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चुनाव में दुष्प्रचार फैलाने वालों की खैर नहीं, जानिए क्या है EC का प्लान
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चुनाव के दौरान झूठ और दुष्प्रचार की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए चुनाव आयोग ने इससे निपटने की व्यवस्था को अब और सशक्त बनाने का फैसला लिया है। इस दिशा में सभी राज्यों में जल्द ही एक मजबूत सेल गठित करने का फैसला लिया गया है।
जिसमें चुनाव से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इंटरनेट मीडिया पर नजर रखने के लिए विशेषज्ञों की तैनाती दी जाएगी। जो न सिर्फ इंटरनेट मीडिया पर फैलाए जाने वाले झूठ व दुष्प्रचार पर पैनी नजर रखेंगे बल्कि झूठ के इस गुब्बारे को नजर आते ही तुरंत नष्ट भी करेंगे।
इंटरनेट पर निगरानी रखने के लिए होगा प्रशिक्षणआयोग ने इसके साथ ही सभी राज्यों में इंटरनेट मीडिया पर नजर रखने के लिए तैनात अमले को इससे निपटने के लिए विशेष प्रशिक्षण भी देने की योजना बनाई है। जो नौ अप्रैल से शुरू होगी। इस प्रशिक्षण में अमले को इंटरनेट मीडिया पर निगरानी रखने सहित उनके फैलाव को रोकने के तरीके और उससे जुड़ी सही जानकारी मतदाताओं तक पहुंचाने की बारीकियों से अवगत कराया जाएगा।
दुष्प्रचार फैलाने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाईआयोग ने झूठ व दुष्प्रचार में शामिल लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने जैसे कदम उठाने के भी निर्देश दिए है। आयोग ने इसके साथ ही राज्यों को इससे निपटने वाले अमले को बढ़ाने के भी निर्देश दिए है। ज्यादातर राज्यों में इसके लिए एक-दो सदस्यों की ही टीम है। आयोग से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में इसकी सक्रियता को परखने की भी योजना बनाई है।
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फॉलोअर्स नहीं तो टिकट नहीं..., बिहार में कांग्रेस ने उम्मीदवारों के सामने रखी अनोखी शर्त; विधायकों की भी बढ़ी टेंशन
अरविंद शर्मा, जागरण, नई दिल्ली। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की ओर से बिहार में जिला कमेटियों के सदस्य बनने और विधानसभा चुनाव में टिकट के दावेदारों के लिए जो शर्तें तय की गई हैं, उससे पुराने कांग्रेसियों के साथ मौजूदा विधायकों में भारी बेचैनी है।
कांग्रेस के फरमान के अनुसार, टिकट का असली हकदार उन्हें माना जाएगा, जिनके फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स प्लेटफार्म पर फॉलोअर की अच्छी संख्या होगी। तीनों प्लेटफार्म के लिए न्यूनतम संख्या अलग-अलग निर्धारित की गई है।
किस प्लेटफॉर्म पर कितने फॉलोअर्स चाहिए ?फेसबुक पर कम से कम एक लाख 30 हजार, एक्स हैंडल पर 50 हजार और इंस्टाग्राम पर कम से कम 30 हजार फॉलोअर्स होने पर ही किसी की दावेदारी पर विचार किया जाएगा। जिला कमेटियों की दावेदारी के लिए भी इसी पैमाने पर खरा उतरना होगा। बिहार में विधानसभा का चुनाव इसी वर्ष अक्टूबर-नवंबर में होने हैं।
शर्तों के आधार पर 19 विधायक भी हो सकते हैं बेटिकटशर्तों पर अमल किया गया तो बिहार में कांग्रेस विधायक दल के नेता और प्रदेश अध्यक्ष समेत सभी 19 विधायक भी बेटिकट हो सकते हैं। अन्य दावेदारों के लिए तो और भी मुश्किल होगा। बिहार कांग्रेस नेताओं को यह असंभव-सा लक्ष्य सात अप्रैल को सेंट्रल वार रूम के चेयरमैन व पूर्व आईएएस शशिकांत सेंथिल ने उस समय दिया, जब राहुल गांधी बिहार के दौरे पर थे।
सेंथिल ने पटना स्थित सदाकत आश्रम में यह लक्ष्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं एवं जिलाध्यक्षों के साथ बैठक में प्रजेंटेशन के माध्यम से दिया। रास्ते भी बताए कि टिकट का कोई दावेदार कैसे अपने फॉलोअर्स की संख्या बढ़ा सकता है। सेंथिल ने किसी तरह की दिक्कत आने पर एक फोन नंबर भी जारी किया है। कांग्रेस नेतृत्व की ओर से लक्ष्य मिलने के बाद बिहार कांग्रेस में टिकट के दावेदार परेशान हैं।
सोशल मीडिया पर कांग्रेस नेताओं सक्रियता बेहद कमइंटरनेट मीडिया पर बिहार कांग्रेस के नेताओं की सक्रियता का यदि सही से आकलन किया गया तो दो-तीन को छोड़कर कोई भी खरा साबित नहीं हो पाएगा। इस मामले में कन्हैया कुमार सबसे आगे हैं, जिनके एक्स हैंडल पर 44 लाख और फेसबुक पर 14 लाख फालोअर्स हैं।
पूर्व अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह के फेसबुक पर तीन लाख 71 हजार और एक्स हैंडल पर 27.2 हजार फॉलोअर्स हैं। हालांकि दोनों बिहार विधानसभा के सदस्य नहीं हैं और चुनाव लड़ने की संभावना भी नहीं है। इन दोनों के अलावा सिर्फ नए प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार और अजीत शर्मा की स्थिति थोड़ी अच्छी कही जा सकती है।
किस नेता के कितने फॉलोअर्स?राजेश को फेसबुक पर 1.34 लाख लोग फालो करते हैं, लेकिन एक्स पर यह संख्या मात्र 4,530 है। अजीत शर्मा को फेसबुक पर 24 हजार और एक्स पर 8126 लोग फालो करते हैं। विधानसभा में कांग्रेस के नेता शकील अहमद खान को फेसबुक पर 13 हजार एवं एक्स पर 8,634 लोग ही फालो करते हैं।
शेष सभी विधायकों के फालोअर्स की संख्या दस हजार से नीचे है। दर्जनभर विधायक तो हजार से भी कम हैं। दो-तीन विधायकों के इंटरनेट मीडिया पर तो एकाउंट भी नहीं हैं। फॉलोअर्स की संख्या के लिहाज से बिहार प्रदेश कांग्रेस की स्थिति भी अच्छी नहीं है। फेसबुक पर इसके सिर्फ 2.49 लाख और एक्स हैंडल पर 1.58 लाख ही फॉलोअर्स हैं।
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विकास की कसौटी पर पूरी तरह खरी नहीं देश की एक भी ग्राम पंचायत, ए प्लस श्रेणी में कोई पंचायत नहीं
जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित 17 सतत विकास लक्ष्यों को नौ थीम में एकीकृत कर पंचायतीराज मंत्रालय ने वर्ष 2021-22 में ग्राम पंचायतों के विकास के लिए काम शुरू किया। तमाम योजनाएं चलीं, राज्यों को प्रोत्साहित किया गया, लेकिन सच यह है कि धरातल पर प्रगति के आकलन के लिए मंत्रालय ने पंचायत एडवांसमेंट इंडेक्स (पीएआइ) बनाते हुए विकास की कसौटी पर परखा तो देश की एक भी पंचायत पूरी तरह खरी नहीं उतरी। ए प्लस श्रेणी में कोई पंचायत नहीं है, जबकि ए श्रेणी में भी सिर्फ 12 राज्य खाता खोल सके हैं।
उनकी कुल 699 पंचायतें इसमें स्थान बना सकी हैं। सर्वाधिक 61.2 प्रतिशत पंचायतें सी श्रेणी की हैं। पंचायत एडवांसमेंट इंडेक्स ग्राम पंचायतों द्वारा सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में उनके प्रदर्शन का रिपोर्ट कार्ड है। अपनी ग्राम पंचायतों को लेकर राज्यों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के साथ कमियों को चिन्हित कर सुधारा जा सके, इसलिए पंचायतीराज मंत्रालय ने पहली बार इस तहर ग्रेडिंग की व्यवस्था शुरू की है।
