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Bihar Weather: दो दिन तक और सताएगी चिलचिलाती गर्मी, फिर झमाझम होगी बारिश; 40 डिग्री के पार पहुंच चुका है पारा
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार में अगले दो दिनों तक भीषण गर्मी पड़ने के बाद मौसम में बदलाव के संकेत हैं। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि दो दिनों तक राजधानी समेत प्रदेश के अधिकांश भागों में लू चलने की आशंका है। ऐसे में लोगों को मौसम के प्रति बेहद सावधान रहने की जरूरत है।
शनिवार को राज्य के 19 शहरों का तापमान 40 या उससे अधिक रहा। मुख्य रूप से शेखपुरा, जमुई, बांका, आरा, नालंदा, अरवल एवं नवादा में उष्ण लहर का प्रकोप रहा।
राज्य में सर्वाधिक तापमान 43.7 डिग्री सेल्सियस अरवल में दर्ज किया गया। वहीं, सबसे कम तापमान 25.5 डिग्री सेल्सियस किशनगंज में रिकार्ड किया गया।
राजधानी में अधिकतम तापमान 41.7 एवं न्यूनतम तापमान 30.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। राजधानी की हवा में आर्द्रता 42 प्रतिशत रिकार्ड की गई।
मौसम पटना विज्ञान केंद्र के विज्ञानी एसके सुमन का कहना है कि बिहार में फिलहाल दो दिनों तक लू चलने के आसार हैं। उसके बाद ही प्रदेश के मौसम में बदलाव होगा।
सुबह दस बजे से ही झुलसा रही गर्मीआजकल प्रदेश के अधिकांश भागों में सुबह दस बजे से ही गर्मी लाेगों को झुलसाने लगी है। खुले सिर ऐसे में बाहर निकलना खतरे से खाली नहीं है।
तीखी धूप एवं गर्म हवा के कारण घर से बाहर निकलने पर लगता है, मानो चेहरा झुलस जाएगा। गर्मी से लोगों को घर में भी राहत नहीं मिल रही है।
घरों में लगे पंखे भी आग उगल रहे हैं। शनिवार को भीषण गर्मी से दोपहर में राजधानी के अधिकांश सड़कों पर बहुत कम लोग दिखाई पड़े। आवश्यक कार्य से ही लोग घरों से बाहर निकल रहे हैँ।
सूर्यास्त के बाद भी गर्म हवा से राहत नहींशनिवार को सूर्यास्त से पहले लोग तीखी धूप से परेशान रहे, लेकिन सूर्यास्त के बाद भी लोगों को गर्म हवा से राहत नहीं मिल रही थी। गर्मी से राहत पाने के लिए लोग दिनभर कूलर एवं एसी चला रहे हैं। रात में भी आधी रात के बाद ही लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिल रही है।
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'अल्पसंख्यकों के भाईजान हैं PM Modi', शाहनवाज ने मुस्लिमों से की भावुक अपील, कहा- डूबते नाव की सवारी करना करें बंद
राज्य ब्यूरो, पटना। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने दावा किया कि 18वीं लोकसभा चुनाव बाद देश में एक बार फिर नरेन्द्र मोदी का प्रधानमंत्री बनना तय है। पूरे देश में मोदी की लहर नहीं बल्कि, सुनामी चल पड़ी है।
शाहनवाज हुसैन ने कहा कि अल्पसंख्यक समाज को नरेन्द्र मोदी को वोट देकर प्रधानमंत्री बनाने के मिशन पर काम करना चाहिए। अल्पसंख्यक समाज डूबते नाव की सवारी करना बंद करे।
अल्पसंख्यकों के भाईजान हैं मोदीशाहनवाज ने कहा कि अल्पसंख्यक समाज को अबतक बहकाया और ठगा गया है। मोदी अल्पसंख्यकों के भाईजान हैं, अल्पसंख्यक समाज के सबसे बड़े हितैषी। मोदी सरकार में किसी से भी कोई भेदभाव नहीं हुआ, आगे भी नहीं होगा।
नरेंद्र मोदी फिर बनेंगे पीएमपांचवें चरण की मतदान के लिए प्रचार का समय खत्म होने से पूर्व सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का फिर से प्रधानमंत्री बनना देश हित में है। उन्होंने आगे कहा कि यह भी तय है कि नरेन्द्र मोदी 400 पार सीटों से तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनेंगे।
शाहनवाज हुसैन ने कहा कि अल्पसंख्यक समाज को अपने वोट से यह सुनिश्चित करना होगा कि नई सरकार में उनकी भी पुरजोर भागीदारी हो।
अल्पसंख्यकों को मोदी से अच्छा कोई दोस्त नहींउन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समाज के लिए हिंदुस्तान से अच्छा देश और मोदी से अच्छा कोई दोस्त नहीं है। मोदी सरकार की किसी भी योजना में किसी जाति-धर्म, वर्ग या समाज से कोई भेदभाव नहीं किया गया। मोदी सरकार की सभी जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ हर जरूरतमंद को बिना किसी भेदभाव के मिला है।
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BIhar News: CITS प्रशिक्षित अनुदेशकों की बहाली का रास्ता साफ, Patna High Court ने बिहार सरकार को दिया ये आदेश
राज्य ब्यूरो, पटना। पटना हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले से सीआईटीएस प्रशिक्षित अनुदेशकों की बहाली का रास्ता साफ कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन एवं न्यायाधीश हरीश कुमार की खंडपीठ ने गोल्डेन कुमार एवं अन्य की याचिकाओं को निष्पादित करते हुए यह फैसला सुनाया।
अदालत ने स्पष्ट किया कि भारत सरकार के निर्देश के अनुरुप आरपीएल के तहत सीआईटीएस करने वाले को रेगुलर के समकक्ष मानते हुए मेरिट का लाभ देना होगा।
महाधिवक्ता पी के शाही ने खंडपीठ को बताया कि बहाली प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। केवल मेरिट लिस्ट का प्रकाशन और नियुक्ति करना बाकी है। इसपर कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार इसे पूरा करने के लिए स्वतंत्र है।
इस मामले में सीआईटीएस संघ की ओर से प्रवीण ठाकुर, अभिमत राय गोपाल जी पांडेय, रवि रंजन तथा अन्य ने हस्तक्षेप याचिका दायर कर रिट याचिकाओं का विरोध किया था। याचिकाकर्ताओं ने नियुक्ति प्रक्रिया की वैधता को चुनौती दी थी, जिसे कोर्ट ने नामंजूर कर दिया।
पुलिस मेंस एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष को तत्काल सेवा में वापस लेने का निर्देशपटना हाई कोर्ट ने बर्खास्त सिपाही एवं बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष को राहत देते हुए उन्हें तत्काल सेवा में वापस लेने का निर्देश राज्य सरकार को दिया है। न्यायाधीश मोहित कुमार शाह की एकलपीठ ने नरेन्द्र कुमार धीरज की याचिका को स्वीकृति देते हुए यह उक्त दिया।
लखीसराय के एसपी ने 10 मई 2022 को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को सेवा से बर्खास्त कर दिया था।इस आदेश के खिलाफ दायर अपील को भी नामंजूर कर दिया गया और बर्खास्तगी को बहाल रखा गया। तीनों आदेश की वैधता को चुनौती देते हुए यह याचिका दायर की गई थी। इस मामले में याचिकाकर्ता का पक्ष वरीय अधिवक्ता वाईवी गिरि एवं ब्रिस्केतु शरण पांडेय ने रखा ।
अदालत ने मामले का अवलोकन कर पाया कि प्रतिवादियों द्वारा याचिकाकर्ता के साथ किए गए घोर अन्याय का मामला है और रिकार्ड पर मौजूद सामग्री पर्याप्त रूप से प्रदर्शित करती है कि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों को नजरअंदाज किया गया है और याचिकाकर्ता सभी परिणामी लाभों के साथ पूरे पिछले वेतन का हकदार है।
