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देश के एक लाख से अधिक प्राथमिक स्कूल सिर्फ एक ही शिक्षक के भरोसे, लाखों पद खाली; देखें पूरी लिस्ट

Dainik Jagran - National - April 10, 2025 - 8:36pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। स्कूलों में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ( एनईपी) को लागू करने के लिए भले ही केंद्र और राज्य सरकारें पूरी शिद्दत से जुटी हुई है लेकिन हकीकत यह है कि स्कूलों में इसे अमल में लाने के लिए पर्याप्त शिक्षक ही नहीं है। स्कूलों में अभी भी शिक्षकों के करीब आठ लाख पद खाली पड़े है।

यह बात अलग है कि पिछले सालों के मुकाबले इसमें सुधार हुआ है, पहले यह संख्या दस लाख से अधिक थी। इसके साथ ही देश के एक लाख से अधिक प्राथमिक स्कूल ऐसे भी है, जो सिर्फ एक शिक्षक के भरोसे चल रहे है। स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र शुरू होने के साथ ही शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए राज्यों को एक बार फिर पत्र लिखा है। जिसमें शिक्षकों के खाली पदों को प्राथमिकता से भरने के निर्देश दिए है। साथ ही यह सुझाव दिया है कि स्कूलों में शिक्षकों के पद रिक्त होने से पहले ही उन्हें भरने की योजना बनाई जाए। जिससे स्कूलों को जल्द नए शिक्षक मिल सके।

पद का खाली होना एक सतत प्रकिया: शिक्षा मंत्रालय

मंत्रालय का मानना है कि स्कूलों में शिक्षकों के पदों का खाली होना एक सतत प्रक्रिया है, लेकिन यदि तीन-तीन महीने में सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों का ब्यौरा जुटाया जाए व खाली होने वाले पदों पर भर्ती की प्रक्रिया को पहले से शुरू कर दी जाए, इससे संकट से बचा जा सकता है।

शिक्षा मंत्रालय की ओर से संसद को सौंपी गई एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में वैसे तो शिक्षकों की कुल संख्या 98 लाख है। इनमें से करीब आठ लाख पद अभी भी खाली है।

सबसे अधिक पद बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल में खाली है। इसके साथ ही देश में एक लाख से अधिक प्राथमिक स्कूल ऐसे है, जो एक ही शिक्षक के भरोसे चल रहे है। एक शिक्षक के भरोसे स्कूलों की सूची में बिहार की स्थिति बाकी राज्यों से थोड़ी अच्छी है।

गौरतलब है कि मौजूदा समय में देश में 14.71 लाख से अधिक स्कूल है। जिसमें 2.60 लाख स्कूल शहरी क्षेत्रों में है, बाकी 12.12 लाख से अधिक स्कूल ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित है।

इन प्रमुख राज्यों में कितने स्कूलों में एक शिक्षक है

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राज्य स्कूलों की संख्या

राज्य

स्कूलों की संख्या

आंध्र प्रदेश12543

मध्य प्रदेश11035

झारखंड8294

कर्नाटक7477

राजस्थान7673

पश्चिम बंगाल5437

उत्तर प्रदेश4572

हिमाचल प्रदेश3365

छत्तीसगढ़5520

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Summer Special Train 2025: गर्मियों की छुट्टी होगी सुपर कूल, रेलवे चलाएगा 666 ट्रेनें; रूट समेत पूरी जानकारी

Dainik Jagran - National - April 10, 2025 - 8:30pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पर्व-त्योहारों और गर्मी की छुट्टियों में ट्रेन का सफर आसान नहीं होता। अधिकतर रूटों की ट्रेनों में भारी भीड़ होती है, जिससे टिकटों की प्रतीक्षा सूची बढ़ जाती है। इस बार रेलवे की तरफ से ज्यादा ऐहतियात बरती जा रही है।

यात्रियों की सुविधा के लिए 666 ट्रेनें तैयार रखी गई हैं, जो 15 अप्रैल से जुलाई के बीच 13 हजार 682 से ज्यादा फेरे लगाएंगी। रेलवे ने 408 ट्रेनों के आठ हजार 482 फेरों को अधिसूचित भी कर दिया है। जरूरत और हालात के अनुसार बाकी ट्रेनों को भी तैनात रखा गया है। समर स्पेशल ट्रेनें नियमित चलने वाली ट्रेनों से अलग होंगी।

एक्सप्रेस ट्रेनें चलाने की योजना

रेलवे के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने बताया कि यात्रियों की सुविधा के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से एक्सप्रेस ट्रेनें चलाने की योजना बनाई गई है, ताकि गर्मी की छुट्टियों के दौरान अधिक से अधिक यात्रियों को उनके गंतव्य तक आसानी से पहुंचाया जा सके।

रेलवे का मानना है कि गर्मी की छुट्टियों के दौरान यात्रियों का सबसे ज्यादा दबाव बिहार, उत्तर प्रदेश, बंगाल एवं झारखंड के रेलवे रूटों पर होता है। इसलिए पूर्वी रेलवे के धनबाद, दानापुर, मुगलसराय एवं पूर्वोत्तर रेलवे के सोनपुर एवं समस्तीपुर डिवीजन के शहरों के लिए 72 ट्रेनों की व्यवस्था कर रखी है, जो सबसे ज्यादा 2805 फेरे लगाएंगी।

पिछली बार ट्रेनों की संख्या तो ज्यादा थी, लेकिन फेरे कम लगे थे। सेंट्रल रेलवे को कुल 64 ट्रेनें उपलब्ध कराई गई है, जो 1276 बार आना-जाना करेंगी। यह संख्या पिछली बार से लगभग दुगुनी है। कुछ रूटों पर अभी से समर स्पेशल ट्रेनें चलने लगी हैं, लेकिन 15 अप्रैल के बाद से इनकी संख्या और बढ़ाई जाएंगी।

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'मुंबई हमले के बाद गांधी परिवार ने नहीं होने दी कार्रवाई', भाजपा ने लगाए गंभीर आरोप; जानिए क्या है मामला

Dainik Jagran - National - April 10, 2025 - 8:12pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण में अपने पूर्व प्रयासों के सहारे श्रेय लेने का प्रयास कर रही कांग्रेस सहित विपक्षी दलों पर भाजपा ने करारा प्रहार किया है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और कांग्रेस के एक पूर्व वरिष्ठ सांसद की किताब के हवाले से भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने आरोप लगाया कि एनएसी के माध्यम से सत्ता चल रहे गांधी परिवार ने मुंबई आतंकी हमलों के बाद किसी भी ठोस कार्रवाई को ओवररूल कर दिया था।

बिना नाम लिए उत्तर प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल पर आरोप लगाया कि वहां आतंकी हमलों के दोषी एक मजहब के थे, इसलिए उनको छुड़वाने के लिए तत्कालीन सरकार हाई कोर्ट गई थी, तब कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि आज आतंकियों को छुड़वाने आए हैं, तो क्या कल इन्हें पद्मश्री भी देंगे?

शहजाद पूनावाला ने लगाए आरोप

भाजपा प्रवक्ता पूनावाला ने 26/11 के आतंकी तहव्वुर राणा को प्रत्यर्पण कर भारत लाए जाने को मोदी सरकार की बड़ी रणनीतिक एवं ऐतिहासिक उपलब्धि बताया। कहा कि कांग्रेस यूपीए शासन के दौरान वोटबैंक तुष्टीकरण के लिए आतंकियों पर कार्रवाई नहीं करती थी, जिसकी सजा आतंकवाद झेलने वाले निर्दोष लोगों को मिलती थी।

उन्होंने कहा कि क्या कांग्रेस यह बताएगी कि क्या अब वह आतंकवाद पर वोटबैंक की राजनीति बंद करेगी? क्या वह नक्सलवाद, अनुच्छेद 370 और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के प्रति अपनाए गए नरम रुख को अब छोड़ेगी?