सभी ग्राम पंचायतों ने अपना डाटा पोर्टल पर अपलोड कियापहली रिपोर्ट वर्ष 2022-23 के डाटा के आधार पर तैयार की गई है। देश की सभी 255699 ग्राम पंचायतों ने पीएआइ पोर्टल पर नौ थीम के संदर्भ में अपना डाटा अपलोड किया। चूंकि, मंत्रालय ने ग्राम पंचायत के बाद ब्लॉक और जिला के बाद राज्य स्तर पर भी आंकड़ों के सत्यापन की व्यवस्था बनाई थी, इसलिए राज्यों द्वारा सत्यापित 216285 ग्राम पंचायतों के डाटा को ही रिपोर्ट में शामिल कर आकलन किया।
मेघालय, नगालैंड, गोवा, पुडुचेरी और पश्चिम बंगाल का डाटा राज्य स्तर पर सत्यापित न किए जाने के कारण इसमें शामिल नहीं हो सका। बहरहाल, प्राप्त डाटा का गहन परीक्षण करते हुए मंत्रालय ने अंकों के आधार पर पांच श्रेणियां बनाईं। ए प्लस (90 से 100 अंक), ए (75 से 90 अंक), बी (60 से 75 अंक), सी (40 से 60 अंक) और डी (40 अंक से नीचे)। स्थिति यह है कि ए प्लस श्रेणी में देश की एक भी ग्राम पंचायत अपना स्थान नहीं बना सकी। ए श्रेणी में कुल 699 पंचायतें (0.3 प्रतिशत) पंचायतें रही हैं।
इनमें सर्वाधिक 346 पंचायतें गुजरात की हैं, दूसरे पर 270 तेलंगाना, तीसरे पर 42 त्रिपुरा, चौथे पर 12 दादरा एवं नगर हवेली व दमन-द्वीव, आठ-आठ पंचायतें केरल व महाराष्ट्र की तो चार पंचायतें उत्तर प्रदेश की हैं। यदि प्रतिशत के हिसाब से देखें तो इस श्रेणी में 31.5 प्रतिशत के साथ दादरा एवं नगर हवेली व दमन-द्वीव पहले पर है।
3.57 प्रतिशत पंचायतें त्रिपुरा, 2.11 प्रतिशत तेलंगाना तो 2.3 प्रतिशत पंचायतें गुजरात की हैं। उल्लेखनीय है कि जब पंचायत डिवाल्यूशन इंडेक्स जारी हुआ था तो इस रिपोर्ट में बेहतर प्रदर्शन करने वाले ही अधिकतर राज्य उस रिपोर्ट की शीर्ष श्रेणी में शामिल थे। संकेत साफ है कि राज्यों ने पंचायतों को अधिकार हस्तांतरित किए तो वह बेहतर विकास के रूप में परिलक्षित भी हुआ।
किस श्रेणी की पंचायतें- ए प्लस- 0 प्रतिशत
- ए- 0.3 प्रतिशत
- बी- 35.8 प्रतिशत
- सी- 61.2 प्रतिशत
- डी- 2.7 प्रतिशत
- पंचायत में गरीबी मुक्त एवं उन्नत आजीविका
- स्वस्थ पंचायत
- बाल अनुकूल पंचायत
- जल पर्याप्त पंचायत
- स्वच्छ एवं हरित पंचायत
- आत्मनिर्भर बुनियादी सुविधाओं वाली पंचायत
- सामाजिक रूप से न्यायपूर्ण एवं सुरक्षित पंचायत
- सुशासन वाली पंचायत
- महिला अनुकूल पंचायत
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Weather Update: इन 8 राज्यों में लू की चेतावनी, राजस्थान में रेड अलर्ट; जानिए यूपी-बिहार समेत अपने राज्य का हाल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Mausam Ki Jankari: देश की राजधानी दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में भीषण गर्मी (Heat Wave) का प्रकोप देखने को मिल रहा है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब समेत कई राज्यों में लगातार तापमान में बढ़त देखने को मिल रही है। कुछ शहरों में तो पारा रिकॉर्ड तोड़ रहा है।
इस बीच भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने कई राज्यों में हीट वेव (Heat Wave) को लेकर चेतावनी जारी की है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अपने ताजा अपडेट में बताया कि अगले दो दिनों तक दिल्ली, पश्चिमी राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात के कुछ हिस्सों में हीट वेव का प्रकोप रहेगा।
पिछले 24 घंटे के मौसम का हालभारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा दिए गए ताजा अपडेट के अनुसार, पिछले 24 घंटों में पश्चिमी राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में लू की स्थिति रही। वहीं, राजधानी दिल्ली में भी तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया। दिल्ली में सोमवार को इस मौसम की पहली लू चली।
मौसम विभाग ने बताया कि गत 24 घंटों में हिमाचल प्रदेश, पंजाब के कुछ स्थानों पर भीषण गर्मी की स्थिति रही। हरियाणा-चंडीगढ़ और पश्चिमी मध्य प्रदेश, गुजरात क्षेत्र के कुछ स्थानों पर भीषण गर्मी की स्थिति रही। वहीं, त्रिपुरा में कुछ स्थानों पर आंधी तूफान देखने को मिला।
अगले 24 घंटे के मौसम का पूर्वानुमानमौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान में बताया गया कि 09 अप्रैल को पश्चिमी राजस्थान के कई स्थानों पर लू चलने की संभावना है, इसको देखते हुए रेड अलर्ट जारी किया गया है। सोमवार को राजस्थान का बाड़मेर सबसे गर्म रहा। जहां पर तापमान 45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके अलावा बुधवार को सौराष्ट्र और कच्छ, पूर्वी राजस्थान, पंजाब, हरियाणा चंडीगढ़ और दिल्ली के कुछ स्थानों पर लू चलने की संभावना है।
वहीं, 08 से 10 अप्रैल के दौरान पश्चिमी मध्य प्रदेश के कुछ स्थानों पर गर्म रात की स्थिति की संभावना है। इसके साथ राजस्थान, मराठवाड़ा, मध्य महाराष्ट्र और 08 अप्रैल को पंजाब, हरियाणा चंडीगढ़ और दिल्ली में भी भीषण गर्मी का सितम देखने मिल सकता है। मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले 2 दिनों तक तापमान में कमी होनी की कोई संभावना नहीं है।
इन राज्यों में बारिश की संभावनाजहां एक ओर उत्तर भारत में गर्मी का सितम देखने मिल रहा है। वहीं, दक्षिण भारत के कई हिस्सों में बारिश देखने को मिल रही है। इस बीच मौसम विभाग ने बताया कि 08 और 09 अप्रैल को तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, केरल और माहे, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम तेलंगाना, कर्नाटक में गरज, बिजली और तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।
इसके अलावा 08-12 अप्रैल के दौरान पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में भी हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। 09 अप्रैल को बिहार के कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि हो सकती है। 09 और 10 अप्रैल को असम और मेघालय में छिटपुट स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है।
इसलिए पड़ रही इतनी गर्मीमौसम विज्ञानियों का कहना है कि अप्रैल में ही इस साल इतनी अधिक गर्मी पड़ने की वजह जलवायु परिवर्तन एवं ग्लोबल वार्मिंग का असर तो है ही, पश्चिमी विक्षोभों का अभाव भी है। मार्च में 90 प्रतिशत तक कम वर्षा दर्ज हुई तो अप्रैल में अभी तक एक बूंद भी नहीं बरसी है। इस पर भी हवा की दिशा अब दक्षिणी पूर्वी हो गई है।
राजस्थान की ओर से आ रही गर्म हवा और ज्यादा गर्मी बढ़ा रही है। तब बनती है लू वाली स्थिति:-मौसम विभाग के मुताबिक जब अधिकतम तापमान 40 डिग्री से ऊपर और सामान्य से साढ़े चार से साढ़े छह डिग्री सेल्सियस ऊपर रहता है तो ऐसी स्थिति को लू की स्थिति मानी जाती है।
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'बोल दूंगा इनकम टैक्स वाले नहीं आएंगे...', मुद्रा योजना के लाभार्थियों से ऐसा क्यों बोले PM मोदी?
