाभ भारतीय मुस्लिम समाज के बड़े हिस्से तक नहीं पहुंचा।
वक्फ का क्या काम है?इस्लामी विद्वान रामिश सिद्दीकी बताते हैं कि वक्फ एक इस्लामिक परंपरा है, जिसने इस्लामिक सभ्यताओं में सामाजिक, आर्थिक और शहरी परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वक्फ ने धार्मिक संस्थाओं से लेकर सामाजिक संस्थाओं दोनों का समर्थन करते हुए कल्याणकारी प्रविधान की आधारशिला के रूप में काम किया।
अलग-अलग समय और स्थानों में वक्फ की अद्भुत अनुकूलनशीलता इसे एक दीर्घकालिक विचार के रूप में दर्शाती है, जिसने व्यक्ति की आस्था और सामाजिक जिम्मेदारियों दोनों के बीच पुल का कार्य किया।
क्यों हो रहा वक्फ संशोधन कानून का विरोध?रामिश सिद्दीकी के मुताबिक, इस कानून की आलोचना करने वालों का मानना है कि यह वक्फ संपत्तियों पर मुस्लिमों के अधिकार को कमजोर कर सकता है, जबकि समर्थकों का तर्क है कि यह वक्फ में कुप्रबंधन और अतिक्रमण को रोकने में सहायक होगा। हालांकि, दोनों दृष्टिकोणों के सामने चुनौतियां हैं।
सवाल :1. सबसे पहले, नए कानून के आलोचकों से हमारा एक प्रश्न है कि क्या आम मुसलमानों का कभी इन वक्फ संपत्तियों पर कोई नियंत्रण था, या यह सिर्फ समुदाय के कुछ चुनिंदा लोगों के पास ही हमेशा रही?
2. दूसरे, वे लोग जो दावा करते हैं कि नए कानून से कुप्रबंधन और अतिक्रमण खत्म होगा, उनसे मेरा सवाल है कि भारत में कई कानून हैं लेकिन क्या कहीं भी भूमि अतिक्रमण पूरी तरह से समाप्त हो पाया?
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रामिश सिद्दीकी ने बताया, ''बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने एक बार कहा था कि संविधान केवल राज्य की संस्थाओं जैसे विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना प्रदान कर सकता है। लेकिन इन संस्थाओं कर वास्तविक क्षमता जिन कारकों पर निर्भर करती है, वे हैं- जनता और राजनीतिक दल। नए वक्फ कानून की सफलता इस पर निर्भर करेगी कि सरकार भरोसे की कमी को कैसे दूर करेगी, इसे निष्पक्ष तरीके से कैसे लागू करेगी।''
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Trump Tariff: ट्रंप के टैरिफ से भारत को लगेगा बड़ा झटका? रिपोर्ट ने डराया, जानिए कितना होगा नुकसान
पीटीआई, नई दिल्ली। अमेरिकी शुल्क में वृद्धि के कारण इस वर्ष समुद्री सामान, सोना, इलेक्टि्रकल और इलेक्ट्रॉनिक जैसे क्षेत्रों से अमेरिका को भारत के वस्तु निर्यात में 5.76 अरब डॉलर की गिरावट आने के आसार हैं।
आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनीशिएटिव (जीटीआरआई) ने कहा कि इससे चुनिंदा उत्पाद खंडों में भारत की प्रतिस्पर्धी स्थिति कुछ नुकसान की भरपाई करने में सहायक साबित हो सकती है। वस्त्र, परिधान, सिरेमिक उत्पाद, अकार्बनिक रसायन और दवा क्षेत्रों में मामूली बढ़त देखी जा सकती है।
अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर भी लगाया टैरिफअमेरिका ने दवा, सेमीकंडक्टर और कुछ ऊर्जा वस्तुओं को छोड़कर भारतीय वस्तुओं पर नौ अप्रैल से 26 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने का एलान किया है। 10 प्रतिशत मूल शुल्क पहले ही पांच से आठ अप्रैल के बीच लागू किए जा चुके हैं।
जीटीआरआई ने कहा कि विस्तृत व्यापार आंकड़ों और शुल्क अनुसूचियों का इस्तेमाल करते हुए विश्लेषण में अनुमान लगाया गया है कि 2025 में भारत से अमेरिका को होने वाले निर्यात में 5.76 अरब डॉलर या 6.41 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।
इन उत्पादों में भारी कमी आने के आसारभारत ने 2024 में अमेरिका को 89.81 अरब डॉलर मूल्य का सामान निर्यात किया था। इसमें कहा गया, कई प्रमुख उत्पाद समूहों में कमी आने की संभावना है। मछली और 'क्रस्टेशियन' के निर्यात में 20.2 प्रतिशत, लोहे या इस्पात की वस्तुओं में 18 प्रतिशत, हीरे, सोने के उत्पादों में 15.3 प्रतिशत, वाहन व कलपुर्जों के निर्यात में 12.1 प्रतिशत और इलेक्टि्रकल, टेलिकॉम व इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में 12 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।
प्लास्टिक, कालीन, पेट्रोलियम उत्पाद, कार्बनिक रसायन और मशीनरी जैसी अन्य श्रेणियों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है।
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कैसे बढ़ेगी कांग्रेस की इनकम? संपत्तियों के लिए बनाया ये प्लान; जानिए किसे मिली जिम्मेदारी
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। संगठन को गांव और वार्ड स्तर पर मजबूत करने के प्रयासों में जुटी कांग्रेस ने इसके बीच आने वाली आर्थिक चुनौतियों को भी गंभीरता से लिया है। पार्टी शीर्ष नेतृत्व का प्रयास है कि देशभर में जो भी कांग्रेस की संपत्तियां हैं, उनका सिरे से ब्योरा जुटाया जाए।
यह जिला और शहर अध्यक्षों से ही रिपोर्ट मांगी है कि किस संपत्ति का कैसे सदुपयोग किया जाए कि उससे आय की व्यवस्था हो और संगठन गतिविधियों को बिना मुश्किल संचालित किया जा सके। कई राज्यों में कांग्रेस लंबे समय से सत्ता से बाहर है। इसका राजनीतिक प्रभाव कमजोर संगठन के रूप में पड़ा तो काफी असर पार्टी की माली हालत पर भी पड़ा है।
संगठन को धरातल पर मजबूत करने में जुटा हाईकमानचुनाव लड़ने में आने वाली आर्थिक चुनौतियों को कई बार शीर्ष नेतृत्व ने व्यक्त किया है तो अक्सर बैठकों में राज्यों और जिलों के पदाधिकारियों ने भी इस ओर ध्यान आकृष्ट कराया है कि संगठन की गतिविधियों को सुचारु चलाने में पैसों की कमी आड़े आ रही है। अब चूंकि, कांग्रेस हाईकमान ने संगठन को धरातल पर मजबूत करने के लिए विशेष अभियान छेड़ रखा है तो आर्थिक संकट के पहलू को भी अपनी चिंताओं में शामिल किया है।
इसे दूर करने की दिशा में नेतृत्व क्या सोच रहा है, इसे पिछले दिनों हुई नवनियुक्त जिला और शहर अध्यक्षों के साथ हुई बैठक में भी साझा किया गया। बैठक में शामिल रहे सूत्र ने बताया कि कुछ अध्यक्षों ने मांग उठाई कि यदि शीर्ष नेतृत्व कुछ आर्थिक सहयोग करे तो संगठन के काम को तेजी से आगे बढ़ाने में सहूलियत होगी। इस पर मंचासीन एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि इसके लिए पार्टी ने कुछ विचार कर रखा है।