कोर्ट ने मामले पर सभी पक्षों की सुनवाई के बाद बर्खास्तगी आदेश को रद कर दिया और तीन महीने के भीतर सभी बकाए राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया।
Bihar Teachers Salary: तो इस वजह से बिहार के शिक्षकों को नहीं मिल रही सैलरी, सामने आ गई पूरी सच्चाई
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Teachers Salary चालू वित्तीय वर्ष में बिहार को 1,758 करोड़ केंद्रांश नहीं मिला है। इस कारण सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों को वेतन भुगतान में दिक्कतें आ रही हैं। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने संचिका भेजकर वित्त विभाग से परामर्श मांगा है।
बीते 12 अप्रैल को सेंट्रल प्रोजेक्ट एप्रूवल बोर्ड की बैठक में शिक्षा पर 4,758 करोड़ केंद्रांश तथा 3,172 करोड़ राज्यांश की स्वीकृति दी गई थी। शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों को वेतन भुगतान हेतु राज्य निधि से पूरी राशि उपलब्ध कराने का भी प्रस्ताव तैयार किया गया है।
एक लाख 90 हजार शिक्षकों को वेतन देता है केंद्रशिक्षा विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि इस वर्ष केंद्र ने बिहार के प्रारंभिक शिक्षकों के वेतन के लिए स्वीकृति राशि मई में उपलब्ध कराने की सहमति दे रखी है, लेकिन केंद्र से शिक्षकों के वेतन के लिए अब तक राशि जारी नहीं की गई है। इससे शिक्षकों को वेतन देने में परेशानी है। हालांकि, राज्य सरकार अपने स्कीम से पूरा पैसा इंतजाम किया है।
सबसे दिलचस्प बात यह है कि केंद्र द्वारा एक लाख 90 हजार शिक्षकों के वेतन के लिए राशि मंजूर की है। इस प्रकार शेष शिक्षकों को पूरा वेतन भी राज्य सरकार अपने संसाधनों से देने को मजबूर हो रही है।
केंद्रांश 799 करोड़ बकाया भीपिछले वित्तीय वर्ष में केंद्रीय स्कीम के तहत माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों के वेतनमान के लिए 899 करोड़ 38 लाख रुपये की स्वीकृति मिली थी। इसमें केंद्रांश 799 करोड़ 38 लाख रुपये अब भी केंद्र से नहीं मिला है। अब भी केंद्रांश का बड़ा हिस्सा लंबित है। इससे राज्य सरकार वित्तीय दबाव में है। कई योजनाएं लटकी हैं।
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'क्या हुआ तेरा वादा...', पटना पहुंचे Salman Khurshid ने PM Modi पर किया कटाक्ष, महागठबंधन के लिए कह दी ऐसी बात
जागरण संवाददाता, पटना। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने शनिवार को पटना के तीन ऐतिहासिक खानकाहों और तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब में हाजिरी लगाई। चादरपोशी की और दर्शन कर शबद कीर्तन सुना।
उन्होंने क्या हुआ तेरा वादा, वो कसम वो इरादा गीत गाते हुए कहा कि देश की जनता बीजेपी से दस सालों के वादों का हिसाब पूछ रही है। बार बार और कितनी बार प्रधानमंत्री बिहार आएंगे? विशेष राज्य का दर्जा तो दिया नहीं।
बदल गई है देश की फिजासलमान खुर्शीद ने कहा कि देश की फिजा बदल गई है। हर जगह लोगों का प्यार इंडी महागठबंधन को मिल रहा है। आइएनडीआइए प्रत्याशी अंशुल अविजीत इसी पटना के हैं। जनता के मिल रहे समर्थन से अंशुल जीत रहे हैं।
महागठबंधन के रूप में देश को मिला बेहतर विकल्पउन्होंने कहा कि महागठबंधन के रूप में देशवासियों को विकास के साथ देश को आगे ले जाने का एक बेहतर विकल्प मिला है। यह गठबंधन देश के सभी धर्मों को मिलजुलकर प्यार से रहने का संदेश देता है। कांग्रेस और महागठबंधन की पार्टियां भी इसी संदेश व लोगों की चाहत को मजबूत कर रही है।
सलमान खुर्शीद ने कहा कि महागठबंधन का चुनावी घोषणा पत्र किसानों, नौजवानों, बेरोजगारों, महिलाओं के हित से जुड़ा है। देश की रक्षा, सबके लिए सुरक्षा, हर सिर पर छत, पेपर लीक न हो यह सुनिश्चित करना है।
ये लोग रहे मौजूदखानकाह मुनएमिया मीतन घाट में सज्जादानशी सैयद शाह शमीम अहमद मुनएमी, खानकाह इमादिया मंगल तालाब में सज्जादानशी सैयद शाह मिस्बाहुल हक इमादी, खानकाह बारगाहे इश्क तकिया शरीफ में सज्जादानशी सैयद शाह आमिर शाहिद ने स्वागत किया और तख्त साहिब में सिरोपा देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर विधायक प्रतिमा दास, कांग्रेसी नेता प्रवीण कुशवाहा, सुजीत कुमार कसेरा, मनोज मेहता, डॉ. विनोद अवस्थी मौजूद थे।
Patna Gold Silver Price: वैश्विक बाजार की चकाचौंध से चमक उठा सर्राफा बाजार, चांदी ने लगाई रिकॉर्ड छलांग, सोने भी हुआ मजबूत
जागरण संवाददाता, पटना। वैश्विक बाजार की चकाचौंध से प्रभावित स्थानीय पटना सर्राफा बाजार में शनिवार को चांदी में जोरदार उछाल आया। चांदी 3200 रुपये की बढ़त हासिल कर 87,800 रुपये प्रति किलो की दर पर आ गयी। इस वर्ष चांदी में ये सबसे बड़ी तेजी है।
दो वर्ष पहले चांदी ने 3500 रुपये प्रति किलो की उड़ान भरी थी। सोना भी कदमताल करते हुए 500 रुपये प्रति दस ग्राम की बढ़त पर पहुंचा। मजबूती के उपरांत सोना विठूर 72,900 रुपये व 22 कैरेट 72,750 रुपये प्रति दस ग्राम की दर पर आ गया।
सोना-चांदी में आयी तेजी को व्यापारिक वर्ग वैश्विक बाजार में सटोरियो की पकड़ धातुओं पर बढ़ने का प्रभाव मान रहे हैं। शादी-ब्याह के मौसम पर लगे विराम की वजह से ग्राहकी मांग कमजोर है।
इसी बीच धातुओं में कायम तेजी खरीदार हाथ खींच खरीद करेंगे। खासतौर पर चांदी की तेज उड़ान का प्रभाव कारखानेदार की खरीदारी पर दिखेगा।
ग्राहकों की खरीदारी के साथ आभूषण गढ़ने वालों और कारखानेदारो की खरीदारी धीमी रफ्तार में चल रही है। इसका कारोबार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
स्थिति चाहे जो भी हो खपत मौसम की कमी को दृष्टिगत कर आने वाले समय में धातुओं में तीव्र उतार-चढ़ाव के बीच राहत मिलने की उम्मीद है।
Bihar Election 2024: छठे चरण में JDU के 2 फैसले रहेंगे कसौटी पर, क्या पार लगेगी नैया? नीतीश की साख दांव पर
भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। Bihar Lok Sabha Election 2024: छठे चरण में 25 मई को होने वाले मतदान में जदयू द्वारा लिए गए दो फैसले कसौटी पर रहेंगे। मामला शिवहर व सिवान लोकसभा क्षेत्र से जुड़ा है। शिवहर की सीट पिछले कई आम चुनाव से भाजपा के खाते में रही है। सीट शेयरिंग के तहत इस बार शिवहर की सीट जदयू के खाते में है। दूसरा महत्वपूर्ण फैसला सिवान से प्रत्याशी बदलने का है। सिवान सीट जदयू के खाते में रही है।
वहां से कविता सिंह जदयू (JDU) की सांसद रही हैं। इस बार जदयू ने वहां से कविता सिंह की जगह विजयलक्ष्मी कुशवाहा को अपना प्रत्याशी बनाया है।
शिवहर में जदयू की कहानी नए प्लाट के साथशिवहर लोकसभा क्षेत्र में जदयू (JDU) की कहानी इस बार नए प्लाट के साथ है। वर्ष 2014 में आखिरी बार जदयू ने यहां से अपना प्रत्याशी दिया था। तब जदयू ने एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ा था।