एएनआई, नई दिल्ली। मुद्रा योजना के 10 साल पूरे होने के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाभार्थियों के साथ बातचीत की। पीएम मोदी ने 'एक्स' पर लिखा, 'मैंने पूरे भारत से मुद्रा लाभार्थियों को अपने निवास पर आमंत्रित किया था। लाभार्थियों ने इस योजना से उनके जीवन में आए बदलावों के बारे में रोचक जानकारी साझा की।'
'मुद्रा योजना ने कई सपनों को हकीकत में बदला'पीएम मोदी ने लिखा, 'आज, जब हम मुद्रा योजना के 10 साल पूरे कर रहे हैं, मैं उन सभी को बधाई देना चाहता हूं, जिनके जीवन में इस योजना की बदौलत बदलाव आया है। इस दशक में मुद्रा योजना ने कई सपनों को हकीकत में बदला है। ऐसे लोगों को सशक्त बनाया है, जिन्हें पहले वित्तीय सहायता से वंचित रखा गया था। यह दर्शाता है कि भारत के लोगों के लिए कुछ भी असंभव नहीं है!'
पीएम ने आगे कहा, भारत के लोगों के लिए कुछ भी असंभव नहीं है, 33 लाख करोड़ देश के लोगों को बिना गारंटी दिए गए, इससे जीवन बदला है, सबसे ज्यादा महिलाएं आगे आई हैं।
'देश के नौजवानों के लिए है योजना'पीएम मोदी ने कहा कि मुद्रा योजना मोदी के लिए नहीं है, बल्कि देश के नौजवानों के लिए है। पीएम मोदी ने कहा- हमारे देश में बहुत कम लोग हैं, जिन्हें पता है साइलेंटली कैसे रिवॉल्योशन हो रहा है।
'सालाना टर्नओवर 12 से 50 लाख पहुंचा'पीएम मोदी को लोगों ने अपने अनुभव बताया, एक ने कहा मुद्रा लोन के बाद हमने पेट को लेकर सुविधा शुरू की। अब मुझे इसे बहुत फायदा हो रहा है। पीएम मोदी ने एक लाभार्थी से पूछा कि फिलहाल आपकी आय कितनी है? इस पर उस शख्स की झिझक देखते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वित्त मंत्री मेरे बगल में बैठे हैं, उन्हें बोल दूंगा इनकम टैक्स वाले नहीं आएंगे।
Mudra Yojana has given opportunities to countless people to showcase their entrepreneurial skills. Interacted with some of the beneficiaries of the scheme. Their journey is inspiring. #10YearsOfMUDRA https://t.co/QcoIK1VTki
— Narendra Modi (@narendramodi) April 8, 2025एक लाभार्थी ने बताया कि मुद्रा लोन से अपना बिजनेस सेट-अप करके घर भी खरीदा है। उन्होंने बताया कि जहां पहले उनका सालाना टर्नओवर 12 लाख था, वो अब 50 लाख हो चुका है। उन्होंने पीएम मोदी को इसके लिए थैंक्यू कहा। एक ने कहा मुद्रा योजना से पहले वो 20 हजार रुपए महीना कमाता था, आज उसकी इनकम दोगुनी हो गई है।
पहली बार फ्लाइट में बैठी महिलाएक लाभार्थी ने बताया कि वह बहुत गरीबी में थीं। उन्होंने बताया कि वह पहली बार दिल्ली आईं और पहली बार ही फ्लाइट में बैठीं। उन्होंने बताया कि उन्हें लोन कैसे मिला। उन्होंने बताया कि वे एक महीने का 60 हजार रुपये इनकम कर रही हैं। पीएम मोदी ने लाभार्थी की सराहना की और उन्हें बधाई दी।
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आंध्र प्रदेश के डिप्टी CM के काफिले की वजह से छूटा 30 छात्रों का एग्जाम? आरोपों पर पुलिस ने दी ये सफाई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। विशाखापट्टनम में 30 छात्र अपने परीक्षा केंद्र तक नहीं पहुंच सके और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा देने में असफल रहे। ऐसा आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण के काफिले के कारण हुआ।
काफिले ने परीक्षा केंद्र तक पहुंचने के मार्ग को जाम कर दिया था। छात्रों और उनके अभिभावकों में इस घटना को लेकर भारी चिंता है। उनका कहना है कि इस घटना ने उनके शैक्षणिक भविष्य पर गहरा असर डाला है। छात्रों का भविष्य दांव पर लगा है, और वे इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
एग्जाम सेंटर के गेट से छात्रों को भेजा वापसपेंडुर्थी एआई डिजिटल जेई एडवांस्ड प्रोग्राम के छात्र संयुक्त प्रवेश परीक्षा (मुख्य) दे रहे थे। साथ ही जो राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (एनआईटी) में प्रवेश निर्धारित करता है - ने कहा कि यातायात अवरुद्ध होने के कारण वे अपने परीक्षा केंद्र पर देरी से पहुंचे। उन्होंने कहा कि सभी 30 छात्रों को परीक्षा हॉल के गेट से वापस कर दिया गया और उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी गई।
एक छात्र की मां बी कलावती ने दावा किया कि पवन कल्याण के काफिले के लिए लागू यातायात प्रतिबंधों के कारण उनके बेटे को देरी हुई। समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने कलावती के हवाले से कहा कि हम ट्रैफिक में फंस गए थे। यह इसलिए रुका था क्योंकि कल्याण अराकू जा रहे थे। एक अन्य अभिभावक ने कहा कि उन्होंने उपमुख्यमंत्री से प्रभावित छात्रों के लिए परीक्षा पुनर्निर्धारित करने पर विचार करने की अपील की है।
क्या बोला AISF?ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) ने परीक्षा के दौरान यातायात प्रबंधन में अक्षमता के लिए अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। एआईएसएफ का कहना है कि छात्रों को परीक्षा में बैठने का अवसर नहीं मिला।
विपक्षी वाईएसआर कांग्रेस के प्रवक्ता कार्तिक येल्लाप्रगदा ने राज्य के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री के रूप में पवन कल्याण के प्रदर्शन पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि राज्य को एक बेहतर मंत्री की आवश्यकता है, जो सिनेमाई छवि से ऊपर उठकर वास्तविक जवाबदेही प्रदान कर सके।
पुलिस ने छात्रों को ठहराया जिम्मेदारपवन कल्याण के कार्यालय से संपर्क किया गया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इस बीच पुलिस ने एक पोस्ट में दावा किया कि छात्रों को सुबह 7 बजे तक परीक्षा केंद्रों पर पहुंचने की उम्मीद थी। पुलिस के अनुसार अगर ये 30 छात्र समय पर पहुंच जाते, तो यातायात में फंसने का कोई सवाल ही नहीं था।