आतंकवाद को लेकर घेरा
  • भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में आतंक और आतंकवाद के प्रति हमारे दृष्टिकोण में एक बड़ा बदलाव आया है। आज का यह प्रत्यर्पण उसी बदले हुए सोच का एक प्रतीक है। 2004 से 2014 के बीच शायद ही कोई महीना ऐसा जाता था, जब भारत के किसी बड़े शहर में आतंकी हमला नहीं होता था। 2005 में दिल्ली, 2006 में वाराणसी, 2007 में लखनऊ और 2008 में जयपुर, बेंगलुरु, अहमदाबाद, दिल्ली, मुंबई, अगरतला, रामपुर में हमले हुए।
  • उन्होंने आरोप लगाया कि पहले पाकिस्तान के इस्लामी आतंक पर लीपापोती की गई और उसे क्लीन चिट देने का प्रयास किया गया। यहां तक कि हिंदू टेरर, संघ टेरर और आरएसएस टेरर जैसे फेक नैरेटिव गढ़ने का प्रयास उस समय कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने किया। महाराष्ट्र में कभी नेता प्रतिपक्ष रह चुके कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार का एक बयान आया था कि शहीद हेमंत करकरे को कसाब और पाकिस्तानी आतंकियों ने नहीं, बल्कि पुलिस वालों ने मारा था।

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Trade War 2.0: ट्रंप के टैरिफ से 90 दिन की राहत, भारतीय बाजार पर कैसा रहेगा असर? जानिए क्या कहते हैं Expert

Dainik Jagran - National - April 10, 2025 - 8:00pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दुनिया के 75 देशों पर पारस्परिक शुल्क (Reciprocal Tariff) को अगले 90 दिनों के लिए टालने के बाद यह साफ हो गया है कि व्यापारिक युद्ध अमेरिका और दुनिया के अन्य देशों के बीच नहीं बल्कि अमेरिका और चीन के बीच है। तभी विशेषज्ञ इसे ट्रेड वार 2.0 का नाम दे रहे हैं और इस ट्रेड वॉर 2.0 से एक बार फिर भारत को अमेरिका के बाजार में अपने निर्यात को नए मुकाम पर ले जाने का अवसर मिला है। क्योंकि अमेरिका ने चीन की वस्तुओं पर 125 प्रतिशत का शुल्क लगा दिया है। भारत समेत अन्य देशों पर सिर्फ 10 प्रतिशत का शुल्क लगेगा।

ट्रंप के इस फैसले से भारतीय निर्यात पर मंडरा रही अनिश्चितता फिलहाल खत्म होती दिख रही है। पारस्परिक शुल्क को लेकर ट्रंप के फैसले के बाद वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि भारत तो वैसे भी इस रेस में आगे था, द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर अमेरिका से हमारी बातचीत बहुत अच्छी चल रही है।

चीन ने अमेरिका को वर्ष 2024 में 440 अरब डॉलर का निर्यात किया है। चीन के हिस्से का पांच प्रतिशत आर्डर भी अगर भारत के हिस्से में आ गया तो 20-22 अरब डॉलर का निर्यात तुरंत बढ़ सकता है। ट्रंप के पहले कार्यकाल में चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वार की शुरुआत हुई थी। ऐसा नहीं है कि उस ट्रेड वॉर का भारत को फायदा नहीं मिला था, लेकिन दूसरे-तीसरे देशों से चीन अमेरिका में अपने सामान भेजने में कामयाब रहा। इस बार अमेरिका चीन की इस चाल को लेकर भी सतर्क है।

चीन पर भारी भरकम टैरिफ से भारत को कैसे फायदा?

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इंशिएटिव के मुताबिक चीन पर 125 प्रतिशत के शुल्क से भारत को केमिकल, अपैरल व इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे कई सेक्टर के निर्यात में फायदा हो सकता है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) के महानिदेशक एवं सीईओ अजय सहाय के मुताबिक ट्रंप के पहले कार्यकाल में चीन से होने वाले ट्रेड वॉर के दौरान अमेरिका के बाजार में हमारा निर्यात 57 अरब डॉलर से बढ़कर 73 अरब डॉलर का हो गया। इस बार भी फायदा मिल सकता है। निर्यात बढ़ोतरी पूरी तरह से हमारी सप्लाई क्षमता पर निर्भर करेगी।

कनफेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष एवं टीटी लिमिटेड के एमडी संजय जैन ने बताया कि अमेरिका सालाना 120 अरब डॉलर का टेक्सटाइल व अपैरल का आयात करता है और इनमें चीन की हिस्सेदारी 30 अरब डालर यानी 25 प्रतिशत की है। अब चीन के हिस्से के माल की खरीदारी अमेरिका अन्य देशों से करेगा। भारत के लिए यह मौका है लेकिन भरपूर कच्चे माल और लागत को कम करने की जरूरत होगी। हालांकि भारतीय वस्तुओं पर जो 10 प्रतिशत का शुल्क लगेगा उसे भारतीय निर्यातक और अमेरिकी खरीदार को सहन करना पड़ सकता है। वैसे ही चीन अमेरिका में सालाना 12 अरब डॉलर के फुटवियर का निर्यात करता है।

'बड़े पैमाने पर सप्लाई चेन विकसित करने की दरकार'

अमेरिका में फुटवियर निर्यात कारोबार करने वाले और काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट के चेयरमैन आर.के. जालान कहते हैं कि कुल मिलाकर हमें इस फैसला का लाभ मिलेगा। भारत एथलीट फुटवियर और स्पो‌र्ट्स फुटवियर कम बनाता है। अमेरिका से आर्डर लेने के लिए बड़े पैमाने पर सप्लाई चेन विकसित करने की जरूरत होगी।

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) के चेयरमैन एस.सी. रल्हन का मानना है कि इस समय चीन से हम सस्ते दाम पर कच्चे माल की खरीदारी कर अधिक से अधिक मैन्यूफैक्चरिंग करके अपने निर्यात को बढ़ा सकते हैं। अमेरिका में चीन का व्यापार प्रभावित होने से चीन भारत को किफायती दाम पर कच्चे माल की सप्लाई कर सकता है।

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'तहव्वुर राणा को बिरयानी देने की जरूरत नहीं...', भड़क उठे 26/11 के हीरो; बोले- तुरंत फांसी दो

Dainik Jagran - National - April 10, 2025 - 10:56am

एएनआई, नई दिल्ली। मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किया जा रहा है। उसके भारत में कदम रखने से पहले लोगों की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है। 26/11 अटैक के एक हीरो ने कहा, ‘भारत को उसे आतंकी कसाब की तरह खास जेल, बिरयानी या और सुविधाएं देने की कोई जरूरत नहीं है। ये बात मोहम्मद तौफीक ने बोली है।

मुंबई में एक 'चाय वाले' हैं, जिन्हें 'छोटू' उर्फ मोहम्मद तौफीक के नाम से जाना जाता है। उन्हें मुंबई आतंकी हमले 26/11 के हीरो के तौर पर पहचान मिली है। मोहम्मद तौफीक ने हमलों में कई लोगों की जान बचाई थी।

'आतंकवादियों के लिए हो अलग कानून'

मोहम्मद तौफीक ने कहा 

भारत को तहव्वुर राणा को जेल में खास सेल, बिरयानी और वैसी सुविधाएं देने की कोई जरूरत नहीं है।उन्होंने यह भी मांग की कि आतंकवादियों से निपटने के लिए अलग कानून होने चाहिए। ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि उन्हें 2-3 महीने में फांसी हो जाए।

बता दें राणा पर 2008 के मुंबई आतंकी हमलों में शामिल होने का आरोप है। हमले में सैकड़ों निर्दोष लोग मारे गए थे। अब भारत में तहव्वुर पर मुकदमा चलाया जाएगा।

US में राणा की याचिका खारिज हो गई थी

7 अप्रैल को, संयुक्त राज्य अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय ने तहव्वुर राणा की भारत में उसके प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की याचिका को खारिज कर दिया। राणा ने 20 मार्च, 2025 को मुख्य न्यायाधीश रॉबर्ट्स के समक्ष एक आपातकालीन आवेदन दायर किया, जिसमें उसके प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग की गई।

सोमवार, 7 अप्रैल को जारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया, 'मुख्य न्यायाधीश को संबोधित और न्यायालय को संदर्भित स्थगन के लिए आवेदन अस्वीकार किया जाता है।

26 नवंबर 2008 को हुआ था आतंकी हमला

मुंबई अपराध शाखा के अनुसार, राणा के खिलाफ आपराधिक साजिश का मामला नवंबर 2008 के घातक हमलों के बाद दिल्ली में एनआईए द्वारा दर्ज किया गया था, जिसमें 160 से अधिक लोग मारे गए थे।

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तहव्वुर राणा के खिलाफ सरकारी वकील नियुक्त, कौन हैं नरेंद्र मान जिन्हें मिली आतंकी को फांसी तक पहुंचाने की जिम्मेदारी

Dainik Jagran - National - April 10, 2025 - 10:33am

एएनआई, नई दिल्ली। मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमलों के पीछे की साजिश से जुड़े एक अहम मामले में केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने एडवोकेट नरेंद्र मान को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की ओर से केस की सुनवाई के लिए स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नियुक्त किया है।

तहव्वुर राणा और डेविड हेडली के खिलाफ केस की सुनवाई करेंगे

यह नियुक्ति एनआईए केस नंबर RC-04/2009/NIA/DLI से संबंधित है, जो पाकिस्तान मूल के तहव्वुर हुसैन राणा और डेविड कोलमैन हेडली के खिलाफ है। इन दोनों पर 26/11 हमलों की साजिश रचने का गंभीर आरोप है। अब नरेंद्र मान इस केस की सुनवाई एनआईए की स्पेशल कोर्ट, दिल्ली और संबंधित अपीली अदालतों में करेंगे।

26/11 Mumbai Terror Attack Conspiracy case | The Central Government appoints Narender Mann, Advocate, as Special Public Prosecutor for conducting trials and other matters related to NIA case RC-04/2009/NIA/DLI (against Tahawwur Hussain Rana and David Coleman Headley) on behalf of… pic.twitter.com/MOPNTIPrRj

— ANI (@ANI) April 10, 2025

तीन साल की अवधि या ट्रायल पूरा होने तक जिम्मेदारी

नरेंद्र मान को यह जिम्मेदारी तीन साल के लिए दी गई है, जो इस नियुक्ति की अधिसूचना प्रकाशित होने की तारीख से लागू मानी जाएगी। यदि ट्रायल इससे पहले पूरा हो जाता है, तो उनकी जिम्मेदारी वहीं समाप्त हो जाएगी।

कौन हैं नरेंद्र मान?

