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सड़कों के घटिया निर्माण की क्या है वजह? DPR कंसल्टेंट ने बताई अंदर की बात; अफसर भी हैरान

Dainik Jagran - National - April 15, 2025 - 7:04pm

मनीष तिवारी, नई दिल्ली। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय तथा एनएचएआई के अफसरों की मौजूदगी में एक डीपीआर कंसल्टेंट ने कहा कि सड़क निर्माण की खराब गुणवत्ता का असली कारण सभी (अफसर, इंजीनियर, ठेकेदार) जानते हैं, लेकिन इसे दूर नहीं किया जा रहा है।

तीन दशक से डीपीआर कंसल्टेंसी करने के साथ ही नोएडा स्थित हाईवे इंजीनियर एकेडमी में इंजीनियरों को पढ़ाने वाले एमएस रावत के तेवर इतने तीखे थे कि उन्हें अपना प्रजेंटेशन जल्दी खत्म करना पड़ा। उनका प्रजेंटेशन 14 स्लाइड का था, लेकिन वह दसवीं स्लाइड से आगे नहीं बढ़ पाए। हाईवे निर्माण में उत्कृष्टता प्रदर्शित करने वालों को सम्मानित करने के लिए आयोजित समारोह में चर्चा के दौरान रावत की बातों का समर्थन दूसरे डीपीआर विशेषज्ञों ने भी किया।

दुनिया की सबसे खराब डीपीआर भारत में बनती है

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी पिछले कई वर्षों से यह कहते रहे हैं कि दुनिया में सबसे खराब क्वालिटी की डीपीआर भारत में बनती हैं और इसके कारण समय और लागत दोनों काफी बढ़ जाते हैं। रावत ने इसी का हवाला देते हुए कहा कि एक समूह के रूप में डीपीआर कंसल्टेंट पूरी तरह फेल करार दिए गए हैं। इसलिए उनकी रेटिंग की जरूरत ही नहीं है। मंत्री का कोई भी सेमिनार डीपीआर को दोष दिए बिना नहीं बीतता है। लेकिन इसकी कोई बात नहीं करता कि निर्धारित एक साल में बनने वाली डीपीआर पांच साल तक क्यों चलती रहती है। 2017 वाली डीपीआर में 2025 तक काम हो रहा है।

भारतमाला परियोजना के डीपीआर में भी लगे सात साल

उन्होंने केंद्र सरकार की सबसे महत्वपूर्ण भारतमाला परियोजना का उदाहरण देते हुए कहा कि इसमें भी सात साल से डीपीआर के मामले में कुछ नहीं बदला। जिस डीपीआर को सड़क निर्माण की रीढ़ की हड्डी और इंजीनियरों के लिए पवित्र पुस्तक माना जाता है, उस पर दस साल में खर्च 75 प्रतिशत कम हो गया है। डीपीआर को लेकर कामचलाऊ रवैये की यह वजह है। उस पर भी कंसल्टेंटों को पूरा पैसा नहीं मिलता है। 50 प्रतिशत राशि हासिल करने में पांच से छह साल तक लग जाते हैं।

रावत ने कहा कि इन सब हालात से अगस्त, 2021 में नितिन गडकरी को अवगत करा दिया गया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ। एक अन्य डीपीआर कंसलटेंट रत्नाकर रेड्डी ने कहा कि डीपीआर में सबसे कम निविदा वाले नियम ने पूरी व्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है। बेंगलुरु में एक ऐसे कंसल्टेंट ने अविश्वसनीय कीमत पर टेंडर ले लिया जिसे उस क्षेत्र की कोई जानकारी नहीं थी। प्रतिस्पर्धात्मक निविदा के नाम पर प्रोजेक्टों की डीपीआर को लेकर सबसे अधिक गड़बड़ी हो रही है और यह डीपीआर की खराब क्वालिटी से लेकर निर्माण के घटिया स्तर की सबसे बड़ी वजह है।

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Monsoon Update: इस साल जमकर बरसेंगे बादल, सामान्य से अधिक बारिश की संभावना; IMD का नया अपडेट

Dainik Jagran - National - April 15, 2025 - 5:57pm

पीटीआई, नई दिल्ली। उत्तर भारत में इस समय भीषण गर्मी लू का प्रकोप देखने को मिल रहा है। अप्रैल के महीने में ही तापमान में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इस बीच मानसून को लेकर भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अच्छी खबर दी है।

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने मंगलवार को बताया कि इस मानसून में भारत में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। वहीं, पूरे मौसम के दौरान अल नीनो की स्थिति की संभावना को खारिज कर दिया।

इस साल सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत में चार महीने के मानसून मौसम (जून से सितंबर) में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है, तथा संचयी वर्षा दीर्घ अवधि औसत 87 सेमी का 105 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

उन्होंने कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप में सामान्य से कम मानसून वर्षा से जुड़ी अल नीनो की स्थिति इस बार विकसित होने की संभावना नहीं है।

किसानों के लिए अच्छी खबर
  • भारत एक किसान प्रधान देश है। कृषि क्षेत्र के लिए मानसून महत्वपूर्ण है। कृषि देश की लगभग 42.3 प्रतिशत आबादी की आजीविका का आधार है। देश के सकल घरेलू उत्पाद में 18.2 प्रतिशत का योगदान देता है।
  • बता दें कि शुद्ध खेती वाले क्षेत्र का 52 प्रतिशत प्राथमिक बारिश प्रणाली पर निर्भर करता है। इसके अलावा देश भर में बिजली उत्पादन के अलावा पीने के पानी के लिए महत्वपूर्ण जलाशयों को फिर से भरने के लिए भी बारिश महत्वपूर्ण है।
  • यही वजह है कि मानसून के मौसम में सामान्य बारिश की भविष्यवाणी देश के लिए एक बड़ी राहत की बात है। जलवायु वैज्ञानिकों का कहना है कि बारिश के दिनों की संख्या घट रही है जबकि भारी बारिश की घटनाएं (थोड़े समय में अधिक बारिश) बढ़ रही हैं। यही वजह है कि लगातार सूखे और बाढ़ आ रही हैं।
लू के प्रकोप से जूझ रहे कई हिस्से

जानकारी दें कि देश के कुछ हिस्से पहले से ही भीषण गर्मी से जूझ रहे हैं। वहीं, मौसम विभाग ने बताया कि अप्रैल से जून की अवधि में काफी अधिक संख्या में लू चलने की संभावना है। माना जा रहा है कि तापमान में बढ़ोतरी और लू के कारण बिजली की मांग बढ़ने की संभावना है। इस बीच मानसून को लेकर आई अच्छी खबर ने लोगों को राहत दी है।

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'मीलॉर्ड, पतियों के लिए सिरदर्द बना ये कानून...', याचिकाकर्ता ने कोर्ट में किया विदेश का जिक्र तो SC ने लगा दी क्लास

Dainik Jagran - National - April 15, 2025 - 5:49pm

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दहेज उत्पीड़न और भरण-पोषण प्रावधानों को लिंग-तटस्थ यानी जेंडर न्यूट्रल बनाने के लिए दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि हम कानून नहीं बना सकते और इस पर विचार करना सांसदों का काम है।

दरअसल, मामला ये है कि घरेलू हिंसा और दहेज उत्पीड़न के मामलों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए भारतीय कानून में सेक्शन 498A रखा गया है। इस कानून के तहत अगर पति या उसके परिवार वाले महिला को प्रताड़ित करते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