पुलिस के मुताबिक छात्रों को सुबह 7 बजे परीक्षा केंद्र पर रिपोर्ट करना था, लेकिन वे देर से पहुंचे। उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण का काफिला सुबह 8:41 बजे उस क्षेत्र से गुजरा, जो छात्रों के देर से पहुंचने के समय से काफी बाद का है। इससे यह स्पष्ट होता है कि उपमुख्यमंत्री का काफिला छात्रों की देरी का कारण नहीं था।
दिल्ली-UP समेत आधे भारत में लू का कहर, हिमाचल भी तपने लगा; 40 के पार रहा पारा
जागरण टीम, नई दिल्ली। सूरज की तपिश लोगों को परेशान करने लगी है। आलम यह है कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब व दिल्ली जैसे मैदानी राज्यों में ही नहीं, बल्कि पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में भी लू लोगों की समस्या बढ़ा रही है। दिल्ली में यलो अलर्ट के बीच सोमवार को दिनभर तेज धूप से लोग बेहाल रहे।
मौसम विभाग की मानें तो अभी अगले दो दिन और लू का सितम जारी रहेगा। इसके बाद तापमान में आंशिक गिरावट आने का पूर्वानुमान है। आठ से 14 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बीच-बीच में चली गर्म हवाएं भी हालत खराब कर रही हैं। दिल्ली में इस सीजन में पहली बार अधिकतम तापमान 40 डिग्री के पार हुआ है। उत्तर प्रदेश में भी गर्मी ने तेजी पकड़ ली है।
यूपी में ऐसा रहा हालसोमवार को झांसी और हमीरपुर सबसे गर्म रहे, जहां का अधिकतम तापमान 42.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, हरदोई, कानपुर, वाराणसी, चुर्क (सोनभद्र), प्रयागराज, बांदा, सुलतानपुर, फुरसतगंज (अमेठी), आगरा और अलीगढ़ में भी पारा 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहा। लखनऊ में सोमवार को अधिकतम तापमान 39.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। कई जिलों में लू को लेकर चेतावनी जारी की गई है।
मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से मंगलवार और बुधवार को कई जिलों में लू चलने की आशंका जताई गई है। वहीं, पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है, जो गर्मी से थोड़ी राहत दे सकती है। हिमाचल प्रदेश में सोमवार को धर्मशाला, भुंतर व सुंदरनगर में लू चली। धर्मशाला में अधिकतम तापमान में एक डिग्री सेल्सियस की वृद्धि के साथ 31 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया।
हिमाचल में भी 30 डिग्री सेल्सियस का दर्ज किया गया तापमान2022 में अप्रैल में 36 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था। हिमाचल प्रदेश में 14 स्थानों पर अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के पार, जबकि कांगड़ा और ऊना में 35 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया। सबसे अधिक तापमान ऊना में 36.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से चार डिग्री अधिक है। हिमाचल प्रदेश में अधिकतम तापमान सामान्य से छह से सात डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया है।
इसलिए पड़ रही इतनी गर्मीमौसम विज्ञानियों का कहना है कि अप्रैल में ही इस साल इतनी अधिक गर्मी पड़ने की वजह जलवायु परिवर्तन एवं ग्लोबल वार्मिंग का असर तो है ही, Western Disturbance का अभाव भी है। मार्च में 90 प्रतिशत तक कम वर्षा दर्ज हुई तो अप्रैल में अभी तक एक बूंद भी नहीं बरसी है। इस पर भी हवा की दिशा अब दक्षिणी पूर्वी हो गई है। राजस्थान की ओर से आ रही गर्म हवा और ज्यादा गर्मी बढ़ा रही है।
मौसम विभाग के मुताबिक जब अधिकतम तापमान 40 डिग्री से ऊपर और सामान्य से साढ़े चार से साढ़े छह डिग्री सेल्सियस ऊपर रहता है तो ऐसी स्थिति को लू की स्थिति मानी जाती है।
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55 दिन, 4000 समुद्री मील: ‘समुद्र प्रदक्षिणा’ पर रवाना हुआ तीनों सेनाओं की महिला सैनिकों का बेड़ा
पीटीआई, मुंबई। तीनों सेनाओं का एक महिला दल सोमवार को भारतीय सशस्त्र नौकायन पोत त्रिवेणी से सेशेल्स के लिए 55 दिवसीय अभियान पर रवाना हुआ। कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल एके रमेश ने कोलाबा स्थित भारतीय नौसेना जलयात्रा प्रशिक्षण केंद्र से पोत को हरी झंडी दिखाई गई।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि 12 सदस्यीय दल ने 4,000 समुद्री मील की चुनौतीपूर्ण यात्रा शुरू की है। यह पहल नारी शक्ति की अदम्य भावना को उजागर करती है। यह अभियान 2026 के लिए नियोजित एक और अधिक महत्वाकांक्षी अभियान के लिए एक प्रारंभिक चरण के रूप में कार्य करेगा। दल में शामिल महिलाओं को दो साल तक कठोर प्रशिक्षण दिया गया।
महिलाओं के सशक्तिकरण का प्रतीकरक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि मुंबई-सेशेल्स-मुंबई अभियान न केवल सशस्त्र बलों में महिलाओं के सशक्तिकरण का प्रतीक है, बल्कि रानी वेलु नचियार, रानी दुर्गावती और रानी लक्ष्मी बाई जैसी महान योद्धाओं को श्रद्धांजलि है, जिनके कार्य पीढि़यों को प्रेरित करते रहेंगे। इस ऐतिहासिक यात्रा के सफल समापन को चिह्नित करते हुए 30 मई को ध्वजारोहण समारोह आयोजित किया जाएगा।
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राष्ट्रपति मुर्मु ने पुर्तगाल के चर्च का दौरा किया, मशहूर कवि कैमोज को दी श्रद्धांजलि
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु अपने पहले पुर्तगाल दौरे पर हैं, जहां उनका ऐतिहासिक शहर लिस्बन में भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान लिस्बन के मेयर द्वारा उन्हें "की ऑफ ऑनर" (Key of Honour) से सम्मानित किया गया। यह सम्मान समारोह लिस्बन के ऐतिहासिक सिटी हॉल 'कैमरा म्यूनिसिपल दे लिस्बोआ' में आयोजित हुआ।
इसके बाद राष्ट्रपति मुर्मु ने पुर्तगाल के चर्च का दौरा किया। इसके बाद उन्होंने मशहूर कवि लुइस वाज डी कैमोज की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की।