एडवोकेट नरेंद्र मान एक जानेमाने वकील हैं। उनके व्यापक कानूनी अनुभव और आपराधिक मामलों में दक्षता के आधार पर उन्हें 26/11 मुंबई आतंकी हमला केस में चुना गया है। उनकी नियुक्ति से यह उम्मीद जताई जा रही है कि मामले में अभियोजन पक्ष और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत होगा। तहव्वुर राणा के खिलाफ पेश सबूत से पाकिस्तान का भी चेहरा बेनकाब हो सकता है।

अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्तानी-कनाडाई नागरिक तहव्वुर हुसैन राणा के भारत प्रत्यर्पण की मंजूरी देने के बाद उसे भारत लाया जा रहा है। राणा को भारत लाने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) उसको हिरासत में लेकर पूछताछ करेगी।

NIA ने 2009 में दर्ज किया था केस

भारत सरकार के आदेश पर 11 नवंबर 2009 को एनआईए ने दिल्ली में केस RC-04/2009/NIA/DLI दर्ज किया था। यह केस इंडियन पीनल कोड की धारा 121A, यूएपीए एक्ट की धारा 18 और सार्क कन्वेंशन (टेररिज्म की रोकथाम) एक्ट की धारा 6(2) के तहत दर्ज किया गया था। इसमें डेविड कोलमैन हेडली और तहव्वुर राणा को मुख्य आरोपी बनाया गया।

आतंकियों को समर्थन देने का आरोप

एनआईए के मुताबिक, राणा और हेडली को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था। दोनों पर प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को सहयोग देने और भारत में आतंकी हमले की साजिश रचने का आरोप है। मुंबई हमले में 174 से अधिक लोग मारे गए थे। एनआईए ने अमेरिका को दोनों की प्रत्यर्पण के लिए औपचारिक अनुरोध भेजा था। पाकिस्तान को भी एक लेटर रोगेटरी भेजा गया, जिसका अब तक जवाब नहीं मिला है।

अदालत में चार्जशीट दाखिल

एनआईए ने इस केस में 24 दिसंबर 2011 को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में सभी 9 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। आरोपियों पर आईपीसी की कई धाराओं (120B, 121, 121A, 302, 468, 471) और यूएपीए एक्ट की धाराओं (16, 18, 20) के तहत आरोप लगाए गए हैं।

चंद घंटों में भारत में होगा तहव्वुर राणा

मुंबई हमलों का मास्टमाइंड तहव्वुर राणा को भारत लाया जा रहा है और वो चंद घंटों में भारत की धरती पर होगा। दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरने के बाद से ही तमाम तरह की कानूनी प्रक्रियाएं शुरू की जांएगी, जिसके तहत 26/11 हमले में मारे गए लोगों और उनके परिजनों को इंसाफ दिलाया जा सके।

आज भारत आएगा मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा, 26/11 हमले के पीड़ित बोले- उसे कसाब की तरह न पालें

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'सभी ने वोट बैंक की राजनीति की, लेकिन मोदी सरकार ने...',वक्फ बिल के समर्थन में ऑल इंडिया मुस्लिम वुमेन पर्सनल लॉ बोर्ड

Dainik Jagran - National - April 10, 2025 - 9:22am

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वक्फ संशोधन बिल के दोनों सदनों में पास होने के बाद से कई राजनेता इसके विरोध में आ गए हैं। इस बीच,ऑल इंडिया वुमेन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर ने वक्फ विधेयक 2025 का समर्थन किया है। उन्होंने कहा-हम इस बिल का स्वागत करते हैं।

ये मुस्लिम समाज, विशेषकर मुस्लिम महिलाओं के हितों की सुरक्षा करेगा। महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। यह विधेयक सिर्फ कानून में संशोधन नहीं है, बल्कि एक ऐतिहासिक कदम है।

समाज को मिलेगा लाभ

शाइस्ता अंबर ने  कहा-

वक्फ के नए कानून से समाज को लाभ मिलेगा। मुस्लिम महिलाओं की भागीदारी मजबूत होगी। अधिकारों, गरिमा और सम्मान को नई दिशा देने की शुरुआत है। सरकार ने कहा है वक्फ की जमीन पर जो कब्जे हैं, उसे हटाएगी।

वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद में मुस्लिम महिलाओं को शामिल करने की हम लोग लंबी लड़ाई लड़ रहे थे। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल से मांग किया था।

शाइस्ता अंबर ने आगे कहा-

महिलाओं को वक्फ बोर्ड के सदस्य और पदाधिकारी के रूप में जगह मिले। इन्हें सिर्फ नाम के लिए नहीं, बल्कि काम के लिए रखा जाए। महिलाओं की जिम्मेदारी और अधिकार क्षेत्र सुनिश्चित किया जाए।

प्रधानमंत्री का जताया आभार

शाइस्ता अम्बर ने कहा-आज तक किसी भी सरकार ने मुस्लिम समाज के लिए वास्तविक काम नहीं किया। सभी ने सिर्फ वोट बैंक की राजनीति की है। ऑल इंडिया मुस्लिम वुमेन पर्सनल लॉ बोर्ड पीएम नरेंद्र मोदी का इस बिल के लिए आभार व्यक्त करती है। मुस्लिम महिलाओं के विकास को ध्यान में रखते हुए यह विधेयक प्रस्तुत किया गया और इसने कानूनी रूप लिया।

'वक्फ की संपत्तियों की सुरक्षा होगी'

सरकार ने दोनों सदनों में मुस्लिम समुदाय को भरोसा दिलाया है कि जनता एवं मुस्लिम समुदाय से किए वादों को पूरा किया जाएगा । हमें पूरी उम्मीद है कि इस बिल से वक्फ की संपत्तियों की सुरक्षा होगी। अल्पसंख्यक समुदाय के जो गरीब बच्चे हैं, विधवा महिलाएं हैं तमाम जरूरतमंद लोगों की आर्थिक सहायता होगी।

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यूपी-बिहार में बरस रहे बादल, दिल्ली में आज बारिश का अलर्ट; जानें किन राज्यों में अभी नहीं मिलेगी प्रचंड गर्मी से राहत

Dainik Jagran - National - April 10, 2025 - 8:23am

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में अभी से भयंकर गर्मी पड़ने लगी है। अप्रैल में ही जून जैसी गर्मी पड़ने लगी है। दिल्ली-एनसीआर में कई स्थानों पर अधिकतम तापमान सामान्य से 4-6 डिग्री ज्यादा है। वहीं दिल्ली में मौसम करवट लेना वाला है।

भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में 10 अप्रैल को आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना है, जिसमें बहुत हल्की बारिश या बूंदाबांदी हो सकती है। वहीं शुक्रवार को भी हल्की बारिश हो सकती है। इससे लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिल सकती है। साथ ही मौसम विभाग के मुताबिक, यूपी में 13 अप्रैल तक तेज बारिश हो सकती है।

बिहार-यूपी में बारिश

वहीं ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में आज से 12 अप्रैल तक बारिश होगी। IMD के मुताबिक बिहार गरज-तड़क के साथ आकाशीय बिजली गिरी है। वहीं यूपी में भी बारिश शुरू हो गई है।

इन राज्यों में अगले 24 घंटों में बारिश का अलर्ट

अगले 24 घंटे के दौरान तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, केरल, माहे, तेलंगाना, कर्नाटक, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और मध्य भारत में गरज के साथ हल्की से मध्यम स्तर की बारिश हो सकती है। इस दौरान 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं भी चल सकती हैं।

देश के अन्य राज्यों की अगर बात करें तो मौसम विभाग के मुताबिक कल राजस्थान में लू की स्थिति और गंभीर हो सकती है। जयपुर, जोधपुर और बीकानेर जैसे शहरों में अधिकतम तापमान 40-42 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है।