उस वर्ष के चुनाव में जदयू के प्रत्याशी शाहिद अली खान थे। उन्हें 9.39 प्रतिशत वोट मिले थे। उक्त चुनाव में 44.19 वोट हासिल कर भाजपा प्रत्याशी रमा देवी ने चुनाव जीता था। वर्ष 2009 में भी रमा देवी शिवहर से सांसद चुनी गई थीं। वर्ष 2019 में भी रमा देवी ने एकतरफा 60.59 प्रतिशत वोट लाकर चुनाव जीता था।
राजद के सैयद फैसल अली दूसरे नंबर पर थे और उन्हें 26.71 प्रतिशत वोट आए थे। इस बार शिवहर में जदयू की कहानी शिवहर में नए प्लाट के साथ है। चुनाव के ठीक पहले लवली आनंद ने जदयू की सदस्यता ली और फिर जदयू ने उन्हें शिवहर सीट से अपना प्रत्याशी बनाया।
शिवहर से पहले भी प्रत्याशी रही हैं लवली आनंदशिवहर में लवली आनंद पहले भी लोकसभा चुनाव की जंग में रहीं हैं। वर्ष 2009 के आम चुनाव में लवली आनंद ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। उस वर्ष उन्हें 14.24 प्रतिशत वोट आए थे। वह राजद प्रत्याशी के बाद चौथे नंबर पर रही थीं। वर्ष 2014 का आम चुनाव भी उन्होंने शिवहर से लड़ा था। तब वह सपा के टिकट पर यहां से प्रत्याशी थीं। उस समय उन्हें 5.46 प्रतिशत वोट आए थे। वह जदयू प्रत्याशी के ठीक नीचे चौथे स्थान पर थीं।
सिवान में नए प्रत्याशी के साथ जनता दल यूनाइटेडसिवान से जदयू इस बार नए प्रत्याशी के साथ चुनाव मैदान में है। जदयू ने 2019 में कविता सिंह को प्रत्याशी बनाया था। वह 45.54 प्रतिशत वोट हासिल कर राजद की हेना शहाब को पराजित की थी। इस बार जदयू ने विजयलक्ष्मी कुशवाहा को अपना प्रत्याशी बनाया है। वह पहली बार चुनाव लड़ रहीं। जदयू के प्रत्याशी बदलने का फैसला कसौटी पर है। वैसे राजद ने भी हेना शहाब के इन्कार के बाद अवध बिहारी चौधरी को यहां से अपना प्रत्याशी बनाया है।
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Patna News: दीघा में छात्र हत्याकांड में बड़ा खुलासा, 10 मिनट का फुटेज मिटा और प्ले रूम का कैमरा खोल फंस गए मां-बेटे
जागरण संवाददाता, पटना। Patna News: दीघा थाना क्षेत्र के बाटागंज की हथुआ कालोनी स्थित टिनी टाट अकादमी में चार वर्षीय आयुष की हत्या की कहानी सुनकर पुलिसकर्मियों के भी रोंगटे खड़े हो गए। स्कूल संचालक धनंजय झा और उसकी मां सह प्राचार्या वीणा झा उर्फ पुतुल झा ने पुलिस व आयुष के स्वजन को गुमराह करने का भरसक प्रयास किया, लेकिन मिटाए गए दस मिनट के फुटेज व प्ले रूम से हटे सीसी कैमरे ने उन्हें सलाखों के पीछे ढकेल दिया।
शव को गंगा में फेंकने का था प्लानस्वजन के दबाव में यदि पुलिस ने रात में स्कूल की दोबारा तलाशी नहीं ली होती तो साजिश के तहत मां-बेटे गटर (सेप्टिक टैंक) से शव निकाल कर गंगा में फेंक देते। स्कूल से मात्र दो सौ मीटर की दूरी पर नदी है। रविवार को पुलिस मां-बेटे को कोर्ट में पेश कर दोनों को न्यायिक हिरासत में भेजने की अर्जी देगी। एफएसएल की टीम ने भी घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र किए हैं।
चचेरी बहन को भी था धमकायाआयुष का परिवार मूरूप से नकटा दियारा का रहने वाला है। हालांकि, परिवार पालसन रोड में रहता है। उसके पिता शैलेंद्र राय की नासरीगंज में इंजीनियरिंग वर्क्स की फैक्ट्री है। आयुष दो भाइयों में बड़ा था। उसका छोटा भाई एक वर्ष का है। इसी स्कूल में आयुष की 12 वर्षीय चचेरी बहन भी पढ़ती थी। वह दूसरे आटो से आती-जाती थी। गुरुवार की शाम पांच बजे तक जब आयुष नहीं पहुंचा तो स्वजन ने उसकी खोजबीन शुरू की। बच्ची ने बताया कि उसे कुछ नहीं पता।
इसके बाद स्वजन ई-रिक्शा पर आयुष की तस्वीर के साथ स्कूल के आसपास उद्घोषणा कराने लगे। शव मिलने के बाद बच्ची ने बताया कि प्राचार्या वीणा झा प्ले रूम में पोंछा लगा रही थी। उसने धमकी दी थी कि आयुष के बारे में कोई कुछ पूछेगा तो नहीं बोलना, वरना बुरा परिणाम भुगतना होगा।
भेद खुलते ही घबरा गए मां-बेटेBihar News: जब पुलिस ने स्कूल में लगे सीसी कैमरे दिखाने को कहा, लेकिन वे तैयार नहीं हुए। मां-बेटे कहने लगे कि इंजीनियर आएगा, तभी दिखा पाएंगे। गुरुवार की रात लगभग 12 बजे आयुष के एक रिश्तेदार को इसकी जानकारी हुई। उसने बताया कि उसे फुटेज देखना आता है। स्वजन की आग्रह पर पुलिस दोबारा रात में स्कूल गई। उस युवक ने फुटेज देखना शुरू किया तो मालूम हुआ कि सुबह 11:49 के बाद 10 मिनट का वीडियो मिटा दिया गया है। सीधे 12:01 मिनट समय बता रहा था।
इस बीच स्वजन की नजर प्ले रूम पर पड़ी। उन्होंने देखा कि वहां कैमरा लगा था, जो अब नहीं है। संदेह बढ़ने पर तलाशी शुरू की गई।
आयुष की मां की जिद पर खुला गटरनिशांत ने बताया कि तलाशी के क्रम में आयुष कहीं नजर नहीं आया। प्ले रूम में गटर दिखा, जिस पर ढक्कन लगा था। उसे दरी (मोटे सूत का बिछावन) से भी ढक दिया गया था। वहां तक कोई न पहुंच पाए, इसलिए रास्ते में लकड़ी की तख्तियां और खिलौने रख दिए गए थे। देखने से ऐसा लग रहा था कि गटर को छिपाने की कोशिश की गई है। बाहर आने के बाद आयुष की मां गटर खोल कर देखने की जिद करने लगी।
गटर का ढक्कन हटाया तो शव उपलाता दिखातब स्वजन वापस अंदर गए और गटर से ढक्कन हटाया कि आयुष का शव उपलाता दिखा। उसे देखते ही आयुष की मां चीख उठीं और बेहोश हो गई। तब पुलिस ने मां-बेटे एवं रात्रि गार्ड को हिरासत में लेकर थाने चली गई। गार्ड की भूमिका सामने नहीं आई, जिसके बाद उसे रिहा कर दिया गया।
आक्रोशित लोगों ने आगजनी कर रास्ता रोकास्कूल में छात्र का शव मिलने की खबर शुक्रवार सुबह तक पूरे इलाके में फैल गई। नकटा दियारा से बड़ी संख्या शैलेंद्र के परिचित पहुंच गए। आक्रोशित लोगों ने बाटागंज पेट्रोल पंप के पास आगजनी कर रास्ता रोक दिया। पुलिस ने जब वहां से उन्हें हटाया तो दीघा-आशियाना मोड़ पर टायर जलाकर वाहनों का आवागमन बाधित कर दिया। साथ ही इसी रोड पर पालसन मोड़ के पास भी बांस-बल्ले से परिचालन ठप कर दिया। यहां से राजीव नगर थाना चंद मीटर ही दूर है। बावजूद इसके पुलिस काफी देर से पहुंची।
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Bihar Election 2024: समता पार्टी के जमाने से ही गोपालगंज में जदयू ने कर रखा है अपने को सक्रिय, कुछ ऐसा रहा है रिकॉर्ड
राज्य ब्यूरो, पटना। Gopalganj News: छठे चरण के तहत बिहार के जिन आठ लोकसभा क्षेत्रों में मतदान हो रहा उनमें एक गोपालगंज (सुरक्षित) लोकसभा सीट है। वर्ष 2019 में जदयू के आलोक कुमार सुमन को वहां से सफलता मिली थी। इस बार भी नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की जदयू ने गोपालगंज से आलोक कुमार सुमन को ही वहां से अपना प्रत्याशी बनाया है। जदयू गोपालगंज में अपनी सक्रियता 1998 से ही जोड़ता है। उस समय जदयू का अस्तित्व समता पार्टी के रूप में था।