कांग्रेस की स्थानीय इकाइयों के पास हैं तमाम पुरानी संपत्तिदरअसल, देश भर में कांग्रेस की स्थानीय इकाइयों के पास बहुत सी पुरानी संपत्ति है। कुछ जिला व शहर अध्यक्षों ने गड़बड़ियां कर दी हैं। पार्टी हित न देखते हुए संपत्तियों को विवादित कर दिया या पुराने विवादों में साठगांठ कर प्रतिवादी को लाभ पहुंचा दिया। इसके अलावा बहुत सी बहुमूल्य संपत्ति का सही तरीके से उपयोग नहीं हो पा रहा है। वरिष्ठ पदाधिकारी ने जिला व शहर अध्यक्षों से कहा कि आप अपने क्षेत्र की कांग्रेस की सभी संपत्तियों का ब्योरा जुटाएं।
जो संपत्ति गैर विवादित हैं, उन्हें चिह्नित कर रिपोर्ट सौंपें कि उनका उपयोग किस तरह कर सकते हैं कि पार्टी को आय हो सके। जैसे परिसर बड़ा हो। कार्यालय के लिए पर्याप्त स्थान के अलावा भूमि बच रही हो तो उसका व्यावसायिक उपयोग कराया जा सकता है। इसी तरह विवादित संपत्तियों पर भी रिपोर्ट बनाएं, ताकि स्थानीय, राज्य या एआईसीसी की लीगल सेल से मशविरा कर उनका निस्तारण भी कराने के प्रयास किए जा सकें।
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मणिपुर में आतंकियों से हुई सुरक्षा बलों की मुठभेड़, हथियारों का जखीरा बरामद
पीटीआई, इंफाल। मणिपुर में सुरक्षा बलों और विद्रोहियों के बीच मुठभेड़ हुई है। सोमवार को पुलिस ने जानकारी दी है कि मणिपुर के थौबल जिले में प्रतिबंधित कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी संगठन के आतंकियों के साथ सुरक्षा बलों की संक्षिप्त मुठभेड़ हुई है। इसके बाद एक उग्रवादी शिविर से हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है।
आतंकियों ने जवानों पर की फायरिंगजानकारी के मुताबिक रविवार को सुरक्षा बल हेरोक पार्ट-3 इलाके में तलाशी अभियान चला रहे थे। तभी आतंकियों ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी। सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई के बाद आतंकी वहां से भाग निकले। बाद में सेना ने तलाशी अभियान चलाया तो आतंकियों का एक बड़ा कैंप मिला। यहां तलाशी लेने पर गोला-बारूद और हथियारों का जखीरा बरामद हुआ।
कैंप से सुरक्षा बलों को क्या-क्या मिला?पुलिस के मुताबिक कैंप से एक सेल्फ-लोडिंग राइफल, एक मैगजीन, एक 12 बोर की सिंगल बैरल बंदूक, 7.62 मिमी के 21 कारतूस, 3 बुलेटप्रूफ जैकेट, 2 प्लेट, छद्म कपड़े, सीरिंज, दवाइयां और 3 चार पहिया वाहन मिले हैं।
एक आतंकी पकड़ा गयाउधर, पुलिस ने रविवार को इंफाल पश्चिम जिले के नागमपाल इलाके में केसीपी के एक आतंकी को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है। आरोपित की पहचान वैखोम लवसन सिंह (31) के रूप में हुई है। वह जबरन वसूली जैसी अवैध गतिविधियों में शामिल था।
इंफाल पूर्व जिले में भी मिले हथियारएक अन्य मामले में सुरक्षा बलों ने रविवार को इंफाल पूर्व जिले के पौराबी गांव के पास माकौ पहाड़ी क्षेत्र से एक .32 पिस्तौल, एक मैगजीन, एक खाली इंसास मैगजीन और कारतूस बरामद किए हैं।
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वक्फ संशोधन कानून का समर्थन पड़ा भारी, भाजपा नेता असकर अली के घर को भीड़ ने लगाई आग
पीटीआई, इंफाल। मणिपुर में भाजपा नेता को वक्फ संशोधन कानून का समर्थन करना भरी पड़ गया। भीड़ ने उनके घर को आग के हवाले कर दिया। पुलिस के मुताबिक मणिपुर में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष असकर अली ने वक्फ संशोधन कानून का समर्थन किया था। इससे खफा भीड़ ने यह कदम उठाया है। घटना रविवार रात को थौबल जिले के लिलोंग में हुई है।
रात में घर के बाहर जुटी गुस्साई भीड़अधिकारियों के मुताबिक असकर अली ने सोशल मीडिया पर वक्फ संशोधन कानून का समर्थन किया था। इसके बाद रविवार की रात लगभग नौ बजे गुस्साई भीड़ उनके घर के बाहर जुटी। देखते ही देखते भीड़ ने तोड़फोड़ शुरू कर दी। कुछ देर बाद घर को आग लगा दी।
पिछले बयान पर मांगी माफीआगजनी की घटना के बाद असकर अली ने एक नया वीडियो जारी किया है। इसमें उन्होंने अपने पिछले बयान पर माफी मांगी। उन्होंने वक्फ संशोधन अधिनियम का विरोध भी किया।
प्रदर्शनकारियों के साथ सुरक्षा बलों की झड़पउधर, इंफाल घाटी के मुस्लिम बहुल इलाकों में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए। पांच हजार से अधिक लोगों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया। लिलोंग में एनएच-102 पर जाम भी लगाया। अधिकारियों के मुताबिक थौबल के इरोंग चेसाबा में सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई है।
मुस्लिम बहुल इलाकों में बढ़ाई गई सुरक्षाप्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन में शामिल साकिर अहमद ने कहा, "वक्फ संशोधन अधिनियम संविधान की भावना के खिलाफ है। मुस्लिम समुदाय इसे स्वीकार नहीं करेगा। अधिकारियों का कहना है कि इंफाल घाटी के मुस्लिम बहुल इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
वक्फ संशोधन विधेयक गुरुवार की रात लोकसभा और शुक्रवार को राज्यसभा से पारित किया गया था। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद अब यह कानून बन गया है। नए कानून का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को सुव्यवस्थित बनाना है।
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नए वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी RJD, मुस्लिम संगठन देशभर में करेंगे विरोध प्रदर्शन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नए वक्फ कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के लिए आज याचिका दायर करेगा। ये याचिका पार्टी की ओर से राज्यसभा सांसद मनोज झा और पार्टी नेता फैयाज अहमद लगाएंगे। बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। नए वक्फ कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अब तक 6 याचिका दाखिल हो चुकी हैं।