गुजरात- राजस्थान समेत इन 9 राज्यों में हीटवेव का अलर्ट

गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में कई स्थानों पर तापमान 43-46 डिग्री के आस-पास दर्ज किया जा रहा है। गुजरात के कांडला में अधिकतम तापमान 45.6 डिग्री दर्ज किया गया जोकि उत्तर भारत में सबसे ज्यादा है। मध्य प्रदेश के रतलाम में तापमान 44.2 डिग्री दर्ज हुआ।

राजस्थान के बाड़मेर में 46.5 डिग्री और पिलानी में 44 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। इसी तरह महाराष्ट्र के अकोला और जलगांव में तापमान 43.7 डिग्री दर्ज किया गया।

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'बंगाल में ममता के सत्ता से हटने पर ही खत्म होगी घुसपैठ', अमित शाह ने दीदी पर जमकर बोला हमला

Dainik Jagran - National - April 10, 2025 - 6:54am

पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जब बंगाल के लोग मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सत्ता से बाहर करेंगे और राज्य में भाजपा की सरकार बनाएंगे तो अवैध घुसपैठ की समस्या हल हो जाएगी। ममता बनर्जी सभी को बताती रहती हैं कि बीएसएफ केंद्र सरकार के अधीन है। वही अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करता है। इसलिए, घुसपैठ के लिए केंद्र को ही जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।

घुसपैठियों को लेकर अमित शाह का बड़ा हमला

उन्होंने कहा कि मेरा उनसे सवाल है कि ऐसे घुसपैठियों के मतदाता पहचान पत्र और आधार कार्ड किसने बनाए। ये सभी मतदाता पहचान पत्र उत्तर 24 परगना जिले में बनाए गए हैं। उन्होंने उक्त बातें एक कार्यक्रम में शिरकत करने के दौरान कहीं।

आइएनडीआइए को घुसपैठियों में वोट बैंक दिखता है- शाह

अमित शाह ने स्पष्ट किया कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव जदयू नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। कहा कि विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए को घुसपैठियों में वोट बैंक दिखता है। गुलाम जम्मू-कश्मीर पर सरकार की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि वह हमारा ही है।

दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश के घर से कथित तौर पर नकदी बरामद होने के मुद्दे पर शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर विचार करने के लिए एक समिति गठित की है।

टैरिफ के बारे में बोले शाह

उन्होंने शीर्ष अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सभी की तरह वह भी नतीजे का इंतजार कर रहे हैं। एक सवाल के जवाब में कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के प्रभाव का निर्धारण करना अभी जल्दबाजी होगी। लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था ऐसे दबावों के प्रति लचीली है।

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'कांग्रेस सरकार में हमेशा मारे जाते हैं हिंदू कार्यकर्ता', कर्नाटक के नेता प्रतिपक्ष का सीएम सिद्दरमैया पर बड़ा हमला

Dainik Jagran - National - April 10, 2025 - 6:54am

 आइएएनएस, मदिकेरी। कर्नाटक में नेता प्रतिपक्ष आर. अशोक ने बुधवार को दावा किया कि जब भी कांग्रेस राज्य की सत्ता में आती है तो हमेशा हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता मारे जाते हैं।

जिनकी हत्या हुईं उनके नाम बताए

जनाक्रोश यात्रा को संबोधित करते हुए अशोक ने कहा कि आरएसएस के राजू, राजेश कोटियन, प्रवीण पुजारी, चरण पुजारी, विश्वनाथ - ये कुछ हिंदू कार्यकर्ता हैं जिनकी हत्या पीएफआई व सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया जैसे मुस्लिम संगठनों ने की है।

अशोक ने कहा कि कोडागू के विनय सोमैया का इतना उत्पीड़न किया गया कि उसने आत्महत्या कर ली। कोडागू में ही पिछली टीपू जयंती के दौरान बुजुर्ग व्यक्ति कुट्टप्पा की हत्या कर दी गई थी। कांग्रेस सरकार हिंदुओं को विभाजित करने की कोशिश कर रही है।

कर्नाटक को पाकिस्तान को सौंप देंगे सिद्दरमैया- अशोक

आगे बोले कि मुस्लिमों को सरकारी ठेकों में आरक्षण दिया गया है। अगर मुख्यमंत्री सिद्दरमैया सत्ता में बने रहे तो वह कर्नाटक को पाकिस्तान को सौंप देंगे।

कोडागू भी कश्मीर बन जाएगा- नेता प्रतिपक्ष

उन्होंने कहा कि पहले सिर्फ जम्मू-कश्मीर में हिंदुओं पर हमले होते थे, अगर सिद्दरमैया मुख्यमंत्री बने रहे तो कोडागू भी कश्मीर बन जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में युवतियों से दुष्कर्म किया जा रहा है और गृह मंत्री जी. परमेश्वर कहते हैं कि ऐसी घटनाएं होती रहती हैं।

केरल में वक्फ भूमि विवाद को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर साधा निशाना

कोच्चि के उपनगर मुनंबम में एक गिरजाघर के सामने कांग्रेस नेताओं के विरोध में लगाए गए होर्डिंग का इस्तेमाल भाजपा ने कांग्रेस द्वारा की जा रही तुष्टीकरण की राजनीति को उजागर करने के लिए किया है। इस होर्डिंग में कांग्रेस सांसदों के उस स्थल में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की गई है।

वक्फ बोर्ड ने कर लिया है ईसाई समुदाय के लोगों की जमीन पर कब्जा

स्थानीय निवासी अपनी जमीन पर वक्फ बोर्ड के दावे के खिलाफ पिछले कई महीने से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसमें अधिकतर ईसाई समुदाय के लोग हैं। उनका आरोप है कि वक्फ बोर्ड उनकी जमीन और संपत्ति पर अवैध रूप से दावा कर रहा है, जबकि उनके पास पंजीकृत दस्तावेज और भूमि कर भुगतान की रसीदें हैं। यहां के लोग भूख हड़ताल पर हैं।

उन्होंने केरल के कांग्रेस सांसदों से संसद द्वारा पारित वक्फ (संशोधन) विधेयक का समर्थन करने का अनुरोध किया था। कांग्रेस द्वारा विधेयक का विरोध किए जाने से वे नाराज हैं। भाजपा की केरल इकाई के अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने अपने इंटरनेट मीडिया अकाउंट पर होर्डिंग की तस्वीरें पोस्ट कीं।

कांग्रेस पर भाजपा का बड़ा हमला

होर्डिंग पर लिखा है, 'केरल में मात्र 30 प्रतिशत वोट बैंक की चाहत में कांग्रेस सांसदों ने संसद में केसीबीसी (केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल) की बार-बार की गई अपील की अनदेखी कर 610 परिवारों को धोखा दिया।'

उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण संशोधन का लगातार विरोध करने वाले अन्य कांग्रेस नेता भी समान रूप से जवाबदेह हैं। अब से उनमें से किसी को भी इस प्रदर्शन स्थल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है।

राजनीति के कारण गरीबों को परेशानी होती है

चंद्रशेखर ने कहा कि अब समय आ गया है कि केरल के लोग तुष्टीकरण की राजनीति को बदलने के लिए एक साथ आएं क्योंकि तुष्टीकरण की राजनीति के कारण गरीबों को परेशानी होती है। भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि दशकों से कांग्रेस और वामपंथी राजनीति ने लोगों को विचलित करने और केरल को आर्थिक एवं विकास के मोर्चे पर संकट में ले जाने के लिए सांप्रदायिक भय के जहर का इस्तेमाल किया है।

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Manipur Violence: मणिपुर में अनाथ आश्रम पर गोलीबारी, स्थानीय लोगों ने किया विरोध

Dainik Jagran - National - April 10, 2025 - 6:54am

पीटीआई, इंफाल। मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले के सागोलबंद क्षेत्र में एक अनाथ आश्रम पर अज्ञात बदमाशों द्वारा की गई गोलीबारी के विरोध में स्थानीय लोगों ने बुधवार को धरना प्रदर्शन किया।

अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग

प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां लेकर गोलीबारी की निंदा करते हुए नारे लगाए तथा अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। पुलिस ने बताया कि कम से कम दो हथियारबंद बदमाशों ने रात करीब एक बजकर 40 मिनट पर एक आश्रम पर छह राउंड गोलियां चलाईं जहां अनाथ बच्चे रह रहे थे।

बाल गृह पर गोलीबारी की गई

बाल अनाथ आश्रम चलाने वाली खाइदेन ओंगबी रोमिता ने कहा कि यह वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है कि बाल गृह पर गोलीबारी की गई। गोलीबारी का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। हम अपील करते हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न होने दी जाएं। बाल आश्रम में कई अनाथ बच्चे हैं।