कानून के जरिए पुरुषों को किया जा रहा परेशान: याचिकाकर्ता

याचिकाकर्ता ने कोर्ट में दलील दी है कि इस कानून के जरिए पुरुषों को परेशान किया जा रहा है। याचिकाकर्ता की तर्क पर कोर्ट ने जवाब दिया कि 498A कानून समानता के खिलाफ नहीं है, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाया गया है, जो कि संविधान के आर्टिकल 15 के तहत पूरी तरह वैध है।

सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. के. सिंह इस मामले पर सुनवाई कर रहे थे। कोर्ट ने कहा कि अगर कुछ मामलों में इस कानून का दुरुपयोग हुआ है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि पूरे कानून को ही गलत मान लिया जाए। हर केस की जांच अलग से होनी चाहिए, और अगर कोई महिला इस कानून का गलत इस्तेमाल करती है, तो उस पर कार्रवाई की जा सकती है।

कानून बनाना न्यायालय का काम नहीं: कोर्ट

एनजीओ के वकील ने कहा कि भारत में घरेलू हिंसा के मामले केवल महिलाएं ही दर्ज करा सकती हैं, जबकि विदेशों में पति भी ऐसे मामले दर्ज करा सकते हैं और भरण-पोषण की मांग कर सकते हैं।

इस पर न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने वकील से कहा, "तो आप चाहते हैं कि हम कानून बनाएं। कानून बनाना न्यायालय का काम नहीं है। इस उद्देश्य के लिए सांसद इस पर विचार करने के लिए हैं। हम किसी प्रावधान को सिर्फ इसलिए नहीं हटा सकते क्योंकि उसके दुरुपयोग के उदाहरण हैं।"

याचिका में की गई प्रार्थनाओं पर सवाल उठाते हुए न्यायाधीश ने कहा, "हमें दूसरे देशों का अनुसरण क्यों करना चाहिए? हम अपनी संप्रभुता बनाए रखते हैं। हमें किसी दूसरे देश की नकल करने की जरूरत नहीं है। अगर हमारे कानून महिलाओं को सुरक्षा देते हैं, तो यह हमारी जरूरत और समाज की स्थिति को देखते हुए है।

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देश की पुलिस बल में महिलाओं की कितनी भागीदारी? चौंकाने वाली रिपोर्ट आई सामने

Dainik Jagran - National - April 15, 2025 - 5:43pm

पीटीआई, नई दिल्ली। भारत के पुलिस बल में महानिदेशक (डीजीपी) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) जैसे वरिष्ठ पदों पर 1,000 से भी कम महिलाएं हैं, जबकि पुलिस बल में कार्यरत सभी महिलाओं में से 90 प्रतिशत महिलाएं कांस्टेबल के पद पर कार्यरत हैं।

टाटा ट्रस्ट द्वारा शुरू की गई और कई सामाजिक संगठनों एवं डाटा भागीदारों द्वारा समर्थित इंडिया जस्टिस रिपोर्ट (आईजेआर)-2025 में इसकी जानकारी दी गई है। इस रिपोर्ट में चार क्षेत्रों - पुलिस, न्यायपालिका, जेल और कानूनी सहायता में विभिन्न राज्यों के प्रदर्शन को परखा गया।

इस मामले में कर्नाटक सबसे आगे

रिपोर्ट के अनुसार, कानून लागू कराने में लैंगिक विविधता की आवश्यकता के बारे में बढ़ती जागरूकता के बावजूद एक भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश पुलिस बल में महिलाओं के प्रतिनिधित्व के अपने लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाया है। मंगलवार को जारी इस रिपोर्ट में न्याय प्रदान करने के मामले में 18 बड़े और मध्यम आकार के राज्यों में कर्नाटक को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य बताया गया है। इस राज्य ने 2022 तक अपना स्थान बरकरार रखा।

960 महिलाएं आईपीएस रैंक में

कर्नाटक के बाद आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल और तमिलनाडु का स्थान रहा। पांच दक्षिणी राज्यों ने विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर विविधता, बुनियादी ढांचे और स्टाफिंग के कारण दूसरे राज्यों से बेहतर प्रदर्शन किया। रिपोर्ट में पुलिस पदानुक्रम में लैंगिक असमानताओं को भी रेखांकित किया गया है। पुलिस में 2.4 लाख महिलाओं में से केवल 960 भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) रैंक में हैं, जबकि 24,322 गैर-आईपीएस अधिकारी जैसे उप अधीक्षक, निरीक्षक या उप-निरीक्षक पदों पर हैं।

IPS अधिकारियों की संख्या देश में कितनी है?

भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारियों की संख्या 5,047 है। कांस्टेबल पद पर 2.17 लाख महिलाएं सेवा देती हैं। सबसे अधिक संख्या में महिला उपाधीक्षकों के मामले में मध्य प्रदेश शीर्ष पर है। यहां 133 महिला पुलिस उपाधीक्षक हैं। लगभग 78 प्रतिशत पुलिस स्टेशनों में अब महिला सहायता डेस्क हैं, 86 प्रतिशत जेल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाओं से लैस हैं, और कानूनी सहायता पर प्रति व्यक्ति व्यय भी 2019 और 2023 के बीच लगभग दोगुना हो गया। इसी अवधि में जिला न्यायपालिका में महिलाओं की हिस्सेदारी भी बढ़कर 38 प्रतिशत हो गई।

बहरहाल, जिला न्यायपालिका में अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अनुसूचित जातियों (एससी) की हिस्सेदारी क्रमश: पांच प्रतिशत और 14 प्रतिशत पर कम बनी हुई है। पुलिस बल में एससी का हिस्सा 17 प्रतिशत और एसटी का 12 प्रतिशत है जो आनुपातिक प्रतिनिधित्व से कम है। कानूनी सहायता तक पहुंच के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी माने जाने वाले पैरालीगल वालंटियर्स (पीएलवी) में पिछले पांच वर्षों में 38 प्रतिशत की गिरावट आई है, अब प्रति लाख जनसंख्या पर केवल तीन पीएलवी उपलब्ध हैं।

देश भर की जेलों में केवल 25 मनोविज्ञानी

रिपोर्ट में कहा गया है कि देश भर की जेलों में केवल 25 मनोविज्ञानी/मनोचिकित्सक उपलब्ध हैं। आईजेआर न्याय प्रणाली में गंभीर बुनियादी ढांचे और स्टाफ की कमियों को भी उजागर करता है। भारत में प्रति दस लाख लोगों पर सिर्फ 15 जज हैं, जो विधि आयोग की वर्ष 1987 की 50 जजों की सिफारिश से काफी कम है।

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'नवजात की चोरी पर रद हो अस्पताल का लाइसेंस', बच्चों की तस्करी पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

Dainik Jagran - National - April 15, 2025 - 4:29pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बच्चों की तस्करी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार की लापरवाही पर नाराजगी जताई है। अदालत ने बाल तस्करी के मामलों से निपटने के तरीके को लेकर यूपी सरकार और इलाहाबाद हाईकोर्ट को फटकार लगाई है। अदालत ने बच्चों की तस्करी को रोकने और बाल तस्करी अपराधों से जुड़े मामलों से निपटने के लिए राज्य सरकारों के लिए व्यापक दिशा-निर्देश निर्धारित किए।

जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने कहा कि सभी राज्य सरकारें हमारी विस्तृत सिफारिशों पर गौर करें और भारतीय संस्थान द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट का अध्ययन करें तथा उसे जल्द से जल्द लागू करें।

क्या बोला कोर्ट?