वहीं, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने 11 अप्रैल से पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है।आरजेडी नेता मनोज झा ने कहा कि वो वक्फ कानून में बताए गए प्रावधानों को कोर्ट में चुनौती देंगे। उन्होंने कहा कि ये कानून संविधान का हनन करने वाला है और ये देश के सौहार्द को भी पूरी तरह से खत्म कर देगा।
इसके बाद अलग-अलग संगठनों की ओर से भी अर्जियां लगाई जाएंगी। उन्होंने संसद से पारित वक्फ संशोधन बिल को असंवैधानिक और सौहार्द के खिलाफ करार दिया।
कब होगी सुनवाई?बता दें कि लोकसभा एवं राज्यसभा से पास होने के बाद अब वक्फ बिल को राष्ट्रपति से भी मंजूरी मिल गई है, जिसके बाद इसे कानून का दर्जा हासिल हो गया है।
आरजेडी सासंद मनोज झा ने रविवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि वक्फ संशोधन कानून संविधान की मूल भावना का उल्लंघन करता है। यह सौहार्द को खराब करने की साजिश है। उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इस पर जल्द सुनवाई करेगा। इस को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा मंजूरी दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह तो सरकार की प्रक्रिया है। हम वो कर रहे हैं जो हमारा अधिकार है।
केंद्र सरकार जारी करेगा नोटिफिकेशनअब नए कानून को लागू करने की तारीख को लेकर केंद्र सरकार अलग से एक नोटिफिकेशन जारी करेगी। यह बिल (अब कानून) 2 अप्रैल को लोकसभा और 3 अप्रैल को राज्यसभा में 12-12 घंटे की चर्चा के बाद पास हुआ था।
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु पुर्तगाल के दौरे पर पहुंचीं, 25 साल में किसी महामहिम की पहली यात्रा
एएनआई, नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन पहुंच गई हैं। यह यात्रा पुर्तगाल के राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो दे सूज़ा के निमंत्रण पर हो रही है। यह द्रौपदी मुर्मू की पहली यूरोपीय यात्रा है, जो दोनों देशों के बीच मजबूत होते रिश्तों की ओर इशारा करती है।
राष्ट्रपति मुर्मू का लिस्बन एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत किया गया। पुर्तगाल के वरिष्ठ अधिकारियों और भारतीय समुदाय के प्रतिनिधियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
#WATCH | President Droupadi Murmu arrives in Lisbon, Portugal.
The President is on a state visit to Portugal at the invitation of the President of Portugal, Marcelo Rebelo de Sousa. pic.twitter.com/cTgxIlO5b1
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Weather Update: उत्तर भारत में अप्रैल में ही जून जैसी गर्मी, दिल्ली-पंजाब में लू का अलर्ट
जागरण, नई दिल्ली। दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में गर्मी का असर साफ देखा जा रहा है। दिल्ली में ही रविवार को अधिकतम तापमान सामान्य से 3.1 डिग्री अधिक 38.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। कुछ यही हाल पंजाब का रहा। बठिंडा में अधिकतम तापमान 39.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
दिल्ली और पंजाब में सोमवार से लू चलने का पूर्वानुमान है। मैदान के साथ ही पहाड़ी राज्यों में भी गर्मी का असर दिखाई पड़ रहा है। अप्रैल के पहले सप्ताह में ही पहाड़ भी तपने लगे हैं। हिमाचल और उत्तराखंड में कई जगहों पर तापमान 30 डिग्री से ऊपर चला गया है।
दिल्ली में 41 डिग्री तक जा सकता है तापमान: IMDराजधानी दिल्ली में रविवार को आसमान साफ रहा और दिन भर तेज धूप भी देखने को मिली। मौसम विभाग का अनुमान है कि सोमवार को आसमान साफ रहेगा। मौसम में नमी की मात्रा कम होने से लोगों को गर्म हवा के थपेड़ों का अहसास होगा। अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 41 और 21 डिग्री रहने की संभावना है। इसी तरह पंजाब में कई जगहों पर अधिकतम तापमान सामान्य से छह डिग्री तक ज्यादा दर्ज किया गया। पटियाला में रविवार को अधिकतम तापमान 38.4, लुधियाना में 38.1, फरीदकोट में 38, चंडीगढ़ में 37.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मौसम विभाग के अनुसार 10 अप्रैल तक पंजाब के दक्षिणी और पश्चिमी हिस्सों में तापमान 40 से 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना है। हिमाचल, उत्तराखंड में भी पारा चढ़ा हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग ने सात व नौ अप्रैल को अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री तापमान में वृद्धि होने की संभावना जताई है। प्रदेश के चार जिलों कांगड़ा, कुल्लू, मंडी व सोलन के कुछ हिस्सों में गर्म हवाएं चलने की संभावना है।
10-11 अप्रैल को मौसम विभाग की भविष्यवाणीमौसम विभाग ने 10 और 11 अप्रैल को हल्की वर्षा और हिमपात की संभावना जताई है। रविवार को प्रदेश के 12 स्थानों में अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से अधिक पहुंच गया। वहीं अगले एक-दो दिन के भीतर प्रदेश के 20 से अधिक स्थानों पर अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से पार होने की संभावना है।
वहीं उत्तराखंड के दून समेत ज्यादातर क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है, जो कि सामान्य से करीब पांच डिग्री सेल्सियस अधिक है। हालांकि, मंगलवार से प्रदेश में मौसम का मिजाज बदलने के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार से पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की वर्षा, मैदानी क्षेत्रों में गरज के साथ बौछार व अंधड़ चलने की आशंका है।
बिहार, बंगाल और तमिलनाडु के लिए क्या है अमित शाह का प्लान?, विधानसभा चुनाव के लिए बनाई ये रणनीति
एएनआई, नई दिल्ली। भाजपा तीन राज्यों के आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर चुनावी मोड में आ चुकी है। पार्टी के चाणक्य और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इसी के चलते बिहार, बंगाल और तमिलनाडु का चुनाव हो जाने तक हर महीने दो-दो दिन का दौरा कर पार्टी की चुनाव तैयारियों को बूस्टर डोज देंगे।
पार्टी सूत्रों के अनुसार भाजपा इन तीन बड़े राज्यों बिहार, बंगाल और तमिलनाडु में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए अपनी पूरी ताकत जोंकने को संकल्पबद्ध है। इसीलिए शाह शुक्रवार को संसद सत्र का अवसान होते ही तत्काल चुनाव मिशन पर निकलने को तत्पर हैं। अप्रैल माह से ही वह इन तीनों राज्यों में हर महीने अपना दौरा करेंगे।
