Hindi News
Murshidabad Violence: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा बंगाल हिंसा का मामला, विशेष टीम से जांच के लिए याचिका दायर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। सुप्रीम कोर्ट के वकील शशांक शेखर झा ने हिंसा और मौतों की जांच के लिए एक विशेष टीम बनाने और सुप्रीम कोर्ट से इस जांच की निगरानी करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को लोगों की जान बचाने और आगे की हिंसा को रोकने के लिए भी कदम उठाने चाहिए।
दरअसल, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुआ। हिंसा के बाद मुर्शिबाद में केंद्रीय बलों की तैनाती की गई। इस हिंसा में तीन लोगों की जान गई है। पिछले हफ्ते मुर्शिदाबाद और दक्षिण 24 परगना, मालदा और हुगली सहित बंगाल के अन्य जिलों में हुई हिंसा के बाद से 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
हिंसा में तीन लोगों की मौतवक्फ कानून के खिलाफ पिछले हफ्ते शुक्रवार को बड़ा प्रदर्शन किया। बाद में यह प्रदर्शन हिंसा में तब्दील हो गया। प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक को ब्लॉक कर दिया। इसके अलावा पुलिस पर पत्थरबाजी की गई। इस दौरान पुलिस ने बल का प्रयोग किया। उपद्रवीयों ने पुलिस की कई वन को आग के हवाले कर दिया इसके अलावा जमकर तोड़फोड़ की गई।
कई जिलों में प्रदर्शन जारी- उल्लेखनीय है कि वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ बंगाल के मुस्लिम बहुल जिले मुर्शिदाबाद व दक्षिण 24 परगना में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज के जाफराबाद में सोमवार को फिर हालात बिगड़ गए।
- उपद्रवियों ने यहां स्थिरता बहाली के लिए तैनात केंद्रीय बल के जवान व पुलिस को लक्ष्य कर भारी पथराव किया। कुछ देर के लिए केंद्रीय बल के जवानों को पीछे हटना पड़ा। बाद में बड़ी संख्या में केंद्रीय बल के जवान व पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचे तथा स्थिति को नियंत्रित किया। पुलिस हमलावरों की तलाश कर रही है।
- बताया जा रहा है कि दक्षिण 24 परगना के भांगड़ के सोनपुर में सोमवार को उपद्रवियों ने पुलिस वैन में तोड़फोड़ की। पुलिस की पांच बाइकों को आग के हवाले कर दिया। वहीं, सिलीगुड़ी के चार नंबर वार्ड अंतर्गत ज्योति नगर इलाके में सोमवार सुबह अचानक हिंसा भड़क उठी। दो पक्षों के बीच तीव्र विवाद के बाद कई घरों में तोड़फोड़ की गई और माहौल तनावपूर्ण हो गया।
बंगाल के मुर्शिदाबाद समेत अन्य जिलों में फैली हिंसा को देखते हुए इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी गई है। राज्य पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) जावेद शमीम ने बताया कि दूसरे राज्यों के कुछ निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा स्थिति के बारे में अफवाह फैलाने की कोशिश की जा रही है और अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए फिलहाल कुछ इलाकों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं।
हिंसा के दौरान 200 हिंदू घरों को जलाए जाने का दावासूत्रों के अनुसार, हिंसा के दौरान मुर्शिदाबाद में करीब 200 हिंदू घरों को जला दिया गया। लोगों का आरोप है कि गैस सिलिंडर खोलकर और पेट्रोल डालकर आग लगा दी गई। उपद्रवियों ने बड़ी संख्या में घरों व दुकानों में लूटपाट और आगजनी की। कई तालाबों में उपद्रवियों द्वारा जहर मिलाने का भी आरोप है, जिससे बड़ी संख्या में मछलियां मर गईं। पान के बागानों में भी आगजनी का आरोप है।
यह भी पढ़ें: मुर्शिदाबाद हिंसा में अब तक 200 उपद्रवी गिरफ्तार, घर लौटे कई परिवार; जानिए अब कैसे हैं हालात
यह भी पढ़ें: मालदा, मुर्शिदाबाद के बाद अब सिलीगुड़ी में फैली हिंसा की आग; आखिर क्यों आमने-सामने आ गए दो गुट?
टैरिफ वॉर से मंडराया मंदी का खतरा, अमेरिका में महंगाई की मार; चीन पर क्या होगा असर?
जागरण टीम, नई दिल्ली। विश्व के 75 देशों को पारस्परिक टैरिफ से 90 दिन की मोहलत देने और चीन पर 125 प्रतिशत टैरिफ लगाने के डोनाल्ड ट्रंप के कदम से यह साफ हो गया है कि यह सिर्फ व्यापार को संतुलित करने का मामला नहीं है। यह विश्व की दो बड़ी आर्थिक महाशक्तियों के बीच वर्चस्व की जंग है। इसमें टैरिफ सिर्फ एक टूल है।
पिछले करीब तीन दशकों में चीन निर्यात के दम पर करीब 19 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन गया है। करीब 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला अमेरिका चीन की बढ़ती सामरिक ताकत पर अंकुश लगाना चाहता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि चीन की सामरिक ताकत पर अंकुश लगाने का कारगर तरीका व्यापार की दुनिया में उसके दबदबे को कमजोर करना है। डोनाल्ड ट्रंप की अगुवाई में अमेरिका टैरिफ के जरिये यही करने का प्रयास कर रहा है।
दुनिया की दो बड़ी महाशक्तियों के बीच वर्चस्व की इस जंग का असर पूरे विश्व पर पड़ेगा। कुछ विशेषज्ञ इसे सप्लाई चेन में बड़े बदलाव के साथ मंदी की आशंका भी जता रहे हैं। चीन अमेरिका के बीच व्यापारिक युद्ध विश्व को कैसे प्रभावित करेगा इसकी पड़ताल अहम मुद्दा है?
भारत पर पड़ेगा मिला- जुला असर1. महंगे हो सकते हैं स्मार्टफोन, लैपटॉप और उपकरणभारत का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर चीनी कंपोनेंट पर निर्भर है। विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स में यह निर्भरता अधिक है। बैटरी से लेकर सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले पैनल तक सबकुछ चीन से आता है। इसका मतलब है कि आने वाले हफ्तों में स्मार्टफोन लैपटॉप और उपकरण महंगे हो सकते हैं।
2. फार्मा उत्पादों की बढ़ सकती है लागतभारत दवा उत्पादन में अग्रणी देश है। लेकिन दवा बनाने के लिए लगभग 70 प्रतिशत कच्चा माल चीन से आता है। अगर कच्चे माल की आपूर्ति में किसी तरह की बाधा आती है तो इससे न सिर्फ उत्पादन लागत बढ़ेगी बल्कि निर्यात के लिए भेजी जाने वाली खेप पहुंचाने में देरी होगी। वैश्विक जेनरिक दवा बाजार पर इसका बुरा असर पड़ेगा।
3. स्टील उत्पादकों पर बढ़ेगा दबावस्टील की बात करें तो अमेरिका और यूरोप के बाजारों में निर्यात की गुंजाइश कम हो रही है। ऐसे में चीन के स्टील उत्पादक स्टील भारत जैसे वैकल्पिक बाजारों में डंप करने का प्रयास कर सकते हैं। इससे स्थानीय स्तर पर स्टील की कीमतों में गिरावट आएगी। इससे भारत में स्टील उत्पादकों को नुकसान हो सकता है क्योंकि वह पहले ही मार्जिन के दबाव से जूझ रहे हैं।
4. आईटी और टेक सर्विस इंडस्ट्री को होगा फायदाभारत की आईटी और टेक सर्विस इंडस्ट्री को ट्रेड वार से फायदा हो सकता है। ट्रंप के पहले कार्यकाल में जब चीन और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर तनाव बढ़ा था, उस समय भी ऐसा हुआ था। चीन बढ़ती लागत और अस्थिरता से चिंतित अमेरिकी कंपनियां भारत से आउटसोर्सिंग बढ़ा सकते हैं। खास कर बैकएंड आपरेशंस, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और एआई सपोर्ट के लिए।
5. कृषि उत्पादों के लिए है मौकाअगर चीन अमेरिका के बाजार में अपने उत्पाद नहीं बेच पाता है तो भारत के लिए मौका बन सकता है। सोयाबीन और कॉटन के बाजार में ऐसा हो सकता है।
चीन में एडवांस्ड माइक्रोचिप्स की हो सकती है किल्लतअमेरिका चीन पर टेक्नोलॉजिकल ब्लाकेड को और कड़ा कर सकता है, जिसकी शुरुआत जो बाइडन प्रशासन ने की थी। इससे चीन को एडवांस्ड माइक्रोचिप्स आयात करने में और कठिनाई हो सकती है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे एप्लिकेशंस के लिए यह बहुत ज़रूरी है। चीन अभी भी इसे खुद नहीं बना सका है।