समता पार्टी से गोपालगंज में दो सांसद हए थेBihar News: जिस वक्त गोपालगंज सीट सुरक्षित सीट की श्रेणी में शामिल नहीं थी उस वक्त समता पार्टी की टिकट पर गोपालगंज सीट से दो बार सांसद हुए। वर्ष 1998 में अब्दुल गफूर समता पार्टी के टिकट पर जीते थे। उसके अगले ही साल 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में समता पार्टी के टिकट पर गोपालगंज से रघुनाथ झा को सफलता मिली थी।
सीट जब सुरक्षित हुई तो पूर्णमासी राम को पहली सफलताजदयू इस सीट पर दावेदारी के क्रम में अपने पुरानी सक्रियता की खूब चर्चा करती है। जब गोपालगंज सीट सुरक्षित हो गयी तो सबसे पहले इस सीट पर जदयू के टिकट पर पूर्णमासी राम को सफलता मिली। वर्ष 2009 के आम चुनाव में उन्हें जीत मिली। पर जदयू ने जब एनडीए से हटकर 2014 का आम चुनाव लड़ा तो गोपालगंज से उसके प्रत्याशी चुनाव हार गए। भाजपा के जनक राम गोपालगंज से सांसद हो गए। जदयू के प्रत्याशी अनिल कुमार 11.11 प्रतिशत वाेट के साथ तीसरे नंबर पर रहे।
वर्ष 2019 में जदयू ने यहां से अपने प्रत्याशी बदल दिएवर्ष 2019 में पुन: एनडीए के साथ होकर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की जदयू ने गोपालगंज में अपनी सक्रियता बढ़ायी। इस बार आलोक कुमार सुमन को जदयू ने अपना प्रत्याशी बनाया। उन्हें 55.44 प्रतिशत वोट आए और वह चुनाव जीत गए। राजद के सुरेंद्र राम उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी थे और उन्हें 27.49 प्रतिशत वोट आए थे। इस बार के आम चुनाव में जदयू ने पुन: आलोक कुमार सुमन को मैदान में उतारा है।
जब सीट सुरक्षित नहीं थी तो निर्दलीय जीत गए थे काली पांडेयजब गोपालगंज सीट सुरक्षित नहीं थी ताे 1984 के आम चुनाव में काली पांडेय इस सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीत गए थे। द्वारका नाथ तिवारी कांग्रेस की टिकट पर तीन बार और एक बार जनता पार्टी के टिकट पर यहीं से सांसद रहे। राजद के टिकट पर साधु यादव 2004 में यहां से सांसद हुए थे।
पिछली बार पूरे देश में यहां सबसे अधिक नोटा थावर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद गोपालगंज लोकसभा क्षेत्र इस बात को लेकर पूरे देश में सुर्खियों में था कि सबसे अधिक नोटा के तहत यहीं वोट डाले गए थें। कुल 51,660 लोगों ने नोटा का बटन दबाया था।
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सुनील राज, पटना। Bihar Political News Today: बिहार में लोकसभा के चार चरणों के चुनाव के बाद अब तमाम दलों और मतदाताओं की नजर 20 मई को होने वाले पांचवे चरण के मतदान पर है।
एनडीए के घटक दलों के साथ ही विपक्षी गठबंधन राजद, कांग्रेस, वामदल से लेकर विकासशील इंसान पार्टी तक अपने वोटरों से लगातार अपील कर रहे हैं कि मतदान के लिए घरों से बाहर आएं और अपने पसंदीदा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करें। सभी दलों को पता है कि मतदान का प्रतिशत बेहतर होगा तभी चुनाव में उनकी जीत की संभावना भी बढ़ेगी।
राजद और कांग्रेस को मतदान प्रतिशत से सर्वाधिक परेशानीमतदान प्रतिशत को लेकर सर्वाधिक परेशानी कांग्रेस और राजद जैसे दलों को है। इसकी वजह है कि बीते दो लोकसभा चुनाव में इन दलों का मत प्रतिशत इनके विरोधियों के मुकाबले काफी कम रहना। 2014 हो या फिर 2019 के लोकसभा चुनाव इन दोनों चुनावों में वोट के कम प्रतिशत की वजह से महागठबंधन को पराजय का सामना करना पड़ा था।
2014 के लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर नजर डाले तो एनडीए के मुकाबले राजद, कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा। राजद ने 27, कांग्रेस ने 12 और राष्ट्रवादी कांग्रेस एक-एक सीट पर लड़ी। राजद को इस चुनाव 20.10 प्रतिशत वोट मिले। जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस को 8.40 और राष्ट्रवादी कांग्रेस (NCP) को 1.20 प्रतिशत वोट मिले। उक्त चुनाव में राजद को चार, कांग्रेस को दो और राष्ट्रवादी कांग्रेस को एक सीट पर विजयी मिली थी।
एनडीए के दलों का क्या रहा था हालमहागठबंधन के मुकाबले 2014 में एनडीए के प्रमुख घटक भाजपा ने 30 सीटों पर चुनाव लड़कर 29.40 प्रतिशत वोट मिले थे। सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी सात सीटों पर लड़कर 6.40 प्रतिशत और अन्य सहयोगी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने तीन सीटों पर लड़कर करीब तीन प्रतिशत मत प्राप्त किए थे। इस चुनाव भाजपा ने 22, लोक जनशक्ति पार्टी ने छह और रालोसपा ने लड़ी गई तीनों सीट जीती थी। जनता दल यू ने 2014 में अकेले 40 सीटों पर चुनाव लड़कर 15.80 प्रतिशत मत प्राप्त किए जबकि 40 में से सिर्फ दो सीटों पर उसके उम्मीदवार जीत पाए।
2019 में क्या रहा था मतदान प्रतिशत2019 के चुनाव की बात करें तो एनडीए की प्रमुख भाजपा ने 17 सीटों पर लड़कर सभी में जीत प्राप्त की और उसका वोट प्रतिशत 23.58 रहा। एनडीए के सहयोगी जदयू ने 17 सीटों पर लड़कर 16 में जीत हासिल की और उसका वोट प्रतिशत 21.81 प्रतिशत रहा। लोजपा ने उस दौरान छह सीटों पर लड़कर सभी जीती और उसका वोट प्रतिशत था 7.86 था।
इस गठबंधन के विरूद्ध महागठबंधन के प्रमुख घटक राजद ने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा, परंतु सभी सीटों पर पराजित रही। राजद का तब वोट प्रतिशत था 15.36 प्रतिशत। महागठबंधन की सहयोगी कांग्रेस ने नौ सीटों पर लड़कर एक सीट जीती।
कांग्रेस का वोट प्रतिशत रहा 7.70 प्रतिशत। अन्य सहयोगी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी पांच सीटों पर लड़ा और सभी में उसकी हार हुई। रालोसपा का वोट प्रतिशत था 3.66 प्रतिशत रहा। इन दो चुनावों की बात करें तो एनडीए के मुकाबले महागठबंधन वोट प्रतिशत में लगातार पीछे है। एनडीए हालांकि वोट प्रतिशत को लेकर आशांवित है बावजूद वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए वह भी प्रयासरत है। दूसरी ओर महागठबंधन की मजबूरी है वोट प्रतिशत के लिए लगातार मेहनत करना।
2014 वोट प्रतिशत एक नजर मेंएनडीए : प्रतिशत
भाजपा - 29.40
लोजपा - 6.40
रालोसपा - 3.00
कुल - 38.8
महागठबंधन : प्रतिशत
राजद - 20.10
कांग्रेस - 8.40
राकांपा - 1.20
कुल - 29.7
2019 -
एनडीए : प्रतिशत
भाजपा - 23.58
जदयू - 21.81
लोजपा - 7.86
कुल - 53.25
महागठबंधन : प्रतिशत
राजद - 15.36
कांग्रेस - 7.70
रालोसपा- 3.66
राकांपा - 0.1
कुल - 26.82
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Patna News: आखिर ऐसा क्या हुआ कि संचालक ने जिंदा छात्र को गटर में फेंक दिया, किस वजह से घबरा गए? हो गया खुलासा
