National News
मिडिल क्लास के लिए RBI ने सुना दी गुड न्यूज, ऑटो और होम लोन होगा सस्ता, EMI भी होगी कम
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। ट्रंप प्रशासन की टैरिफ नीति से वैश्विक आर्थिकी में जिस तरह की अफरा-तफरी फैली है, उसे देखते हुए आरबीआई भारत की अर्थव्यवस्था की रफ्तार को तेज बनाए रखने के लिए ज्यादा सक्रिय भूमिका निभाएगा।
यही वजह है कि बुधवार को आरबीआइ गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में हुई मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा बैठक में इस साल लगातार दूसरी बार रेपो रेट (बैंकों के ब्याज दरों को तय करने वाला मानक दर) में 25 आधार अंकों (0.25 प्रतिशत) की कटौती करने का फैसला किया गया।
सस्ते हो सकते हैं ऑटो और होम लोनफरवरी, 2025 में भी इतनी ही कटौती की गई थी। इस तरह से इस साल रेपो रेट 6.50 प्रतिशत से घटकर अब छह प्रतिशत पर आ चुकी है। इससे आने वाले दिनों में ऑटो और होम लोन सस्ते हो सकते हैं। वहीं, आपकी ईएमआइ भी घटेगी। इससे आम जनता को मासिक किस्त में राहत मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।
संजय मल्होत्रा ने मौद्रिक नीतियों को लेकर आरबीआइ के रुख को अर्थव्यवस्था के लिए उदारवादी बनाने की बात कही है। यानी आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए आगे भी ब्याज दरों में कटौती की संभावना है। अभी तक आरबाआइ का रुख तटस्थ था।
मैं संजय हूं, महाभारत का संजय नहीं: संजय मल्होत्रामल्होत्रा से जब आरबीआऊ के नए रुख के बारे में पूछा गया तो उनका जवाब था कि केंद्रीय बैंक आने वाली समीक्षा नीतियों के जरिये या तो ब्याज दरों को इसी स्तर पर रखेगा या फिर इनमें कटौती करेगा। आगे नीतियों की दिशा ब्याज दरों को लेकर नीचे की तरफ (घटाने की तरफ संकेत) रहेगा। यह कहां जाकर रुकेगा, अभी नहीं कहा जा सकता। मैं संजय हूं, महाभारत का संजय नहीं हूं जो बहुत दूर की देख सके।
आरबीआई के इस बदले रुख के बारे में विशेषज्ञ अमेरिका की नई शुल्क नीति की वजह से वैश्विक स्तर पर छाई अनिश्चितता को मान रहे हैं। आरबीआइ अभी भारत की विकास दर की रफ्तार को बनाए रखना जरूरी मान रहा है। मल्होत्रा भी मान रहे हैं कि मौजूदा माहौल में विकास दर के मोर्चे पर वैश्विक कारोबार घटने और नीतिगत अनिश्चितता से कई चुनौतियां पैदा हो सकती हैं।
लिहाजा उन्होंने वर्ष 2025-26 के लिए भारत के आर्थिक विकास दर लक्ष्य को पहले से घोषित 6.7 प्रतिशत से घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है। रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए महंगाई के अनुमान को 4.2 प्रतिशत से घटाकर चार प्रतिशत कर दिया है।
इसमें अच्छी कृषि और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट को ध्यान में रखा गया है। हालांकि, जिस तरह से हालात बन रहे हैं, उससे आरबीआइ ने सचेत व चौकस रहने की बात भी कही है।रेपो रेट में लगातार दो बार कटौती और एसडीएफ (स्टैंडिंग डिपोजिट फैसिलिटी-वह दर जिस पर आरबीआइ बैंकों की तरफ से अतिरिक्त फंड जमा करने पर ब्याज देता है) को घटाकर आरबीआइ ने 5.75 प्रतिशत कर दिया है।
इन दोनों फैसलों से बैंक अपने फंड का इस्तेमाल कर्ज वितरण में करने के लिए लगाएंगे। फरवरी, 2025 में जब तकरीबन पांच वर्षों में रेपो रेट घटाकर 6.25 प्रतिशत किया गया था, उसका अभी तक असर खुदरा कर्ज की दरों पर नहीं दिखा है। एचडीएफसी बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के बैंकिंग सिस्टम में अभी 1.33 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त फंड है, जिसे कर्ज के तौर पर वितरित किया जा सकता है।
बैंक ऑफ इंडिया और यूको बैंक ने आरबीआइ द्वारा नीतिगत दर में कटौती के निर्णय के कुछ ही घंटों के भीतर ऋण दर में 25 आधार अंकों की कटौती की घोषणा की है। अन्य बैंकों द्वारा भी जल्द ही इसी तरह की घोषणा किए जाने की उम्मीद है। दोनों बैंकों ने कहा कि आरबीआइ द्वारा रेपो रेट में कटौती के बाद दरों में संशोधन किया गया है।
रेपो रेट का इस तरह पड़ता है असररेपो रेट वह ब्याज दर होती है, जिस पर देश का केंद्रीय बैंक यानी आरबीआइ वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकालिक कर्ज देता है। जब आरबीआइ इस ब्याज दर में कटौती करता है, तो बैंकों को सस्ता कर्ज मिलता है। इसके बाद बैंक भी सस्ते ब्याज दर पर लोन देने लगते हैं। आम भाषा में कहें तो रेपो रेट कम होने पर होम लोन, कार लोन, कमर्शियल लोन या पर्सनल लोन की ईएमआइ में राहत मिल सकती है।
इसका सीधा-सीधा असर मध्य वर्ग परिवारों की जेब पर पड़ता है। आरबीआइ रेपो रेट में बदलाव करके नकदी के प्रवाह पर नियंत्रण करने की कोशिश करता है। यह फैसला महंगाई और अन्य कई चीजों को ध्यान में रखकर लिया जाता है।
यह भी पढ़ें: ट्रंप के टैरिफ से एक्सपोर्ट पर पड़ेगा कितना असर, महंगाई के क्या हैं आसार? RBI गवर्नर ने बताई सारी बात
Tahawwur Rana को फांसी मिलेगी या कुछ और होगी सजा? जानिए भारत आने के बाद सबसे बड़े दुश्मन के साथ क्या होगा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मुंबई 26/11 आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) को आज ( बुधवार) भारत लाया जा सकता है। NIA के इंस्पेक्टर जनरल रैंक के अधिकारी आशीष बत्रा की लीडरशिप में एक मल्टी-एजेंसी टीम तहव्वुर राणा को हिरासत में लेने के लिए रविवार को अमेरिका गई थी। दिल्ली और मुंबई की जेलों को तैयार किया जा रहा है। यहां की जेलों में सुरक्षा व्यवस्था को सख्त किया गया है।
सबसे बड़ा सवाल है कि आखिरकार तहव्वुर राणा को भारत लाने के पीछे भारत सरकार का लक्ष्य क्या है और उसके साथ देश में क्या होगा। जवाब है कि भारत पहुंचने पर तहव्वुर राणा को हिरासत के लिए नई दिल्ली में एनआईए अदालत में पेश किया जाएगा। इसके बाद राणा से पूछताछ की जाएगी। उसे शुरुआती कुछ हफ्तों तक उसके एनआईए की हिरासत में रखा जाएगा।
एनआईए द्वारा पूछताछ किए जाने के बाद मुंबई क्राइम ब्रांच मुंबई हमलों की आगे की जांच के लिए उसकी हिरासत की मांग करेगी। दिल्ली और मुंबई की जेल में उसके लिए हाई सिक्योरिटी की व्यवस्था की गई है। राणा की गतिविधियों पर 24/7 निगरानी रखी जाएगी।
उम्मीद है कि राणा को इस कायराना हमले के लिए कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी। वहीं, राणा के आईएसआई के सदस्यों सहित प्रमुख व्यक्तियों के साथ संबंधों की भी जांच की जाएगी।
आरोप और दंड- राणा पर भारतीय न्याय संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत हत्या, भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश और आतंकवादी कृत्यों के आरोप लगाए गए हैं।
- यदि दोषी ठहराया जाता है, तो उन्हें आजीवन कारावास या मृत्युदंड का सामना करना पड़ सकता है।
- एनआईए राणा को भारत के विभिन्न स्थानों पर ले जाएगी, जिनमें मुंबई का ताज होटल, आगरा, हापुड़, कोच्चि और अहमदाबाद शामिल हैं, जहां उन्होंने और उनकी पत्नी ने हमलों से कुछ हफ्ते पहले दौरा किया था।
- एजेंसी को उम्मीद है कि राणा की पूछताछ से हमलों के पीछे के बड़े नेटवर्क और पाकिस्तान में आतंकवादियों की भूमिका के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी।
ट्रंप के टैरिफ से एक्सपोर्ट पर पड़ेगा कितना असर, महंगाई के क्या हैं आसार? RBI गवर्नर ने बताई सारी बात
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा है कि हाल ही में अमेरिकी सरकार की तरफ से घोषित शुल्क नीति ने वैश्विक अनिश्चतता को बढ़ा दिया है जिसका वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ ही भारत की इकोनॉमी और यहां महंगाई की स्थिति पर भी असर पड़ना तय है।