न्यायालय ने निर्देश दिया कि सभी आरोपी आत्मसमर्पण करेंगे और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा जाएगा और यह अनिवार्य किया कि आरोप तय होने के एक हफ्ते के अंदर आरोप तय किए जाएं। कोर्ट ने आगे कहा,

हाई कोर्ट को कम से कम ऐसी शर्तें लगानी चाहिए थीं, जिनमें आरोपियों को स्थानीय पुलिस स्टेशन में अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होती। हाई कोर्ट ने जमानत आवेदनों को लापरवाही से निपटाया और इसके कारण कई आरोपी फरार हो गए।

'यूपी सरकार ने क्यों नहीं की कोई अपील'

अदालत ने आगे कहा, 'हम पूरी तरह से निराश हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले को कैसे संभाला और कोई अपील क्यों नहीं की गई। कोई गंभीरता नहीं दिखाई गई।'

बच्चा चोरी हो तो रद करें लाइसेंस
  • सुप्रीम कोर्ट ने बाल तस्करी के मामलों से निपटने के लिए सख्त निर्देश जारी किए। कोर्ट ने कहा कि अगर कोई नवजात शिशु चोरी होता है तो अस्पतालों का लाइसेंस रद कर दिया जाना चाहिए।
  • यदि कोई महिला अस्पताल में बच्चे को जन्म देने आती है और बच्चा चोरी हो जाता है, तो पहला कदम लाइसेंस निलंबित करना होना चाहिए।
  • पीठ ने चेतावनी दी कि किसी भी प्रकार की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा तथा इसे न्यायालय की अवमानना माना जाएगा।
'समाज के लिए गंभीर खतरा पैदा होगा'

सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के हाई कोर्ट को बाल तस्करी के मामलों में लंबित मुकदमों की स्थिति जानने का निर्देश दिया है। इसके बाद 6 महीने में मुकदमे को पूरा करने और दिन प्रतिदिन सुनवाई करने का निर्देश दिया जाएगा। बता दें कि कोर्ट ने यह आदेश उस मामले की सुनवाई के दौरान दिया जिसमें तस्करी करके लाए गए एक बच्चे को उत्तर प्रदेश के एक दंपत्ति को सौंप दिया गया था, जो बेटा चाहते थे।

पीठ ने कहा कि आरोपी दंपती बेटा चाहते थे और उन्होंने चार लाख रुपये में बच्चा खरीद लिया। जबकि वे जानते थे कि बच्चा चोरी करके लाया गया है। हाईकोर्ट ने भी जमानत आवेदनों पर संवेदनहीनता से कार्रवाई की। इसके चलते आरोपी फरार हो गए। कोर्ट ने कहा कि ऐसे आरोपी समाज के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं।

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कोच्चि: 25 फीट गहरी खाई में गिरी बस, पहिए में फंसने से एक बच्ची की मौत और कई घायल

Dainik Jagran - National - April 15, 2025 - 4:03pm

पीटीआई, कोच्चि। केरल के कोच्चि में  राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) की एक बस ने कंट्रोल खो दिया, इस वजह से बड़ा हादसा हो गया। बस कंट्रोल खोने से सड़क किनारे 25 फीट की खड़ी चढ़ाई में गिर गई और साथ ही 15 साल की लड़की नीचे गिर गई, जिस वजह से उसकी मौत हो गई और लगभग 25 अन्य लोग घायल हुए हैं। अग्निशमन और बचाव अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी।

अग्निशमन अधिकारी ने इस मामले में कहा-उन्होंने कहा कि दुर्घटना में विंडशील्ड टूटने के बाद बस में बैठी लड़की पहले वाहन के सामने गिरी  और फिर उसके अगले पहिये के नीचे फंस गई।

कैसी है घायलों की हालत?

एर्नाकुलम जिले के कवलंगड पंचायत में स्थित दुर्घटनास्थल पर अग्निशमन और बचाव कर्मियों के पहुंचने के बाद ही उसे बस के नीचे से निकाला जा सका। अधिकारी ने कहा कि घायलों में से किसी की हालत गंभीर नहीं है।

बस में कुल 45 यात्री थे सवार

जब दुर्घटना हुई, तब बस में 45 से अधिक यात्री थे। बस इडुक्की जिले के कुमिली से एर्नाकुलम जा रही थी। अधिकारी ने कहा कि बस का पिछला हिस्सा मोड़ पर सड़क किनारे की चारदीवारी से टकरा गया।

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मेहुल चोकसी के प्रर्त्यपण की तैयारी में भारत, बेल्जियम जाएगी ED व CBI की टीम; राह में अब भी कई रोड़े

Dainik Jagran - National - April 15, 2025 - 8:05am

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को भारत लाने की तैयारी है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम बेल्जियम जाएगी। माना जा रहा है कि दोनों एजेंसियों से दो से तीन अधिकारियों को बेल्जियम भेजा जा सकता है। यह अधिकारी प्रत्यर्पण प्रक्रिया के लिए दस्तावेज तैयार करेंगे और वहां की सरकार से समन्वय करेंगे।

ईडी और सीबीआई में बैठकें

इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी कि मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई और ईडी में बैठकें आयोजित की गईं। बैठक में एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों ने पूरे घटनाक्रम पर चर्चा की। दोनों ही एजेंसियों की एक संयुक्त टीम जल्द अपने कानूनी सलाहकार के साथ बेल्जियम जाएगी। केस से जुड़े सभी दस्तावेजों को जाम किया जाएगा और वहां की सरकार से समन्वय किया जाएगा।

गिरफ्तारी के खिलाफ अपील की तैयारी

माना जा रहा है कि मेहुल चोकसी अपने प्रत्यर्पण को चुनौती देगा। इसका खुलासा उसके वकील विजय अग्रवाल ने किया। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि गिरफ्तारी के खिलाफ अपील दायर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मेडिकल आधार पर जमानत की अपील की जाएगी। मेहुल वहां कैंसर का इलाज करवा रहे हैं। इस कारण वह भाग भी नहीं सकते हैं। गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा कि ये हर देश की प्रक्रिया है।

आसान नहीं होगा प्रत्यर्पण

ईडी ने लगभग 6 महीने पहले बेल्जियम के अधिकारियों को चोकसी के प्रत्यर्पण का अनुरोध भेजा था। गिरफ्तारी के बावजूद चोकसी को भारत लाना आसान नहीं होगा। वह अपने खिलाफ इंटरपोल से जारी रेड कॉर्नर नोटिस भी खारिज करवा चुका है। उसने दावा किया था कि भारतीय अधिकारियों ने उसे एंटीगुआ से अगवा करने की कोशिश की थी। मेहुल के पास एंटीगुआ की नागरिकता है।

संजय भंडारी केस का जिक्र

मेहुल चौकसी के खिलाफ भारत के पास मजबूत सबूत हैं। मगर उसका प्रत्यर्पण बेल्जियम की अदालतों के निर्णय पर निर्भर होगा। दरअसल, भारत ने ब्रिटेन से कारोबारी संजय भंडारी के प्रत्यर्पण की कोशिश की थी। मगर लंदन की अदालत ने भारतीय जेलों की स्थिति और मानवाधिकार के तहत भंडारी के पक्ष में फैसला सुनाया था। अब मेहुल चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने भी कहा कि संजय भंडारी केस के बाद मेहुल का प्रत्यर्पण बेहद मु्श्किल होगा। अब यह देखना होगा कि बेल्जियम की अदालत भारतीय जेलों की स्थिति को कैसे देखती हैं।

एक साल से बेल्जियम में था चोकसी

12 अप्रैल को बेल्जियम की पुलिस ने ईडी औरे सीबीआई के प्रत्यर्पण अनुरोध पर मेहुल चोकसी के गिरफ्तार किया था। वह यहां साल 2023 में आया था। मेहुल की पत्नी के पास बेल्जियम की नागरिकता भी है।