किन देशों पर दबाव डाल सकता है अमेरिका?अमेरिका चीन को अलग-थलग करने के लिए कंबोडिया, मैक्सिको और वियतनाम समेत अन्य देशों पर ये दबाव डाल सकता है कि अगर वे अमेरिका के साथ व्यापार करना चाहते हैं तो वे चीन से व्यापार न करें।
ट्रेड वार का दुनिया पर क्या होगा असर?अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ के अनुसार, इस वर्ष कुल वैश्विक अर्थव्यवस्था में अमेरिका और चीन की अर्थव्यवस्था की हिस्सेदारी करीब 43 प्रतिशत है।
अगर इन दोनों देशों के बीच व्यापक ट्रेड वार छिड़ जाता है तो यह दोनों की विकास दर को धीमा करेगा या यहां तक कि उन्हें मंदी में भी खींच सकता है और इससे पैदा हुई सुस्त वैश्विक विकास दर से अन्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं को भी नुकसान पहुंचेगा।
यह भी पढ़ें- 'आइए और देखिए क्या हाल हो गया हमारा...', पुतिन के हमले से परेशान जेलेंस्की ने ट्रंप को यूक्रेन आने का दिया न्योता
वैश्विक निवेश पर कैसा पड़ेगा असर?वैश्विक निवेश पर भी नकारात्मक असर पड़ेगा। हालांकि और भी संभावित खतरे हैं। चीन दुनिया का सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग देश है और वह घरेलू स्तर पर पैदा होने वाली मांग की तुलना में बहुत अधिक उत्पादन करता है। वह रियायतें देकर वस्तुओं के उत्पादन को सस्ता रखता है। स्टील इसका एक उदाहरण है।
किन देशों में बढ़ेगी बेरोजगारी?अमेरिका में ऊंचे टैरिफ की वजह से चीन अपने उत्पाद दूसरे देशों में डंप कर सकता हैं। हालांकि, यह उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन उन देशों के उद्योगों पर इस डंपिंग का बुरा असर पड़ेगा। वहां नौकरियां जाएंगी और बेरोजगारी बढ़ेगी।
क्या अमेरिका पर भी पड़ेगा असर?पहले कार्यकाल में ट्रंप ने चीन पर 20 प्रतिशत टैरिफ लगाया था तो अमेरिका में कीमतें अच्छी खासी बढ़ गई थीं। चीन पर 125 टैरिफ कीमतों को कई गुना बढ़ा सकता है।
क्या टैरिफ वॉर बढ़ा देगा चीन में महंगाई?अमेरिका पर जवाबी टैरिफ लगाने से चीन में भी कीमतें बढ़ेंगी और चीन के उपभोक्ताओं पर इसका बोझ पड़ेगा।
यह भी पढ़ें- टैरिफ पर ट्रंप ने लिया यू-टर्न; चीन बोला- बाघ के गर्दन में लगी घंटी... वही खोल सकता, जिसने बांधा है
जरूरी धातुओं की सप्लाई बंद कर सकता है चीनउद्योगों के लिए जरूरी तांबे से लेकर लिथियम जैसी धातुओं को रिफाइन करने में चीन की मुख्य भूमिका है।
बीजिंग इन धातुओं को अमेरिका तक पहुंचने में बाधाएं खड़ी कर सकता है। चीन ने जर्मेनियम और गैलियम जैसी दो धातुओं के बारे में ऐसा कर भी दिया है।
यह भी पढ़ें- Trump ने फिर मारा यू-टर्न; स्मार्टफोन, कंप्यूटर पर अलग से टैरिफ लगाने की तैयारी में ट्रंप प्रशासन
वक्फ कानून के बाद देश में आएगा UCC? पीएम मोदी ने दिया संकेत; कांग्रेस को खूब सुनाया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज हरियाणा के हिसार के दौरे पर रहे। यहां पर पीएम मोदी ने हिसार हवाई अड्डे से अयोध्या हवाई अड्डे के लिए पहली सीधी विमान सेवा को हरी झंडी दिखाई। इसके अलावा पीएम ने हिसार हवाई अड्डे पर नए टर्मिनल और कई अन्य विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां पर एक जनसभा को भी संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने वक्फ कानून पर अपनी बातों को रखते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा और वक्फ अधिनियम का विरोध करने वालों को करारा जवाब दिया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने यूसीसी को लेकर भी बात की। जिसके बाद चर्चा की जाने लगी कि क्या देश में वक्फ के बाद यूसीसी लाने की तैयारी है?
जानिए क्या बोले पीएम मोदी?हिसार में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने संविधान को सत्ता पाने का हथियार बना लिया। जब भी उन्हें लगा कि सत्ता उनके हाथ से फिसल रही है, तो उन्होंने संविधान को रौंद डाला, जैसा कि उन्होंने आपातकाल के दौरान किया था। संविधान की भावना स्पष्ट रूप से कहती है कि सभी नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता होनी चाहिए, जिसे मैं धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता कहता हूं। लेकिन कांग्रेस ने इसे कभी लागू नहीं किया। उत्तराखंड में हमने धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता लागू की है, लेकिन कांग्रेस इसका विरोध करती रहती है।
Congress turned the Constitution into a mere tool for gaining power. Whenever they felt that power slipping from their hands, they trampled upon the Constitution, just as they did during the Emergency.
The spirit of the Constitution clearly says that there must be one common…
हिसार में जनता को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा,
कांग्रेस संविधान को नष्ट करने वाली पार्टी बन गई है। डॉ. बीआर अंबेडकर समानता लाना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस ने वोट बैंक की राजनीति का वायरस फैलाया। बाबा साहब चाहते थे कि हर गरीब, हर पिछड़ा सम्मान के साथ और सिर ऊंचा करके जी सके, सपने देख सके और उन्हें पूरा कर सके।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय में एससी, एसटी ओबीसी के लिए बैंक के दरवाजे भी नहीं खुलते थे; लोन, कल्याण सब कुछ सिर्फ सपना था, लेकिन अब जनधन खातों के सबसे बड़े लाभार्थी एससी, एसटी भाई-बहन हैं। उन्होंने आगे कहा कि वक्फ बोर्ड के अधीन लाखों हेक्टेयर जमीन है, लेकिन गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए संपत्तियों और परिसंपत्तियों का सही इस्तेमाल नहीं किया गया है।
यह भी पढ़ें: 'मुस्लिम भाइयों को पंक्चर नहीं बनाना पड़ता...', वक्फ संपत्ति का जिक्र कर पीएम मोदी ने ऐसा क्यों कहा?
यह भी पढ़ें: 'आज भी ब्लैक आउट से गुजरना पड़ता...', यमुनानगर में कांग्रेस पर जमकर बरसे PM मोदी; हरियाणा के लोगों को दी ये सौगात
स्विट्जरलैंड भागने की फिराक में था मेहुल चोकसी, फिर कैसे पकड़ा गया? भारत का एक इशारा और पस्त हुआ भगोड़े का इरादा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया। जांच एजेंसियों की सात साल की मेहनत के बाद वो आखिरकार पकड़ा गया।
हीरा व्यापारी और गीतांजलि समूह के मालिक पर अपने भतीजे नीरव मोदी, उसकी पत्नी अमी मोदी और भाई नीशाल मोदी के साथ सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक से करीब 13,500 करोड़ रुपये के गबन का आरोप है। वो साल 2018 में भारत से भाग गया था। इसके बाद उसने एंटीगुआ जाकर भारत की नागरिकता ले ली थी।
इलाज के बहाने एंटीगुआ भाग गया था चोकसीमेहुल चोकसी को साल 2021 में अवैध प्रवेश के डोमिनिकन गणराज्य में गिरफ्तार भी कर लिया गया था। उसी हिरासत को संरक्षित करने के लिए CBI की एक टीम भी वहां पहुंची थी। हालांकि, उसके वकीलों ने डोमिनिकन कोर्ट में दलील दी की मेहुल को इलाज के लिए एंटीगुआ लौटने की जरूरत है।
उसके वकीलों ने आश्वासन भी दिया था कि वो स्वस्थ होने के बाद मुकदमे का सामना करने के लिए वापस आ जाएगा। बाद में डोमिनिकन गणराज्य में उसके खिलाफ अवैध प्रवेश के आरोप को भी हटा दिया।
आठ साल तक जांच एजेंसी ने रखी उसपर नजरजब वो एंटीगुआ में रहता था, उस समय भी जांच एजेंसी के अधिकारियों ने उसपर कड़ी नजर रखी थी। इसी बीच जांच एजेंसी को पता चला को वो बेल्जियम फरार हो गया है। इसके बाद जांच एजेंसियों के अधिकारियों ने बेल्जियम सरकार को उसके धोखाधड़ी के मामले के दस्तावेज सौंपे।
आखिरकार बेल्जियम पुलिस ने उसे 12 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को जानकारी मिली कि वो स्विट्जरलैंड भागने के फिराक में था। बता दें कि मेहुल चोकसी की पत्नी बेल्जियम की नागरिक हैं।
अब सवाल है कि क्या मेहुल चोकसी को भारत लाया जाएगा और जांच एजेंसियों को लिए कितनी बढ़ी चुनौती है भगोड़े को स्वदेश लाना?