उन्होंने कहा कि अभी जिस तरह की अनिश्चिता है उससे निवेश भी प्रभावित होती है और उद्योग जगत व आम आदमी का खर्चा संबंधी फैसला भी प्रभावित होता है।
उन्होंने इसका असर देश की आर्थिक विकास दर पर भी पड़ने की बात कही है लेकिन चालू वित्त वर्ष के दौरान कृषि क्षेत्र की स्थिति बेहतर रहने की संभावना है। इससे विकास दर की गिरावट को थामने में मदद मिलेगा।
महंगाई को लेकर आरबीआई ज्यादा आत्मविश्वास में है। हाल के महीनों में महंगाई को नीचे लाने में जो सफलता मिली है, उसकी वजह से केंद्रीय बैंक के लिए ब्याज दरों को लेकर स्पष्ट तौर पर फैसला करने में मदद मिलने की बात गवर्नर मल्होत्रा ने स्वीकार की है।
सालाना विकास दर को लेकर क्या है उम्मीद?- आरबीआई ने वर्ष 2025-26 में सालाना विकास दर 6.5 फीसद रहने का अनुमान लगाया है जो पहले के अनुमान 6.7 फीसद से 0.20 फीसद कम है।
- पहली तिमाही में 6.5 फीसद, दूसरी तिमाही 6.7 फीसद, तीसरी तिमाही में 6.6 फीसद और चौथी तिमाही में 6.3 फीसद की विकास दर की संभावना जताई गई है। लेकिन अभी बहुत कुछ बदल भी सकता है।
गवर्नर मल्होत्रा ने कहा, 'वैश्विक इकोनॉमी की मौजूदा स्थिति असाधारण तौर पर अनिश्चतता से भरी हुई है। अभी मुश्किल यह है कि इस बेहद शोर-शराबे वाले माहौल में सही क्या होगा, इसका संकेत कैसे निकाला जाए? अर्थव्यवस्था को सही दिशा में रखने में मौद्रिक नीति बहुत अहम भूमिका निभा सकता है।'
अमेरिका से कारोबार को लेकर बातचीतआरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा है कि टैरिफ बढ़ने से शुद्ध निर्यात पर नकारात्मक असर होता है। लेकिन अभी कई तरह की अनिश्चितता है, जैसे शुल्क कितना होगा, हमारे निर्यात में किस तरह का बदलाव होता है, आयात मांग कैसी रहती है। भारत सरकार अमेरिका से कारोबार को लेकर बातचीत कर रही है। इससे विपरीत असर को कम किया जा सकता है।
महंगाई को लेकर कोई खास चिंता नहींहालांकि, महंगाई को लेकर आरबीआई अब ज्यादा सकारात्मक दिख रहा है। गवर्नर मल्होत्रा के मुताबिक, वैश्विक कारोबार व अनिश्चितता से वैश्विक विकास दर पर असर पड़ने की आशंका है लेकिन इसका घरेलू महंगाई पर बहुत ज्यादा असर पड़ने को लेकर कोई खास चिंता नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा है कि अगर वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता बढ़ती है तो बाहर से महंगाई देश में प्रवेश कर सकती है लेकिन वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी की वजह से क्रूड व दूसरी जींसों की कीमतों में नरमी आ सकती है।
महंगाई की दरें ज्यादा तेजी से कम हुईइस आधार पर वर्ष 2025-26 के लिए आरबीआई ने महंगाई दर के चार फीसद रहने का लक्ष्य रखा है। वैसे अभी महंगाई की दरें हमारी उम्मीदों से भी ज्यादा तेजी से कम हुई हैं। आरबीआई वैधानिक तौर पर सालाना महंगाई की दर को चार फीसद (अधिकतम दो फीसद उपर या दो फीसद नीचे) पर रखने की कोशिश करता है।
यह भी पढ़ें: 'महाभारत का संजय नहीं, जो भविष्य देख सकूं', RBI गवर्नर Sanjay Malhotra ने क्यों कही ऐसी बात?
भारत ने बंद कर दी बांग्लादेश की दुकान, नेपाल और भूटान सहित इन देशों को नहीं बेच पाएगा सामान
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत ने बांग्लादेश को दी गई ट्रांसशिपमेंट की सुविधा खत्म कर दी है। इससे बांग्लादेश का भूटान, नेपाल और म्यांमार के साथ व्यापार प्रभावित हो सकता है। इस सुविधा के तहत बंदरगाहों और हवाई अड्डों के रास्ते में भारतीय भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों का उपयोग करके बांग्लादेश से तीसरे देशों को निर्यात कार्गो की अनुमति दी गई थी।
मुख्य रूप से परिधान क्षेत्र के भारतीय निर्यातकों ने सबसे पहले सरकार से पड़ोसी देश से यह सुविधा वापस लेने का आग्रह किया था। सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स (सीबीआईसी) ने इस बारे में एक सर्कुलर जारी किया है।
भारत के रास्ते सामान भेजता था बांग्लादेशइसमें बोर्ड ने 29 जून, 2020 के अपने पुराने आदेश को रद कर दिया है। उसमें बांग्लादेश से आने वाले सामान को भारत के रास्ते दूसरे देशों में भेजने की अनुमति दी गई थी। यह सामान जमीन के रास्ते भारतीय बंदरगाहों और हवाई अड्डों तक पहुंचता था। इसका मकसद यह था कि बांग्लादेश आसानी से भूटान, नेपाल और म्यांमार जैसे देशों को सामान भेज सके।
लेकिन शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी आई है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (फियो) के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा, 'अब हमारे पास अपने कार्गो के लिए अधिक हवाई क्षमता होगी।'
नए आदेश के बाद सुविधा बंद- एईपीसी के अध्यक्ष सुधीर सेखरी ने कहा था कि लगभग 20-30 लोडेड ट्रक हर दिन दिल्ली आते हैं, जिससे कार्गो की सुचारू आवाजाही धीमी हो जाती है और एयरलाइंस इसका अनुचित लाभ उठा रही हैं। इससे हवाई मालभाड़े में अत्यधिक वृद्धि हो जाती है।
- ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) का कहना है कि नए आदेश के बाद यह सुविधा तुरंत बंद कर दी गई है। हालांकि जो सामान पहले से ही भारत में आ चुका है, उसे पुराने नियमों के अनुसार बाहर जाने दिया जाएगा।
यह भी पढ़ें: 'मैं अभी भी प्रधानमंत्री हूं', शेख हसीना ने दिए बांग्लादेश की राजनीति में वापसी के संकेत; मोहम्मद यूनुस को दी चेतावनी
PM मोदी ने किया नवकार महामंत्र का जाप, बोले- ये मंत्र नई पीढ़ी के लिए जाप नहीं दिशा है
एएनआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 'नवकार महामंत्र दिवस' कार्यक्रम में शामिल हुए। पीएम मोदी ने अन्य लोगों के साथ 'नवकार महामंत्र दिवस' कार्यक्रम में 'नवकार महामंत्र' का जाप किया। इसके बाद उन्होंने लोगों को संबोधित भी किया। इस दौरान उन्होंने सबसे पहले 9 संकल्पों पर बात की।
उन्होंने कहा साथियों जब आज इतनी बड़ी संख्या में नवकार महामंत्र का जाप किया तो मैं चाहता हूं सब ये 9 संकल्प लेकर जाएं-
कौन-कौन से 9 संकल्प?- अब पहला संकल्प पानी बचाने का संकल्प है।
- फिर उन्होंने कहा दूसरा संकल्प है एक पेड़ मां के नाम।
- तीसरा संकल्प है साफ सफाई का।
- चौथा संकल्प है वोकल पर लोकल। उन्होंने कहा, जिस सामान में भारत की मिट्टी की महक है, हमें उसे खरीदना है और लोगों को भी प्रेरित करना है।
- पांचवां संकल्प- देश दर्शन
- छठां संकल्प-नेचरल फार्मिंग को अपनाना
- सांतवां संकल्प-खेलती लाइफस्टाइल को अपनाना, खानपान में
- आठवां संकल्प- अपनी जिंदगी में योगा और खेल को अपनाइए
- नौंवा संकल्प -गरीबों की मदद करना
इसके बाद पीएम मोदी ने कहा-मैंने लालकिले से कहा है- विकसित भारत यानी विकास भी, विरासत भी। एक ऐसा भारत जो रुकेगा नहीं, ऐसा भारत जो थमेगा नहीं। जो ऊंचाई छुएगा, लेकिन अपनी जड़ों से नहीं कटेगा।
'आध्यात्मिक शक्ति को अब भी अपने भीतर अनुभव कर रहा हूं'पीएम मोदी ने आगे कहा, 'मैं नवकार महामंत्र की इस आध्यात्मिक शक्ति को अब भी अपने अंदर अनुभव कर रहा हूं। कुछ साल पूर्व मैं बंगलूरू में ऐसे ही एक सामुहिक मंत्रोच्चार का साक्षी बना था, आज वही अनुभूति हुई और उतनी ही गहराई में हुई।'
'एकता का संदेश है आयोजन'पीएम ने कहा-नवकार महामंत्र इस विजडम का स्त्रोत बन सकता है, नई पीढ़ी के लिए ये मंत्र जप नहीं दिशा है। ये आयोजन एकता का संदेश बना है, जो कोई भारत माता की जय बोलता है, हमें उसे लेकर जाना है। अंत में अपना संबोधन को विराम देते हुए उन्होंने कहा , मैं जैन समाज, मुनि-महाराज को भी नमन करता हूं।
उन्होंने कहा कि नवकार महामंत्र एक मार्ग है। ऐसा मार्ग जो इंसान को भीतर से शुद्ध करता है, जो इंसान को सौहार्द की राह दिखाता है।
यह भी पढ़ें: 'बोल दूंगा इनकम टैक्स वाले नहीं आएंगे...', मुद्रा योजना के लाभार्थियों से ऐसा क्यों बोले PM मोदी?