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दिल्ली-NCR में अगले चार दिन भयंकर गर्मी, पंजाब-हरियाणा समेत 7 राज्यों में लू का सितम; जानिए कहां होगी बारिश

Dainik Jagran - National - April 15, 2025 - 8:03am

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली NCR सहित पूरे उत्तर भारत में गर्मी ने अपना कहर दिखाना शुरू कर दिया है। मौसम विभाग ने बदलते तापमान को लेकर लेटेस्ट अपडेट जारी किया है। दिल्ली में मौसम का मिजाज तेजी से बदल रहा है। मौसम विभाग ने 16 अप्रैल से लू चलने की संभावना जताई है।

इस दौरान तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। आईएमडी के मुताबिक दिल्ली में लोगों को इस बार गर्मी पिछले साल की तुलना में ज्यादा सताएगी।

दिल्ली में दिन के समय 10 से 15 किलोमीटर रफ्तर के साथ तेज हवाएं चल सकती हैं। वहीं, रात के समय न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस तक रहने की संभावना है। दिल्ली NCR में अगले 4 दिन भयंकर गर्मी पड़ने की संभावना जताई है। 

19 अप्रैल के बाद दिल्ली में गिरेगा तापमान

रात में भी तेज हवाएं चल सकती हैं। 19 अप्रैल के बाद दिल्ली के तापमान में थोड़ी गिरावट आएगी। IMD के मुताबिक, 16 से 19 अप्रैल तक पूर्वी राजस्थान में अलग-अलग स्थानों पर लू चलने की संभावना है।

पंजाब-हरियाणा समेत इन जगहों पर लू का अलर्ट

15-17 अप्रैल के दौरान गुजरात 16-18 अप्रैल के दौरान पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी मध्य प्रदेश में भी लू चल सकती है। 16-17 अप्रैल के दौरान गुजरात और 16 अप्रैल को केरल और माहे में गर्म और आर्द्र मौसम रह सकता है। वहीं, 16-18 अप्रैल के दौरान पश्चिमी राजस्थान और 17-18 अप्रैल को पूर्वी राजस्थान में अलग-अलग स्थानों पर रात में भी अत्यधिक गर्मी महसूस की जा सकती है।

बिहार-झारखंड में बदलेगा मौसम, तेज आंधी और बारिश 

अगले 24 घंटों में बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश की संभवना है। वहीं, कर्नाटक, दक्षिण छत्तीसगढ़ और पूर्वोत्तर भारत में हल्की बारिश हो सकती है। वहीं बिहार के पूर्वी हिस्से में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

महाराष्ट्र में 2-3 डिग्री बढ़ेगी गर्मी

बात करें अगर महाराष्ट्र के मौसम की तो मौसम विभाग के मुताबिक, महारष्ट्र में अगले 5 दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने की संभावना है और उसके बाद 2 दिनों के दौरान कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन नहीं होगा।

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गैस मीटरों के लिए सरकार ने बनाए नए नियम, उपभोक्ताओं को मिलेगी सटीक माप और सुरक्षा; जानें कैसे

Dainik Jagran - National - April 15, 2025 - 6:14am

पीटीआई, नई दिल्ली। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि सरकार ने सभी घरेलू, वाणिज्यिक और औद्योगिक गैस मीटर का कारोबार में इस्तेमाल किए जाने से पहले परीक्षण, सत्यापन और मुहर लगाने की जरूरत वाले नए नियमों का मसौदा तैयार किया है। कानूनी माप-विज्ञान (सामान्य) नियम, 2011 के तहत प्रस्तावित इन नियमों के मसौदे का उद्देश्य गैस की माप में सटीकता और विश्वसनीयता लाना, बिल से जुड़े विवादों को रोकना और उपभोक्ताओं को दोषपूर्ण उपकरणों से बचाना है।

उपभोक्ताओं को मिलेगी अधिक सुरक्षा

मंत्रालय ने बयान में कहा, "सत्यापित और मुहर लगे गैस मीटर अधिक शुल्क लेने या कम माप लेने से रोकेंगे, विवादों को कम करेंगे और दोषपूर्ण या हेराफेरी वाले उपकरणों के खिलाफ उपभोक्ताओं को गारंटीशुदा सुरक्षा प्रदान करेंगे।"

अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होगा ढांचा

इसमें कहा गया है कि उपभोक्ताओं को उचित बिलिंग, बेहतर ऊर्जा दक्षता और मानकीकृत उपकरणों से कम रखरखाव लागत का लाभ मिलेगा। नियमों के मसौदे के तहत उपयोग किए जा रहे मीटर के दोबारा सत्यापन के प्रावधान भी किए गए हैं। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय विधिक माप-विज्ञान संगठन के मानकों के अनुरूप निर्माताओं और वितरण कंपनियों के लिए अनुपालन ढांचा स्थापित किया गया है।

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'यहां तीन दिन तक रहेंगे तो कोई संक्रमण हो जाएगा', दिल्ली को लेकर नितिन गडकरी ने ऐसा क्यों कहा?

Dainik Jagran - National - April 15, 2025 - 2:05am

पीटीआई, मुंबई। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को दिल्ली के प्रदूषण को लेकर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण का स्तर इतना अधिक है कि शहर में तीन दिन रहने से कोई संक्रमण हो सकता है।

उन्होंने एक शोध का हवाला देकर दावा किया कि दिल्ली में प्रदूषण के चलते लोगों की औसतन दस वर्ष जिंदगी घट रही है। गडकरी ने यहां एक कार्यक्रम में बताया कि प्रदूषण के कारण दिल्ली और मुंबई रेड जोन में हैं। वायु और जल प्रदूषण के संबंध में काफी काम किए जाने की जरूरत है।

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा: गडकरी

उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण बहुत अधिक है। अगर आप तीन दिन तक दिल्ली में रहेंगे तो आपको कोई संक्रमण हो जाएगा। एक चिकित्सा निष्कर्ष के अनुसार, दिल्ली का प्रदूषण लोगों की औसत उम्र को दस वर्ष कम कर रहा है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बुनियादी ढांचों के विकास के साथ-साथ पर्यावरण संबंधित चिंताओं का समाधान भी राष्ट्रीय विकास के लिए अहम है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि भारतीय समाज के लिए नैतिकता, अर्थव्यवस्था, पारिस्थितिकी और पर्यावरण महत्वपूर्ण हैं, लेकिन हमने पर्यावरण मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया है।

'जाम की समस्या का समाधान करने की जरूरत'

गडकरी ने बताया कि हम करीब 22 लाख करोड़ रुपये मूल्य के जीवाश्म ईंधन का आयात करते हैं। प्रदूषण में पेट्रोल और डीजल का बड़ा योगदान है। सड़कों पर जाम की समस्या का समाधान करने की जरूरत है। वाहनों में ईंधन उपयोग में बदलाव करने की आवश्यकता है। मैं वैकल्पिक ईंधन का समर्थन करता हूं। मैं 22 लाख करोड़ रुपये के जीवाश्म ईंधन के आयात को बचाना चाहता हूं और 10-12 लाख करोड़ रुपये किसानों की जेब में डालना चाहता हूं।

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'AI से बनेगी अपराध रोकने की सटीक रणनीति', अमित शाह ने कहा- 'फारेंसिक के इस्तेमाल से न्याय मिलने में आई तेजी '

