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बांग्लादेश में हिंदू नेता की हत्या, भारत ने जताई कड़ी नाराजगी, मोहम्मद यूनुस को सुनाई खरी-खरी

Dainik Jagran - National - April 19, 2025 - 3:37pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ लगातार अत्याचार किए जा रहे हैं। इस बीच उत्तरी बांग्लादेश में एक प्रमुख हिंदू अल्पसंख्यक नेता भाबेश चंद्र रॉय के अपहरण और हत्या की घटना सामने आई है।

इस घटना पर भारत ने गहरा दुख जताया है। इसके साथ ही बांग्लादेश की यूनुस सरकार को खरी-खरी भी सुनाई गई है। नई दिल्ली ने इस घटना की निंदा की और मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेशी अंतरिम सरकार पर अपने अल्पसंख्यक समुदायों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया।

विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान

बांग्लादेश में घटित इस घटना को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा कि हमने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक नेता भाबेश चंद्र रॉय के अपहरण और उनकी नृशंस हत्या पर दुख व्यक्त किया है।

उन्होंने आगे लिखा कि यह हत्या अंतरिम सरकार के तहत हिंदू अल्पसंख्यकों के व्यवस्थित उत्पीड़न के पैटर्न का अनुसरण करती है, जबकि पिछली ऐसी घटनाओं के अपराधी दंड से बचकर घूमते हैं। हम इस घटना की निंदा करते हैं और एक बार फिर अंतरिम सरकार को याद दिलाते हैं कि वह बिना किसी बहाने या भेदभाव के हिंदुओं सहित सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करने की अपनी जिम्मेदारी को पूरा करे।

हिंदू नेता की पीट-पीट कर हत्या

बांग्लादेश में दिनाजपुर जिले में हिंदू नेता भाबेश चंद्र का अपहरण कर लिया गया और बेरहमी से पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी गई। भाबेश चंद्र अपने इलाके में हिंदू समुदाय के एक प्रमुख नेता थे। वह बांग्लादेश पूजा उत्सव परिषद की बिराल इकाई के उपाध्यक्ष भी थे।

उनकी पत्नी शांतना राय ने कहा कि गुरुवार को चार लोग दो मोटरसाइकिलों पर आए और भबेश का उनके घर से अपहरण कर लिया। कई प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उन्होंने हमलावरों को भबेश को नरबारी गांव ले जाते हुए देखा, जहां उन्हें बेरहमी से पीटा गया।

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नौ मई को 6 घंटे के लिए बंद रहेगा मुंबई एयरपोर्ट, सामने आई ये बड़ी वजह

Dainik Jagran - National - April 19, 2025 - 3:18pm

मुंबई, पीटीआई। छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (CSMIA) को देश के सबसे व्यस्त एयरपोर्ट्स में गिना जाता है। हर घंटे यहां कई फ्लाइट्स लैंड और टेकऑफ करती हैं। मगर CSMIA को लेकर बड़ी अपडेट सामने आ रही है। 9 मई को यह एयरपोर्ट 6 घंटों के लिए बंद रहेगा। मेंटेनेंस के चलते यह फैसला लिया गया है।

दरअसल हर साल मानसून आने से पहले मुंबई एयरपोर्ट (CSMIA) की मेंटेनेंस की जाती है। मानसून के दौरान मुंबई में भारी बारिश और बाढ़ देखने को मिलती है। ऐसे में मानसून आने से पहले इसका रख-रखाव होता है।

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6 महीने पहले जारी हुआ नोटिस

निजी एयरपोर्ट ऑपरेटर MIAL ने आज यानी शनिवार को इसकी जानकारी दीहै। मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (MIAL) ने बताया कि एयरपोर्ट से जुड़े सभी स्टाफ, कर्मचारियों और स्टेकहोल्डर्स को छह महीने पहले ही नोटिस जारी करते हुए इसकी सूचना दी जा चुकी है। 9 मई को मुंबई एयरपोर्ट की मेंटेनेंस होगी। यह काम 6 घंटे तक चलेगा।