कौन है Tahawwur Rana? आज भारत लाया जाएगा देश का सबसे बड़ा दुश्मन! मुंबई व दिल्ली की जेलों में सुरक्षा बढ़ी
आईएएनएस, नई दिल्ली। मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड और देश का सबसे बड़ा दुश्मन आतंकी तहव्वुर राणा आज यानी बुधवार को भारत लाया जा सकता है। दिल्ली और मुंबई की जेलों को तैयार किया जा रहा है। यहां की जेलों में सुरक्षा व्यवस्था को सख्त किया गया है।
बताया जा रहा है कि राणा को भारत में लाने के तुरंत बाद ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दिया जाएगा। कुछ हफ्ते एनआईए उससे हिरासत में पूछताछ करेगी। पाकिस्तानी मूल का तहव्वुर राणा लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य था। उसने 26/11 मुंबई हमले में अमेरिका आंतकी डेविड हेडली की मदद की थी।
राणा के पास कनाडा की नागरिकतातहव्वुर राणा के पास कनाडा की नागरिकता है। उसने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ मिलकर मुंबई हमले की साजिश रची थी। राणा ने दाऊद गिलानी उर्फ डेविड कोलमैन हेडली को भारत की यात्रा करने में मदद पहुंचाई थी।
राणा ने मुंबई हमले में मारे गए आतंकियों को मरणोपरांत सर्वोच्च सैन्य सम्मान देने की मांग पाकिस्तान से की थी। अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ उसने कई बार अमेरिकी अदालतों में गुहार लगाई। मगर सुप्रीम कोर्ट से अपील खारिज होने के बाद भारत आने का रास्ता साफ हो गया।
ट्रंप ने किया था भारत भेजने का एलानपीएम मोदी की फरवरी महीने में अमेरिकी यात्रा के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण का एलान किया था। भारत सरकार 2019 से आतंकी राणा के प्रत्यर्पण की कोशिश में जुटी थी। अमेरिका से तहव्वुर राणा को भारत लाने की निगरानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और गृह मंत्रालय कर रहा है।
हमले से पहले मुंबई भी आ चुका राणाअमेरिकी अदालतों में पेश दस्तावेजों के मुताबिक राणा और डेविड हेडली मुंबई हमलों की साजिश रचने वाले मुख्य शख्स थे। दोनों के आईएसआई अधिकारी मेजर इकबाल से घनिष्ठ संबंध थे। जांच में यह भी सामने आया कि तहव्वुर राणा ने दुबई से मुंबई की यात्रा की थी। पुलिस की जांच रिपोर्ट बताता है कि वह 11 से 21 नवंबर 2008 तक पवई स्थित रेनेसां होटल में ठहरा था। उसके जाने के पांच दिन बाद यानी 26 नवंबर को मुंबई आतंकी हमलों से दहल उठा था।
डिटेंशन सेंटर में बंद है राणाअमेरिका ने साल 2009 में डेविड हेडली को गिरफ्तार किया था। हेडली की मां का संबंध पाकिस्तान से है। वहीं पिता अमेरिकी नागरिक हैं। इस कारण हेडली के पास अमेरिका की नागरिकता है। पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा अभी लॉस एंजिलिस के एक मेट्रोपोलिटन डिटेंशन सेंटर में है। 2011 में राणा को दोषी ठहराया गया था। उसे 13 साल जेल की सजा सुनाई गई थी।
मुंबई हमले में गई थी 166 की जान26 नवंबर 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई पर हमला किया था। ये आतंकी नाव के सहारे देश की आर्थिक राजधानी पहुंचे थे। हमले में 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 166 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। सुरक्षाबलों ने 4 दिन बाद आतंकी कसाब को जिंदा पकड़ने में कामयाबी हासिल की थी।
यह भी पढ़ें: टैरिफ किंग डोनाल्ड ट्रंप का एक और बड़ा धमाका, कहा- जल्द ही दवाओं पर भी लगाएंगे भारी भरकम शुल्क
यह भी पढ़ें: सैफ अली खान पर हमले के मामले में 1000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल, आरोपित शहजाद के खिलाफ कई सबूतों का जिक्र
दिल्ली-राजस्थान समेत इन 8 राज्यों में हीटवेव का अलर्ट, किस दिन मिलेगी गर्मी से राहत; मौसम विभाग ने दिया अपडेट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश भर में मौसम का मिजाज बदल रहा है, दिल्ली समेत उत्तर भारत में अभी से भयंकर गर्मी पड़ने लगी है। मौसम विभाग ने दिल्ली NCR में बुधवार को लू का अलर्ट जारी किया है। इन दिनों दिल्ली, यूपी, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में जोरदार गर्मी पड़ रही है।
साथ ही तापमान में भी लगातार उछाल देखने को मिल रहा है। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, चंडीगढ़ और पंजाब सहित उत्तरी मैदानी इलाकों के अधिकांश भागों में अगले चार से पांच दिनों तक लू चलने की संभावना है।
दिल्ली में कब होगी बारिश?वहीं IMD ने देश के कुछ राज्यों के लिए बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार आज यूपी में बारिश होने की संभावना है। साथ ही कुछ जगहों पर तेज हवाएं चलने और लू चलने के भी आसार हैं। वहीं बिहार में 13 अप्रैल तक बारिश का दौर जारी रहेगा। वहीं मौसम विभाग के मुताबिक, अगले दो दिन में दिल्ली NCR में हल्की बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
इन राज्यों में अगले दो दिन बरसेंगे बादलतमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, तटीय आंध्र प्रदेश, यनम, केरल, तेलंगाना, कर्नाटक, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में 12 अप्रैल तक गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने 12 अप्रैल तक बेंगलुरु में भी बारिश का अनुमान जताया है।
कैसा रहेगा मानसून?वहीं मौसम विभाग ने भीषण गर्मी के बीच एक राहत की खबर दी है। मानसून की अगर बात करें तो निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट ने अनुमान जताया है कि इस मानसून देश में सामान्य बारिश होगी। एजेंसी के अनुसार, एक जून से 30 सितंबर तक 895 मिमी बारिश हो सकती है। ये एवरेज 868.6 मिमी का 103 प्रतिशत है।
भीषण गर्मी के बीच राहत की खबर है। निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट ने अनुमान जताया है कि इस मानसून देश में सामान्य बारिश होगी। एजेंसी के अनुसार, एक जून से 30 सितंबर तक 895 मिमी बारिश हो सकती है। यह दीर्घावधि औसत 868.6 मिमी का 103% है। मानसून के चार महीनों के दीर्घावधि औसत के 96 से 104% के बीच हुई बारिश सामान्य मानी जाती है।
सैफ अली खान पर हमले के मामले में 1000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल, आरोपित शहजाद के खिलाफ कई सबूतों का जिक्र
एएनआई, मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान पर चाकू से हमले के सिलसिले में मुंबई पुलिस ने आरोपपत्र दाखिल कर दिया है। मुंबई की बांद्रा पुलिस ने बताया है कि बांद्रा कोर्ट में 1000 पन्नों का आरोपपत्र (चार्जशीट) दायर किया है।
चार्जशीट में कई सबूतपुलिस के मुताबिक चार्जशीट में गिरफ्तार आरोपित शरीफुल इस्लाम के खिलाफ कई सबूत मिले हैं। 1000 पन्नों से अधिक बड़ी चार्जशीट में फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट को भी शामिल किया गया है। आरोपपत्र में कहा गया है कि सैफ अली खान के शरीर और आरोपी के पास मिले टुकड़े एक ही चाकू के थे। चार्जशीट में पुलिस को मिले आरोपी के बाएं हाथ के फिंगरप्रिंट रिपोर्ट का भी जिक्र है।
लूटपाट की नीयत से घुसा था आरोपीअभिनेता सैफ अली खान पर 16 जनवरी की रात उनके ही घर पर हमला हुआ था। आरोपित लूटपाट की नीयत से घर में दाखिल हुआ था। विरोध करने पर उसने सैफ अली खान पर चाकू से हमला किया। पुलिस के मुताबिक अभिनेता को रीढ़ की हड्डी और शरीर के अन्य अंगों पर चोट आई थी। लीलावती अस्पताल में पांच दिन के इलाज के बाद 21 जनवरी को सैफ अली खान को छुट्टी मिल गई थी।
छह महीने पहले आया था मुंबईमुंबई पुलिस ने आरोपित मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद को ठाणे से गिरफ्तार किया था। वह वारदात से छह महीने पहले ही बांग्लादेश से अवैध तरीके से घुसपैठ करके भारत आया था। मुंबई पहुंचने से पहले वह कोलकता में कई ठिकानों पर रह चुका था।
बांग्लादेश भागने की कोशिश में था शहजादशहजाद मुंबई के एक होटल में काम करता था। मगर वारदात को अंजाम देने के बाद वह अपने पैतृक गांव भागने की फिराक में था। मगर उससे पहले ही ठाणे के हीरानंदानी एस्टेट से उसे दबोच लिया गया। शहजाद बांग्लादेश के झालोकाटी जिले का रहने वाला है।