Dainik Jagran - National - April 15, 2025 - 2:00am

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अगले एक-दो सालों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) का इस्तेमाल कर अपराध पर कारगर रोक लगाने की रणनीति बनेगी। सीसीटीएनएस, ई-प्रीजन, ई-कोर्ट, ई-प्रोसेक्यूशन, ई-फारेंसिक और अपराधियों के फिंगरप्रिंट के डाटा बड़े पैमाने पर उपलब्ध होने की जानकारी देते हुए केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस डाटा का इस्तेमाल एआइ के सहारे अपराध रोकने की रणनीति बनाने में की जाएगी।

इसके साथ ही उन्होंने तीन नए आपराधिक कानूनों के लागू होने के बाद सजा दर में हुई बढ़ोतरी का हवाला देते हुए आने वाले समय में सही मायने में कानून का शासन लागू होने का भरोसा जताया।

नए कानून से सजा की दर 30 फीसदी बढ़ी

नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित अखिल भारतीय न्यायालयिक विज्ञान सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि अभी देश में सजा की दर 54 फीसद है, यानी लगभग आधे आरोपी अदालत से छूट जाते हैं। उन्होंने कहा कि नए आपराधिक कानूनों के लागू होने के बाद न सिर्फ त्वरित न्याय मिलने लगा है, बल्कि सजा की दर भी 30 फीसद बढ़ गई है।

भारत में सजा की दर दुनिया में सबसे अच्छी होगी

उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश सजा की दर में 40 फीसद की बढ़ोतरी करने की है। यह फारेंसिक की मदद के बिना नहीं हो पाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत में सजा की दर दुनिया में सबसे अच्छी होगी। अमित शाह ने कहा कि नए आपराधिक कानूनों में सात साल से अधिक सजा के मामले की जांच के लिए लगभग 30 हजार फारेंसिक एक्सपर्ट की जरूरत का अनुमान है। लेकिन नेशनल फारेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (एनएफएसयू) से हर साल 32 हजार फारेंसिक एक्सपर्ट पढ़कर निकलेंगे।

एनएफएसयू 10 नए परिसर स्थापित हो रहे हैं

उन्होंने कहा कि एनएफएसयू विभिन्न राज्यों सात परिसर चल रहे हैं और अगले छह महीने नौ नए शुरू हो जाएंगे। जबकि 10 और नए परिसर स्थापित करने की योजना है। शाह ने कहा कि आरोपी और फरियादी दोनों के साथ अन्याय नहीं हो, इसके लिए फारेंसिक साइंस को आपराधिक न्याय प्रणाली का अहम हिस्सा बनाना जरूरी है। अमित शाह ने कहा कि देश में सीसीटीएनएस के तहत 100 फीसद थानों में ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करने की सुविधा है। इसके तहत 14 करोड़ 19 लाख एफआईआर और उससे जुड़े दस्तावेज ऑनलाइन उपलब्ध हैं।

22 हजार अदालतें ई-कोर्ट से जुड़ चुकी हैं। दो करोड़ 19 लाख डाटा ई-प्रिजन का, 39 लाख केसों का ई-प्रोसेक्यूशन का डाटा, 39 लाख फारेंसिक साक्ष्य ई-फारेंसिक पर आनलाइन उपलब्ध है। इसके साथ नेशनल ऑटोमेटेड फिंगरप्रिंट आइडेनटिफिकेशन सिस्टम (नफीस) पर एक करोड़ 53 लाख आरोपितों के फिंगरप्रिंट और मानव तस्करों का डाटा भी ऑनलाइन हो गया है। उन्होंने कहा कि अलग-अलग उपलब्ध इन डाटा को आपस में जोड़ने और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के माध्यम से इसका विश्लेषण किया जाएगा, जिससे अपराध रोकने की सटीक रणनीति बनाने में मदद मिलेगी।

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'लूटी रकम की वापसी से ही मिलेगा पीड़ितों को न्याय', मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी पर क्या बोले PNB स्कैम के व्हिसलब्लोअर?

Dainik Jagran - National - April 14, 2025 - 11:57pm

आईएएनएस, नई दिल्ली। पीएनबी के हजारों करोड़ के घोटाले में व्हिसल ब्लोअर हरिप्रसाद एसवी ने बेल्जियम में मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी का स्वागत किया है। उन्होंने भारतीय अधिकारियों से अनुरोध किया कि उसका प्रत्यर्पण सुनिश्चित किया जाए क्योंकि इसमें विफलता का मतलब राष्ट्रीय विफलता होगा।

हरिप्रसाद ने कहा कि यह अच्छी खबर है। अब यह देखना होगा कि उसे वापस लाने में कितना समय लगेगा। पीड़ितों को न्याय सिर्फ चोकसी की गिरफ्तारी से नहीं मिलेगा, बल्कि घोटाले की रकम की वसूली से मिलेगा। वह करोड़ों रुपये लेकर भागा है।

'चोकसी को वापस लाना काफी कठिन होगा'

उन्होंने कहा कि चोकसी को वापस लाना काफी कठिन होगा क्योंकि प्रत्यर्पण से बचने के लिए वह यूरोप के सर्वश्रेष्ठ वकीलों की सेवाएं लेगा। साथ ही बताया कि चोकसी ने भारत में लगभग सौ फ्रेंचाइजी के साथ धोखाधड़ी की थी और उनमें से ज्यादातर ने विभिन्न शहरों में मामले दर्ज कराए हैं।

चोकसी के प्रत्यर्पण में लग सकता है समय

मामले के शिकायतकर्ताओं में से एक वैभव खुरानिया ने भी कहा कि प्रत्यर्पण की कानूनी जटिलताओं के कारण चोकसी को वापस लाना आसान नहीं होगा। लेकिन उन्हें उम्मीद है कि उसे वापस लाया जाएगा और विजय माल्या मामले की तरह भारतीय अधिकारी विफल नहीं होंगे। पूर्व राजनयिक केपी फैबियान ने कहा कि चोकसी के प्रत्यर्पण में काफी समय लगेगा।

26/11 हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा के प्रत्यर्पण का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि उसके प्रत्यर्पण में 17 वर्ष लग गए। उन्होंने कहा कि अब वह (चोकसी) बेल्जियम में है और प्रत्यर्पण के हमारे अनुरोध पर बेल्जियम ने उसे हिरासत में लिया है। लेकिन हम इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकते कि कल या परसों बेल्जियम उसे प्रत्यर्पित कर देगा क्योंकि इसके लिए कानूनी प्रक्रिया है। भले ही बेल्जियम सरकार प्रत्यर्पण का फैसला करे, लेकिन वह अदालत जा सकता है। इसलिए इस समय हम नहीं कह सकते कि उसे प्रत्यर्पित किया जाएगा या नहीं, लेकिन जाहिर है कि हमें हरसंभव प्रयास करना चाहिए।

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कलम, कागज और कुरान... तहव्वुर राणा से रोज 10 घंटे तक पूछताछ कर रही NIA, खुलेंगे कई राज

Dainik Jagran - National - April 14, 2025 - 11:47pm

पीटीआई, नई दिल्ली। कड़ी सुरक्षा वाली कोठरी में बंद 26/11 मुंबई आतंकी हमले के प्रमुख मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा से रोजाना राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) आठ से 10 घंटे तक पूछताछ कर रही है। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को बताया कि इस नृशंस हमले के पीछे की बड़ी साजिश का खुलासा करने के लिए गहन पूछताछ जारी है।

बीते शुक्रवार को अमेरिका से भारत लाए जाने का बाद पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा दी गई 18 दिन की हिरासत के दौरान पालन किए जाने वाले निर्देशों का एनआईए अधिकारी पालन कर रहे हैं, जिनमें राणा की चिकित्सीय जांच के साथ उसके वकील से मुलाकात की अनुमति सुनिश्चित करना भी शामिल है।