बता दें कि भारत और बेल्जियम के बीच ब्रिटिश शासन के दौरान 1901 में ही प्रत्यर्पण संधि हुई थी। इसी आधार पर चोकसी पर शिकंजा कस गया है। हालांकि, चोकसी के वकील ने दलील दी है कि भारतीय जेलों में अमानवीय स्थिति है।
कानून के जानकारों के अनुसार, मेहुल चोकसी बेल्जियम में जमानत के लिए अर्जी दे सकता है और प्रत्यर्पण के भारत सरकार के आग्रह का विरोध कर सकता है।
मोहुल चोकसी ने आगे दलील दी है कि अभी तक भारत सरकार की तरफ से उसे ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी’ घोषित नहीं किया गया है।
यह भी पढ़ें: Explainer: 13 हजार करोड़ का घोटाला, 7 साल पहले देश छोड़कर भागा... पढ़ें मेहुल चोकसी की पूरी कहानी
Nashik News: गाना सुनते ही नाक से बहने लगा खून और फिर... नासिक में युवक की रहस्यमयी मौत से हड़कंप
नासिक, पीटीआई। महाराष्ट्र के नासिक में एक युवक की रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई। मौत की वजह गाने की तेज आवाज को बताया जा रहा है। हालांकि पुलिस ने इन अफवाहों को सिरे से खारिज कर दिया है। पुलिस का कहना है कि मृतक ट्यूबरक्लोसिस से ग्रसित, जिसके कारण उसकी मृत्यु हो गई। तो आइए जानते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है?
नितिन के नाक से बहने लगा खून
मृतक का नाम नितिन फकीरा रणशिंगे है। बीती रात अचानक से नितिन की तबीयत खराब हुई और उसकी मौत हो गई। दरअसल नासिक के फुले नगर इलाके में अंबेडकर जयंती का पर्व मनाया जा रहा था। इस दौरान तीन मूर्तियों के पास डीजे बज रहा था। गाने की आवाज सुनकर अचानक नितिन असहज महसूस करने लगा और उसकी नाक से खून बहने लगा।
यह भी पढ़ें- राजस्थान: झुंझुनू के थाने में हिरासत के दौरान शख्स की मौत, पुलिस ने चोरी के आरोप में पकड़ा था
डॉक्टर्स ने घोषित किया मृत
डीजे के पास खड़ा नितिन अचानक से बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ा। नितिन को आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। स्थानीय लोगों की मानें तो डीजे की आवाज सुनकर नितिन की नाक से खून बहने लगा था। मगर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कुछ और ही निकलकर सामने आया है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आई वजह
नितिन की मौत की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट की मानें तो नितिन पिछले काफी समय से ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) से पीड़ित था। उसकी मौत की वजह भी टीबी की बीमारी बताई जा रही है। पुलिस ने डीजे की तेज आवाज से मौत की अफवाहों को सिरे से खारिज कर दिया है।
यह भी पढ़ें- क्या राजनीति में होगी रॉबर्ट वाड्रा की एंट्री? खुद बोले- अगर कांग्रेस पार्टी चाहे तो...
क्या राजनीति में होगी रॉबर्ट वाड्रा की एंट्री? खुद बोले- अगर कांग्रेस पार्टी चाहे तो...
नई दिल्ली, एएनआई। कांग्रेस सासंद प्रियंका गांधी के पति और जाने-माने बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा सियासत की पिच पर एंट्री करने की तैयारी कर रहे हैं। रॉबर्ट वाड्रा का कहना है कि अगर कांग्रेस पार्टी चाहेगी तो परिवार का आशीर्वाद लेकर वो राजनीति में आ सकते हैं। रॉबर्ट वाड्रा के इस बयान पर कांग्रेस पार्टी की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
रॉबर्ट वाड्रा ने क्या कहा?
रॉबर्ट वाड्रा ने हाल ही में समाचार एजेंसी ANI से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने राजनीति में आने की इच्छा जताई है। रॉबर्ट वाड्रा का कहना है कि गांधी परिवार से जुड़ाव के कारण उनका राजनीति से पुराना रिश्ता रहा है। रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि बीते कुछ सालों में कई राजनीतिक पार्टियों ने उन्हें राजनीति में घसीटने की कोशिश की। खासकर चुनाव के समय उनके नाम का इस्तेमाल किया गया। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हमेशा सियासत से दूरी बनाकर रखी।
यह भी पढ़ें- 'मुस्लिम भाइयों को पंक्चर नहीं बनाना पड़ता...', वक्फ संपत्ति का जिक्र कर पीएम मोदी ने ऐसा क्यों कहा?
चुनाव में मेरे नाम का इस्तेमाल- रॉबर्ट वाड्रा
रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि मैं गांधी परिवार का सदस्य हूं और यही मेरी राजनीति से जुड़ाव की एकमात्र वजह है। पिछले कुछ सालों में कई राजनीतिक पार्टियों ने मेरा नाम लेकर चुनावी दांव साधने की कोशिश की है। जहां भी चुनाव होते हैं, वहां मेरा नाम खुद ब खुद आ जाता था। मैंने अपने परिवार, खासकर प्रियंका गांधी और राहुल गांधी से राजनीति के गुण सीखे हैं क्योंकि वो हमेशा सियासत में एक्टिव रहते हैं।
"With blessings from my family, I will take the step into politics": Businessman Robert Vadra
Read @ANI Story | https://t.co/4EGvzCQKqU#RobertVadra #Congress #politics pic.twitter.com/jC76usFfft
— ANI Digital (@ani_digital) April 14, 2025प्रियंका गांधी को सराहा
प्रियंका गांधी का जिक्र करते हुए रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि प्रियंका को सबसे पहले मैंने ही कहा था कि मैं उन्हें देश की संसद में देखना चाहता हूं। वो वहां पहुंच चुकी हैं। वो बहुत मेहनती हैं। मैंने न सिर्फ प्रियंका से बल्कि राहुल से भी राजनीति के बारे में बहुत कुछ सीखा है।
राजनीति में एंट्री को तैयार
राजनीति में आने के सवाल पर रॉबर्ट वाड्रा कहते हैं कि इसका फैसला कांग्रेस पार्टी करेगी। मुझे लगता है कि संसद में विपक्ष की आवाज को और भी ज्यादा मजबूत करने की जरूरत है। देश को सेक्युलर बनाए रखने के लिए बड़ी लड़ाई लड़नी है और इसके लिए मैं पूरी तरह से तैयार हूं। मैं अपने परिवार का आशीर्वाद लेकर राजनीति में जाना चाहूंगा।
मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी पर भी बोले
मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी पर बात करते हुए रॉबर्ड वाड्रा ने कहा कि देश के लिए यह बहुत बड़ी कामयाबी है। हालांकि गिरफ्तारी से ज्यादा हमें घोटाले का पैसा बरामद करने पर ध्यान देना चाहिए। इस घोटाले से जिन लोगों का नुकसान हुआ है, उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए।
यह भी पढ़ें- Explainer: 13 हजार करोड़ का घोटाला, 7 साल पहले देश छोड़कर भागा... पढ़ें मेहुल चोकसी की पूरी कहानी
दिल्लीवालों पर आज से प्रचंड गर्मी की मार, 41 डिग्री पार करेगा पारा; राजस्थान-हरियाणा समेत 8 राज्यों में हीटवेव का अलर्ट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में मौसम ने करवट ली है। कहीं भीषण गर्मी तो कहीं आंधी-बारिश का अलर्ट। मौसम विभाग ने देश के विभिन्न राज्यों के लिए जानकारी दी है। अब आसमान में पारा तेजी से बढ़ेगा, बात करें दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, , हरियाणा और पंजाब की तो तापमान में लगातार बढ़ोतरी दिखेगी। फिलहाल बढ़ते पारे से किसी तरह की राहत मिलने के आसार नहीं हैं।
आईएमडी ने कहा कि दिल्ली में पूरे दिन आसमान साफ रहने की उम्मीद है, अधिकतम तापमान 38 से 40 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 21 से 23 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। 15 अप्रैल को भी मौसम साफ रहेगा, तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी होगी - अधिकतम तापमान 39 से 41 डिग्री के बीच रहने की संभावना है
इन राज्यों में हीटवेव का अलर्ट- मौसम विभाग के अनुसार आज से यानी सोमवार 14 अप्रैल से पश्चिमी राजस्थान में हीटवेव यानी लू का नया दौर शुरू हो सकता है।
- लेकिन लू का यह दौर बुधवार 16 अप्रैल से प्रचंड रूप ले सकता है।