यह भी पढ़ें: टैरिफ लगाकर अमेरिका का खजाना भर रहे ट्रंप, राष्ट्रपति ने बताया रोज कितनी हो रही कमाई
यह भी पढ़ें: अमेरिकी टैरिफ के बीच भारत की घरेलू मांग प्रमुख आकर्षण का केंद्र, वित्त मंत्री ने कही बड़ी बात
Weather: दिल्ली-यूपी में भीषण गर्मी, अप्रैल में 40 डिग्री के पार पहुंचा पारा; इन राज्यों में बदलेगा मौसम
राज्य ब्यूरो, जागरण, नई दिल्ली। उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में गर्मी का प्रकोप जारी है। दिल्ली समेत पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश में पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार जा रहा है। वहीं मौसम विभाग का अनुमान है कि पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से गुरुवार और शुक्रवार को मौसम का मिजाज बदलेगा।
दिल्ली समेत कुछ स्थानों पर बादल छाए रहेंगेदिल्ली समेत कुछ स्थानों पर बादल छाए रहेंगे, तेज हवा चलने के साथ हल्की वर्षा भी हो सकती है। आठ अप्रैल का दिन दिल्ली में पिछले तीन सालों में सबसे गर्म रहा। अधिकतम तापमान सामान्य से 5.9 डिग्री बढ़ कर 41 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
वहीं पंजाब में बटिंडा और फरीदकोट में अधिकतम तापमान 43.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। इसी तरह राजस्थान के बाड़मेर और जैसलमेर में तापमान 46 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
दिल्ली में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन लू चलीभारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार गुजरात, राजस्थान,महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में स्थित 27 केंद्रों पर अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस के बराबर या उससे ज्यादा दर्ज किया गया। इनमें से 19 स्थानों पर भी चली। राजधानी दिल्ली में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन लू चली। इस वजह से गर्म हवा के थपेड़े महसूस किए गए।
मौसम विभाग ने बुधवार के लिए भी यलो अलर्ट जारी कर लू चलने का पूर्वानुमान जारी किया है। अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। राजस्थान में अप्रैल के महीने में ही जून जैसी गर्मी के कारण जन जीवन प्रभावित हुआ है।
राजस्थान के कई जिलों में लू चलने को लेकर चेतावनीमौसम विभाग ने राजस्थान के कई जिलों में लू चलने को लेकर चेतावनी जारी की है। पंजाब मे भी मौसम विभाग के अनुसार बुधवार दोपहर को कई जिलों में लू चल सकती है। दोपहर बाद कुछ जगहों पर हल्की वर्षा व तीस से चालीस किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धूल भरी हवा चलने की संभावना है।
पहाड़ी राज्यों में बादल घिरे, हल्की बारिश हुईमंगलवार को देहरादून समेत आसपास के क्षेत्रों में सुबह से तेज धूप खिली रही। दोपहर बाद हवा चलने लगी और आंशिक बादल भी मंडराने लगे। पर्वतीय क्षेत्रों में घने बादलों का डेरा रहा। जबकि, कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी भी हुई। वहीं, राज्य के मैदानी क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहा।
पहाड़ों पर बारिश हुईमौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चंपावत समेत आसपास के क्षेत्रों में बुधवार को हल्की वर्षा हो सकती है।
वहीं जम्मू-कश्मीर में पश्चिमी विक्षोभ का असर मंगलवार को दिखा। पहाड़ों पर बारिश हुई और श्रीनगर समेत अधिकांश निचले क्षेत्रों में बादल छाए रहे। जम्मू में आसमान साफ रहा।
मौसम विभाग के अनुसार जम्मू और श्रीनगर समेत प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में बुधवार और गुरुवार को वर्षा हो सकती है। अगले तीन दिनों में कुछ उच्च पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी की भी संभावना है।
कुंजुम और रोहतांग में हल्का हिमपातहिमाचल प्रदेश में दो दिन से पड़ रही गर्मी से लोगों को चोटियों पर हिमपात से थोड़ी राहत मिली। मंगलवार को प्रदेश की ऊंची चोटियों बारालाचा, कुंजुम और रोहतांग में हल्का हिमपात और मनाली में हल्की वर्षा हुई। शिमला सहित कई स्थानों पर बादल छाने के बाद हवाएं चलीं। उधर, धर्मशाला, भुंतर व सुंदरनगर में गर्म हवाएं चलीं।
यह भी पढ़ें- दिल्ली में लू से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग का दिशा निर्देश, बस एक क्लिक पर जानें क्या करें
चीन में बन रहा दुनिया का सबसे बड़ा बांध, अरुणाचल के सांसद बोले- भविष्य में ला सकता है जल प्रलय
पीटीआई, गुवाहाटी। अरुणाचल प्रदेश से भाजपा के लोकसभा सदस्य तापिर गाओ ने दुनिया का सबसे बड़ा बांध बनाने की चीन की घोषणा पर मंगलवार को चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह बांध 'वाटर बम' के समान होगा, जो पूर्वोत्तर भारत और बांग्लादेश जैसे निचले क्षेत्रों में जल प्रलय ला सकता है।
चीन ने एक बांध बनाने का फैसला किया है- गाओगुवाहाटी में आयोजित एक कार्यक्रम में गाओ ने कहा, चीन ने एक बांध बनाने का फैसला किया है जिसकी क्षमता 60,000 मेगावाट बिजली उत्पादन की होगी। यह बांध नहीं, एक 'वाटर बम' होगा, जिसका इस्तेमाल भारत और अन्य निचले तटवर्ती देशों के खिलाफ किया जाएगा।
जल प्रलय का खतरागाओ ने कहा, अगर चीन भविष्य में बांध से पानी छोड़ने का फैसला करता है, तो अरुणाचल प्रदेश, असम, बांग्लादेश और दक्षिण पूर्व एशिया के अन्य देश तबाह हो जाएंगे। भारत सरकार चीन से कूटनीतिक रूप से इस मुद्दे पर बात करने की कोशिश कर रही है ताकि मामले को सुलझाया जा सके।
चीन ने पिछले साल 25 दिसंबर को तिब्बत में यारलुंग त्सांगपो नदी पर 137 अरब अमेरिकी डॉलर की अनुमानित लागत से दुनिया के सबसे बड़े बांध के निर्माण को मंजूरी दी थी।
जून 2000 में आई विनाशकारी बाढ़गाओ ने दावा किया कि जून 2000 में आई विनाशकारी बाढ़ ऐसे ही एक ''वाटर बम'' के कारण आई थी, जिसमें सियांग नदी पर बने 10 से अधिक पुल बह गए थे, जिसे अरुणाचल प्रदेश में यारलुंग त्सांगपो के नाम से जाना जाता है, जिसे असम में प्रवेश करने के बाद ब्रह्मपुत्र कहा जाता है।
यह भी पढ़ें- महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों पर सुप्रीम कोर्ट चिंतित, कहा- वूमन सेफ्टी पर लोगों को अपनी सोच बदलनी होगी
Gujarat: साबरमती आश्रम में चिदंबरम बेहोश हुए, बेटे कार्ति ने दिया हेल्थ अपडेट
एएनआई, नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम मंगलवार को अहमदाबाद के साबरमती आश्रम में बेहोश हो गए और जिसके बाद उनको अस्पताल भर्ती किया गया। सूत्रों ने बताया कि संभवतः वह दिनभर की व्यस्तता के बाद गर्मी के कारण बेहोश हो गए।
कार्ति चिदंबरम ने दिया हेल्थ अपडेट79 वर्षीय पूर्व वित्त मंत्री के बेटे कार्ति ने बाद में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि उनके पिता ठीक हैं और डॉक्टर उनकी जांच कर रहे हैं।
यह घटना उस समय हुई जब कांग्रेस नेता साबरमती आश्रम में प्रार्थना सभा में भाग ले रहे थे। जब चिदंबरम बेहोश हो गए तो अन्य नेताओं ने उन्हें एम्बुलेंस तक पहुंचाया, जो उन्हें अस्पताल ले गयी। इससे पहले दिन में चिदंबरम ने सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय स्मारक पर कांग्रेस कार्यसमिति की विस्तारित बैठक में भाग लिया।
SC: दुर्लभ बीमारियों के लिए केंद्रीय मदद की सीमा पर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई, बढ़ सकती है सहायता लिमिट
पीटीआई, नई दिल्ली। स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) जैसी दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए केंद्रीय सहायता की 50 लाख रुपये की सीमा को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को विचार करने का फैसला किया।
पीठ ने कही ये बातप्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने कहा कि इन याचिकाओं पर जस्टिस पीएस नरसिम्हा की अध्यक्षता वाली पीठ 13 मई से शुरू होने वाले हफ्ते में सुनवाई करेगी।