राणा से लगातार पूछताछ कर रही एनआईए की टीम

सूत्रों के अनुसार, ''पूछताछ में राणा सहयोग कर रहा है और वरिष्ठ जांच अधिकारी जय राय के नेतृत्व वाली एनआईए टीम पूछताछ कर रही है। राणा ने अब तक केवल तीन चीजों की मांग की है। इनमें एक कलम, कागज और कुरान शामिल हैं, जिन्हें उसे दे दिया गया है।''

सूत्रों ने आगे बताया, ''अब तक राणा की ओर से किसी विशेष भोजन की मांग नहीं की गई है और उसे मानदंडों के आधार पर अन्य आरोपियों जैसा खाना ही दिया जा रहा है। उसे हर समय सुरक्षाबलों के पहरे के बीच अति सुरक्षित कोठरी में रखा गया है।''

एनआईए अब तक जुटाए गए सबूतों के आधार पर पूछताछ कर रही है और हमले के अन्य साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली के बीच ढेर सारे फोन काल के अलावा हमले से पहले उत्तर और दक्षिण भारत में जाने की वजह जानने में भी जुटी हुई है।

आइएसआइ से अपने संबंधों की जानकारी नहीं दे रहा तहव्वुर राणा

कड़ी सुरक्षा वाली कोठरी में बंद 26/11 मुंबई आतंकी हमले के प्रमुख मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा से रोजाना राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) आठ से 10 घंटे तक पूछताछ कर रही है।

हालांकि, राणा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ से अपने संबंधों समेत हमले से जुड़ी रकम को लेकर जानकारी नहीं दे रहा है। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को बताया कि इस नृशंस हमले के पीछे की बड़ी साजिश का खुलासा करने के लिए गहन पूछताछ जारी है।

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कर्नाटक में ट्रकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल का एलान, लोगों की बढ़ेंगी मुश्किलें; जानिए क्या है इनकी मांग

Dainik Jagran - National - April 14, 2025 - 11:43pm

आईएएनएस, बेंगलुरु। कर्नाटक में ट्रक मालिकों के संघ ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है। ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी, टोल शुल्क में वृद्धि और आरटीओ अधिकारियों द्वारा कथित उत्पीड़न के खिलाफ सोमवार आधी रात से ये हड़ताल शुरू होगी।

ट्रक मालिकों के एलान के बाद से लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। कर्नाटक राज्य लॉरी मालिकों और एजेंटों के संघ (FOKSLOAA) और कर्नाटक माल ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन ने संयुक्त रूप से अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया है।

वहीं, इस हड़ताल का राज्य और क्षेत्रीय संघों से मिलकर बनी मोटर परिवहन ऑपरेटरों की शीर्ष संस्था अखिल भारतीय मोटर परिवहन कांग्रेस ने भी समर्थन किया है।

आवश्यक सेवाएं हो सकती हैं बाधित

ट्रक मालिकों के राज्यव्यापी हड़ताल के ऐलान से कई आवश्यक सेवाओं के बाधित होने की संभावना है। हड़ताल के कारण सोमवार आधी रात से छह लाख ट्रक और लॉरियों के सड़क से नदारद होने की उम्मीद है।

दरअसल, ट्रक मालिकों ने सरकार को उनकी मांगों को पूरा करने के लिए 14 अप्रैल तक की समयसीमा दी थी, जिसमें डीजल की कीमतों में कमी शामिल है। सरकार द्वारा उनकी चिंताओं का समाधान करने में विफल रहने के कारण, संघों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रखने का फैसला किया है।

पेट्रोल-डीजल की भी हो सकती है किल्लत

जानकारी के अनुसार, जेली स्टोन, ढीली रेत और अन्य सामान ले जाने वाले ट्रक परिचालन बंद कर देंगे। सूत्रों ने बताया कि पेट्रोल और डीजल का परिवहन करने वाले वाहन भी सेवाएं निलंबित रखेंगे। जिससे राज्य में ईंधन की परेशानी भी देखने को मिल सकती है।

कर्नाटक राज्य लॉरी मालिक एवं एजेंट संघ के अध्यक्ष जीआर षणमुगप्पा ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि पांच प्रमुख मांगों को पूरा करने की मांग को लेकर हड़ताल शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी तक कोई चर्चा शुरू नहीं की है।

राष्ट्रीय स्तर पर भी विरोध की तैयारी

राज्य लॉरी मालिक एवं एजेंट संघ के अध्यक्ष जीआर षणमुगप्पा ने घोषणा की कि 27 और 28 अप्रैल को राष्ट्रीय स्तर के विरोध पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि छह लाख ट्रक और लॉरी परिचालन बंद कर देंगे। हड़ताल आधी रात से शुरू होगी।

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अमेरिकी टैरिफ के असर से 11.30 लाख करोड़ रुपये की निवेशक संपत्ति स्वाहा, BSE मानक सूचकांक में 2 प्रतिशत की गिरावट

Dainik Jagran - National - April 14, 2025 - 11:30pm

पीटीआई, नई दिल्ली। अमेरिकी टैरिफ के एलान के बाद से अब तक निवेशकों की संपत्ति 11.30 लाख करोड़ रुपये घटी है। इस दौरान बीएसई के मानक सूचकांक सेंसेक्स में गिरावट की बात करें तो यह 1,460.18 अंक या 1.90 प्रतिशत गिर चुका है। अमेरिकी शुल्क के एलान और चीन तथा अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध की बढ़ती चिंताओं के कारण हाल के दिनों में शेयर बाजारों में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है।

अनिश्चितता के चलते इस अवधि में बीएसई की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) 11,30,627.09 करोड़ रुपये घटकर 4,01,67,468.51 करोड़ रुपये रह गया है। हालांकि, अमेरिका के अतिरिक्त आयात शुल्क के अपने फैसले को 90 दिन के लिए टालने के बाद बाजार में शुक्रवार को करीब दो प्रतिशत का उछाल आया था। इस दौरान बाजार 10 अप्रैल को महावीर जयंती और 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती के अवसर पर बंद भी रहे।

अमेरिका-चीन व्यापार तनाव का असर

अमेरिका ने दो अप्रैल को अमेरिका में प्रवेश करने वाले भारतीय उत्पादों पर 26 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की थी। हालांकि, नौ अप्रैल को इसे नौ जुलाई तक यानी 90 दिन के लिए टाल दिया गया था। हालांकि, 10 प्रतिशत का मूल शुल्क अब भी लागू है। हालांकि, चीन को कोई राहत नहीं दी गई। अमेरिका ने चीन से आयातित वस्तुओं पर 145 प्रतिशत शुल्क लगा रखा है। वहीं चीन ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी वस्तुओं पर अपने अतिरिक्त शुल्क को बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया है।

अमेरिका के दुनिया पर व्यापक स्तर पर जवाबी शुल्क की घोषणा के बाद नए वित्त वर्ष की शुरुआत में बाजारों में उतार-चढ़ाव रहा। वैश्विक बाजारों में भारी गिरावट देखी गई और भारत भी बिकवाली से अछूता नहीं रहा, लेकिन यह अबतक अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। सतीश चंद्र अलूरी, विश्लेषक, लेमन मार्केट्स डेस्क