दो उग्रवादियों समेत तीन लोग गिरफ्तार

इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व और कांगपोकपी जिलों से सुरक्षा बलों ने जबरन वसूली की गतिविधियों में शामिल दो उग्रवादियों सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि प्रतिबंधित केसीपी के एक सदस्य को इंफाल पश्चिम जिले के लोइतांग खुल्लेन इलाके से गिरफ्तार किया गया।

पीआरईपीएके (प्रो) के एक सदस्य को इंफाल पूर्वी जिले के सागोलमांग बाजार से गिरफ्तार किया गया। वहीं, कांगपोकपी जिले के खमेनलोक से ट्रक चालकों से जबरन रुपये वसूलने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया।

चूड़चंद्रपुर के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू लगाया गया

चूड़चंद्रपुर जिले के कुछ हिस्सों में दो अलग-अलग जनजातियों के गांवों के बीच विवादित क्षेत्र में सामुदायिक झंडे फहराने को लेकर तनाव के मद्देनजर कर्फ्यू लगा दिया गया है।

चूड़चंद्रपुर उप मंडल केवी मुनहोइह और रेंगकाई गांवों के बीच विवादित क्षेत्र में सामुदायिक झंडे फहराए जाने के बाद जोमी और हमार जनजातियों के बीच तनाव पैदा हो गया। मौजूदा स्थिति को देखते हुए चूड़चंद्रपुर के जिला मजिस्ट्रेट धारुन कुमार ने दो गांवों और जिले के पूरे कांगवई, समुलामलान और संगाईकोट उप-मंडलों में कर्फ्यू लगा दिया है।

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'सरकारी विभागों में इलेक्ट्रिक वाहनों का हो उपयोग', प्रदूषण में कमी लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का केंद्र को निर्देश

Dainik Jagran - National - April 10, 2025 - 6:54am

 पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण में कमी लाने के लिए सरकारी विभागों को इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने के संबंध में केंद्र सरकार को 30 अप्रैल तक एक प्रस्ताव पेश करने को कहा है।

दिल्ली में 60 लाख वाहनों की वैध आयु पूरी हो चुकी है- एएसजी

जस्टिस अभय एस.ओका और उज्जल भुयन की खंडपीठ ने बुधवार को एडीशनल सॉलीसिटर जनरल ऐश्वर्य भाटी को अप्रैल तक इस संबंध में प्रस्ताव पेश करने को कहा है।

सुनवाई के दौरान भाटी ने बताया कि फिलहाल दिल्ली में 60 लाख वाहनों की वैध आयु पूरी हो चुकी है जबकि एनसीआर में वैध वाहनों के दायरे से बाहर जा चुके सड़क पर चलने वाले वाहनों की तादाद करीब 25 लाख पहुंच चुकी है।

दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में अवैध वाहनों की आवाजाही काफी ज्यादा

इस पर खंडपीठ ने कहा कि एएसजी ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में अवैध वाहनों की आवाजाही की बड़ी तादाद बताई है। हम वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर विचार करने के दौरान इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी करेंगे।

कोर्ट ने तीन महीने का दिया समय

सर्वोच्च अदालत ने केंद्र को इसके आगे निर्देशित किया है कि वह रिमोट सेंसिंग तकनीक के इस्तेमाल को लेकर तीन महीने में अपना अध्ययन पूरा करें। ताकि वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण रखा जा सके। खंडपीठ ने कहा कि बुधवार से ही तीन माह के अंदर इस अध्ययन को पूरा करना है।

रिमोट सेंसिंग मामले में ध्यान केंद्रित करने को कहा गया है। इस शोध को पूरा करने के लिए भारत सरकार ने दस से बारह महीनों का समय मांगा है। भाटी ने कहा कि फास्ट टैग प्रणाली अस्तित्व में आ चुकी है। इसलिए अब और समय चाहिए। एमसी मेहता मामले में वर्ष 1984 से सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में प्रदूषण के संकट को लेकर क्षेत्र की निगरानी कर रहा है।

निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करना राज्य का कर्तव्य: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करने के राज्य के कर्तव्य को रेखांकित किया। इसके साथ ही एक मामले में गवाहों पर दबाव डालने के मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक राजेंद्र भारती के आरोपों की बेहतर जांच का निर्देश दिया।

जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्ज्ल भुइयां की पीठ ने भारती के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की दलीलों पर विचार किया, जिन्होंने दावा किया कि मामले में बचाव पक्ष के गवाहों को धमकी देने का प्रयास किया गया था।

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, 'यह राज्य का कर्तव्य है कि वह निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करे, जो संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रदत्त अधिकारों का एक अनिवार्य हिस्सा है। इसलिए हम निर्देश देते हैं कि बेहतर जांच की जाए और आज से एक महीने के अंदर इस अदालत को रिपोर्ट सौंपी जाए।'

कांग्रेस विधायक राजेंद्र भारती ने लगाए आरोप

भारती ने दावा किया है कि मध्य प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री और भाजपा नेता नरोत्तम मिश्रा जिला लोक अभियोजक और अतिरिक्त जिला लोक अभियोजक के साथ मिलीभगत से मुकदमे को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। एक बैंक प्रबंधक ने भारती पर एक खाते में धोखाधड़ी के आरोप में शिकायत दर्ज कराई थी। भारती ने अपनी मां के नाम पर जिला सहकारी ग्रामीण बैंक में कथित तौर पर धनराशि जमा की थी।

आर्थिक अपराधों में षडयंत्र की गहरी जड़ें : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि आर्थिक अपराध एक अलग श्रेणी में आते हैं। इनमें गहरे षडयंत्र और सार्वजनिक धन का बड़ा नुकसान शामिल होता है, इसलिए इन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए। जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पीबी वराले की पीठ ने कहा कि अग्रिम जमानत देना निश्चित रूप से नियम नहीं है।

वे अग्रिम जमानत के हकदार नहीं

अदालत ने कहा कि जो आरोपित लगातार अदालत में उपस्थित न होकर कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करने से बचते हैं और कार्यवाही को बाधित करने के लिए खुद को छिपाते हैं, वे अग्रिम जमानत के हकदार नहीं हैं। पीठ ने कहा- ''यदि समाज में कानून का राज स्थापित करना है तो हर व्यक्ति को कानून का पालन करना होगा, कानून का सम्मान करना होगा।''

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Weather: दिल्ली में कहर बरपा रही गर्मी, राजस्थान में पारा 46 के पार; यूपी के कई जिलों में हो रही तेज बारिश

Dainik Jagran - National - April 10, 2025 - 6:53am

जागरण टीम, नई दिल्ली। पूरा उत्तर और मध्य भारत भीषण गर्मी की चपेट में है। राजस्थान के बाड़मेर में पारा 46 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच गया तो दिल्ली में रातें भी गर्म हो रही हैं। राजधानी में मंगलवार की रात का तापमान तीन वर्ष में अप्रैल का सर्वाधिक 25.6 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं, यूपी के कई जिलों में बारिश हो रही है। मैनपुरी में सुबह से ही तेज बारिश हुई।

कुछ राज्यों में गर्मी कहर बरपा रही

गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में लू की स्थिति के बीच कम से कम 26 स्थानों पर पारा 43 या उससे ऊपर रहा। हालांकि मौसम विभाग ने गुरुवार से अगले पांच दिन तक लू नहीं चलने का पूर्वानुमान जारी किया है। पश्चिमी विक्षोभ के असर से तापमान में गिरावट के साथ बूंदाबांदी या हल्की वर्षा हो सकती है।

शुक्रवार को भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति बनी रहेगी। कई राज्यों से इतर उत्तर प्रदेश में मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है। कुछ जिलों में गर्मी कहर बरपा रही है तो कई जिलों में हल्की बूंदाबांदी हो रही है।

तराई क्षेत्रों में बारिश के साथ ओले भी गिरे

बुधवार को प्रयागराज, फतेहपुर, बांदा, झांसी, हमीरपुर, आगरा, अलीगढ़ और बुलंदशहर जैसे जिलों में पारा 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच गया। सबसे अधिक 42.3 डिग्री सेल्सियस तापमान झांसी में रिकॉर्ड किया गया। तराई क्षेत्रों में बारिश के साथ ओले भी गिरे हैं।

राजस्थान में पिलानी में 44.9 डिग्री सेल्सियस, फलौदी और चुरू में क्रमश: 43.8 डिग्री सेल्सियस और 43.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। गुजरात के राजकोट में 45.2, अमरेली में 44.3 डिग्री सेल्सियस और सुरेंद्रनगर में 43.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।

महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश का ऐसा है हाल

महाराष्ट्र में अकोला और जलगांव में अधिकतम तापमान 43.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मध्य भारत के रतलाम में सामान्य से 6.3 डिग्री अधिक 44.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि होशंगाबाद में 43.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