पीठ ने कहा कि एसएमए की दवा रिस्डिप्लाम बनाने वाली कंपनी एफ हाफमैन-ला रोश लिमिटेड ने इस बीमारी से पीड़ित केरल की 24 वर्षीय सीबा पीए को एक वर्ष दवा मुफ्त देने पर सहमति दी है। दवा की एक बोटल 6.2 लाख रुपये की है। शीर्ष अदालत ने 24 फरवरी को केंद्र की अपील पर हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी।
केंद्र ने कहा था कि उसे 50 लाख रुपये की सीमा पार करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने इस दलील पर भी गौर किया था कि एसएमए रोगी के इलाज का खर्च 26 करोड़ रुपये तक हो सकता है और पाकिस्तान व चीन में रिस्डिप्लाम के दाम काफी कम हैं।
महिला सुरक्षा पर लोगों की सोच बदलें : सुप्रीम कोर्टसुप्रीम कोर्ट का कहना है कि महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा और दुष्कर्म के खतरे को कम करने के लिए लोगों की सोच बदलनी होगी क्योंकि ये खतरा शहरों व ग्रामीण क्षेत्रों में सब जगह है। इसके लिए सर्वोच्च अदालत ने शिक्षा में बदलाव के साथ ही शिक्षा प्रणाली से दूर और बाहर हो चुके लोगों को सुधारने के लिए केंद्र सरकार को उचित उपाय करने को कहा है।
सुनवाई छह मई तक के लिए स्थगितसर्वोच्च अदालत ने इस संबंध में केंद्र सरकार को एक विस्तृत हलफनामा दायर करने के लिए तीन हफ्ते का समय देकर सुनवाई छह मई तक के लिए स्थगित कर दी है।
जस्टिस बीवी नागरत्ना और सतीष चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि महिलाओं को अकेला छोड़ दीजिए। उन्हें अपने चारों तरफ हेलीकाप्टर नहीं चाहिए। उन्हें निगरानी व रोकटोक की जरूरत नहीं। उन्हें पनपने दीजिए, इस देश की महिलाएं यही चाहती हैं।
महिलाओं में खुले में शौच जाने के दौरान होती है परेशानीखंडपीठ ने कहा कि उन्हें वास्तवित जीवन में ऐसे मामले देखे हैं कि महिलाओं में खुले में शौच जाने के दौरान मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। अभी भी गांवों में शौचालयों की सुविधा नहीं है। अधिवक्ता आदाब हर्षद पोंडा की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान इस दिशा में शिक्षा और जनजागरूकता के मुद्दे को उठाया है।
देश में दुष्कर्म समेत विभिन्न अपराध बढ़ते ही जा रहे हैंयाचिका में बताया गया कि महिलाओं के खिलाफ दुष्कर्म समेत विभिन्न अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं। इस पर केंद्र सरकार ने सर्वोच्च अदालत को बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षा पाठ्यक्रमों में नैतिक शिक्षा की व्यवस्था है। याचिका में विज्ञापन, सेमिनारों, पर्चों के जरिये केंद्र को स्थानीय प्रशासन को दिशा-निर्देश देने को कहा गया है। शिक्षा के दायरे से बाहर जा चुके लोगों को भी सुधारने की सलाह दी गई है।
महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों पर सुप्रीम कोर्ट चिंतित, कहा- वूमन सेफ्टी पर लोगों को अपनी सोच बदलनी होगी
एएनआइ, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा और दुष्कर्म के खतरे को कम करने के लिए लोगों की सोच बदलनी होगी क्योंकि ये खतरा शहरों व ग्रामीण क्षेत्रों में सब जगह है। इसके लिए सर्वोच्च अदालत ने शिक्षा में बदलाव के साथ ही शिक्षा प्रणाली से दूर और बाहर हो चुके लोगों को सुधारने के लिए केंद्र सरकार को उचित उपाय करने को कहा है।
महिलाओं को अकेला छोड़ दीजिए- सुप्रीम कोर्टसर्वोच्च अदालत ने इस संबंध में केंद्र सरकार को एक विस्तृत हलफनामा दायर करने के लिए तीन हफ्ते का समय देकर सुनवाई छह मई तक के लिए स्थगित कर दी है।
जस्टिस बीवी नागरत्ना और सतीष चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि महिलाओं को अकेला छोड़ दीजिए। उन्हें अपने चारों तरफ हेलीकाप्टर नहीं चाहिए। उन्हें निगरानी व रोकटोक की जरूरत नहीं। उन्हें पनपने दीजिए, इस देश की महिलाएं यही चाहती हैं।
अभी भी गांवों में शौचालयों की सुविधा नहींखंडपीठ ने कहा कि उन्हें वास्तवित जीवन में ऐसे मामले देखे हैं कि महिलाओं में खुले में शौच जाने के दौरान मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। अभी भी गांवों में शौचालयों की सुविधा नहीं है। अधिवक्ता आदाब हर्षद पोंडा की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान इस दिशा में शिक्षा और जनजागरूकता के मुद्दे को उठाया है।
महिलाओं के खिलाफ दुष्कर्म समेत विभिन्न अपराध बढ़ते ही जा रहे हैंयाचिका में बताया गया कि महिलाओं के खिलाफ दुष्कर्म समेत विभिन्न अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं। इस पर केंद्र सरकार ने सर्वोच्च अदालत को बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षा पाठ्यक्रमों में नैतिक शिक्षा की व्यवस्था है। याचिका में विज्ञापन, सेमिनारों, पर्चों के जरिये केंद्र को स्थानीय प्रशासन को दिशा-निर्देश देने को कहा गया है। शिक्षा के दायरे से बाहर जा चुके लोगों को भी सुधारने की सलाह दी गई है।
केरल की मांग, राज्यपाल के विरुद्ध याचिका जस्टिस पार्डीवाला की पीठ को ट्रांसफर होकेरल सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि राज्य विधानसभा से पारित विधेयकों को स्वीकृति देने में विलंब पर राज्यपाल के विरुद्ध दायर उसकी याचिका जस्टिस जेबी पार्डीवाला की अध्यक्षता वाली पीठ को स्थानांतरित कर दी जाए। जस्टिस पार्डीवाला की पीठ ने ही तमिलनाडु सरकार की याचिका पर फैसला सुनाया है।
अटार्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने दलीलों का विरोध कियाकेरल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता केके वेणुगोपाल ने प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ से कहा, ''लगभग दो वर्ष हो गए हैं। विधेयक लंबित हैं। जस्टिस पार्डीवाला ने इसी तरह के मुद्दों पर सुनवाई की है और इसे उसी पीठ को हस्तांतरित किया जा सकता है।''
अटार्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने दलीलों का विरोध किया और कहा कि मुद्दे अलग-अलग हैं। इसके अलावा इस तरह का कोई भी निर्णय लेने से पहले जस्टिस पार्डीवाला का फैसले पढ़ा जाना चाहिए। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि कोई भी निर्णय अगली सुनवाई पर होगा और सुनवाई 13 मई से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए स्थगित कर दी।
आरिफ मोहम्मद खान वर्तमान में बिहार के राज्यपालवर्ष 2023 में शीर्ष अदालत ने केरल के तत्कालीन राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान द्वारा राज्य विधानमंडल से पारित विधेयकों को दो वर्ष तक रोके रखने पर नाराजगी व्यक्त की थी। खान वर्तमान में बिहार के राज्यपाल हैं।
लॉन्च हुआ नया Aadhaar App, अब कहीं नहीं देनी होगी फोटो कॉपी, QR Code से काम होगा आसान
पीटीआई, नई दिल्ली। अब आपको होटलों, दुकानों, हवाईअड्डों या किसी अन्य जगहों पर आधार कार्ड की फोटोकापी देने की जरूरत नहीं होगी। डिजिटल क्रांति का सदुपयोग कर लोगों को सलूहियत देने के लिए प्रयासरत केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए मंगलवार को नया आधार एप लॉन्च किया।
इस एप की मदद से यूजर्स अपने आधार विवरण को डिजिटल रूप से सत्यापित और साझा कर सकेंगे। इससे आधार कार्ड या उसकी फोटोकॉपी जमा करने की कोई जरूरत नहीं होगी।
चेहरे से पहचान का सत्यापन होगीएप के जरिए चेहरे से पहचान का सत्यापन हो सकेगा। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आइटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एप लॉन्च करने के बाद कहा कि आधार सत्यापन को आसान, तेज और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
वैष्णव ने एक्स पर पोस्ट किए गए वीडियो संदेश में कहा, नया आधार एप, मोबाइल एप के जरिए फेस आइडी प्रमाणीकरण। कोई फिजिकल कार्ड नहीं, कोई फोटोकॉपी नहीं। वैष्णव ने कहा कि अब केवल एक टैप से उपयोगकर्ता केवल आवश्यक डाटा ही साझा कर सकते हैं, जिससे उन्हें अपनी व्यक्तिगत जानकारी पर पूर्ण नियंत्रण मिलेगा। एप की सबसे प्रमुख विशेषताओं में से एक फेस आईडी प्रमाणीकरण है, जो सुरक्षा को बढ़ाता है और सत्यापन को सहज बनाता है।