30 अप्रैल को बिहार जाएंगे अमित शाहशाह 30 अप्रैल को बिहार जाएंगे और वहां एक मई तक राज्य के नेताओं के साथ भाजपा की चुनाव तैयारियों की समीक्षा करेंगे। इसी तरह वह बंगाल में भी 14-15 अप्रैल को अपने चुनावी दौरों की शुरुआत करेंगे, जो हर महीने वहां चुनाव हो जाने तक जारी रहेगी। अमित शाह तमिलनाडु में अपना पहला चुनावी दौरा 10 और 11 अप्रैल को करेंगे।
इस यात्रा के दौरान वह चेन्नई में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ कई बैठकें करेंगे। ताकि वहां पर भाजपा की चुनावी तैयारियों का सही मूल्यांकन किया जा सके। वह तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक से गठजोड़ पर भी चर्चाओं को आगे बढ़ाएंगे। वह चेन्नई में भाजपा नेताओं के साथ ही राजग के घटक दलों से भी मुलाकात करेंगे। उल्लेखनीय है कि बिहार में इसी साल नवंबर तक विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद है जबकि बाकी दो राज्यों बंगाल व तमिलनाडु में अगले साल चुनाव होने की उम्मीद है।
मणिपुर: BJP अल्पसंख्यक नेता अली असगर के घर को हिंसक भीड़ ने फूंका, वक्फ संशोधन कानून के पक्ष में दिया था बयान
पीटीआई, इंफाल। मणिपुर में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष असकर अली के घर में रविवार रात भीड़ ने आग लगा दी। असकर ने वक्फ संशोधन अधिनियम का समर्थन किया था।
यह घटना थौबल जिले में हुई। अली ने शनिवार को इंटरनेट मीडिया पर इस कानून का समर्थन किया था। बताया जा रहा है कि इसी से नाराज होकर भीड़ ने उनके घर में आग लगाई।
घर में लगा दी आग, रैली में शामिल पांच हजार लोगअधिकारियों ने बताया कि रात करीब नौ बजे गुस्साई भीड़ उनके आवास के बाहर जुटी। भीड़ ने तोड़फोड़ के बाद में घर में आग लगा दी। घटना के बाद अली ने इंटरनेट मीडिया पर वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने अपने पिछले बयान के लिए माफी मांगी। इससे पहले दिन में इंफाल घाटी के विभिन्न हिस्सों में इस कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए। रैली में पांच हजार लोग शामिल हुए। प्रदर्शन के कारण लिलोंग में एनएच 102 पर यातायात बाधित हो गया। कुछ जगहों पर प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा बलों के साथ झड़प भी हुई।
घाटी के मुस्लिम बहुल इलाकों में सुरक्षा बढ़ीऐसी ही एक घटना थौबल के इरोंग चेसाबा में हुई। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र की भाजपा नीत सरकार के खिलाफ नारे लगाए और इस कानून की निंदा की। घाटी के मुस्लिम बहुल इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं। संसद से पारित वक्फ संशोधन विधेयक को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्म ने मंजूरी दे दी है।
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दमोह में फर्जी हार्ट सर्जन का काला खेल! 7 मरीजों की मौत; स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप
जेएनएन, दमोह। मध्य प्रदेश के दमोह में संचालित मिशन अस्पताल में कथित तौर पर चिकित्सक डॉ नरेंद्र यादव उर्फ एनकेम जोन द्वारा जनवरी से फरवरी के बीच की गई हार्ट सर्जरी से सात मरीजों की मौत का मामला सामने आने के बाद प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इसे गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच का आदेश दिया है। इस बीच फर्जी डॉक्टर फरार हो चुका है। अधिकारियों के मुताबिक राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की दो सदस्यीय टीम सोमवार से दमोह में तीन दिनों तक पूरे प्रकरण की जांच करेगी। टीम सात मौतों के साथ ही मिशन अस्पताल की मान्यता की तिथि, पदस्थ डॉक्टरों की जानकारी, नियुक्ति करने वाले का नाम और अस्पताल को प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के तहत किए गए भुगतान की जानकारी जैसे विषयों पर भी सुनवाई करेगी।
सीएमएचओ ने पांच पीड़ितों के स्वजन को भेजा पत्रसीएमएचओ ने कार्डियोलाजिस्ट के इलाज से पांच पीड़ितों के स्वजन को पत्र भेजकर सोमवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम के सामने बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया है। उधर, चौंकाने वाली जानकारी यह भी सामने आई है कि मिशन अस्पताल में डॉ नरेंद्र यादव उर्फ एनकेम जोन दो जनवरी से 20 फरवरी तक मरीजों की जान से खेलता रहा और शिकायत होने के बाद भी प्रशासन सिर्फ जांच दल गठित करता रहा।
मामले में शिकायतकर्ता और बाल कल्याण समिति दमोह के अध्यक्ष दीपक तिवारी के अनुसार फर्जी कार्डियोलाजिस्ट के इलाज से मिशन अस्पताल में दो महीनों में सात से दस मौतें हुई हैं। कलेक्टर, एसपी, सीएमएचओ से लिखित शिकायत की गई, पर कहीं गंभीरता से शिकायत नहीं सुनी गई। डॉ. नरेंद्र यादव की मिशन अस्पताल में सेवाएं लेने के पहले जांच नहीं कराई गई। इसकी पहली शिकायत 20 फरवरी को कलेक्टर से की गई। सीएमएचओ ने सात मार्च तक जांच कर प्रतिवेदन भी कलेक्टर को भेजा, लेकिन कोई कार्रवाई प्रस्तावित नहीं हो सकी। यही कारण रहा कि फर्जी डाक्टर गायब हो गया।
डॉक्टर तेलंगाना में भी कर चुका है फर्जीवाड़ाडॉ. नरेंद्र यादव उर्फ एनकेम जोन पर पूर्व में भी कई आपराधिक मामले दर्ज होने की बात सामने आई है। आधार कार्ड के अनुसार डाक्टर का नाम नरेंद्र जान केम है, जो देहरादून का निवासी है। दमोह में वह गुजरात में पंजीकृत वाहन का उपयोग कर रहा था।
डॉक्टर और उसकी पत्नी दिव्या रावत पर वर्ष 2019 में तेलंगाना के रचकोंडा में ब्राउंडवाल्ड हास्पिटल में फर्जीवाड़े के चलते मामला दर्ज कर गिरफ्तारी के प्रयास किए गए थे। उस समय वह उक्त अस्पताल का निदेशक था। डॉक्टर कई निजी और शासकीय संस्थाओं में ईमेल के जरिए अपना बायोडाटा भेज कर संस्थान में घुसने का प्रयास करता था और कई स्थानों पर चिकित्सा के क्षेत्र में आधुनिक सुविधाएं लाने का झांसा भी देता था। विजिटिंग कार्ड में भी वह खुद को वरिष्ठ सलाहकार इंटरवेंशनल कार्डियोलाजिस्ट और जर्मनी का रहने वाला बताता था।