जागरण संवाददाता, पटना। Patna News: दीघा थाना क्षेत्र के बाटागंज की हथुआ कालोनी स्थित टिनी टाट अकादमी नामक सीबीएसई संबद्ध स्कूल के गटर से शुक्रवार तड़के तीन बजे चार वर्षीय आयुष का शव बरामद किया है। आयुष इसी स्कूल में पढ़ता था। सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि जिंदा छात्र को ही संचालक ने गटर में डाल दिया। इसके पीछे की वजह भी सामने आ गई।
बच्चे को जिंदा डाल दिया गटर मेंपूछताछ में आरोपितों ने बताया कि खेलने के क्रम में आयुष के सिर में चोट लग गई थी। जब इसकी जानकारी मां-बेटे को हुई तो उन्होंने अस्पताल पहुंचाने के बजाय क्लासरूम में बैठा दिया। रक्तस्राव से आयुष अचेत हो गया। आरोपितों ने उसे मृत मान कर गटर (सेप्टिक टैंक) में डाल दिया। गटर के ढक्कन और आसपास खून पसर गया था, जिसे वीणा झा ने स्वयं अपने हाथों से साफ किया था।
पोस्टमार्टम सूत्रों की मानें तो आयुष के फेफड़ों और पेट में गटर का गंदा पानी मिला है। श्वास नली में भी पानी भरा था। इससे अंदेशा है कि गटर में डाले जाने के समय आयुष की सांसें चल रही थीं। हालांकि, अब तक अधिकारिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आई है।
आक्रोशित लोगों ने स्कूल में की तोड़फोड़इससे आक्रोशित लोगों ने स्कूल में तोड़फोड़ करने के साथ इसे आग के हवाले कर दिया। साथ ही बाटागंज, दीघा-आशियाना मोड़ और पालसन मोड़ पर आगजनी कर वाहनों का आवागमन रोक दिया।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझाने के बाद गुस्सा शांत कराया। साथ ही लगभग नौ बजे शव को पोस्टमार्टम के लिए पीएमसीएच भेज दिया। इधर, स्कूल में लगी आग पर काबू पाने के लिए बाइक, मिस्ट मिला कर दमकल के चार वाहन पहुंचे थे। प्लाईवुड और लकड़ी के फर्नीचर की वजह से आग धधक उठी।
हालांकि, दमकल की टीम ने आग को फैलने से रोक लिया। वहीं, दूसरी ओर बालक की मौत के बाद घर में कोहराम मच गया। उसकी मां की तबीयत बिगड़ गई है। सिटी एसपी चंद्र प्रकाश ने बताया कि स्कूल संचालक धनंजय झा (21) और उसकी मां सह प्राचार्या वीणा झा उर्फ पुतुल झा (45) को गिरफ्तार किया गया है। वे मूलरूप से मधुबनी जिले के पंडौल थानांतर्गत शाहपुर श्रीपुरहाटी के रहने वाले हैं। यहां दानापुर की मिथिला कालोनी में रहते थे।
आग लगाने वालों पर भी प्राथमिकीBihar News: शव मिलने से आक्रोशित लोगों ने स्कूल में घुसकर तोड़फोड़ की थी। बाहर खड़े एक स्कूल वाहन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया था। इसके बाद लोगों ने स्कूल में आग लगा दी थी। स्कूल के पास ही मोबिल का डिपो था, जिस तक चिंगारी भी पहुंच जाती तो बड़ा हादसा हो सकता था।
दमकल कर्मियों ने मौके पर तुरंत पहुंच कर रेस्क्यू आपरेशन शुरू कर दिया, जिससे आगे फैल नहीं सकी। हालांकि, स्कूल की सारी संपत्ति जल कर राख हो गई। सिटी एसपी ने बताया कि स्कूल में आग लगाने की बाबत एक और प्राथमिकी की गई है।
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Bihar Weather Today: इस तारीख से बिगड़ने वाला है बिहार का मौसम, अलर्ट जारी; किसानों को सावधान रहने की सलाह
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather News: राजधानी समेत प्रदेश में मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है। दिन में जहां पछुआ हवा का प्रवाह व तापमान में वृद्धि होने से लोग गर्मी परेशान हैं तो वहीं दोपहर बाद बादलों की आवाजाही बने होने के कारण उमस भरी गर्मी सता रही है। उत्तरी भागों में छिटपुट वर्षा तो दक्षिणी भाग गर्मी बढ़ रही है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, 48 घंटों तक मौसम में बदलाव के आसार नहीं हैं। हालांकि, 19 मई से लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिल सकती है।
इन 5 शहरों में लू की चेतावनीशनिवार को पटना व आसपास इलाकों का मौसम शुष्क बना रहेगा वहीं, दक्षिणी भागों के बांका, नवादा, पूर्णिया, भागलपुर, गोपालगंज में लू को लेकर चेतावनी जारी की है। जबकि, किशनगंज, अररिया जिले में आंधी-पानी के साथ मेघ गर्जन व वज्रपात को लेकर संभावना जताई है।
19 मई से बिहार में मौसम फिर लेगा करवटमौसम विभाग के अनुसार 19 मई से मौसम में एक बार फिर बदलाव की संभावना है। बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवातीय परिसंचरण का क्षेत्र व दक्षिण पश्चिम मानसून की सक्रियता बंगाल की खाड़ी की ओर होने के कारण 19-23 मई तक पटना समेत जिलों में मेघ गर्जन के साथ आंधी-पानी के आसार है। मौसम में बदलाव आने के बाद तापमान में गिरावट से लोगों को भीषण गर्मी व लू से कुछ समय के लिए राहत मिलेगी। किसानों को सावधान रहने की सलाह दी गई है।
बिहार के 21 जिलों का तापमान 40 डिग्री से ऊपर दर्ज किया गयाBihar News: शुक्रवार को पटना सहित 21 जिलों का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के ऊपर दर्ज किया गया। राजधानी के अधिकतम तापमान में चार डिग्री वृद्धि होने के साथ 41.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि, 43.7 डिग्री सेल्सियस के साथ अरवल जिला सबसे गर्म रहा। पटना समेत 16 शहरों के अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई।
कुछ इलाके में बारिश भी हुईवहीं, बांका के बौसी में सर्वाधिक वर्षा 14.8 मिमी, बांका में 13.2 मिमी, किशनगंज में 11.6 मिमी, कटिहार में 7.4 मिमी दर्ज की गई, जबकि शेखपुरा, जमुई, भोजपुर, बांका, नवादा, राजगीर एवं अरवल में लू (हीट वेव) की स्थिति बनी रही।
प्रमुख शहरों का तापमान (तापमान डिग्री सेल्सियस में)
शहर अधिकतम न्यूनतम
पटना 41.7 29.2
गया 41.7 27.2
भागलपुर 39.4 25.6
मुजफ्फरपुर 35.8 27.8
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Jharkhand में अंतिम चरण की 8 लोकसभा सीटों पर 134 प्रत्याशी ठोकेंगे ताल, पर्चा वापस लेने की समय सीमा समाप्त
राज्य ब्यूरो, पटना। लोकसभा चुनाव के अंतिम एवं सातवें चरण में नामांकन करने वाले अभ्यर्थियों के लिए शुक्रवार को पर्चा वापस लेने की अंतिम तिथि समाप्त हो गई है। इसके साथ आठ संसदीय क्षेत्रों के लड़ाकों की संख्या भी तय हो गई है।
सातवें चरण के रण में आठ सीटों (नालंदा, पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर, सासाराम, काराकाट, जहानाबाद) पर कुल 134 लड़ाके मैदान में अब ताल ठोकेंगे। इस चरण में सर्वाधिक लड़ाके नालंदा संसदीय सीट पर कुल 29 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला होगा। इसमें 26 पुरुष एवं तीन महिला प्रत्याशी सम्मिलित हैं।
वहीं, पटना साहिब सीट पर 17 लड़ाके डटे रह गए। किसी ने नाम वापस नहीं लिया। अहम यह है कि पटना साहिब सीट पर एक भी महिला चुनाव नहीं लड़ रही है। पाटलिपुत्र संसदीय सीट पर कुल 22 लड़ाके मैदान में डटे रह गए।
इसमें 18 पुरुष एवं चार महिला प्रत्याशी सम्मिलित हैं। जबकि आरा में 13 प्रत्याशी भाग्य आजमाएंगे। इसमें 13 पुरुष एवं एक महिला उम्मीदवार हैं। बक्सर संसदीय सीट पर एक प्रत्याशी के नाम वापस लेने के बाद अब 14 प्रत्याशी मैदान में रह गए हैं।