क्यूआर कोड को स्कैन करके किया जा सकेगा आधार सत्यापनआधार सत्यापन अब केवल क्यूआर कोड को स्कैन करके किया जा सकता है, बिल्कुल उसी तरह जैसे यूपीआई भुगतान करते हैं। यूजर्स अब अपनी गोपनीयता सुनिश्चित करते हुए अपने आधार विवरण को डिजिटल रूप से सत्यापित और साझा कर सकते हैं। यह एप अभी बीटा परीक्षण चरण में है। इसे मजबूत गोपनीयता सुरक्षा उपायों के साथ डिजाइन किया गया है।
यह भी पढ़ें: EPFO New Update: चेहरा दिखाओ, खुद अपना UAN बनाओ! जानिए किसे मिलेगा इसका लाभ
यह भी पढें: पेट्रोल-डीजल के एक्साइज ड्यूटी में अभी और हो सकती है बढ़ोतरी, एक्सपर्ट्स ने बताई वजह
Kia Cars: 900 किआ कार के इंजन हुए चोरी, मचा हड़कंप तो कंपनी ने बताई पूरी बात
पीटीआई, पेनुकोंडा। आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साई जिले में दक्षिणी कोरियाई कंपनी 'किआ मोटर्स' के पेनुकोंडा प्लांट से लगभग 900 कार इंजन चोरी होने का मामला सामने आया है। पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि पांच वर्षों से कार के इंजन की चोरी हो रही थी।
कंपनी ने 19 मार्च को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। श्री सत्य साई जिले के पेनुकोंडा में किआ कंपनी का कार निर्माण संयंत्र है। कंपनी की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
पुलिस अधिकारी ने क्या कहा?पुलिस अधिकारी वेंकटेश्वरलू ने बताया, 2020 से इंजनों की चोरी हो रही है। हम जांच करेंगे। प्रारंभिक जांच में 900 इंजन चोरी होने की पुष्टि हुई है। इंजन या तो संयंत्र के अंदर से या वहां पहुंचने के रास्ते में चुराए गए।
कर्मचारियों की मिलीभगत से घटना की संभावनासंदेह है कि चोरी कंपनी के ही कर्मचारियों की मिलीभगत से हुई। वेंकटेश्वरलु ने कहा कि यह सब अंदर से हुआ है। यहां तक कि एक छोटा पुर्जा भी कंपनी की अनुमति के बिना बाहर नहीं जा सकता। हम पता कर रहे हैं कि इसमें कौन-कौन शामिल है। विशेष टीम गठित की गई है। कई दस्तावेज जुटाए हैं।
यह भी पढ़ें: EPFO New Update: चेहरा दिखाओ, खुद अपना UAN बनाओ! जानिए किसे मिलेगा इसका लाभ
यह भी पढ़ें: पेट्रोल-डीजल के एक्साइज ड्यूटी में अभी और हो सकती है बढ़ोतरी, एक्सपर्ट्स ने बताई वजह
EPFO New Update: चेहरा दिखाओ, खुद अपना UAN बनाओ! जानिए किसे मिलेगा इसका लाभ
पीटीआई, नई दिल्ली। ईपीएफओ (EPFO) की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में शामिल कर्मचारी अब अब अपना चेहरा दिखाकर खुद यूनिवर्सल प्रोविडेंट फंड अकाउंट नंबर (UAN) बना सकेंगे और इससे संबंधित सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।
केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को यह जानकारी दी। श्रम मंत्री मांडविया ने बिहार के छह जिलों (अररिया, सहरसा, औरंगाबाद, बांका, पूर्वी चंपारण और गोपालगंज) को कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के तहत पूर्ण रूप से अधिसूचित करने की भी घोषणा की। इससे जिससे लगभग 24 हजार और बीमित व्यक्ति ईएसआइसी की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे में आ जाएंगे।
क्या बोले केंद्रीय मंत्री?केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फिलहाल बिहार के कुल 38 में से 27 जिले पूरी तरह से अधिसूचित हैं और 11 जिले आंशिक रूप से अधिसूचित हैं। छह जिलों के बारे में अधिसूचना जारी होने के बाद यह संख्या बढ़कर 33 जिलों की हो जाएगी।
मांडविया ने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने चेहरे के सत्यापन के जरिये यूएएन आवंटित करने और उसे एक्टिव करने के लिए डिजिटल सेवाएं शुरू की हैं। यह ईपीएफओ के करोड़ों सदस्यों के लिए संपर्क-रहित, सुरक्षित और डिजिटल सेवा की दिशा में महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी अब 'उमंग' मोबाइल एप की मदद से आधार चेहरा सत्यापन प्रौद्योगिकी (एफएटी) का उपयोग करके सीधे अपना यूएएन जेनरेट कर सकते हैं।
जानिए कर यूएएन एक्टिवेट?- कोई भी नियोक्ता किसी भी नए कर्मचारी के लिए आधार एफएटी का उपयोग करके यूएएन बनाने के लिए उमंग एप का इस्तेमाल कर सकता है।
- यूएएन जनरेट करने के लिए कर्मचारी को उमंग एप खोलना होगा और चेहरा पहचान के जरिये यूएएन बनाने और एक्टिवेशन के चरणों का पालन करना होगा।
- चेहरा पहचान के जरिये आधार-आधारित सत्यापन के बाद यूएएन जनरेट हो जाएगा और मोबाइल नंबर पर एसएमएस भेजा जाएगा। यूएएन बनाने के बाद कर्मचारी उमंग एप या सदस्य पोर्टल से यूएएन कार्ड डाउनलोड कर सकता है।
- चेहरा प्रमाणीकरण का उपयोग करके बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण, ओटीपी-आधारित प्रमाणीकरण जैसे पारंपरिक तरीकों की तुलना में अधिक सुरक्षित है।
- श्रम मंत्री ने कहा कि जिन सदस्यों के पास पहले से ही यूएएन है, लेकिन अभी तक इसे एक्टिव नहीं किया है, वे अब आसानी से उमंग एप के माध्यम से अपना यूएएन एक्टिव कर सकते हैं।
वित्त वर्ष 2024-25 में ईपीएफओ ने 1.26 करोड़ यूएएन आवंटित किए। हालांकि, इनमें से केवल 44 लाख यूएएन ही सदस्यों द्वारा एक्टिव किए गए थे। मंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में ईपीएफओ पेंशनभोगियों को उनके दरवाजे पर सेवाएं देने के लिए 'माई भारत' के वालंटियरों के सहयोग से चेहरा सत्यापन प्रौद्योगिकी के जरिये 'जीवन प्रमाण' के माध्यम से डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र को भी बढ़ावा देगा।
यह भी पढ़ें: EPFO से बड़ी आसानी से निकल जाएंगे ऑनलाइन पैसे, यहां देखें स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस
यह भी पढ़ें: EPFO New Rules: अब UAN से बैंक अकाउंट लिंक करने के लिए Employer से नहीं लेनी होगी मंजूरी, जानिए क्या है नया नियम
दिल्ली के कई इलाकों में सामान्य दो गुना तक बढ़ा ओजोन का स्तर, सेहत को पहुंचा रहा नुकसान
नई दिल्ली, विवेक तिवारी। राजधानी के कई इलाकों में ओजोन का स्तर सामान्य से दो गुना तक पहुंच गया है। दिल्ली की हवा में प्रदूषण के स्तर पर नजर रखने वाली पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की संस्था सफर की रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम के आसपास के इलाके में हवा में ओजोन का स्तर 239 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंच गया। मानकों के तहत हवा में इसका स्तर अधिकतम 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से ज्यादा नहीं होना चाहिए। वैज्ञानिकों के मुताबिक कुछ समय पहले तक गर्मियों के मौसम में ही ओजोन के स्तर में बढ़ोतरी देखी जाती थी। लेकिन देश के कई हिस्सों में ये अब पूरे साल की समस्या बन गया है। हवा में ओजोन की मात्रा ज्यादा होने से हमारे फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है। वहीं इससे दिल की बीमारी का भी खतरा बढ़ता है।
ओजोन के प्रदूषण का कोई खास सोर्स नहीं होता है। बेहद गर्म मौसम में गाड़ियों और पावर प्लांट से निकलने वाला धुआं आपस में क्रिया करके ओजोन बनाने लगता और हवा में ओजोन का स्तर बढ़ने लगता है। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के कई शहरों में ओजोन के प्रदूषण के स्तर में चिंताजनक वृद्धि हुई है। इस साल गर्मियों में भारत के दस प्रमुख शहरों में ओजोन का स्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है। इनमें दिल्ली सबसे ज्यादा प्रभावित हुई। एयर क्वालिटी ट्रैकर एन इनविजिबल थ्रेट नाम से आई इस रिपोर्ट में प्रमुख रूप से दिल्ली, एनसीआर, बेंगलुरू, मुंबई, चेन्नई,कोलकाता, पुणे, ग्रेटर अहमदाबाद, ग्रेटर हैदराबाद, ग्रेटर जयपुर और ग्रेटर लखनऊ में ओजोन के स्तर का विश्लेषण किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक इन शहरों में अप्रैल से जुलाई की तुलना में जनवरी से मार्च के बीच ओजोन के स्तर में कहीं अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई। अहमदाबाद में पिछले साल की तुलना में ओजोन के स्तर में 4000 गुना की बढ़ोतरी हुई है। वहीं पुणे में 500 और जयपुर में 152 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