मौसम विभाग ने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से उत्तर-पश्चिम भारत में चल रही गर्मी 10 अप्रैल से कम होने की संभावना है, जबकि गुजरात और मध्य प्रदेश में 11 अप्रैल से गर्मी कम होने की संभावना है।

कश्मीर में बर्फबारी

वर्षा तो जम्मू में तेज धूप कर रही बेहालपश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के चलते कश्मीर में बर्फबारी और बारिश तो जम्मू में तेज धूप बेहाल कर रही है। बुधवार को कश्मीर के उच्च पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी और मैदानी क्षेत्रों में वर्षा हुई।

जम्मू में अधिकतम तापमान 37.0 डिग्री

कई दिनों से शुष्क मौसम के बीच सामान्य से कई डिग्री ऊपर गए तापमान में फिर से गिरावट आई है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान बर्फबारी और बारिश की संभावना जताई है। जम्मू में अधिकतम तापमान 37.0 डिग्री तो न्यूनतम तापमान 24.1 दर्ज किया।

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आज भारत आएगा मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा, 26/11 हमले के पीड़ित बोले- उसे कसाब की तरह न पालें

Dainik Jagran - National - April 10, 2025 - 6:53am

एएनआई, मुंबई। 26/11 मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड आतंकी तहव्वुर राणा आज भारत पहुंच सकता है। वहीं, मुंबई हमलों की पीड़िता देविका नटवरलाल रोटावन ने कहा कि यह भारत के लिए आतंकवाद के खिलाफ सबसे बड़ी जीत है और उन्होंने भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकारों के प्रति आभार व्यक्त किया।

पीड़ितों ने की राणा के लिए मृत्युदंड की मांग

26/11 हमले की एक पीड़ित देविका रोटावन ने 64 वर्षीय पाकिस्तानी कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर खुशी जाहिर की और भारत एवं अमेरिका की सरकारों को इसके लिए धन्यवाद दिया। साथ ही उन्होंने राणा के लिए फांसी की सजा की मांग की।

राणा को जेल में जिंदा रखकर नहीं छोड़ना चाहिए

देविका सीएसएमटी स्टेशन पर हुए हमले की प्रमुख गवाह थी और उन्होंने ही आतंकी अजमल कसाब की पहचान की थी। ताज महल पैलेस होटल में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में बलिदान हुए स्टेट रिजर्व पुलिस फोर्स के कांस्टेबल राहुल शिंदे के पिता सुभाष शिंदे ने भी कहा कि उसे जेल में जिंदा रखकर नहीं छोड़ना चाहिए। उसे फांसी पर लटका देना चाहिए।

तहव्वुर राणा को जेल में बिरयानी देने की जरूरत नहीं

इसी के साथ मुंबई के 'चाय वाले' मोहम्मद तौफीक, जिसकी सतर्कता ने 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों के दौरान लोगों की जान बचाई थी, उन्होंने कहा कि भारत को तहव्वुर राणा को सेल, बिरयानी और सुविधाएं देने की कोई जरूरत नहीं है, जो मुंबई हमलों में शामिल आतंकवादियों में से एक अजमल कसाब को दी गई थीं।

26/11 हमले में राणा की भूमिका

मुंबई क्राइम ब्रांच द्वारा दायर 405 पन्नों के पांचवें पूरक आरोपपत्र में 26/11 आतंकी हमले में राणा की संलिप्तता का उल्लेख किया गया है। इसके अनुसार, राणा ने 11 नवंबर से 21 नवंबर, 2008 तक भारत में प्रवास के दौरान सह-साजिशकर्ता की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। साक्ष्य पुष्टि करते हैं कि राणा 20 और 21 नवंबर, 2008 को मुंबई में था और पवई के एक होटल में ठहरा था।

हमलों से कुछ दिन पहले चीन भाग गया था राणा

हमलों से कुछ दिन पहले वह दुबई के रास्ते बीजिंग चला गया था। पूरी जांच के दौरान मुंबई क्राइम ब्रांच ने 14-15 महत्वपूर्ण गवाहों से साक्ष्य एकत्र किए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राणा के डेविड हेडली से संबंध होने के पर्याप्त सबूत हैं, जो हमलों की योजना बनाने में भी शामिल था।

राणा पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के साथ समन्वय करने और हमले में शामिल लश्कर-ए-तैयबा के गुर्गों को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करने का आरोप है।

राणा ने शहर में भीड़भाड़ वाली जगहों पर लोगों से की थी चर्चा

क्राइम ब्रांच ने पाया कि अपने प्रवास के दौरान राणा ने शहर में भीड़भाड़ वाली जगहों के बारे में उस होटल के कर्मचारियों से चर्चा की थी, जहां वह ठहरा हुआ था। इनमें से कुछ जगहों को बाद में हमलावरों ने निशाना बनाया था, जिसमें सीएसएमटी भी शामिल है।

इसके अलावा, पुलिस ने राणा और डेविड कोलमैन हेडली के बीच ईमेल के आदान-प्रदान को उजागर किया। हेडली ने राणा से एक शिवसेना कार्यकर्ता के बारे में पूछा था, जिससे उसने अपनी मुंबई यात्रा के दौरान सहायता मांगी थी।

राणा ने पाकिस्तानी हैंडलर से ली थी बचने की सलाह

अपने जवाब में राणा ने हेडली को पाकिस्तान के 26/11 के हैंडलरों में से एक मेजर इकबाल से परामर्श करने की सलाह दी। क्राइम ब्रांच ने शिवसेना कार्यकर्ता का बयान भी दर्ज किया था, जिसने पुष्टि की थी कि हेडली ने शिवसेना भवन के पास उससे मुलाकात की थी। उसने हेडली को एक पर्यटक माना था जो शिवसेना भवन और मातोश्री जाना चाहता था।

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कैसे लिखी गई 26/11 हमले की कहानी, 21 नवंबर को कहां-कहां गया तहव्वुर राणा? भारत आते ही खुल जाएंगे सारे राज

Dainik Jagran - National - April 9, 2025 - 10:37pm

नीलू रंजन, नई दिल्ली। मुंबई आतंकी हमले में अहम भूमिका निभाने वाला आतंकी तहव्वुर राणा कभी भी भारत पहुंच सकता है। भारत में प्रत्यर्पण रोकने के सभी कानूनी विकल्प खत्म होने के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने राणा को भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया है। भारत में पहुंचते ही राणा को मुंबई हमले की जांच कर रही एनआईए अपनी कस्टडी में लेकर पूछताछ करेगी। लेकिन इसके साथ ही खुफिया ब्यूरो और रिसर्च एंड एनलाइसिस विंग (रॉ) भी राणा से पूछताछ करने की तैयारी में जुटी है।

भारत पर आतंकी हमलों की साजिश

उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, भारत में कुछ और आतंकी हमलों में राणा की भूमिका के सबूत मिले हैं। इन मामलों में राणा के खिलाफ नई एफआईआर दर्ज की जा सकती है। इसके साथ ही एजेंसी आईएसआई के साथ मिलकर भारत पर आतंकी हमलों की साजिश रचने के मामले में भी नई एफआईआर दर्ज करने पर विचार कर रही है।

कास्टडी के बाद होंगे कई खुलासे
  • वैसे आईएसआई के बहुत करीबी रहे और भारत में आतंकी गतिविधियों को संचालित करने में मदद करने वाले तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण के बारे में एनआईए या अन्य सुरक्षा एजेंसियों का कोई भी अधिकारी खुलकर बोलने के तैयार नहीं है।
  • एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एक बार भारत की धरती पर आ जाने और एनआईए को उसकी कस्टडी मिल जाने के बाद ही उसके बारे में जानकारी दी जाएगी।
  • उनके अनुसार, राणा की सुरक्षा के लिए उसके प्रत्यर्पण में बहुत गोपनीयता बरती जा रही है। उनके अनुसार फिलहाल राणा भारतीय अधिकारियों के पास है और उसे विशेष विमान से सुरक्षा के पूरे इंतजाम के साथ भारत लाया जाएगा।
  • माना जा रहा है कि उसे मुंबई के अति सुरक्षित आर्थर रोड जेल में रखा जाएगा। जहां पहले आतंकी अजमल कसाव और गैंगस्टर अबू सलेम को रखा गया था, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि तहव्वुर राणा पाकिस्तान के कथित 'नॉन इस्टेट एक्टर' और 'इस्टेट एक्टर' के संबंधों के बारे में अहम जानकारी दे सकता है और मुंबई हमले में 'इस्टेट एक्टर' की भूमिका भी उजागर कर सकता है।