भविष्य की संभावनाएं और जोखिम

मास्टर कैपिटल सर्विसेज के एवीपी विष्णु कांत उपाध्याय ने कहा, "बाजार में अनिश्चितता का वर्तमान दौर अगले तीन से छह महीनों तक चल सकता है। इसके विपरीत, यदि वैश्विक परिस्थितियां स्थिर होती हैं तो भारतीय शेयर एक बार फिर दीर्घकालिक विकास क्षमता की तलाश करने वाले विदेशी निवेशकों के लिए एक अच्छे गंतव्य के तौर पर उभर सकते हैं। भारत की अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में है, लेकिन वैश्विक बाजार की अनिश्चितताएं, अस्थिरता और व्यापार व्यवधान अभी भी बड़े जोखिम हैं।"

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किताबों के हिंदी नामों पर उठे विवाद को NCERT ने किया खारिज, कहा- नाम NEP के तहत

Dainik Jagran - National - April 14, 2025 - 11:30pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत स्कूलों के लिए तैयार की गई नई किताबों के हिंदी नामों को लेकर उठे विवाद पर एनसीईआरटी (भारतीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) ने साफ किया है कि किताबों के नाम देश की नई पीढ़ी को भारतीय जड़ों से जोड़ने वाले और एनईपी की सिफारिशों के अनुरूप हैं। जो लोग इन नामों को लेकर विरोध कर रहे हैं, उनका विरोध पूरी तरह से अनुचित है। वैसे भी जिन्हें इन किताबों को पढ़ना और जिन्हें पढ़ाना है, वे सभी इन्हें बेहद पसंद कर रहे है।

भारतीय वाद्य यंत्रों और रागों से जुड़े हैं नाम

किताबों के हिंदी नामों पर उठे विवाद के बीच एनसीईआरटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्कूलों के लिए तैयार की गई ये किताबें वैसे तो दो साल से पढ़ाई जा रही है लेकिन तब किसी ने कोई आपत्ति नहीं जताई। वैसे भी इन किताबों के जो नाम हैं वह भारतीय वाद्य यंत्रों और रागों के नाम पर रखे गए है, जैसे संतूर, मृदंग, तबला, वीणा व पूर्वी आदि। ये शब्द देश की नई पीढ़ी को भारतीयता का अहसास कराने वाले हैं।

पहली बार फाइव स्टार रेटिंग मिली

एनसीईआरटी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुस्तकों को लेकर शिक्षकों और बच्चों के बीच से दो सालों में जो फीडबैक आया है, वह उत्साहित करने वाला है। एनसीईआरटी की नई किताबों को पहली बार फाइव स्टार रेटिंग मिली है। इससे पहले इनकी दो स्टार रेटिंग ही थी। जो लोग इन किताबों के नामों को हिंदी या अंग्रेजी के नाम पर विरोध को हवा दे रहे हैं, यही लोग पहले एनईपी को लेकर भी विरोध कर रहे थे।

पश्चिम नहीं, अब भारत है फोकस

इस बीच अंग्रेजी की जिस किताब पूर्वी के नाम को इस पूरे विवाद में घसीटा जा रहा है, उसे तैयार करने वाली टीम में शामिल एक वरिष्ठ शिक्षाविद ने कहा कि इस पुस्तक की विषयवस्तु भी अब पश्चिम के बजाय भारत फोकस हो गई है। अब तक अंग्रेजी की किताबों में पश्चिम की कहानी पढ़ाई जाती थी, लेकिन अब इनमें रानी अब्बक्का की कहानी देश की नई पीढ़ी पढ़ेगी। जो झांसी की रानी लक्ष्मीबाई जैसी ही बहादुर थी। देश में औपनिवेशिक आक्रमणकारियों के खिलाफ लड़ने वाली पहली भारतीय महिला थीं। कर्नाटक के उल्लाल नगर के प्रसिद्ध चौटा घराने में जन्मी रानी अब्बक्का का पूरा नाम अभया रानी अब्बक्का चौटा था।

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National Herald Scam: क्या बिना FIR के मनी लॉन्ड्रिंग के तहत हो सकती है कार्रवाई? कांग्रेस के सवालों का ED ने दिया जवाब

Dainik Jagran - National - April 14, 2025 - 8:00pm

नीलू रंजन, नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड केस में बिना एफआइआर के मनी लॉन्ड्रिंग के तहत कार्रवाई और संपत्तियों की जब्ती को ईडी कानूनी रूप से वैध मानता है। ईडी के अनुसार अदालत आइपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत नेशनल हेराल्ड घोटाले का संज्ञान ले चुका है।

ध्यान देने की बात है कि बिना एफआइआर के मनी लॉन्ड्रिंग के तहत कार्रवाई पर कांग्रेस पर सवाल उठा रहा है और इसे मोदी सरकार की बदले की राजनीति करार दे रहा है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 2015 में मनी लॉड्रिंग का केस दर्ज करने के पहले इसके लिए कानूनी विदों से सलाह ले ली गई थी और उनकी हरी झंडी मिलने के बाद ही इसकी जांच करने का फैसला किया गया था।

दरअसल मनी लॉन्ड्रिंग के तहत किसी मामले की जांच के लिए ईडी के पास सीमित अधिकार है। ईडी केवल उन्हीं मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर सकता है, जिनमें पहले से कोई अन्य जांच एजेंसी आपराधिक मामलों की जांच कर रही है।

ईडी किन-किन आपराधिक मामलों में मनी लॉिड्रग की जांच कर सकता है इसकी पूरी सूची बनी है, जिसमें आइपीसी की धाराओं के तहत दर्ज आपराधिक मामले भी शामिल हैं।

'एफआइआर किसी मामले की जांच शुरू होने का प्राथमिक प्रमाण है'

मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत सूचीबद्ध मामलों में जांच शुरू करने के लिए एफआइआर की अनिवार्यता के बारे में पूछने पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एफआइआर किसी मामले की जांच शुरू होने का प्राथमिक प्रमाण है। यदि अदालत उस एफआइआर के तहत हुई जांच से संतुष्ट नहीं हो और चार्जशीट को खारिज कर दे, तो मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी खत्म हो जाता है क्योंकि इसकी जांच के लिए कोई केस बचता ही नहीं है।

वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार नेशनल हेराल्ड के मामले में भले ही किसी थाने में एफआइआर दर्ज नहीं हुई हो, लेकिन इस मामले में की गई शिकायत और दिये गए सबूतों को अदालत में सुनवाई के लिए पर्याप्त पाया और मामले का संज्ञान लेते हुए आरोपितों को समन भी जारी कर दिया। खासबात यह है कि दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी पटियाला हाऊस कोर्ट के इस फैसले को सही ठहराया था।

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Weather Update: दिल्ली से राजस्थान तक हीट वेव का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल; क्या है IMD का अपडेट?