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'संसद ने बनाए हैं सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने वाले कानून', ओम बिरला बोले- 'संविधान में सभी नागरिकों को समान मानने की भावना'
पीटीआई, नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रविवार को कहा कि संसद ने हाल के वर्षों में सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने वाले कई कानून बनाए हैं। भारतीय संविधान में सभी नागरिकों को समान मानने, उन्हें समान अवसर देने और वंचित और पिछड़े वर्गों को प्रगति की मुख्यधारा में शामिल करने की भावना है।
उज्बेकिस्तान के ताशकंद में अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) की 150वीं बैठक में सामाजिक विकास और न्याय के लिए संसदीय प्रयास विषय पर अपने संबोधन में बिरला ने ये बातें कहीं।
संसद ने देश के सभी वर्गों के नागरिकों को संरक्षित करने के उपाय किएबिरला ने कहा कि हमारी संसद ने दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016; ट्रांसजेंडर व्यक्ति अधिकारों का संरक्षण अधिनियम तथा जैसे कानून तथा लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने वाला कानून बनाकर देश के सभी वर्गों के नागरिकों को संरक्षित करने के उपाय किए हैं। साथ ही असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के कल्याण और सामाजिक सुरक्षा के लिए नए श्रम कानून बनाएं हैं।
विभिन्न संसदीय समितियां कई योजनाओं को लेकर सुझाव देती हैंउन्होंने कहा कि हमने भारतीय दंड संहिता को भारतीय न्याय संहिता से बदलकर न्याय की प्राथमिकता को स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि संसद की विभिन्न समितियां, जिन्हें अक्सर मिनी संसद कहा जाता है संसद और सरकार के प्रयासों के पूरक के रूप में काम करती हैं। विभिन्न संसदीय समितियां अपने दायरे में आने वाली योजनाओं की निगरानी करती हैं और सुझाव देती हैं।
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ट्रेनों में नकली वेंडर बेच रहे थे घटिया पानी, रेलवे को राजस्व में हो रहा था नुकसान; RPF ने किया भंडाफोड़
जेएनएन, मुंबई। आरपीएफ ने शुक्रवार को ट्रेनों में खाद्य सामाग्री बेचने के बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है। आइआरसीटीसी की वर्दी पहने फर्जी वेंडरो को बड़ी मात्रा में पानी की बोतलों के साथ गिरफ्तार किया है। साथ ही 36 फर्जी वेंडरों के खिलाफ महाराष्ट्र के इगतपुरी जीआरपी में मामला दर्ज किया गया है।
आरोपितों के पास लंबी दूरी की ट्रेनों में खाद्य और पेय पदार्थ बेचने के लिए वैध दस्तावेज नहीं थे। आरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सभी ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर रेल नीर (पैकेज्ड ड्रिकिंग वॉटर) की बिक्री अनिवार्य है।
सरकारी राजस्व को हो रहा था भारी नुकसानआइआरसीटीसी ने रेल यात्रियों के लिए ब्रांडेड पैकेज्ड ड्रिकिंग वॉटर रेल नीर लांच किया है। पकड़े गए फर्जी वेंडर कुछ स्थानीय ब्रांड के पानी ट्रेन में बेच रहे थे, जिससे सरकारी राजस्व को भारी नुकसान हो रहा था। उनके कब्जे से स्थानीय पानी की बोतलों के 50 पैकेट जब्त किए गए हैं।
अधिकारी ने कहा कि केंद्र सरकार को राजस्व हानि के अलावा फर्जी वेंडर लंबी दूरी की ट्रेनों में यात्रियों के सामान की चोरी में करते हैं। ये वेंडर ऐसी ट्रेनों में चलते हैं, जिसमें पेंट्री कार की सुविधा नहीं होती।
उन्होंने कहा कि फर्जी वेंडर भारतीय रेलवे की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हैं, क्योंकि वे किसी भी स्टेशन या आस-पास के स्टेशनों पर खानपान सामग्री को लोड, अनलोड करने के लिए चेन खींचते हैं साथ ही इनके द्वारा ट्रेनों में बीड़ी और सिगरेट के टुकड़े फेंकने से आग लगने का खतरा भी रहता है। इसके साथ ही ये ट्रेनों में यात्रियों से अधिक पैसे वसूलते हैं और यदि कोई यात्री आवाज उठाता है तो उसे धमकाने और मारपीट तक करते हैं।
इन ठेकेदारों के लिए काम कर रहे थे वेंडरआरपीएफ अधिकारी ने बताया कि ये वेंडर आइआरसीटीसी के दो सूचीबद्ध ठेकेदारों लक्ष्मी नारायण एंटरप्राइजेज और आरएंडके एसोसिएट के लिए काम करते थे। हालांकि दोनों फर्मों का अनुबंध आइआरसीटीसी से अभी भी वैध है, लेकिन वेंडरों के पास वैध दस्तावेज नहीं थे। पकड़े गए वेंडर फर्जी पहचान पत्र लेकर चल रहे थे, जिन पर आइआरसीटीसी के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता के जाली चिह्न थे।
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परिसीमन प्रक्रिया पर तमिलनाडु की आशंकाओं को दूर क्यों नहीं करते पीएम मोदी? स्टालिन का प्रधानमंत्री पर तंज
पीटीआई, उधगमंडलम। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रस्तावित परिसीमन प्रक्रिया को लेकर राज्य के लोगों की आशंकाओं को दूर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि संसद में एक प्रस्ताव पारित किया जाए ताकि तमिलनाडु के अधिकारों पर अंकुश न लगे।
परिसीमन पर ज्ञापन प्रस्तुत करने के लिए मांगा है समय- यहां कई परियोजनाओं का उद्घाटन करने और नई योजनाओं की घोषणा करने के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए स्टालिन ने कहा कि हमने परिसीमन पर ज्ञापन प्रस्तुत करने के लिए समय मांगा है। चूंकि मैं इस सरकारी समारोह में भाग ले रहा हूं, इसलिए मैंने उन्हें (प्रधानमंत्री मोदी) उनकी सभा में भाग लेने में असमर्थता से अवगत करा दिया है। मैंने इस कार्य के लिए अपने मंत्रियों- टी. थेन्नारसु और राजा कन्नप्पन को भेजा है। इस सभा के माध्यम से मैं प्रधानमंत्री से परिसीमन की आशंकाओं को दूर करने का अनुरोध करता हूं।
- उन्होंने कहा कि आपको (मोदी को) यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि इस संबंध में संसद में एक प्रस्ताव पारित हो। इससे (परिसीमन से) संसदीय सीट में कमी आएगी, इसलिए इसके बारे में पूछना हमारा अधिकार है। साथ ही यह हमारे भविष्य के लिए चिंता का विषय भी है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि पुडुचेरी को मिलाकर यहां 40 संसदीय सीट होंगी। लेकिन (केंद्र में) सत्तारूढ़ भाजपा सरकार परिसीमन के जरिये हमारी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है।
तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि स्टालिन प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में उपस्थित नहीं थे। उन्होंने स्टालिन पर प्रधानमंत्री का अपमान करने का आरोप लगाया और मांग की कि मुख्यमंत्री माफी मांगें।
नए पंबन ब्रिज की विशेषताएंपुराने पंबन पुल की जगह लेने वाले नए ब्रिज की लंबाई 2.08 किलोमीटर है। इसमें 99 स्पैन और 72.5 मीटर का वर्टिकल लिफ्ट स्पैन है जो 17 मीटर तक ऊपर उठता है, इससे आसानी से जहाजों की आवाजाही और ट्रेनों का निर्बाध संचालन हो सकेगा। पुल में स्टेनलेस स्टील और उच्च श्रेणी के पेंट का इस्तेमाल किया गया है। इसमें पूरी तरह से वे¨ल्डग किए हुए जोड़ हैं, जिससे पुल के रखरखाव की आवश्यकताएं कम होंगी और मजबूती बढ़ेगी।
इसकी नींव 333 'पाइल' व 101 'पियर/पाइल कैप' पर टिकी है और इसे दोहरी रेल पटरियों एवं भविष्य के विस्तार को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। 'पालीसिलोक्सेन' पेंट का उपयोग इसे जंग से बचाता है, जिससे कठोर समुद्री वातावरण में पुल की दीर्घावधि सुनिश्चित होगी। दक्षिण रेलवे के अनुसार, पंबन के इस नए ब्रिज के समान दुनिया में कुछ अन्य ब्रिज भी हैं जिनमें अमेरिका का गोल्डन गेट ब्रिज, लंदन में टावर ब्रिज और डेनमार्क-स्वीडन का ओरेसंड ब्रिज शामिल हैं।
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वक्फ के बाद अब कॉलेजियम प्रणाली को बदलने की तैयारी? अश्विनी कुमार बोले- एनजेएसी लाने का यह सही समय
पीटीआई, नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने रविवार को कहा कि न्यायिक नियुक्तियों की वर्तमान कॉलेजियम प्रणाली को बदलने का समय आ गया है और न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए वैकल्पिक तंत्र के पक्ष में जनमत की प्रक्रिया मजबूती से आगे बढ़ रही है।
उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय से न्यायाधीशों पर लगाए गए आरोपों सहित न्यायपालिका के लिए परेशानी का सबब बनने वाले मुद्दों को हल करने के लिए एक मजबूत आंतरिक तंत्र स्थापित करने का भी आह्वान किया। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी को विश्लेषण करना चाहिए कि जनता में उसकी स्वीकार्यता क्यों कम हो रही है और अपनी पिछली गलतियों को सुधारने की इच्छा दिखानी चाहिए।
पार्टी नेतृत्व को कार्यकर्ताओं के साथ पेश आना चाहिएअहमदाबाद में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के सत्र से पहले उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व को अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं को सम्मान के साथ पेश आना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चुनावों में खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी को एकदम से खारिज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कांग्रेस को ऐसी पार्टियों से गठबंधन बनाने के खिलाफ आगाह किया जो वैचारिक रूप से अस्थिर हैं।
एक विशेष साक्षात्कार में अश्विनी कुमार ने कई विवादास्पद मुद्दों पर विस्तार से बात की, जैसे न्यायपालिका के भीतर की समस्याओं को दूर करने के लिए तंत्र, न्यायिक नियुक्तियां और राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी), और संसद द्वारा पारित कानूनों को अदालतों में लगातार दी जा रही चुनौती।
एनजेएसी के 2014-15 में ही सही था समय- कुमार ने कहा कि एनजेएसी के लिए समय 2014-15 में ही सही था, जब इसे पहली बार प्रस्तावित किया गया था और मतदान के लिए रखा गया था। इसे लाने का निश्चित रूप से आज भी सही समय है। मुझे विश्वास है कि न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए वैकल्पिक तंत्र के पक्ष में जनमत की प्रक्रिया मजबूती से आगे बढ़ रही है। यह प्रस्तावित एनजेएसी की तर्ज पर हो सकता है, यह कुछ बेहतर भी हो सकता है।
- पूर्व कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार को न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए एक संशोधित संवैधानिक संशोधन लाने का पूरा अधिकार है, जो न्यायिक जांच को संतुष्ट करेगा। गौरतलब है कि जब कुमार कानून मंत्री थे तो उन्हीं के कार्यकाल के दौरान संप्रग शासन के तहत एनजेएसी विधेयक का मसौदा तैयार किया गया था।
- लेकिन, बाद में राजग के सत्ता में आने के बाद इसे संशोधित रूप में पारित किया गया, मगर अक्टूबर 2015 में सर्वोच्च न्यायालय ने इसे रद कर दिया। यह पूछे जाने पर कि उन्हें क्यों लगता है कि एनजेएसी को लाने का समय आ गया है, कुमार ने कहा कि उन्हें उस फैसले की वैधता पर गंभीर आपत्ति है, जिसके तहत एनजेएसी को असंवैधानिक करार दिया गया था, भले ही इसमें ''संसद की सर्वोच्च इच्छा और बहुमत'' था।
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द्वारका में पूरी हुई अनंत अंबानी की आस्था और विश्वास की यात्रा, जानिए क्या रही इसकी खासियत
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कुशिंग सिंड्रोम यानी गंभीर किस्म के एक हार्मोनल असंतुलन के कारण उत्पन्न मोटापा, अस्थमा और फाइब्रोसिस से जूझ रहे किसी व्यक्ति के लिए एक-दो किलोमीटर पैदल चलना भी मुश्किल हो सकता है, लेकिन गुजरात में जामनगर से द्वारका तक की 180 किलोमीटर लंबी पदयात्रा नौ दिनों में पूरी कर अनंत अंबानी ने अपने एक संकल्प की सिद्धि की।
पदयात्रा के रूप में की गई अपनी इस आध्यात्मिक यात्रा को अनंत अंबानी ने अपने आंतरिक उत्थान, खासकर कठिन पथ को अपनाने की शक्ति हासिल करने का एक प्रयास बताया है।
29 मार्च को शुरू हुई थी यात्रायह यात्रा 29 मार्च को शुरू हुई थी और इसका समापन रामनवमी के अवसर पर हुआ। खास बात यह है कि रविवार को हिंदू कैलेंडर के अनुसार उनका जन्मदिन भी रहा। हाल में अपने कई सामाजिक कार्यों के कारण चर्चा में रहे अनंत इस यात्रा में प्रतिदिन 12 से 15 किलोमीटर पैदल चले।