पाकिस्तान का सच भी होगा उजागर

ध्यान देने की बात है कि मुंबई हमले के बाद पाकिस्तान ने इसे 'नॉन इस्टेट एक्टर' की कारस्तानी बताकर पल्ला झाड़ लिया था। इसके अलावा अन्य आतंकी हमलों में भी पाकिस्तान का यही रवैया रहा है। पहली बार 'नॉन इस्टेट एक्टर' और 'इस्टेट एक्टर' के बीच की कड़ी की भूमिका निभाने वाला राणा भारत के कब्जे में आया है।

13 नवंबर से 21 नवंबर के बीच कहां था तहव्वुर राणा

एनआईए को आशंका है कि मुंबई हमले में राणा की भूमिका हेडली की फंडिंग से कहीं ज्यादा थी। 26 नवंबर 2008 में हमले के ठीक पहले 13 नवंबर से 21 नवंबर के बीच राणा अपनी पत्नी समराज राणा अख्तर के साथ भारत के दौरे पर था और इस दौरान वह दिल्ली के साथ ही उत्तर प्रदेश के आगरा व हापुड़, केरल के कोचि, गुजरात के अहमदाबाद और मुंबई भी गया था।

आईएसआई के मौजूदा आतंकी नेटर्क के बारे में जानकारी

हमले की ठीक पहले इन जगहों पर राणा क्यों गया और वहां किन-किन लोगों से मिला यह जानना जरूरी है। वैसे राणा 2009 में ही अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया था। इसीलिए आईएसआई के मौजूदा आतंकी नेटर्क के बारे में उसे जानकारी नहीं होगी।

लेकिन पुराने नेटवर्क और आतंकी फंडिंग के आईएसआई के तौर-तरीके में अहम जानकारी मिलने की उम्मीद है। यही कारण आईबी और रॉ जैसी एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी भी राणा से पूछताछ की तैयारी कर रहे हैं।

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'सरकार तीन महीने में ले फैसला', पैकेज्ड फूड पर चेतावनी लेबल को लेकर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश

Dainik Jagran - National - April 9, 2025 - 10:28pm

 पीटीआई, नई दिल्ली। पैकेज्ड फूड पर चेतावनी लेबल लगाने की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह अगले तीन महीनों में सिफारिशों को लागू करे।

कोर्ट ने इसी अवधि में वार्निंग लेबलिंग और डिस्प्ले रेगुलेशन, 2020 में संशोधन पर फैसला लेने को कहते हुए याचिका का निस्तारण कर दिया है।

जस्टिस जेबी पार्डीवाला और आर.महादेवन की खंडपीठ ने पैकेज्ड फूड के पैकेट पर चेतावनी की मांग करने वाली पब्लिक चेरिटेबिल ट्रस्ट थ्रीएस एंड आवर हेल्थ सोसाइटी की याचिका में कहा गया कि नागरिकों को ग्रहण किए जाने वाले खाद्य पदार्थों की पूर्ण जानकारी के आधार पर अपने निर्णय लेने का अधिकार है।

हितधारकों सहित जनता की शिकायतों को सुनी गई

जस्टिस पार्डीवाला ने कहा कि वह विशेषज्ञ समिति को तीन महीने में अपनी सिफारिशें देने के निर्देश के साथ ही इस याचिका का निस्तारण कर रहे हैं।

इस मामले की जब सुनवाई हुई तो केंद्र ने हलफनामे की ओर कोर्ट का ध्यान आकर्षित किया, जिसमें कहा गया है कि हितधारकों सहित जनता से आपत्तियों के रूप में लगभग 14,000 टिप्पणियां प्राप्त हुई हैं और केंद्र वार्निंग लेबलिंग और डिस्प्ले रेगुलेशन 2020 में संशोधन करने का फैसला किया है।

जनहित याचिका में केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पैकेज्ड खाद्य पदार्थों (फ्रंट-आफ-पैकेज वार्निंग लेबल) के कार्यान्वयन को अनिवार्य बनाने का निर्देश देने के लिए न्यायिक हस्तक्षेप की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि डब्बाबंद खाद्यान्नों में नमक, चीनी की अत्यधिक मात्रा मधुमेह, मोटापा और हृदय रोग और कुछ प्रकार के कैंसर से लोगों को पीड़ित कर देती है। हर चार में से एक भारतीय ऐसे रोगों से प्रभावित है।

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तहव्वुर राणा को ला रही फ्लाइट ने US से भरी उड़ान, किस जेल में बंद रहेगा 26/11 हमले का मास्टरमाइंड?

Dainik Jagran - National - April 9, 2025 - 10:10pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा अगले कुछ घंटों में भारत की जमीन पर होगा। अमेरिका के स्पेशल विमान से राणा भारत आ रहा है। भारतीय समयानुसार, आज शाम 7:10 बजे इस विमान ने अमेरिका से उड़ान भरी है।

भारत कई वर्षों से तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा था। दिसंबर 2019 में भारत ने राणा के प्रत्यर्पण का अनुरोध करते हुए अमेरिका को एक राजनयिक नोट पेश किया, जिसके बाद 10 जून, 2020 को एक औपचारिक शिकायत की गई, जिसमें प्रत्यर्पण प्रक्रिया को सही बनाने के लिए उसकी गिरफ्तारी की मांग की गई। आखिरकार, फरवरी 2025 में भारत को सफलता मिली।

आइये जानते हैं कि कौन है तहव्वुर राणा और मुंबई आतंकी हमले में उसकी क्या भूमिका थी?

  • तहव्वुर राणा 64 वर्षीय तहव्वुर राणा का जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत साहीवाल जिले में हुआ था। मेडिसिन की पढ़ाई पूरी करके उसने पाकिस्तान की सेना की मेडिकल का‌र्प्स में काम किया। 1998 में वह सेना की नौकरी छोड़ कर कनाडा चला गया और बाद में उसे वहां की नागरिकता मिल गई। कनाडा में उसने आव्रजन सेवाएं शुरू मुहैया कराने का अपना बिजनेस शुरू किया। इसके बाद वह अमेरिका चला गया और शिकागो में अपना ऑफिस बनाया।
  • राणा 2008 में हुई मुंबई आतंकी हमले के मुख्य साजिशकर्ता डेविल हेडली का करीबी सहयोगी है। हेडली अमेरिका का नागरिक है। ऐसे आया हेडली के संपर्क में हेडली के पिता पाकिस्तानी और मां अमेरिकी थी। हेडली और राणा बचपन के दोस्त हैं। हेडली के जन्म के कुछ समय बाद उसका परिवार पाकिस्तान चला गया। अटक जिले में हसन अब्दाल सिटी के एक स्कूल में उसने प्रवेश लिया। यहीं पर उसकी राणा से दोस्ती हुई। 26/11 मुंबई आतंकी हमले में भूमिका 26/11 हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक डेविड कोलमैन हेडली ने राणा के खिलाफ गवाही दी थी।
  • अमेरिका में पूछताछ के दौरान, हेडली ने खुलासा किया था कि उसने 2007 और 2008 के बीच पांच बार भारत की यात्रा की थी और मुंबई हमलों के लिए रेकी की थी। राणा ने उसे पांच वर्ष का वीजा दिलवाया था। हेडली ने मुंबई हमलों में आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा की भूमिका का भी खुलासा किया और कहा कि उसने राणा की मदद से अपनी पहचान छिपाने के लिए एक इमिग्रेशन कंपनी खोली थी। हमले की तैयारी के लिए राणा अपनी पत्नी के साथ मुंबई आया और ताज होटल में रुका, जो बाद में हमलों का लक्ष्य बन गया।
  • वह उत्तर प्रदेश के हापुड़, दिल्ली, आगरा, कोच्चि, अहमदाबाद भी गया। प्रत्यर्पण के बाद क्या होगा एनआइए के अधिकारियों का कहना है कि जरूरी कानूनी प्रक्रिया के बाद राणा को एनआइए की हिरासत में रखा जाएगा। एजेंसी उससे 26/11 हमले में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ की भूमिका की जांच के लिए और सवाल किए जाएंगे। उम्मीद है कि उससे पूछताछ के बाद नए तथ्य सामने आ सकते हैं।
  • एनआइए के अधिकारी उसे तिहाड़ जेल के उच्च स्तर की सुरक्षा वाले सेल में रखने के विकल्प पर भी विचार कर रहे हैं। राणा से पूछताछ होने पर एजेंसी को यह जानने में भी मदद मिलेगी कि उसने भारत के उत्तरी और दक्षिणी हिस्से की यात्रा क्यों की थी। मुंबई हमले की जांच के दौरान लश्क ए तैयबा और हरकत- उल- जिहाद- अल- इस्लामी के आतंकियों की भूमिका भी सामने आई थी। इन सभी आतंकियों को आइएसआइ के अधिकारी मेजर इकबाल उर्फ मेजर अली, मेजर समीर अली उर्फ मेजर समीर की मदद मिल रही थी और वे सभी मिल कर आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए काम कर रहे थे।
  • एनआइए की विशेष अदालत, पटियाला हाउस इन सभी आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर चुकी है। एनआइए के अनुरोध पर अमेरिका की एजेंसियों ने डेविड हेडली और तहव्वुर राणा को आतंकी हमले के मामले में गिरफ्तार किया था। बाकी भगोड़ों के खिलाफ इंटरपोल और सीबाआइ ने रेड कार्नर नोटिस जारी किया।