इस विशेष अवसर पर लिस्बन शहर के कई गणमान्य नागरिक, राजनयिक समुदाय के सदस्य और भारतीय व भारत-पुर्तगाल समुदाय के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। समारोह ने भारत और पुर्तगाल के बीच पुराने और घनिष्ठ संबंधों को और मजबूत किया।
#WATCH | Portugal | President Droupadi Murmu was presented with the "Key of Honour" of Lisbon City at a special ceremony hosted by the Mayor of Lisbon at the historic Câmara Municipal de Lisboa (City Hall)
The ceremony was attended by several eminent citizens of Lisbon,… pic.twitter.com/EEENvGOyIw
राष्ट्रपति मुर्मु ने अपने संबोधन में कहा, "मैं पुर्तगाल की अपनी पहली राजकीय यात्रा के तहत लिस्बन शहर आकर बेहद खुश हूं। मैं यहां की जनता और शहर के मेयर का इतने गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए धन्यवाद देती हूं।"
उन्होंने आगे कहा कि भारत और पुर्तगाल के बीच सांस्कृतिक संबंध सदियों पुराने हैं और इनका प्रभाव हमारे दैनिक जीवन में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। यह साझा विरासत दोनों देशों को एक-दूसरे के और करीब लाती है।
#WATCH | Portugal | Addressing the handing over ceremony of the City Key of Honour of Lisbon, President Droupadi Murmu says, "We are working towards making India a developed nation, ‘Viksit Bharat,’ by 2047, which will be a prosperous, inclusive, and developed society with a… https://t.co/FwSPLsRQWG pic.twitter.com/56JyENd1oV
— ANI (@ANI) April 7, 2025 यूरोपीय संघ और लुसोफोन देशों में भारत का मजबूत साथी है पुर्तगालराष्ट्रपति मुर्मु ने अपने संबोधन में पुर्तगाल को भारत का एक महत्वपूर्ण साझेदार बताते हुए कहा, "पुर्तगाल, भारत के लिए यूरोपीय संघ और लुसोफोन (पुर्तगाली भाषी) देशों के साथ संबंधों को बढ़ाने में एक अहम भागीदार रहा है।"
उन्होंने यह भी कहा कि भारत 'विकसित भारत' यानी ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है, जिसमें एक समावेशी, समृद्ध और मानव-केंद्रित समाज की परिकल्पना की गई है।
(एएनआई के इनपुट के साथ)
भारत दौरे पर आ रहे दुबई के क्राउन प्रिंस शेख हमदान, पीएम मोदी से करेंगे मुलाकात
पीटीआई, नई दिल्ली। दुबई के क्राउन प्रिंस शेख हमदान बिन मोहम्मद अल मकतूम 8-9 अप्रैल को भारत की यात्रा करेंगे। वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करेंगे। उनकी विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक का भी कार्यक्रम है। इसके अलावा मुंबई में एक व्यापार सम्मेलन में भाग लेंगे।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि शेख हमदान की यात्रा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर हो रही है। दुबई के क्राउन प्रिंस के रूप में यह उनकी पहली आधिकारिक भारत यात्रा होगी।
भारत-यूएई व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मिलने की उम्मीदविदेश मंत्रालय ने कहा कि शेख हमदान के साथ कई मंत्री, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और उच्च स्तरीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल भी होगा। क्राउन प्रिंस की यात्रा दोनों देशों के संबंधों को और मजबूती देगी।
यूएई के साथ भारत के वाणिज्यिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में दुबई लंबे समय से महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। अमीरात में भारतीय प्रवासियों की संख्या अनुमानत: 43 लाख है, जिनमें से अधिकांश दुबई में रहते हैं। इस यात्रा से भारत-यूएई व्यापक रणनीतिक साझेदारी को नई गति मिलने और दुबई के साथ भारत के संस्थागत संबंधों को और बढ़ाने की उम्मीद है।
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कर्नाटक: मुसलमानों को सरकारी ठेकों में आरक्षण के खिलाफ VHP का राज्यव्यापी प्रदर्शन आज, वोट बैंक की राजनीति का आरोप
पीटीआई, बेंगलुरु। कर्नाटक में सरकारी ठेकों में मुसलमानों को दिए गए चार प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ मंगलवार को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगी।
विहिप ने कहा कि वह कर्नाटक सरकार द्वारा विधानसभा में पेश किए गए विधेयक की कड़ी निंदा करती है। हम इस असंवैधानिक निर्णय का दृढ़ता से विरोध करते हैं और विरोध स्वरूप पूरे राज्य में प्रदर्शन आयोजित किए जा रहे हैं।
आरक्षण पूरी तरह से धर्म पर आधारित: विहिपबेंगलुरु में विरोध प्रदर्शन शाम चार बजे फ्रीडम पार्क में होगा। विहिप ने कहा कि कर्नाटक राज्य मंत्रिमंडल ने केटीपीपी में संशोधन किया है, जिसके तहत दो करोड़ रुपये तक के सिविल कार्य अनुबंधों और एक करोड़ रुपये तक के माल, सेवा अनुबंधों में केवल 2बी श्रेणी के अंतर्गत आने वाले मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण की अनुमति दी गई है। यह आरक्षण पूरी तरह से धर्म पर आधारित है, जो अस्वीकार्य है। संविधान के अनुच्छेद 15 के अनुसार धर्म, नस्ल, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए।
विहिप ने कहा कि हालांकि, कर्नाटक सरकार ने तुष्टिकरण की राजनीति और वोट बैंक की भावना से प्रेरित होकर इस विधेयक को असंवैधानिक रूप से मंजूरी दी है।
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सावरकर पर टिप्पणी मामले में कोर्ट ने मंजूर की याचिका, राहुल गांधी की ओर से की गई थी ये मांग
पीटीआई, पुणे। स्थानीय अदालत ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उस याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसमें उन्होंने वीडी सावरकर पर टिप्पणी को लेकर मानहानि मामले को समरी ट्रायल से समन ट्रायल में बदलने की मांग की थी, ताकि ऐतिहासिक संदर्भों और साक्ष्यों पर चर्चा की जा सके।
सांसदों/विधायकों के लिए विशेष अदालत के न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) अमोल शिंदे ने राहुल गांधी के वकील मिलिंद पवार द्वारा दायर आवेदन को स्वीकार कर लिया।
अदालत ने आदेश में क्या कहा?