- इस दौरान पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी मध्य प्रदेश और गुजरात के लिए भी हीटवेव का येलो अलर्ट जारी किया गया है।
- पश्चिमी राजस्थान के लिए हीटवेव का ऑरेंज अलर्ट दिया गया है।
वहीं आज उत्तरी तमिलनाडु में अलग-अलग स्थानों पर और तेलंगाना में, 15-19 अप्रैल के दौरान पश्चिमी मध्य प्रदेश में, 15 से 17 अप्रैल के दौरान गुजरात में, 16-18 अप्रैल के दौरान पंजाब, हरियाणा में तथा 16-19 अप्रैल के दौरान साथ ही पूर्वी राजस्थान में गर्म हवाएं चलने की संभावना है। गुजरात में अगले 6 दिनों में अधिकतम तापमान में 2-4 डिग्री तक की बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
अरुणाचल प्रदेश, असम और ओडिशा में बारिश का दौर अभी जारी रहेगा। इसके अलावा पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, पूर्वी मध्य में गरज के साथ बिजली चमकने की संभावना है।
बेल्जियम में भगोड़ा मेहुल चोकसी गिरफ्तार, भारत के कहने पर हुआ एक्शन
एएनआई, नई दिल्ली। भगोड़े मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है। भारत को हजारों करोड़ रुपये के पीएनबी बैंक ऋण घोटाले में उसकी और नीरव मोदी की तलाश थी। भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध पर बेल्जियम ने चोकसी को पकड़ा है। मेहुल बेल्जियम के एंटवर्प में अपनी पत्नी प्रीति चोकसी के साथ रह रहा था। उसने वहां का रेजिडेंसी कार्ड भी हासिल कर लिया था।
Fugitive Mehul Choksi has been arrested in Belgium: ED Sources
More details awaited pic.twitter.com/SN8e0beAMu
— ANI (@ANI) April 14, 2025Weather News: तेज आंधी-बारिश से यूपी में फसलें बर्बाद, खेतों में जलभराव, कई राज्यों में बढ़ेगा पारा
जागरण टीम, नई दिल्ली। मौसम ने बीते 24 घंटे में फिर करवट ली। आंधी-बारिश ने एक बार फिर किसानों की मुसीबत बढ़ा दी, खासकर उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में ऐसा हुआ है। प्रदेश में वज्रपात से एक व्यक्ति की जान चली गई है।
मौसम विभाग के अनुसार 14 और 15 अप्रैल को उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड सहित कई राज्यों में वज्रपात होने के साथ ही 40-50 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। इसके साथ ही बारिश होने की भी संभावना है। गुरुवार और शुक्रवार को भी आंधी के साथ बारिश से उत्तर भारत के कई राज्यों में फसलों को नुकसान पहुंचा था।
कुछ राज्यों में बढ़ेगा पाराउधर, पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) के असर से मिल रही राहत अब खत्म हो गई है। सोमवार से दिल्ली, पंजाब, हरियाणा व राजस्थान सहित उत्तर भारत के कुछ राज्यों में तापमान और गर्मी दोनों में वृद्धि होगी। उत्तर प्रदेश में वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज समेत पूर्वांचल के कई जिलों में रविवार सुबह तेज आंधी के बाद जोरदार बारिश हुई। कुछ जगहों पर ओले भी पड़े हैं।
तेज हवा, ओले गिरने और बारिश से खेतों में तैयार गेहूं की फसल और आम के टिकोरों के टूटने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। गेहूं के दाने काले होने की आशंका से किसान चिंतित हैं। आंधी से कई जगह बिजली के खंभे उखड़ गए, जिससे आपूर्ति प्रभावित रही। जलभराव से भी लोग परेशान रहे। मीरजापुर में वज्रपात से एक व्यक्ति की मौत हो गई। सिंधोरा घाट पर निर्माणाधीन पीपा पुल का एक हिस्सा टूटकर तीन किलोमीटर दूर तक बह गया। रविवार को प्रदेश के कई जिलों में अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया।
बिहार में यलो अलर्ट जारीबिहार में 19 अप्रैल तक कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा व तेज हवाएं चलने का पूर्वानुमान है। अगले 24 घंटों के दौरान पटना सहित 26 जिलों में मेघ गर्जन, वज्रपात व 40-50 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चलने को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है। झारखंड के कई जिलों में भी 14 अप्रैल को 40-50 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चलने और हल्की वर्षा के साथ-साथ वज्रपात की भी संभावना जताई गई है।
यह भी पढ़ें: हवा में ही भस्म हो जाएगा दुश्मन का ड्रोन, DRDO ने विकसित किया लेजर बीम; सिर्फ चंद देशों के पास ही है तकनीक
Ambedkar Jayanti: अब डॉ अंबेडकर नगर से दिल्ली के लिए चलेगी ट्रेन, अश्विनी वैष्णव ने किया उद्घाटन
एएनआई, नई दिल्ली। डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती से एक दिन पहले केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को डॉ. अंबेडकर नगर से नई दिल्ली के लिए एक नई ट्रेन सेवा को वर्चुअली हरी झंडी दिखाई। इस मौके पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
#WATCH | Delhi | Union Minister Ashwini Vaishnaw says, "Tomorrow is Ambedkar Jayanti...Today, we have flagged off a train from his birthplace to Delhi. It will make the connectivity between Ambedkar Nagar and Delhi easier. This train will travel via Ujjain. In 2028, Mahakumbh… https://t.co/mBXG60XKFs pic.twitter.com/UtewTUKM65
— ANI (@ANI) April 13, 2025 अंबेडकर नगर से दिल्ली के बीच बेहतर कनेक्टिविटीमंत्री वैष्णव ने मीडिया से बात करते हुए बताया, "कल (14 अप्रैल 2025) डॉ. अंबेडकर जयंती है और आज हमने उनके जन्मस्थान से दिल्ली के लिए ट्रेन रवाना की है। इससे अंबेडकर नगर और दिल्ली के बीच संपर्क बेहतर होगा। यह ट्रेन उज्जैन के रास्ते चलेगी। साल 2028 में उज्जैन में महाकुंभ का आयोजन होना है, ऐसे में इसे महाकुंभ की तैयारियों की शुरुआत के रूप में भी देखा जा सकता है।"
इसी दिन राजस्थान के कोटा में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कोटा रेलवे स्टेशन से नई दिल्ली के लिए एक विशेष ट्रेन को रवाना किया। यह ट्रेन कोटा और दिल्ली के बीच सीधी कनेक्टिविटी उपलब्ध कराएगी।
#WATCH | Kota, Rajasthan | Lok Sabha Speaker Om Birla said, "Under the leadership of PM Modi, the Railway Minister has given a new direction to rail connectivity...We can say that along with these railway lines and new railway stations, many new trains like Namo and Vande Bharat… https://t.co/sD72VR7n3Y pic.twitter.com/x5aYzBHuAD
— ANI (@ANI) April 13, 2025अंबेडकर जयंती के मौके पर 14 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरियाणा में कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे। ये परियोजनाएं सामाजिक और बुनियादी ढांचे के विकास से जुड़ी होंगी।
देशभर में मनाई जाती है बाबासाहेब की जयंती14 अप्रैल 1891 को जन्मे डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती हर साल पूरे देश में मनाई जाती है। इस दिन स्कूल, बैंक और कई सार्वजनिक संस्थान बंद रहते हैं। लोग बाबासाहेब को श्रद्धांजलि देने के लिए फूल चढ़ाते हैं, दीप जलाते हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।
डॉ. अंबेडकर को भारतीय संविधान का शिल्पकार और 'फादर ऑफ इंडियन कॉन्स्टीट्यूशन' कहा जाता है। वह आज़ाद भारत के पहले कानून मंत्री भी रहे। उनका जन्म मध्य प्रदेश के एक दलित महार परिवार में हुआ था। उन्होंने समाज के वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए लगातार संघर्ष किया और 1927 से अस्पृश्यता के खिलाफ सक्रिय आंदोलनों का नेतृत्व किया। बाद में वे दलितों के प्रतीक और नेता के रूप में पूरे देश में सम्मानित किए गए।
यह भी पढ़ें: कर्नाटक जाति जनगणना रिपोर्ट पर नहीं होगा जल्दबाजी में फैसला,17 अप्रैल को विशेष बैठक
म्यांमार में भूकंप राहत के दौरान भारतीय वायुसेना का GPS सिस्टम हुआ था फेल, इस तरकीब से की थी लैंडिंग