इस दौरान अनंत के साथ उनकी मां नीता अंबानी और पत्नी राधिका के साथ ही कुछ करीबी सहयोगी और आध्यात्मिक गुरु ही रहे। अनंत अंबानी के अनुसार उनके लिए इस यात्रा का अर्थ भय के ऊपर विश्वास, कष्ट के ऊपर प्रेरणा और आराम के ऊपर अनुशासन को वरीयता देना था। अनंत अंबानी के लिए यह पदयात्रा भटकाव और शोर-शराबे से दूर ध्यान और भक्ति का मार्ग प्रशस्त करने वाली रही।
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भारत को अब तक नहीं मिला अग्रणी वैश्विक विश्वविद्यालय, संसदीय समिति ने राज्यसभा में पेश की रिपोर्ट
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत को अब तक किसी भी अग्रणी वैश्विक विश्वविद्यालय, जैसे कि आईवी लीग संस्थानों से कोई वैश्विक परिसर नहीं मिला है। संसद की एक समिति ने इस पर चिंता जताते हुए कहा कि भारत को शीर्ष विदेशी विश्वविद्यालयों को आकर्षित करने के लिए अधिक प्रयास करने की जरूरत है।
हाल के वर्षों में विदेशी विश्वविद्यालयों की भारत में कैंपस खोलने की दिलचस्पी बढ़ी है। इसकी एक वजह भारत का बड़ा छात्र वर्ग और सरकार द्वारा सहयोगी कार्यक्रमों व संयुक्त डिग्री पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देने की पहल है।
दिग्विजय सिंह हैं समिति के अध्यक्षइस समिति की अध्यक्षता कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह कर रहे हैं। समिति ने अपनी रिपोर्ट राज्यसभा में पेश की, जिसमें यह बात सामने रखी गई। रिपोर्ट में कहा गया है, 'हालांकि, भारत को अभी तक किसी भी अग्रणी वैश्विक विश्वविद्यालय (आईवी लीग्स, न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय, कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय आदि) से परिसर प्राप्त करना बाकी है। समिति अनुशंसा करती है कि उच्च शिक्षा विभाग को देश के छात्रों के लिए सर्वोत्तम वैश्विक संसाधनों तक अधिक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए इसे और प्रयास करने चाहिए।'
आईवी लीग अमेरिका में लंबे समय से स्थापित विश्वविद्यालयों का एक समूह है, जिनकी शैक्षणिक प्रतिष्ठा बहुत अच्छी है। इसमें हार्वर्ड, येल, प्रिंसटन और कोलंबिया शामिल हैं। जबकि ब्रिटेन का साउथहेम्प्टन विश्वविद्यालय इस वर्ष भारत में अपना परिसर स्थापित करने की प्रक्रिया में है, दो ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों-डीकिन और वोलोंगोंग के परिसर पहले से ही गुजरात की गिफ्ट सिटी में हैं।
क्वीन्स यूनिवर्सिटी बेलफास्ट व कोवेंट्री यूनिवर्सिटी को भी गिफ्ट सिटी में कैंपस खोलने की मंजूरी मिली है। अभी तक किसी अमेरिकी यूनिवर्सिटी का भारत में कोई कैंपस नहीं है।विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने 2023 में भारत में विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों के परिसरों की स्थापना और संचालन की घोषणा की थी।
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'वक्फ बोर्डों पर नियंत्रण की मंशा नहीं', जेपी नड्डा ने नए कानून को लेकर फिर स्पष्ट की तस्वीर
पीटीआई, नई दिल्ली। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार वक्फ बोर्डों को नियंत्रित नहीं करना चाहती, बल्कि यह सुनिश्चित करना चाहती है कि उनका संचालन कानून के दायरे में हो ताकि उनकी परिसंपत्तियों का इस्तेमाल मुस्लिम समुदाय के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार को बढ़ावा देने में हो।
भाजपा के 45वें स्थापना दिवस के अवसर पर पार्टी मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा कि तुर्किये और कई अन्य मुस्लिम देशों की सरकारों ने वक्फ की संपत्तियों को अपने नियंत्रण में ले लिया है। हम इनका (वक्फ बोर्डों) संचालन करने वालों से सिर्फ यह कह रहे हैं कि नियमों के अनुसार काम करें। संबोधन से पहले भाजपा अध्यक्ष ने पार्टी मुख्यालय पर पार्टी का ध्वज फहराया। इस अवसर पर पार्टी के कई नेता उपस्थित थे जिनमें विभिन्न सांसद एवं दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता शामिल हैं।
'भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी'1951 में जनसंघ से शुरू हुई भाजपा की राजनीतिक यात्रा का उल्लेख करते हुए नड्डा ने कहा कि आज भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन गई है और कई राज्यों की सत्ता में है क्योंकि यह कांग्रेस के विपरीत वोटों के लिए कभी अपनी विचारधारा से नहीं डिगी। भाजपा विचारधारा और जनाधार वाली पार्टी है।
उन्होंने कहा कि गुजरात में भाजपा की लगातार छठी बार, गोवा और हरियाणा में तीसरी बार, मध्य प्रदेश में चौथी बार और महाराष्ट्र, उत्तराखंड, मणिपुर, असम, उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा में दूसरी बार सरकार बनी है। 27 वर्षों बाद पार्टी ने दिल्ली में भी सरकार बनाई है।
उन्होंने भाजपा की सफलता का श्रेय श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी जैसे पार्टी के दिग्गज नेताओं को दिया।नड्डा ने कहा,
आज लोकसभा में हमारे 240 सदस्य, राज्यसभा में 98 सदस्य और देशभर में 1,600 से ज्यादा विधायक हैं। हमने हाल ही में अपना सदस्यता अभियान खत्म किया है और भाजपा सदस्यों की संख्या 13.5 करोड़ पार कर गई है। देशभर में हमारे 10 लाख से अधिक सक्रिय कार्यकर्ता हैं।
संगठन का विस्तार और चुनाव में जीत एक कला और विज्ञान है- उन्होंने कहा कि भाजपा एकमात्र राजनीतिक पार्टी है जो वैज्ञानिक विकास की साक्षी रही है। संगठन का विस्तार और चुनाव में जीत एक कला और विज्ञान है। हालांकि हमारे विरोधी संसद में हम पर कटाक्ष करते हैं, लेकिन वे यह भी कहते हैं कि हम दुनिया में सबसे बड़ी पार्टी हैं। यहां तक कि हमारे विरोधी भी हमारी ताकत पहचानते हैं।
- नड्डा ने कहा कि भाजपा ने राष्ट्र को हमेशा पहले रखा है और भारत की परंपराओं, संस्कृति एवं इतिहास को बढ़ावा देने का प्रयास किया है। पार्टी के शासनकाल में ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हुआ है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि शाहबानो केस में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस मुस्लिम समुदाय के कुछ वर्गों के दबाव में झुककर तुष्टीकरण की राजनीति में फंस गई थी।