अदालत के आदेश में कहा गया है कि मामला प्रथम दृष्टया समन ट्रायल की श्रेणी में आता है। मौजूदा मामले में आरोपित तथ्यों और कानून के ऐसे सवाल उठा रहा है, जो जटिल प्रकृति के हैं। आरोपित ने कुछ मुद्दे भी उठाए हैं, जिनका निर्धारण ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर किया जाएगा। इसलिए मेरे विचार से इस मामले को समरी ट्रायल के रूप में चलाना अवांछनीय है, क्योंकि समरी ट्रायल में विस्तृत साक्ष्य नहीं जुटाए जाते और जिरह नहीं की जाती है।
जज ने कहा, समन ट्रायल में आरोपित को विस्तृत साक्ष्य पेश करने होंगे और शिकायतकर्ता के गवाहों से गहनता से जिरह करनी होगी। न्याय के हित में यह आवश्यक है कि केस की सुनवाई समन मामले के रूप में की जाए। यदि वर्तमान मामले की सुनवाई समन मामले के रूप में की जाती है तो किसी भी पक्ष को कोई नुकसान नहीं होगा।
राहुल गांधी के खिलाफ सावरकर के पोते ने की थी शिकायत
सावरकर के पोते सात्यकी सावरकर ने पुणे की एक अदालत में राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया था कि कांग्रेस नेता ने मार्च 2023 में लंदन में एक भाषण में कहा था कि सावरकर ने एक किताब में लिखा है कि उन्होंने और उनके पांच-छह दोस्तों ने एक बार एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई की थी और इससे खुश हुए थे। शिकायत के अनुसार, ऐसी कोई घटना कभी नहीं हुई और न ही सावरकर ने इस संबंध में कुछ लिखा।
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'वक्फ कानून के खिलाफ याचिकाएं वोट बैंक के लिए', भाजपा ने विरोध करने वालों को बताया संविधान विरोधी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भाजपा ने सोमवार को नए वक्फ कानून को चुनौती देने वाली कई जनहित याचिकाओं की आलोचना करते हुए उन्हें वोट बैंक हित याचिकाएं करार दिया। भाजपा के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने दावा किया कि कई संगठनों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाएं केवल अपने वोट बैंक को भड़काने और देश में दंगे जैसी स्थिति पैदा करने का बहाना मात्र हैं।
उन्होंने कहा कि नए कानून से केवल भू-माफिया को ही नुकसान पहुंचेगा, जिसने वक्फ संपत्तियों पर कब्जा कर रखा है। पूनावाला ने आरोप लगाया कि कांग्रेस, एआइएमआइएम और कुछ मुस्लिम संगठन जो कानून का विरोध कर रहे हैं, उन्होंने यह आरोप भी लगाया है कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम मुसलमानों की नागरिकता छीन लेगा।
भाजपा नेता ने दावा किया कि नया कानून सामाजिक न्याय सुनिश्चित करेगा और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में संविधान का अनुप्रयोग सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि कई मुस्लिम संस्थाओं और यहां तक कि ईसाई संगठनों ने भी वक्फ अधिनियम में संशोधन का स्वागत किया है और कहा कि यह ¨हदू-मुस्लिम मुद्दा नहीं है।
'वक्फ अधिनियम का विरोध संविधान की घोर अवमानना'भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ बिल अधिनियम का विरोध किए जाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने तमिलनाडु और जम्मू-कश्मीर जैसी राज्य सरकारों पर आरोप लगाया कि वे संसद द्वारा पारित कानून को चुनौती देकर संविधान के प्रति 'घोर अवमानना' दिखा रही हैं।
त्रिवेदी ने कहा कि वक्फ बिल को उचित प्रक्रिया के बाद पारित किया गया है, जो संवैधानिक रूप से स्थापित है। लेकिन कुछ राज्य सरकारें हैं जो इसका विरोध कर रही हैं, चाहे वह तमिलनाडु सरकार हो या जम्मू-कश्मीर। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि वे संविधान के प्रति घोर अवमानना दिखा रहे हैं।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत के संविधान के तहत राज्य सरकारों को संसद द्वारा पारित कानून का विरोध करने का अधिकार नहीं है।उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा में जिस तरह के ²श्य देखने को मिले हैं, अगर वे इसे तार-तार कर रहे हैं, तो इसका मतलब है कि ये वे लोग हैं जिनके हाथों संविधान खतरे में है।''
गौरतलब है कि पांच अप्रैल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को अपनी मंजूरी दे दी थी, जिसे संसद ने बजट सत्र के दौरान पारित किया था।
पूनम शर्मा बनीं FLO की 42वीं राष्ट्रीय अध्यक्ष, जानिए कब तक रहेगा कार्यकाल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। फिक्की लेडीज ऑर्गनाइजेशन (एफएलओ) के 41वें वार्षिक सत्र के अवसर पर पूनम शर्मा ने एफएलओ की 42वीं राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया। एफएलओ, फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) का महिला प्रभाग है और यह दक्षिण-पूर्व एशिया का सबसे पुराना और प्रमुख महिला-नेतृत्व वाला व्यापारिक चैंबर माना जाता है।
इस खास मौके पर पूनम शर्मा ने कहा कि मेरे नेतृत्व में एफएलओ का उद्देश्य महिलाओं की आवाज़ को ताकत देना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी आवाज जो न केवल समाज की सोच को बदल सके, बल्कि नीति-निर्माण और आर्थिक निर्णयों को भी प्रभावित कर सके। हम ऐसा वातावरण बनाएंगे जिसमें महिलाएं आत्मनिर्भर बनें, नेतृत्व करें और उद्यमिता के क्षेत्र में क्रांति लाएं
कब तक रहेगा पूनम शर्मा का कार्यकाल?जानकारी के अनुसार, एफएलओ की नई राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में पूनम शर्मा का कार्यकाल 2025-26 तक रहेगा। अपने कार्यकाल के दौरान वह महिलाओं के नेतृत्व आर्थिक भागीदारी में आगे लाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और पहलों का संचालन करेंगी। बताया गया कि नई एफएलओ अध्यक्ष का मुख्य फोकस विशेष रूप से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देना, कौशल विकास, स्टार्टअप्स को सहयोग रहेगा।
कब हुई थी FLO की स्थापना?गौरतलब है कि एफएलओ की स्थापना 1983 में फिक्की के एक प्रभाग के रूप में हुई थी। वर्तमान में एफएलओ का मुख्यालय नई दिल्ली में है औ इसके देश भर में 20 सक्रिय अध्याय हैं। एफएलओ लगभग 13,000 से अधिक महिला उद्यमियों, पेशेवरों और कॉर्पोरेट लीडर्स का प्रतिनिधित्व करता है। यह संगठन महिलाओं को एक ऐसा मंच प्रदान करता है जहां वे अपनी व्यावसायिक क्षमता को विकसित कर सकें और सामाजिक-आर्थिक विकास की मुख्यधारा में प्रभावशाली भूमिका निभा सकें।
पूनम शर्मा के बारे में जानिएउल्लखनीय है कि पूनम शर्मा स्वास्थ्य और कल्याण क्षेत्र की एक सफल और प्रगतिशील महिला उद्यमी हैं। वह बैद्यनाथ समूह परिवार से आती है,जो आयुर्वेदिक उत्पादों का एक प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक ब्रांड है। चिकित्सा, टॉनिक, सौंदर्य उत्पादों और जीवनशैली के क्षेत्र में उनका उल्लेखनीय योगदान रहा है। अपनी अंतरराष्ट्रीय यात्राओं के माध्यम से उन्होंने आयुर्वेद के लाभों का प्रचार-प्रसार किया और लाखों लोगों को प्राकृतिक चिकित्सा की ओर आकर्षित किया।
26/11 मुंबई हमला: भारत लाया जाएगा आरोपी तहव्वुर राणा, प्रत्यर्पण पर रोक लगाने वाली याचिका खारिज
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मुंबई के 26/11 आतंकी हमले का मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा को अब भारत लाया जा सकेगा। अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने तहव्वुर राणा की उस अर्जी को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग की थी।