इसमें 13 पुरुष एवं एक महिला उम्मीदवार हैं। जबकि सासाराम (सुरक्षित सीट) पर कुल 10 प्रत्याशी हैं। इसमें एक नौ पुरुष एवं एक महिला उम्मीदवार हैं। काराकाट लोकसभा क्षेत्र से एक प्रत्याशी के नाम वापस लेने के बाद कुल 13 मैदान में रह गए हैं।
इसमें 12 महिला एवं एक पुरुष उम्मीदवार हैं। जबकि जहानाबाद दो अभ्यर्थियों के नाम वापस लेने के बाद में कुल 15 लड़ाके मैदान में रह गए हैं। इसमें 14 पुरुष एवं एक महिला प्रत्याशी के बीच मुकाबला होने की संभवना है।
एक नजर में कहां कितने लड़ाकेनालंदा -29
पटना साहिब-17
पाटलिपुत्र-22
आरा-13
बक्सर-14
सासाराम-10
काराकाट-13
जहानाबाद-15
Bihar News: सरकारी नौकरी का सुनहरा मौका, प्राचार्य के इतने पदों के लिए निकली वैकेंसी; इस तारीख तक करें आवेदन
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार के सरकारी कॉलेजों में खाली चल रहे प्राचार्य के पद अगस्त तक भर जाएंगे। इसके लिए बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग (BSUSC) की ओर से आवश्यक कवायद आरंभ हो गई है। इसके तहत राज्य के 12 विश्वविद्यालयों में 173 प्राचार्यों के खाली पदों पर नियुक्ति की जाएगी।
सबसे अधिक बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर में प्राचार्य के फ्रेश 30 एवं बैकलॉग के दो पदों पर नियुक्ति होनी है। इसके अतिरिक्त ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा में 28 पद खाली है। इससे पूर्व कुलाधिपति सह राज्यपाल की ओर से प्राचार्य नियुक्ति नियमावली को हरी झंडी दी गई थी।
आयोग की ओर से प्राचार्य नियुक्ति को लेकर आवश्यक गाइडलाइन भी वेबसाइट पर जारी कर दिया गया है। इसके लिए इच्छुक अभ्यर्थी 25 जून तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हे। इसके लिए पोर्टल एक जून से कार्यरत रहेगा।
अभ्यर्थियों की ओर से भरे गए आवेदन की हार्ड कापी एवं सभी आवश्यक कागजात, प्रमाण पत्रों की स्व-अभिप्रमाणित छाया प्रति दो स्पाइरल बाइंडिंग के साथ आयोग कार्यालय में 10 जुलाई तक भेजना है।
BSUSC अध्यक्ष ने क्या कहा?आयोग की ओर से आवश्यक तैयारी हो चुकी है। 25 जून तक आवेदन लिए जांएगे। इसके बाद 10 जुलाई तक हार्ड कापी जमा होंगे। उन्होंने कहा कि यदि सबकुछ सही रहा तो जुलाई में स्क्रुटनी व स्क्रिनिंग प्रक्रिया पूरी कर अगस्त में साक्षात्कार व परिणाम जारी कर दिया जाएगा।- गिरीश कुमार चौधरी, अध्यक्ष, बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग, पटना।
कहां कितने पद है खालीबीआरए बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर में प्राचार्य के फ्रेश 30 एवं बैकलॉग के दो, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा में 28, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा में पांच फ्रेश एवं नौ बैकलॉग, जय प्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा में 10 पद खाली हैं।
इसके अलावा, तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में फ्रेश 10, सिंगल फैकेल्टी एक, पटना विश्वविद्यालय में फ्रेश तीन, बैकलॉग एक, सिंगल फैकेल्टी चार, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में फ्रेश 15, पूर्णिया विवि में फ्रेश आठ, बीएन मंडल विवि, मधेपुरा में फ्रेश पद 10 एवं सिंगल फैकेल्टी के एक पद खाली हैं।
वहीं, मगध विवि, बोधगया में फ्रेश पांच पद, मुंगेर विवि में फ्रेश 16 व सिंगल फैकेल्टी के एक, वीर कुंअर सिंह विवि आरा में फ्रेश पद 13 तथा बैगलाक प्राचार्य के एक पद खाली है।
20 अंकों के होंगे साक्षात्कारप्राचार्य की नियुक्ति के लिए टीचिंग व शोध के लिए 60 अंक, एकेडमिक प्रशासनिक स्कोर 20 अंक तथा साक्षात्कार 20 अंकों के होंगे।
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Tejashwi Yadav: 'मुझे जानकारी मिली है...' PM Modi की इस स्कीम को लेकर तेजस्वी का बड़ा दावा
राज्य ब्यूरो, पटना। प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एनडीए सरकार पर नौजवानों को परेशान करने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा यहां के सरकारी शिक्षकों को सबसे ज्यादा परेशान किया जा रहा है। तेजस्वी यादव शुक्रवार को स्थानीय मीडिया से बात कर रहे थे।
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में अफसरों द्वारा नौजवानों का सताने वाला काम किया जा रहा है। उन्हें तंग किया जाता है, परेशान किया जाता है। एनडीए सरकार के अधिकारी विशेष रूप से शिक्षकों को परेशान कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा यदि कोई भुक्तभोगी है तो वह है महावंचित समाज। महावंचित समाज में मुसहर समाज और पासी समाज सबसे ज्यादा भुक्तभोगी है।
इससे पहले उन्होंने अग्निवीर योजना का विरोध करते हुए कहा कि मुझे जानकारी मिली है कि केंद्र की भाजपा सरकार एसएसबी, आइटीबीपी, सीआरपीएफ, बीएसएफ के साथ ही पुलिस सेवा में भी अग्निवीर योजना लागू करने की तैयारी कर रही है।
उन्होंने कहा ये वही लोग हैं जिन्होंने सबसे पहले पुरानी पेंशन योजना खत्म की। इनकी मंशा ठीक नहीं। सरकार की इन नीतियों से सर्वाधिक नौजवान परेशान हैं।
होम वर्क करके नहीं आते हैं अमित शाह: राजदराष्ट्रीय जनता दल ने गृह अमित शाह की चुनावी सभा में दिए गए भाषण का झूठ का पुलिंदा बताया है। राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि अमित शाह बिहार तो आते हैंं लेकिन, होम वर्क करके नहीं आते। उन्होंने 10 वर्ष में भाजपा सरकार द्वारा बिहार को दी गई सहायता पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है।
चितरंजन गगन ने कहा कि अमित शाह ने अभी एनडीए सरकार के दस वर्षों की तुलना यूपीए सरकार के दस वर्षों से करते हुए सरासर झूठ बोला।
चितरंजन ने आगे कहा कि शाह को 2005 की बनी नीतीश सरकार की जो उपलब्धियां दिखाई पड़ रही हैं, वह दरअसल केंद्र की यूपीए सरकार की देन है। जिन योजनाओं का वे हवाला दे रहे हैं वे यूपीए एक और दो के शासन में शुरू हुईं।
चितरंजन गगन ने कहा उस दौरान मढ़ौरा, बेला और मधेपुरा में तीन-तीन रेल कारखाने खुले। अनेक रेल परियोजनाएं स्वीकृत की गई। जेपी सेतु बना। मनरेगा शुरू कर बिहार को विशेष मदद दी गई। अधिकांश गांवों तक बिजली पहुंचाई गई। भाजपा सरकार के आने के बाद बिहार के हिस्से की कटौती की गई। विशेष सहायता, विशेष दर्जे की मांग की अनदेखी की गई।
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20 मई को दो दिवसीय दौरे पर बिहार आएंगे PM Modi, सुशील मोदी को देंगे श्रद्धांजलि; इन जिलों में करेंगे रैली
राज्य ब्यूरो, पटना। लोकसभा चुनाव में छठे चरण वाले संसदीय क्षेत्र के लिए जनसभा को संबोधित करने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर फिर बिहार आ रहे हैं। मोदी 20 मई की शाम में पटना पहुंच जाएंगे। रात्रि विश्राम राजभवन में करेंगे।
