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'कानून यदि सुप्रीम कोर्ट ही बनाएगा तो संसद भवन बंद कर देना चाहिए', निशिकांत दुबे ने क्यों कही ये बात?

Dainik Jagran - National - April 19, 2025 - 3:13pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वक्फ संशोधन कानून का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से सात दिनों में जवाब मांगा है। इस बीच झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि कानून यदि सुप्रीम कोर्ट ही बनाएगा तो संसद भवन बंद कर देना चाहिए।

रिजिजू ने कही थी ये बात

निशिकांत दुबे से पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने भी अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी थीं। रिजिजू ने कहा था कि विधायिका और न्यायपालिका को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए।कल सरकार न्यायपालिका पर दखल देती है तो अच्छा नहीं होगा। शक्तियों का बंटवारा अच्छी तरह से परिभाषित है। गुरुवार को वक्फ संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट में लगभग एक घंटे तक सुनवाई हुई थी।

सात दिन में केंद्र को दाखिल करना होगा जवाब

कोर्ट ने केंद्र को सात दिन के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा। केंद्र के जवाब के बाद याचिकाकर्ताओं को पांच दिन में अपना जवाब दाखिल करना होगा। मामले की अगली सुनवाई 5 मई को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन कानून के कुछ प्राविधानों पर आपत्ति जताई है। हालांकि उसने अगली सुनवाई तक वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों के प्रवेश, वक्फ बाय यूजर संपत्तियों में किसी तरह के बदलाव पर रोक लगा दी है।

उपराष्ट्रपति धनखड़ भी कर चुके टिप्पणी

इससे पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को कहा था कि भारत में ऐसी स्थिति नहीं हो सकती जहां न्यायपालिका राष्ट्रपति को निर्देश दे। संविधान का अनुच्छेद 142 न्यायपालिका के लिए लोकतांत्रिक ताकतों के खिलाफ परमाणु मिसाइल बन गया है।

उन्होंने कहा कि हम ऐसी स्थिति नहीं बना सकते जहां आप भारत के राष्ट्रपति को निर्देश दें और किस आधार पर? संविधान के तहत आपके पास एकमात्र अधिकार अनुच्छेद 145 (3) के तहत संविधान की व्याख्या करना है। वहां, पांच न्यायाधीश या उससे अधिक होने चाहिए। जब ​​अनुच्छेद 145(3) था, तब सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या आठ थी। यानी आठ में 5 पांच... अब संख्या 30 है... इसमें पांच जजों की संख्या विषम है।

उपराष्ट्रपति का यह बयान तमिलनाडु राज्यपाल बनाम तमिलनाडु सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आया है। अपनी याचिका में तमिलनाडु सरकार ने राज्यपाल पर 10 विधेयकों को मंजूरी न देने का आरोप लगाया था।

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क़ानून यदि सुप्रीम कोर्ट ही बनाएगा तो संसद भवन बंद कर देना चाहिये

— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) April 19, 2025

Categories: Hindi News, National News

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