बता दें कि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा तहव्वुर राणा की याचिका खारिज होने के बाद उसको भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है। बता दें कि 64 साल का तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। जानकारी के मुताबिक वह वर्तमान में लॉस एंजेलिस स्थित मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन में कैद है।
नोट- इस खबर को लगातार अपडेट किया जा रहा है। हम अपने सभी पाठकों को पल-पल की खबरों से अपडेट करते हैं। हम लेटेस्ट और ब्रेकिंग न्यूज को तुरंत ही आप तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रारंभिक रूप से प्राप्त जानकारी के माध्यम से हम इस समाचार को निरंतर अपडेट कर रहे हैं। ताजा ब्रेकिंग न्यूज़ और अपडेट्स के लिए जुड़े रहिए जागरण के साथ।
NHIDCL के डायरेक्टर से मिले सीएम हिमंत, इन अहम परियोजनाओं पर की चर्चा
जेएनएन, नई दिल्ली। असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के प्रबंध निदेशक डॉ. कृष्ण कुमार से दिल्ली में मुलाकात की। इस बैठक में असम में एनएचआईडीसीएल द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न राजमार्ग परियोजनाओं की प्रगति पर चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री ने डॉ. कुमार से निम्नलिखित प्रमुख परियोजनाओं की प्रगति में तेजी लाने का आग्रह किया:
- धुबरी (असम) और फुलबाड़ी (मेघालय) के बीच ब्रह्मपुत्र नदी पर 19.28 किमी लंबा 4-लेन पुल।
- ₹25,000 करोड़ की लागत से गुवाहाटी-सिलचर एक्सप्रेसवे।
- नुमालीगढ़-गोहपुर अंडरवाटर टनल।
- बैहाटा चारियाली से तेजपुर और गोहपुर से कुलजान तक राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क का विस्तार।
मुख्यमंत्री और एनएचआईडीसीएल के प्रबंध निदेशक ने इन परियोजनाओं की समयबद्ध पूर्णता सुनिश्चित करने के लिए रणनीतियों पर चर्चा की, जिससे असम और संपूर्ण उत्तर-पूर्व क्षेत्र में यात्रा समय में कमी और आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि हो सके।
मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने एक्स पर मुलाकात की जानकारी देते हुए लिखा,"आज अपनी बैठक में राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ. कृष्ण कुमार के साथ, मैंने असम में एजेंसी द्वारा लागू की जा रही प्रमुख अवसंरचना परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की।"
उल्लेखनीय है कि इस परियोजना के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 19 मार्च को ₹10,601.40 करोड़ की अनुमानित लागत से मंजूरी प्रदान की थी, जो असम के औद्योगिक विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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मणिपुर के लिलोंग में तनाव के बाद लगा कर्फ्यू, इंफाल घाटी के कई हिस्सों में प्रदर्शन; भारी बल तैनात
पीटीआई, इंफाल। मणिपुर में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष असकर अली के घर में आगजनी के बाद थौबल जिला प्रशासन ने सोमवार को पूरे लिलोंग विधानसभा क्षेत्र में बीएनएसएस की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी।
जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी आदेश में पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने तथा हथियार लेकर चलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसमें कहा गया है कि पुलिस अधीक्षक ने रविवार रात को रिपोर्ट दी कि लाठियों और पत्थरों से लैस लगभग सात से आठ हजार लोगों ने लिलोंग सम्ब्रुखोंग मामेई क्षेत्र में असकर अली के घर पर धावा बोल दिया और उसे आग लगा दी।
बीजेपी नेता ने किया था वक्फ कानून का समर्थनअसकर अली ने शनिवार को इंटरनेट मीडिया पर ने वक्फ संशोधन अधिनियम का समर्थन किया था, हालांकि घटना के बाद अली ने अपने पिछले बयान के लिए माफी मांग ली। इस बीच रविवार को इंफाल घाटी के विभिन्न हिस्सों में वक्फ संशोधन कानून को लेकर प्रदर्शन हुए। रैली में पांच हजार लोग शामिल हुए।
सुरक्षा बलों के साथ प्रदर्शनकारियों की झड़पप्रदर्शन के कारण लिलोंग में एनएच 102 पर यातायात बाधित हो गया। थौबल में इरोंग चेसाबा सहित कुछ क्षेत्रों में सुरक्षा बलों के साथ प्रदर्शनकारियों की झड़प हुई। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र की भाजपा नीत सरकार के खिलाफ नारे लगाए और इस कानून की निंदा की। घाटी के मुस्लिम बहुल इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं। संसद से पारित वक्फ संशोधन विधेयक को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंजूरी दे दी है।
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LPG गैस सिलेंडर 50 रुपये महंगा, पेट्रोल-डीजल का उत्पाद शुल्क 2 रुपये बढ़ा; जानिए उज्ज्वला योजना का हाल
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मंगलवार से देश में रसोई गैस सिलेंडर 50 रुपये महंगा हो जाएगा। पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय की तरफ से सोमवार (सात अप्रैल) को यह जानकारी दी गई। 8 अप्रैल से उज्ज्वला योजना के तहत 14.2 किलोग्राम के गैस सिलेंडर की कीमत 500 रुपये से बढ़ा कर 550 रुपये और गैर-उज्ज्वला कनेक्शन के तहत गैस सिलेंडर की कीमत 803 रुपये से बढ़ा कर 853 रुपये होगी।
इसके साथ ही सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क की दर में दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी भी कर दी है। लेकिन इससे इनकी खुदरा कीमतों में कोई वृद्धि नहीं होगी क्योंकि तेल कंपनियों ने इसका समायोजन अपनी लागत में करने का फैसला किया है। बहरहाल, इस फैसले से साफ है कि अब जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 60 डॉलर प्रति बरल के करीब पहुंच चुकी हैं तो उसका तत्काल फायदा आम जनता को नहीं मिलेगा।
सरकार ने क्यों लिया ऐसा फैसला?जब कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट है तब सरकार ऐसा फैसला क्यों कर रही है? पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी का कहना है कि तेल मार्केटिंग कंपनियां (ओएमसी) काफी लंबे समय से लागत से कम कीमत पर रसोई गैस की की बिक्री कर रही हैं। सरकार की नीति रही है कि लागत से कम कीमत पर आम जनता को जब रसोई गैस सिलेंडर दी जाती है तो उसकी भरपाई की जाती है।
वर्ष 2023-24 में तेल कंपनियों को 28 हजार करोड़ रुपये का घाटा हुआ था तो उसके लिए 22 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान बजट से किया गया था। वर्ष 2024-25 में तेल कंपनियों को इस मद में 48 हजार करोड़ रुपये का घाटा संभावित है। अब जो पैसा बढ़े हुए उत्पाद शुल्क से वसूला जाएगा, उससे तेल कंपनियों को उक्त घाटे के एक हिस्से की भरपाई की जा सकेगी।
पिछले साल गैस की कीमतों में हुई थी कटौतीदो-दो रुपये का उत्पाद शुल्क पेट्रोल व डीजल पर लगाने से एक साल में तकरीबन 32 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व सरकार वसूलेगी। राजस्व संग्रह की यह राशि पहले सरकार के खजाने में जमा की जाएगी, उसके बाद उससे ओएमसी का आवंटन होगा। सनद रहे कि मार्च 2024 में केंद्र सरकार ने सामान्य एलपीजी ग्राहकों केलिए गैस सिलेंडर की कीमत में सौ रुपये प्रति सिलेंडर की कटौती की थी।