- सुप्रीम कोर्ट द्वारा मुस्लिम महिलाओं की मुक्ति का आह्वान करने के बावजूद किसी में भी निर्णायक कार्रवाई करने का साहस नहीं था। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने तत्काल तीन तलाक को खत्म कर दिया और मुस्लिम महिलाओं को मुक्ति दिलाई। मोदी सरकार ने उन लोगों को भी नागरिकता के अधिकार दिए जो पाकिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना का सामना करने के बाद भारत आए थे।
- नड्डा ने कहा कि हम औपनिवेशिक मानसिकता से बाहर आएंगे। राजपथ अब कर्तव्य पथ है। सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा भी स्थापित (इंडिया गेट के समीप) कर दी गई है। हमने अनुच्छेद-370 भी खत्म कर दिया। हमने कभी अपनी विचारधारा से समझौता नहीं किया।
- उन्होंने कहा कि भाजपा संविधान का मसौदा तैयार करने वाले बीआर आंबेडकर द्वारा स्थापित वैचारिक आधार पर आगे बढ़ रही है, जबकि कांग्रेस ने उसके आत्मा पर प्रहार करने के कई प्रयास किए हैं। भाजपा अध्यक्ष ने पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं से कहा कि 14-25 अप्रैल तक आंबेडकर जयंती के दौरान लोगों तक पहुंचे और इस बात को उजागर करें कि कैसे कांग्रेस ने संविधान की मौलिक भावना पर हमला करने का प्रयास किया।
उन्होंने उनसे कम से कम एक दिन बूथ पर गुजारने एवं लोगों खासकर पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से मिलने को कहा जो जनसंघ एवं भाजपा के शुरुआती दिनों से जुड़े रहे थे। नड्डा ने भी 98 वर्षीय वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता शंकुतला आर्य से उनके आवास पर मुलाकात की जो 1997 में दिल्ली की मेयर रही थीं।
मोदी-शाह ने दी स्थापना दिवस पर बधाईप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भाजपा के स्थापना दिवस पर पार्टी के कार्यकर्ताओं को बधाई दी। मोदी ने एक्स पर लिखा कि देश के लोगों ने पार्टी के सुशासन को देखा है, जो पिछले वर्षों में प्राप्त ऐतिहासिक जनादेश में परिलक्षित हुआ है। शाह ने बधाई देते हुए इस बात रेखांकित किया कि कैसे कमल का निशान देशवासियों के दिलों में विश्वास और उम्मीद का नया प्रतीक बन गया है।
कब होगा CCS के भवनों में मंत्रालयों का स्थानांतरण? जानिए सरकार ने क्यों लिया ये फैसला
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों को नए बन रहे कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट (सीसीएस) में स्थानांतरित करने की तैयारी शुरू करते हुए शहरी कार्य मंत्रालय ने अधिकारियों और कर्मचारियों के आवागमन का विवरण जुटाना शुरू कर दिया है।
यह काम संसद और उसके आसपास की भीड़भाड़ कम करने और अबाधित आवागमन सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। इसके तहत मंत्रालयों के अफसरों और कर्मचारियों से एक ऑनलाइन सर्वे कराया जा रहा है जिसमें उन्हें अपने आने-जाने की टाइमिंग, वाहन, काम के समय आदि की जानकारी देनी है। कुल दस भवनों वाले सीसीएस की तीन बिल्डिंग-मई अंत तक पूरी तरह तैयार हो जाने के आसार हैं।
पहले तीन मंत्रालयों को किया जाएगा स्थानांतरितशुरुआत में दो-तीन मंत्रालयों और छह-साथ विभागों को नए भवनों में स्थानांतरित किया जाएगा। इनमें वित्त और कार्मिक मंत्रालय शामिल हैं। मंत्रालय इसके साथ ही एक अध्ययन भी करा रहा है, जो संसद के आसपास भीड़भाड़ कम करने, मेट्रो स्टेशनों के बाहर बेहतर व्यवस्थाएं करने और सार्वजनिक परिवहन का ढांचा दुरुस्त करने के लिए है।
केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों में लगभग 55000 कर्मचारियों का इस क्षेत्र में रोज आना-जाना होता है। कर्तव्य पथ और संसद के इर्द-गिर्द 20 इमारतें हैं, जिनमें इन कर्मचारियों का आना होता है। इसके अलावा बड़ी संख्या में सामान्य लोग भी अपने कामों के लिए मंत्रालयों में जाते हैं। शहरी कार्य मंत्रालय सर्वे और अध्ययन के जरिये इस क्षेत्र में पदयात्रियों के लिए भी नया ढांचा बनाएगा।
मंत्रालय एकत्र कर रहा ये जानकारियांमंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार यह सब सेंट्रल विस्टा रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट का हिस्सा है। अधिकारियों और कर्मचारियों का सही-सही फीडबैक मिल जाने से हमें उनके लिए लास्ट माइल कनेक्टिविटी का इंतजाम करने के साथ ही पार्किंग की व्यवस्था करने में भी मदद मिलेगी। मंत्रालय पहले ही अधिकारियों से उनके वाहनों का विवरण ले चुका है। नए भवनों में उन्हें अधिक और बेहतर पार्किंग सुविधा मिलेगी। अभी शास्त्री भवन, रेल भवन और उद्योग भवन जैसे अधिक आवागमन वाली इमारतों में पार्किंग की लचर व्यवस्था के कारण वाहनों का निकलना कठिन होता है।
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Karnataka: हुबली के पास भीषण सड़क हादसा, पुणे-बेंगलुरु हाईवे पर साइड वॉल से टकराई कार; चार की मौत
एएनआई, हुबली। कर्नाटक से रविवार को एक भीषण सड़क हादसा हो गया। इस हादसे में तीन कार सवार लोगों के मौत हो गई है।
जानकारी के अनुसार, कर्नाटक में एनएच-48 (पुणे-बेंगलुरु हाईवे) पर नूलवी क्रॉस के पास हुबली आ रही क्विड कार हाईवे पर एक साइड वॉल से टकरा गई।
मौके पर तीन लोगों की मौतइस घटना में तीन लोगों की मौत घटनास्थल पर ही हो गई, हालांकि, एक घायल शख्स ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। मृतकों की पहचान सुजाता (61), संपतकुमारी (60), गायत्री (65) और शकुंतला (75) के तौर पर हुई है।
मामले की जांच में जुटी पुलिससभी मृतक लिंगराज नगर हुबली के निवासी बताए जा रहे हैं। वहीं, इस घटना में वीरबसय्या (69) का अस्पताल में इलाज चल रहा है। पूरे प्रकरण में हुबली ग्रामीण पुलिस में मामला दर्ज कर लिया गया है। इस मामले की जांच की जा रही है।
Karnataka | Three people died in a car accident at Noolvi Cross near Hubli on NH 48 Pune Banglore highway. Deceased persons travelling in a Quid car coming to Hubballi collided with a side wall on the highway. Three persons died on the spot, and another in hospital. Sujata (61),…
— ANI (@ANI) April 6, 2025Pages