पीटीआई, नई दिल्ली। भूकंप के बाद म्यांमार में पिछले महीने राहत सामग्री लेकर गए भारतीय वायुसेना के अधिकतर परिवहन विमान जीपीएस स्पूफिंग के शिकार बने थे। इससे विमानों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई थी, लिहाजा पायलटों को बैकअप सिस्टम का सहारा लेना पड़ा था।
जीपीएस स्पूफिंग दरअसल एक तरह का साइबर अटैक होता है जिसमें भ्रामक जीपीएस सिग्नल जनरेट किए जाते हैं। ये भ्रामक सिग्नल नेविगेशन उपकरणों को गुमराह करते हैं और विमान के लिए खतरा उत्पन्न कर देते हैं। जीपीएस स्पूफिंग की वजह से विमान की प्रणालियां यह मानने लगती हैं कि विमान किसी अन्य स्थान पर है क्योंकि उसे लोकेशन के गलत डाटा मिल रहे होते हैं।
जीपीएस सिग्नलों के साथ छेड़छाड़ की शिकायतभारत ने छह विमानों से भूकंप पीड़ितों के लिए राहत सामग्री भेजी थी। इनमें सी-130जे सुपर हरक्यूलिस और सी-17 ग्लोबमास्टर शामिल थे।
सूत्रों ने बताया कि 29 मार्च को जब पहली खेप लेकर सी-130जे विमान गया था तो उसके पायलट ने म्यांमार की वायुसीमा में जीपीएस सिग्नलों के साथ छेड़छाड़ की शिकायत की थी। लिहाजा पायलट ने तत्काल बैकअप सिस्टम को सक्रिय कर दिया था, जिसे इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम कहा जाता है।
'भारत के दुश्मनों ने की होंगी ऐसी हरकतें'वायुसेना ने इन घटनाओं पर कोई टिप्पणी नहीं की है। सूत्रों का कहना है कि अगर विदेशी वायुसीमा में ऐसी घटनाएं होती है तो इसकी जांच कर पाना लगभग नामुमकिन होता है।
निश्चित रूप से म्यामांर में मौजूद भारत के दुश्मनों ने ऐसी हरकतें की होंगी। छह विमानों में से पांच ने 29-30 मार्च को यंगून एवं नेपीता में लैंडिंग की थी और एक विमान ने एक अप्रैल को मांडाले में लैंड किया था। जब पहले विमान के पायलट ने जीपीएस स्पूफिंग की रिपोर्ट दी तो अन्य विमानों के पायलटों को सतर्क कर दिया गया था। लिहाजा वे म्यांमार में इस चुनौती का सामना करने के लिए तैयार थे।
यह भी पढ़ें: Ambedkar Jayanti: अब डॉ अंबेडकर नगर से दिल्ली के लिए चलेगी ट्रेन, अश्विनी वैष्णव ने किया उद्घाटन
दो साल में इतने लाख करोड़ का हाईवे बनाएगी केंद्र सरकार, गडकरी बोले- अमेरिका की तरह बन जाएंगी नॉर्थ ईस्ट की सड़कें
पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्र सरकार देशभर में हाईवे को मजबूत करने के लिए अगले दो साल में 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रही है। पूर्वोत्तर क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और वहां की सड़कें अमेरिका की सड़कों के समान बनाई जाएंगी।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी दी। गडकरी ने एक साक्षात्कार में कहा कि केंद्र का उद्देश्य देश के बुनियादी ढांचे को विश्वस्तरीय मानकों के अनुरूप बनाना है।
पूर्वी राज्यों में 784 हाईवे परियोजनाएं होंगी चालूउन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर में सड़क बुनियादी ढांचे को सुधारने की तत्काल आवश्यकता है, क्योंकि यह क्षेत्र भौगोलिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्वी राज्यों में 784 हाईवे परियोजनाएं चालू की जाएंगी, जिनकी अनुमानित लागत 3,73,484 करोड़ रुपये है।
गडकरी ने यह भी बताया कि असम में 57,696 करोड़ रुपये और बिहार में लगभग 90,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं चल रही हैं। इसके अलावा, नागपुर में 170 करोड़ रुपये की लागत से एक मास रैपिड ट्रांसपोर्ट पायलट परियोजना भी चल रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क की लंबाई में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है, जो मार्च 2014 में 91,287 किलोमीटर से बढ़कर 1,46,204 किलोमीटर हो गई है।
यह भी पढ़ें: कर्नाटक: स्कैन के दौरान महिला ने लगाया गलत तरीके से छूने का आरोप, डॉक्टर पर हुआ हमला
700 सीसीटीवी खंगालने के बाद बेंगलुरु में यौन उत्पीड़न आरोपी केरल से गिरफ्तार, मंत्री के बयान पर मचा सियासी घमासान
डिजिटस डेस्क, नई दिल्ली। बेंगलुरु में एक महिला से यौन उत्पीड़न के आरोपी की तलाश आखिरकार खत्म हो गई। पुलिस ने करीब 700 सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद आरोपी को केरल के एक दूरदराज गांव से गिरफ्तार कर लिया।
बीटीएम लेआउट की एक गली में लगे सीसीटीवी में दिखा कि एक आदमी दो महिलाओं का पीछा कर रहा था। महिलाएं उसे नजरअंदाज करने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन अचानक वह एक महिला के साथ अश्लील हरकत करता है। दूसरी महिला उसे बचाने की कोशिश करती है, लेकिन आरोपी वहां से भाग जाता है।
केरल के गांव में आरोपी धराया, 700 सीसीटीवी की हुई जांचआरोपी संतोष की उम्र 26 साल है और वह बेंगलुरु के एक जैगुआर शोरूम में ड्राइवर के तौर पर काम करता है। पुलिस के मुताबिक, जब उसके खिलाफ तलाशी शुरू हुई तो वह तमिलनाडु के होसुर भाग गया, फिर सलेम और वहां से केरल के कोझीकोड पहुंचा। लगभग एक हफ्ते तक तीन राज्यों में चली तलाश के बाद पुलिस ने उसे केरल के एक सुदूर गांव से दबोच लिया।
मंत्री के बयान पर मचा सियासी घमासानइस घटना के बाद कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर के एक बयान ने सियासी बवाल खड़ा कर दिया। मंत्री ने कहा, "मैं पुलिस कमिश्नर से रोज़ कहता हूं कि सतर्क रहें और पूरे शहर में पेट्रोलिंग के जरिए निगरानी रखें। ऐसा मैं रोज़ कहता हूं। कभी-कभार कुछ घटनाएं हो जाती हैं तो लोगों का ध्यान उस ओर जाता है। पुलिस 24x7 काम कर रही है। इतने बड़े शहर में कुछ घटनाएं हो जाती हैं। हम कानून के मुताबिक कार्रवाई करेंगे। मैंने आज सुबह भी कमिश्नर से बात की है।"
बीजेपी प्रवक्ता प्रशांत जी ने मंत्री के बयान को असंवेदनशील बताते हुए कहा, "क्या वे महिलाओं के खिलाफ अपराध और यौन उत्पीड़न को सामान्य बना रहे हैं? वह जिम्मेदारी से बच रहे हैं और जवाबदेही नहीं लेना चाहते।"
बीजेपी विधायक और पूर्व उपमुख्यमंत्री अश्वत नारायण ने कहा कि गृह मंत्री का बयान उनकी बेबसी को दिखाता है। अश्वत नारायण ने कहा, "महिला के साथ की गई हरकत बेहद निंदनीय है। गृह मंत्री की प्रतिक्रिया शर्मनाक और निराशाजनक है। ऐसे बयानों और घटनाओं से जनता का भरोसा कमजोर हो रहा है। उनका बयान दिखाता है कि वह गृह मंत्री के रूप में कितने असहाय हैं। उन्हें जिम्मेदार बयान देना चाहिए।"
मंत्री ने दी सफाई, कहा - महिलाओं की सुरक्षा मेरी प्राथमिकताबाद में परमेश्वर ने माफी मांगते हुए सफाई दी कि उनका बयान गलत समझा गया। उन्होंने कहा, "मैं यह साफ करना चाहता हूं कि कल दिए गए मेरे बयान को सही तरह से नहीं समझा गया। मैं हमेशा महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर रहा हूं। निर्भया फंड का सही इस्तेमाल सुनिश्चित किया है। मैं नहीं चाहता कि मेरे बयान को तोड़ा-मरोड़ा जाए। अगर किसी महिला को ठेस पहुंची है तो मैं खेद व्यक्त करता हूं और माफी मांगता हूं।"
यह भी पढ़ें: कर्नाटक में अपहरण के बाद बच्ची की हत्या, कुछ घंटे में ही आरोपी ढेर; POCSO एक्ट तहत दर्ज था केस
कर्नाटक में अपहरण के बाद बच्ची की हत्या, कुछ घंटे में ही आरोपी ढेर; POCSO एक्ट तहत दर्ज था केस
पीटीआई, हुबली। कर्नाटक के हुबली में रविवार सुबह पांच साल की एक बच्ची का अपहरण कर हत्या कर दी गई। इस घटना के विरोध में लोगों के सड़कों पर उतरने के बाद सक्रिय हुई पुलिस ने कुछ ही घंटों में आरोपित को मुठभेड़ में ढेर कर दिया।
पुलिस की फायरिंग में मारे गए आरोपित की पहचान बिहार के पटना निवासी 35 वर्षीय रितेश कुमार के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, बच्ची का अपहरण कर आरोपित ने अशोक नगर थाना क्षेत्र में उसकी हत्या कर दी। बाद में उसका शव एक खाली पड़े घर में मिला।