सीएसई में वायु प्रदूषण पर लम्बे समय से काम कर रहे डॉक्टर विवेक चटोपाध्याय कहते हैं कि ओजोन के प्रदूषण की समस्या सिर्फ गर्मियों में होती थी, अब ये पूरे साल की समस्या बन गई है। खास तौर पर दक्षिण और पश्चिमी तटीय महानगरीय इलाकों में ये समस्या काफी बढ़ चुकी है। सामान्य तौर पर जब सूरज की रौशनी हो, गर्मी ज्यादा हो और गाड़ियों के धुएं का प्रदूषण हवा में मौजूद हो तो ही ओजोन के प्रदूषण में वृद्धि देखी जाती है। लेकिन हमने अध्ययन में पाया कि महानगरों में सूर्यास्त के बाद भी हवा में ओजोन का स्तर बढ़ा हुआ रहता है। ओजोन के प्रदूषण की खास बात ये है कि ये गैस के रूप में होती है। ऐसे में दिल्ली का ओजोन प्रदूषण हवा के साथ आसपास के ऐसे इलाके में पहुंच सकता है जहां प्रदूषण का कोई स्रोत न हो। ऐसे में इसके प्रदूषण की चपेट में काफी बड़े इलाके के लोग आ जाते हैं।
सांसों पर बोझ बढ़ा रही ओजोन
दिल्ली मेडिकल काउंसिल की साइंटिफिक कमेटी के चेयरमैन डॉक्टर नरेंद्र सैनी के मुताबिक हवा में ओजोन के स्तर का बढ़ना काफी खतरनाक है। ये सीधे हमारे फेफड़ों पर असर डालता है। हवा में ओजोन बढ़ने से सांस लेते समय छाती में दर्द, खांसी, गले में जलन और सांस की नली में सूजन जैसी दिक्कत हो सकती है। फेफड़ों के काम करने में कमी आ सकती है। ओजोन ब्रोंकाइटिस, अस्थमा इत्यादि को और खराब कर सकता है। ओजोन के कारण कार्डियोवैस्कुलर बीमारी हो सकती है जो दिल को प्रभावित करती है। बहुत लम्बे समय तक ओजोन के सांस के जरिए शरीर में जाने से कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा भी हो सकता है।
ओजोन का प्रदूषण पौधों को पहुंचा रहा नुकसान
ओजोन की परत को नुकसान पहुंचने से दुनिया में मक्के के उत्पादन में कमी आ रही है। ये खुलासा यूएस एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट की रिसर्च यूनिट USDA ARS Global Change and Photosynthesis Research Unit की ओर से किए गए अध्ययन में हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक ओजोन के निचले स्तर को नुकसान पहुंचने मक्के की फसल के उत्पादन में कमी आई है। ओजोन की निचली परत को नुकसान पहुंचने से सूरज की बहुत की ऐसी किरणें नीचे आ रही हैं जो मक्के की पत्तियों में कैमिकल संतुलन को बिगाड़ रही हैं।
गौरतलब है कि सूरज से आने वाली पराबैंगनी किरणों को रोकने में ओजोन परत की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इस परत के चलते हम कई खतरनाक विकिरणों से बच पाते हैं। ओजोन की परत तब बनती है जब उद्योगों और गाड़ियों के धुएं में मौजूद नाइट्रस ऑक्साइड सूरज की रौशनी से टूट जाता है और ओजोन बनाने के लिए रासायनिक रूप से प्रतिक्रिया करता है। शिकागो स्थित इलिनोइस विश्वविद्यालय के शोधकर्ता 20 सालों से फसलों पर ओजोन प्रदूषण के प्रभावों का अध्ययन एक खास तरह के फॉर्म पर कर रहे हैं जहां ओजोन के अलग अलग स्तर का फसलों पर अध्ययन किया जा रहा है। अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों ने मक्के की तीन प्रजातियों पर अध्ययन किया। इसमें पाया गया कि ओजोन के प्रभाव के कारण हाइब्रिड फसलों की उपज में 25 फीसदी तक की कमी दर्ज की गई। वहीं पारंपरिक प्रजातियों के उत्पादन पर कुछ खास असर नहीं हुआ। वहीं हाइब्रिड मक्के के पौधे ओजोन के प्रभाव के चलते जल्दी बूढ़े होने लगे।
ओजोन के चलते पौधों में ये बदलाव क्यों हो रहा है ये जानने के लिए वैज्ञानिकों ने पौधे की पत्तियों की रासायनिक बनावट का अध्ययन किया। स्टडी में पाया गया कि पारंपरिक प्रजाति के पौधे की पत्तियों में ओजोन के प्रभाव के चलते कुछ खास बदलाव नहीं हुआ। वहीं हाइब्रिड पौधे की पत्तियों में टोकोफेरोल और फाइटोस्टेरॉल कैमिकल की मात्रा बढ़ गई। ऐसे में इस स्टडी से साफ पता चला की हाइब्रिड प्रजातियां ओजोन के प्रति बेहद संवेदनशील हैं।
पूर्व मुख्य तकनीकी सलाहकार एवं परियोजना प्रबंधक, विश्व खाद्य संगठन, (संयुक्त राष्ट्र संघ) डा. राम चेत चौधरी कहते हैं कि क्लाइमेट चेंज के साथ ही ओजोन की परत को नुकसान पहुंचने का सीधा असर फसलों पर पड़ता है। ओजोन के प्रभाव के चलते पौधे की पत्तियों में बनने वाली बहुत सी ऊर्जा नष्ट हो जाती है। साथ ही पत्तों में टिशूज को भी नुकसान पहुंचता है। हमें पर्यावरण को बेहतर बनाने के साथ ही आने वाले समय के लिए ज्यादा रजिस्ट्रेशन वाली प्रजातियों का विकास करने की जरूरत है।
ये है बचाव
सीएसई ने ओजोन प्रदूषण पर किए गए अपने अध्ययन में कुछ सुझाव दिए हैं। इसमें कहा गया है कि, ओजोन की जटिल रासायनिक संरचना के कारण इसे ट्रैक और नियंत्रित करना मुश्किल है। इसे ट्रैक और नियंत्रित करने के लिए एक व्यवस्था बनाए जाने की जरूरत है। वैश्विक अनुभवों के मुताबिक जैसे जैसे हवा में मौजूद प्रदूषण के कणों का स्तर गिरता है नाइट्रोजन ऑक्साइड और ग्राउंड लेवल ओजोन का स्तर बढ़ने लगता है। ऐसे में ओजोन को नियंत्रित करने के लिए उद्योगों, वाहनों, घरों और खुले में जलने से होने वाले उत्सर्जन को रोकने के लिए सख्त नियम होने चाहिए। ओजोन शहरों से दूर दूर तक फैल कर प्रदूषण में इजाफा करता है। इसके लिए स्थानीय और क्षेत्रीय स्तर पर निगरानी की जरूरत है।
UAE और भारत के रिश्तों में लगेंगे चार चांद, PM मोदी के आमंत्रण पर क्राउन प्रिंस आए इंडिया; कितना खास है ये दौरा?
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। खाड़ी के अपने मित्र देशों के साथ भारत रक्षा संबंधों को मजबूत करने में लगातार जुटा हुआ है। इस क्रम में मंगलवार को भारत और यूएई के बीच रक्षा से जुड़े सभी क्षेत्रों में सहयोग पर विमर्श हुआ और इस बात की सहमति बनी कि दोनों देशों की नौ सेनाओं और कोस्ट गार्ड्स के बीच मौजूदा संबंधों को ज्यादा मजबूत किया जाएगा।
यह सहमति भारत के दौरे पर आये दुबई के क्राउन प्रिंस व रक्षा मंत्री शेख हमदान और पीएम नरेन्द्र मोदी के बीच द्विपक्षीय बैठक में बनी। क्राउन प्रिंस शेख हमदान ने भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी अलग से मुलाकात की है। उधर, 22-23 जनवरी, 2025 को पीएम मोदी सउदी अरब की राजकीय यात्रा पर जाने वाला हैं। इस यात्रा के दौरान भी रक्षा संबंधों को मजबूत बनाना एक प्रमुख एजेंडा रहने वाला है।
Glad to meet HH Sheikh Hamdan bin Mohammed bin Rashid Al Maktoum, the Crown Prince of Dubai. Dubai has played a key role in advancing the India-UAE Comprehensive Strategic Partnership. This special visit reaffirms our deep-rooted friendship and paves the way for even stronger… pic.twitter.com/lit9nWQKyu
— Narendra Modi (@narendramodi) April 8, 2025 पीएम मोदी के आमंत्रण पर भारत आए हैं क्राउन प्रिंसशेख हमदान बिन मोहम्मद अल मक्तूम यूएई के उप प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री हैं जो पीएम मोदी के आमंत्रण पर पहली बार भारत की यात्रा पर आये हैं। उनके साथ कैबिनेट मंत्रियों और कारोबारियों का एक दल भी आया है।
नई दिल्ली में उनके दल के साथ पीएम मोदी की मुलाकात में विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजीत डोभाल समेत कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। दुबई यूएई के सात राज्यों में से एक है और भारत के साथ इसके बेहद करीबी आर्थिक संबंध हैं।
क्राउन प्रिंस की यात्रा दोनों देशों के रिश्तों को करेगा मजबूतपीएम मोदी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखे एक पोस्ट में कहा है कि, “क्राउन प्रिंस शेख हमदान की यह यात्रा भारत व यूएई के विशेष रणनीतिक रिश्ते को मजबूत बनाने को लेकर उनकी प्रतिबद्धता को दिखाता है। इस यात्रा से पुराने रिश्ते को भविष्य में और मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।''
मोदी और शेख हमदान के बीच हुई बैठक में रक्षा संबंधों के अलावा कारोबारी रिश्तों, अंतरिक्ष सेक्टर में सहयोग को लेकर भी गंभीर विमर्श हुआ है जिसके बारे में विस्तार से आगे घोषणा होने की संभावना है।रक्षा मंत्री सिंह ने भी शेख हमदान के साथ अपनी बैठक को बेहद उपयोगी बताया है।