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Waqf Bill: नये वक्फ कानून से बदलेगी मुकदमेबाजी की तस्वीर, जानिए संपत्तियों के विवाद कैसे सुलझेंगे

Dainik Jagran - National - April 9, 2025 - 9:09pm

माला दीक्षित, नई दिल्ली। नया वक्फ कानून लागू हो गया है और नये कानून में वक्फ ट्रिब्युनल के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दाखिल करने का अधिकार दिया गया है जो कि वक्फ संपत्तियों के विवादों में मुकदमेबाजी की तस्वीर बदलेगा। अब तक हाईकोर्ट को ट्रिव्यूनल के आदेश की सिर्फ प्रक्रिया भर आंकने का अधिकार था, समीक्षा का नहीं।

बहुत से लोग नये वक्फ कानून में हाई कोर्ट में अपील दाखिल करने के दिए गए अधिकार पर कहते हैं कि पहले भी हाई कोर्ट में रिट दाखिल की जा सकती थी और हाई कोर्ट उस रिट पर सुनवाई करते हुए ट्रिब्युनल के आदेश को निरस्त कर सकता था, इसलिए इसमें नया क्या है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के वकील ज्ञानंत सिंह कहते हैं कि रिट और अपील के क्षेत्राधिकार में अंतर है।

90 दिन में हाईकोर्ट में दी जा सकती है चुनौती

इलाहाबाद हाई कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश एसआर सिंह भी कहते हैं कि रिट पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ट्रिब्युनल में पेश किये गये साक्ष्यों की समीक्षा नहीं कर सकता। वह सिर्फ यह देख सकता है कि ट्रिब्युनल ने आदेश देने में जो प्रक्रिया अपनाई थी वह सही थी कि नहीं। नये कानून में ट्रिब्युनल के आदेश को 90 दिन के भीतर उच्च न्यायालय में अपील दाखिल कर चुनौती दी जा सकती है। जबकि पुराने कानून में ट्रिब्युनल का आदेश अंतिम था उसके खिलाफ अपील दाखिल नहीं की जा सकती थी।

हाई कोर्ट स्वत: संज्ञान लेकर, या बोर्ड द्वारा आवेदन पर अथवा पीड़ित पक्ष की याचिका पर मामलों पर विचार कर सकता था। लेकिन हाई कोर्ट मामले पर सुनवाई रिट क्षेत्राधिकार में करता। मामले को अपील की तरह नहीं सुन सकता था जो कि अब सुन सकता है। वक्फ कानून में संशोधन की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि ऐसे कई मामले सामने आए जिसमें वक्फ भूमि के दुरुपयोग और दूसरों की संपत्ति का अवैध अधिग्रहण उजागर हुआ।

वक्फ बोर्ड ने पूरे पूरे गांवों को वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया था। कुछ उदाहरणों पर नजर डालें तो अगस्त 2024 में बिहार सुन्नी वक्फ बोर्ड ने बिहार के गोविंदपुर में एक पूरे गांव के स्वामित्व का दावा किया जिससे कानूनी लड़ाई हुई। सितंबर 2024 में केरल में लगभग 600 ईसाई परिवारों की पैतृक संपत्ति को वक्फ होने का दावा किया गया और केरल के इन ईसाई परिवारों ने अपनी पैतृक भूमि पर वक्फ बोर्ड के दावे का विरोध किया।

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पीएम कृषि सिंचाई योजना को लेकर आया बड़ा अपडेट, 1600 करोड़ रुपये होंगे खर्च; जानिए किसे मिलेगा फायदा

Dainik Jagran - National - April 9, 2025 - 8:22pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कृषि में सिंचाई के तौर-तरीकों में सुधार की दिशा में कदम बढ़ाते हुए केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को कमांड एरिया डेवलपमेंट एंड वाटर मैनेजमेंट (एम-सीएडीडब्ल्यूएम) के आधुनिकीकरण के बड़े कार्यक्रम को मंजूरी दे दी। अब यह कार्यक्रम पीएम कृषि सिंचाई योजना की एक उपयोजना के रूप में खेती में पानी के बेहतर इस्तेमाल का ढांचा तैयार करने में सहयोग देगा।

शुरुआत में इस पर 1600 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसका उद्देश्य नहर जैसे खुले स्त्रोतों से पानी को अंडरग्राउंड पाइपलाइन के जरिये खेतों तक जरूरत के अनुसार पहुंचाया जाएगा। सिंचाई के लिए उपयोग होने वाले पानी के नेटवर्क के आधुनिकीकरण के लिए यह अहम पहल है।

नहर से खेतों तक आएगा पानी

कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस कदम से किसानों को लघु सिंचाई का मजबूत ढांचा उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। इससे एक हेक्टेयर तक की जमीन को सिंचित करने के लिए पानी को नहर जैसे स्त्रोतों से पाइपों के जरिये खेतों तक लाने में मदद मिलेगी।

वाटर यूजर सोसाइटियों को ही इसके प्रबंधन की जिम्मेदारी दी जाएगी। इन सोसाइटियो को एफपीओ और पैक्स जैसे मौजूदा उपक्रमों से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार मदद देगी। सरकार ने एक बयान में यह भी कहा है कि युवाओं को खेती से जोड़ने की दिशा में भी यह योजना सहायता प्रदान करेगी, क्योंकि इसके जरिये वे सिंचाई के आधुनिक तौर-तरीकों को सीख सकेंगे।

कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति ने शुरुआत में इससे संबंधित पूरे देश में पायलट प्रोजेक्टों को अपनी मंजूरी दे दी है। इन प्रोजेक्टों के अनुभव के आधार पर कमांड एरिया डेवलपमेंट एंड वाटर मैनेजमेंट का राष्ट्रीय प्लान अप्रैल 2026 में जारी किया जाएगा।

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राज्यों के लिए पंचायत विकास का रोडमैप बनेगा पंचायत एडवांसमेंट इंडेक्स, मंत्रालय ने साझा की रिपोर्ट

Dainik Jagran - National - April 9, 2025 - 8:10pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पंचायतीराज मंत्रालय द्वारा पहली बार बनाए गए पंचायत एडवांसमेंट इंडेक्स ने देश की समग्र तस्वीर दिखा दी है, लेकिन राज्य अब इसका उपयोग दर्पण के रूप में करते हुए ग्राम पंचायतों की सूरत संवार सकते हैं। चूंकि, स्थानीय स्तर पर पंचायतों की प्रगति धरातल पर आंकने का ऐसा कोई सफल फॉर्मूला अब तक सामने नहीं आया है, इसलिए केंद्र सरकार चाहती है कि राज्य इस प्रक्रिया को अपनाएं।

साथ ही संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में कमियों को चिन्हित कर एक्शन प्लान बनाएं। पंचायतों के विकास के लिए केंद्र की ओर से केंद्रीय वित्त आयोग की निधि अवश्य दी जाती है, लेकिन पंचायतों का विकास राज्यों का विषय है।

राज्यों से साझा की जाएगी रिपोर्ट

2023-24 के डाटा के आधार पर जारी पहली रिपोर्ट में भी दक्षिण के राज्यों का दबदबा दिखाई दिया। हालांकि, ए प्लस श्रेणी में कोई भी राज्य अपनी जगह नहीं बना सका है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस रिपोर्ट में सत्यापित डाटा के आधार पर यह सामने आ चुका है कि किस विकास की किस थीम पर किस राज्य की किस पंचायत ने कितना काम किया है और अब क्या काम करने की आवश्यकता है।

यह रिपोर्ट राज्यों के साथ साझा कर उनसे आग्रह किया जाएगा कि वह अपनी पंचायतों का रिपोर्ट कार्ड देखकर जिला या ब्लॉक स्तर पर भी विकास की रणनीति बना सकते हैं। जिस पंचायत ने जिस थीम में अच्छा काम किया है, उसे बेस्ट प्रेक्टिस के रूप में चिन्हित कर अन्य पंचायतों में लागू कराया जा सकता है।

इतना ही नहीं, चूंकि अभी तक स्थानीय स्तर पर पंचायतों के प्रदर्शन को आंकने का कोई फॉर्मूला सामने नहीं आया है, इसलिए राज्य इस प्रक्रिया को राज्य स्तर पर अपना सकते हैं और पंचायतों को अपने तरीके से प्रोत्साहित कर सकते हैं। केंद्र सरकार भी बेहतर प्रदर्शन करने वाली पंचायतों को प्रोत्साहन देगी।

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