बच्ची की हत्या से लोगों में फैला आक्रोशहत्या की घटना सामने आने के बाद लोगों में आक्रोश फैल गया। बड़ी संख्या में लोग अशोक नगर पुलिस थाने के सामने एकत्र हो गए। सभी ने न्याय की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। हुबली-धारवाड़ के पुलिस आयुक्त एन शशि कुमार ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के आधार पर आरोपित को हिरासत में लेकर तीन से चार घंटे तक पूछताछ की गई। उसने घटना को लेकर पुलिस से बहुत ज्यादा जानकारी साझा नहीं की। हालांकि, सीसीटीवी फुटेज में वह अपराध करते हुए साफ तौर पर दिख रहा था।
दो महीने पहले हुबली आया था आरोपीउन्होंने कहा कि आरोपित कई सालों से घर से दूर था। जहां भी काम मिलता था, वह वहीं चला जाता था। पुलिस आयुक्त ने कहा कि माना जा रहा है कि वह दो-तीन महीने पहले हुबली आया था। वह तारिहाला अंडरपास के पास एक खाली पड़े घर में रह रहा था। पहचान सत्यापित करने के लिए उसे उसके ठहरने वाले स्थान पर ले जाया गया। इसी दौरान उसने अचानक पुलिस वाहन पर पत्थर फेंका।
पुलिस अधिकारी पर आरोपी ने किया हमलापुलिस ने बताया कि आरोपी ने भागने की कोशिश करने से पहले उसने पुलिस अधिकारियों पर हमला किया। हमारी महिला अधिकारी अन्नपूर्णा ने चेतावनी देते हुए हवा में गोली चलाई। जब वह नहीं रुका तो उस पर दो से तीन राउंड फायर किए गए। एक गोली उसके पैर में लगी और दूसरी उसकी पीठ में लगी। इससे आरोपित बेहोश हो गया। उसे तुरंत केएमसी अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
घटना में तीन पुलिसकर्मी भी हुए घायलइस घटना में पीएसआई अन्नपूर्णा और दो अन्य पुलिसकर्मी यशवंत और वीरेश घायल हो गए, लेकिन वे खतरे से बाहर हैं। एन शशि कुमार ने कहा कि उसके खिलाफ हत्या के साथ ही पोक्सो के तहत मामला दर्ज किया गया। उसने कथित तौर पर बच्ची के साथ दुर्व्यवहार किया था। पुलिस कर्मियों पर हमला करने और हत्या का प्रयास करने का एक अलग मामला भी दर्ज किया गया है। आगे की जांच चल रही है।
आयुक्त के अनुसार, बच्ची का परिवार कोप्पल जिले का रहने वाला है। उसकी मां एक ब्यूटी पार्लर में सहायक के रूप में काम करती है, जबकि उसके पिता एक फोटोग्राफर हैं। मां अपनी बेटी को साथ ले गई थी। वहीं से उसका अपहरण कर लिया गया।
खोज करने पर वह पास ही बने एक अस्थाई घर के बाथरूम में मिली। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। यह पूछे जाने पर कि क्या दुष्कर्म का प्रयास हुआ था, आयुक्त ने कहा कि अभी तक इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।
यह भी पढ़ें: Chhattisgarh News: 25 ग्रामीणों से भरी पिकअप अनियंत्रित होकर नहर में गिरी, पांच लोग लापता
आंध्र प्रदेश: पवन कल्याण की पत्नी ने पूरा किया मन्नत, तिरुमला मंदिर में करवाया मुंडन संस्कार
पीटीआई, तिरुपति। आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण की पत्नी अन्ना कोनीदेला ने रविवार को तिरुमला मंदिर में मुंडन करवा कर अपनी मन्नत पूरी की। यह मन्नत उन्होंने उस समय मांगी थी जब उनके बेटे मार्क शंकर एक दुर्घटना के शिकार हो गए थे।
मार्क शंकर हाल ही में सिंगापुर के एक समर कैंप में भाग लेते समय आग लगने की दुर्घटना में घायल हो गए थे। यह हादसा 8 अप्रैल को हुआ, जिसमें उन्हें हाथ और पैरों में जलन के साथ-साथ धुएं के कारण सांस संबंधी दिक्कतें भी हुईं।
मंदिर में आस्था जताते हुए अर्पित किए बालअन्ना कोनीदेला ने तिरुमला मंदिर स्थित पद्मावती कल्याण कट्टा में अपने बाल अर्पित किए और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लिया। जनसेना पार्टी की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि अन्ना ने यह मन्नत की थी कि अगर उनके बेटे की जान बच गई तो वे भगवान वेंकटेश्वर को अपने बाल अर्पित करेंगी।
प्रेस रिलीज़ में आगे बताया गया कि पूजा में भाग लेने से पहले, अन्ना कोनीदेला ने तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के नियमों के तहत गायत्री सदन में मंदिर अधिकारियों की मौजूदगी में एक घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने इस पत्र में भगवान वेंकटेश्वर में अपनी आस्था व्यक्त की।
I extend my deepest gratitude to you, Hon'ble Prime Minister Shri @narendramodi ji, and @PMOIndia for the prompt and supportive response during the tragic fire incident at my son Mark Shankar’s summer camp in Singapore. The assistance provided through the Singapore authorities,…
— Pawan Kalyan (@PawanKalyan) April 13, 2025 रूसी मूल की हैं अन्ना कोनीदेलागौरतलब है कि अन्ना कोनीदेला रूसी मूल की हैं और रूसी ऑर्थोडॉक्स क्रिश्चियन धर्म से ताल्लुक रखती हैं। इसके बावजूद उन्होंने भारतीय परंपरा और नियमों के अनुसार तिरुमला में मुंडन संस्कार कराकर भगवान में अपनी श्रद्धा प्रकट की।
यह भी पढ़ें: कर्नाटक जाति जनगणना रिपोर्ट पर नहीं होगा जल्दबाजी में फैसला,17 अप्रैल को विशेष बैठक
कर्नाटक जाति जनगणना रिपोर्ट पर नहीं होगा जल्दबाजी में फैसला,17 अप्रैल को विशेष बैठक
पीटीआई, बेंगलुरु। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार सामाजिक आर्थिक और शिक्षा सर्वेक्षण रिपोर्ट (जाति जनगणना) के सिलसिले में जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेगी। इस रिपोर्ट को हाल ही में राज्य मंत्रिमंडल के समक्ष पेश किया गया था।
शिवकुमार ने कहा कि मंत्रिमंडल जाति जनगणना का अध्ययन करेगा और तथ्यों के आधार पर सभी के साथ न्याय किया जाएगा। उन्होंने रिपोर्ट के खिलाफ दिए जा रहे बयानों को राजनीतिक करार दिया।
17 अप्रैल को जाति जनगणना पर विशेष बैठककर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट शुक्रवार को मंत्रिमंडल के समक्ष रखी गई और 17 अप्रैल को होने वाली विशेष कैबिनेट बैठक में इस पर चर्चा की जाएगी। तत्कालीन अध्यक्ष के जयप्रकाश हेगड़े के नेतृत्व वाले आयोग ने पिछले साल 29 फरवरी को मुख्यमंत्री सिद्दरमैया को रिपोर्ट सौंपी थी, जबकि समाज के कुछ वर्गों ने इस पर आपत्ति जताई थी और सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर भी इसके खिलाफ आवाज उठ रही थी।
शिवकुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इसके बारे में बात की है। मैंने अभी तक रिपोर्ट नहीं देखी है, क्योंकि मैं कल बेलगावी और मंगलुरु के दौरे पर था। इस पर मंत्रिमंडल बैठक में चर्चा होनी है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि इस पर विधानसभा में भी चर्चा की जाएगी। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि रिपोर्ट में क्या है, इसलिए वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे। खरगे ने कहा कि मुझे नहीं पता, क्योंकि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि मंत्रिमंडल बैठक में क्या चर्चा होगी या रिपोर्ट में क्या है। अगर मुझे रिपोर्ट मिलती है, तो कुछ कह सकता हूं।
भाजपा ने रिपोर्ट पर उठाए सवालकर्नाटक भाजपा ने रविवार को जाति जनगणना रिपोर्ट के निष्कर्षों पर सवाल उठाया और आश्चर्य जताया कि इस तरह से मुस्लिम आबादी कैसे बढ़ सकती है।
भाजपा नेता आर अशोक ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने पूर्व पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष एच कंथाराजू को अपने आवास पर बुलाया, जाति जनगणना रिपोर्ट लिखवाई और इसे पूरा कर लिया। यह अब एक रहस्य बन गया है। जनगणना की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि लाखों-करोड़ों घरों का दौरा किए बिना ही रिपोर्ट तैयार कर ली गई। घर-घर जाकर सर्वेक्षण किए बिना जनगणना कैसे हो सकती है?