पुरी ने यह भी कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 60-65 डॉलर प्रति बैरल बनी रहती है तो तेल कंपनियां पेट्रोलियम उत्पादों की खुदरा कीमतों में कटौती करने को सोच सकती हैं। सोमवार को कच्चे तेल की कीमत 61.88 डॉलर प्रति बैरल रही है। वैश्विक मंदी की वजह से इसमें कमी होने की संभावना जताई जा रही है।
पेट्रोल और डीजल पर कितना हुआ उत्पादन शुल्क?- उत्पाद शुल्क को लेकर केंद्र सरकार का जो फैसला है उसके मुताबिक पेट्रोल पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क 11 रुपये प्रति लीटर से बढ़ा कर 13 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। डीजल पर यह शुल्क आठ रुपये से बढ़ा कर 10 रुपये प्रति लीटर की गई है। यह टैक्स संग्रह सरकार राज्यों के साथ साझा नहीं करती।
- इस वृद्धि के बाद पेट्रोल पर केंद्र सरकार की तरफ से आयद टैक्स की कुल दर 21.9 रुपये हो जाती है। इसमें विशेष उत्पाद शुल्क के अलावा 1.40 रुपये प्रति लीटर की बेसिक उत्पाद शुल्क, 2.50 रुपये कृषि अधिभार और पांच रुपये ढ़ांचागत क्षेत्र के लिए वसूला गया अधिभार शामिल है।
- पेट्रोलियम मंत्री पुरी का यह भी कहना है कि भारत में उज्ज्वला ग्राहकों के लिए एक दिन एलपीजी पर खाना बनाने की लागत सिर्फ 6.18 रुपये का है जबकि सामान्य एलपीजी ग्राहकों के लिए यह कीमत 14.18 रुपये प्रति दिन का है।
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Munambam Waqf Land Dispute: 'वक्फ को मिली जमीन की होगी जांच', केरल HC ने न्यायिक आयोग के गठन करने का दिया आदेश
पीटीआई, कोच्चि। केरल के मुनंबम जमीन विवाद के मामले में सोमवार को केरल हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सुनवाई की। हाई कोर्ट ने इस दौरान एक जज की पीठ के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें मामले की जांच के लिए न्यायिक आयोग के गठन को रद कर दिया गया था। इस मामले में न्यायिक आयोग के गठन का एलान केरल सरकार ने किया था।
हालांकि, हाई कोर्ट की एकल जज की पीठ ने 17 मार्च को इस न्यायिक आयोग की नियुक्ति को रद कर दिया था। इसी मामले में सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश नितिन जामदार और जस्टिस एस मनु की खंडपीठ ने एक अंतरिम आदेश पारित किया और एकल पीठ के फैसले पर रोक लगा दी।
सरकार जरूरी प्रक्रियाओं के साथ आगे बढ़ेगी: कानून मंत्री पी राजीवहाई कोर्ट ने अपने आदेश में साफ किया कि न्यायिक आयोग अगले आदेश तक अस्थायी तौर पर काम करता रहेगा। अपील पर आगे की सुनवाई गर्मी की छुट्टियों के बाद जून में होगी। अदालत के आदेश को लेकर केरल के कानून मंत्री पी राजीव ने कहा कि अब आयोग अपना कार्य कर सकता है और सरकार जरूरी प्रक्रियाओं के साथ आगे बढ़ेगी। उन्होंने साफ किया कि मुनंबम से किसी को भी नहीं निकाला जाएगा।
गौरतलब है कि बीते साल नवंबर में राज्य सरकार ने एक न्यायिक आयोग के गठन का एलान किया था। इसकी अध्यक्षता केरल हाई कोर्ट के पूर्व कार्यकारी चीफ जस्टिस सीएन रामचंद्रन नायर को सौंपी गई थी।
गौरतलब है कि केरल के एर्नाकुलम जिले में चेराई और मुनंबम गांव के रहने वालों का आरोप है कि वहां के वक्फ बोर्ड ने अवैध तरीके से उनकी जमीनों और संपत्तियों पर दावा कर दिया है। जबकि गांव वालों के पास रजिस्टर्ड बैनामे और जमीन पर टैक्स देने से जुड़ी रसीदें मौजूद हैं।
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ट्रंप के टैरिफ से भारत डरेगा नहीं, निर्यातकों की मदद के लिए सरकार ने बनाया मास्टर प्लान
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ट्रंप सरकार के पारस्परिक शुल्क की घोषणा से निर्यात पर होने वाले असर को रोकने के लिए सरकार जल्द ही वित्तीय पैकेज की घोषणा कर सकती है। निर्यातकों को नए बाजार की तलाश के साथ लागत को कम करने के लिए वित्तीय मदद दी जा सकती है। हालांकि निर्यातक ब्याज दरों में छूट के साथ कई अन्य मदद की भी मांग कर रहे हैं।
आगामी बुधवार को वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) के साथ विभिन्न सेक्टर के एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल की बैठक भी बुलाई है। पारस्परिक शुल्क की घोषणा के बाद से ही सरकार के स्तर पर निर्यात पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन शुरू हो चुका है।
'भारत सरकार को अमेरिका की सरकार से बातचीत करनी चाहिए'निर्यातकों के मुताबिक वे चाहते हैं कि अमेरिका व भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौता (बीटीए) के पहले चरण को पूरा होने तक पारस्परिक शुल्क को टाल दिया जाए। इस संबंध में भारत सरकार को अमेरिका की सरकार से बातचीत करनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं हो सकता है तो भारत को अगले दो-तीन माह में बीटीए के पहले चरण का समझौता कर लेना चाहिए। अभी दोनों देश आगामी सितंबर-अक्टूबर तक बीटीए के पहले चरण पर समझौते की उम्मीद जता रहे हैं।
निर्यातकों का कहना है कि तब तक बहुत देर हो जाएगी और उनका भारी नुकसान हो जाएगा।पारस्परिक शुल्क की घोषणा के बाद दुनिया के कई देशों ने ट्रंप सरकार से शुल्क में कमी को लेकर बातचीत की शुरुआत कर दी है और इनमें अमेरिका के बाजार में भारत को प्रतिस्पर्धा देने वाले देश भी शामिल हैं।
वियतनाम ने अमेरिकी वस्तु पर लगने वाले शुल्क को पूरी तरह से समाप्त कर दियाइलेक्ट्रॉनिक्स के निर्यात में भारत को कड़ा मुकाबला देने वाले वियतनाम ने अमेरिकी वस्तु पर लगने वाले शुल्क को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है और अब वियतनाम अमेरिका से अपने ऊपर लगाए गए 46 प्रतिशत के शुल्क को समाप्त करने की गुजारिश कर रहा है।
निर्यातकों का कहना है कि भारत को जल्द से जल्द कदम उठाने की जरूरत है क्योंकि अनिश्चितता की वजह से अमेरिका से नए आर्डर ठप है और अमेरिकी खरीदारी पुराने आर्डर की डिलिवरी भी फिलहाल लेने से मना कर रहे हैं। खरीदार कीमत में छूट की भी मांग कर रहे हैं।
ट्रंप के फैसले से छोटे निर्यातक अधिक प्रभावित होंगेनिर्यातकों का कहना है कि खरीदार को छूट देने की स्थिति में उसकी भरपाई सरकार को करनी चाहिए। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) के अध्यक्ष एस.सी. रल्हन के मुताबिक ट्रंप के फैसले से छोटे निर्यातक अधिक प्रभावित होंगे। वे अपने खरीदार को कीमत में छूट भी नहीं दे सकते हैं। नए बाजार की तलाश के लिए के साथ ब्याज में छूट की भी मांग की जा रही है।
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इंशिएटिव (जीटीआरआई) के मुताबिक अमेरिका की तरफ से भारत पर लगाए गए 26 प्रतिशत के पारस्परिक शुल्क से वर्ष 2025 में 5.7 अरब डॉलर का निर्यात प्रभावित हो सकता है। इनमें मुख्य रूप से मछली व अन्य समुद्री उत्पाद, जेम्स व ज्वैलरी, स्टील के सामान, कार्पेट मुख्य रूप से शामिल है। भारत के लघु निर्यातक अमेरिका में पेपर, पेपरबोर्ड व संबंधित आइटम, टूल्स, कटलेरी व किचन का सामान का निर्यात करते हैं।
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