20 मई की शाम पटना पहुंचने पर दिवंगत पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी के राजेंद्र नगर स्थित आवास पर जाने कार्यक्रम प्रस्तावित है।
प्रधानमंत्री दिवंगत सुशील मोदी के स्वजनों एवं उनकी पत्नी प्रो. डॉ जेसी सुशील मोदी से मुलाकात कर सांत्वना देंगे।
इसके बाद बिहार भाजपा प्रदेश मुख्यालय भी प्रधानमंत्री के जाने का कार्यक्रम हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी प्रधानमंत्री की दो दिवसीय दौरे की पुष्टि की है।
तीन संसदीय क्षेत्र में जनसभानरेन्द्र मोदी 21 मई को छठे चरण वाले तीन संसदीय क्षेत्र में जनसभा भी करेंगे। इसमें पूर्वी चंपारण के अलावा सिवान एवं महाराजगंज के लिए संयुक्त चुनावी सभा को गौरेया कोठी विधानसभा क्षेत्र के आज्ञा में जनसभा को संबोधित करेंगे।
बिहार के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब कोई प्रधानमंत्री सप्ताह भर में दूसरी बार दो दिवसीय दौरे पर पटना में रात्रि विश्राम करेगा।
इससे पहले पटना में 12 मई को प्रधानमंत्री ने रोड शो एवं 13 मई को गुरुद्वारा साहिब में दर्शन करने के बाद तीन संसदीय क्षेत्र में चुनावी सभा को संबोधित किया था।
आरजेडी का मतलब रोजाना जंगलराज का डर : राजीव रंजनराज्य ब्यूरो, पटना जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने शुक्रवार को कहा कि आरजेडी का मतलब है रोजाना जंगल राज का डर। चार चरण के मतदान के बाद तेजस्वी यादव शारीरिक एवं मानसिक दाेनों तरह से थक गए हैं। इसलिए वह झूठ बोलने और अपने से बड़े नेताओं के प्रति अशोभनीय टिप्पणी पर उतर आए हैं।
राजीव रंजन ने कहा कि झूठ के सहारे जनता को भरमाने की कोशिश कर रहे तेजस्वी यादव को यह जानना चाहिए कि जनता अब भी उनके जंगल राज को भूली नहीं है। उनके बयान और कार्यकर्ताओं को पीटने की उनकी संस्कृति यह बताती है कि अब भी 90 के दशक वाले अपने लट्ठमार संस्कार को वो भूले नहीं हैं।
राजीव रंजन ने कहा कि राजद के युवराज काे यह जानना चाहिए कि जनता को यह पता है राजद के शासन काल में विकास का मतलब अपराधियों और नक्सलियों का विकास था। उद्योग के नाम पर रंगदारी और अपहरण उद्योग चलते थे। स्कूटर पर भैंस व अन्य मवेशी ढोए जाते थे। आज जब नीतीश कुमार ने बिहार की फिजां बदली तो वह राजद को रास नही आ रही।
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Bihar Politics: 'लोगों को गरीब और गुलाम बनाकर...', भाजपा पर बरसे मुकेश सहनी, अमित शाह भी लिया नाम
राज्य ब्यूरो, पटना। विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक मुकेश सहनी ने शुक्रवार को सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर और सारण में कई चुनावी सभाओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भाजपा पर किसानों को परेशान करने के आरोप लगाए।
सहनी ने कहा कि पिछले चुनाव में पीएम मोदी ने किसानों की आय दोगुना करने का वादा किया था, लेकिन जब किसान अपनी समस्याओं को लेकर दिल्ली जा रहे थे, तब सड़कों पर कील बिछा दिए गए।
लोगों को गरीब और गुलाम बनाकर रखना चाहती है भाजपा: सहनीउन्होंने कहा कि यह चुनाव नहीं संविधान बचाने की लड़ाई है। भाजपा लोगों को गरीब और गुलाम बनाकर रखना चाहते हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने सहारा का पैसा गरीबों को देने का वादा किया था, लेकिन जब चंदा मिल गया तो अब गरीबों को पैसा नहीं मिल रहा है।
मंदिर, मस्जिद, पाकिस्तान और...मुकेश सहनी ने कहा कि दस साल पहले मोदी जी ने युवाओं, किसानों, गरीबों से कई वादे किए, लेकिन एक भी वादा पूरा नहीं हुआ। आज जब वे चुनाव-प्रचार के लिए आते हैं, तो मंदिर, मस्जिद, पाकिस्तान और न जाने क्या-क्या बातें करते हैं, लेकिन जनता दस सालों में भाजपा को पहचान गई है।
उन्होंने लोगों से इस सरकार को उखाड़कर फेंक देने की अपील करते हुए कहा कि आज जरूरत है कि हम अपनी सरकार बनाएं जो गरीबों का कल्याण करे।
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Pawan Singh: पवन सिंह या उनकी मां प्रतिमा देवी... आखिर काराकाट से किसने वापस लिया नामांकन?
Rohini Acharya: 'सात सालों से दूसरे देश में...', क्या लालू की बेटी रोहिणी आचार्य भारत की नागरिक नहीं हैं?
राज्य ब्यूरो, पटना। Rohini Acharya सारण संसदीय क्षेत्र से राजद प्रत्याशी रोहिणी आचार्य के नामांकन में तथ्यों को छिपाने को लेकर पटना उच्च न्यायालय में रिट याचिका दर्ज होने के बाद भाजपा के न्यायिक मामले एवं चुनाव आयोग संपर्क प्रमुख एसडी संजय ने कहा कि नामांकन स्वीकृत करना रिटर्निंग आफिसर द्वारा जल्दबाजी में लिया गया निर्णय है।
भाजपा मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए संजय ने कहा कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत रिटर्निंग अधिकारी को जांच करना चाहिए था।
'रोहिणी आचार्य सात सालों से...'उन्होंने कहा कि यह सबको मालूम रोहिणी आचार्य दूसरे देश में सात वर्षों से रहती हैं। इस स्थिति में उनका पासपोर्ट स्टेटस क्या है? उनके आवास के बारे में भी कोई जानकारी नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह भी अस्पष्ट है कि वे भारत की नागरिक हैं या नहीं। ऐसी स्थिति में अपने देश के प्रति निष्ठा रख रही हैं या नहीं, यह भी जांच नहीं हुई।
संजय ने कहा कि इसी जांच के लिए पटना उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की गई है और आग्रह किया गया है कि जल्द विशेष सुनवाई की जाए।
'शपथ पत्र में भ्रामक सूचना दी गई'उन्होंने कहा कि शपथ पत्र में कई भ्रामक सूचना दी गई है। संपत्ति का ब्यौरा भी गलत दिया गया है। संजय ने कहा कि रोहिणी ने तथ्यों को छिपा कर मतदाताओं को भ्रम में डाल दिया है।
उन्होंने कहा कि अगर रोहिणी चुनाव जीत भी जाती हैं तो उनके अयोग्य होने के बाद स्थिति बदल जाएगी। प्रेसवार्ता में प्रदेश प्रवक्ता संजीव मिश्रा एवं सह मीडिया प्रभारी अमित प्रकाश बबलू उपस्थित थे।
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KK Pathak: पटना हाईकोर्ट से शिक्षा विभाग को लगा बड़ा झटका, शिक्षकों और कर्मियों को दी बड़ी राहत
दीनानाथ साहनी, पटना। पटना हाईकोर्ट ने राज्य के विश्वविद्यालयों के शिक्षकों एवंकर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। चार माह से वेतन और पेंशन का भुगतान नहीं होने से शिक्षकों, कर्मचारियों एवं पेंशनधारियों का हाल बेहाल हो चुका है।
देखा जाए तो, हाईकोर्ट ने वेतन और पेंशन की राशि तत्काल जारी करने का आदेश देकर शिक्षा विभाग के आला अफसरों को करारा झटका दिया है।