ये भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने चार दशक बाद बेटियों को दिलाया पिता की संपत्ति पर अधिकार, दत्तक पुत्र संबंधी दावा खारिज
तमिलनाडु के राज्यपाल ने लगवाया 'जय श्री राम' का नारा, कांग्रेस ने कहा- 'यह RSS की भाषा'
एएनआई, चेन्नई। मदुरै के थिरुप्परनकुन्द्रम में स्थित त्यागराजार इंजीनियरिंग कालेज के कंबन फेस्टिवल के दौरान छात्रों से 'जय श्री राम' का नारा लगाने के राज्यपाल आरएन रवि के आह्वान से एक नया विवाद खड़ा हो गया है। कार्यक्रम में रवि मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे।
उन्होंने अपने संबोधन के अंत में 'जय श्री राम' का नारा लगाया और छात्रों से भी ऐसा करने के लिए कहा। हाल ही में राज्यपाल को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य विधानमंडल द्वारा पारित 10 विधेयकों पर कार्रवाई न करने के लिए फटकार लगाई थी।
हसन ने कहा, 'राज्यपाल देश के सर्वोच्च पदों में से एक पर आसीन हैं, लेकिन वह एक धार्मिक नेता की तरह बोल रहे हैं... वह आरएसएस और भाजपा के प्रचार मास्टर बन गए हैं। राज्यपाल इस तरह से काम नहीं कर सकते। वह तमिलनाडु में आरएसएस की विचारधारा का प्रसार कर रहे हैं। वह जिस पद पर हैं वह एक संवैधानिक पद है, इसलिए उन्हें तटस्थ रहना होगा।'
10 विधेयकों पर नहीं की कार्रवाईकांग्रेस नेता ने कहा कि राज्यपाल रवि को पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है। कोर्ट ने उनके खिलाफ ऐतिहासिक फैसला दिया है क्योंकि उन्होंने राज्य विधानमंडल द्वारा पारित 10 विधेयकों पर कार्रवाई न करके असंवैधानिक और मनमाने तरीके से काम किया है।
पद से हटाने का आग्रहभाकपा के राज्य सचिव आर. मुथरासन ने संवैधानिक मानदंडों के उल्लंघन में काम करने और निर्वाचित राज्य सरकार के कामकाज में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए भारत के राष्ट्रपति और केंद्र सरकार से राज्यपाल रवि को पद से हटाने का आग्रह किया।
भूमिका की संवैधानिक सीमाओं को स्पष्ट किया- उन्होंने आरोप लगाया कि वह ऐसे व्यक्ति की तरह व्यवहार कर रहे हैं जो खुद को न्यायपालिका और संविधान से ऊपर समझते हैं। मुथरासन ने राज्यपाल के इस कृत्य को तमिलनाडु की सांस्कृतिक और कलात्मक परंपराओं के विपरीत बताया।
- उन्होंने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले की ओर इशारा किया, जिसने राज्यपाल द्वारा की गई कई कार्रवाइयों को पलट दिया, जिसमें उनकी भूमिका की संवैधानिक सीमाओं को स्पष्ट किया गया।
- मुथरासन ने कहा कि इसके बावजूद, राज्यपाल सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग लेना और विवादास्पद बयान देना जारी रखे हुए हैं।
इस बीच, राज्यपाल ने अपने संबोधन के दौरान राज्य में सत्तारूढ़ द्रमुक सरकार के एक वरिष्ठ नेता द्वारा 'अश्लील और अपमानजनक' भाषा के इस्तेमाल की कड़ी निंदा की और इसे 'अस्वीकार्य और शर्मनाक' बताया।
राज्यपाल ने कहा, हमने हाल ही में सत्तारूढ़ सरकार में उच्च पद पर बैठे एक व्यक्ति को महिलाओं के प्रति बेहद अश्लील, उपहासपूर्ण और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते देखा। ऐसा व्यवहार न केवल एक सार्वजनिक व्यक्ति के लिए अशोभनीय है, बल्कि पूरी तरह से अस्वीकार्य और शर्मनाक है। यह एक खतरनाक प्रवृत्ति है। उन्होंने न केवल महिलाओं को अपमानित किया है, बल्कि भगवान शिव और भगवान विष्णु के भक्तों पर अपमानजनक टिप्पणी भी की है।'
द्रमुक ने हाल ही में राज्य के वन मंत्री के. पोनमुडी को महिलाओं और हिन्दू धर्म के खिलाफ अपमानजनक और अश्लील टिप्पणी करने के लिए उप महासचिव पद से हटा दिया था।
'दुष्कर्म के प्रयास' संबंधी फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई, इलाहाबाद HC के फैसले पर SC ने लगाई थी रोक
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को एक ऐसे मामले की सुनवाई करेगा जिसमें उसने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट के फैसले में कहा गया था कि स्तनों को पकड़ना और पायजामे की डोरी तोड़ना दुष्कर्म के प्रयास के आरोप के लिए पर्याप्त नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर प्रकाशित काज-लिस्ट के अनुसार, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की पीठ मंगलवार (15 अप्रैल) को पीडि़ता की मां की याचिका सहित इस मामले की सुनवाई फिर से शुरू करेगी।
इलाहाबाद HC के फैसले पर SC ने लगाई थी रोकइलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के विवादित हिस्से पर रोक लगाते हुए जस्टिस गवई की अगुवाई वाली पीठ ने 26 मार्च को कहा था कि ऐसी टिप्पणियों से फैसला लिखने वाले की ओर से संवेदनशीलता की कमी और अमानवीय दृष्टिकोण का पता चलता है। पीठ ने कहा कि हमने 17 मार्च के उक्त फैसले और आदेश का अवलोकन किया है। हमें यह कहते हुए बहुत कष्ट हो रहा है कि विवादित आदेश में और विशेष रूप से पैराग्राफ 21, 24 और 26 में की गई कुछ टिप्पणियां फैसला लिखने वाले में संवेदनशीलता की कमी को दर्शाती हैं।
SC ने मामले में क्या कहा?पीठ ने यह भी कहा कि चूंकि पैराग्राफ 21, 24 और 26 में की गई टिप्पणियां कानून के सिद्धांतों से पूरी तरह अनभिज्ञ हैं और पूरी तरह से असंवेदनशील एवं अमानवीय दृष्टिकोण को दर्शाती हैं, इसलिए हम उक्त टिप्पणियों पर रोक लगाने के लिए इच्छुक हैं। जस्टिस गवई की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि विवादास्पद फैसला क्षणिक आवेग में नहीं दिया गया था, बल्कि आदेश सुरक्षित रखने के चार महीने बाद दिया गया था।
यह भी पढ़ें: SC: हिंदुओं और गैर मुस्लिमों की संपत्ति पर वक्फ कानून में जारी आदेश हो बेअसर, सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर
यह भी पढ़ें: 'राष्ट्रपति भी तीन महीने के भीतर राज्यों से आए विधेयकों पर करें फैसला', सुप्रीम कोर्ट ने दिया ऐतिहासिक फैसला
New Toll Policy: टोल पर आम आदमी को राहत, 3 हजार का वार्षिक पास; FASTag को लेकर होगी ये शर्त
मनीष तिवारी, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेस वे में टोल संबंधी समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रस्तावित नई टोल नीति शुल्क में औसतन 50 प्रतिशत तक राहत देने के साथ ही लोगों को तीन हजार रुपये एकमुश्त खर्च में वार्षिक पास की सुविधा भी प्रदान करेगी। ये पास राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेस वे के साथ ही राज्यों के एक्सप्रेस वे पर भी मान्य होंगे।
इसके लिए अलग से पास लेने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि शुल्क फास्टैग अकाउंट के जरिये ही अदा किया जा सकता है। नई टोल नीति लगभग तैयार है और इसकी घोषणा कभी भी की जा सकती है। इसमें टोल गेटों को समयसीमा के भीतर समाप्त करने का संकल्प भी है।