Dainik Jagran - National - April 14, 2025 - 8:00pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Weather News: पिछले दिनों देश के कई राज्यों में आई आंधी-बारिश के कारण तापमान में कमी देखते को मिली। जिससे लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली थी। इस बीच मौसम विभाग ने बताया कि अब मौसम फिर करवट लेगा और धीर-धीरे तापमान में इजाफा देखने को मिलेगा।

हालांकि, जहां उत्तर भारत में आने वाले दिनों में गर्मी का सितम देखने को मिलेगा। तो पूर्वोत्तर के कई राज्यों हल्की से भारी बारिश के साथ तूफान की संभावना है। आईएमडी ने बताया कि अगले 5 दिनों के दौरान पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत में गरज, बिजली और तेज हवाओं के साथ छिटपुट से लेकर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।

जानिए पिछले 24 घंटों के मौसम का हाल

मौसम विभाग की हालिया जानकारी के अनुसार, पिछले पूर्वी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु पुडुचेरी और कराईकल, केरल और माहे, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, रायलसीमा और तेलंगाना में अलग-अलग स्थानों पर गत 24 घंटों में पर आंधी- तूफान के साथ तेज हवाएं चलीं।

वहीं, पश्चिमी मध्य प्रदेश, मध्य महाराष्ट्र, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में अलग-अलग स्थानों पर ओलावृष्टि की भी खबर सामने आई। उधर, ओडिशा और तमिलनाडु में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश देखने को मिली। पूर्वी उत्तर प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर धूल भरी आंधी दर्ज की गई

अगले 24 घंटों के मौसम का हाल

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के ताजा पूर्वानुमान के अनुसार, बुधवार से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में तापमान में धीरे-धीरे बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। इसके अलावा हीट वेव भी देखने को मिलेगी।

मौसम विभाग का कहना है कि अगले 24 घंटों के दौरान मध्य भारत में अधिकतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण बदलाव की संभावना नहीं है और 15-18 के दौरान 2-4 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हो सकती है। वहीं, अगले 5 दिनों के दौरान आंतरिक महाराष्ट्र में अधिकतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस बढ़ सकता है। आईएम 4 दिनों के दौरान 17 अप्रैल तक गुजरात राज्य में अधिकतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस बढ़ने की संभावना है।

इन राज्यों में हीटवेव का अलर्ट

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि 14-19 अप्रैल के दौरान पश्चिमी राजस्थान में अलग-अलग स्थानों पर लू की स्थिति से लेकर गंभीर लू की स्थिति तक की संभावना है। इसके अलावा 15-17 अप्रैल के दौरान गुजरात, पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी मध्य प्रदेश में हीट वेव देखने को मिलेगी। साथ ही केरल और माहे में भी आने वाले दिनों में गर्म और आर्द्र मौसम रहने की संभावना है।

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तेलंगाना ने SC आरक्षण को तीन ग्रुप में बांटा, ऐसा करने वाला बना पहला राज्य

Dainik Jagran - National - April 14, 2025 - 7:42pm

पीटीआई, हैदराबाद। तेलंगाना ने आंबेडकर जयंती पर अनुसूचित जाति (एससी) वर्गीकरण के कार्यान्वयन पर एक सरकारी आदेश जारी किया। तेलंगाना आधिकारिक तौर पर ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। सिंचाई मंत्री एन. उत्तम कुमार रेड्डी ने इसकी जानकारी दी।

तेलंगाना सरकार ने पहले एससी वर्गीकरण पर रिटायर हाई कोर्ट के जज जस्टिस शमीम अख्तर की अध्यक्षता में एक आयोग नियुक्त किया था। आयोग ने सिफारिशें की थीं कि 59 अनुसूचित जाति (एससी) समुदायों को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में कुल 15 प्रतिशत आरक्षण के लिए तीन समूहों क, कक और ककक में विभाजित किया जाना चाहिए।

किसे मिलेगा आरक्षण का लाभ?

तेलंगाना विधानमंडल के निम्नलिखित अधिनियम को 8 अप्रैल 2025 को तेलंगाना के राज्यपाल की स्वीकृति प्राप्त हुई और उसको सर्वप्रथम 14 अप्रैल 2025 को तेलंगाना राजपत्र में आम जानकारी के लिए प्रकाशित किया जाता है। समूह-एक में सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से वंचित 15 अनुसूचित जाति समुदाय शामिल हैं, जिन्हें एक प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।

इन लोगों को मिलेगा पांच प्रतिशत आरक्षण

समूह-2 में 18 मध्यम रूप से लाभान्वित अनुसूचित जाति समुदाय शामिल हैं, जिन्हें 9 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है, जबकि समूह-3 में 26 उल्लेखनीय रूप से लाभान्वित अनुसूचित जाति समुदाय शामिल हैं, जिन्हें पांच प्रतिशत आरक्षण दिया गया है।

रेड्डी ने कहा कि राज्य में एससी वर्गीकरण लागू किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एससी वर्गीकरण लागू करने वाला तेलंगाना पहला राज्य है।

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मेहुल चौकसी ही नहीं, इन तीन भगोड़ों पर भी जांच एजेसी की नजर; IPL से जुड़ा है दो का कनेक्शन

Dainik Jagran - National - April 14, 2025 - 7:00pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) को बेल्जियम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। हीरा व्यापारी और गीतांजलि समूह के  मालिक पर अपने भतीजे नीरव मोदी, उसकी पत्नी अमी मोदी और भाई नीशाल मोदी के साथ सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक से करीब 13,500 करोड़ रुपये के गबन का आरोप है।

उसे 12 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में उसे हिरासत में रखा गया है। बेल्जियम का कहना है कि भारत ने उसके प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध भी किया है।

हालांकि, भगोड़े कारोबारी की फेहरिस्त लंबी है। मेहुल चोकसी के अलावा जांच एजेंसियों से इन कारोबारियों के प्रत्यर्पण का इंतजार भी है।

नीरव मोदी

पंजाब नेशनल बैंक में हुए घोटाले में हीरा व्यापारी नीरव मोदी भी आरोपी है। साल 2018 में वो भारत छोड़कर भाग गया था। नीरव मोदी को 19 मार्च, 2019 को लंदन में होबर्न के मेट्रो बैंक ब्रांच से गिरफ्तार किया गया था। उसे भारतीय अधिकारियों द्वारा दायर प्रत्यर्पण वारंट पर मार्च 2019 में गिरफ्तारी के बाद से हिरासत में रखा गया है।

नीरव मोदी पर पीएनबी से 13,850 करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी करने का आरोप है और उसे बार-बार जमानत देने से इनकार किया गया है, हाल ही में मई 2024 में सातवीं बार जमानत देने से इनकार किया गया था।

विजय माल्या

किंगफिशर कंपनी का मालिक विजय माल्या भारतीय बैंकों के 9 हजार करोड़ रुपये से अधिक के कर्जदार हैं।आरसीबी के पूर्व ओनर विजय माल्या पर आरोप है कि उसने अपनी किंगफिशर एयरलाइन कंपनी के लिए बैंकों से कर्ज लिया और उसे बिना चुकाए वो विदेश चले गए।

किंगफिशर एयरलाइन दिवालिया होने के बाद बंद हो चुकी है। वो फिलहाल लंदन में है। भारत के 17 बैंक, माल्या से 9000 करोड़ रुपये का लोन वसूलने की कोशिश में है।

माल्या को 13 जून 2016 को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) कोर्ट ने ED के अनुरोध पर वॉन्‍टेड घोषित किया गया था। वो  फिलहाल ब्रिटेन में रह रहा है और भारत सरकार उसे वापस देश लाने की कोशिश में जुटी है।

ललित मोदी

तीसरा नाम ललित मोदी का है। IPL यानी इंडियन प्रीमियर लीग के पूर्व प्रमुख ललित मोदी साल 2010 से ब्रिटेन में रह रहे हैं। नीरव मोदी पर आईपीएल कमिश्नर के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान नीलामी में कथित तौर पर हेराफेरी करने के लिए आरोप हैं।

हालांकि, उन्होंने इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है। 2013 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने ललित मोदी पर आजीवन क्रिकेट गतिविधियों में शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया था।

ललित मोदी ने मॉरीशस की कंपनी वर्ल्ड स्पोर्ट्स को आईपीएल का 425 करोड़ का ठेका दिया था। उनपर आरोप है कि उन्होंने इसमें से 125 करोड़ रुपए कमीशन लिया। 2010 में वो ब्रिटेन भाग गया, तभी से भारत सरकार उसके  प्रत्यर्पण की कोशिश कर रही है।

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