11 से 5 बजे तक रहेगा बंद

मेंटेनेंस के दौरान कोई भी देश-विदेश की किसी फ्लाइट को एयरपोर्ट पर आने की अनुमति नहीं मिलेगी। हालांकि यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए फ्लाइट्स का समय पुनर्निर्धारित कर दिया गया है। 9 मई को सुबह 11 बजे से शाम के 5 बजे तक एयरपोर्ट पूरी तरह से बंद रहेगा।

STORY | Mumbai airport will remain shut for 6 hours on May 8

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— Press Trust of India (@PTI_News) April 19, 2025

मेंटेनेंस की प्रक्रिया

इन 6 घंटों के दौरान एयरपोर्ट के प्राइमरी रनवे (09/27) और सेकेंड्री रनवे (14/32) की सफाई की जाएगी। साथ ही इनकी मेंटेनेंस होगी। यह प्रक्रिया हर साल मानसून आने से पहले दोहराई जाती है। मेंटेनेंस के बाद विशेषज्ञों की टीम रनवे की जांच करती है, जिससे भारी बारिश के दौरान हवाई पट्टियों पर पानी जमा न हो और विमान सुरक्षित तरीके से लैंडिंग व टेकऑफ कर सके।

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'कानून यदि सुप्रीम कोर्ट ही बनाएगा तो संसद भवन बंद कर देना चाहिए', निशिकांत दुबे ने क्यों कही ये बात?

Dainik Jagran - National - April 19, 2025 - 3:13pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वक्फ संशोधन कानून का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से सात दिनों में जवाब मांगा है। इस बीच झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि कानून यदि सुप्रीम कोर्ट ही बनाएगा तो संसद भवन बंद कर देना चाहिए।

रिजिजू ने कही थी ये बात

निशिकांत दुबे से पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने भी अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी थीं। रिजिजू ने कहा था कि विधायिका और न्यायपालिका को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए।कल सरकार न्यायपालिका पर दखल देती है तो अच्छा नहीं होगा। शक्तियों का बंटवारा अच्छी तरह से परिभाषित है। गुरुवार को वक्फ संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट में लगभग एक घंटे तक सुनवाई हुई थी।

सात दिन में केंद्र को दाखिल करना होगा जवाब

कोर्ट ने केंद्र को सात दिन के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा। केंद्र के जवाब के बाद याचिकाकर्ताओं को पांच दिन में अपना जवाब दाखिल करना होगा। मामले की अगली सुनवाई 5 मई को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन कानून के कुछ प्राविधानों पर आपत्ति जताई है। हालांकि उसने अगली सुनवाई तक वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों के प्रवेश, वक्फ बाय यूजर संपत्तियों में किसी तरह के बदलाव पर रोक लगा दी है।

उपराष्ट्रपति धनखड़ भी कर चुके टिप्पणी

इससे पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को कहा था कि भारत में ऐसी स्थिति नहीं हो सकती जहां न्यायपालिका राष्ट्रपति को निर्देश दे। संविधान का अनुच्छेद 142 न्यायपालिका के लिए लोकतांत्रिक ताकतों के खिलाफ परमाणु मिसाइल बन गया है।

उन्होंने कहा कि हम ऐसी स्थिति नहीं बना सकते जहां आप भारत के राष्ट्रपति को निर्देश दें और किस आधार पर? संविधान के तहत आपके पास एकमात्र अधिकार अनुच्छेद 145 (3) के तहत संविधान की व्याख्या करना है। वहां, पांच न्यायाधीश या उससे अधिक होने चाहिए। जब ​​अनुच्छेद 145(3) था, तब सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या आठ थी। यानी आठ में 5 पांच... अब संख्या 30 है... इसमें पांच जजों की संख्या विषम है।

उपराष्ट्रपति का यह बयान तमिलनाडु राज्यपाल बनाम तमिलनाडु सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आया है। अपनी याचिका में तमिलनाडु सरकार ने राज्यपाल पर 10 विधेयकों को मंजूरी न देने का आरोप लगाया था।

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क़ानून यदि सुप्रीम कोर्ट ही बनाएगा तो संसद भवन बंद कर देना चाहिये

— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) April 19, 2025

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