तीन हजार के पास में साल भर दौड़ेगी कारनई टोल नीति टोल प्लाजाओं की व्यवस्थाओं के बजाय प्रति किलोमीटर निर्धारित शुल्क पर आधारित होगी। मोटे तौर पर सौ किलोमीटर के लिए एक कार को पचास रुपये का टोल शुल्क देना होगा। नई टोल नीति के निर्माण से जुड़े सूत्र के अनुसार, अभी मासिक पास ही जारी किए जाते हैं, जो स्थानीय लोगों को एक टोल प्लाजा पार करने में राहत देते हैं, लेकिन नई नीति में तीन हजार रुपये का वार्षिक पास हासिल कर कोई कार पूरे साल असीमित किलोमीटर की यात्रा कर सकती है और उसे किसी एक्सप्रेस वे अथवा हाइवे पर कोई शुल्क नहीं देना होगा।
इस फार्मूले के तहत होगी क्षति की भरपाईइसमें सबसे बड़ी अड़चन कंसेसनरों और कांट्रैक्टरों के मौजूदा अनुबंध थे, जिनमें इस तरह की सुविधा का कोई प्रविधान नहीं है। सूत्रों के अनुसार, उनकी आपत्तियों को दूर करने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय क्षति की भरपाई करने पर सहमत हो गया है। यानी कंसेसनायर अपने टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों का डिजिटल रिकार्ड रखेंगे और उनके दावे और वास्तविक वसूली में जो अंतर होगा, उसकी भरपाई एक फार्मूले के अनुसार सरकार की ओर से की जाएगी।
पहले इस सुविधा पर किया गया विचारसूत्रों के अनुसार कंसेसनरों की आपत्ति, राज्यों में वाहनों की आयु सीमा के अलग-अलग नियमों और बैंकों की हिचक के कारण सरकार ने अब आजीवन पास जारी करने का विचार छोड़ दिया है। पहले लाइफटाइम पास के रूप में तीस हजार रुपये में 15 वर्ष तक वैध रहने वाला पास जारी करने के बारे में सोचा गया था, लेकिन इस पर सभी पक्षों की सहमति नहीं बनी। इसके लिए उपभोक्ताओं के आगे आने के आसार भी कम थे।
बैरियर फ्री इलेक्ट्रानिक टोलिंग की व्यवस्थानई टोल नीति बैरियर फ्री इलेक्ट्रानिक टोलिंग को बढ़ावा देने वाली है। सूत्रों के अनुसार इससे संबंधित तीन पायलट प्रोजेक्टों के सकारात्मक नतीजे मिले हैं। सटीकता का स्तर 98 प्रतिशत के आसपास पहुंच रहा है। बैंकों के साथ इस चिंता का भी समाधान कर लिया गया है कि अगर कोई वाहन टोल अदा किए बिना सड़क नेटवर्क से निकल जाता है, तो टोल की वसूली कैसे होगी। इसके लिए बैंकों को और अधिकार दिए जाएंगे। वे फास्टैग समेत पेमेंट के अन्य माध्यमों में न्यूनतम बैलेंस की शर्त लगा सकते हैं और अधिक पेनाल्टी थोप सकते हैं।
कहां से की जाएगी नई सुविधा की शुरुआत?नई टोल नीति निर्माण में सलाहकारों ने मंत्रालयों को बैंकों को वे साइड एमेनिटीज के स्वामित्व में हिस्सेदारी की सलाह भी दी है। इसकी शुरुआत दिल्ली-जयपुर हाईवे से किए जाने के आसार हैं। मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी के अनुसार बैरियर फ्री इलेक्ट्रानिक टोलिंग के लिए आटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉगनिशन सिस्टम (एएनपीआर) पूरे देश में इसी साल के अंत तक लागू हो जाएगा।
शुरुआत भारी वाहनों और खतरनाक सामग्री ले जाने वाले ट्रकों से की जाएगी। पूरे नेटवर्क की मैपिंग हो चुकी है, नई तकनीक-सेंसर और कैमरे सभी क्षेत्रों में लगाए जा रहे हैं। फास्टैग और एएनपीआर मिलकर नए जमाने की टोल प्रणाली की जरूरत को पूरा करेंगे।
टोल प्लाजा पर आगे-पीछे नहीं करनी पड़ेगी कार- केंद्र सरकार राज्यों से भी बात कर रही है कि वे इस प्रणाली में शामिल हों ताकि सभी तरह की सड़कों को इसमें कवर किया जा सके। अवैध-अक्रिय फास्टैग बड़ी समस्यासरकार के दावों के विपरीत टोल प्लाजा में भीड़भाड़ बनी रहने और लोगों को होने वाली असुविधा को दूर करने के लिए हाईवे प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों ने पिछले 15 दिन में दो बार अपनी एजेंसियों, कंसेसनायरों और परियोजना निदेशकों के साथ बैठक की है।
- लोगों की यह सामान्य शिकायत रहती है कि गेट के करीब पहुंचने के बाद भी स्कैनर सही तरह काम नहीं करते हैं और उन्हें अपनी गाड़ीं आगे-पीछे करनी पड़ती है। यह समस्या उन टोल प्लाजा में भी आ रही है, जिनका स्वामित्व ग्लोबल एजेंसियों के पास है। उनका कहना है कि समस्या स्थानीय टेक्नोलॉजी की है। फास्टैग सही जगह न लगे या अनधिकृत हो जाने के कारण सेंसर को री-सेट होने में समय लगता है।
- सरकार ने पिछले साल एक वाहन, एक फास्टैग की नीति लागू की थी। इसके बाद एक करोड़ फास्टैग रद किए गए थे, लेकिन अभी इतने ही फास्टैग हैं जो अवैध या अक्रिय हो चुके हैं, लेकिन उन्हें या तो गाड़ियों से हटाया नहीं गया है या वे वाहन से लिंक बने हुए हैं। अधिकारियों ने टोल आपरेटरों से ऐसे वाहनों को चिह्नित करने के लिए कहा है।
यह भी पढ़ें: लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे पर कहां बनेंगे 5 टोल प्लाजा? NHAI ने कर दिया क्लियर; कब तक शुरू होगा Expressway?
अंतरिक्ष से ऐसा दिखता है भारत, तस्वीर देख आपको खुद नहीं होगा यकीन; इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की पोस्ट वायरल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अप्रैल 1984 का वो दिन याद कीजिए, जब भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा स्पेस की यात्रा पर गए थे। तब स्पेस से उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से बात की थी। जब इंदिरा ने उनसे पूछा कि अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है, तो राकेश शर्मा का जवाब था- सारे जहां से अच्छा।
अंतरिक्ष से भारत को देख पाने का ख्वाब हर किसी का भले ही न पूरा हो, लेकिन राकेश शर्मा की ये बात आज भी भारतीयों के मन-मस्तिष्क में बसी हुई है। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ने अंतरिक्ष से कुछ तस्वीरें जारी की हैं। इसमें भारत की भी तस्वीर है।
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ने जारी की तस्वीरदरअसल इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट किया, जिसका कैप्शन था- 'जब आप ऊपर तारे, नीचे शहर की रोशनी और पृथ्वी के क्षितिज पर छाई वायुमंडलीय चमक देख सकते हैं।' इसके साथ आईएसएस ने चार तस्वीरें भी पोस्ट कीं।
When you can see the stars above, the city lights below, and the atmospheric glow blanketing Earth's horizon.
Pic 1) Midwest United States
Pic 2) India
Pic 3) Southeast Asia
Pic 4) Canada pic.twitter.com/nRa56Ov3cm
— International Space Station (@Space_Station) April 12, 2025इन तस्वीरों में मिडवेस्ट यूनाइटेड स्टेट्स, भारत, साउथ ईस्ट एशिया और कनाडा की तस्वीर है। इसमें भारत की तस्वीर देख राकेश शर्मा की तरह आप भी कह उठेंगे कि अंतरिक्ष से भारत सारे जहां से अच्छा दिखता है।
इस तस्वीर में अंतरिक्ष के अंधेरे में भारत के शहरों से आ रही रोशनी किसी चमकते हीरे जैसी दिखलाई पड़ती है। भारत के विशाल क्षेत्रफल और घनी आबादी का आभास होता है। तस्वीर को देखकर कई यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रिया साझा की है।
यह भी पढ़ें: हलवा और छोले लेकर अंतरिक्ष में गए थे राकेश शर्मा, सीखनी पड़ी थी रूसी भाषा; ऐसे बने थे भारत के पहले एस्ट्रोनॉट
Pages