उन्होंने कहा है कि आने वाले समय में भारत व यूएई रक्षा सहयोग, रक्षा उपकरणों के सह-उत्पादन व प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बेहद करीबी संबंध स्थापित करने को इच्छुक हैं। रक्षा क्षेत्र में प्रशिक्षण को लेकर भी इन दोनों के बीच बात हुई है और इसे सहयोग के लिए एक अहम क्षेत्र चिन्हित किया गया है।
यह भी पढ़ें: Dominican Republic: डिस्को की छत गिरने से 18 की मौत, मलबे में फंसे लोगों को निकालने की कोशिश जारी
पेट्रोल-डीजल के एक्साइज ड्यूटी में अभी और हो सकती है बढ़ोतरी, एक्सपर्ट्स ने बताई वजह
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सोमवार को केंद्र सरकार की तरफ से पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में दो-दो रुपये प्रति लीटर की वृद्धि अंतिम नहीं होगी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल (क्रूड) की कीमतों में गिरावट जारी है और विशेषज्ञ शोध एजेंसियां बता रही हैं कि यह सिलसिला जारी रह सकता है। ऐसे में केंद्र सरकार उत्पाद शुल्क में दो-दो रुपये की एक और वृद्धि अगले कुछ दिनों में कर सकती है।
वजह यह है कि सरकारी तेल कंपनियां अभी भी रसोई गैस की बिक्री लागत से कम कीमत (उज्जवला ग्राहकों को 475 रुपये व आम ग्राहकों को 175 रुपये कम) पर बेच रही हैं। क्रूड की घटती कीमत के बीच उत्पाद शुल्क बढ़ाने का फार्मूला पहले भी आजमाया गया है, इससे आम जनता पर कोई बोझ नहीं डाल कर सरकार अपना राजस्व अच्छा खासा बढ़ा लेती है।
खुदरा कीमतों में कुछ कमी का तोहफा तेल मार्केटिंग की ओर से मिलने की उम्मीदशोध एजेंसियां बता रही हैं कि अगर कुछ महीनों (दो-तीन महीने) क्रुड की कीमत 60-65 डॉलर प्रति बैरल पर बनी रहे तो संभव है कि आम आदमी को पेट्रोल व डीजल की खुदरा कीमतों में कुछ कमी का तोहफा तेल मार्केटिंग कंपनियों (ओएमसी) की तरफ से दी जाए। मंगलवार को क्रूड 63 डॉलर प्रति बैरल के करीब रही है।
जेएम फाइनेंशिएल की रिपोर्ट बताती है कि उत्पाद शुल्क में वृद्धि के बावजूद सरकारी तेल कंपनियां को अभी पेट्रोल व डीजल पर औसतन 12 रुपये प्रति लीटर की मार्जिन बच रही है। यानी एक तेल कंपनी के लिए अभी एक लीटर पेट्रोल बनाने की लागत व मुनाफा मार्जिन और उसकी फैक्ट्री गेट की कीमत (तमाम शुल्क आदि लगाने सेपहले) में 12 रुपये का अंतर है।
तेल मार्केटिंग कंपनियां पेट्रोल व डीजल पर अधिकांश महीनों मुनाफा कमायावजह यह है कि वर्ष 2024-25 के अधिकांश महीनों में क्रूड की कीमत कम ही रही है। अप्रैल, 2024 से जुलाई, 2024 के दौरान भारत के लिए क्रूड की खरीद लागत 83 से 89 डॉलर प्रति बैरल रही थी लेकिन उसके बाद यह लगातार 75 डॉलर प्रति बैरल के करीब है। इस हिसाब से सरकारी तेल मार्केटिंग कंपनियां (ओएमसी) पेट्रोल व डीजल पर अधिकांश महीनों मुनाफा कमाया है लेकिन रसोई गैस पर सब्सिडी देने से उनकी गणित पर असर पड़ा है।
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को बताया कि एलपीजी को लागत से कम बिक्री होने से तेल कंपनियों को अभी 48 हजार करोड़ रुपये का घाटा है जिसके एक बड़े हिस्से की भरपाई सरकार बढ़े हुए उत्पाद शुल्क संग्रह से करेगी।
जेएम फाइनेंशिएल की रिपोर्ट बताती है कि, “रसोई गैस सिलेंडर की कीमत बढ़ाने के बावजूद चालू वित्त वर्ष के दौरान 20 से 30 हजार करोड़ रुपये का घाटा होने की उम्मीद है। इस घाटे की भरपाई के लिए ओएमसी को पेट्रो व डीजल पर 7.30 रुपये से लेकर 10.50 रुपये प्रति लीटर की मार्जिन बना कर रखनी होगी।''
वहीं, एक दिन पहले पुरी ने कहा था कि, “50 रुपये प्रति सिलेंडर की वृद्धि के बावजूद 1028 रुपए की लागत वाला 14.2 किलोग्राम का एलपीजी सिलेंडर उज्जवला लाभार्थियों को सिर्फ 553 रुपये में आम उपभोक्ताओं को 853 रुपये में दिया जा रहा है।''
पेट्रोलियम कंपनियों के घाटे की भरपाई पर सरकार का जोरपुरी ने यह भी संकेत दिया था कि अगर क्रूड की कीमत लंबे समय तक 65 डॉलर प्रति बैरल से कम रहता है तो ओएमसी पेट्रो डीजल को सस्ता करने पर विचार कर सकती हैं। दूसरी तरफ, जेएम फाइनेंशिएल का आकलन है कि सस्ते क्रूड का फायदा आम जनता को देने के बजाये अभी पेट्रोलियम कंपनियों के घाटे (एलपीजी सिलेंडर को लेकर) की भरपाई की कोशिश होगी।
यह काम उत्पाद शुल्क में वृद्धि से होगा। वित्त मंत्रालय उत्पाद शुल्क वसूलेगा, बाद में इसका एक हिस्सा ओएमसी को दिया जाएगा। पिछले वित्त वर्ष भी ऐसा हुआ था।
यह भी पढ़ें: LPG गैस सिलेंडर 50 रुपये महंगा, पेट्रोल-डीजल का उत्पाद शुल्क 2 रुपये बढ़ा; जानिए उज्ज्वला योजना का हाल
Monsoon Alert: किसानों के लिए आई गुड न्यूज, इस बार झमाझम बरसेगा मानसून, सामान्य से अधिक वर्षा का अनुमान
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। किसानों एवं देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर है कि इस बार मानसून की बारिश अच्छी होने जा रही है। जून से सितंबर के बीच मानसूनी मौसम के दौरान औसत से तीन प्रतिशत ज्यादा बारिश हो सकती है। इस दौरान संपूर्ण भारत में औसतन लगभग 868.6 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस वर्ष लगभग 895 मिमी बारिश होने का अनुमान है।
मौसम पर नजर रखने वाली निजी एजेंसी स्काइमेट ने अपने ताजा अनुमान में बताया है कि प्रशांत महासागर में न्यूट्रल स्थिति है। ला-नीना बेहद कमजोर हो चुका है और अगले चार महीने के दौरान अलनीनो के विकसित होने की संभावना भी नहीं है।
इस साल झमाझम होगी बारिशहिंद महासागर का जलवायु पैटर्न भी अनुकूल दिख रहा है, जो मानसूनी बारिश के लिए मददगार साबित होगा। मानसून में अच्छी बारिश खेती कार्य में सहायक होती है। इसी दौरान खरीफ की फसल की बुआई और रोपाई होती है। भूजल स्तर में भी वृद्धि होती है, जिससे वर्ष भर पेयजल की कमी नहीं हो पाती है।
पूर्वानुमान में 96 से 104 प्रतिशत तक बारिश को सामान्य माना जाता है। चार महीने के दौरान 103 प्रतिशत का मतलब है कि अच्छी बारिश होगी। हालांकि, इसमें पांच प्रतिशत तक अंतर आ सकता है। मतलब सामान्य से पांच प्रतिशत कम या ज्यादा बारिश हो सकती है।
भारतीय तट पर मानसून कब दस्तक देगा?स्काइमेट का अनुमान है कि 96 प्रतिशत से नीचे जाने का अनुमान बहुत ही कम है। देश के पश्चिमी तट एवं मध्य भागों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। उत्तर पूर्वी राज्यों के साथ जम्मू-कश्मीर और पहाड़ी इलाकों में सामान्य से कम बारिश हो सकती है। भारतीय तट पर मानसून कब दस्तक देगा, इसका आकलन अभी नहीं किया जा सका है। मगर मानसून का प्रवेश केरल के रास्ते होता है, जहां सामान्य तौर पर एक जून को सक्रिय होता है। फिर धीरे-धीरे दक्षिण भारत के राज्यों से आगे बढ़ते हुए बंगाल की खाड़ी के सहारे मध्य एवं उत्तर भारत की ओर बढ़ता है। सबसे अंत में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान तक फैलता है।
भारतीय तट पर मानसून कब दस्तक देगास्काइमेट ने कोर मानसून मंथ के दौरान कुछ क्षेत्रों में औसत से कम बारिश की भी आशंका जताई है, लेकिन अधिकतर क्षेत्रों में मानसून सामान्य रहने वाला है। जून में मानसून की रफ्तार थोड़ी कम हो सकती है, क्योंकि ला-नीना का असर कुछ दिन तक रह सकता है। जून में औसत से चार प्रतिशत कम बारिश हो सकती है, लेकिन अगले महीने से बारिश रफ्तार पकड़ लेगी।
जुलाई, अगस्त एवं सितंबर में औसत से ज्यादा बारिश होगी। अगस्त में आठ प्रतिशत ज्यादा वर्षा हो सकती है। खेती के लिहाज से यह महीना ज्यादा अनुकूल होता है।
मासिक वर्षा का अनुमान महीना मात्रा (मिलीमीटर में) जून 165.3 मिमी (चार प्रतिशत कम) जुलाई 280.5 मिमी (दो प्रतिशत ज्यादा) अगस्त 254.9 मिमी (आठ प्रतिशत ज्यादा) सितंबर 167.9 मिमी (चार प्रतिशत ज्यादा)यह भी पढ़ें: Weather Update: इन 8 राज्यों में लू की चेतावनी, राजस्थान में रेड अलर्ट; जानिए यूपी-बिहार समेत अपने राज्य का हाल
यह भी पढ़ें: दिल्ली-UP समेत आधे भारत में लू का कहर, हिमाचल भी तपने लगा; 40 के पार रहा पारा
Pages