दरअसल, अफसरों ने विश्वविद्यालयों के बजट (2024-25) की समीक्षा करने के नाम पर राशि रोक रखी है। 29 मई तक प्रत्येक विश्वविद्यालय के बजट की समीक्षा किया जाना है। ऐसे में वेतन और पेंशन के लिए शिक्षकों और कर्मचारियों को और लंबा इंतजार करना पड़ता।
विभाग की इस मंशा को पटना हाईकोर्ट ने बखूबी समझा और विश्वविद्यालयों को तत्काल राशि जारी करने को कहा। साथ ही हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के अफसरों को आगाह किया कि यदि राशि जारी नहीं किया तो अफसरों के वेतन पर तत्काल रोक लगायी जाएगी।
विश्वविद्यालयों के अफसरों ने जतायी खुशीपटना हाईकोर्ट के आदेश से राज्य के तमाम विश्वविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों, कर्मचारियों और पेंशनधारियों में यह उम्मीद जगी है कि अब उन सब को वेतन और पेंशन जल्द मिलेगा।
वहीं, कुलपतियों और कुलसचिवों ने हाईकोर्ट के आदेश पर खुशी जताते हुए कहा कि पिछले चार माह से सरकार द्वारा पैसे उपलब्ध नहीं कराए जाने और तमाम खातों पर रोक लगाने से विश्वविद्यालयों में शिक्षकों व कर्मियों के परिवारों की माली हालत खराब है। वहीं, पेंशन धारक पैसे के अभाव में इलाज नहीं करा पा रहे हैं।
कॉपियों का मूल्याकंन हुआ प्रभावितविश्वविद्यालयों में पैसे की तंगी से कॉपियों का मूल्यांकन प्रभावित हो रहा है तो वहीं आगामी परीक्षाओं को लेकर प्रश्न पत्र समेत उत्तर पुस्तिकाओं की खरीद हेतु निविदा प्रक्रिया को टालनी पड़ रही है।
मगध विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. समीर शर्मा ने कहा कि पटना हाईकोर्ट ने शिक्षकों और कर्मचारियों के हित में बड़ा आदेश शिक्षा विभाग को दिया है। राशि उपलब्ध होते ही सबसे पहले वेतन और पेंशन भुगतान करें।
विभागीय आदेश तर्क संगत नहीं3 मई को पटना हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग द्वारा विश्वविद्यालयों के सभी प्रकार के खातों के संचालन पर लगायी रोक को हटाने का आदेश दिया था।
इसके बाद शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन तथा पेंशन भुगतान अब तक हो जाना चाहिए था, लेकिन शिक्षा सचिव बैद्यनाथ यादव ने हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में खातों पर लगायी गयी रोक संबंधी विभागीय आदेश को 4 मई को निरस्त कर दिया, लेकिन विश्वविद्यालयों के खातों में राशि नहीं जारी की गई।
विभाग ने विवि अधिकारियों के साथ की थी बैठक, लेकिन...न्यायालय आदेश के आलोक में 6 मई को होटल मौर्या में सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, कुलसचिवों और अन्य अफसरों के साथ शिक्षा विभाग ने बैठक भी की, जिसमें अपर मुख्य सचिव केके पाठक नहीं पहुंचे थे। तब कुछ कुलपतियों ने इसे न्यायालय की अवमानना कहा था।
इससे पहले न्यायालय में सुनवाई के क्रम में शिक्षा विभाग की ओर से बैंक खातों के संचालन पर लगायी गयी रोक के बारे में कहा गया था कि विभागीय बैठकों में कुलपति नहीं आते हैं, इसलिए उनके वेतन भुगतान के साथ-साथ बैंक खातों पर रोक लगायी गयी है। इस तर्क के मद्देनजर हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को कुलपतियों के साथ बैठक करने को कहा था।
बता दें कि 28 फरवरी एवं 15 मार्च को अपने दो आदेश से शिक्षा विभाग ने कुलपतियों, कुलसचिवों एवं परीक्षा नियंत्रकों का वेतन बंद करते हुए सभी प्रकार के खातों के संचालन पर रोक लगायी थी।
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स्कूलों की टाइमिंग बदलने से शिक्षक ही नहीं अभिभावक भी परेशान, चिलचिलाती गर्मी में झुलसने को मजबूर हैं बच्चे
नीरज कुमार, पटना। शिक्षा विभाग के नये आदेश ने शिक्षकों से लेकर बच्चों एवं अभिभावकों तक की नींद उठा दी है। विभाग के नये आदेश के अनुसार, अब बच्चों एवं शिक्षकों को सुबह छह बजे से पहले स्कूल आना होगा।
ऐसे में बच्चों एवं शिक्षकों को छह बजे स्कूल आने के लिए सुबह तीन से चार बजे जगना होगा, ताकि तैयार होकर प्रात: पांच बजे घर से निकल सकें। सुबह तीन से चार बजे प्रतिदिन जगना बच्चों एवं शिक्षकों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।
पहली बार इस तरह का आदेश शिक्षा विभाग की ओर से जारी किया गया, जिसको लेकर शिक्षकों का आक्रोश काफी बढ़ गया है। साथ ही अभिभावक भी इससे काफी नाराज हैं। शिशु रोग विशेषज्ञ भी विभाग के नये आदेश को बच्चों के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक बता रहे हैं।
अव्यवहारिक है शिक्षा विभाग का आदेशराजधानी के शास्त्रीनगर बालक हाईस्कूल के पूर्व प्राचार्य श्रीकांत शर्मा का कहना है कि पिछले 40 वर्षों में शिक्षा विभाग का ऐसा कोई आदेश नहीं जारी किया गया, जिसमें सुबह छह बजे बच्चों एवं शिक्षकों को स्कूल आना हो। यह आदेश अव्यवहारिक है।
पूर्व के वर्षों में स्कूल सुबह 6.30 बजे शुरू होते थे और 11.30 बजे बंद हो जाते थे, ताकि धूप तेज होने से पहले बच्चे घर लौट जाएं।
आजकल सुबह आठ बजे ही वातावरण इतना गर्म हो जा रहा है कि घर से निकलने में लोगों को परेशानी हो रही है। ऐसे में 12 बजे स्कूलों की छुट्टी करने का कोई मतलब नहीं है। पहले बच्चों के स्वास्थ्य पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।
वहीं राजधानी के देवीपद चौधरी शहीद स्मारक मिलर हाईस्कूल के पूर्व प्राचार्य राजाराम का कहना है कि सुबह छह बजे आजतक कभी स्कूल शुरू नहीं हुआ है। पहले स्कूल साढ़े छह बजे शुरू होते हैं और आधा घंटा प्रार्थना और पीटी होती थी।
सात बजे से नियमित क्लास होते थे, जो 11.30 बजे तक चलते थे। दोपहर में तीखी धूप होने से पहले बच्चे घर पहुंच जाते थे। सामान्यत: बिहार के वातावरण में गर्मी के दिनों में दोपहर 12 बजे धूप काफी तीखी हो जाती है। ऐसे में मासूमों को बचाने के लिए 11.30 बजे छुट्टी का समय सही था।
बच्चों के स्वास्थ्य के अनुकूल नहीं है आदेशपीएमसीएच के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डा.राकेश कुमार शर्मा का कहना है कि हमारे वातावरण में प्रतिदिन सुबह तीन से चार बजे उठना बच्चों के स्वास्थ्य के लिए अनुकूल नहीं है।
शहर से लेकर गांव तक की जीवनशैली में काफी बदलाव आया है। अब देर रात तक लोग सोते हैं। ऐसे में सुबह चार बजे जगना और तैयार होकर पांच बजे तक घर से निकल जाना अत्यंत कठिन है।
ऐसे में बच्चों की नींद ही पूरी नहीं हो पाएगी। जब बच्चों को नींद पूरी नहीं होगी, तो वे स्कूल में तनाव में रहेंगे और उनका स्वाभाव चिड़चिड़ा हो जाएगा।
इसके अलावा, हमारे वातावरण में सुबह पांच बजे बच्चे ठीक से भोजन भी नहीं कर पायेंगे। ऐसे में वे भूखे ही स्कूल जाएंगे। जब बच्चा भूखा स्कूल जाएगा तो उसका मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होगा। लंबे समय तक इस तरह की जीवन शैली बच्चे को बीमार बना सकती है।
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